Congress believes in caste-based politics, says PM Modi in Bhilwara, Rajasthan

Published By : Admin | November 26, 2018 | 11:58 IST
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PM Modi criticises Congress party for its double standards with regards to the national security of India, remembers those who were martyred during 26/11 Mumbai terror attacks
Government has worked tirelessly and ensured 90% coverage of LPG gas cylinders for the poor women: PM Modi
Congress never thought about welfare of the tribal communities. It was only under Atal Bihari Vajpayee Ji's leadership, that a dedicated Ministry of Tribal Affairs was created: PM
Congress believes in caste-based politics, they are now questioning what is Modi's caste: PM Modi
When we came to power, we began investigations and curbed corruption. Nearly Rs. 90,000 crore which earlier went into the pockets of the corrupt have been saved: PM
We have launched the Ayushman Bharat Yojana. This is ensuring best medical treatment and affordable healthcare facilities to the poor and the middle class: PM

भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय!

मंच पर विराजमान संसद में मेरे साथी और भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ समर्पित सेनापति मेरे मित्र भाई ओमजी माथुर जी, सांसद भाई चंद्रप्रकाश जोशी जी, सांसद सुभाषचंद्र बहेड़िया जी, जिला पंचायत के प्रमुख श्रीमान शक्ति सिंह जी हाडा, जिलाध्यक्ष श्रीमान लक्ष्मी नारायण डाड, संयोजक भाई दामोदर, जिला प्रभारी श्रीमान पुखराज पहाड़िया, भीलवाड़ा जिला प्रभारी श्रीमान गुरुचरण जी, नगरपरिषद सभापति श्रीमती दीपिका जी कंवर और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार...शाहपुरा से हमारे वरिष्ठ नेता श्रीमान कैलाश जी मेघवाल, मांडल से कालू लाल गुर्जर, भीलवाड़ा से विट्ठल जी शंकर, मांडलगढ़ से गोपाल लाल शर्मा, गंगापुर से श्रीमान रूपलाल जाट, जहाजपुर से श्रीमान गोपीचंद मीणा, आसींद से जबर सिंह सांखला और विशाल संख्या में पधारे हुए भीलवाड़ा के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

ये चारों तरफ मैं जो जनसागर देख रहा हूं, जो उत्साह और उमंग देख रहा हूं, जो राजदरबारी हैं और रागदरबारीगाने गाने की आदत पड़ी हुई है...और जो एयरकंडीशंड कमरों में बैठ करके भाजपा हार जाए ऐसे गीत गाते रहते हैं, वे जरा ये नजारा देख लें। ये राजस्थान की धरती है, ये वीरों की धरती है और ये भीलवाड़ा तो कितने ही संकट आए, कितनी चुनौतियां आईं लेकिन ये भीलवाड़ा था जिसने राणा प्रताप का साथ नहीं छोड़ा था। जो मुसीबतों में भी महाराणा को नहीं छोड़ा, जिसने संकटों के समय भी मुसीबतें झेलना पसंद किया लेकिन आखिरी दम तक राणा प्रताप के साथ डट कर के खड़ा रहा,ये भीलवाड़ा की धरती को मेरा नमन है। अगर टेक लेनी तो किसकी...अगर ठान लेना है, पक्का मन बना लेना है, तो दुनिया को अगर सीखना है तो राजस्थान से ही सीखना पड़ेगा क्योंकि राणा प्रताप ने वो परंपरा बनाई है और इस बार राजस्थान ने ठान ली है। मैं कल अलवर में था, क्या नजारा था। आज भीलवाड़ा देख रहा हूं...भाइयो-बहनो, इस बार राजस्थान ने ठान ली है कि राजस्थान में फिर एक बार भाजपा सरकार बना के रहेंगे। विकास की यात्रा को और नई ताकत देंगे और नई गति देंगे और राजस्थान में नया इतिहास लिखने का काम ये राजस्थान की धरती करेगी, ये मुझे विश्वास है। ये भीलवाड़ा की धरती विष्णु के अवतार भगवान देवनारायण जी की जन्मभूमि है। ये धरती जहां कण-कण में देशभक्ति है, साहस है। ये वीरों की धरती है, ये विरासत की धरती है, ये वैभव की धरती है, ये विकास की भी धरती है।

