QuoteWe have spent the last five years in infusing vigour and strength in our armed forces and developing a coherent policy on national security that ensures greater security for all Indians: PM Modi
QuoteWe conducted surgical strikes and air strikes against Pakistan-based terrorists to send our message to the world that India is well capable of defending itself: PM Modi in Haryana
QuoteThe BJP government in Haryana has been continuously carrying out development and providing a clean and transparent government for every community in the state: PM Modi

भारत माता की… जय, भारत माता की… जय।
आज इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित अकाली दल के अध्यक्ष और मेरे बहुत परम मित्र, पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री श्रीमान सुखबीर जी, मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ नेता गण। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवार और विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए हुए मेरे प्यारे भाइयो-बहनो।

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यहां सिरसा के साथ-साथ हिसार और दूसरे हिस्सों से भी बड़ी संख्या में साथी आए हैं, आप सभी का मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। मेरा सौभाग्य है की आज गुरुओं और गुरुद्वारों की धरती में आप सभी के बीच आने का अवसर मिला है। मैं सभी संतों को और सभी गुरुओं को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। भाइयो-बहनो, देश में वोटिंग के पांच चरण हो चुके हैं और अब स्थिति पूरी तरह साफ हो चुकी है। देश के आशीर्वाद से जब 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे, 23 मई शाम तक पता चल जाएगा, फिर एक बार… मोदी सरकार, फिर एक बार… मोदी सरकार। कांग्रेस हो या फिर उसके महामिलावटी साथी, सभी ने हाथ खड़े कर दिए हैं। दिल्ली में खिचड़ी वाली मजबूर सरकार बनाने के, उनके सारे मंसूबे ध्वस्त हो गए हैं। साथियो, आपका ये चौकीदार देश को जिताने के लिए, भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए दिन-रात आपकी सेवा में जुटा है। 2014 में जो मजबूत सरकार दिल्ली में आप सब के आशीर्वाद से, मुझे सेवा करने का मौका मिला उसके कारण ही दुनिया में आज हिंदुस्तान का डंका बज रहा है।

साथियो, मुझे बताइए की राष्ट्र अपनी रक्षा नीति को मजबूत किए बिना विश्व शक्ति बन सकता है क्या? जो राष्ट्र अपनी रक्षा नहीं कर पाता, क्या दुनिया उसकी बात सुनेगी क्या? नए भारत की रक्षा नीति क्या हो, कांग्रेस या दूसरे महामिलावटी अपनी सभाओं में एक बार भी, उन्होंने इस विषय में एक भी बात बताई है क्या? भाइयो-बहनो, ये नहीं बताएंगे क्योंकि इनका अतीत ऐसा है की राष्ट्र रक्षा पर ये कुछ नहीं बोल पाते हैं। साथियो, 2014 से पहले आए दिन पाकिस्तान हमारे जवानों के साथ बर्बरता करता था लेकिन केंद्र में बैठी कांग्रेस की सरकार सिर्फ और सिर्फ बयान देती थी। आए दिन आतंकी हमले होते थे लेकिन कांग्रेस की कमजोर सरकार सिर्फ और सिर्फ बयान देती थी। आपने और मैं विशेष रूप से देशवासियों को हमेशा, आदरपूर्वक स्मरण करता हूं। आपने जो मजबूत सरकार दिल्ली में बनाई उसने अपने शूरवीरों की भुजाओं में नई ताकत दे दी, उनके हाथ खोल दिए। अब हमारे सपूत पाकिस्तान के भीतर आतंकियों के अड्डे में घुसकर मारते हैं। पहली सर्जिकल स्ट्राइक में हम जमीन से गए और जब दूसरा एयर स्ट्राइक किया तो एयर स्ट्राइक करके हमने दुश्मनों को घर में घुसकर मारा है। जो आतंकी कभी हमें डराते थे वो आज दुबक कर के बैठे हुए हैं।

