I thank the entire nation for giving a strong mandate to the BJP government for a second time: PM Modi
BJP karyakartas do not join politics to form governments, rather they consider politics as a way of serving their nation for their entire lifetime: PM Modi in Kerala
The central government will do everything it can to support the Kerala government’s efforts in controlling the Nipah outbreak: Prime Minister Modi

भारत माता की जय

भारत माता की जय

केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान वी मुरलीधरन जी हम सबके वरिष्ठ नेता गोपालन जी। राज गोपालन जी के साथ हम लोग वर्षों तक हमें काम करने का अवसर मिला, हमेशा उनका मार्गदर्शन मिला। मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ नेतागण और विशाल संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने के लिए पधारे हुए केरल के मेरे भाइयो और बहनो।

फूलों का बैकुण्ठ यानि भूमि पर बैकुण्ठ जहां है, वही ऐसी पावन धरती, वहां आना अपने आप में एक विशिष्ट आध्यात्मिक अनुभूति होती है। गुरुवायुर की इस पवित्र धरती पर फिर एक बार मुझे आने का सौभाग्य मिला, ये मेरे लिए अपने आप में नई ऊर्जा देने वाला, नई प्रेरणा देने वाला, नई शक्ति देने वाला अवसर है। चाहे उडुपी, हो, गुरूवायुर हो, या द्वारकाधीश हो। हम गुजरात के लोगों का एक भावनात्‍मक रिश्‍ता है। आस्था के साथ-साथ जिस गुजरात में द्वारिका नगरी है, द्वारिकाधीश जहां विराजमान है, उस धरती से आकर के गुरूवायुर के चरणों में आना, ये अपने आप में एक विशेष अनुभूति कराता है। मैं मंदिर प्रशासन का, भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का और यहां के सभी नागरिकों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। इस उत्तम पूजा पाठ का मुझे अवसर दिया और आप सबने स्वागत सम्मान की भी योजना की।

साथियो, आज गुरूवायुर की इस धरती पर मैं केरल के हर साथी का अभिनंदन करता हूं। यहां के नागरिकों का अभिनंदन करता हूं क्योंकि अभी-अभी लोकतंत्र का एक महा उत्सव पूरे देश ने बनाया है। आपने ने भी उसमें बढ़-चढ़कर के इस लोकोत्सव को मनाने में अपना योगदान दिया है। लोकतंत्र के लिए, आपके इस योगदान के लिए, मैं आपका आज हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

जनता-जनार्दन ईश्वर का रूप है, ये इस चुनाव में देश ने भली-भांति देखा है। राजनीतिक दल जनता के मिजाज के नहीं पहचान पाए, पॉलीटिकल पंडित जनता के मिजाज के नहीं बता पाए, सर्वे की दुनिया से जुड़े लोग भी इधर-उधर होते रहे, लेकिन जनता-जनार्दन ने भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के पक्ष में एक प्रचंड जनादेश दिया है। मैं सर झुकाकर के जनता- जनार्दन के चरणों में नमन करता हूं। कई पंडितों को मन में विचार आता होगा कि केरल में बीजेपी का खाता भी नहीं खुला और फिर भी मोदी वहां जाकर के धन्यवाद करने पहुंच गया, यह मोदी की सोच क्या है? कई लोगों के दिमाग में रहता होगा। लेकिन हमारे संस्कार हैं, हमारी सोच है और हम इस मत के हैं कि लोकतंत्र में चुनाव अपनी जगह पर हैं, लेकिन चुनाव के बाद जीत कर आने वाले की विशेष जिम्मेदारी होती है, 130 करोड़ नागरिकों की। जो हमें जिताते हैं, वो भी हमारे हैं, जो इस बार हमें जिताने में चूक गए हैं, वे भी हमारे हैं। केरल भी मेरा उतना ही है, जितना मेरा बनारस है। हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सिर्फ चुनावी राजनीति के लिए मैदान में नहीं होते, हम लोग 365 दिन अपने राजनीतिक चिंतन के आधार पर जन सेवा में डटे रहते हैं। जनता-जनार्दन की सेवा करने में लगे रहते हैं। और हम राजनीति में सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं आए हैं, हम राजनीति में देश बनाने के लिए आए हैं। हम राजनीति में विश्व फलक पर भारत को अपना उचित स्थान मिले, इसके लिए एक तपस्या के रूप में हम लोग मैदान में आए हैं। क्या जीत में, क्या हार में, हमें इन सारे बंधनों से बंध कर के काम करने वाले हम लोग नहीं है और केरल तो एक उत्तम उदाहरण है, केरल के कार्यकर्ता ने जय-पराजय में अपने आप को बांधा नहीं है, जन सेवा के लिए ही अपने आप को समर्पित किया है।  

