Narendra Modi was in Jharkhand on 13th April to strengthen the BJP campaign for election. As a reply to the criticism of Dr Manmohan Singh, he stated that “Dr Manmohan Singh is causing harm to his own repute as economist by criticising Gujarat's Development.”
Narendra Modi mentioned that before criticising Gujarat's development, Dr Manmohan Singh should have gone through the facts and figures. He would have not made such baseless statement if he had checked the facts and figures.
‘In last five years Gujarat has made remarkable progress that is been appreciated by all. I would like to understand on what grounds does Dr Manmohan Singh has criticised Gujarat's Development'- he stated.
Addressing rally in Bokara, Narendra Modi asked to the audience isn't Prime Minister aware of the fact that Planning Commission had decided the GDP rate of 10.2% for Gujarat where as we have already gained the GDP rate to 10.42%. He said Indian Government is aware of the potential of Gujarat and therefore it had decided the GDP rate of 11.2 % in 11th Five years development scheme and we had already crossed the GDP rate to 11.43%in the first year. IS this not an achievement to Dr Manmohan Singh?
He addressed rallies in kodarma, Giridihi, Bokara, Gamla, Khuti and Ranchi. Narendra Modi also attacked Congress Party on issues including vote bank policy, Swiss Bank issue, and party's failure in fighting against terrorism.
Varanasi's International Cricket Stadium will become a symbol of India in future: PM Modi
September 23, 2023
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Galaxy of cricketing greats grace the occasion
“One place of Shiv Shakti is on the moon, while the other one is here in Kashi”
“Design of the International stadium in Kashi is dedicated to Lord Mahadev”
“When sports infrastructure is built, it has a positive impact not only on nurturing young sporting talent but also augurs well for the local economy”
“Now the mood of the nation is - Jo Khelega wo hi Khilega”
“Government moves with the athletes like a team member from school to the Olympics podium”
“Youth coming from small towns and villages have become the pride of the nation today”
“The expansion of sports infrastructure is essential for the development of a nation”
हर हर महादेव!
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, मंच पर विराजमान यूपी सरकार के अन्य मंत्रिगण, जनप्रतिनिधिगण, इस कार्यक्रम में मौजूद देश के खेल जगत से जुड़े सभी वरिष्ठ महानुभाव और मेरे प्यारे काशी के परिवारजनों।
आज फिर से बनारस आवे क मौका मिलल हौ। जौन आनंद बनारस में मिलला ओकर व्याख्या असंभव हौ। एक बार फिर बोलिए...ॐ नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव! आज मैं एक ऐसे दिन काशी आया हूं, जब चंद्रमा के शिवशक्ति प्वाइंट तक पहुंचने का भारत का एक महीना पूरा हो रहा है। शिवशक्ति यानि वो स्थान, जहां बीते महीने की 23 तारीख को हमारा चंद्रयान लैंड हुआ था। एक शिवशक्ति का स्थान चंद्रमा पर है। दूसरा शिवशक्ति का स्थान ये मेरी काशी में है। आज शिवशक्ति के इस स्थान से, शिवशक्ति के उस स्थान पर भारत की विजय की मैं फिर से बधाई देता हूं।
मेरे परिवारजनों,
