भारत करीब 4000 वर्ष पूर्व से समुद्री व्यापार-वाणिज्य का महत्वपूर्ण केन्द्र था : उपराष्ट्रपति
समुद्री व्यापार-वाणिज्य से भारतीय रियासतें समृद्घ बनी थीं
अहमदाबाद को मेरीटाइम सिटी बनाने का सपना साकार होगा : मुख्यमंत्री
उपराष्ट्रपति ने किया प्रो. मकरंद मेहता की पुस्तक “गुजरात अने दरियो” का विमोचन
अहमदाबाद, शनिवार: उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने दर्शक इतिहास निधि द्वारा प्रकाशित पुस्तक गुजरात एंड दी सी के विमोचन के मौके पर कहा कि, करीब 4000 वर्ष पूर्व से भारत समुद्री व्यापार-वाणिज्य का महत्वपूर्ण केन्द्र था। दुनिया का पहला समुद्री बंदरगाह ईसा पूर्व 2300 के आसपास गुजरात के समुद्रीतट लोथल में बनाया गया था, ऐसा माना जाता है। जहाजरानी के व्यवसाय में हम शक्तिशाली थे, जिसका उल्लेख वेदों में भी मिलता है।उन्होंने कहा कि, भारतीय रजवाड़ों में समुद्री व्यापार-वाणिज्य के कारण समृद्घि बढ़ी थी। हम जहाजरानी और समुद्री व्यापार के व्यवसाय में कुशल थे, इतिहास ये बताता है। समुद्री पार के व्यापार की वजह से राजनीतिक, सामाजिक और कार्यकुशलता का आदान-प्रदान बढ़ गया था। गुजरात के समुद्री टेक्सटाइल व्यापार की साख के वेस्ट एशिया, यूरोप और साउथ ईस्ट एशिया में खड़े किए गए प्रभाव का उल्लेख पुस्तक में किया गया है।
राज्यपाल डॉ.श्रीमती कमलाजी ने कहा कि, गुजरात के पास 1600 किमी. लंबा समुद्रीतट है। गुजरात की व्यापारिक कुशलता और जहाजरानी के व्यवसाय में दक्षता का इतिहास 4500 वर्ष पूर्व से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि, कच्छ के मांडवी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय परिषद ने गुजरात के समुद्री व्यापार के अनेक प्रशंसनीय तथ्यों को उजागर किया है।
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, गुजरात समुद्र की शक्ति के शानदार स्वर्णिम युग को पुन:प्रतिष्ठित करने के लिए प्रतिबद्घ है और आधुनिक स्वरुप में अहमदाबाद को मेरीटाइम सिटी बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। गुजरात के हजारों वर्ष के हजारों वर्ष के मेरीटाइम स्टेट की वैभवी विरासत के इतिहास को महिमामंडित करने का संकल्प भी मुख्यमंत्री ने जताया है।
दर्शक इतिहास निधि के तत्वावधान में अहमदाबाद में उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने प्रो. मकरंद मेहता की पुस्तक च्च्गुजरात अने दरियोज्ज् का विमोचन किया। अंग्रेजी पुस्तक च्च्गुजरात एंड दी सीज्ज् का भी उन्होंने विमोचन किया।