भाइयो-बहनो, आज 26 नवंबर है...जब दिल्ली में मैडम का राज चलता था, रिमोट कंट्रोल से चलता था, जब महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार थी, महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की सरकार दिल्ली में भी कांग्रेस की सरकार और ये 26/11...मुंबई में आतंकवादियों ने हमला कर के हमारे देश के अनेक नागरिकों को, देश के जवानों को आतंकवादियों ने गोलियों से भून दिया था। भाइयो-बहनो, उस आतंकवाद की भीषण घटना को आज 10 साल हो रहे हैं। और मुझे बराबर याद है कि जब मुंबई में आतंकवाद की घटना घटी थी उस समय राजस्थान में चुनाव अभियान चल रहा था। अगर उस समय इस देश में से कोई भी उस आतंकवाद की घटना की आलोचना भी अगर करता था, निर्दोष लोगों को मार दिया इतना भी बोलता था, तो ये राजदरबारी ऐसे उछल पड़ते...ऐसे उछल पड़ते थे कि बोलने वाले के मुंह पर ताले लगा देते थे... और कहते थे क्या, मुझे बराबर याद है...वो कहते थे ये तो युद्ध है, युद्ध... पाकिस्तान ने हिन्दुस्तान पर युद्ध बोला है और ये लोग राजनीति कर रहे हैं... इस समय दिल्ली सरकार के..उसके हाथ मजबूत करने चाहिए...आतंकवाद के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए...ये बड़े-बड़े उपदेश दे रहे थे...और उनके रागदरबारी बड़े गाजे-बाजे के साथ, कांग्रेस की लिखी हुई कथा पढ़ते रहते थे, लिखते रहते थे। मैं उन रागदरबारियों से पूछना चाहता हूं, मैं उस कांग्रेस पार्टी को पूछना चाहता हूं कि 10 साल पहले 26 नवंबर को, आतंकवाद की इतनी बड़ी भयंकर घटना घटी, सारी दुनिया हिल गई थीऔर कांग्रेस उसमें से चुनाव जीतने के खेलखेल रही थी! वही कांग्रेस, उस समय देशभक्ति के पाठ पढ़ाती थी लेकिन जब मेरे देश की सेना ने पाकिस्तान को उसके घर में जाकर के सर्जिकल स्ट्राइक किया, आतंकवादियों का हिसाब चुकता कर दिया और एक अखबार ने तो लिखा था वहां के नागरिकों को पूछकर के उसने लिखा था कि ट्रकें भर-भर के लाशें ले जानी पड़ रही है...जब देश की सेना ने इतना बड़ा पराक्रम किया, दुश्मन को जाकर के उसके घर में मारा, हर हिन्दुस्तानी को गर्व हुआ था कि नहीं हुआ था? ये देशभक्ति की मिसाल थी कि नहीं...ये वीरता की मिसाल थी कि नहीं, ये शौर्य-पराक्रम की गाथा थी कि नहीं? लेकिन ऐसे समय कांग्रेस ने सवाल उठाया, वीडियो दिखाओ, वीडियो…सर्जिकल स्ट्राइक हुआ कि नहीं हुआ? क्या देश का सेना का जवान मौत को मुट्ठी में लेकर के निकलता है, क्या हाथ में कैमरा लेकर जाएगा क्या? उस समय उनको देशभक्ति याद नहीं आई लेकिन 26/11 को ये रागदरबारी कांग्रेसियों से भी ज्यादा उछल-उछल करके गीत गाते थे। आज 10 साल के बाद उनको जवाब देना होगा। वो दिन याद कीजिए...आए दिन हिन्दुस्तान के अलग-अलग कोने में, कभी बेंगलुरु में, कभी हैदराबाद में, कभी अजमेर में, कभी दिल्ली में, कभी अयोध्या में, कभी जम्मू में... आए दिन बम धमाके होते थे कि नहीं होते थे..होते थे कि नहीं होते थे? भाइयो-बहनो, हमने आतंकवाद के खिलाफ ऐसी लड़ाई लड़ी है, ऐसी लड़ाई लड़ी है कि आज उनको कश्मीर की धरती के बाहर निकलना महंगा पड़ रहा है, मौत सामने देख कर।