जिस स्थान पर हम सब इकट्ठा हुए हैं, वह एक पावन स्थल जैसा है। यह स्थान माता विंध्यवासिनी के धाम और काशी नगरी को जोड़ने वाले रास्ते का एक पड़ाव है। यहां से कुछ दूर पर भारतीय लोकतंत्र के प्रखर पुरुष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजनारायण जी का गांव मोती कोट है। मैं इस धरती से आदरणीय राजनारायण जी और उनकी जन्मभूमि को सर झुकाकर के प्रणाम करता हूं।
मेरे प्यारे परिवारजनों,
काशी में आज एक इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी गई है। ये स्टेडियम ना सिर्फ वाराणसी, बल्कि पूर्वांचल के युवाओं के लिए एक वरदान जैसा होगा। ये स्टेडियम जब बनकर तैयार हो जाएगा, तो इसमें एक साथ 30 हजार से ज्यादा लोग बैठकर के मैच देख पाएंगे। और मैं जानता हूं, जब से इस स्टेडियम की तस्वीरें बाहर आई हैं, हर काशीवासी गदगद हो गया है। महादेव की नगरी में ये स्टेडियम, उसकी डिजाइन, स्वयं महादेव को ही समर्पित है। इसमें क्रिकेट के एक से बढ़कर एक मैच होंगे, इसमें आसपास के युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम में ट्रेनिंग का मौका मिलेगा। और इसका बहुत बड़ा लाभ मेरी काशी को होगा।
मेरे परिवारजनों,
आज क्रिकेट के जरिए, दुनिया भारत से जुड़ रही है। दुनिया के नए-नए देश क्रिकेट खेलने के लिए आगे आ रहे हैं। जाहिर है, आने वाले दिनों में क्रिकेट मैचों की संख्या भी बढ़ने जा रही है। और जब क्रिकेट मैच बढ़ेंगे तो नए-नए स्टेडियम की भी जरूरत पड़ने वाली है। बनारस का ये इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम इस डिमांड को पूरा करेगा, पूरे पूर्वांचल का चमकता हुआ ये सितारा बनने वाला है। यूपी का ये पहला स्टेडियम होगा जिसके निर्माण में BCCI का भी बहुत सहयोग होगा। मैं BCCI के पदाधिकारियों का काशी का MP होने के नाते, यहां का सांसद होने के नाते मैं आप सबका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
मेरे परिवारजनों,
जब खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है, इतना बड़ा स्टेडियम बनता है तो सिर्फ खेल ही नहीं स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी उसका सकारात्मक असर होता है। जब स्पोर्ट्स के ऐसे बड़े सेंटर बनेंगे तो उसमें बड़े स्पोर्ट्स आयोजन होंगे। जब बड़े आयोजन होंगे तो बड़ी तादाद में दर्शक औऱ खिलाड़ी आएंगे। इससे होटल वालों को फायदा होता है, छोटी-बड़ी खाने-पीने की दुकान को फायदा होता है, रिक्शा-ऑटो-टैक्सी इनको भी फायदा होता है, हमारे नाव चलाने वालों के लिए तो दो-दो हाथ में लड्डू हो जाता है। इतने बड़े स्टेडियम की वजह से स्पोर्ट्स कोचिंग के नए सेंटर खुलते हैं, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट सिखाने के लिए नए अवसर बनते हैं। हमारे बनारस के युवा नए खेल स्टार्ट अप के बारे में सोच सकते हैं। फिजियोथेरैपी समेत स्पोर्ट्स से जुड़ी बहुत सी पढाई और कोर्सेज शुरु होंगे, और एक बहुत बड़ी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री भी वाराणसी में आएगी।
मेरे प्यारे परिवारजनों,
एक समय था जब माता-पिता बच्चों को इस बात के लिए डांटते थे कि हमेशा खेलते ही रहोगे क्या, कुछ पढ़ाई-वढ़ाई करोगे की नहीं, यहीं हुडदंग करते रहोगे क्या, यहीं सुनना पड़ता था। अब समाज की सोच बदली है। बच्चे तो पहले से ही सीरियस थे ही, अब माता-पिता भी, स्पोर्ट्स को लेकर के गंभीर हुए हैं। अब देश का मिजाज ऐसा बना है, कि जो खेलेगा, वही खिलेगा।
साथियों,