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साथियो, तमाम आतंकी हमलों का गुनहगार मसूद अजहर अब ग्लोबल टेरेरिस्त घोषित हो चुका है। पाकिस्तान अब मजबूर है उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए। लेकिन भाइयो-बहनो, याद रखिए अपनी 5-6 साल की कोशिश करने के बाद भी कांग्रेस सरकार वो नहीं कर पाई, जो हम कर पाए। क्यों नहीं करवा पाई? क्योंकि नीयत नहीं थी, साफ नीति नहीं थी। साथियो, हरियाणा का शायद ही कोई ऐसा घर होगा, जो अपने बच्चों को देश की सेवा के लिए ना भेजता हो। यहां की वीर माताएं, वीर संतानों को जन्म देती हैं। यहां की वीर माताओं के लिए पूरे हिंदुस्तान को नाज है और इसलिए हरियाणा से मैं आज कुछ सीधे सवाल पूछना चाहता हूं। कांग्रेस कह रही है की अगर दिल्ली में उसकी सरकार बनी, अब सपने देखने के लिए कौन मना कर सकता है भाई लेकिन चलो वो कह रहे हैं उन्होंने अपने मेनिफेस्टो में लिखा है, अपने ढकोसलापत्र में लिखा है। अगर दिल्ली में उनकी सरकार बनी तो जम्मू-कश्मीर समेत जो हिंसा वाले इलाके है, वहां तैनात सैनिकों से, फौजियों को जो विशेष अधिकार, एक सुरक्षा कवच मिला है फौजियों को, कांग्रेस ने कहा है आकर के उसको छीन लिया जाएगा। यानी जो पत्थरबाज हैं, जो आतंकवाद के समर्थक हैं उनको खुली छूट देने का कांग्रेस सार्वजनिक रूप से बोल रही है।

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साथियो, भारत माता की जय बोलने पर एतराज जताने वाली कांग्रेस अब देशद्रोह का कानून हटाने का भी वादा कर रही है। कांग्रेस चाहती है की टुकड़े-टुकड़े गैंग को, भारत को गाली देने वालों को, तिरंगे का अपमान करने वालों, नक्सलवादियों के समर्थकों को खुली छूट मिले। मैं जरा हरियाणा के लोगों से पूछना चाहता हूं। जिस धरती में जवान मातृभूमि के लिए शहीद होते हैं, देश के लिए मर मिटने वाले लोग जिस धरती पर पैदा होते हैं। मैं हरियाणा से पूछना चाहता हूं, मैं आपसे पूछना चाहता हूं। क्या कांग्रेस के ये वादे आपको मंजूर हैं?

भाइयो-बहनो, हमारे घरों के जो बच्चे फौज मे जाते हैं, जो अर्धसैनिकबलों में जाते हैं, पुलिस में जाते हैं। उनको कांग्रेस और उसके साथी किस नजर से देखते हैं, जब आप सुनोगे तो आपका गुस्सा सातवें आसमान पर जाएगा, मैं बताता हूं। इतना गुस्सा आएगा क्योंकि ये ऐसी भाषा बोलते हैं। बोलते हैं इतना ही नहीं, वो इन चीजों को मानते हैं। मैं उनके एक मुख्यमंत्री का बयान बताता हूं, आपको। कर्नाटक में कांग्रेस एक सरकार चलाती है, उस सरकार के मुख्यमंत्री, जिस मुख्यमंत्री के पिता जी कुछ समय के लिए देश के प्रधानमंत्री भी थे। उस मुख्यमंत्री ने एक बयान दिया, बहुत गंभीर बयान। इस एक बयान के कारण देश आने वाले सौ सालों तक कांग्रेस को स्वीकार नहीं कर सकता है, ऐसा बयान दिया है। उन्होंने कहा है की जिन युवकों को दो वक्त खाने के लिए रोटी नहीं मिलती है, जो भूखे होते हैं, वो पेट भरने के लिए सेना में जाते हैं। भाइयो-बहनो, ये सुनकर आपको गुस्सा आया की नहीं आया? आप मुझे बताइए, भाइयो-बहनो, माताएं-नवजवानों बताइए, क्या मेरे हरियाणा के नवजवान, मेरे पंजाब का वीर पुत्र, मेरे हिमाचल के नवजवान सेना में इसलिए जाते हैं की उनको खाने के लिए दो वक्त की रोटी नहीं मिलती। अरे शर्म आनी चाहिए कांग्रेस के लोगों, आप जिस सरकार को चलाते हो वहां का मुख्यमंत्री इस प्रकार से मेरे देश के वीरों का अपमान करता है। जो दुश्मन से देश की रक्षा करते हैं, जो मां भारती के मान-सम्मान के लिए जान की बाजी लगा देते हैं, उन वीरों के बारे में कांग्रेस और उसके साथी इस प्रकार से सोचें, इससे बड़ा देश का अपमान क्या हो सकता है। इतना ही नहीं, ये कांग्रेस पार्टी हमारे देश के सेनाध्यक्ष को पब्लिकली कहते हैं, ये तो गली का गुंडा है। हमारे वायु सेनाध्यक्ष को कहते हैं, ये झूठा है। ऐसा बोलकर कांग्रेस के नेता अपनी सच्चाई, भाइयो-बहनो, वो बेनकाब हो चुके हैं, ये इस प्रकार के लोग हैं।