हमें जनप्रतिनिधि पांच साल के लिए जनता बनाती है लेकिन हम जनसेवक हैं, जो आजीवन होते हैं और जनता के लिए समर्पित होते हैं। आप भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की पहचान हैं। भारत सरकार सामान्य मानवी के कल्याण के लिए जिन योजनाओं को लेकर के आगे बढ़ रही है, उज्जवल भविष्य के लिए आगे बढ़ने वाली है। उसे जन-जन तक पहुंचाना, उस योजनाओं में जन-जन को जोड़ना और इस सामूहिक शक्ति से हमारे भव्य भारत का, नए भारत का निर्माण करना, ये सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने का हम संकल्प लेकर के चलने वाले लोग हैं।  

भारत में केरल उन प्रदेशों में है जहां आस्था और अध्यात्म की विरासत हमें सौभाग्य में मिली हुई है और इस अध्यात्म और आस्था इन दोनों के बलबूते पर, हम केरल एक हेरिटेज टूरिज्म का एक बहुत बड़ा डेस्टिनेशन है। उसको जितनी ताकत हम दे उतना केरल के उज्जवल भविष्य के लिए उपकारक होगा। टूरिज्म रोजगार के नए अनेक अवसर लेकर आता है, स्वरोजगार की नई संभावनाओं से जुड़ा हुआ होता है। केरल की युवा पीढ़ी के लिए टूरिज्‍म, ये अपने आप में आर्थिक गतिविधि का भी महत्‍वपूर्ण पहलू है। गत 5 वर्ष भारतीय जनता पार्टी एनडीए सरकार ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनेक इनिशिएटिव लिए और उसका परिणाम आज नजर आ रहा है। वर्ल्ड ट्रैवल और टूरिज्म काउंसिल की पावर रैंकिंग में भारत तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। ये दुनिया के टूरिस्टों को आकर्षित करने का एक बहुत बड़ा कारण बनने वाला है।

टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए, भारत की सांस्कृतिक विरासत का महात्म्य को बढ़ाने के लिए, भारत सरकार की प्रसाद योजना के तहत केरल में 7 प्रोजेक्ट लिए गए हैं और पिछले दिनों जब मैं केरल में तिरुवनन्तपुरम आया था तो उस समय कुछ कार्यक्रमों का तिरुवनन्तपुरम में मैंने प्रारंभ किया था चुनाव के पहले दिनों में, उन सात प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने की दिशा में हम काम कर रहे हैं। जब केरल आते हैं तो यहां के हाथी की चर्चा दुनिया के लिए बहुत बड़ा कौतुक रहती है लेकिन मूलतः भगवान कृष्ण के जीवन के साथ पशु प्रेम, पशुपालन जुड़ा रहा। गोकुल, वृंदावन से लेकर के चाहे हम गुरुवायुर जाए, उडुपी जाए, या द्वारिकाधीश जाए और भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन का एक बहुत बड़ा महत्व है। भारत सरकार ने इस बार मछुआरों के लिए, पशुपालकों के लिए, अलग मंत्रालय बनाकर के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मछुआरों को समुद्री तट की अर्थव्यवस्था को विशेष बल देने के लिए एक बीड़ा उठाया है।

हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशु का बहुत बड़ा योगदान है लेकिन किसी ना किसी कारण से हमारे यहां पशु, फुट माउथ डिजीज के कारण, बहुत मुसीबत गांव की भी पैदा करते हैं, हमारे ग्रामीण अर्थतंत्र में भी संकट होता है। दुनिया में कई देशों में इस बीमारी को इरेडिकेट किया गया है, नष्ट किया गया है। हमने अभी नई सरकार बनने के बाद जो निर्णय किया है, उसमें एक निर्णय इन अबोल पशुओं के लिए किया है। पूरे देश में टीकाकरण का वक्सीनेशन का एक बहुत बड़ा अभियान चलाया जाएगा, सालों-साल चलाया जाएगा और हिंदुस्तान से हमारे इन अबोल पशुओं की जो यातना है ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो बीमारी, संकट है। उस फुट माउथ डिजीज को हिंदुस्तान में से पूरी तरह नष्ट करने का काम, जैसे पोलियो के खिलाफ एक आंदोलन चला, वैसा पशुपालन के लिए और पशु रक्षा के लिए फुट माउथ डिजीज के लिए एक बहुत बड़ा आंदोलन चलाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।  

