PM Modi's Interview with Dainik Bhaskar

Published By : Admin | May 13, 2024 | 08:08 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार रोज तीन-चार सभाओं के साथ रोड-शो भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमारी सरकार का एक ही धर्म है- विकास। यही वजह है कि भाजपा पर लोगों को भरोसा है। उन्होंने कहा- तीसरी बार भी प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनने जा रही है। दैनिक भास्कर से साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने विभिन्न विषयों से जुड़े सवालों के खुलकर जवाब दिए।

पढ़िए नेशनल एडिटर नवनीत गुर्जर और स्टेट एडिटर (बिहार-झारखंड) कुलदीप व्यास के साथ प्रधानमंत्री के पटना प्रवास के दौरान उनसे हुई विस्तृत बातचीत...

भास्कर: पिछले चुनाव में भाजपा ने हिंदी बेल्ट में क्लीन स्वीप किया था। क्या इस बार भी ऐसा ही होगा?

मोदी: पिछले दो चुनाव में भाजपा ने हिंदी हार्टलैंड में अच्छी जीत हासिल की थी। आपने देखा होगा कि इन राज्यों में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता है। इसमें भाजपा बड़े मार्जिन और सीटों के बड़े अंतर से जीतती है। इसका एक कारण ये है कि हिंदी हार्टलैंड में कांग्रेस ने लंबे समय तक राज किया, लेकिन कभी विकास नहीं किया।

विकास कभी उनके एजेंडे में था ही नहीं। वो चुनाव के समय जाति की राजनीति करके वोट बटोरते थे। लोगों को बांटकर, समाज में विभाजन पैदा कर वोट बटोरने को ही वो राजनीति मानते थे। जब हमें सेवा का अवसर मिला तो हमने गवर्नेंस पर फोकस किया।

आप देख सकते हैं, जिन्हें बीमारू राज्य कहा जाता था, आज वो विकास के मॉडल बनकर उभर रहे हैं। चाहे उत्तर प्रदेश हो, मध्य प्रदेश हो, बिहार हो या राजस्थान हो, यहां लोगों के जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। लोग सरकार चलाने के हमारे तरीके को पसंद करते हैं, इसलिए बार-बार मौका देते हैं। इस बार भी हम हिंदी हार्टलैंड में क्लीन स्वीप करेंगे।

भास्कर: भाजपा की लगातार जीत के पीछे उसकी अपनी उपलब्धियां हैं या विपक्ष की कमजोरी?

मोदी: भाजपा के पास 10 वर्षों का ट्रैक रिकॉर्ड है। लोगों ने इन 10 वर्षों में विकास की नई बुलंदियों को देखा है। लोगों ने आजादी के बाद 65 वर्षों में हर मोर्चे पर देश की दुर्गति होती देखी है और पिछले 10 वर्षों में भाजपा की सरकार में अभूतपूर्व विकास होते हुए भी देखा है।

गरीब कल्याण की योजनाओं ने करोड़ों लोगों का जीवन बदला है। ईज ऑफ लिविंग का ऐसा एहसास लोगों को पहले नहीं हुआ। करोड़ों गरीबों को अपना पक्का घर मिला है। युवाओं को नए अवसर मिले हैं। लखपति दीदी, ड्रोन दीदी जैसी योजनाओं ने महिलाओं को नया आत्मविश्वास दिया है।

पहली बार लोग ऐसी सरकार देख रहे हैं, जिसके 10 साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमने निर्णायक लड़ाई लड़ी है। लोगों तक सीधा संदेश गया है कि जो भ्रष्टाचार करेगा, उस पर कार्रवाई होकर रहेगी।

लोगों ने हमारा काम देखा है। विपक्ष के पास ना नीति है, ना नीयत है। वो सिर्फ सत्ता पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।

भास्कर: इस बार चुनाव प्रचार के दौरान धर्म आधारित भाषण ज्यादा हो रहे हैं। आप इन्हें कैसे देखते हैं?

मोदी: आप कांग्रेस का मैनिफेस्टो देखिए। उनके शहजादे का भाषण देखिए। मनमोहन सिंह की सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखिए। उसमें सिर्फ और सिर्फ तुष्टीकरण की भावना नजर आएगी। तुष्टीकरण कांग्रेस का मूल स्वभाव बन गया है। इसके बिना उनकी राजनीति नहीं चल सकती। ये मेरा दायित्व है कि मैं तथ्यों को देश के सामने रखूं। मैं उनका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड जनता को बता रहा हूं। वो किस सोच के तहत काम करते हैं, ये देश को जानना आवश्यक है।

भास्कर: क्या तीसरे कार्यकाल में नए बड़े काम की कार्य योजना बन चुकी है?

