QuotePM Modi appreciates various BJP Morchas for their paramount role in connecting directly with people and furthering the party’s reach
QuotePt. Deen Dayal Upadhyaya’s Antyodaya is the BJP guiding principle: PM Modi
QuoteCongress humiliated Dr. Ambedkar; they did not even confer Bharat Ratna on him: PM Modi
QuoteIn 2015, NDA Government strengthened the SC/ST (Prevention of Atrocities) Act: PM Modi
QuoteCongress involved in vote-bank politics, they did not let OBC Commission get Constitutional status: PM Modi

सभी कार्यकर्ताओं को नमस्कार।

मैं कल देर रात कर्नाटक से लौटा हूं। और आज सुबह मुझे मोर्चे के कार्यकर्ताओं के साथ बात करने का अवसर मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी में संगठन की रचना में मोर्चों का बहुत बड़ा महत्व है। समाज के भिन्न-भिन्न तबकों के साथ हमारे मोर्चे के कार्यकर्ता निकट संपर्क में होते हैं। वहां से सही जानकारी वो संगठनों और सरकारों को पहुंचाते हैं। और सरकार की सारी नीतियों की बातें और संगठन की दिशा की बातें समाज की उन तबकों को पहुंचाते हैं। और इस काम से लिए आप दिन रात मेहनत करते हैं। बिना कोई निजी स्वार्थ के आपकी मेहनत काबिले दाद है। घर-घर भारतीय जनता पार्टी का संदेश पहुंचा रहे हैं। आज हिंदुस्तान में समाज के सभी वर्गों में और भारत के सब भू-भाग में भारतीय जनता पार्टी की जो पहुंच है और नई पीढ़ी जो भाजपा में आ रही है। उसमें मोर्चों की बहुत बड़ी भूमिका है। और इसके लिए मैं सबसे पहले मोर्चे के सभी कार्यकर्ताओं को अंत:करण पूर्वक ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों।

भारत में आज सामाजिक समरसता का संदेश लेकर जो राजनीतिक दल सबसे प्रखर तरीके से आगे बढ़ रहे हैं, उसमें हम गर्व से कह सकते हैं कि भारतीय जनता पार्टी है। और यही वजह है कि आज सबसे ज्यादा एससी, एसटी, ओबीसी, इस वर्ग के लोग भाजपा से जुड़े हुए हैं। इस वर्ग से सबसे ज्यादा मेंबर ऑफ पार्लियमेंट भाजपा के हैं। चाहे एसटी हो, एससी हो, ओबीसी हो या माइनोरिटी हो, भाजपा सभी को एक साथ आगे लेकरके आगे बढ़ रही है। इस वर्ग का इम्पॉवरमेंट हो, हर क्षेत्र में सशक्त हो, इस दिशा में हमने निरंतर कार्य किया है। और आज ...। इसके लिए दिन-रात मेहनत भी कर रहे हैं। मेरी आप सभी से अपील है कि आप एससी, एसटी, ओबीसी, माइनोरिटी, इन समुदाय के हर घर में जाएं। उनसे जुड़े। और उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताएं। सरकार किस तरह से उनके कल्याण के लिए काम कर रही है। यह सुनिश्चित करें, मतदान में सबकी भागीदारी हो। उन्हें विश्वास दिलाएं कि भाजपा के नेतृत्व में जो सरकार बनेगी वो उनकी प्रगति और समृद्धि के लिए काम करेगी।

साथियों।

भाजपा देश के हर वर्क के लिए, उनके उत्थान के लिए सदैव समर्पित रहा है। हमें तो पंडित दीन दयाल उपाध्यय ने अंत्योदय का मंत्र दिया है। आखिरी छोर पर बैठे हुए व्यक्ति का कल्याण। हमारा संकल्प रहा है, दलित हो, पीड़ित हो, शोषित हो, वंचित हो, गरीब हो, आदिवासी हो, महिला हो, इन सबके लिए उनके कल्याण के लिए बिना रूके, बिना थके ...। थके बिना उनके लिए काम करते रहना। बाबा साहब ने अपने जीवन में जो संघर्ष किए उससे हम परिचित हैं। लेकिन उनका जीवन संघर्ष के साथ ही उनका जीवन उम्मीदों की प्रेरणा से भरा हुआ है। हताशा और निराशा से दूर एक ऐसे भारत का सपना, जो आपने आंतरिक बुराइयों को खत्म करके, सबको साथ लेकरके चलेगा।

संविधान सभा की बैठक के कुछ दिन बाद ही 17 दिसंबर, 1946 को उसी सभा के बैठक में कहा था। और बाबा साहब ने कहा था कि इस देश का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास आज नहीं तो कल होगा ही। सही समय और परिस्थिति आने पर ये विशाल देश एक हुए बगैर नहीं रहेगा। दुनिया की कोई भी ताकत उसकी एकता के आड़े नहीं आ सकती है। इस देश में इतने पंथ और जातियां होने के बावजूद कोई न कोई तरीके से हम सभी एक हो जाएंगे। इस बारे में मेरे मन में जरा भी शंका नहीं है।