पिछले 1-2 महीने पहले, मैं मध्यप्रदेश का एक आदिवासी इलाका शहडोल के आदिवासी गांव में गया था, वहां मुझे कुछ नौजवानों से मिलने का अवसर मिला और मैं सचमुच में वहां का दृश्य और उनकी बातें सुनकर के इतना प्रभावित हुआ, उन युवकों ने मुझे कहा कि ये तो हमारा मिनी ब्राजील है, मैंने कहा भई तुम मिनी ब्राजील कैसे बन गए हो, बोले हमारे यहां हर घर में फुटबॉल का खिलाड़ी है और कुछ लोगों ने मुझे कहा कि मेरे परिवार में तीन-तीन पीढ़ी National Football Player रही है। एक प्लेयर रिटायर होने के बाद, उसने वहां अपनी जान लगा दी। और आज हर पीढ़ी का व्यक्ति आपको वहां फुटबॉल खेलता नजर आएगा। और वो कहते कि हमारा जब annual function होता है तो कोई घर में आपको नहीं मिलेगा इस पूरे इलाके के सैकड़ों गांव और लाखों की तादाद में लोग 2-2, 4-4 दिन मैदान में डटे रहते हैं। ये culture, उसे सुनकर के देखकर के देश के उज्ज्वल भविष्य का विश्वास मेरा बढ़ जाता है। और काशी का सांसद होने के नाते, मैं यहां आए बदलावों का भी साक्षी बना हूं। सांसद खेल प्रतियोगिता के दौरान जो उत्साह यहां रहता है, उसकी जानकारी मुझे लगातार पहुंचती रहती है। काशी के युवा, स्पोर्ट्स की दुनिया में अपना नाम कमाएं, मेरी यही कामना है। इसलिए हमारा प्रयास वाराणसी के युवाओं को उच्च स्तरीय खेल सुविधाएं देने का है। इसी सोच के साथ इस नए स्टेडियम के साथ ही सिगरा स्टेडियम पर भी करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सिगरा स्टेडियम में 50 से अधिक खेलों के लिए, जरूरी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। और इसकी एक और खास बात है। ये देश का पहला बहुस्तरीय Sports Complex होगा जो दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। इसे भी बहुत जल्दी ही काशीवासियों को समर्पित किया जाएगा। बड़ालालपुर उसमें बना सिंथेटिक ट्रैक हो, सिंथेटिक बास्केट बाल कोर्ट हो, अलग-अलग अखाड़ों को प्रोत्साहन देना हो, हम नया निर्माण तो कर ही रहे हैं, पर शहर की पुरानी व्यवस्थाओं को भी सुधार रहे हैं।
मेरे परिवारजनों,
खेलों में आज भारत को जो सफलता मिल रही है, वो देश की सोच में आए बदलाव का परिणाम है। हमने स्पोर्ट्स को युवाओं की फिटनेस और युवाओं के रोज़गार और उनके करियर से जोड़ा है। 9 वर्ष पहले की तुलना में, इस वर्ष केंद्रीय खेल बजट 3 गुणा बढ़ाया गया है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के बजट में तो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 70 प्रतिशत वृद्धि की गई है। सरकार आज स्कूल से लेकर ओलंपिक पोडियम तक हमारे खिलाड़ियों के साथ टीम मेम्बर बनकर साथ चलती है। खेलो इंडिया के तहत देशभर में स्कूल से यूनिवर्सिटी तक की खेल प्रतियोगिताएं हुईं हैं। इनमें बड़ी संख्या में हमारी बेटियों ने भी हिस्सा लिया है। सरकार कदम-कदम पर खिलाड़ियों की हर संभव मदद कर रही है। ओलंपिक पोडियम स्कीम भी ऐसा ही एक प्रयास है। इसके तहत देश के शीर्ष खिलाड़ियों को सरकार पूरे साल में खाने-पीने, फिटनेस से लेकर ट्रेनिंग तक लाखों रुपए की मदद देती है। इसका परिणाम हम आज हर अंतर्राष्ट्रीय कंपटीशन में देख रहे हैं। अभी कुछ समय पहले ही वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत ने इतिहास रचा है। इन गेम्स के इतिहास में कुल मिलाकर भारत ने जितने मेडल जीते थे, पिछले कई दशकों में उससे ज्यादा मेडल सिर्फ इस बार, इस साल जीतकर के हमारे बच्चे ले आए हैं। वैसे आज से एशियन गेम्स भी शुरू हो रहे हैं, एशियन गेम्स में हिस्सा लेने गए सभी भारतीय खिलाड़ियों को मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूँ।
साथियों,
भारत के गांव-गांव में, कोने-कोने में खेल प्रतिभाएं मौजूद है, खेलों के महारथी मौजूद हैं। जरूरी है इन्हें तलाशना और इन्हें तराशना। आज छोटे से छोटे गांवों से निकले युवा, पूरे देश की शान बने हुए हैं। ये उदाहरण बताते हैं कि हमारे छोटे शहरों के खिलाड़ियों में कितना Talent है, कितनी प्रतिभा है। हमें इस Talent को ज्यादा से ज्यादा अवसर देने हैं। इसलिए खेलो इंडिया अभियान से आज बहुत कम उम्र में ही देश के कोने-कोने में टैलेंट की पहचान की जा रही है। खिलाड़ियों की पहचान करके उन्हें इंटरनेशनल लेवल का एथलीट बनाने के लिए सरकार हर कदम उठा रही है। आज इस कार्यक्रम में बहुत से दिग्गज खिलाड़ी हमारे बीच विशेष तौर पर पधारे हैं, स्पोर्ट्स की दुनिया में उन्होंने देश का नाम रोशन किया है। काशी से ये स्नेह दिखाने के लिए मैं उन सबका विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूँ।