मोदी: मेरी सरकार के दोनों कार्यकाल में हमने कई बड़े फैसले किए हैं। हमने उन मुद्दों का भी समाधान किया, जिन्हें दशकों से लटकाया जा रहा था। जिन समस्याओं को पिछली सरकारें हाथ लगाने से भी डरती थीं, हमने उन्हें खत्म किया।

8 मुद्दों पर भास्कर के सवाल, PM मोदी के जवाब

भास्कर: इस बार चुनाव पर राम मंदिर का कितना असर मानते हैं? आपने ऐसा क्यों कहा कि राम मंदिर फैसले पर कांग्रेस शाहबानो केस जैसा रवैया अपना सकती है?

मोदी: कांग्रेस के परिवार के करीबी रह चुके एक पूर्व सलाहकार ने शहजादे की सोच को देश के सामने रखा है। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने मीटिंग की और अपनी मंशा जाहिर की। उनकी योजना राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले को पलटने की है। जैसे उनके पिताजी ने शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा था।

शहजादे के एक और सलाहकार अमेरिका में बैठकर भारत की संस्कृति और 140 करोड़ लोगों की भावना को समझने का दावा करते हैं। वो कहते हैं कि राम और रामनवमी भारत की मूल भावना के खिलाफ है। ये बयान पब्लिक डोमेन में हैं। इसमें कल्पना जैसा कुछ भी नहीं है। जब लोग इन बयानों को उनके व्यवहार से जोड़कर देखते हैं तो स्थिति और स्पष्ट हो जाती है।

इन लोगों ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को ठुकरा दिया। उनकी पार्टी के जो लोग अयोध्या के राम मंदिर में दर्शन करने गए, उन पर कार्रवाई की। अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए वो राम मंदिर से दूरी बनाए हुए हैं। राम 140 करोड़ भारतीयों की चेतना का अंश हैं। इसके विरुद्ध व्यवहार करने वालों को जनता जवाब देगी।

भास्कर: ED, CBI के एक्शन से ऐसा लग रहा है कि सिस्टम से भ्रष्टाचार खत्म करने के बजाय, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई व्यक्तियों तक सिमट गई है। सिस्टम से भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए आप क्या कर रहे हैं?

मोदी: ये एक धारणा इसलिए बन गई है क्योंकि मीडिया भी भ्रष्टाचार के उन्हीं मामलों को हेडलाइन बनाता है, जो राजनीतिक व्यक्तियों से जुड़ी होती है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने कई स्तरों पर प्रयास करके सिस्टम से भ्रष्टाचार खत्म करने के रास्ते बनाए हैं।

आज देश के करोड़ों लाभार्थियों को DBT के माध्यम से सीधे खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं। कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया भेजने पर लाभार्थी को सिर्फ 15 पैसे मिलते हैं। बीच में 85 पैसे की लूट-खसोट के लिए बाकायदा सिस्टम बना हुआ था। हमने लूट की इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए तकनीक की मदद ली। जनधन खाते खोलना, आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करना, सिस्टम को ठीक करने के ही प्रयास हैं।

DBT के माध्यम से हमने लाभार्थियों तक 36 लाख करोड़ रुपए पहुंचाए हैं। अगर ये व्यवस्था नहीं होती तो सोचिए देश का कितना पैसा बिचौलियों की जेब में चला जाता। हमने केंद्रीय भर्तियों की ग्रुप-सी, ग्रुप-डी भर्तियों से इंटरव्यू की व्यवस्था खत्म की, तो इससे भ्रष्टाचार का बना-बनाया एक सिस्टम ध्वस्त हुआ।

देश में क्लियरेंस के लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया। हमने सरकारी सेवाओं को फेसलेस बनाया। उन्हें ऑनलाइन कर दिया। आज सरकार के टेंडर भी ऑनलाइन होते हैं। फरार हुए अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट पारित किया।

हमने PMLA को मजबूत बनाया। ऐसा भी नहीं है कि एजेंसियां सिर्फ राजनीतिक व्यक्तियों पर कार्रवाई कर रही हैं। ED ने अब तक जितने मामले दर्ज किए हैं, उनमें से सिर्फ 3 प्रतिशत मामले ही राजनीति से जुड़े व्यक्तियों के हैं। 97 प्रतिशत केस अधिकारियों या अन्य लोगों के हैं।

 

 

भास्कर: महाराष्ट्र में इस बार वोटिंग भी कम हुई और पार्टियों के कई टुकड़े होने के कारण लोगों में कन्फ्यूजन भी लग रहा है। चुनाव परिणामों को आप किस रूप में देखते हैं?

