QuoteThe Sankalp Patr will strengthen our development work. We did what we said, says PM Modi in UP’s virtual rally
QuotePM Modi says our party is known for fulfilling promises made in manifestoes
QuoteAs long as there is a Yogi government, mafias can never harass the people of UP: PM Modi

नमस्कार।

संभल, रामपुर और बदायूं के सभी मतदाता भाई-बहन को मेरा प्रणाम। पहले चरण के मतदान के लिए अब बस 2 दिन शेष हैं। पश्चिम यूपी के भाई-बहन, हमारे युवा, हमारी माताएं, बेटियां, हमारे किसान, हमारे उद्यमी, कमल का बटन दबाने के लिए तैयार हैं, तत्पर हैं।

साथियों,

यूपी के लोग राजनीति के जानकार तो हैं ही, यूपी वाले सच्चाई के बहुत बड़े पारखी भी हैं। यूपी परखता सबको है, लेकिन विश्वास उसी को देता है, जो उम्मीदों पर खरा उतरता है। योगी जी सरकार से पहले के अनेक साल विकल्पों की तलाश में रहे, कभी एक को परखा,कभी दूसरे को। लेकिन अब यूपी को स्थायित्व का, निरंतरता का विश्वास मिल चुका है। यूपी के लोगों ने देखा है कि जिनको पहले मौका दिया उन्होंने कैसे विश्वासघात किया। किसी ने जातिवाद और भ्रष्टाचार को फैलाया। तो किसी ने परिवारवाद, माफियावाद, गुंडाराज और दंगाराज यूपी को दिया। यूपी का नौजवान प्रगति के लिए आकांक्षी है। यूपी की माताएं-बहनें, शांति के साथ विकास चाहतीं है। वो पिछली सरकारों की हर करतूत को याद रखे हुए हैं। इसलिए पश्चिमी यूपी, फिर एक बार एकजुट होकर, भाजपा को जिताने जा रहा है। कुछ लोग, जिन्हें दिन में सपने देखने की आदत है, वो सोच रहे हैं कि पश्चिमी यूपी के लोग बंट जाएंगे। लेकिन उन्हें पता नहीं कि जिन लोगों ने 2014 में उन्हें हराया, जिन लोगों ने 2017 में उन्हें हराया, जिन लोगों ने 2019 में उन्हें हराया, वो अब फिर उन्हें हराने जा रहे हैं। पश्चिमी यूपी के लोगों के लिए, यूपी के लोगों के लिए हमेशा देश सर्वोपरि रहा है। वो देश को बांटने वाली ताकतों को, डराने वाली ताकतों को, तुष्टिकरण करने वाली ताकतों को कभी जीतने नहीं देंगे।

भाइयों और बहनों,

आज यूपी, यूपी भाजपा ने, उत्तर प्रदेश की आकांक्षा को साकार करने के लिए अगले 5 वर्ष का संकल्प पत्र जारी किया है। गरीब को सशक्त करने वाले, किसान-युवा को सशक्त करने वाले इस संकल्प पत्र के लिए मैं उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को और योगी जी को बधाई देता हूं। ये नए संकल्प, बीते 5 सालों की सिद्धियों से प्रेरित हैं। इसमें बीते 5 साल की सिद्धियों की निरंतरता भी है। कंटीन्यूटी भी है। ये संकल्प पत्र यूपी को एक बड़ी कृषि अर्थव्यवस्था का रोडमैप है। कृषि सिंचाई में जो उपलब्धियां 5 साल में हासिल कीं, मुख्यमंत्री सिंचाई योजना उसको विस्तार देगी। सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्री- इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन, यूपी में छंटाई और ग्रेडिंग यूनिट, कोल्ड चेन चेम्बर्स, गोदाम, प्रोसेसिंग सेंटर के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाएगा। भामाशाह भाव स्थिरता कोष, आलू, टमाटर, प्याज उगाने वाले किसानों, विशेष रूप से पश्चिमी यूपी के किसानों को बेहतर दाम देने में मदद करेगा। नई चीनी मिलों के निर्माण, पुरानी मिलों के आधुनिकीकरण के लिए हज़ारों करोड़ रुपए का मिशन, गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करेगा। ये संकल्प पत्र उत्तर प्रदेश को देश के टॉप औद्योगिक राज्यों में शामिल करने का रास्ता बनाता है। ये संकल्प पत्र, युवाओं, महिलाओं, दलितों, पिछड़ों को विकास के अहम सारथी बनाने पर बल देता है। महिला सुरक्षा के संकल्पों को, महिला रोज़गार-स्वरोजगार के हमारे कमिटमेंट को ये संकल्प पत्र और मज़बूत करने वाला है। ये संकल्प पत्र स्वास्थ्य के मामले में उत्तर प्रदेश ने जो प्रशंसनीय काम किया है, उसको और सशक्त करने वाला है।