साथियो, दुर्भाग्य से पिछले दिनों केरल में निपाह वायरस को लेकर के एक चिंता सामने आई है। मैं आप सबको विश्वास दिलाता हूं की आप निश्चिन्त रहिए, भारत सरकार इस घड़ी में पूरी तरह आपके साथ है, केरल सरकार के साथ है और निपाह वायरस के संकट से आप सभी नागरिकों को जो भी आवश्यक व्यवस्थाएं चाहिए उसको पूरा करने के लिए कंधे से कंधा मिला करके हम काम कर रहे हैं।

नागरिकों से मेरा आग्रह है की स्वच्छता के प्रति और सजग रहने की आवश्यकता है। राज्य सरकार, केंद्र सरकार की तरफ से ऐसे समय जो एडवाइजरी  दी जाती है उसका ट्रू स्पिरिट से पालन करना हम सबके हित में होता है। मैं आशा करता हूं की केरल इस काम में कहीं पीछे नहीं रहेगा।

भारत सरकार ने देश के गरीबों को बीमारी के कारण अपना घर बेचना न पड़े, जमीन बेचना न पड़े, कर्ज न लेना पड़े। इसके लिए पांच लाख रुपए प्रति वर्ष, बीमारी का खर्च भारत सरकार दे, ऐसी एक बहुत बड़ी योजना आयुष्मान भारत चलाई है। लाखों गरीब इसका फायदा ले रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य से वो लाभ केरल के नागरिकों को नहीं मिल रहा है क्योंकि केरल सरकार ने इसमें जुड़ने से मना किया है। मैं आज सार्वजनिक रूप से केरल सरकार से आग्रह करूंगा की आयुष्मान भारत योजना का लाभ केरल के नागरिकों को दे, केरल के गरीबों को दें ताकि बीमारी से जूझने में केरल के नागरिकों की बहुत बड़ी मदद हो सके।

साथियो, गत 5 वर्ष में विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बहुत बड़ी मात्रा में बदला है। लेकिन इस चुनाव में देश की जनता ने जो विश्वास प्रकट किया है चुनाव में, जो पाजिटिविटी को रिफ्लेक्ट किया है, नेगेटिविटी को पूरी तरह नकार दिया है। सकारात्मक सोच के साथ न्यू स्पिरिट के साथ, न्यू इंडिया के निर्माण के लिए 130 करोड़ देशवासी, जिस प्रकार से आगे आए हैं। उसने दुनिया को भारत की तरफ देखने के लिए और अधिक विश्वास, और अधिक आशा-अपेक्षा, और अधिक सम्मान का एक बहुत बड़ा काम भी इस चुनाव ने किया है।

गुरुवायुर की इस पवित्र भूमि पर इतनी बड़ी तादाद में आप आए हैं तब इस पवित्र भूमि से आज हम सब संकल्प करके चलें नकारात्मकता को छोड़े, सकारात्मक्ता का आविष्कार करते हुए आगे बढ़े और 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को साकार करने के लिए एक नई ऊर्जा, नई शक्ति, नए सामर्थ्य, नए संकल्प के साथ चल पड़ें। इसी एक भावना के साथ मैं फिर एक बार गुरुवायुर की इस पवित्र धरती को नमन करता हूं। केरल के सभी नागरिकों को आदरपूर्वक नमन करता हूं और हम सब मिलकर के उज्जवल भविष्य के लिए, भव्य भारत के लिए, नए भारत के लिए, नए स्पिरिट के लिए आगे बढ़े इसी एक भावना के साथ मैं फिर एक बार आपका बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं। बहुत बहुत धन्यवाद।

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय।

 

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December 18, 2025

नमस्ते!
अहलन व सहलन !!!