बाबा साहेब से भी पहले महात्मा ज्योति बा फूले ने समाज को इस बुराई से बाहर निकालने का एक बड़ा अभियान छेड़ा। ज्योति बा फूले ने सामाजिक बुराइयों से लड़ने के लिए दो रास्ते चुने - एक शिक्षा और दूसरा महिलाओं का सशक्तीकरण। महिलाओं को शिक्षित करने का बीड़ा उन्होंने उस समय उठाया था जब शिक्षा गिने-चुने लोगों, चुनिंदा लोगों का विशेषाधिकार मानी जाती था। उनके अलावा कोई दूसरा पढ़-लिख ही नहीं सकता था। अगर वो ऐसा करता तो अत्याचार की सारी हदें टूट जाती थी। लेकिन ज्योति बा फूले तो अलग ही मिट्टी के इंसान थे। उनकी पत्नी सावित्री बाई फूले के साथ मिलकर उन्होंने लड़कियों के लिए स्कूल खोला। दलित बच्चों को स्कूल तक पहुंचाया। शिक्षा को अधिकार बनाकर और नतीजे की परवाह किए बिना, ज्योतिबा फूले ने समाज के ताकतवर लोगों से टक्कर ली।

ऐसी ही कोशिशें भक्ति के माध्यम से समाज को जागरूक करने वाले दो संत – कबीर दास और रैदास ने भी की। संत कबीर का तो पूरा जीवन ही इन्हीं प्रश्नों के इर्द गिर्द बीत गया। मनुष्य-मनुष्य में भेद को लेकर एक सीधा और साफ सवाल पूछा। कबीर ने कहा था -

एक ही पवन, एक ही पानी, एक ज्योति संसारा।

एक ही खाक, घड़े सब पानी, एक ही सृजन हारा।।

यानि जब सबके मूल में एक ही है, पवन एक है, पानी एक है, सबका जन्म एक है, ज्योति से हुआ है तो मनुष्य-मनुष्य के बीच भेद किस बात का है। ये प्रश्न उस कालखंड में कितना गंभीर रहा होगा। आप ये सोच सकते हैं। उस समय के समाज में ये भेद चरम पर था। संत कबीर ने लोगों को जागरूक करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

समाज के अंदर ऊंच- नीच की इस सोच को लेकर संत रविदास ने भी कड़ी चोट की। संत रविदास का जात पात के विरुद्ध उनका आग्रह बिल्कुल स्पष्ट था। वो कहते थे -

जात पात में जात है, जौं कैलन की पात।

रैदास न मानुष जुड़ सके जो लौंग जात न जात।।

यानि संत रविदास जाति व्यवस्था की तुलना केले के पत्ते से करते हैं। जिस प्रकार केले के पेड़ में पत्तों का एक सिलसिला होता है। एक के बाद दूसरा, दूसरे के बाद तीसरा, इसी प्रकार जाति व्यवस्था है। जातियों और उपजातियों में बंटी एक अंतहीन व्यवस्था, भेदभाव से जुड़ा ऐसा क्रम जिसकी वजह से मनुष्य कभी मनुष्य से जुड़ ही नहीं पाता है। इसी का लाभ स्वार्थी लोग उठाते हैं। और अपने लाभ के लिए जातियों के बीच के दरारों को और चौड़ी करने का प्रयास करते हैं।

हमारे कर्नाटक में मादारा चैन्यैया। सबसे प्राचीन वाचनकारों, राइटर ऑफ वाचनार्थ में, उनमें से एक थे। जिन्होंने सामाजिक एकता के संदेश का प्रसार किया था। उन्होंने अक्सर, सबसे पुराने दलित कवियों में से एक कहा जाता है। कहते हैं कि स्वयं बसश्वेश्वर ने भी मादारा चेन्यैया को अपने समय का वरिष्ठ व्यक्तित्व बताया है और उनका बहुत गुनगान किया है।

इसी तरह उरीलिंगा पेड्डी। एक और महान वचनाकार थे। संस्कृत और शास्त्रों पर उनकी बहुत अच्छी पकड़ थी। उस कालखंड में मठ का अधिपति बनाना, सामाजिक सुधार का एक बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम था।

साथियो।

ऐसे महान व्यक्तित्वों ने हम सभी को जो दिशा दिखाई। अपने जीवन से, अपने कार्यों से, दीर्घकालिक सोच से, वो पूरे देश को, समाज को हमेशा सही रास्ते पर आगे बढ़ाती रहेगी। आज इन्हीं सबकी प्रेरणा से हम बाबा साहब के सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के सपने को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।

साथियो।

आपको जानकरके खुशी होगी कि आज भारत विश्व का सेकेंड लार्जेस्ट स्टील प्रोड्यूसर है। आज भारत विश्व का सेकेंड लार्जेस्ट मोबाइल फोन प्रोड्यूसर है। आज भारत विश्व का थर्ड लार्जेस्ट इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूसर है। आज चौथा सबसे बड़ा ऑटो मोबाइल का मार्केट भारत में है। भारत के 99 शहर स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में अग्रसर है। 500 सिटिज पर अमृत इंफ्रास्ट्रक्चर इनिसिएटिव का पोजिटिव इम्पेक्ट नजर आ रहा है। नेशनल वाटरवेज के लिए ट्रांसफोर्मेटिव जल मार्ग विकास प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया है। 24 राज्यों में 11 आइरलैंड वाटरवेज को नेशनल वाटरवेज डिक्लेयर किया गया। 2019 तक 99 बड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि पानी किसान के खेत में पहुंचे।