साथियो, इस चुनाव में आपको और आपके साथियों को इस मानसिकता की भी सजा देनी है। भाइयो-बहनो, कांग्रेस कैसे देश की रक्षा करने वालों को धोखा देती है, वो भी आपको याद दिलाता हूं। कांग्रेस ने आपसे वादा किया था की वो वन रैंक-वन पेंशन लागू करेंगे। ये वादा करते-करते उसने 40 साल निकाल दिए, चार दशक निकाल दिए। जब देश के जवानों ने, उनके परिवारों ने दबाव बनाया तो 2013-14 में चुनाव के पहले-पहले जो एक अंतरिम बजट आया, उस बजट में उन्होंने 500 करोड़ रुपया रखा, बजट में, कागज में लिखा, और कह दिया कांग्रेस ने। चारों तरफ ढोल पीटने लगे, उनके नामदार पूर्व सैनिकों के सम्मेलन कर-कर के मालाएं पहनने लगे और कहने लगे हमने वन रैंक-वन पेंशन लागू कर दिया। भाइयो-बहनो, ये कितना बड़ा धोखा था, उन्होंने 500 करोड़ रुपया दिया, कितना झूठ बोलने की इनकी ताकत है, वो देश की जनता को कितना मूर्ख मानते हैं। और देश के जवान जो, मां भारती के लिए मरना यही उसको सिखाया गया है, आप उसके पीठ में छुरा घोंपते हो, आप उसके आंखों में धूल झोंकते हो।

भाइयो-बहनो, सिर्फ 500 करोड़ दे कर के बातें करने वाले लोग और वो भी कागज पर, बजट में से तो कहीं निकला नहीं, एक पैसा नहीं निकला। हम आए, हमने वादा किया था, हम वन रैंक-वन पेंशन लागू करेंगे, मैंने सारी फाइलें निकालीं, कागज निकाले। मैंने कहा भाई, 500 करोड़ रुपए इस बार दे दीजिए। जब हिसाब लगाया, वन रैंक-वन पेंशन के लिए, जब हमने लागू किया तो अब तक 35 हजार करोड़ रुपया सेना के परिवारों में हमने पहुंचाया। कहां 500 करोड़ का झूठा वादा और कहां 35 हजार करोड़ रुपए दे दिए, उनके खाते में जमा हो गए। ये कितना झूठ बोलते हैं और देश की भोली-भाली जनता ने इनके झूठ को सच मान कर के आंखें बंद कर के उनके ठेले भर दिए और उसी के कारण आज देश को रोने की नौबत आई है, भाइयो-बहनो।

