PM Modi meets with President of Brazil

Published By : Admin | November 20, 2024 | 20:05 IST

Prime Minister Shri Narendra Modi met with the President of Brazil, H.E. Mr. Luiz Inacio Lula da Silva on the sidelines of the G20 Summit in Rio de Janeiro, on 19 November. Prime Minister thanked President Lula for his hospitality and congratulated him on the success of Brazil’s G20 and IBSA presidencies. Prime Minister commended the Brazilian initiative to establish the Global Alliance Against Poverty and Hunger and conveyed India’s strong support for it. As a G 20 Troika member, Prime Minister also underlined India's support for the Brazilian G 20 agenda focused on sustainable development and global governance reform, which has given primacy to the concerns of the Global South. He conveyed his best wishes for Brazil's leadership of BRICS and COP 30 next year and assured him of India’s full support.

During the meeting, discussions were also held on enhancing the India-Brazil Strategic Partnership, focusing on areas such as agriculture, defence, digital technology, tourism, biofuels, pharmaceuticals and space.

The two leaders also exchanged views on issues of global and regional importance.

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Text of PM’s remarks on Parakram Diwas
January 23, 2025

मोर प्रिय भाई ओ, भऊणीमाने पराक्रम दिवस अबसर रे शुभेच्छा!

आज नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी के जन्म जयंती के इस पावन अवसर पर पूरा देश श्रद्धापूर्वक उन्हें याद कर रहा है। मैं नेता जी सुभाष बाबू को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। इस वर्ष के पराक्रम दिवस का भव्य उत्सव नेता जी की जन्म भूमि पर हो रहा है। मैं उड़ीसा की जनता को, उड़ीसा की सरकार को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। कटक में नेता जी के जीवन से जुड़ी एक विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में नेता जी के जीवन से जुड़ी अनेक विरासतों को एक साथ सहेजा गया है। कई चित्रकारों ने कैनवास पर नेता जी के जीवन प्रसंग की तस्वीरें उकेरी हैं। इन सबके साथ नेता जी पर आधारित कई पुस्तकों को भी इकट्ठा किया गया है। नेता जी की जीवन यात्रा की ये सारी विरासत मेरे युवा भारत माय भारत को एक नई ऊर्जा देगी।

साथियों,

आज जब हमारा देश विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में जुटा है, तब नेताजी सुभाष के जीवन से हमें निरंतर प्रेरणा मिलती है। नेता जी के जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य था- आजाद हिंद। उन्होंने अपने संकल्प की सिद्धि के लिए अपने फैसले को एक ही कसौटी पर परखा- आजाद हिंद। नेता जी एक समृद्ध परिवार में जन्मे, उन्होंने सिविल सर्विसेस की परीक्षा पास की। वो चाहते तो अंग्रेजी शासन में एक वरिष्ठ अधिकारी बनकर आराम की जिंदगी जीते, लेकिन उन्होंने आजादी के लिए कष्टों को चुना, चुनौतियों को चुना, देश विदेश में भटकना पसंद किया, नेता जी सुभाष कंफर्ट जोन के बंधन में नहीं बंधे। इसी तरह आज हम सभी को विकसित भारत के निर्माण के लिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलना है। हमें खुद को ग्लोबली बेस्ट बनाना है, एक्सीलेंस को चुनना ही है, एफिशिएंसी पर फोकस करना है।

साथियों,

नेताजी ने देश की स्वतंत्रता के लिए आजाद हिंद फौज बनाई, इसमें देश के हर क्षेत्र हर वर्ग के वीर और वीरांगनाएं शामिल थीं। सबकी भाषाएं अलग-अलग थीं, लेकिन भावना एक थी देश की आजादी। यही एकजुटता आज विकसित भारत के लिए भी बहुत बड़ी सीख है। तब स्वराज के लिए हमें एक होना था, आज विकसित भारत के लिए हमें एक रहना है। आज देश में विश्व में हर तरफ भारत की प्रगति के लिए अनुकूल माहौल है। दुनिया भारत की ओर देख रही है कि कैसे हम इस 21वीं सदी को भारत की शताब्दी बनाते हैं और ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में हमें नेताजी सुभाष की प्रेरणा से भारत की एकजुटता पर बल देना है। हमें उन लोगों से भी सतर्क रहना है, जो देश को कमजोर करना चाहते हैं, जो देश की एकता को तोड़ना चाहते हैं।

साथियों,

नेताजी सुभाष भारत की विरासत पर बहुत गर्व करते थे। वे अक्सर भारत के समृद्ध लोकतांत्रिक इतिहास की चर्चा करते थे और उससे प्रेरणा लेने के लिए समर्थक थे। आज भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है। अपनी विरासत पर गर्व करते हुए विकास कर रहा है। मेरा सौभाग्य है कि आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूरे होने पर लाल किले पर मुझे तिरंगा फहराने का मौका मिला था। उस ऐतिहासिक अवसर को मैं कभी भूल नहीं सकता। नेताजी की विरासत से प्रेरणा लेते हुए हमारी सरकार ने 2019 में दिल्ली के लाल किले में नेताजी सुभाष को समर्पित म्यूजियम का निर्माण किया। उसी साल सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार शुरू किए गए। 2021 में सरकार ने निर्णय लिया कि नेताजी की जयंती को अब पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इंडिया गेट के समीप नेताजी की विशाल प्रतिमा लगाना, अंडमान में द्वीप का नाम नेताजी के नाम पर रखना, गणतंत्र दिवस की परेड में आईएनए के जवानों को नमन करना, सरकार की इसी भावना का प्रतीक है।

साथियों,

बीते 10 वर्षों में देश ने यह भी दिखाया है कि तेज विकास से सामान्य जन का जीवन भी आसान होता है और सैन्य सामर्थ्य भी बढ़ता है। बीते दशक में 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, यह बहुत बड़ी सफलता है। आज गांव हो या शहर हर तरफ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, साथ ही भारत की सेना की ताकत में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। आज विश्व मंच पर भारत की भूमिका बढ़ रही है, भारत की आवाज बुलंद हो रही है, वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा। हमें नेताजी सुभाष की प्रेरणा से एक लक्ष्य एक ध्येय विकसित भारत के लिए निरंतर काम करते रहना है और यही नेताजी को हमारी सच्ची कार्यांजलि होगी। एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं, धन्यवाद!