ये युवा जोश आपकी एनर्जी यहां का पूरा atmosphere चार्ज हो गया है। मैं उन सब भाई बहनों को भी नमस्कार करता हूँ, जो जगह की कमी के कारण, इस हॉल में नहीं हैं, और पास के हॉल में स्क्रीन पर यह प्रोग्राम लाइव देख रहें हैं। अब आप कल्पना कर सकते हैं, कि यहाँ तक आएं और अंदर तक नहीं आ पाएं तोह उनके दिल में क्या होता होगा।

साथियों,

मैं मेरे सामने एक मिनी इंडिया देख रहा हूं, मुझे लगता है यहां बहुत सारे मलयाली भी हैं।

सुखम आणो ?

औऱ सिर्फ मलयालम नहीं, यहां तमिल, तेलुगू, कन्नड़ा और गुजराती बोलने वाले बहुत सारे लोग भी हैं।

नलमा?
बागुन्नारा?
चेन्ना-गिद्दिरा?
केम छो?

साथियों,

आज हम एक फैमिली की तरह इकट्ठा हुए हैं। आज हम अपने देश को, अपनी टीम इंडिया को सेलिब्रेट कर रहे हैं।

साथियों,

भारत में हमारी diversity, हमारी संस्कृति का मजबूत आधार है। हमारे लिए हर दिन एक नया रंग लेकर आता है। हर मौसम एक नया उत्सव बन जाता है। हर परंपरा एक नई सोच के साथ आती है।

और यही कारण है कि हम भारतीय कहीं भी जाएं, कहीं भी रहें, हम diversity का सम्मान करते हैं। हम वहां के कल्चर, वहां के नियम-कायदों के साथ घुलमिल जाते हैं। ओमान में भी मैं आज यही होते हुए अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं।

यह भारत का डायस्पोरा co-existence का, co-operation का, एक लिविंग Example बना हुआ है।

साथियों,

भारत की इसी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक और अद्भुत सम्मान हाल ही में मिला है। आपको शायद पता होगा, यूनेस्को ने दिवाली को Intangible Cultural Heritage of Humanity में शामिल किया है।

अब दिवाली का दिया हमारे घर को ही नहीं, पूरी दुनिया को रोशन करेगा। यह दुनिया भर में बसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। दिवाली की यह वैश्विक पहचान हमारी उस रोशनी की मान्यता है, जो आशा, सद्भाव, और मानवता के संदेश को, उस प्रकाश को फैलाती है।

साथियों,

आज हम सब यहां भारत-ओमान "मैत्री पर्व” भी मना रहे हैं।

मैत्री यानि:
M से maritime heritage
A से Aspirations
I से Innovation
T से Trust and technology
R से Respect
I से Inclusive growth

यानि ये "मैत्री पर्व,” हम दोनों देशों की दोस्ती, हमारी शेयर्ड हिस्ट्री, और prosperous future का उत्सव हैं। भारत और ओमान के बीच शताब्दियों से एक आत्मीय और जीवंत नाता रहा है।

Indian Ocean की Monsoon Winds ने दोनों देशों के बीच ट्रेड को दिशा दी है। हमारे पूर्वज लोथल, मांडवी, और तामरालिप्ति जैसे पोर्ट्स से लकड़ी की नाव लेकर मस्कट, सूर, और सलालाह तक आते थे।

और साथियों,

मुझे खुशी है कि मांडवी टू मस्कट के इन ऐतिहासिक संबंधों को हमारी एंबेसी ने एक किताब में भी समेटा है। मैं चाहूंगा कि यहां रहने वाला हर साथी, हर नौजवान इसको पढ़े, और अपने ओमानी दोस्तों को भी ये गिफ्ट करे।

अब आपको लगेगा की स्कूल में भी मास्टरजी होमवर्क देते हैं, और इधर मोदीजी ने भी होमवर्क दे दिया।

साथियों,

ये किताब बताती है कि भारत और ओमान सिर्फ Geography से नहीं, बल्कि Generations से जुड़े हुए हैं। और आप सभी सैकड़ों वर्षों के इन संबंधों के सबसे बड़े Custodians हैं।

साथियों,

मुझे भारत को जानिए क्विज़ में ओमान के participation बारे में भी पता चला है। ओमान से Ten thousand से अधिक लोगों ने इस क्विज में participate किया। ओमान, ग्लोबली फोर्थ पोज़िशन पर रहा है।

