Wherever the crisis struck, we have left no stone unturned to bring back our citizens safe. We are now bringing back thousands of Indians from Ukraine by running Operation Ganga: PM Modi
Those who have a history of taking commissions in defence deals cannot strengthen the country: PM Modi in Basti
For decades these 'Parivarwadis' let our armies’ dependent on other countries, destroyed India's Defence (sector)...But today, we have a Defence corridor being set up in UP: PM Modi

नमस्कार।

बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर, अंबेडकरनगर के सभी लोगों को मेरा प्रणाम। आज 5वें चरण का मतदान हो रहा है। आज का मतदान, यूपी में भाजपा, एनडीए की प्रचंड बहुमत वाली सरकार को एक और ठप्पा लगाने वाले हैं।

भाइयों और बहनों,

यूपी को दंगामुक्त बनाए रखने के लिए, गुंडामुक्त बनाए रखने के लिए, यूपी के विकास के लिए लोगों का भरपूर आशीर्वाद हमें मिल रहा है।

भाइयों और बहनों,

आज चंद्रशेखर आज़ाद जी के बलिदान दिवस पर देश अपने सपूत को याद कर रहा है। कल बालाकोट एयरस्ट्राइक के तीन साल पूरे होने पर देश ने अपनी वायुसेना के पराक्रम को भी याद किया। हमारे शूरवीरों ने देश को चुनौती देने वालों को उनके घर में ही घुसकर मारा था। याद है न... याद है न...।

ये दिन जब-जब आता है, देश का सीना गर्व से और चौड़ा हो जाता है। लेकिन साथियों, भारत का ये पराक्रम, दिल्ली और यूपी में बैठे कुछ घोर परिवारवादियों को रत्ती भर भी पसंद नहीं आता। ये लोग आज भी हमारी सेनाओं से सबूत मांगते हैं, उनके सामर्थ्य पर विश्वास नहीं करते। इसलिए ऐसे लोगों से यूपी की जनता को बहुत सतर्क रहना है।

भाइयों और बहनों,

बीते 2 साल से दुनिया में जो स्थिति बनी है, उससे आप सभी परिचित हैं। कोरोना की भयंकर महामारी पूरी दुनिया को पूरी मानव जाति को 100 साल में कभी ऐसी महामारी का सामना नहीं करना पड़ा था। दुनिया के बड़े-बड़े देशों के सामने संकट खड़ा हो गया। इस समय भी जो वैश्विक हालात हैं, उस पर प्रत्येक भारतीय की नजर है। इस चुनौती भरे कालखंड में भारत ने हमेशा अपने एक-एक नागरिक के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जहां भी संकट आया, हमने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।

ऑपरेशन गंगा चलाकर हम यूक्रेन से भी हजारों भारतीयों को वापस ला रहे हैं। हमारे जो बेटा-बेटी अभी भी वहां हैं, उनको पूरी सुरक्षा के साथ अपने घर पहुंचाने के लिए सरकार दिन-रात काम कर रही है।

साथियों,

आज का ये दौर भारत को, हर भारतवासी को एक बहुत बड़ा संदेश दे रहा है। ये समय भारत को ज्यादा से ज्यादा ताकतवर, भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। ये समय जात-पात से ऊपर उठकर, छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठकर राष्ट्र के साथ खड़े होने का समय है।

साथियों,

हमें हर साल, हर हाल में अपनी सेनाओं को आधुनिक बनाते ही रहना होगा। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खुद को खपाना होगा। ये काम घोर परिवारवादी, घोर स्वार्थी कभी नहीं कर सकते। जिन लोगों का इतिहास रक्षा सौदों में कमीशन खाने का रहा हो, वो परिवारवादी कभी भी देश को मजबूत नहीं कर सकते। जो लोग देश की सेनाओं की जरूरत को हमेशा नजरअंदाज करते रहे, वो परिवारवादी देश को मजबूत नहीं कर सकते। जिन लोगों का दिल, देश में बम धमाके करने वाले आतंकियों के लिए धड़कता है, वो कभी देश को सशक्त नहीं बनाएंगे।

भाइयों और बहनों,

देश तभी ताकतवर होगा, जब देश के राज्य ताकतवर होंगे, जब हमारा उत्तर प्रदेश ताकतवर होगा। लेकिन घोर परिवारवादियों का तो एक ही फॉर्मूला है- पैसा परिवार की तिजोरी में, कानून जेब में और जनता इनके पैरों पर । ये उत्तर प्रदेश को, देश को ताकतवर नहीं होने देंगे। ये तो समाज के कमज़ोर वर्गों पर गुंडई करने वालों, माफियाओं को ताकत देते हैं। कबीर जी इनके लिए ही बहुत पहले कह गए थे- दुर्बल को ना सताइए, जाकि मोटी हाय ! गरीब की इसी हाय ने, 2014 में इनको झटक दिया, 2017 में पटक दिया, 2019 में साफ किया, और अब 2022 में तो अब इनको अपनी ही सीट बचाने के लाले पड़ गए हैं।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत अभियान, सिर्फ भाजपा सरकार का नहीं है, बल्कि एक-एक देशवासी की जरूरत है। देश आत्मनिर्भर होगा तो नौजवानों, महिलाओं, किसानों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों सभी को लाभ होगा।

