The people of India are our high command. We are committed to serve them and fulfill all their aspirations: PM Modi
The Congress does not have the courage to confront Modi and now they are abusing Modi's mother. Such cheap level of politics is unacceptable: PM
Congress-led governments in the state and Centre made Madhya Pradesh a 'BIMARU' state with their poor governance and corrupt activities: PM Modi
Sardar Patel was a true leader of the farmers. He worked for farmers' welfare and empowered them: PM Modi
BJP is committed to farmer welfare. In the last 15 years, under Shivraj Singh Chouhan Ji's leadership, Madhya Pradesh has seen rapid strides in agriculture sector: PM
Congress manufactures and spreads lies. Smt. Indira Gandhi Ji gave the slogan of 'Garibi Hatao' but they were unable to eliminate poverty: PM Modi

भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय!

केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी डॉ वीरेंद्र जी, सांसद भाई प्रहलाद पटेल, नगेंद्र सिंह जी, दमोह जिला के अध्यक्ष देवनारायण जी, छतरपुर के श्रीमान जितेंद्र सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष श्रीमान पुष्पेंद्रप्रताप सिंह जी, टीकमगढ़ के अध्यक्ष श्रीमान अखिलेश अयाची, पन्ना के जिला अध्यक्ष श्रीमान सदानन्द गौतम जी और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ और आपकी सेवा को समर्पित हमारे उम्मीदवार…बड़ामलहरा से श्रीमती ललिता यादव जी...जतारा से हरिशंकर खटीक जी, महाराजपुर से मानवेंद्र सिंह जी, पन्ना से बृजेंद्र प्रताप सिंह, छतरपुर से अर्चना सिंह, बिजावर से पुष्पेंद्रनाथ पाठक जी, हटा से पी एल तंतुभाई जी, राजनगर से अरविंद पटेरिया जी, पृथ्वीपुर से श्रीमान अभय यादव जी, चांदला से भाई राजेश प्रजापति, खरगापुर से श्रीमान राहुल लोधी जी...आप सब दोनों हाथ ऊपर करके भारत मां की जय का नाद करते हुए हमारे इन सभी साथियों को आशीर्वाद दीजिए...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय! बहुत-बहुत धन्यवाद।

महाराजा छत्रसाल...नाम मात्र का उच्चारण करने से माथा गर्व से ऊंचा हो जाता है, सीना चौड़ा हो जाता है। इतिहास की जड़ों के साथ जुड़ते ही नए इतिहास बनाने का संकल्प भी अपने आप संजोने का मन कर जाता है। भाइयो-बहनो, आज मैं आपके पास आशीर्वाद लेने के लिए आया हूं। लेकिन इसके पूर्व सतना में जो दुर्घटना घटी, जिन बच्चों को अपने प्राण खोने पड़े मैं भी आप सब के दुःख में शरीक हूं। उनके परिवारजनों के दुःख में शरीक हूं और जो लोग अस्पताल में हैं, उनका भी बहुत जल्द स्वास्थ्य लाभ हो इसके लिए परमात्मा से प्रार्थना करता हूं। भाइयो-बहनो, अब चुनाव के आखिरी दौर में हम प्रवेश कर रहे हैं और जैसे-जैसे चुनाव का आखिरी दौर निकट आता जा रहा है, भाजपा का उत्साह बढ़ता जा रहा है। और कांग्रेस के खेमे में...अब वहां सरकार बनाने के सपने नहीं हैं, अब वहां कौन किसकी जमानत बचाएगा ये चिंता का विषय है। भाइयो-बहनो, मैं छतरपुर पहले भी आया करता था। संगठन का काम करने वाला कार्यकर्ता के नाते मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ यहां के चप्पे से परिचित हूं और आप इस बात के साक्षी हैं कि गत 15 वर्ष में हमारे पूरे बुंदेलखंड में जो बदलाव आया है, उस बदलाव के आप साक्षी हैं। ये बदलाव ना राजा लाए हैं, ना महाराज लाए हैं, ये तो शिवराज लाए हैं। और भाइयो-बहनो, जब आप वोट देने जा रहे हैं, तो आपको याद रखना होगा कि क्या कारण था कि 15 साल पहले आपने कांग्रेस पार्टी को चुन-चुन करके साफ कर दिया था। किसी कोने में बचने नहीं दिया था। आपका ये गुस्सा क्यों था? आपकी कांग्रेस के प्रति इतनी नाराजगी क्यों थी? ये नाराजगी इसीलिए थी कि उन्होंने राजनीति करना, जातिवाद करना, भाई-भतीजावाद करना, अपना-पराया करना, एक को दूसरे से लड़वाना, समाज में खाई पैदा करना, बंटवारा करवा देना और उसी को वो राजनीति मानते थे और उसी से अपना चुनावी गणित बिठाया करते थे। और उस समय के मुख्यमंत्री कांग्रेस के वो तो आज भी डंके की चोट पर बोल रहे हैं कि विकास-विकास की चुनाव जीतने के लिए ज़रूरत नहीं होती है बस जात-पात का जोड़-तोड़ कर दो चुनाव जीत जाओगे। ये खेल खेलने वालों ने ही आपके सपनों को चूर-चूर कर दिया है।