लेकिन में तालियां नहीं बजाऊंगा। ओमान तो नंबर एक पे होना चाहिए। मैं चाहूँगा कि ओमान की भागीदारी और अधिक बढ़े, ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग जुड़ें। भारतीय बच्चे तो इसमें भाग ज़रूर लें। आप ओमान के अपने दोस्तों को भी इस क्विज़ का हिस्सा बनने के लिए मोटिवेट करें।

साथियों,

भारत और ओमान के बीच जो रिश्ता ट्रेड से शुरू हुआ था, आज उसको education सशक्त कर रही है। मुझे बताया गया है कि यहां के भारतीय स्कूलों में करीब फोर्टी सिक्स थाउज़ेंड स्टूड़ेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें ओमान में रहने वाले अन्य समुदायों के भी हज़ारों बच्चे शामिल हैं।

ओमान में भारतीय शिक्षा के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये हम दोनों देशों के संबंधों का एक बहुत बड़ा पड़ाव है।

साथियों,

भारतीय स्कूलों की ये सफलता His Majesty the Late सुल्तान क़ाबूस के प्रयासों के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने Indian School मस्कत सहित अनेक भारतीय स्कूलों के लिए ज़मीन दी हर ज़रूरी मदद की।

इस परंपरा को His Majesty सुल्तान हैथम ने आगे बढ़ाया।

वे जिस प्रकार यहां भारतीयों का सहयोग करते हैं, संरक्षण देते हैं, इसके लिए मैं उनका विशेष तौर पर आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

आप सभी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से भी परिचित हैं। यहां ओमान से काफी सारे बच्चे भी इस प्रोग्राम से जुड़ते हैं। मुझे यकीन है, कि यह चर्चा आपके काम आती होगी, पैरेंट्स हों या स्टूडेंट्स, सभी को stress-free तरीके से exam देने में हमारी बातचीत बहुत मदद करती है।

साथियों,

ओमान में रहने वाले भारतीय अक्सर भारत आते-जाते रहते हैं। आप भारत की हर घटना से अपडेट रहते हैं। आप सभी देख रहे हैं कि आज हमारा भारत कैसे प्रगति की नई गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की गति हमारे इरादों में दिख रही है, हमारी परफॉर्मेंस में नज़र आती है।

कुछ दिन पहले ही इकॉनॉमिक ग्रोथ के आंकड़े आए हैं, और आपको पता होगा, भारत की ग्रोथ 8 परसेंट से अधिक रही है। यानि भारत, लगातार दुनिया की Fastest growing major economy बना हुआ है। ये तब हुआ है, जब पूरी दुनिया चुनौतियों से घिरी हुई है। दुनिया की बड़ी-बड़ी economies, कुछ ही परसेंट ग्रोथ अचीव करने के लिए तरस गई हैं। लेकिन भारत लगातार हाई ग्रोथ के पथ पर चल रहा है। ये दिखाता है कि भारत का सामर्थ्य आज क्या है।

साथियों,

भारत आज हर सेक्टर में हर मोर्चे पर अभूतपूर्व गति के साथ काम कर रहा है। मैं आज आपको बीते 11 साल के आंकड़े देता हूं। आपको भी सुनकर गर्व होगा।

यहां क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स आए हैं, तो शुरुआत मैं शिक्षा और कौशल के सेक्टर से ही बात करुंगा। बीते 11 साल में भारत में हज़ारों नए कॉलेज बनाए गए हैं।

I.I.T’s की संख्या सोलह से बढ़कर तेईस हो चुकी है। 11 वर्ष पहले भारत में 13 IIM थे, आज 21 हैं। इसी तरह AIIMs की बात करुं तो 2014 से पहले सिर्फ 7 एम्स ही बने थे। आज भारत में 22 एम्स हैं।

मेडिकल कॉलेज 400 से भी कम थे, आज भारत में करीब 800 मेडिकल कॉलेज हैं।

साथियों,

आज हम विकसित भारत के लिए अपने एजुकेशन और स्किल इकोसिस्टम को तैयार कर रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। इस पॉलिसी के मॉडल के रूप में चौदह हज़ार से अधिक पीएम श्री स्कूल भी खोले जा रहे हैं।

साथियों,

जब स्कूल बढ़ते हैं, कॉलेज बढ़ते हैं, यूनिवर्सिटीज़ बढ़ती हैं तो सिर्फ़ इमारतें नहीं बनतीं देश का भविष्य मज़बूत होता है।