भाइयो-बहनो, हिन्दुस्तान कभी भी 26/11 को भूलेगा नहीं और 26/11 के गुनहगारों को...हम मौके की तलाश में हैं। कानून-कानून का काम करके रहेगा, मैं देशवासियों को फिर से एक बार विश्वास दिलाता हूं। भाइयो-बहनो, एक तरफ आतंकवाद, दूसरी तरफ माओवाद...जंगलों में हमारे आदिवासी बच्चों को जब उम्र कलम पकड़ने की हो तो ये माओवादी उनके हाथ में बंदूक पकड़ा देते हैं। नक्सलवाद, माओवाद निर्दोष लोगों को आए दिन मौत के घाट उतार देते हैं। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में घटना घटी, लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमारे सुरक्षाबल के जवान वहां काम कर रहे थे, माओवादियों ने वहां हमला बोल दिया और यही हमारे राजस्थान का वीर सपूत भरतपुर का नौजवान शहीद हो गया। जिन माओवादियों ने, जिन नक्सलवादियों ने भरतपुर के मेरे जवान को पीठ पर वार करके मौत के घाट उतार दिया ये कांग्रेस के नेता, इन माओवादियों को क्रांतिकारी होने के सर्टिफिकेट दे रहे हैं। नक्सलवादी क्रांतिकारी है...और ये नामदार के खासम खास लोग बोल रहे हैं भाई। निर्दोषों को मौत के घाट उतारने वाले क्रांतिकारी होते हैं क्या...भाइयो-बहनो, हमने माओवाद को भी उसी की भाषा में जवाब दिया है। आतंकवाद को भी उसी की भाषा में जवाब दिया है, लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं होता है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात बताने का हक होता है, व्यवस्था होती है। ये जम्मू कश्मीर में अभी हम चुनाव करवा रहे हैं, पंचायतों के चुनाव हो रहे हैं। ये आतंकवादियों ने धमकी दी थी...अगर कोई वोट डालने जाएगा और अगर उसकी उंगली पर वोटिंग करने का काला निशान होगा तो उसकी उंगलियां काट दी जाएगी...अगर कोई वोट करेगा तो मार दिया जाएगा। बस्तर में भी...छत्तीसगढ़ में नक्सलवादियों ने वोटिंग करने वालों को मारने की धमकी दी थी लेकिन भारत के लोकतंत्र के प्रति सामान्य मानवी की निष्ठा देखिए, लोकतंत्र की ताकत देखिए...कश्मीर में तीन चरण का पंचायत का मतदान पूरा हुआ है...70%-75% मतदान हो रहा है और बस्तर में भी 70% मतदान हुआ भाइयो।

भाइयो-बहनो इसके लिए एक ताकत लगती है, एक हिम्मत लगती है, तब जाकर के ये आतंकवादियों से लोहा लिया जा सकता है...तब जाकर के उनको खत्म किया जा सकता है। लेकिन भाइयो-बहनो, आज 26/11 को एक और भी दिवस है और वो है हमारा संविधान दिवस। बाबासाहेब अम्बेडकर ने...देश के अनुभवी, ज्ञानी, विद्वान लोगों के सामूहिक चिंतन में से निकला हुआ संविधान, वो हमारे देश को 26 नवंबर को अर्पित किया गया था और इसीलिए आज का दिवस एक प्रकार से सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों के हक का दिवस है। आज का दिवस दलित, पीड़ित, शोषित, वंचितों के गर्व का दिवस है। आज का दिवस सामाजिक न्याय में विश्वास करने वालों के लिए सम्मान का दिवस है और इसीलिए आज 26/11 जब भारत के संविधान का दिवस है, मैं संविधान के निर्माताओं को विशेषकर बाबासाहेब अम्बेडकर को आज राजस्थान की धरती से नमन करता हूं, भीलवाड़ा की धरती से नमन करता हूं।