साथियों,

भाजपा सरकार की पहचान रही है कि वो जो कहती है, करके दिखाती है। हम जो संकल्प लेते हैं उसको सिद्धि की तरफ ले जाते हैं। यूपी ने 2017 से पहले के अनेक साल भी देखे हैं जब वादों के नाम पर सिर्फ और सिर्फ धोखा होता था। आज बिजली की बात करने वाले जब सत्ता में थे, तब बिजली के तार कपड़े सुखाने के काम आते थे। आज बदायूं सोलर एनर्जी हब बन रहा है। आज दातागंज का सोलर प्लांट बड़े क्षेत्र को रोशन कर रहा है। यहां गांवों में कितने घरों तक पाइप से पानी आता था? आज हर घर नल से जल के लिए डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। माताओं-बहनों की उत्तम सेवा का हमारे लिए काम है। संभल, बदायूं और रामपुर में 60 हजार से ज्यादा गरीबों को पक्का घर डबल इंजन की सरकार ने ही दिलाया है। उज्ज्वला योजना की वजह से इन तीन जिलों में 7 लाख से ज्यादा गरीब बहनें अब गैस के चूल्हे पर खाना पकाती हैं।

साथियों,

आपको विकास के छोटे से छोटे काम के लिए ये नकली समाजवादी, कितना तरसाते थे, वो दिन लोग भूले नहीं हैं। संभल के लोग मेडिकल कॉलेज की मांग सालों-साल करते रहे। ये मांग डबल इंजन सरकार ने ही पूरी करने जा रही है। यूपी में एक्सप्रेसवे का जाल बिछ रहा है, इसके इर्द-गिर्द उद्योगों का नेटवर्क बिछने वाला है। गंगा एक्सप्रेस-वे तो बदायूं के किसानों, यहां के नौजवानों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने वाला है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत आज हर जिले में पैदा होने वाले उत्पाद को, चाहे वो खेत का हो या MSME का, उसको प्रोत्साहित किया जा रहा है। गुन्नौर में इंडस्ट्रियल एरिया यहां के युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर देने वाला है।

साथियों,

गन्ने से इथेनॉल और दूसरी सड़ी-गली फसलों से बायोफ्यूल बनाकर हम इस क्षेत्र के किसानों को बेहतर भविष्य से जोड़ रहे हैं। यूपी के किसानों का बनाया इथेनॉल, ये बायोफ्यूल अब देश की गाड़ियों को, हवाई जहाज़ों को चलाने वाला है। 5 साल पहले की तुलना में अब यूपी में इथेनॉल उत्पादन काफी ज्यादा हो रहा है। इस दौरान लगभग 12 हज़ार करोड़ रुपए का इथेनॉल गन्ना किसानों से खरीदा गया है। आज यूपी के कोने-कोने में बायोफ्यूल बनाने वाली फैक्ट्रियां लगाई जा रही हैं। बदायूं में भी बायोफ्यूल की एक यूनिट पर काम हो रहा है। दूध के साथ-साथ गोबर को भी किसानों-पशुपालकों की आमदनी का माध्यम बनाया जा रहा है। यूपी के अलग-अलग जिलों में बायोगैस प्लांट का नेटवर्क बनाया जा रहा है। मुजफ्फरनगर का प्लांट तो शुरु भी हो चुका है। दूध से जो कमाई होती है, वो तो होती ही रहेगी, लेकिन साथ-साथ जब गोबर से भी धन का लाभ मिलेगा तो पशु बोझ नहीं लगेगा। इससे उनको खुले में छोड़ने की मजबूरी भी नहीं रहेगी।

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साथियों,
हमारा ट्रैक रिकॉर्ड कचरे से कंचन बनाने का है, उनका ट्रैक रिकॉर्ड कंचन को भी कचरा बनाने का है। यही प्राथमिकताओं का फर्क है। यही 2017 से पहले और आज का फर्क है।

साथियों,

शांति और सुरक्षा के बिना विकास संभव ही नहीं है। आप कल्पना कीजिए, आपके पास गाड़ी है, बंगला है, खेत-खलिहान है। अच्छी खासी जिंदगी है, लेकिन नौजवान बेटा या नौजवान बेटी काम के लिए बाहर गए हों, और बेटा या बेटी, अंधेरे के बाद घर वापस न लौटें तो वो बंगला, रुपया-पैसा किस काम का...और बेटे की लाश आ जाए, बेटी की लाश आ जाए तो वो रुपये किस काम के और इसलिए शांति भी चाहिए सुरक्षा भी चाहिए, तभी ये धन हो, दौलत हो, घर हो, खेत हो, बेटे-बेटी हो उनका जीवन बच सकता है। 10 साल में अनेकों दंगे का पश्चिमी क्या हाल करके रखा है, क्या कोई मेरा उत्तर प्रदेश का भाई-बहन इसको भूल सकता है? क्या ये दंगे यहां की बेटियां, यहां के युवा भूला सकते हैं क्या?