मेरे परिवारजनों,
आज खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए अच्छे कोच और अच्छी कोचिंग का होना उतना ही जरूरी है। यहां जो दिग्गज खिलाड़ी मौजूद हैं, वो इसकी अहमियत जताते हैं और इसको जानते हैं। इसलिए आज सरकार खिलाड़ियों के लिए अच्छी कोचिंग की व्यवस्था भी कर रही है। जो खिलाड़ी बड़ी प्रतियोगिताओं में खेलकर आते हैं, जिन्हें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय अनुभव है, उन्हें बतौर कोच काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। देश में बीते कुछ वर्षों में युवाओं को अलग-अलग खेलों से जोड़ा गया है।
साथियों,
सरकार गांव-गांव में जो आधुनिक खेल के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रही है, उससे गांव के, छोटे कस्बों के खिलाड़ियों को भी नए मौके मिलेंगे। पहले बेहतर स्टेडियम, सिर्फ दिल्ली-मुंबई-कोलाकाता-चेन्नई ऐसे बड़े शहरों में ही उपलब्ध थे। अब देश के हर कोने में, देश के दूर-सुदूर इलाकों में भी, खिलाड़ियों को ये सुविधाएं देने की कोशिश हो रही है। मुझे खुशी है कि खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत जो स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है, उसका बहुत अधिक लाभ हमारी बेटियों को हो रहा है। अब बेटियों को खेलने के लिए, ट्रेनिंग के लिए घर से ज्यादा दूर जाने की मजबूरी कम हो रही है।
साथियों,
नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में खेल को उसी कैटेगरी में रखा गया है, जैसे साईंस, कॉमर्स या दूसरी पढ़ाई हो। पहले खेल को सिर्फ एक एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब स्पोर्ट्स को स्कूलों में बकायदा एक विषय की तरह पढ़ाया जाना तय हुआ है। ये हमारी ही सरकार है जिसने देश की पहली नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मणिपुर में स्थापित की है। यूपी में भी स्पोर्ट्स फैसिलिटी पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। गोरखपुर के स्पोर्ट्स कॉलेज के विस्तार से लेकर मेरठ में मेजर ध्यान चंद खेल यूनिवर्सिटी बनाने तक, हमारे खिलाड़ियों के लिए नए स्पोर्ट्स सेंटर बनाए जा रहे हैं।
साथियों,
देश के विकास के लिए खेल सुविधाओँ का विस्तार बहुत आवश्यक है। ये ना सिर्फ खेलों के लिए बल्कि देश की साख के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। हममें से कई लोग दुनिया के कई शहरों को सिर्फ इसलिए जानते हैं, क्योंकि वहां पर बड़े अंतरराष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। हमें भारत में भी ऐसे सेंटर बनाने होंगे, जहां ऐसे अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजित किए जा सकें। यह स्टेडियम, जिसकी आधारशिला आज रखी गई है, खेलों के प्रति हमारे इसी संकल्प का साक्षी बनेगा। ये स्टेडियम बस ईंट और कंक्रीट से बना हुआ एक मैदान नहीं होगा, बल्कि ये भविष्य के भारत का एक भव्य प्रतीक बनेगा। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि हर विकास कार्य के लिए मेरी काशी अपना आशीर्वाद लिए मेरे साथ खड़ी रहती है। आप लोगों के बिना काशी में कोई भी कार्य सिद्ध नहीं हो सकता है। आपके आशीर्वाद से हम काशी के कायाकल्प के लिए इसी तरह विकास के नए अध्याय लिखते रहेंगे। एक बार फिर काशी के लोगों को, पूरे पूर्वांचल को क्रिकेट स्टेडियम के शिलान्यास की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।