15 साल पहले यानि कांग्रेस के करीब 55 साल का राज और भाजपा शिवराज जी का 15 साल का राज, आपको तराजू तौल करके देखना चाहिए यहां जो बड़ी उम्र के लोग हैं, 30 हो, 40 हो, 50 हो, 60 हो, 80 हो...आपने 15 साल पहले कांग्रेस के राज में जिन मुसीबतों से गुजारा किया, जिन कठिनाइयों में जिंदगी जी, क्या आप में से कोई अपनी संतानों को, अपने बेटे-बेटियों को ऐसी जिंदगी जीने के लिए मजबूर करना चाहता है। क्या...आप ऐसी मुसीबत वाली जिंदगी पसंद करेंगे क्या...आपके बेटों को रास्ते ना मिले, रोड ना मिले, ऐसी जिंदगी पसंद करेंगे क्या...अस्पताल ना मिले, डॉक्टर ना मिले, ऐसी जिंदगी पसंद करेंगे क्या...भ्रष्टाचार के बिना एक कदम आगे ना बढ़े, ऐसी जिंदगी पसंद करेंगे क्या...? अगर आप वैसी जिंदगी दोबारा नहीं चाहते हैं, तो मध्य प्रदेश को, छतरपुर को, पन्ना को, हर किसी को ये फैसला कर लेना होगा कि हम हमारे मां-बाप ने गलती की होगी, हमने गलती की होगी 55 साल, लेकिन अब अपने बच्चों के भविष्य के लिए दोबारा कांग्रेस को लाने की गलती कतई ही नहीं करेंगे। आप मेरी बात से सहमत हैं...दोनों मुट्ठी बंद करके मुझे जवाब दीजिए, सहमत हैं..सहमत हैं?

भाइयो-बहनो, आज मध्य प्रदेश जहां पहुंचा है अब एक बहुत बड़ा जंप लगाने की उसमें ताकत आ गई है। 15 साल मुसीबतों से मध्य प्रदेश को बाहर निकालने में गए अब सच्चे अर्थ में बहुत तेजी से आगे बढ़ने का अवसर आया है, ये मौका जाने मत देना वरना वो 55 साल वाली पुरानी कहानी मध्य प्रदेश में दोहराई जाएगी। और इसीलिए भाइयो-बहनो, मैं आपसे अनुरोध करने आया हूं। अब सिंचाई का काम देख लीजिए। मुझे तो पूरा पता है जब भी बुंदेलखंड की बात आएगी तो पानी की चर्चा सबसे पहले आएगी। छतरपुर की बात आएगी, पानी की चर्चा पहले आएगी। और मैं जब उस समय संगठन में प्रवास करता था तो मुझे यहां बता दिया जाता था। कभी रात को रुकता था तो बोले साहब सुबह जरा जल्दी उठ जाना पड़ेगा क्योंकि पानी आने में दिक्कत होती थी, एकाध बाल्टी मिलेगा नहाने के लिए और मुझे उस प्रकार से करना पड़ता था क्योंकि उस कांग्रेस की सरकारें हुआ करती थीं, नहाने के लिए पानी पाना भी दिक्कत के दिन थे। वो मैं खुद जब संगठन का काम करने के लिए यहां आया था तब अनुभव करता था।

भाइयो-बहनो, आज सिंचाई के क्षेत्र में अनेक काम हमारी तरफ से हो रहे हैं। आप मुझे कहिए कि ये बरियारपुर डैम, इसको किसने लटका के रखा था..बरियारपुर डैम इतने साल तक किसने लटका के रखा था? बरियारपुर डैम का काम किसने पूरा नहीं होने दिया था...आपको बिना पानी तरसा किसने रखा था? भाइयो-बहनो, ऐसी कांग्रेस को माफ करेंगे क्या? ये शिवराज जी की सरकार आई, भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई कि आपका ये बरियारपुर डैम का पूरा काम हुआ और किसानों तक को पानी पहुंचाने का काम हुआ। भाइयो-बहनो, दिल्ली में हमारी सरकार बनने के बाद, हमने मध्य प्रदेश में 14 ऐसी योजनाएं खोज के निकाली जो कांग्रेस की कार्यशैली का जीता-जागता नमूना था...सालों से आज भी अधूरी पड़ी, आधे पैसे डूब गए, आधे पैसे खा गए, काम अधूरे रहे, कॉन्ट्रैक्टर से झगड़े हो गए और रुपए बांटने के खेल में सब लटका पड़ा था। हमने मध्य प्रदेश में से खोज-खोज करके 14 बड़ी योजनाएं निकालीं और आज लाखों हेक्टेयर धरती को पानी पहुंच रहा है। 14 में से 10 योजना पूरी करके हमने पानी पहुंचाने का काम कर दिया भाइयो-बहनो।