मेरे प्यारे उत्तर प्रदेश के भाइयो और बहनो,

ये लोग सत्ता पाने के लिए जिस प्रकार के खेल खेल रहे हैं, उनको अपने कारनामों का कोई अफसोस नहीं है। उन्हें अपनी भूल का भी कोई ऐहसास नहीं है, इसलिए वैसे ही उम्मीदवार दिए हैं। आप सोचिए, उम्मीदवारों के नाम पढ़कर के पता चलेगा कि उनकी सोच क्या है? जिस मानसिकता ने पश्चिमी यूपी का इतना नुकसान किया, उसी को आगे बढ़ाने का ये खेल है। जो इनके कैंडिडेट हैं, वो या तो हिस्ट्रीशीटर हैं या फिर दंगावादी हैं। मैं सभी मतदाताओं से कहूंगा कि वोट डालने से पहले इनके कारनामे, इनकी करतूतों को कभी भी मत भूलना और कमल पर बटन दबाने से पहले इनको याद रखोगे तो लगेगा कमल दबाते समय आप उनको सजा दे रहे हैं, जिन्होंने आपकी जिंदगी तबाह कर दी थी और एक बात भूलता मत मेरे भाइयो और बहनो, इनको सिर्फ कुर्सी का मोह है, ऐसा नहीं है ये लोग बदला लेने की फिराक में है। इनको गलती से भी मौका मिल गया तो, फिर खेत लहुलुहान हो जाएंगे, फिर दुकानें जलेंगी, फिर डर और खौफ का वो काल लौटेगा। आप याद रखिए, दबंगों और दंगाइयों से मुक्ति भाजपा का सबसे बड़ा कमिटमेंट है। हमें शांति चाहिए, हमें भाईचारा चाहिए, हमें एकता चाहिए, हमें हमारे बेटे-बेटियों का उज्ज्वल भविष्य चाहिए। आपका एक एक वोट, यूपी को दंगामुक्त रखेगा।

भाइयों और बहनों,

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, ये डबल इंजन सरकार की नीति भी है और निष्ठा भी। यही कारण है कि हर चुनाव में भाजपा पहले से अधिक समर्थन के साथ लौटती है। देश की महिलाएं, माताएं-बहनें-बेटियां भी जानती हैं कि भाजपा सरकार कैसे उनके हितों के लिए काम करती है, उनका जीवन आसान बनाने के लिए काम करती है। दिन रात ईमानदारी से मेहनत के साथ आपके लिए काम करती है। इसलिए वो हमेशा भाजपा को भरपूर आशीर्वाद देती हैं और इस बार भी वो अपने आशीर्वाद में कोई कमी नहीं रखेंगी।