बहनों और भाइयों,

पहले की सरकारों की जो नीतियां थीं, उन्होंने विदेश से सामान मंगाने पर ही जोर दिया। इन लोगों को भारत का दूसरे देशों पर निर्भर बने रहना अच्छा लगता है। उन्हें एक ही बात नजर आती है कौन सी पता है, कमीशन, कटकी। इसलिए ये लोग कभी आत्मनिर्भर भारत की बात नहीं करते। राष्ट्रभक्ति और परिवारभक्ति में यही फर्क होता है।

भाइयों और बहनों,

इन घोर परिवारवादियों ने दशकों तक हमारी सेना को भी पूरी तरह विदेशों पर निर्भर रखा, भारत के रक्षा उद्योग को बर्बाद कर दिया। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में ही बहुत बड़ा डिफेंस कॉरिडोर बना रहा है। हमारे पास तेल के कुएं नहीं हैं, हम बहुत सारा कच्चा तेल बाहर से मंगाते हैं, लाखों करोड़ रुपए उस पर खर्च करते हैं। इन लोगों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया कि गन्ने की मदद से ज्यादा से ज्यादा इथेनॉल भी बनाया जा सकता है, उसे पेट्रोल में मिक्स किया जा सकता है। पहले ये लोग गन्ने से सिर्फ चीनी बनवाते रहे और नीतियां ऐसी बनाईं कि चीनी मिलें और गन्ना किसानों, दोनों को सरकार की दया पर जीने के लिए मजबूर कर दिया। आज हमारी सरकार गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इथेनॉल प्लांट का बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार कर रही है।

यहां पिपराइच में जो डिस्टिलरी लगी है, उसमें भी गन्ने से सैकड़ों लीटर इथेनॉल हर रोज बनेगा। गांव में जो गोबर होता है, शहरों में घरों से जो कचरा निकलता है, उससे भी बायोगैस बनाने के लिए आज देश में सैकड़ों बायोगैस प्लांट बनाए जा रहे हैं। खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता के लिए हमने हज़ारों करोड़ रुपए का मिशन शुरु किया है। इसके तहत सरकार किसानों को तिलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए मदद दे रही है। यानि हर साल जो लाखों करोड़ रुपए हम विदेश भेजने के लिए मजबूर हैं, वो हमारे ही किसानों की जेब में जाएंगे। कमीशन के लिए जीने वाले परिवारवादी, किसान हित और राष्ट्रहित के ऐसे कदम कभी नहीं उठा सकते। आप याद रखिएगा साथियों, ये किसी जाति के नहीं होते, किसी समाज के नहीं होते, इनके लिए अपना स्वार्थ सबसे बड़ा है। ये कितने स्वार्थी हैं आप देखिए 2017 में किनको साथ लेकर घूमते थे, 2019 में आते आते उनको छोड़ दिया, दूसरों का साथ लिया, फिर उनको छोड़ दिया, 2022 में नए साथी लेकर आए, जो अपने साथियों को छोड़ देते हैं। वो कभी आपका साथ करेंगे क्या?

साथियों,

ये घोर परिवारवादी जब सरकार में थे, तो इन लोगों ने कैसे यूपी को लूटा है, इसका एक और उदाहरण मैं आपको देना चाहता हूं। जब इन घोर परिवारवादियों की सरकार के पांच साल के खर्च का लेखा-जोखा किया गया, तो पता चला कि हजारों करोड़ रुपए का कोई हिसाब ही नहीं है। रातो-रात फर्जी कंपनियां बनाकर, उन्हें सरकारी ठेके तो दे दिए गए लेकिन वो पैसा खर्च कहां हुए इसका कभी हिसाब नहीं दिया गया। हजारों करोड़ रुपयों से इस क्षेत्र में कितने स्कूल बन सकते थे, गरीबों के कितने घर बन सकते थे। लेकिन ये घोर परिवारवादी, सारे पैसे खाकर बैठ गए।

साथियों,

बस्ती समेत ये पूरा क्षेत्र जो कभी अपनी फैक्ट्रियों, मिलों के लिए जाना जाता था, उन पर ताले किसने लगाए?...किसने ताले लगाए? ये बोरोजगार किसने किया।