प्रधानमंत्री सिंचाई योजना से पूरे देश में करीब-करीब 30 लाख हेक्टेयर धरती को सिंचित करने का एक प्रयास और उसमें 1.5 लाख हेक्टेयर धरती तो ये मेरे मध्य प्रदेश के किसानों की धरती है जहां पानी पहुंचाने का काम किया है और मेरा किसान, मेरा छतरपुर का नागरिक, उसको अगर एक बार पानी मिल जाए तो मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत रखता है भाइयो-बहनो।
वो पानी में अपना पसीना बहाने को तैयार है और पसीने से पानी में से एक नई ऊर्जा पैदा करने की ताकत रखता है। ये मेरा छतरपुर का किसान है और उसके लिए हमने इस काम को आगे बढ़ाया है। भाइयो-बहनो, हमारी छत्रसाल यूनिवर्सिटी, इस इलाके के नौजवान छत्रसाल यूनिवर्सिटी के नाम से गर्व करते हैं कि नहीं करते हैं? ये छत्रसाल यूनिवर्सिटी आज मध्य प्रदेश में नाम कमा रही है कि नहीं कमा रही है? ये शिवराज जी कर सकते हैं, भारतीय जनता पार्टी कर सकती है, ये कांग्रेस के बस का रोग नहीं है भईया, ये राजा-महाराजाओं का काम नहीं है, ये तो जनता-जनार्दन के दिलों पर जो बैठा है ना, जनता के लिए जो जीता है वही कर सकता है।

भाइयो-बहनो, हमारे इस इलाके में छोटे-बड़े तालाब...कांग्रेस के जमाने में जिनकी बहुत पहुंच थी...तालाबों को भी कब्जा कर-कर के बैठ गए थे...मालिक बनके बैठ गए थे...ये शिवराज जी ने तालाबों को खाली करवाया, गैर-कानूनी कब्जेदारों को निकाला, तालाबों को फिर से जिंदा करने का प्रयास किया और पानी पहुंचाने के लिए अतिक्रमण हटाने के साथ तालाबों को जिंदा करना... नए तालाब बनाना... बरसात की बूंद-बूंद को बचाना, इसका बड़ा अभियान आज शिवराज जी के द्वारा संभव हुआ है, जो यहां के पानी की समस्या को दूर करेगा।

भाइयो-बहनो, ये हमारा मध्य प्रदेश...हिन्दुस्तान में मध्य प्रदेश एक ऐसी भौगोलिक जगह पर है जो देशभर के यात्रियों को आकर्षित करने का बहुत बड़ा केंद्र बन सकता है। कहीं पर भी कोई आता-जाता है तो उसका मन कर सकता है मध्य प्रदेश को देख करके जाऊं। आते-जाते खर्चे में वो काम हो जाएगा और हमारे इस इलाके में तो टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बहुत संभावना है। जिस धरती पर खजुराहो हो, जिस धरती पर पन्ना का अभ्यारण्य हो वहां टूरिज्म के लिए कितनी बड़ी शक्ति हो सकती है भाइयो-बहनो, उसको बल देने की दिशा में हम काम कर रहे हैं। और टूरिज्म एक ऐसा क्षेत्र है...कम से कम पूंजी लगा कर के ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाला काम टूरिज्म में होता है। टूरिज्म जब होता है, टूरिस्ट बाहर से आते हैं, छोटे-मोटे गेस्ट हाऊस वाले कमाते हैं, टैक्सी वाला कमाता है, मिठाई बेचने वाला कमाता है, खिलौने बेचने वाला कमाता है, फल-फूल बेचने वाला कमाता है, मंदिर का पूजा का सामान बेचने वाला कमाता है, टैक्सीवाला-ऑटोवाला कमाता है, चायवाला भी कमाता है। और इसीलिए भाइयो-बहनो, कम से कम पूंजी निवेश से ज्यादा से ज्यादा रोजगार की संभावनाएं इस क्षेत्र में हैं और इसीलिए...और जब हमारा ये खजुराहो, ताजमहल और अजन्ता-एलोरा की तरह देश के 12 प्रमुख स्थानों में उसका स्थान है...भारत सरकार ने इस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है। ऐसे थीम बेस्ड टूरिज्म को डेवलप करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए लागत लगने वाली है। आप कल्पना कर सकते हो जब टूरिज्म बढ़ेगा तो यहां कितना लाभ होगा।

भाइयो-बहनो, हमारे देश में हम टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे हैं। अब टेक्नोलॉजी, ये बड़े-बड़े अमीरों के घर का खेल नहीं है... ये टेक्नोलॉजी गरीब के हाथ में जो मोबाइल फोन है ना उसके अंदर ये ताकत देने का काम हम कर रहे हैं। एम्पावरमेंट का बड़ा हथियार बना रहे हैं। हमने 3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर खड़े किए हैं। देश में 2.5 लाख पंचायतें हैं, 3 लाख कॉमन सर्विस सेटर खड़े किए हैं और सरकार की सारी योजनाएं टेक्नोलॉजी के माध्यम से गांव का आदमी अपने गांव में ही ये कॉमन सर्विस सेंटर से प्राप्त कर सकता है। अब उसको रेलवे का रिजर्वेशन करना है तो उसके अपने गांव से रेलवे के बड़े स्टेशन पर जाने की जरूरत नहीं है, वो कॉमन सर्विस सेंटर पर जा कर के अपना रेलवे का टिकट बुक करा सकता है और तय कर सकता है, कब जाना है। उसका जाने-आने का समय और पैसा बच जाता है। उसको सरकारी दफ्तर में फॉर्म लेने के लिए नहीं जाना पड़ता है, उसको कॉमन सर्विस सेंटर पर फॉर्म मिल जाता है। उसको फॉर्म लेने के लिए सरकारी दफ्तर तक 215 रुपया खर्च कर के, किराया खर्च करने नहीं जाना होता है, वो अपना फ़ॉर्म वहीं दे सकता है। अगर किसान को अपना इंश्योरेंस निकालना है तो उसका एप्लीकेशन उसको वहीं से मिल जाता है। ये कॉमन सर्विस सेंटर और उसके अंदर...और जब कांग्रेस की सरकार थी, तब देश में करीब-करीब 70-80 हजार कॉमन सर्विस सेंटर थे। हमने आकर के 4 साल के भीतर-भीतर 3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर बना दिए और करीब-करीब 10 लाख नौजवानों को सिर्फ कॉमन सर्विस सेंटर में रोजगार मिल गया और इसमें बेटियों को भी अपने ही गांव में, कॉमन सर्विस सेंटर चलाने का मौका मिला है। हजारों की तादाद में 10वीं-12वीं पढ़ी हुई मेरी बेटियां भी आज कॉमन सर्विस सेंटर चला करके, रोजी-रोटी भी कमा रही हैं और गांव की सेवा भी कर रही हैं। ये काम हमने कर दिया है।