साथियों,

भारत के विकास की स्पीड और स्केल शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी दिखती है। बीते 11 वर्षों में हमारी Solar Energy Installed Capacity 30 गुना बढ़ी है, Solar module manufacturing 10 गुना बढ़ी है, यानि भारत आज ग्रीन ग्रोथ की तरफ तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है।

आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा फिनटेक इकोसिस्टम है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Steel Producer है। दूसरा सबसे बड़ा Mobile Manufacturer है।

साथियों,

आज जो भी भारत आता है तो हमारे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर हैरान रह जाता है। ये इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि बीते 11 वर्षों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर पांच गुना अधिक निवेश किया है।

Airports की संख्या double हो गई है। आज हर रोज, पहले की तुलना में डबल स्पीड से हाइवे बन रहे हैं, तेज़ गति से रेल लाइन बिछ रही हैं, रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है।

साथियों,

ये आंकड़े सिर्फ उपलब्धियों के ही नहीं हैं। ये विकसित भारत के संकल्प तक पहुंचने वाली सीढ़ियां हैं। 21वीं सदी का भारत बड़े फैसले लेता है। तेज़ी से निर्णय लेता है, बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ता है, और एक तय टाइमलाइन पर रिजल्ट लाकर ही दम लेता है।

साथियों,

मैं आपको गर्व की एक और बात बताता हूं। आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा digital public infrastructure बना रहा है।

भारत का UPI यानि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, दुनिया का सबसे बड़ा रियल टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। आपको ये बताने के लिए कि इस पेमेंट सिस्टम का स्केल क्या है, मैं एक छोटा सा Example देता हूं।

मुझे यहाँ आ कर के करीब 30 मिनट्स हुए हैं। इन 30 मिनट में भारत में यूपीआई से फोर्टीन मिलियन रियल टाइम डिजिटल पेमेंट्स हुए हैं। इन ट्रांजैक्शन्स की टोटल वैल्यू, ट्वेंटी बिलियन रुपीज़ से ज्यादा है। भारत में बड़े से बड़े शोरूम से लेकर एक छोटे से वेंडर तक सब इस पेमेंट सिस्टम से जुड़े हुए हैं।

साथियों,

यहां इतने सारे स्टूडेंट्स हैं। मैं आपको एक और दिलचस्प उदाहरण दूंगा। भारत ने डिजीलॉकर की आधुनिक व्यवस्था बनाई है। भारत में बोर्ड के एग्ज़ाम होते हैं, तो मार्कशीट सीधे बच्चों के डिजीलॉकर अकाउंट में आती है। जन्म से लेकर बुढ़ापे तक, जो भी डॉक्युमेंट सरकार जेनरेट करती है, वो डिजीलॉकर में रखा जा सकता है। ऐसे बहुत सारे डिजिटल सिस्टम आज भारत में ease of living सुनिश्चित कर रहे हैं।

साथियों,

भारत के चंद्रयान का कमाल भी आप सभी ने देखा है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जो मून के साउथ पोल तक पहुंचा है, सिर्फ इतना ही नहीं, हमने एक बार में 104 सैटेलाइट्स को एक साथ लॉन्च करने का कीर्तिमान भी बनाया है।

अब भारत अपने गगनयान से पहला ह्युमेन स्पेस मिशन भी भेजने जा रहा है। और वो समय भी दूर नहीं जब अंतरिक्ष में भारत का अपना खुद का स्पेस स्टेशन भी होगा।

साथियों,

भारत का स्पेस प्रोग्राम सिर्फ अपने तक सीमित नहीं है, हम ओमान की स्पेस एस्पिरेशन्स को भी सपोर्ट कर रहे हैं। 6-7 साल पहले हमने space cooperation को लेकर एक समझौता किया था। मुझे बताते हुए खुशी है कि, ISRO ने India–Oman Space Portal विकसित किया है। अब हमारा प्रयास है कि ओमान के युवाओं को भी इस स्पेस पार्टनरशिप का लाभ मिले।

मैं यहां बैठे स्टूडेंट्स को एक और जानकारी दूंगा। इसरो, "YUVIKA” नाम से एक स्पेशल प्रोग्राम चलाता है। इसमें भारत के हज़ारों स्टूडेंट्स space science से जुड़े हैं। अब हमारा प्रयास है कि इस प्रोग्राम में ओमानी स्टूडेंट्स को भी मौका मिले।