भाइयो-बहनो, बाबासाहेब अम्बेडकर ने तो समाज के भेद-भाव खत्म करने का रास्ता दिखाया, संविधान ने भी सबको समान अधिकार मिले, न्याय मिले, इसका रास्ता दिखाया लेकिन ये कांग्रेस पार्टी पूछ रही है, नामदार और नामदार के चेले चपाटे पूछ रहे हैं...मोदी की जाति क्या है? भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए हिन्दुस्तान का प्रधानमंत्री अगर अमेरिका जाता है...अमेरिका का राष्ट्रपति उसको मिलता है, भारत की भलाई के लिए वहां बातचीत होती है तो क्या अमेरिका का राष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री को पूछता है क्या...अरे भाई, बाकी बाद में, पहले ये बताओ तुम किस जाति के हो, ऐसा पूछता है क्या...ऐसा पूछता है क्या? अरे जब हिन्दुस्तान का प्रधानमंत्री जाता है तो सामने वाले को एक ही जाति दिखती है सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी, यही जाति होती है। भाइयो-बहनो, लेकिन ये कांग्रेस पार्टी अगड़े-पिछड़े, ऊंचे-नीचे, मेरे-तेरे, ये जाति-वो जाति, उस जहर को ऐसा उसने पचा लिया, ऐसा पचा लिया कि जहां भी निगलता है वही जहर निगलता है और तब जातिवाद की चर्चा करते हैं। आप मुझे बताइए भाइयो-बहनो, कांग्रेस के दूसरे नेता उन्होंने दूसरा भाषण किया। कांग्रेस के दूसरे नेता चुनाव में विकास के मुद्दों की चर्चा हो…पानी पहुंचा कि नहीं, उसकी चर्चा हो…सड़क बनी कि नहीं, उसकी चर्चा हो…बिजली मिलती है कि नहीं, उसकी चर्चा हो…बच्चों की पढ़ाई ठीक हो रही है कि नहीं, उसकी चर्चा हो…भ्रष्टाचार होता है कि नहीं होता है, उसकी चर्चा हो…कांग्रेस पार्टी उसकी चर्चा ही नहीं कर रही है। आप देखिए कांग्रेस पार्टी के मुद्दे कौन से चुनाव में है...मोदी की जाति कौन सी है, बताइए ये चुनाव का मुद्दा है क्या... दूसरा कहता है मोदी का बाप कौन है...ये नामदार को शोभा देता है क्या? और इनका तो, इनका मिजाज देखिए...वो वीडियो देखा होगा आपने, वो कहते हैं ये मोदी होता कौन है,जो उनकी चार पीढ़ी का हिसाब मांग रहा है। अरे मोदी कुछ नहीं है, वो तो कामदार है कामदार, लेकिन ये ऐसा कामदार है जिसके पीछे सवा सौ करोड़ देशवासी खड़े हैं। 60 साल तक नामदार की 4-4 पीढ़ी को सवाल पूछने की किसी ने हिम्मत नहीं की, ये हिम्मत मेरे में है। चार पीढ़ी, आपको जवाब देना पड़ेगा...देना पड़ेगा कि नहीं देना पड़ेगा...जवाब मांगना चाहिए कि नहीं मांगना चाहिए? वो कहते हैं नामदार, क्यों हिसाब देंगे..हां..आप तो नामदार हैं। इस देश की भोलीभाली जनता आपसे हिसाब नहीं मांग सकती, आपके काम का हिसाब नहीं मांग सकती। और मोदी होता है कौन, जवाब मांगे। लेकिन मोदी हिसाब मांगता भी है, मोदी हिसाब देता भी है। पल-पल का हिसाब देते हैं, पाई-पाई का हिसाब देते हैं।

भाइयो-बहनो, जब मैं चुनाव में...2014 में चुनाव में खड़ा था, तब मैंने देशवासियों को वादा किया था...देशवासियों को मैंने वादा किया था,मैं फिर से उस वादे को दोहरा रहा हूं और मैं आज आपसे पूछना चाहता हूं कि मैं वादे पे खरा उतरा कि नहीं उतरा। मैं पूछना चाहता हूं...मैंने कहा था कि मैं परिश्रम करने में, मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखूंगा...ऐसा कहा था मैंने...कहा था। आप मुझे बताइए मेरी मेहनत में आपको कोई कमी नजर आती है...दिन रात काम करता हूं कि नहीं करता हूं? आपने कभी सुना है कि मैंने छुट्टी ली, आपने कभी सुना है कि मैं यहां टहलने चला गया, आपने कभी सुना है कि मैं सात दिन खो गया? मैंने वादा किया था वो वादा निभाया कि नहीं निभाया?