भाइयो-बहनो, हमारी कोशिश ये है कि हमारे देश का नौजवान...और ये बात निश्चित है...मेरे देश का नौजवान, स्वाभिमान की जिंदगी भी चाहता है। मेरे देश का नौजवान किसी कृपा पर, किसी की मेहरबानी पर गुजारा करना नहीं चाहता है। सरकार मां-बाप, सरकार मां-बाप, सरकार मां-बाप ये राजशाही परंपरा लोकशाही में नहीं चल सकती। यहां तो मेरे देश का नौजवान, वो मेरा भी मालिक है, मेरी सरकार का भी मालिक है। सवा सौ करोड़ देशवासी हमारा हाई कमान है। ये रिमोट कंट्रोल वाली सरकार नहीं है, कोई मैडम घर में बैठ करके रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाए, ये तो सवा सौ करोड़ देशवासियों के हाई कमान के इरादे से चलने वाली सरकार है भाइयो-बहनो। और इसीलिए रोजगार...आज देश का नौजवान अपनी जिंदगी के फैसले खुद करना चाहता है, अपने पैरों पर खड़ा रहना चाहता है। वो रोजगार पाने वाले, लेने वाले की बजाय, रोजगार देने वाला बनना चाहता है। जो लोग राजशाही की मानसिकता में पले-बढ़े हैं, सोने के चम्मच लेकर के पैदा हुए हैं, राजघरानों के सिवाय कुछ देखा नहीं है, उनके लिए सरकार ये देगी, सरकार वो देगी और लोगों को सरकार पर निर्भर रखना...उसी के भरोसे जीने के लिए मजबूर करना...ये उनकी राजाशाही जमाने की आदत, देश आजाद होने के बाद भी इस परिवार की बनी रही। हमने उस सोच को बदला है, हम देश के नौजवान को अपने पैरों पर खड़ा रखने के लिए ताकत देना चाहते हैं, एम्पावरमेंट देना चाहते हैं, मजबूत बनाना चाहते हैं, उसके इरादों को और मजबूती देना चाहते हैं और इसके लिए हम प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लाए। बैंक के दरवाजे हमने देश के नौजवानों के लिए खोल दिए।

जिसके पास सपने हैं, जिसके पास संकल्प है, जिसके पास सामर्थ्य है, जिसके पास नेक इरादे हैं, ऐसे करोड़ो मेरे नौजवान अपने पैरों पर खड़े रह कर के रोजगार देने का इरादा रखते हैं और इसीलिए हम प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लाए। ये प्रधानमंत्री मुद्रा योजना... हमने बैंको से कह दिया...ये बड़े-बड़े लोग तो बैंकों को लूट लेते हैं...पुरानी सरकार का एक टेलीफोन आता था और आप बैंकों की तिजोरी खोल देते थे। देश में 50 साल में बैंकों ने जितना पैसा दिया उतना ही पैसा 2006-2014, 8 साल में ये मैडम की सरकार के समय बैंकों की तिजोरी खोल कर के ये बड़े-बड़े धनपतियों को दे दिया गया। तिजोरी खाली कर दी बैंकों की, लुटा दिए पैसे, बैंकों को डुबा दिया। बहुत बड़ा पाप किया इन लोगों ने, हमने कहा-हम बैंकों के दरवाजे खोलेंगे लेकिन ये धन्ना सेठों के लिए नहीं, मेरे देश के नौजवान के लिए खोलेंगे, बिना गारंटी, बिना गारंटी लोन देंगे और हमने बिना गारंटी 1-1 करोड़ रुपये तक के लोन की योजना बनाई और मुझे खुशी है, इतने कम समय में 14.5 करोड़, आप विचार कीजिए हिन्दुस्तान में कुल परिवार है 25-26 करोड़। भारत में सवा सौ करोड़ जनसंख्या लेकिन परिवार 25-26 करोड़...उसमें से 14.5 करोड़ लोन स्वीकृत होना, ये अपने आप में हिन्दुस्तान के कितने परिवारों तक ये रुपया पहुंचा होगा, कितने परिवारों के कोटि-कोटि नौजवान अपने पैरों पर खड़े हुए होंगे। और वो तो अपने पैरों पर खड़े हुए...लेकिन किसी ने सैलून चालू किया, किसी ने टेलरिंग का काम शुरू किया, कोई ऑटो ले आया, कोई टैक्सी ले के आ गया, किसी ने गेस्ट हाऊस बना दिया, किसी ने ट्यूशन क्लास शुरू कर दिए, अलग-अलग काम शुरू किए उन पैसों से और खुद अपने पैरों पर कमाई शुरू की...2-4 लोगों को और भी रोजगार देने का काम उस नौजवान ने किया है।