मोदी: महाराष्ट्र में महायुति की सरकार से विकास कार्यों को फिर से गति मिली है। यहां के किसानों को PM किसान सम्मान निधि के रूप में 12 हजार रुपए मिल रहे हैं। महाराष्ट्र के लोग देख रहे हैं कि केंद्र और राज्य की सरकार मिल कर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को जमीन पर उतार रही है।

दूसरी तरफ परिवारवादी पार्टियों का गठबंधन है, जो अपने कुनबे को आगे बढ़ाने के लिए साथ आए हैं। उनकी पार्टियों में टूट भी परिवार मोह की वजह से हुआ है। आज नकली शिवसेना और नकली राष्ट्रवादी कांग्रेस की बातें भी लोगों को नकली लग रही हैं।

जनता के सामने ये स्पष्ट है कि कौन देश के लिए काम कर रहा है और कौन अपने परिवार की अगली पीढ़ी को स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। महा ‘विनाश’ अघाड़ी के पास महाराष्ट्र या देश के लिए कोई विजन नहीं है। जनता उनकी वास्तविकता को समझती है, इसलिए उसके मन में कोई कन्फ्यूजन नहीं है।

भास्कर: मध्य प्रदेश में आपकी सरकार बनी, यानी वहां सरकार विरोधी लहर नहीं थी। इस बार मप्र में आप क्या संभावनाएं देखते हैं?

मोदी: ये दिखाता है कि भाजपा और मध्य प्रदेश का रिश्ता कितना गहरा है। हमारी योजनाओं से लोगों को घर, शौचालय, बिजली-पानी, गैस कनेक्शन मिला। हमने यहां के उद्योगों को फिर से खड़ा किया और उन्हें आगे बढ़ाया। स्वच्छता अभियान में आगे रहकर मध्य प्रदेश ने अपनी पहचान को और समृद्ध किया।

मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार की नीतियों ने लोगों के जीवन को बदला है। यही कारण है कि राज्य के चुनाव में सरकार के पक्ष में लहर दिखी और हमें पहले से ज्यादा बहुमत मिला। लोगों में कांग्रेस के डेढ़ साल के कार्यकाल को लेकर अब भी इतना गुस्सा है कि कांग्रेस को फिर मौका नहीं मिलने वाला।

भास्कर: छत्तीसगढ़ से इस बार क्या उम्मीदें हैं? कांग्रेस को उम्मीद है कि वो इस बार राज्य में आपको झटका देगी।

मोदी: छत्तीसगढ़ की जनता ने हमें 3 बार सेवा करने का अवसर दिया। उसके बाद कांग्रेस को मौका मिला। कांग्रेस के 5 साल में लोग त्राहि-माम करने लगे, इसलिए उसे सरकार से बाहर कर दिया। कांग्रेस की सरकार में भ्रष्टाचार और अराजकता का बोलबाला था। उनके नेताओं के यहां से नोटों के बंडल मिले। गरीब और वंचित कांग्रेस के 5 साल में परेशान रहे।

कांग्रेस की एक ही पारी में जनता इतना कुछ देख चुकी है कि छत्तीसगढ़ में इस बार उसका खाता खुलना भी मुश्किल है। छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए विकास ही सबसे अहम मुद्दा है। लोगों को उम्मीद है कि भाजपा की सरकार आने के बाद यहां एक बार फिर विकास को गति मिलेगी।

भास्कर: NDA को 400 सीट पार करने के लिए UP से और सीटें जीतनी होंगी। क्या ये संभव है? UP में आपके सामने सपा और कांग्रेस गठबंधन की चुनौती है।

मोदी : UP में कांग्रेस और सपा के बीच 2017 में अलायंस था, 2019 में भी साथ थे और 2022 में भी गठबंधन था। हम इस अलायंस को हराने की हैट्रिक पहले ही बना चुके हैं। UP के लोग परिवारवादी पार्टियों से त्रस्त हो चुके हैं। इन पार्टियों की सोच परिवार से आगे बढ़ ही नहीं पाती। उनकी राजनीति कभी विकास के लिए नहीं होती।

चर्चा भी इसी बात की होती है कि उनके परिवार की सीट पर क्या होगा, उनके परिवार का ये सदस्य जीतेगा या नहीं। परिवारवाद प्रतिभाओं को कुचल देता है। परिवारवाद भ्रष्टाचार को जन्म देता है, अवसरों को खत्म कर देता है। भाजपा का UP में मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। आज UP के लोग कानून-व्यवस्था का बदलाव देख रहे हैं। उन्हें सुरक्षा का ऐसा एहसास पहले कभी नहीं हुआ। इस बार UP में सारे रिकॉर्ड टूटेंगे और भाजपा और ज्यादा सीटें जीतेगी।

 

भास्कर: संभावना है कि पश्चिम बंगाल में इस बार भाजपा को बड़ी बढ़त मिलने वाली है। इसकी मुख्य वजह क्या मानते हैं?