 

मैं मेरा हिसाब दे रहा हूं कि नहीं दे रहा हूं। मैं मेरा पाई-पाई, पल-पल का हिसाब दे रहा हूं कि नहीं दे रहा हूं? अब वो मेरे काम का हिसाब मांगते हैं, वोभी दे दूं...दे दूं? आप याद रखोगे और आपके यहां कांग्रेस के नेता आ जाएं तो जरा उनको भी पूछ लेना...पूछोगे? एक-एक को खड़े रख कर के पूछो...भाइयो-बहनो, देश की आजादी...60-65 साल का समय बीत गया...उसके बाद ये प्रधानसेवक को आपकी सेवा करने का आपने मौका दिया। उनकी चार पीढ़ी और चायवाले के चारसाल। मैं जरा पूछना चाहता हूं...भाइयो-बहनो, जरा उनको पूछना जब आपकी चार पीढ़ी देश पर राज करती थी, गली से लेकर दिल्ली तक आप ही का कारोबार चलता था...पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तुम्हीं छाए हुए थे...क्या ये सच नहीं है कि 65 साल का कालखंड बीत गया था, चार पीढ़ी ने राज किया था लेकिन ग्रामीण परिवारों में शौचालय की सुविधा 40% भी नहीं थी। याद रखोगे आप...2014 में मेरे आने से पहले गांव में शौचालय की सुविधा 40% भी नहीं थी...कितनी...कितनी...और 4 साल में मोदी ने 40%...95% कर दिया, ninety five percent कर दिया...इसको काम कहते हैं कि नहीं कहते हैं...ये हिसाब पक्का हुआ कि नहीं हुआ? 65 साल में 40%, 4 साल में 95%...इसको काम बोलते हैं कि नहीं बोलते हैं, ऐसा काम होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए?

भाइयो-बहनो, आपकी चारपीढ़ी देश पर राज करती थी, बैंकें थीं, बैंक की ब्रांच थी, लोग भी थे लेकिन चारपीढ़ी का राज, 65 साल का समय, लेकिन इस देश के सिर्फ 50% लोग ऐसे थे जिनका बैंक में खाता था। कितने...कितने? 50%...कितने? आधे लोग ही थे जिनका बैंक में खाता था। ये मोदी आया...चारसाल में हर हिन्दुस्तानी का बैंक में खाता खोल दिया भाइयो। बैंक के दरवाजे गरीबों के लिए खोल दिए। काम किसको कहते हैं...हिसाब काम किया हो तो दे सको ना! आप तो जाति कौन सी है, पिता कौन है यही पूछते रहोगे। भाइयो-बहनो, गैस का कनेक्शन आपको मालूम होगा, कांग्रेस के जमाने में 2013 में जब चुनाव की चर्चा चल रही थी तब कांग्रेस ने वादा क्या किया था? 9 सिलिंडर देंगे कि 12 सिलिंडर देंगे, किया था ना…और उन्होंने घोषणा की थी कि अगर उनका प्रधानमंत्री बनेगा तो 12 सिलिंडर देंगे। भाइयो-बहनो, पार्लियामेंट के मेंबर को 25 कूपन देते थे गैस की, और वो सालभर में 25 परिवारों को ऑब्लाइज करता था...और उसके लिए लोग बेचारे लाइन लगा करके खड़े रहते थे कि मुझे जरा गैस का एक कूपन दे दो, मुझे गैस का चूल्हा लेना है, गैस का कनेक्शन लेना है। ये इनका राज करने का तरीका था। भाइयो-बहनो, देश में 55 प्रतिशत घरों में ही गैस का कनेक्शन पहुंचा था। 65 साल में 55 प्रतिशत, कितना? आपको आंकड़े याद रखने पड़ेंगे तभी तो उनको हिसाब मांगोगे ना। 65 साल में 55 प्रतिशत, 65 साल में...65 साल में...मोदी ने 4 साल में 90% घरों में गैस का चूल्हा दे दिया।