साथियो।

हमने तय किया है कि इन संतों समेत हम बाबा साहब के विचारों को देश की नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। क्योंकि इन विचारों की शक्ति हमारे युवाओं को आत्मविश्वास देगी, समृद्धि और खुशहाली के द्वार खोलेगी। ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमें बाबा साहेब अंबेडकर की जीवन से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थानों मध्य प्रदेश के महू में बाबा साहेब की जन्मभूमि, लंदन में डॉ बाबा साहेब मेमोरियल उनकी शिक्षा भूमि, नागपुर में दीक्षा भूमि, मुंबई में चैत्य भूमि और दिल्ली में नेशनल मेमोरियल के तौर पर उनकी महापरिनिर्वाण भूमि, इन सभी को पंच तीर्थ के तौर पर विकसित करने का अवसर मिला।

और मैं मोर्चे के सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह करूंगा। आपको जब भी दिल्ली आने का मौका मिले। आप दो तीन चीजें जरूर देखें। दो बड़े स्मारक हमने बाबा साहेब का बनाए हैं। उसकी आप जरूर मुलाकात कीजिए। एक सरदार पटेल का बनाया है। इन महापुरुषों को भूला दिया गया था। आप जब भी आएं। आप हैरान हो जाएंगे। वहां जो चीजें रखी है। देखकरके लगेगा कि बाबा साहब इतने बड़े इंसान थे। इतना बड़ा काम किया था। और इसलिए मुझे बहुत संतोष है कि काम करने का सौभाग्य मुझे मिला है।

हमने समाज के पिछड़े वर्गों, दलित और आदिवासी भाइयो बहनो के सामाजिक उत्थान के लिए, उनके सम्मान के लिए निरंतर प्रयास किया है। साल 2015 में दलितों पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए जो कानून है, सेड्यूल कास्ट एंड सेड्यूल ट्राइव प्रिवेंसन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट को हमने और सख्त किया है। इस एक्ट में कवर होने वाले क्राइम को 22 अलग-अलग अपराधों से बढ़ाकरके 47 कर दिया। क्योंकि मैं जानता हूं कि गरीबों को कैसी तकलीफ होती है। दलित को क्या बीतती है, आदिवासियों पर क्या बीतती है, कैसी-कैसी भाषा प्रयोग की जाती है। उन सारी चीजों को खोज-खोजकरके हमने 22 से 47 पर ले गए ताकि दलित को सम्मानपूर्वक जीने का, आदिवासियों को सम्मानपूर्वक जीने का, कानूनी एक अवसर मिले।

और इसलिए हमारे एससी, एसटी, ओबीसी भाई बहन।

भाइयों उनका आर्थिक रूप से भी समृद्ध होना जरूरी है। वे अपने पैरों पर खड़े हैं। रोजगार में उन्हें मदद मिले। इसके लिए मुद्रा, स्टैंडअप इंडिया जैसी विभिन्न योजना के तहत उन्हें आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। मुद्रा योजना के तहत अब तक 12 करोड़ से ज्यादा लोन स्वीकृत किए गए हैं। स्टैंडअप इंडिया के माध्यम से ढाई लाख से अधिक एसटी, एससी और महिला उद्यमियों को सशक्तीकरण का प्रयास किया गया है। कर्नाटक में छोटे व्यवसायियों को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए के 1.27 करोड़ लोन स्वीकृत किए गए। पूरे देश में दिए गए कुल लोन का 10.6 प्रतिशत से अधिक लोन सिर्फ कर्नाटक में दिया गया है।

कांग्रेस के दिल में दलितों और पिछड़ों के लिए कोई जगह नहीं है। ऐसा आज से नहीं, दशकों से चला आ रहा है। बाबा साहेब के प्रति कांग्रेस का जो व्यवहार रहा है, वह दिखाता है कि कांग्रेस के दिल में बाबा साहेब के लिए भी कोई सम्मान नहीं है। चाहे 1952 का लोकसभा का चुनाव हो या 1953 में भंडारा सीट से लोकसभा का उपचुनाव हो, कांग्रेस ने उन्हें हराने के लिए पूरी शक्ति लगा दी। और यही वजह रही कि बाबा साहब को हार के अपमान का सामना करना पड़ा। मैं तो बार-बार कहता हूं कि कांग्रेस एक काम बता दे ...। और मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कहता हूं। कांग्रेस एक काम बता दे जो उसने बाबा साहेब के सम्मान के लिए किया हो, उनके सम्मान के लिए कुछ किया हो। बाबा साहेब को भारत रत्न देने का आग्रह हो या संसद के सेंट्रल हॉल में तेल चित्र लगाने की बात हो, बीजेपी हमेशा बाबा साहेब के सम्मान के लिए लड़ती रही, खड़ी रही।

और इसलिए नौजवान साथियो। मेरे मोर्चा के कार्यकर्ताओं।

बहुत कुछ कहने को है। लेकिन आप लोगों के लिए भी चुनाव का आखिरी दिन है। घर-घर जाकर जाना होगा। एक-एक मतदाता को मिलना होगा। और कांग्रेस ने जिस प्रकार के कारनामे शुरू किए हैं। फेक वोटर आई कार्ड बनाने का काम काज शुरू किया है। विद्यार्थियों की जिंदगी तबाह करने का खेल खेला है। आपको घर-घर जाकर समझाना होगा। और मुझे पता है कि आपको जल्दी होगी। अगर आप कुछ कहना चाहते हैं, कुछ पूछना चाहते हैं। मुझे खुशी होगी कि आपलोगों से मिलकर बात करने की।

एससी मोर्चा के कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संदीप -  जी नमस्ते।