मैं चाहूंगा कि ओमान के कुछ स्टूडेंट्स, बैंगलुरु में ISRO के सेंटर में आएं, वहां कुछ समय गुज़ारें। ये ओमान के युवाओं की स्पेस एस्पिरेशन्स को नई बुलंदी देने की बेहतरीन शुरुआत हो सकती है।

साथियों,

आज भारत, अपनी समस्याओं के सोल्यूशन्स तो खोज ही रहा है ये सॉल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन कैसे बेहतर बना सकते हैं इस पर भी काम कर रहा है।

software development से लेकर payroll management तक, data analysis से लेकर customer support तक अनेक global brands भारत के टैलेंट की ताकत से आगे बढ़ रहे हैं।

दशकों से भारत IT और IT-enabled services का global powerhouse रहा है। अब हम manufacturing को IT की ताक़त के साथ जोड़ रहे हैं। और इसके पीछे की सोच वसुधैव कुटुंबकम से ही प्रेरित है। यानि Make in India, Make for the World.

साथियों,

वैक्सीन्स हों या जेनरिक medicines, दुनिया हमें फार्मेसी of the World कहती है। यानि भारत के affordable और क्वालिटी हेल्थकेयर सोल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन बचा रहे हैं।

कोविड के दौरान भारत ने करीब 30 करोड़ vaccines दुनिया को भेजी थीं। मुझे संतोष है कि करीब, one hundred thousand मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन्स ओमान के लोगों के काम आ सकीं।

और साथियों,

याद कीजिए, ये काम भारत ने तब किया, जब हर कोई अपने बारे में सोच रहा था। तब हम दुनिया की चिंता करते थे। भारत ने अपने 140 करोड़ नागरिकों को भी रिकॉर्ड टाइम में वैक्सीन्स लगाईं, और दुनिया की ज़रूरतें भी पूरी कीं।

ये भारत का मॉडल है, ऐसा मॉडल, जो twenty first century की दुनिया को नई उम्मीद देता है। इसलिए आज जब भारत मेड इन इंडिया Chips बना रहा है, AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर मिशन मोड पर काम कर रहा है, तब दुनिया के अन्य देशों में भी उम्मीद जगती है, कि भारत की सफलता से उन्हें भी सहयोग मिलेगा।

साथियों,

आप यहां ओमान में पढ़ाई कर रहे हैं, यहां काम कर रहे हैं। आने वाले समय में आप ओमान के विकास में, भारत के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। आप दुनिया को लीडरशिप देने वाली पीढ़ी हैं।

ओमान में रहने वाले भारतीयों को असुविधा न हो, इसके लिए यहां की सरकार हर संभव सहयोग दे रही है।

भारत सरकार भी आपकी सुविधा का पूरा ध्यान रख रही है। पूरे ओमान में 11 काउंसलर सर्विस सेंटर्स खोले हैं।

साथियों,

बीते दशक में जितने भी वैश्विक संकट आए हैं, उनमें हमारी सरकार ने तेज़ी से भारतीयों की मदद की है। दुनिया में जहां भी भारतीय रहते हैं, हमारी सरकार कदम-कदम पर उनके साथ है। इसके लिए Indian Community Welfare Fund, मदद पोर्टल, और प्रवासी भारतीय बीमा योजना जैसे प्रयास किए गए हैं।

साथियों,

भारत के लिए ये पूरा क्षेत्र बहुत ही स्पेशल है, और ओमान हमारे लिए और भी विशेष है। मुझे खुशी है कि भारत-ओमान का रिश्ता अब skill development, digital learning, student exchange और entrepreneurship तक पहुंच रहा है।

मुझे विश्वास है आपके बीच से ऐसे young innovators निकलेंगे जो आने वाले वर्षों में India–Oman relationship को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। अभी यहां भारतीय स्कूलों ने अपने 50 साल celebrate किए हैं। अब हमें अगले 50 साल के लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ना है। इसलिए मैं हर youth से कहना चाहूंगा :

Dream big.
Learn deeply.
Innovate boldly.

क्योंकि आपका future सिर्फ आपका नहीं है, बल्कि पूरी मानवता का भविष्य है।

आप सभी को एक बार फिर उज्जवल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!
Thank you!