Our first PM was there for 17 years, his daughter for about 14 years, her son for next five years and the same family also ran the government for a long time with remote control: PM
Congress Government in Puducherry has done injustice with people of the region by not focusing on development: PM Modi
Puducherry has all the resources and its people had the potential to touch new heights of development: PM Modi
Puducherry: PM Modi highlights various initiatives of the Centre like Mudra Yojana, Jan Dhan Yojana and Digital Saksharta Scheme
Ayushman Bharat Yojana would benefit poor the most, says PM Modi
Through Sagarmala project, the Government is strengthening the ports and ushering in an era of port-led development: PM Modi

भारत माता की जय। दोनों हाथ उपर उठाकरके, मुट्ठी बंद करके बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय।

पुदुचेरी सहोदर, सहोदरी कले वल्लकम। पुंगलई पाक पुदुचेरी वंदे रोम संतोषम। पुदुचेरी अलगानुर। मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण और पुदुचेरी जैसी छोटी जगह पर इतनी कड़ी धूप में इतनी बड़ी तादात में आए हुए पुदुचेरी के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

मैं लंबे अंतराल के बाद आज पुदुचेरी आया हूं। पुदुचेरी दिव्य और सिद्ध लोगों का शहर है। इस पुण्य भूमि में हमेशा वो ऊर्जा महसूस की जा सकती है जो देश को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से और सशक्त करती है। आप लोग इस पवित्र शहर में रहने के कारण बहुत भाग्यशाली हैं। और मैं भी आज यहां आकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।

साथियों।

पुदुचेरी की एक विशेषता है। ये गांव वालों के लिए गांव है और शहर वालों के लिए शहर है। हमारे यहां कहा गया है - अतिथि देवो भव:। उसके आप इस ऐतिहासिक शहर ने अपने ऐतिहासिक महान कर्मों के द्वारा जीकर दिखाया है। जब श्री अरविन्द घोष जी अंग्रेजों से बचकर पुदुचेरी आए थे तो आप लोगों ने दोनों हाथों से गले लगाकर उन्हें ज्ञान गुरु बनाया था। जब कवि भारती, उसी माहौल में यहां पधारे तो आपने उनका ह्रदय से स्वागत किया। पुदुचेरी ने ही उन्हें राष्ट्र कवि बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। अपनी कविताओं के माध्यम से उन्होंने कांची और काशी को जोड़ने का कार्य किया। मां भारती को हर भारतीय के ह्रदय और मस्तिष्क को जाग्रत करने का काम किया। स्वतंत्रता के सेनानी श्री वाचिनाजन का भी दिल खोलकर स्वागत किया। राष्ट्र निर्माण के लिए, स्वतंत्रता के लिए पुदुचेरी का योगदान, एक ऐसी विरासत है जो आज भी गौरव से भर देती है। गुलामी के उस कालखंड में जिन पत्रिकाओं पर ये सोचकर रोक लगा देते थे, उसे छापना अपराध है, वो पत्रिकाओं को पुदुचेरी ने छापकरके जागृति की जिम्मेदारी निभाई थी। यहां के लोगों ने एक नहीं बल्कि दो-दो स्वतंत्रता आंदोलनों में हिस्सा लिया है।

सुनामी आपदा के बाद आपने और विशेषकर कराईकल के लोगों ने जिस तरह पुनर्निमाण के कार्यों को संपन्न किया वो  आपके धैर्य, आपके हौसले और आपकी इच्छाशक्ति को दर्शाता है। साथियो। मैं पुदुचेरी की इस महान धरती को एक बार फिर नमन करता हूं।

साथियो।

पुदुचेरी में संसाधन हैं, सामर्थ्य है, इच्छाशक्ति भी है लेकिन आखिर ऐसा क्या कारण है कि विकास को रोककरके रखा हुआ है। आखिर ऐसा क्यों है कि पुदुचेरी विकास के पैरामीटर में देश में सबसे आगे नहीं है। पुदुचेरी का हर नागरिक पूछता है कि क्या पुदुचेरी अपनी पूरी शक्ति का इस्तेमाल कर पा रहा है। क्या यहां के नौजवानों, महिलाओं को आगे बढ़ने का उचित अवसर मिल रहा है ...। क्या यहां के उद्योग अच्छी तरह से परफोर्म कर पा रहे हैं ...। क्या यहां के लोगों के आपकी जिंदगी में इज ऑफ लिविंग वैसी है, जिसके आप अधिकारी हैं ...।

भाइयो बहनो।

इस धरती के साथ अन्याय किया है। एक के बाद एक आने वाली सरकारों ने यहां की क्षमता को समझने में गलती की है। पुदुचेरी के विकास पर कई दशकों से ब्रेक लगा हुआ है। हम जब विकास की बात करते हैं तो ध्यान में आता है कि हमारा देश 1947 में आजाद हुआ था। कई ऐसे देश थे जो हमारे बाद आजाद हुए। लेकिन आज वो देश विकास के कई पैमानों पर भारत से बहुत आगे निकल गए हैं। हमें गंभीरता से सोचना होगा कि हमारे पॉलिटिकल कल्चर में, हमारे सिस्टम में, हमारे सरकारी कल्चर में, ऐसी क्या कमी रही जो हम विकास की इस यात्रा में और देशों से आज भी पीछे हैं। मैं आज पुदुचेरी की धरती से पूरे देश के विद्वानों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। हम जरा इतिहास पर नजर करें।

