QuoteThe remarks by Sam Pitroda show the utter arrogance and hatred for the Sikh community that the Congress party and its leaders have in their hearts: PM Modi
QuoteWhen we took over in 2014, India was the 11th largest economy in the world, today is the sixth largest as well as the fastest growing major economy in the world: PM Modi in Haryana
QuotePrevious Congress governments in Haryana ruined the state’s economy by selling the local farmers’ lands at throwaway prices for corrupt land deals: Prime Minister Modi

भारत माता की...जय
भारत माता की...जय

जिसके पास बैठने की जगह है वो बैठे, जिसके पास खड़े रहने का मूड है वो खड़े रहे। सबसे पहले तो विलंब से आने के लिए आपकी क्षमा मांगता हूं। दूसरा, मैं देख रहा हूं की जितने लोग इस पंडाल में हैं उसे ज्यादा बहार धूप में तप रहे हैं। उनको जो असुविधा हुई इसके लिए भी क्षमा मांगता हूं और मैं इन सब को विश्वास दिलाता हूं। हरियाणा में मुझे आकर ये कहने की जरूरत नहीं है मैं अपने घर में आया हूं। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि इतनी चिलचिलाती धूप में आप जो तपस्या कर रहे हैं, आपकी तपस्या मैं बेकार नहीं जाने दूंगा, मैं विकास करके इसे लौटाऊंगा। राष्ट्रीय रक्षा के लिए हर पल तैयार रहने वाले मिट्टी से सोना उगा कर देश का पेट भरने वाले और खेल के मैदान में भारत को गौरव दिलाने वाले हरियाणा के और रोहतक के सभी लोगों को मेरा नमस्कार। धरती जो संस्कार देती है ऐसी पवित्र भूमि को भी मेरा कोटि-कोटि वंदन। इस धरती ने सर छोटू राम और श्रद्धेय मंगल सिंह जैसा नेतृत्व देश को दिया है। इन महान विभूतियों को और देश के लिए बलिदान देने वाले हर शहीद को मैं श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।

साथियो, साल 2014 में जब आपके बीच मैं आया था तब मैंने कहा था कि आप मुझे अवसर दीजिए, मैं देश को झुकने नहीं दूंगा। और तब मैंने कहा था कि हरियाणा ने मुझे पाला-पोसा बड़ा किया, हरियाणा की धरती ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। और मैंने कहा था आपने जो मुझे सिखाया है उसका राष्ट्रीय रीति-नीति में मैं भरपूर फायदा उठाऊंगा। आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि मैंने आपकी शिक्षा का पूरा मान-सम्मान रखा है।

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भाइयो और बहनो, आज पूरी दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होती बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की है। 2014 में भारत आर्थिक ताकत के रूप में दुनिया में 11वें नंबर पर था, आज छठे नंबर पर पहुंच गया हैं और पांच नंबर के दरवाजे पर दस्तक लगा रहा हैं। देश की सबसे तेज ट्रेन वंदे भारत हो या फिर आपके हाथ में मोबाइल फोन, आज ये सब कुछ भारत में ही बन रहा है। हाईवे हो, रेलवे हो, एयरवे हो, इंफॉर्मेशन वे हो, सभी क्षेत्रों में पहले से ज्यादा तेज गति से काम हुआ है। सबसे बड़ी बात, आज भारत ने जल, थल, नभ के अलावा अंतरिक्ष यानी स्पेस में भी सर्जिकल स्ट्राइक करने की क्षमता विकसित की है। भाइयो-बहनो, ये सब कुछ किसने किया, ये सब कुछ किसने किया? मुझे सब की आवाज आनी चाहिए ये सब कुछ किसने किया? ये सब किसने किया? दूर-दूर जो धूप में तप रहे हैं, ये सब किसने किया? बीते पांच वर्ष में जो कुछ भारत ने हासिल किया, ये सब किसने किया? किसने किया? आपका जवाब गलत है। रोहतक वाले ऐसी गलती करेंगे मैंने सोचा नहीं था, आपका जवाब गलत है। आप कह रहे हैं ये सब कुछ मोदी ने किया, मोदी ने किया, मोदी ने किया। जी नहीं, ये सब कुछ आपके एक वोट ने किया हैं। ये आपकी वोट की ताकत है। भाइयो बहनो, ये सब कुछ हरियाणा के मजबूत इरादों ने किया है। आपने अगर 2014 में दिल्ली में एक ईमानदार और मजबूत सरकार ना बनाई होती तो ये संभव नहीं था।