देश में रोजगार कैसे बढ़ते हैं...वो राजाशाही मानसिकता में, सोने के चम्मच लेकर के पैदा हुए लोगों के दिमाग कन्फ्यूज हैं, जिनका दिमाग कन्फ्यूज है उनको समझ नहीं आता है। उनका दिमाग कन्फ्यूज है और उनकी पार्टी फ्यूज है। और इसीलिए भाइयो-बहनो, और अकेले मध्य प्रदेश में 1 करोड़, 1 करोड़ मुद्रा योजना के लोन स्वीकृत हुए हैं। ये नौजवानों ने मध्य प्रदेश में खुद के पैरों पर तो कमाया है औरों को भी कमा कर देने का काम उन्होंने किया है। लेकिन भाइयो-बहनो, कांग्रेस पार्टी...इस चुनाव में ना उनकी चार पीढ़ी ने काम क्या किया इसका हिसाब देने को तैयार है…55 साल मध्य प्रदेश में राज किया, क्या काम किया ना उसका हिसाब देने को तैयार है। शिवराज जी की सरकार ने क्या काम किया, उसकी चर्चा करने को तैयार नहीं है। मोदी ने आपकी चार पीढ़ी...चायवाले के 4 साल, आपकी चार पीढ़ी और चायवाले के 4 साल...हम देश को कहां से कहां पहुंचा के उसकी चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं...और आपने देखा होगा मोहल्ले में भी जब लड़ाई होती है, पानी का झगड़ा हो जाए, कूड़े-कचरे का झगड़ा हो जाए और जब कोई...उसके पक्ष में सत्य न हो, उसके पक्ष में न्याय न हो तो लड़ाई के अंदर वो फिर सीधा मुद्दे छोड़ कर के तेरी मां-मेरी मां पर आ जाता है। जब मुद्दे नहीं होते हैं दारिद्र्य होता है, कुसंस्कार भरे पड़े होते हैं, अहंकार सातवें आसमान पर पहुंचा होता है, तब जा कर के किसी की मां को गाली देने की हिम्मत आती है भाइयो।

आज मुझे दुःख के साथ कहना पड़ रहा है, आजादी के इतने साल जिन्होंने राज किया, उस पार्टी के जिम्मेवार लोग मोदी के साथ भिड़ने की बजाय, मोदी पर हमला बोलने के उनके सारे शस्त्र नाकाम हो गए हैं, तो अब मोदी की मां को गाली दे रहे हैं, मोदी की मां को बदनाम कर रहे हैं। जिस मां को राजनीति का र मालूम नहीं है, जो मां अपने पूजा-पाठ घर में अपने भगवान के स्मरण में समय बिता रही है, उस मां को राजनीति में घसीट के लाए, कांग्रेस के लोग मोदी से मुकाबला करने की आपकी ताकत नहीं है। पिछले 17-18 साल से सीना तान कर के आपको एक-एक मौके पर चुनौती देता आया हूं और...और आपको पराजित कर के आया हूं। और आप...यहां तक पहुंच गए...मां को घसीट के ले आते हैं! अरे यहां भी चुनाव भी लड़ने वाले लोग भी एक-दूसरे की मां की चर्चा नहीं करते होंगे। करते हैं क्या...करते हैं क्या...क्या कांग्रेस को शोभा देता है क्या..उनके नेता को शोभा देता है क्या? मैं सभी माताओं-बहनों से कहना चाहता हूं कि इस प्रकार की भाषा बोलने वाले, और किसी मां को अंदर घसीटने वाले लोगों को जबरातोड़ जवाब माताओं-बहनों को देना चाहिए ताकि कभी किसी मां को बीच में लाने की हिम्मत ना करें। और कांग्रेस वाले ये समझते हैं कि मोदी को मां की गाली देने से उनकी जमानत बच जाएगी...भाई बच पाएगी...बच पाएगी? और मैं तो हैरान हूं वो सिर्फ मोदी को नहीं, हमारे शिवराज जी को भी ना जाने क्या-क्या गालियां देते हैं। वो तो नामदार है...हम कामदार हैं और नामदार को तो किसी को भी गाली देने का हक होता है जी। नामदार को कोई टेलीफोन आ जाए...बात करने में लंबी बात चल जाए और रखी हुई चाय ठंडी हो जाए तो भी नामदार गाली कामदार को देता है कि तुमने चाय ठंडी क्यों लाई? अरे भाई नामदार तुम टेलीफोन पर बैठे थे उसमें चाय ठंडी हो गई लेकिन गाली कामदार को पड़ती है। पाप नामदार करते हैं, गुनाह नामदार करते हैं, गाली हम कामदार खाते हैं मेरे भाइयो-बहनो। ये नामदार की मानसिकता होती है।