साथियो, देश की रक्षा करने वालों से झूठ बोलने, उन्हें सम्मान ना देने की इसी कांग्रेसी सोच के चलते साथ दशक तक हमारे देश में नेशनल वॉर मेमोरियल भी नहीं बना। हमारे देश के जवान कहते रहे की आजादी के बाद हमारे वीरों ने इतना बलिदान दिया है उनका एक नेशनल वॉर मेमोरियल होना चाहिए। अरे अपने परिवार के तो आपने हर गली-मोहल्ले में स्मारक खड़े कर दिए, देश की तिजोरी के अरबों-खरबों खर्च कर दिए लेकिन देश के लिए मरने वाले जवानों के लिए कोई नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं। जो काम 70 साल नहीं हुआ, ये काम आपके चौकीदार ने कर दिया और मेरा तो हरियाणा से आग्रह है। जिन-जिन गांवों में आजादी के बाद लोग शहीद हुए हैं, उनके परिवारजनों के लेकर के उस गांव के लोगों को नेशनल वॉर मेमोरियल पर जाना चाहिए और अपने गांव के जो शहीद हैं उसके नाम के सामने एक फूल चढ़ा कर आपको भी आना चाहिए, ये मेरी हरियाणा, पंजाब और हिमाचल के लोगों से विशेष प्रार्थना है क्योंकि ये इलाका है जिसने देश के लिए बहुत बलिदान दिए हैं।

भाइयो-बहनो, एक और बात, कभी-कभी हम लोग मानसिक अवस्था के कारण, ये जो पुलिस के जवान खड़े हैं ना उनको अपमानित करते हैं, उनको नीचा दिखाते हैं, उनको बुरा-भला कहते हैं। सिनेमा वाले भी सिनेमा दिखाएंगे तो पुलिस वालों को सबसे भद्दा बताते हैं। इतना देश का नुकसान हुआ है और एक सत्य कभी बाहर नहीं आया, मुझे इससे बड़ा दर्द होता था और मैंने इसलिए लाल-किले से एक बार बोल दिया था। आप जानकर हैरान हो जाएंगे, कभी-कभी हम इन पुलिस वालों से भिड़ जाते हैं लेकिन कभी सोचा है, ठंड हो पुलिस वाला खड़ा है, गर्मी हो पुलिस वाला खड़ा है। राखी का त्योहार है पुलिस वाला खड़ा है, घर पर शादी-ब्याह है वो ड्यूती पर गया हुआ है। हम इन चीजों पर ध्यान ही नहीं देते हैं। इससे भी बढ़कर हम सामान्य लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बचाने के लिए, हमारा मोबाइल फोन चोरी हो जाए तो हम तो जा कर सो जाते हैं, वो बेचारा जाग के कैसे मोबाइल फोन वापस लाओ इसके लिए दौड़-धूप करता है। हमारी रक्षा के लिए आजादी के बाद देश के पुलिस जवानों ने, 33 हजार पुलिस शहीद हुए, 33 हजार। ये आंकड़ा छोटा नहीं है, 33 हजार पुलिस वाले शहीद हुए, वो कहते रहे की एक नेशनल पुलिस मेमोरियल बनना चाहिए। ये कांग्रेस के लोगों ने, इन महामिलावटियों ने पुलिस के कंधे पर बंदूकें तो बहुत फोड़ीं लेकिन उनको सम्मान नहीं दिया, ये काम भी एस चौकीदार ने किया है। पुलिस वालों का मान-सम्मान बढ़ाने के लिए मैं पूरी ताकत से लगा हूं। और उसके लिए भी मैं हरियाणा को कहूंगा की आपके क्षेत्र के भी आजादी के बाद कई पुलिस जवान शहीद हुए। आप को जाना चाहिए, जा कर उन पुलिस के परिवारों को आपको जरूर एक फूल चढ़ा के आना चाहिए, भाइयो-बहनो।
भाइयो-बहनो, कांग्रेस को ना तो जवानों के सम्मान की कभी फिक्र रही और ना ही किसानों के सम्मान की। इन्होंने किसानों की जमीन पर भी भ्रष्टाचार की खेती की है, सबूत देश के सामने है, सबूत हरियाणा के सामने है। हरियाणा और दिल्ली में जब भी कांग्रेस की सरकार थी तब कैसे कौड़ियों के दाम पर किसानों की जमीन हथियाने का खेल खेला गया, आप सभी जानते हैं। आप सभी के आशीर्वाद से किसानों को लूटने वालों को ये चौकीदार कोर्ट तक ले गया है। जमानत के चक्कर काट रहे हैं, ईडी के दफ्तर के जूते घिस रहे हैं जी, वो मानते थे हम तो शहंशाह हैं, हमको कोई हाथ नहीं लगा सकता है और अब पीड़ा हो रही है, एक चौकीदार, एक चाय वाला, अब परेशान हैं। भाइयो-बहनो, जेल के दरवाजे तक तो ले गया हूं इस बार आशीर्वाद दीजिए, आने वाले पांच साल में अंदर कर दूंगा। आपका आशीर्वाद चाहिए बस। देश को जिन्होंने लूटा है, उनको लौटाना ही पड़ेगा।