साथियो, मेरी नीयत, मेरा परिश्रम ही और आपके आशीर्वाद, यही मेरी शक्ति है, इसी नीयत पर 130 करोड़ भारतवासियों का विश्वास मुझे मिला है। इसी नेक नीयत और पुख्ता नीति के साथ भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य लेकर आपका आशीर्वाद लेने के लिए फिर एक बार ये चौकीदार हरियाणा के दरवाजे पर आया है, रोहतक के दरवाजे पर आया है।

साथियो, लेकिन इन सब के बीच आपको कांग्रेस और उसके साथियों से सावधान रहने की जरूरत है। कांग्रेस ने 70 साल तक देश कैसे चलाया है, उनका दिमाग कैसे काम करता है, उनकी खोपड़ी में कितना अहंकार भरा हुआ है, ये कल सिर्फ तीन शब्दों में खुद ही समेट दिया है। इस देश का गरीब और गरीब होता रहा, भ्रष्टाचार दिन-रात बढ़ता रहा, काला धन अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा बन गया, मिडिल क्लास परेशान होता रहा और कांग्रेस या तो उसमें से मलाई खाती रही या तमाशा देखती रही। देश पर सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली कांग्रेस कितनी असंवेदनशील रही है उसका प्रतीक है कल बोले गए तीन शब्द, ये ऐसे ही नहीं निकले हैं। ये शब्द कांग्रेस का चरित्र है, कांग्रेस की मानसिकता है, कांग्रेस के इरादे हैं। वो शब्द तीन कौन से थे, वो तीन शब्द थे- हुआ तो हुआ, हुआ तो हुआ। आप लोग कहेंगे मोदी जी क्या कह रहे हैं? मैं जरा डीटेल में बताता हूं। कांग्रेस का अहंकार, कांग्रेस को चलाने वालों का अहंकार इन्हीं तीन शब्दों में हम भली-भांति समझ सकते थे हुआ तो हुआ। कल कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में से एक ने चीख-चीख कर 84 के दंगों के बारे में कहा कि 84 का दंगा हुआ तो हुआ। आपको पता है ये नेता कौन हैं? ये नेता गांधी परिवार के सबसे करीबी हैं, गांधी परिवार के सारे लोगों के साथ हर रोज इनका बैठना उठना है। ये नेता गांधी परिवार के सबसे बड़े राजदार हैं। ये नेता राजीव गांधी के बहुत अच्छे दोस्त और आज के जो कांग्रेस के नामदार अध्यक्ष है, उनके वो गुरु हैं। इन्होंने कल टीवी के सामने साफ-साफ बोल दिया अगर 84 में दंगा हुआ, हुआ तो हुआ।

भाइयो और बहनो, इनके लिए जीवन का कोई मूल्य नहीं हैं, उनके लिए मनुष्य, मनुष्य नहीं हैं। बहनो, 84 में देश भर में हजारों सिख भाई-बहनों का कत्लेआम हुआ, लेकिन आज कांग्रेस कह रही है की हुआ तो हुआ। अकेले दिल्ली में 2800 से ज्यादा सिखों की हत्या कर दी गई, लेकिन आज कांग्रेस कह रही है की हुआ तो हुआ। सैकड़ों सिखों को पेट्रोल-डीजल डालकर जला दिया गया, गले में टायर डालकर आग लगा दी गई, लेकिन आज कांग्रेस कह रही है कि हुआ तो हुआ। हजारों सिखों को घरों से बाहर निकाल-निकाल कर मारा गया, लेकिन आज कांग्रेस कह रही है कि हुआ तो हुआ। दिल्ली और देश भर में हजारों सिखों के घर जला दिए गए, दुकानें जला दी गई, लेकिन आज कांग्रेस कह रही है कि हुआ तो हुआ। दिल्ली से हजारों की संख्या में सिख भाई-बहनों को, अपने परिवार को लेकर भागना पड़ा, अपना घर-बार छोड़ना पड़ा, लेकिन आज कांग्रेस कह रही है कि हुआ तो हुआ। यहां हरियाणा में, हिमाचल प्रदेश में, मध्य प्रदेश में, उत्तर प्रदेश में, राजस्थान में सैकड़ों सिखों को निशाना बनाया गया और नेतृत्व कांग्रेस के नेताओं ने किया। ये पाप कांग्रेस के हर छोटे मोटे हर व्यक्ति ने किया और आज कांग्रेस कह रही है कि हुआ तो हुआ। कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं पर इन दंगों के दौरान साजिश रचने, दंगों में शामिल रहने का आरोप लगा, लेकिन आज कांग्रेस कह रही है कि हुआ तो हुआ। कांग्रेस ने इसी अहंकार से देश को चलाया है। कांग्रेस के नामदारों के सिर्फ एक कर्म का लेखा जोखा है ऐसे ही कर्मों की वजह से आज 21 वीं सदी का भारत कांग्रेस को 44 सीटों पर ला करके खड़ा कर दिया और इस बार इतनी सीटें जितने के लिए भी देश उनको मदद करने के लिए तैयार नहीं है।