पीएम मोदी – नमस्ते।

डॉ. संदीप - नरेन्द्र मोदी जी भक्तिपूर्वक आपको नमस्कार करता हूं। जय भीम।

पीएम मोदी – नमस्कार। डॉ संदीप नमस्ते।

डॉ. संदीप - आदरणीय मोदी जी। आज मैं जो भी हूं वो सिर्फ बाबा साहब अंबेडकर के त्याग, परिश्रम और उनके संविधान के कारण हूं और स्वाभिमान जीवन जी रहा हूं। मेरा प्रश्न आपको दलित और आदिवासी के लिए आपकी क्या योजना है। आपसे बात करके बहुत खुश हूं। धन्यवाद।

पीएम मोदी – डॉ. संदीप हमें गर्व है कि आप जैसे पढ़े-लिखे नौजवान अपने निजी करियर के उपरांत देश समाज के लिए समय दे रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से दलितों और पिछड़ों की सेवा में आप लगे हैं। मैं सबसे पहले डॉ संदीप आपको ह्रदय से बधाई देता हूं। वर्ना कभी-कभी क्या होता है कि जो पढ़करके आगे निकल जाते हैं, वह अपने समाज को ही छोड़ देते हैं। मुझे खुशी है कि आप स्वयं आगे बढ़े लेकिन आप समाज को आगे बढ़ाने के काम में जुटे हुए हैं। एक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के नाते मुझे उन दलित कार्यकर्ताओं के प्रति बहुत गर्व होता है जो खुद बड़े होने के बाद भी धरती पर जुड़े रहते हैं। अपने गरीब दलित और पिछड़े भाइयो की चिंता करते हैं। और डॉ संदीप आप इस काम को कर रहे हैं। इसलिए मैं पहले तो आपको बधाई देता हूं। और देशभर में आपके जैसे जितने लोग हैं, उनस सबको बधाई देता हूं।

डॉ. संदीप – धन्यवाद जी।

पीएम मोदी - पार्टी अनुसूचित जाति के सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। और हमने कर्नाटक के मेनिफेस्टो में भी विस्तार से बताया है कि हमने इस दिशा आगे बढ़ने के लिए क्या योजना तैयार की है। आप कर्नाटक के मेनिफेस्टो में देख सकते हैं।

पहले से मौजूद एससी स्टूडेंट स्कॉलरशिप की राशि बढ़ाने के लिए 3000 करोड़ रुपए से बाबू जगजीवन राम छात्रवृति योजना शुरू की जाएगी। इससे 600 एससी छात्रों को विदेश में हाइयर एजुकेशन और देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के एससी छात्रों को अपनी फीस जमा करने में मदद मिलेगी।

एससी एंटरप्रेन्योर्स के लिए एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट और इन्क्यूवेशन प्रोग्राम चलाने के लिए भीमराव राम जी अंबेडकर एंटरप्रेन्योरशिप स्कीम के तहत 500 करोड़ की राशि निर्धारित की जाएगी।

महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को नोमिनल मात्र एक प्रतिशत के ब्याज पर लोन देने ...। इसके अतिरिक्त एससी महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स द्वारा लिए जाने वाले लोन पर पांच हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी

एससी कम्युनिटीज के लिए मदारा चेन्नैया हाउसिंग स्कीम के तहत 8500 करोड़ की मदद से आधुनिक आवास का निर्माण किया जाएगा।

सरकार आज विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक न्याय और बिना किसी भेदभाव सभी को समानता का अधिकार देने का प्रयास कर रही है। दशकों से हमारे देश में जो असंतुलन बना हुआ था। उसे समाप्त करने की दिशा में हमने काम किया है।

जन धन योजना। स्वतंत्रता के इतने वर्षों के बाद भी करोड़ों लोगों के पास बैंक खाते नहीं थे। जन धन योजना के तहत अब तक देश में 31 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खुलवाए जा चुके हैं।

शौचालय का निर्माण। इसी तरह देश के करोड़ों घरों में शौचालय नहीं था। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश में हमारी सरकार ने सात करोड़ शौचालय बनवाए हैं। इनमें से सवा दो करोड़ शौचालय ग्रामीण इलाकों में रहने वाले दलित और आदिवासियों के घरों में बने हैं।

बिजली की सुविधा। आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश में 18 हजार से ज्यादा गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। हमने इस पर तेजी से काम शुरू किया है। और आज देश के हर हर गांव मे बिजली पहुंचाई जा चुकी है।

अब हमारा दूसरा पड़ाव है। अब गांव में बिजली पहुंची। अब घर में बिजली पहुंचे। हर घर को बिजली से जोड़ने का भगीरथ काम भी शुरू कर दिया गया है। प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत देश के चार करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन मुफ्त दिया जा रहा है।

आयुष्मान भारत। सामाजिक असंतुलन दूर करने की दिशा में हमने एक और बड़ा प्रयास किया है। वह है आयुष्मान भारत योजना।

डॉ संदीप आप तो स्वयं डॉक्टर हैं। आप तो जानते हैं कि इस योजना के तहत सरकार देश के 11 करोड़ गरीब परिवारों यानि करीब-करीब पैंतालिस से पचास करोड़ लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस देने जा रही है।

और आप ...। जितनी योजनाएं मैंने बताई, इन सारी बातों से वंचित कौन था। अगर टॉयलेट नहीं था तो किसके घर में नहीं था। अगर बिजली नहीं थी तो किसके घर पर नहीं थी। अगर दवाई के पैसे नहीं थे किसके घर में नहीं थे। ये मेरे दलित भाई हैं। ये मेरे आदिवासी भाई हैं। ये मेरे गरीब ओबीसी भाई हैं। इन्हीं के साथ ये हुआ है। और इसलिए मैंने ये सारी योजनाएं ऐसी बनाई है जिसमें जातीय आधार नहीं है लेकिन उसके लाभार्थी दलित हैं, दबे हैं, शोषित हैं, कुचले हैं, वंचित हैं, उन्हीं के काम आने वाला है। और अगर एक बार उनकी जिंदगी बदली तो देश बदल जाएगा।