मोदी : पश्चिम बंगाल के लोग TMC सरकार की असंवेदनशीलता से हैरान हैं। महिलाओं के प्रति इस सरकार के रवैये ने लोगों के सामने प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या ऐसी सरकार में राज्य की महिलाएं कहीं भी सुरक्षित महसूस करेंगी? संदेशखाली की घटना ने हर वर्ग की महिला को परेशान किया।

अपराधियों को बचाने के लिए TMC सरकार जो कर रही थी, कल्पना से परे है। TMC ने पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार, परिवारवाद और अराजकता को बढ़ावा दिया है। TMC सरकार ने तुष्टीकरण की सारी सीमाएं पार कर दी हैं। अपने वोट बैंक के लिए पश्चिम बंगाल की सरकार देश की सुरक्षा के साथ भी समझौता करने को तैयार दिखती है।

पश्चिम बंगाल में गवर्नेंस नाम की कोई चीज बची नहीं है। पहले लेफ्ट ने बंगाल को बर्बाद किया। TMC भी वही काम करने लगी। वहां की ज्यादातर इंडस्ट्री कहीं और शिफ्ट हो गईं। आज वहां सिर्फ बम बनाने की इंडस्ट्री तेजी से फल-फूल रही है। TMC सरकार की छवि घोटाले करने वाली सरकार की हो गई है।

आज वहां लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। केंद्र सरकार लोगों के कल्याण की जो योजनाएं वहां चलाना चाहती है, उसमें भी अड़ंगा लगाया जाता है। जनता ने इस बार पश्चिम बंगाल सरकार के इस रवैये का जवाब देने का मन बना लिया है।

इस बार चुनाव में लोकतंत्र को कुचलने का TMC का हर दांव बेकार जाएगा। पश्चिम बंगाल के लोग भाजपा को एक उम्मीद की तरह देख रहे हैं। मुझे विश्वास है कि यहां भाजपा अप्रत्याशित जीत दर्ज करेगी।

भास्कर: आपको G7 समिट और पीस समिट का न्योता मिला है, जिसका आयोजन चुनाव नतीजों के बाद जून में होना है। इतना विश्वास देखकर आपको कैसा लगता है और आप क्यों मानते हैं कि भारत की अहमियत बढ़ रही है?

मोदी: 10 वर्ष पहले देश की जो स्थिति थी, उस समय के भारत को और आज के भारत को दुनिया अलग नजर से देखती है। बीते 10 वर्षों में भारत की आर्थिक शक्ति बढ़ी है। हर क्षेत्र में भारत का सामर्थ्य बढ़ा है। हम 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गए।

एजेंसियों का अनुमान है कि हम अगले वर्ष दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। जब हम टॉप-3 इकॉनॉमी बनने का लक्ष्य रखते हैं, जब हम 5 ट्रिलियन इकोनॉमी की बात करते हैं तो दुनिया हम पर भरोसा करती है। हमारा अप्रोच नेशन फर्स्ट का है। हम भारत और भारतीय लोगों के हितों को प्राथमिकता देते हैं।

एक-दूसरे से टकराने वाले दो विरोधी देश भी हमारे दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं। हमने तेल की बढ़ती कीमतों का बोझ अपने नागरिकों पर नहीं डाला, बल्कि अपना पक्ष दुनिया के सामने मजबूती से रखा। आज जब ट्रेड डील होती है, कृषि से जुड़े समझौते होते हैं, तो भी भारतीयों का हित हमारी प्राथमिकता होती है।

पहले के समझौतों में लोगों का हित पीछे छूट गया था। अब दुनिया हमारे बदले हुए रुख का समर्थन करती है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि हमारी प्रगति से दुनिया के किसी देश को खतरा नहीं है, बल्कि ये दुनिया के लिए अच्छा है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।

Following is the clipping of the interview:

Source: Dainik Bhaskar

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WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।