भाइयो और बहनो, सिर्फ एक परिवार को आगे बढ़ाने के लिए, कांग्रेस में समर्थ लोगों का अपमान किया जाता है, उनकी पहचान को ऊपर नहीं उठने दिया जाता है।

साथियो, भाखड़ा-नंगल डैम की सोच, सर छोटूराम की थी, लेकिन उनको कभी इसका क्रेडिट ही नहीं दिया गया। अब तो हद ही हो गई है, कुछ लोग राजनीति के लिए कुछ वोटों के लिए ऐसे महान व्यक्ति का अपमान भी कर रहे हैं। हरियाणा की जनता इसका जवाब जरूर देगी। भाइयो और बहनो, जब सिर्फ एक ही वंश एक ही परिवार का मान सम्मान सर्वोपरि बन जाता है तब दूसरे के मान सम्मान की चिंता नहीं होती है। यही योगदान कांग्रेस का भारतीय राजनीति में रहा है ऐसे परिवार हैं जहां पर भ्रष्टाचार ही संस्कार है और हरियाणा तो इसका भुक्तभोगी रहा है। रोहतक और गोहना की वैसे तो रेवड़ियां बड़ी मशहूर हैं, रोहतक और गोहाना की वैसे रेवड़ियां बड़ी मशहूर हैं, मैं यहां था तब तो खाता था लेकिन गुजरात गया तब भी यहां के पुराने दोस्त मुझे भेजते थे और दिल्ली पीएम बन के आया तब भी भेजते थे। यहां की रेवड़ियां तो मशहूर हैं लेकिन कांग्रेस की सरकार यहां नौकरियां रेवड़ियों की तरह बांटती थी और रेवड़ियों की तरह बेचती भी थी। मनोहर लाल जी की सरकार ने पूरी पारदर्शिता से काम करते हुए हरियाणा के नौजवानों को धोखा देने वाले कांग्रेस के इस खेल को बंद कर दिया है।

साथियो, दिल्ली में जो कांग्रेस के नामदार हैं, उनके जो रिश्तेदार हैं, उन्होंने यहां के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ मिलकर क्या-क्या गुल खिलाए हैं, ये भी पूरा देश जानता है। किसान की जमीन कौड़ियों के दाम पर हड़प ली और फिर उस पर भ्रष्टाचार की खेती की गई है। आज ये जितने भी नामदार हैं, सब के सब बेल पर है जमानत पर है लेकिन आने वाले पांच वर्ष में आपने मुझे पांच साल का मौका दिया वो दरवाजे तक पहुंच गए हैं। दूसरे पांच साल का मौका दीजिए, देश को लूटने वाले जेल के अंदर होंगे।