मैं हैरान हूं...अरे शिवराज जी के खिलाफ मु्द्दों पे लड़ाई लड़ो ना। और उनको परेशानी है मध्य प्रदेश का बच्चा-बच्चा शिवराज जी को मामा क्यों कहता है? हर कोई...किसी के मुंह से मामा क्यों निकलता है। अरे जिसके दिल के अंदर दो-दो मां का प्यार भरा होता है वो ही तो मामा होता है। लेकिन कांग्रेस के राजा, महाराजा, नामदार नींबू की माला पहन करके, सारे पुरातन इतिहास, कथाएं, लोककथाएं उसमें से उनके जितने भी मामा जानकार हैं... क्योंकि लोग अपने अपनों को जानते हैं, जो उनके हैं उनको वो जानते हैं, जो हमारे हैं उनको हम जानते हैं...ऐसे-ऐसे मामाओं का नाम निकाला और शिवराज जी को मामा कहते हैं तो उन्होंने द्वापर युग को...कंस मामा को याद कर दिया, उन्होंने शकुनी मामा को याद कर दिया। अरे राजे-महाराजे...अरे नामदार...आप शिवराज जी को मामा लोग कहते हैं, उससे परेशान हैं और ऐसे-ऐसे मामा को याद करते हो...अच्छा होता अगर आप क्वात्रोची मामा को भी जरा याद कर लेते, जिसके लिए आपने घर के दरवाजे खोल के रखे थे, जिनको आपने हिन्दुस्तान की सुरक्षा के धन को लुटाने के परमिट दे दिए थे, बोफोर्स का कांड कर दिया था वो आपके मामा क्वात्रोची याद क्यों नहीं आए। आप मामा शिवराज को गाली देने से पहले जरा आपके मामा को भी तो याद कर लो, जो मामा क्वात्रोची और दूसरे मामा एंडरसन...बताइए मामा एंडरसन भोपाल गैस कांड के गुनहगार और ये नामदार के पिता जी की सरकार थी...स्पेशल हवाई जहाज में उनको अमेरिका पहुंचा दिया गया था। भोपाल में गैस पीड़ितों..हजारों लोगों की मौत के गुनहगार, उसको चोरी-छुपे से पहुंचा दिया था। अच्छा होता वो मामा एंडरसन भी तो आपको याद आता। अरे मामा क्वात्रोची और मामा एंडरसन जिसने देश को लूटा, भोपाल की जनता को मौत के घाट उतार दिया और आप मामा शिवराज को गाली दे रहे हो। जितनी गाली मामा शिवराज को दोगे इतना ही जवाब ये भांजा और भांजियां देने वाले हैं।

भाइयो-बहनो, मैं आज जब आपके पास आया हूं तब ये कांग्रेस पार्टी, न उसकी नीयत बदली है ना उसके इरादे बदले हैं, ना उसकी आदत बदली है, क्योंकि कुछ बुराइयां उनकी रगों में लहू की तरह समा गई हैं। भ्रष्टाचार, ये कांग्रेस का शिष्टाचार है...भ्रष्टाचार, ये कांग्रेस के संस्कार बन गए हैं। और इसीलिए भाइयो-बहनो, जिस दल के संस्कार ही भ्रष्टाचार हों, जिस दल का शिष्टाचार ही भ्रष्टाचार हो...कांग्रेस के लिए भ्रष्टाचार ये लाइफलाइन है, कांग्रेस के लिए भ्रष्टाचार ये उनकी स्टाइल है और इसीलिए ऐसी कांग्रेस को किसी भी हालत में भाइयो-बहनो प्रवेश नहीं देना है। आखिर इन लोगों को मेरे से परेशानी क्या है भाई? उनको परेशानी ये है कि चार-चार पीढ़ी ने राज किया और आज ये मोदी की ताकत देखिए...नोटों की हेराफेरी में जमानत पर जिंदगी गुजारनी पड़ी है, जमानत पर जिंदगी। ऐसे तिलमिलाए, ऐसे तिलमिलाए हैं कि मोदी मिल जाए तो पता नहीं उसकी क्या कर डालें वो। हमने 4-4 पीढ़ी तक राज किया, अरे चायवाला समझता क्या है...हमें जमानत लेने के लिए मजबूर किया...ये आपके पापों का अभी तो पहला पन्ना खुला है, सारी किताब खुलना बाकी है। अब बच नहीं सकते, मोदी है तब तक लिख कर के रखिए, देश को लूटने वाले, देश के गरीबों को लूटने वालों को पाई-पाई वापस देना ही पड़ेगा, मैं छोड़ने वाला नहीं हूं।