आप मुझे बताइए, इनको परेशानी है कि ये माताएं-बहनें मोदी-मोदी क्यों करती हैं। अरे नामदार, आप तो सोने का चम्मच लेकर के पैदा हुए हो...जब लकड़ी का चूल्हा जला कर के खाना पकाते हैं तो घर में जो धुआं होता है...एक मां के शरीर में 400 सिगरेट का धुआं जाता है, 400 सिगरेट का...और घर में जो छोटे-छोटे बच्चे खेलते हैं वो बचपन में ही बीमारी के शिकार हो जाते हैं...और ये मोदी है, सोने का चम्मच लेकर के पैदा नहीं हुआ था...उसने गरीब मां को लकड़ी का चूल्हा जला कर के धुएं के बीच खाना पकाते देखा था। उसे उस मां का दर्द मालूम था और इसीलिए उसने आकर के देश के 90 प्रतिशत घरों में गैस का चूल्हा पहुंचा दिया क्योंकि मेरी मां उस धुएं की मुसीबतों से मुक्त हो जाए और बच्चों को अच्छा खाना खिलाए। अब उनको परेशानी है कि सारे देश की माताएं-बहनें मोदी को आशीर्वाद दे रही हैं। अरे मोदी ने उनको मुसीबतों से मुक्ति दिलाई है इसीलिए आशीर्वाद मिल रहे हैं। और यही माताएं-बहनें शक्ति का रूप हैं, जो आपके हर हमले का वार मेरी माताएं-बहने झेलती हैं और आपको करारा जवाब देती हैं।

भाइयो-बहनो, कहने के लिए तो मैं महीनेभर बोलता रहूंगा तो भी कम पड़ जाएगा...मैं भीलवाड़ा को पूछना चाहता हूं...आप मुझे बताइए...आपके यहां, आपके यहां पानी 3 दिन के बाद आता था कि नहीं आता था...भीलवाड़ा पानी के बिना तरसता था कि नहीं तरसता था...चंबल के पानी के मामले को लटकाए रखा था कि नहीं रखा था...कांग्रेस उसका नाम देने को तैयार था क्या? अरे मोदी की मां कापिता का हिसाब-किताब मांगने वाले...अरे भीलवाड़ा की जनता के दुःखों का हिसाब कर लेते। अरे कम से कम पानी पहुंचा देते तो भीलवाड़ा का इतना गुस्सा नहीं फूट पड़ता। मैं वसुंधरा जी का अभिनन्दन करता हूं कि उन्होंने आकर के उस काम को हाथ में लिया और आपको संकटों से मुक्त करने की दिशा में प्रयास किया। भाइयो-बहनो, बीते पांचसाल में 36 हजार किलोमीटर नई सड़कें बनी हैं।

भाइयो, मैं आज आपको कहता हूं, आज मेरी बातें गले नहीं उतरेंगी और इनके जो रागदरबारी हैं ना वो आपको गले उतरने नहीं देंगे...हमने पिछले 4 साल में जो रोड बनाए हैं, ग्रामीण सड़क हो, स्टेट हाईवे हो, नेशनल हाईवे हो, केंद्र सरकार हो, राज्य सरकार हो हमारे बाद 25-30 साल के बाद अगर कांग्रेस को फिर मौका मिल जाए तो हमने जो सड़क बनाई है ना, उस पर दुबारा डामर लगाने की भी ताकत नहीं होगी उनमें। इतने भी इनके पास पैसा नहीं होगा। वो सोच ही नहीं सकते कि इतना बड़ा काम हो सकता है देश में। भाइयो-बहनो, 36 हजार किलोमीटर इतना ही नहीं, हमारे इस राजस्थान में 70 हजार करोड़ रुपये के 3 एक्सप्रेस वे बन रहे हैं। जिस समय ये तीन एक्सप्रेस वे का काम पूरा होगा आप कल्पना कर सकते हो, राजस्थान के इन्फ्रास्ट्रक्चर का लेवल क्या होगा भाइयो। दुनिया को अचरज होगा कि हिन्दुस्तान में ऐसी सड़कें भी होती हैं, ऐसी व्यवस्था भी होती है, उस काम को हम पूरा करने में लगे हुए हैं भाइयो।भाइयो-बहनो, रेल कनेक्टिविटी ये हमारा भीलवाड़ा मैनचेस्टर माना जाए और अब तो हड्डियां भी ठीक कर देता है। भाइयो-बहनो, ये हमारे भीलवाड़ा को व्यापार जगत को ट्रांसपोर्टेशन की ताकत बहुत बड़ी मदद करती है। ये रोड, ये रेल...16 हजार करोड़...हम जो रेल का नेटवर्क खड़ा कर रहे हैं..आज ये गुड्स ले जाने वाला, सामान ले जाने वाली ट्रेन 25 किलोमीटर से मरते-मरते चलती है...वो जब बन जाएगा तो 75 किलोमीटर की स्पीड से चलेगी। एक जगह से सामान दूसरी जगह पे पहुंचेगा...व्यापार, धन, कारोबार को नई ताकत मिलेगी।