पीएम मोदी – जी हनुमंथप्पा जी। बताइए।

एससी मोर्चा के कर्नाटक राज्य महासचिव, एच हनुमंथप्पा जी – सर नमस्कार। भारत के एससी, एसटी समुदाय के लोगों के विकास और उनके सशक्तीकरण के लिए हमें क्या करना चाहिए।

पीएम मोदी – हनुमंथप्पा जी। ये चुनाव की आपाधापी में आपने समय निकालकरके बात की। मुझे अच्छा लगा। बीजेपी हमेशा ट्राइबल समुदाय के लोगों की आशा और आकांक्षा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रही है। ट्राइबल कम्युनिटी की आशा और आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से वर्ष 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने छत्तीसगढ़ और झारखंड को राज्य का दर्जा दिया गया।

आपको जानकरके खुशी होगी कि हमारे देश में आजादी के बाद पहली बार एसटी के लिए अलग मंत्रालय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने बनाया था। इससे पहले केवल एक कमीशन था, एससी एसटी कमीशन जो इन कम्युनिटिज के कल्याण से संबंधित मुद्दों को देखता था।

एक बार फिर से अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के तहत 89वां संशोधन पारित किया गया। जिसके परिणामस्वरूप नेशनल कमीशन फॉर सेड्यूल ट्राइब का भी अलग से गठन हुआ।

ऐसे राज्य सबसे ज्यादा ट्राइबल पॉपुलेशन के लोग बसते हैं, वहां बीजेपी की सरकार है। सबसे ज्यादा ट्राइबल पोपुलेशन वाले टॉप सात राज्यों में से छह राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, और छत्तीसगढ़। ये राज्य ऐसे हैं जहां सर्वाधिक हमारे ट्राइबल बंधु रहते हैं। और वहां पर लोग भारतीय जनता पार्टी को चुनते हैं। पूर्वोत्तर के राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा जहां बहुत बड़ी मात्रा में ट्राइबल कम्युनिटिज क लोग हैं, वहां पर भी भाजपा की सरकारें हैं। और नागालैंड और मेघालय में भी हम सरकार में हिस्सेदार हैं। ये स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पूरे देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों में निवास कर रहे ट्राइबल कम्यूनिटी के लोग बीजेपी के विकास एजेंडे को भरपूर समर्थन कर रहे हैं।

चाहे फॉरेस्ट एक्ट हो या फिर बांस को लेकर हमारे प्रयास हो, हमने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एसटी इम्पॉवरमेंट की दिशा में प्रयास किया है। फॉरेस्ट राइट्स एक्ट के तहत 55.4 लाख एकड़ वन भूमि के क्षेत्रफल में 16.5 लाख इंडीविजुअल फॉरेस्ट राइट टाइटल प्रदान कर दिए गए है। लगभग 47 लाख एकड़ वन भूमि पर कम्युनिटी फॉरेस्ट राइट्स टाइटल प्रदान कर दिए गए।

हमने 90 साल के बाद कानून में संशोधन कर बांस को मिला पेड़ का दर्जा और आर्थिक इस्तेमाल के लिए बांस को काटने और उसकी ढुलाई के लिए परमिट की जरूरत को समाप्त कर दिया है। पहले बांस चाहे कहीं भी उगे, उसे काटने के लिए, उसे ट्रांसपोर्ट करने के लिए परमिट की जरूरत पड़ती थी। इससे किसान गैर कृषि भूमि पर भी बांस को उगा सकेंगे और अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे। वहीं, पर्यावरण की दृष्टि से भी इसका बहुत बड़ा लाभ मिलेगा।

इन सबके अलावा, कर्नाटक के मेनिफेस्टो में भी एसटी एमपावरमेंट को लेकर हमारी क्या योजनाएं हैं। उसके बारे में विस्तार से बताया है।

सभी मौजूदा एसटी छात्रों की स्कॉलरशिप बढ़ाने के लिए 15 हजार करोड़ की महर्षि बाल्मिकी छात्रवृति योजना शुरू की जाएगी। इसके माध्यम से 400 एसटी छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने और देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के एसटी छात्रों को अपनी डिपोजिट फीस जमा करने में बहुत मदद मिलेगी।

चित्रदुर्ग, मैसूर, उत्तर कन्नड़ और बादल कोट में जनजातीय युवाओं को बीएसएफ, सीआरपीएफ और पुलिस फोर्सेस में शामिल करने के लिए तैयारियां करवाने के लिए फोर सिंदुरा लक्ष्मण प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएंगे।

एसटी कोटे में जनजातीय चिकित्सा संस्थान स्थापित करने के लिए 100 करोड़ आवटित किए जाएंगे। मधकारी नायक हाउसिंग स्कीम के तहत 650 करोड़ की लागत से एसटी समुदाय के लिए घरों का निर्माण किया जाएगा।

सीग गांव में, जनपद विश्वविद्यालय में ट्राइबल आर्ट कल्चर, लैग्वेंजेज के रिसर्च और प्रमोशन के लिए बुद्ध परंपरा केंद्र की स्थापना की जाएगी। रायचुर, बेल्लारी, कोलार, चामराज नगर और विराज कोट में पांच भव्य बाल्मिकी भवन बनाने के लिए बाल्मिकी संस्कृत योजना के तहत 125 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