भाइयो-बहनो, इन लोगों को परेशानी इसीलिए है कि इस देश में नोटबंदी के पहले ऐसी-ऐसी कंपनियां बनाई थीं, एक 8 बाय 8 का कमरा...आप सोचिए 8 बाय 8 का कमरा, दो गाड़ी खड़ी रह सके इतना छोटा कमरा, ऐसे कमरे में 200-200-400-400 कंपनियों का एड्रेस था। 200-200-400-400...और उन कंपनियों के बैंक में खाते थे, कारोबार नहीं था...रुपया इधर से आता था...रंग बदलता था, काला सफेद होता था, उधर जाता था...उधर से उधर जाता था और रुपयों के चक्कर चलते थे चोरों की लूट चलती रहती थी। भाइयो-बहनो, मोदी ने ऐसी 3 लाख कंपनियों को ताले मार दिए। 3 लाख कंपनियों को...आप मुझे बताइए, ये 3 लाख कंपनियों के ताले लगे हैं, 50-55 साल तक कांग्रेस के राज में ये पाले-पोसे गए लोग..ये लोग मुझसे नाराज होंगे कि नहीं होंगे, मुझे गाली देंगे कि नहीं देंगे, मेरे खिलाफ षडयंत्र करेंगे कि नहीं करेंगे? 1.5 लाख ऐसे संस्थान जो सवालिया निशान की तरह हमारे सामने उभर कर के आए, ऐसे 1.5 लाख संस्थानों पर हमने कदम उठाए, हिसाब मांगा, जवाब मांगा। ये तिलमिलाए, 55 साल तक हमें किसी ने पूछा नहीं, अरे नामदार हमारे साथ थे, तुम कौन कामदार होते हो हमारा हिसाब मांगने वाले, चिल्ला उठे। भाइयो-बहनो, उनकी मुसीबत ये है।

आप हैरान होंगे भाइयो-बहनो, अभी आपने खबर पढ़ी होगी, सरकार ने कालेधन वाले पर, सरकार के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अकेले ने 30,000 करोड़ रुपया, ये छोटा आंकड़ा नहीं है भाई, 30 हजार करोड़ रुपया...ये लोगों की चोरी पकड़ी जा चुकी है। भाइयो-बहनो, क्या ये चोरी करने वाले मोदी को पसंद करेंगे क्या...चोरी करने वाले मोदी को पसंद करेंगे क्या? इतना ही नहीं भाइयो-बहनो, जिन्होंने रुपये उठाए...मारे गए, और अब सरकार को बैंकों को पैसा देना नहीं चाहते हैं, कुछ लोग भागे-भागे फिरते हैं। अब तक ये बातें ये बताने को तैयार नहीं हैं, अब तक 35 से 40 हजार करोड़ रुपया उनका भी जब्त कर के रखा है। अरे विदेशों में उनकी जो संपत्ति थी उसको जब्त करने का भी कानून हमने बनाया और उसे भी जब्त कर लिया है। भाइयो-बहनो, कोई बचने वाला नहीं है और इसीलिए इनको परेशानी हो रही है, फर्जी कंपनियों के कारण परेशानी हो रही है। भाइयो-बहनो, मैं आपसे अनुरोध करने आया हूं कि भारतीय जनता पार्टी जो विकास के मंत्र को लेकर के चल रही है, भ्रष्टाचार को जड़मूल से उखाड़ फेंकने के लिए, 55 साल पुरानी बीमारी है उसको मिटाने के लिए मैंने बीड़ा उठाया है, मुझे मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बना करके दीजिए। मध्य प्रदेश में सफाई करने की मेरी सुविधा बढ़ जाएगी भाइयो-बहनो। आपके पाई-पाई का हिसाब आपको मिले, आपको पल-पल का हिसाब मिले, आपके सपनों का छतरपुर बने, आपके सपनों का मध्य प्रदेश बने, इसीलिए भारतीय जनता पार्टी को आप विजयी बनाइए।

भाइयो-बहनो, आयुष्मान भारत योजना, कोई कल्पना कर सकता है, कोई गरीब परिवार अगर बीमार हो जाता है ना, मध्यम वर्ग का परिवार होगा, घर में बीमारी आ जाए तो पूरा परिवार तहस-नहस हो जाता है. लाखों के कर्ज में डूब जाता है, भाइयो-बहनो, क्या आजादी के इतने सालों के बाद, क्या मैं मेरे देश के वासियों को उनके नसीब पे छोड़ सकता हूं क्या? क्या मुझे उनकी चिंता करनी चाहिए कि नहीं करनी चाहिए और इसीलिए हम आयुष्मान भारत योजना लाए। अमेरिका की जितनी जनसंख्या है, कनाडा की जितनी जनसंख्या है, मेक्सिको की जितनी जनसंख्या है इन तीनों देशों की जनसंख्या मिला दें उससे भी ज्यादा लोगों को हिन्दुस्तान में आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा। 11-12 करोड़ परिवार करीब 50-55 करोड़ नागरिक, उनके परिवार में कोई मुसीबत आ गई, बीमारी आ गई गंभीर तो आज 15 हजार अस्पताल, महंगे से महंगे अस्पतालों के दरवाजे उनके लिए खोल दिए हैं...और अगर उसके घर में कोई बीमारी आई तो 5 लाख रुपया हर वर्ष, हर वर्ष 5 लाख रुपये तक का खर्चा सरकार देगी भाइयो-बहनो, ये मैंने वादा किया है। अभी तो योजना लागू की है...मैं सिर्फ वादा नहीं करता हूं...वचन नहीं देता हूं, हमने लागू कर दिया। दो महीने अभी हुए हैं... इस देश के 3 लाख से ज्यादा परिवारों ने जो सालों से दवाई नहीं करवाते, जो ऑपरेशन नहीं करवाते थे, 3 लाख परिवारों ने ऑपरेशन का लाभ लिया और उनकी जिंदगी बच गई भाइयो-बहनो। ये काम करने का हमने प्रयास किया। और इसीलिए भाइयो-बहनो, आज मैं आपके पास आया हूं...इस देश के गरीब को ताकतवर बनाना है, इस देश के बच्चे को पढ़ाई, इस देश के युवा को कमाई, इस देश के किसान को सिंचाई, इस देश की जनता को सुनवाई, इस देश के बुजुर्गों को दवाई, इस संकल्प को लेकर के हम आगे बढ़ रहे हैं। आप मेरे साथ भारत माता की जय बोल कर के हमारे सभी साथियों को आशीर्वाद दीजिए। भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय!