साथियो, भाजपा की सरकार देश के किसान के लिए, देश के जवान के सम्मान के लिए समर्पित है। किसानों के हक के लिए आवाज उठाने वाले भारत की कृषि नीति और अपनी छाप छोड़ने वाले सर छोटू राम जी की भव्य प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्य मुझे कुछ महीने पहले ही मिला था। साथियो, लेकिन यहां इसी धरती से कुछ हफ्ते पहले सार्वजनिक मंच से एक नेता ने कहा की जो भी देश के गद्दार हैं उन्हें अंग्रेजों ने सर की उपाधि दी थी। भाइयो-बहनो, उसके बाद उनके और एक बड़े नेता ने इसका समर्थन किया। क्या मेरे हरियाणा के लोग सर छोटू राम के इस अपमान को बर्दाश्त करेंगे? अरे सर छोटू राम जैसे हमारे नायकों के आशीर्वाद से ही हम 2022 तक किसानों की आय दो गुना करने का संकल्प पूरा करने वाले हैं।

पीएम किसान सम्मान निधि से छोटे किसानों के बैंक खाते तक सीधी मदद पहुंचनी शुरू हो गई है। हमने ये संकल्प लिया है की 23 मई को जब चुनाव के नतीजे आएंगे, जब फिर एक बार… मोदी सरकार आएगी तब हरियाणा के हर किसान परिवार के खाते में हर वर्ष साल में तीन बार सीधी मदद पहुंचेगी। इतना ही नहीं जो छोटे किसान हैं, खेत मजदूर हैं, छोटे दुकानदार हैं उनको 60 साल के बाद नियमित पेंशन भी करेगी। साथियो, किसान की खेती पर लागत कम हो इसके लिए भंडारण की एक बहुत बड़ी व्यवस्था हम खड़ी करने वाले हैं। गांव के पास ही किसान अपनी उपज का भंडारण कर पाएं, इसके लिए ग्राम भंडारण योजना पर विस्तार से काम किया जाएगा। अन्नदाता अब ऊर्जादाता भी बनें इसके लिए डीजल पंपों को सोलर एनर्जी से चलने वाले सोलर पंपों में बदलने का अभियान हमने छेड़ा है।

भाइयो-बहनो, एक तरफ हम जहां किसानों के हितों के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने झूठ और धोखे की नीति अपना रखी है। कर्जमाफी के नाम पर उसने राजस्थान में, मध्य प्रदेश में किसानों के साथ कैसे छलावा किया, कैसे उनको छला है, अब इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। वहीं स्थिति ये है की किसानों को कोर्ट से नोटिस मिल रहे हैं और उन्हें जेल जाने की नौबत आ गई है। साथियो, जब वजूद खतरे में पड़ जाता है तब झूठ प्रपंच और समाज में बंटवारे का खेल ये कांग्रेस की पुरानी आदत है। कांग्रेस के राज में समाज का कोई वर्ग सुरक्षित नहीं है। कांग्रेस न्याय की बात करती है लेकिन यहां आपने खुद देखा है की दलित वर्ग से आने वाले अपने अध्यक्ष तक को वो इंसाफ नहीं दिला पाई। साथियो, कांग्रेस की एक और करतूत के बारे में यहां के युवा साथियों को जानना जरूरी है। 1984 में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में हमारे हजारों सिख बहन-भाई, छोटे-छोटे बच्चों को कांग्रेस परिवार और उसके दरबारियों के इशारों पर हत्या की गई, बेरहमी से उनको मारा गया। 34 सालों तक दर्जन भर आयोग बने लेकिन सिखों को इंसाफ नहीं मिला। आपके इस चौकीदार ने सिख समाज से देश से 1984 के गुनहगारों को सजा देने का वादा किया था। मुझे संतोष है की सिखों के गुनहगारों को फांसी और उम्रकैद मिलने का सिलसिला शुरू हो चुका है लेकिन ये बेशर्म कांग्रेस उन लोगों को आज भी इनाम दे रही है जो उस पाप में हिस्सेदार रहे हैं। सिख दंगों में जिस पर सवाल उठे हो उसे मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने साफ कर दिया है की उसे आपकी भावनाओं की कोई परवाह नहीं है।