और आपको पता होगा पिछले दिनों भारत सरकार ने कई वर्षों से कर्नाटक के कुछ परिवार, कुछ समाज के लोगों जिनको एसटी कैटेगरी के बाहर रखा गया था। सरकार की गलती के कारण हुआ था। लोग लड़ रहे थे, आंदोलन कर रहे थे। अपनी बात बता रहे थे। लेकिन पहले की किसी सरकार ने मानी नहीं। मुझे आज संतोष है कि हमने तीन चार महीने पहले ही हमारे इन समाजों को उनका एसटी के नाते जो अधिकार था, हमने दे दिया। और जब मैं इस बार चुनाव प्रचार में आया था तो समाज के सारे लोग इतने प्यार से मुझे मिले थे, इतने आशीर्वाद दे रहे थे। मैं समझता हूं कि ये बहुत बड़े सौभाग्य की बात है कि आजादी के 70 साल तक जिन समाजों को अन्याय झेलना पड़ा था, उनके लिए न्याय का काम करने का मुझे अवसर मिला है।

पीएम मोदी - नमस्ते जी।

कर्नाटक प्रदेश ओबीसी मोर्चा सदस्य, श्यामला कुंडर – सवाल ये है सर। ओबीसी समाज के बहुत सारे लोग भाजपा और प्रधानमंत्री का समर्थन करता है। ओबीसी समाज को गर्व है कि उनमें से एक आज देश का प्रधानमंत्री है। क्या आपको नहीं लगता है कि कांग्रेस ओबीसी कमीशन को ब्लॉक करके समाज के साथ गलत कर रहे हैं।

पीएम मोदी – श्यामला जी आप उडुपी से हैं और मैं गुजरात का हूं। और गुजरात के द्वारका का उडुपी के साथ विशेष नाता है। भगवान द्वारकाधीश की ये धरती, भगवान श्रीकृष्ण की धरती से हमारा विशेष नाता है।

आपने ओबीसी समाज की चिंता की। मैं मानता हूं कि समाज में अगर विकास सही नहीं होता है। अगर पिछड़ा समाज का कोई केयर नहीं करेगा तो वो जो समाज आगे है, उनको भी वो पीछे खींचकर ले जाएंगे।

अगर देश को आगे बढ़ाना है तो नीचे के तबके के जो लोग हैं, उन्हीं को ऊपर उठाना होगा। हमारी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। ओबीसी समुदाय का विकास। क्योंकि भारत में बहुत बड़ा वर्ग ओबीसी समुदाय से हैं।

जैसा आपने कहा। मैं स्वयं उसी समुदाय में पैदा हुआ, वहीं पला बढ़ा और कैसी दिक्कतों से गुजरना पड़ता है। मैं ये स्वयं अनुभव करके आया हूं। उसे जीकरके आया हूं। और अगर ऐसे बच्चों को, ऐसे परिवार को अगर थोड़ा सा भी सहारा मिल जाए तो ये खुद को भी आगे ले जा सकते हैं, देश को भी आगे ले जा सकते हैं। और हमने इस समुदाय के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। ओबीसी जातियों को ओबीसी की केंद्र सरकार की सूची में शामिल करने और बाहर करने की सिफारिश करने वाला राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पास बहुत ही सीमित अधिकार हैं।

ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा मिले, हमने इस दिशा में प्रयास शुरू किया। आपको जानकरके आश्चर्य होगा कांग्रेस की सरकारों में 20-20, 25-25 साल से ओबीसी समाज, ओबीसी एमपी, ओबीसी एमएलए मांग करते रहे। कांग्रेस ने कभी ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए सोचा तक नहीं। उनको क्या तकलीफ थी, मैं अभी तक समझ नहीं पाया। हर बार उसमें रोड़े अटकाते रहे। समाज मांग करता रहा।

और कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति करती रही। ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने से रोकने के लिए ही कांग्रेस ने संसद को चलने नहीं दी। और यह मैं गंभीर आरोप लगाता हूं कांग्रेस के ऊपर। ये समाज के पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए हम काम कर रहे थे। उसमें उनको राजनीति दिखती है। और इसलिए पार्लियामेंट को ही चलने नहीं दिया। कांग्रेस की दलित, आदिवासी, पिछड़ा विरोधी मानसिकता को ये स्पष्ट रूप से उजागर करती है।

ओबीसी समुदाय में जो अति पिछड़े हैं। उन्हें सरकार और शिक्षण संस्थानों में तय सीमा में रहते हुए आरक्षण की और ज्यादा सुविधा मिले। इसलिए ओबीसी समुदाय में सब कैटेगरी बनाने के लिए हमने कमीशन भी बनाया है। पहले छह लाख की सलाना की आय वाले कर्मचारी क्रिमीलेयर के दायरे में आ जाते थे। सरकार ने इसे बढ़ाकर 8 लाख रुपए प्रति वर्ष कर दिए हैं। पहले सरकार और पीएसयू में काम कर रहे कर्मचारियों में क्रिमीलेयर की समानता नहीं थी। और इसे खत्म करने की मांग पिछले 24 सालों से की जा रही थी। हमने कुछ महीने पहले ही इस असंतुलन को भी खत्म कर दिया है।