भाइयो-बहनो, आप लोग 28 नवंबर को वोट देने वाले हैं। भारी संख्या में वोट देना है, भारी संख्या में मतदान करना है। बहुत-बहुत धन्यवाद!

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PM chairs First meeting of Governing Body of Anusandhan National Research Foundation
September 10, 2024
The scientific community of the country should have faith that there will be no dearth of resources for their endeavours: PM
PM stresses on the need to identify and remove obstacles in the research ecosystem
Focus on Localised solution to Global problems: PM
PM suggests development of a dashboard for easier tracking of information related to research and development
PM stresses on the need for Scientific monitoring of utilisation of resources for Research and Innovation
A programme in hub and spoke mode by pairing universities where research is at nascent stage with top tier established institutions in mentorship mode to be launched
Researchers to be empowered with flexible and transparent funding mechanism towards achieving Ease of Doing Research
ANRF to launch programmes on solution-focussed research in mission mode in select priority areas
ANRF strategies to align with the goals of Viksit Bharat 2047 and follow global best practices adopted by R&D agencies
Centres of Excellence to be set up to support interdisciplinary research in humanities and social sciences

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired the first meeting of the Governing Board of Anusandhan National Research Foundation at his residence at 7, Lok Kalyan Marg earlier today. The meeting focussed on discussion about India’s Science and Technology landscape and redesigning of research and development programmes.

During the meeting, Prime Minister said that today a new beginning has been made with the first meeting of the Governing Body of Anusandhan National Research Foundation. Prime Minister stressed on the need to identify and remove obstacles in the research ecosystem of the country. He talked about setting big targets, focusing on attaining them and doing path breaking research. He said that research should focus on finding new solutions to existing problems. He emphasised that problems might be global in nature but their solutions must be localised in accordance with Indian needs.

Prime Minister discussed the need for upgradation and standardisation of institutions. He suggested preparing a list of domain experts on the basis of their expertise. He also talked about developing a dashboard where information related to research and development happening in the country can be easily tracked.

Prime Minister stressed upon the need for Scientific monitoring of utilisation of resources for research and innovation. Saying that this is an ambitious beginning, he said the scientific community of the country should have faith that there will be no dearth of resources for their endeavours. Discussing the positive impacts of Atal Tinkering Labs, Prime Minister suggested that grading of these labs can be done. He also discussed research in various areas like looking for new solutions to the environment change, battery ingredients for EVs, lab grown diamonds, among others.

During the meeting, the Governing Body decided to launch a programme in hub and spoke mode by pairing universities where research is at nascent stage with top tier established institutions in mentorship mode.

Governing Body also discussed several areas of strategic interventions of ANRF which include global positioning of India in key sectors, aligning R&D with national priorities, promoting inclusive growth, capacity building, driving scientific advances and innovation ecosystem, as well as bridging the gap between academic research and industrial applications through industry-aligned translational research.

The ANRF will launch programmes on solution-focussed research in mission mode in select priority areas like Electric Vehicle (EV) mobility, Advanced Materials, Solar Cells, Smart Infrastructure, Health & Medical Technology, Sustainable Agriculture and Photonics. The Governing Body observed that these efforts would impactfuly supplement our march towards Aatmanirbhar Bharat.

While underscoring the translational research with active participation from the industry, the Governing Body also emphasized on promoting fundamental research for advancement of knowledge. It was decided to set up Centers of Excellence to support interdisciplinary research in humanities and social sciences. It was also agreed that there was a need to empower our researchers with flexible and transparent funding mechanism towards achieving ease of doing research.

The Governing Body also directed that the ANRF strategies should align with the goals of Viksit Bharat 2047 and implementation should follow global best practices adopted by research and development agencies across the world.

The meeting was attended by Shri Dharmendra Pradhan, Union Minister of Education as the Vice-President of Governing Body, Principal Scientific Adviser to the Government of India as Member Secretary, Member (Science), NITI Aayog and Secretary, Department of Science & Technology, Department of Biotechnology, Department of Scientific & Industrial Research and Department of Higher Education as its ex-officio members. Other prominent participants included Prof. Manjul Bhargava (Princeton University, USA), Dr. Romesh T Wadhwani (Symphony Technology Group, USA), Prof. Subra Suresh (Brown University, USA), Dr. Raghuvendra Tanwar (Indian Council of Historical Research), Prof. Jayaram N. Chengalur (Tata Institute of Fundamental Research) and Prof. G Rangarajan (Indian Institute of Science).

About Anusandhan National Research Foundation

Anusandhan National Research Foundation (ANRF) has been established to promote research and development and foster a culture of research and innovation throughout India’s Universities, Colleges, Research Institutions, and R&D laboratories. ANRF acts as an apex body to provide high-level strategic direction of scientific research in the country as per recommendations of the National Education Policy. ANRF forges collaborations among the industry, academia, and government departments and research institutions.