भाइयों और बहनों,

गन्ना किसानों को, बुनकरों को भी इन घोर परिवारवादियों ने बेहाल कर दिया था। योगी जी की सरकार ने मुंडेरवा-पिपराइच चीनी मिल का तोहफा गन्ना किसानों को दिया है। एक जनपद, एक उत्पाद जैसी योजनाओं के माध्यम से यहां के बुनकरों, यहां के कारीगरों को भाजपा सरकार नया विश्वास दे रही है। इस साल के बजट में केंद्र सरकार ने एक स्टेशन, एक उत्पाद की घोषणा की है। इसके तहत हमारे बुनकरों, कारीगरों के सामान को बड़े मार्केट तक पहुंचाने के लिए रेलवे में विशेष सुविधाएं तैयार की जाएंगी।

भाइयों और बहनों,

हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए हर गरीब को सशक्त कर रही है। जाति धर्म से ऊपर उठकर, बढ़ाया है सम्मान, सबसे पहले गरीब कल्याण, इसी भावना के साथ हम काम कर रहे हैं। जब मेडिकल कॉलेज खुलते हैं, आईटीआई खुलती हैं, तो सबका विकास होता है। जब हम सिंचाई की दशकों पुरानी योजनाओं को पूरा करते हैं, तो सबका विकास होता है। जब हम गरीब को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज देते हैं, तो सबका विकास होता है। जब सरकार मुफ्त राशन देती है, जीवन बचाने वाला टीका मुफ्त लगाती है, तो ये सबका कल्याण होता है।

भाइयों और बहनों,

आपका टीका लग गया, टीका लग गया। आपको एक भी रुपया देना पड़ा क्या, कोई खर्चा करना पड़ा करना पड़ा क्या। ये बिना भेदभाव हुआ की नहीं हुआ, बिना पक्षपात हुआ की नहीं हुआ।

भाइयों और बहनों,

मेरे लिए इस देश का हर नागरिक मेरा अपना परिवार है और इसलिए बिना किसी भेदभाव बिना पक्षपात सरकार गरीब को पक्की छत देती है, तो ये सबका विकास ही है। लेकिन घोर परिवारवादियों के लिए तो अपना विकास ही सर्वोपरि है। इसलिए ये गरीब के हित में बनाई गई इन योजनाओं के खिलाफ हैं। ऐसे लोगों को सत्ता से हमेशा दूर रखना है। इसलिए आपको एकजुट होकर, भाजपा, निषाद पार्टी और अपना दल के उम्मीदवारों के लिए भारी मतदान करना है। आपका हर एक वोट उत्तर प्रदेश को मजबूत बनाएगा, देश को नई ताकत देगा। याद रखिए पहले मतदान, फिर बाकी काम !

भाइयों-बहनों

मेरा एक काम करेंगे आप लोग, ऐसे नहीं जोर से बताइए। माताएं बहनें मेरा काम करेंगी, नौजवान मेरा काम करेंगे, सारे किसान भाई मेरा काम करेंगे, पक्का करेंगे। तो देखिए 3 तारीख के पहले हरेक के घर जाइए और उनको कहिए की मोदीजी ने आपको प्रणाम भेजा है। ये काम करेंगे, हरेक के घर में मेरा प्रणाम पहुंचना चाहिए। मेरा नमस्ते पहुंचना चाहिए, पहुंचेगा न, आप घर-घर जाकर एनडीए को जिताने के लिए समझाएंगे, भाजपा तो जिताने के लिए समझाएंगे। निषाद पार्टी को जिताने के लिए समझाएंगे, अपना दल को जिताने के लिए समझाएंगे।

भाइयों-बहनों

भारी मतदान करवाइए, सबको एनडीए के साथियों को जिताइए, मेरे साथ बोलिए.

भारत माता की जय !

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Prime Minister holds a telephone conversation with the Prime Minister of New Zealand
December 22, 2025
The two leaders jointly announce a landmark India-New Zealand Free Trade Agreement
The leaders agree that the FTA would serve as a catalyst for greater trade, investment, innovation and shared opportunities between both countries
The leaders also welcome progress in other areas of bilateral cooperation including defence, sports, education and people-to-people ties

Prime Minister Shri Narendra Modi held a telephone conversation with the Prime Minister of New Zealand, The Rt. Hon. Christopher Luxon today. The two leaders jointly announced the successful conclusion of the historic, ambitious and mutually beneficial India–New Zealand Free Trade Agreement (FTA).

With negotiations having been Initiated during PM Luxon’s visit to India in March 2025, the two leaders agreed that the conclusion of the FTA in a record time of 9 months reflects the shared ambition and political will to further deepen ties between the two countries. The FTA would significantly deepen bilateral economic engagement, enhance market access, promote investment flows, strengthen strategic cooperation between the two countries, and also open up new opportunities for innovators, entrepreneurs, farmers, MSMEs, students and youth of both countries across various sectors.

With the strong and credible foundation provided by the FTA, both leaders expressed confidence in doubling bilateral trade over the next five years as well as an investment of USD 20 billion in India from New Zealand over the next 15 years. The leaders also welcomed the progress achieved in other areas of bilateral cooperation such as sports, education, and people-to-people ties, and reaffirmed their commitment towards further strengthening of the India-New Zealand partnership.

The leaders agreed to remain in touch.