और इसलिए देश का ये सबसे बड़ा वर्ग है ओबीसी।

उसमें भी बहुत लेयर बन गए हैं। नीचे के तबके की ओबीसी के लोगों की एक विशेष चिंता करने की जरूरत है ताकि ओबीसी समाज भी समान रूप से ऊपर आए, ताकतवार बने, देश के विकास में भागीदार बने। और इसलिए हमने इन सारे पहलुओं पर बड़ी गहराई से काम करने की दिशा में एक कमीशन की रचना की है।

पीएम मोदी - नमस्ते मुन्नी कृष्णा जी।

कर्नाटक स्लम मोर्चा के राज्य महासचिव, मुन्नी कृष्णा जी – नमस्ते नमस्ते जी। आदरणीय त्यागमयी देश के जनप्रिय प्रधानमंत्री जी मेरा प्रणाम।

पीएम मोदी – आप शिरडी बाबा जी के साथ बैठे हैं। मैं भी शिरडी बाबा को प्रणाम करता हूं।

मुन्नी कृष्णा जी – धन्यवाद, धन्यवाद जी। हमारा प्रश्न कर्नाटक प्रदेश में नगर के स्लम क्षेत्र में रहने वाले लोगों का जीवन उत्तम करने के लिए हम क्या मदद कर सकेंगे।

पीएम मोदी - मुन्नी कृष्णा जी आपकी बात सही है। जैसे-जैसे शहरों का तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन साथ-साथ स्लम भी बढ़ता चला जा रहा है।

और हमारा विश्वास है कि देश का कल्याण हो, इसके लिए जरूरी है कि गरीब, आदिवासी, दलित और गरीब का, पीड़ित का, शोषित का, दलित का कल्याण हो। हमें इन एरियाज में लोगों के क्वालिटी ऑफ लाइफ को बेहतर करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें बिजली उपलब्ध हो, पानी उपलब्ध हो। उनको उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिले। सरकार उनके जीवन में सुधार लाने का हर संभव प्रयास कर रही है।

कुछ दिन पहले की बात है। मैं टीवी पर देख रहा था। गांव और खासकर स्लम एरिया में रहने वाली बहनें कह रही थी कि उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन मिलने से उन्हें काफी लाभ मिला। खाना बनाने में आसानी हुई। धुएं से मुक्ति मिल गई, बीमारी से मुक्ति मिली। और बहुत जल्दी में काम से निबट करके वो अगल-बगल में कहीं रोजी कमाने चले जाते थे। परिवार को आर्थिक मदद भी मिलती थी। सालों से इन लोगों के पास एक पक्की छत भी नहीं थी। उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था।

हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत ताकि देश के गरीब के पास, वंचित के पास, झुग्गी झोपड़ी वालों के पास भी उनका अपना खुद का पक्का घर हो। उस घर में नल में पानी हो, बिजली हो, उनके घर में टॉयलेट हो, नजदीक में बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था हो।

आजादी के 75 साल होंगे तब 2022 तक, चाहे स्लम हो, गांव हो, गरीब हो, हर परिवार को उनका घर मिले, इतना बड़ा हमने सपना देखा है। आप कल्पना कर सकते हैं कि जब हर घर बिजली पहुंचेगी। देश के हर घर को बिजली मिले। इसके लिए हमने सौभाग्य योजना बनाई है।

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर बिजली योजना के तहत गरीबों के मुफ्त में बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे। इस पर हम तेजी से काम कर रहे हैं। अगले एक वर्ष में इसे पूरा करने की दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं।

गरीब हो या दलित, पीड़ित हो या वंचित, हर किसी को अपनी समस्या से लड़ने की ताकत मिलनी चाहिए। वो भी आगे बढ़े। और हमने इस दिशा में काम किया है। उनकी जिंदगी में बदलाव आए। उनकी जिंदगी से अंधेरा दूर हो। और वे भी मुख्यधारा से जुड़े। हमारा ये प्रयास है। सभी को सशक्त करते हुए एक न्यू इंडिया का निर्माण ...। ये हमारा संकल्प है। और हम इसके लिए काम कर रहे हैं। हम सभी को साथ मिलकरके काम करना है और एक साथ आगे बढ़ना है।

लेकिन मैं मुन्नी कृष्ण जी आपसे आग्रह करता हूं। देखिए हम स्लम में रहने वाले लोगों को आसानी से कितनी मदद कर सकते हैं। जैसे 90 पैसे वाला बीमा ...। स्लम में रहने वाला गरीब से गरीब भी ये बीमा ले सकता है। उसके परिवार में कोई संकट आ जाए। दो लाख रुपए उसको तुरंत मिल जाएंगे।

आयुष्मान भारत योजना आ रही है। घर में 5 लाख रुपए तक का बीमारी का खर्चा अब उसको नहीं करना पड़ेगा। ये खर्चा अब भारत सरकार करेगी। उसको हमने जोड़ना चाहिए।

हमने उसका जन धन एकाउंट अगर कहीं रह गया तो उसका बनाना चाहिए। इसमें उसको रूपे कार्ड मिलेगा। उसमें भी उसको कोई मुसीबत आई तो उसको दो लाख रुपए की मदद मिल जाएगी।