साथियों,

बीते 7 सालों में महिलाओं के हित में जो भी योजनाएं चली हैं, उनका स्पष्ट प्रभाव आज ज़मीन पर दिख रहा है। गांव-गांव में शौचालय-इज्जतघर बनने से, और मैंने देखा, मुझे उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा आशीर्वाद मेरी माताओं-बहनों ने दिए। इज्जत घर से वो मुझे अपने भाई की तरह, अपने बेटे की तरह हमेशा मेरी माताएं-बहनें आशीर्वाद देती रही हैं। मैं इन माताओं-बहनों के लिए जितना काम करूं, उतना कम है। उतने आशीर्वाद आप लोगों ने दिए हैं। उत्तर प्रदेश के मेरे भाइयो और बहनो, टीकाकरण अभियान गरीब के घर तक पहुंचना, गरीब की जिंदगी बचाने के लिए हमारा एक बहुत बड़ा अभियान रहा है। मैंने देखा चुनाव की इस आपाधापी में भी योगी जी आज भी अस्पताल जाना, ड़ॉक्टरों से बात करना, टीकाकरण को बढ़ाना आज भी दिन-रात उस काम को कर रहे हैं। क्यों, हमारे लिए गरीब से गरीब की जिंदगी भी बचाने का हमारी कोशिश है। अस्पताल में डिलिवरी की संख्या बढ़ने से, गर्भ के दौरान पोषण के लिए हज़ारों रुपए की मदद से, माताओं, बहनों, बेटियों का स्वास्थ्य अब ज्यादा बेहतर हुआ है। पहले बहनें अपनी बीमारी छुपाती थी, इसलिए नहीं कि कुछ बुरा था, लेकिन माता-बहनों के दिल में रहता था कि बीमारी का पता चलेगा, डॉक्टरों के पास जाना पड़ेगा, ऑपरेशन करवाना पड़ेगा, दवाई लेनी पड़ेगी। खर्च बढ़ जाएगा, बच्चों पर बोझ हो जाएगा, कर्ज बच्चों के सिर पर पड़ेगा। बच्चों के सुख के लिए, घर के लोगों के सुख के लिए मेरी माताएं-बहनें पीड़ा सहन करती थीं, लेकिन अस्पताल में जाकर उपचार नहीं कराती थीं। ये पीड़ा मैंने देखी, मैंने समझी और इसलिए हमने 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज मेरे देश के गरीब भाई बहनों को मिले, उत्तर प्रदेश की मेरी माताओं-बहनों को मिले, इस काम को हमने आगे बढ़ाया। ये शुरू हुआ तब से हमारी बहनें जो अब तक बीमारी सहती थी, बच्चों पर बोझ नहीं होने देती थीं, वे आज अपना इलाज कराने के लिए आगे आ रही हैं और मुझे, मुझे अपने जीवन में इतना संतोष मिल रहा है कि मेरी ऐसी गरीब माताओं-बहनों और उनकी संतानों को अगर कोई बीमारी आ जाए तो मैं उनकी सेवा कर पा रहा हूं। योगी जी उनकी सेवा कर पा रहे हैं।

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भाइयों और बहनों,

इतने दशकों तक हमारी मुस्लिम बहनों को तीन तलाक जैसी कुरीति में जकड़ कर रखा गया था। अब मुस्लिम बहनों के विरुद्ध ऐसे कदम उठाने वाले सौ बार सोचते हैं। मुस्लिम बहनों को सुरक्षा का अहसास हुआ है और कभी-कभी लोगों को लगता है कि तीन तलाक के खिलाफ मैंने जो कानून बनाया, उससे बहनों को तो अच्छा लगा, लेकिन पुरुष नाराज है। मैं जरा पूछना चाहता हूं कि तीन तलाक के कारण अगर कोई बेटी वापस आती है तो पीड़ा पिता को होती है कि नहीं होती। पीड़ा भाई तो होती है कि नहीं होती। पीड़ा माता को होती है कि नहीं होती। मैंने तीन तलाक के कानून को खतम करके ऐसे लाखों पिताओं को आश्वस्त किया है। ऐसी लाखों माताओं को आश्वस्त किया है। ऐसे लाखों मुस्लिम भाईयों को आश्वस्त किया है कि अब उनकी बेटी अचानक वापस नहीं आएगी। वो सुख-चैन से अपना जीवन बिता पाएगी। मैने सारे परिवार के सुख की चिंता की है। मैंने वोट की चिंता नहीं की है। मैंने आपसे सुख की चिंता की है। मेरी माताएं-बहनें मेरे इस काम को, इस साहस को, आलोचनाएं झेलने के बावजूद भी मैने आपके कल्याण के लिए काम किया है और मुझे खुशी है कि मुस्लिम समाज के कुछ समझदार लोग मेरे साथ खड़े रहे। मेरे पक्ष में खड़े रहे और मेरी मुस्लिम माताएं-बहनें तो मुझे बहुत बड़ी हिम्मत दी, बहुत बड़ी ताकत दी और उसके कारण आज मे आपको इस संकट से मुक्त करा पाया हूं। मेरे भाइयो और बहनो बेटे और बेटियों की शादी की उम्र बराबर करने का लाभ भी मुस्लिम बेटियों को बहुत अधिक होगा। अब मुस्लिम बेटियां अपने करियर पर ध्यान दे पाएंगी। ऐसे काम जब मुस्लिम बेटियां-बहनें अनुभव करती हैं, तब जाकर वो कमल के फूल को चुनकर आती हैं। मैं बेटियों से आग्रह करुंगा कि वो बेखौफ होकर अपना पैशन फॉलो करें, जो उनके मन में है, उस रास्ते पर चल पड़ें,उनके लिए भी प्रगति इंतजार कर रही है। डबल इंजन सरकार, आपके साथ चट्टान की तरह खड़ी है।