भाइयो-बहनो, कांग्रेस का इतिहास ही आपकी भावनाओं को नजरअंदाज करने का है वरना कोई वजह नहीं थी की आज हमारा पवित्र स्थान, हमारे करतारपुर साहिब आज पाकिस्तान में है। बंटवारे के समय थोड़ा भी जोर लगाया जाता तो करतारपुर साहिब आज भारत की धरती पर होते। मैं अपने इन गुरु के दर्शन के लिए सीमा पार करने का और आने-जाने का सिलसिला कैसे शुरू हो, हम आगे बढ़े हैं। भाइयो-बहनो, कांग्रेस के इस अन्याय को सुधारना मुश्किल है लेकिन हमारी सरकार प्रयास कर रही है की करतारपुर साहिब का दर्शन करने जो भक्त जाते हैं उन्हें तकलीफ ना हो। इसके लिए करतारपुर साहिब कोरिडोर विकसित किया जा रहा है।

साथयो, सबको सुरक्षा- सबको सम्मान ये हमारा प्रण है। बीते पांच वर्षों में गरीब हो, दलित हो, वंचित हो, पीड़ित हो हर वर्ग के लिए हमने काम किया है। गरीब को अपना पक्का घर, घर में गैस का चूल्हा, बिजली का कनेक्शन, शौचालय ऐसी अनेक सुविधाएं पहुंचाई हैं। यही कारण है की समाज के हर वर्ग का मुझे भरपूर साथ और सहयोग मिला है। विशेष तौर पर जो साफ-सफाई को काम से जुड़े मेरे साथी हैं, उनके सहयोग के बिना स्वच्छ भारत जैसा मिशन इतना सफल नहीं हो पाता। मुझे बताया गया है, यहां मनोहर लाल जी ने हरियाणा में जो भर्ती अभियान शुरू किया था वो भी बहुत सफल रहा है। जहां पहले हर भर्ती में घोटाले हो जाते हों, वहां इतनी पारदर्शिता के साथ, ईमानदारी के साथ हरियाणा के नवजवानों को नौकरियां देना, हरियाणा की मनोहर लाल जी की सरकार, भाजपा की सरकार अनेक-अनेक साधुवाद के अधिकारी हैं।

साथियो, एक मजबूत भारत के लिए, एक समृद्ध भारत के लिए आपको हरियाणा की सभी सीटों पर कमल खिलाना है। आपका एक-एक वोट मोदी के खाते में आएगा, दिल्ली में एक मजबूत सरकार बनेगी, पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी तो मुझे भी आपकी सेवा करने के लिए खुलकर काम करने का अवसर मिलेगा। एक बार आप सब का इतनी बड़ी तादाद में आ कर के हम सबको आशीर्वाद देने के लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, दोनों हाथ बंद करके मुट्ठी बंद करके बोलना है…
भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s Interaction with Captain Shubhanshu Shukla from the International Space Station
June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteWith the success of Chandrayaan mission there is renewed interest in science among the children and youth of the country, There is passion to explore space, Now your historic journey is giving more power to this resolve: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteToday I can say with confidence that this is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission, your historic journey is not just limited to space, it will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!