हमने एक काम ...। अगर हमने स्लम के लोगों की जिंदगी में ...। हमने व्रत लेना चाहिए कि मैं जिस क्षेत्र में रहता हूं ...। स्लम में रहने वाले बच्चे हैं। कोई भी बच्चा अशिक्षित नहीं रहेगा। आपने देखा होगा। पिछली बार मैंने मन की बात में कहा था। दिल्ली के कुछ नौजवान ...। वे, ये जो रेलवे प्लेटफार्म पर भटकने वाले बच्चे हैं, जिनका कुछ नहीं है। स्लम में रहने वाले ...। उनको बिठाकरके पढ़ाना शुरू किया। वे पढ़े-लिखे बच्चे हर दिन एक घंटा दो घंटा देते हैं। उन बच्चों की जिंदगी बदल रही है।

अगर हमारा स्लम मोर्चा ये बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दे। खेलकूद का कार्यक्रम करे। आप देखिए। वो स्लम से बाहर निकलने के लिए हिम्मतवान बन जाएगा।

और भारत सरकार। अब येदुरप्पा सरकार की बनेगी तो कर्नाटक सरकार भी इस काम में आपके लिए मदद में साथ खड़ी रहेगी। क्योंकि स्लम की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए हम बहुत आसानी से आगे बढ़ सकते हैं। उनको मकान मिले। उनको बिजली मिले। उनको गैस का कनेक्शन मिले। उनको एलईडी बल्ब मिले। उनको जल प्रबंधन मिले। उनको नजदीक में काम करने का अवसर मिले। ये सारी चीजों का ...। एक होलिस्टिक एप्रोच ...। एक-दूसरे से जुड़ा हुआ, टुकड़ों में नहीं। एक को एक मिला, दूसरे को दूसरा तो दुनिया बदलती नहीं है। उसको सब चीजें एक साथ मिले। ताकि उसकी जिंदगी बदल जाए। उस काम को करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं।

मुझे खुशी है कि आज चुनाव के आखिरी दिन आप सभी मोर्चा के ...। क्योंकि मोर्चे भारतीय जनता पार्टी के संगठन की पिलर हैं। वो पक्की ताकत देने वाले हैं।

आप से मुझे बात करने का मौका मिला है। मैंने जो कर्नाटक में जोश और उत्साह देखा है। वो आपकी परिश्रम के बदौलत है। लेकिन 12 तारीख शाम पांच बजे तक चैन बैठना नहीं है। इतनी मेहनत करनी है, इतनी मेहनत करनी है, इतने मतदाताओं को लाना है। और जो गलत कर रहे हैं, जो भ्रम फैला रहे हैं, जो झूठ फैला रहे हैं, उनको बेनकाब करने का काम भी घर-घर जाकरके करना है।

मैं फिर से एक बार, सभी मोर्चों के मेरे जानदार-शानदार कार्यकर्ताओं को ह्रदयपूर्वक नमन करते हुए मेरी बात को समाप्त करता हूं। और आप सबको भव्य विजय की शुभकामनाएं देता हूं। कर्नाटक की जनता ने मुझे अपार प्यार दिया, आशीर्वाद दिया। मैं फिर से एक बार कर्नाटक की जनता का अंतकरणपूर्वक आभार व्यक्त करता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    हर हर मोदी🙏
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    जय भारत
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    जय हिंद
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    जय श्री सीताराम
  • शिवकुमार गुप्ता January 19, 2022

    जय जय श्री राम
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IFS Officer Trainees of 2024 Batch call on PM
August 19, 2025
QuotePM discusses India’s role as a Vishwabandhu and cites instances of how India has emerged as a first responder for countries in need
QuotePM discusses the significance of Officer Trainees in their role as future diplomats as the country moves ahead towards the aim of becoming developed by 2047
QuotePM emphasises on the role of communication in a technology driven world
QuotePM urges the trainees to create curiosity about India among youngsters in various countries through quizzes and debates
QuoteDiscussing the emerging opportunities for private players globally, PM says India has the the potential to fill this space in the space sector

The Officer Trainees of the 2024 Batch of Indian Foreign Service (IFS) called on Prime Minister Shri Narendra Modi at his residence at 7, Lok Kalyan Marg earlier today. There are 33 IFS Officer Trainees in the 2024 batch from different States and UTs.

Prime Minister discussed the current multipolar world and India’s unique role as a Vishwabandhu, ensuring friendship with everyone. He cited instances of how India has emerged as a first responder for countries in need. He also underlined the capacity building efforts and other endeavours undertaken by India to lend a helping hand to the Global South. Prime Minister discussed the evolving sphere of foreign policy and it’s significance in the global fora. He spoke about the key role that the diplomats are playing in the evolution of the country as a Vishwabandhu on the global stage. He underscored the significance of the Officer Trainees in their role as future diplomats as the country moves ahead towards the aim of becoming developed by 2047.

Prime Minister engaged in a wide-ranging interaction with the Officer Trainees and asked them about their experience so far, after joining the government service. The officer trainees shared their experiences from their training and research tasks undertaken by them, which included topics such as Maritime diplomacy, AI & Semiconductor, Ayurveda, Cultural connect, Food and Soft Power, among others.

Prime Minister said that we must create curiosity amongst youngsters in various countries about India with Know Your Bharat quizzes and debates. He also said that questions of these quizzes should be regularly updated and include contemporary topics from India such as Mahakumbh, Celebration of completion of 1000 years of Gangaikonda Cholapuram Temple and so on.

Prime Minister emphasised on the important role of communication in a technology driven world. He urged the officer trainees to work on exploring all the websites of the Missions and try to find out what can be done to improve these websites for effective communication with the Indian diaspora.

Discussing the opening up of the space sector for private players, PM emphasized on exploring opportunities in other countries for expanding the scope of Indian startups coming up in this sector. PM said that India has the potential to fill this space in the space sector.