भाइयो-बहनो, हमारे देश का नौजवान और ये हमारा राजस्थानी कभी हाथ फैला करके नौकरी मांगने वाला समाज नहीं हैये... उसके खून में नहीं है। याचना करना ये राजस्थानी के ब्लड में नहीं है...उसके रक्त में नहीं है। वो आंख में आंख मिलाकर के सीना तान कर के खड़ा रहने की ताकत रखता है। हमने उसकी भावना को समझा है और इसीलिए हमने हमारे देश के नौजवान, हमारे राजस्थान के नौजवान रोजी-रोटी के लिए किसी पर आश्रित न बनें, अपने पैरों पर खड़े हो जाएं उस दिशा में काम किया। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ले आए और अब तक 14 करोड़ लोन स्वीकृत हुआ है...14 करोड़। ये आंकड़ा बहुत बड़ा होता है। लाखों-करोड़ो रुपया लोन बिना बैंक गारंटी इन नौजवानों को दिया है...और 70 प्रतिशत वो लोग हैं जो पहली बार बैंक से पैसे प्राप्त करने में उनको सफलता मिली है...और वो अपने पैरों पर खड़े हो कर के कारोबार चला रहे हैं। कोई टैक्सी लाया है, कोई ऑटो लाया है, कोई सैलून चला रहा है, कोई अपना छोटा सा दुकान का ठेका चला रहा है, कोई कपड़े की फेरी कर रहा है, कोई कच्चा माल लेकर के पहुंचाने का काम कर रहा है। अनेक प्रकार के काम इन नौजवानों ने शुरू किए हैं...और खुद तो कमाते हैं, एक-दो और लोगों को भी रोजी-रोटी देने का काम...14 करोड़ लोन स्वीकृत होना ये आजादी के इतिहास की बहुत बड़ी घटना है...और इसीलिए मेरे भाइयो-बहनो, मैं आपसे आग्रह करने आया हूं कि ऐसे युवा उद्यमी...अकेले राजस्थान में ये 50 लाख लोगों को ये मुद्रा योजना का लाभ मिला है भाइयो-बहनो।

मैं चाहता हूं कि देश के विकास के लिए, देश की प्रगति के लिए जिन कामों को हमने हाथ में लिया है, विकास के मेद्दे पर हम आगे बढ़ना चाहते हैं। आज दिल्ली का कमल छाप इंजन राजस्थान की भलाई में...सेवा में लगा हुआ है। राजस्थान का कमल छाप इंजनआपने चार साल-साढ़े चार साल-पांच साल सेवा करने का मौका दिया, एक बार फिर पांच साल सेवा करने का मौका दीजिए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, जो काम पिछले 50 साल में नहीं हो पाए हैं, एक बार मुझे आपकी सेवा करने का मौका दीजिए, मैं राजस्थान को कहां से कहां पहुंचा दूंगा भाइयो-बहनो। फिर एक बार वसुंधरा जी की सरकार बनाइए, फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाइए। आइए, मेरे साथ बोलिए...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय! बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM takes part in Combined Commanders’ Conference in Bhopal, Madhya Pradesh
April 01, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi participated in Combined Commanders’ Conference in Bhopal, Madhya Pradesh today.

The three-day conference of Military Commanders had the theme ‘Ready, Resurgent, Relevant’. During the Conference, deliberations were held over a varied spectrum of issues pertaining to national security, including jointness and theaterisation in the Armed Forces. Preparation of the Armed Forces and progress in defence ecosystem towards attaining ‘Aatmanirbharta’ was also reviewed.

The conference witnessed participation of commanders from the three armed forces and senior officers from the Ministry of Defence. Inclusive and informal interaction was also held with soldiers, sailors and airmen from Army, Navy and Air Force who contributed to the deliberations.

The Prime Minister tweeted;

“Earlier today in Bhopal, took part in the Combined Commanders’ Conference. We had extensive discussions on ways to augment India’s security apparatus.”

 

More details at https://pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=1912891