भाइयों और बहनों,

रामपुर के गरीबों, दलितों, पिछड़ों से बेहतर अवैध कब्ज़े की पीड़ा कौन समझ सकता है। जिन नकली समाजवादियों ने दलितों की ज़मीन पर कब्ज़े किए उनको आज वोट के लिए बाबा साहेब आंबेडकर याद आ रही है। लेकिन इन लोगों की सच्चाई ये है कि ये लोग भूमाफिया को टिकट दे रहे हैं। ये लोग बाबा साहेब का अपमान करने वालों को टिकट दे रहे हैं। यूपी का दलित समाज ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगा। इतना ही नहीं, दूसरे प्रदेशों के जो नेता, यूपी के लोगों को गुंडा करार देते थे, उन्हें भी ये अपने प्रचार के लिए यहां ले आए हैं। यूपी के लोगों के सम्मान का ध्यान होता, तो ये लोग यूपी के लोगों को गुंडा बोलने वालों को कभी अपने यहां नहीं बुलाते। लेकिन इन्हें ना यूपी की परवाह है, ना यूपी के लोगों के सम्मान की।

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भाइयों-बहनों,

यूपी में जब माफियावादी सरकार थी, तो हर खाली प्लॉट पर उनके कार्यकर्ता अपना झंडा गाड़ देते थे। यही नहीं, अगर गरीब, दलित, पिछड़े परिवार के लोग रोज़ी-रोटी के लिए दूसरे राज्य जाते थे, उनको यही चिंता रहती थी कहीं उनके घर पर कोई कब्ज़ा ना कर ले। क्योंकि गांव के घर का कोई कानूनी दस्तावेज़ उनके पास था ही नहीं। अब केंद्र सरकार ने पीएम स्वामित्व योजना से गांव के घरों, गांव की संपत्ति के कानूनी दस्तावेज़ दिए जा रहे हैं, घरौनी दी जा रही है। यूपी तो इसमें योगी जी के नेतृत्व में बहुत प्रशंसनीय काम कर रहा है। अब जब ये दस्तावेज़ आपके पास रहेगा तो कोई भी अवैध कब्ज़ा नहीं कर पाएगा। योगी जी के बुल्डोज़र से तो वैसे ही भू-माफिया बेचैन हैं। रामपुर वाले तो इस बेचैनी के साक्षी भी रहे हैं। जब तक योगी सरकार है, ये माफिया, कभी यूपी के लोगों को परेशान नहीं कर सकते। हमारे गरीब, दलित, पिछड़ों के लिए ये सरकार, माफिया से बचाने वाली, माफियाओं से सुरक्षा देने वाली एक सुरक्षा का कवच देने वाली है।

साथियों,

हमारी सरकार, सामाजिक न्याय के लिए, समाज में समानता लाने के लिए निरंतर काम कर रही है। इस बार के बजट में भी दलितों और आदिवासियों के कल्याण के लिए तय राशि को बढ़ाया गया है। मैट्रिक के बाद अनूसूचित जाति के बेटे-बेटियों की पढ़ाई के लिए जो मदद दी जाती है, उसमें हज़ारों करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इससे यूपी के भी लाखों दलित नौजवानों को लाभ होगा।

भाइयों और बहनों,

आपका एक-एक वोट यूपी का विकास सुनिश्चित करेगा, यूपी को नई ऊंचाई पर पहुंचाएगा। इसलिए कमल के फूल पर वोट डालना भी है और अपने आस-पास, अड़ोस-पड़ोस के लोगों को भी कमल के फूल पर बटन दबाने के लिए प्रेरित करना है। प्रोत्साहित करना है। आप जमकर मतदान करेंगे, भरपूर मतदान करें, इसी विश्वास के साथ आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !

  • MLA Devyani Pharande February 17, 2024

    जय श्रीराम
  • Vaishali Tangsale February 16, 2024

    🙏🏻🙏🏻
  • Laxman singh Rana July 31, 2022

    namo namo 🇮🇳🌹
  • Laxman singh Rana July 31, 2022

    namo namo 🇮🇳
  • Karan sharma April 20, 2022

    jai shri Ram 🙏🏼
  • Vivek Kumar Gupta March 30, 2022

    जय जयश्रीराम
  • Vivek Kumar Gupta March 30, 2022

    नमो नमो.
  • Vivek Kumar Gupta March 30, 2022

    जयश्रीराम
  • Vivek Kumar Gupta March 30, 2022

    नमो नमो
  • Vivek Kumar Gupta March 30, 2022

    नमो
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India is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM Modi
June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteThe success of Chandrayaan mission and your historic journey renew interest in science among the children and youth of the country: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteYour historic journey is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission and will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

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शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

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प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

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शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!