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भाइयो और बहनो, किसान के साथ-साथ कांग्रेस ने हमारे जवानों को भी नहीं छोड़ा। चाहे वन रैंक वन पेंशन हो, शहीदों के लिए नेशनल वॉर मेमोरियल हो, पुलिस मेमोरियल हो, कांग्रेस ने सभी को धोखा दिया। हमारी सरकार ने ये सारे काम और सम्मान हमारे जवानों के लिए, शहीदों के लिए और उनके परिवार के लिए किए हैं। यही कारण है की राष्ट्र रक्षा और राष्ट्र नीति को लेकर ये कभी बात नहीं करते। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर इनके जो कर्म रहे हैं वो भी सदैव इनके साथ रहने वाले हैं। भाइयो और बहनो, यहां पानीपत में समझौता ब्लास्ट हुआ था, तो पाकिस्तान के आतंकियों को भगा दिया गया और निर्दोष लोगों को फंसा दिया गया। कांग्रेस के दरबारियों ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया कि ये हिन्दू आतंकवाद है।

साथियो, हजारों वर्षों की हमारी सनातन परंपरा को बदनाम करने की कांग्रेस की साजिश को इस बार फिर करारा जवाब मिलने वाला हैं। साथियो, कांग्रेस की इसी कर्मों का परिणाम है कि 2004 से लेकर 2014 तक पाकिस्तान के आतंकी भारत में हमले करते रहे और कांग्रेस की कमजोर सरकार रोती रही। आपके इस चौकीदार ने इस नीति को बदला है। आज हमारे सपूतों को हमने खुली छूट दी है, सीमा में बांधकर नहीं रखा है। हम पर हमला होगा तो दोगुनी ताकत से जवाब देंगे, आप गोली चलाओगे तो चौकीदार गोला चलाएगा। और आप अगर आतंकवादियों को एक्सपोर्ट करोगे तो हम आपके घर में घुस करके मारेंगे।

साथियो, हमारी सेना के जवानों का शौर्य तो हमेशा से ही बुलंद था लेकिन सीमा पार जाना है या नहीं पहले ये फैसला लेने वाली मजबूत सरकार नहीं थी, दोस्तो। आज तक ऐसा व्यक्ति वहां बैठा है जिसने हरियाणा का नमक खाया है। आज हम घर-घर में घुसकर के उनके हौसले कितने ही ऊंचे हो, घुसकर के मारते भी है और दुनिया हमारे साथ खड़ी भी रहती है। आज पाकिस्तान अकेला पड़ गया क्योंकि हमारी कूटनीति भी मजबूत हुई है। भाइयो और बहनो, देश जब समर्थ होता है, सुरक्षा करने में सक्षम होता है तभी दुनिया बात सुनती है।

साथियो, देश की साख बढ़ाने में हमारे यहां के खिलाड़ियों का भी बहुत बड़ा योगदान है। हरियाणा के युवा साथियों ने तिरंगे की शान को हमेशा ऊंचा रखा है। बीते 5 वर्षों में हमने स्पोर्ट्स को भारत की जीवन शैली का, फिटनेस का हिस्सा बनाने का प्रयास किया है। मुझे खुशी है कि टैलेंट की पहचान से लेकर ट्रेनिंग और चयन तक जो पारदर्शी प्रक्रिया हमने अपनाई है उससे खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा है और ये देश को मिलने वाले मेडलों में भी दिखाई देता है।

साथियो, हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास, इसी के लिए समर्पित है। गरीबों का अपना पक्का घर हो, बहनों को शौचालय मिले और गैस की सुविधा हो, किसानों के खाते में आ रही सीधी मदद हो, मेट्रो, रेल कोच सेक्टर और कैंसर अस्पताल जैसी सुविधा हो, आपका जीवन आसान बनाने के लिए अनेक योजनाओं पर काम किया जा रहा है। विकास की ये गति हमें और तेज बढ़ानी है। आपका एक-एक वोट कमल के निशान पर होना चाहिए। आपका हर वोट मोदी के खाते में जाएगा। आपका एक-एक वोट मोदी के खाते में जाएगा। जितने ज्यादा वोटिंग कराओगे, उतने ज्यादा वोट मोदी के खाते में जाएंगे। भारी संख्या में यहां आने के लिए और हमें आशीर्वाद देने के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।

दोनों हाथ ऊपर करके बोलिए भारत माता की... जय, भारत माता की... जय, भारत माता की... जय, बहुत बहुत धन्यवाद।

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India is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM Modi
June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteThe success of Chandrayaan mission and your historic journey renew interest in science among the children and youth of the country: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteYour historic journey is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission and will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!