हमारे पहले प्रधानमंत्री ने लगभग 17 सालों तक इस देश का शासन संभाला। उसके बाद उनकी बेटी ने लगभग 14 साल तक देश का कारोबार संभाला। और फिर उनके पुत्र ने पांच साल तक प्रधानमंत्री पद पर रहकरके कार्यभार संभाला। और पिछले 10 साल में आपने देखा 2004 से 2014, रिमोर्ट कंट्रोल से ये परिवार किस प्रकार से देश की सरकार चलाता था। यदि कुल मिलाके हिसाब लगाएं तो इस एक परिवार ने लगभग 48 साल तक इस देश के शासन तंत्र को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से चलाया है।

मेरे प्यारे देशवासियो।

उन्होंने 48 साल तक शासन किया। इस मई महीने में हमारी सरकार को 48 महीना होने वाले हैं। अब हमें विचार करना चाहिए। एक तरफ, देश के बुद्धजीवी वर्ग को विचार करना होगा। एक परिवार के 48 साल में हमने क्या पाया खोया।  और इधर 48 महीने में हमने क्या हासिल किया है। 48 साल उन्होंने राज किया और हमने 48 महीने देश को देकर के दिखाया है। 48 साल, 48 महीने की हमारी सरकार, 48 साल का उनका कारोबार, जब तुलना हो या हम विकास की यात्रा की बात करें, सामान्य मानवी के जीवन को आसान बनाने की बात करें तो इस दृष्टि से देखे कि क्या तुलना हो सकती है। पुदुचेरी पहले ...समृद्ध था लेकिन अब उसकी चमक फीकी पड़ गई है। यहां पर को-ऑपरेटिव सेक्टर भी करीब-करीब दम तोड़ रहा है। जहां देश भर ट्रांसपोर्ट सेक्टर को आधुनिक किया जा रहा है। वहीं पुदुचेरी में ट्रांसपोर्ट सेक्टर की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है। शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर, पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में भी कांग्रेसी कल्चर का शिकार आज आपका पुदुचेरी बना हुआ है।

साथियो।

पुदुचेरी भले ही केंद्र शासित प्रदेश है लेकिन जैसे केंद्र में कई दशकों तक कांग्रेस की सरकार रही, वैसे ही यहां भी कांग्रेस का राज अधिकतम समय रहा है। पुदुचेरी विकास में क्यों पिछड़ा। इसका जवाब यहां की सरकार को, कांग्रेस पार्टी को, कांग्रेस के नेताओं को, देश की जनता को, पुदुचेरी की जनता को इसका जवाब देना होगा। दिल्ली में बैठकरके कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता लोकतंत्र की बातें करते रहते हैं। लेकिन मैं पूछना चाहता हूं, इन कांग्रेस के रथी-महारथियों से पूछना चाहता हूं। लोकतंत्र की बड़ी-बड़ी बातें करने के बाद भी पुदुचेरी में सालों से पंचायतों के चुनावों रोका गया है। यहां पंचायतों के चुनाव नहीं करने दिए जाते हैं। यहां के गांव के लोगों को अपने हक नहीं दिए जाते हैं। ये जवाब दिल्ली में बैठी हुई कांग्रेस के नेताओं को देना पड़ेगा। लोकतंत्र को दबोचने का ये काम, लोकतंत्र का गला घोंटने का काम वे करते रहते हैं और दिल्ली में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं।

कानून के तहत जो नोमिनेटेड एमएलए हैं, उनको विधानसभा के सभी कामों में जनप्रतिनिधि की तरह ही काम करने का हक होता है लेकिन मुझे बताया गया है कि एसेंबली के अंदर  कोई रोल अदा करने नहीं दिया जाता है, लोकतंत्र का गला घोंट दिया जाता है।

आज मैं यहां आकरके पुदुचेरी के मुख्यमंत्री श्रीमान नारायण सामी को एक विशेष शुभकामना देना चाहता हूं। एडवांस में बधाई देना चाहता हूं क्योंकि जून महीने के बाद नारायण सामी का कांग्रेस में इतना जय-जयकार होने वाला है, उनका रूतबा इतना बढ़ने वाला है। सारी कांग्रेस पार्टी, सब जगह पर के नारायण सामी को स्पेशिफिक मैन के रूप में दिखाने वाला है। उसका कारण आपको पता है ...। पता है ...। मैं बताता हूं। देखिए नोर्थ ईस्ट में चुनाव चल रहा है। वहां की कांग्रेस की एक सरकार है। वो जाने वाली है। बाद में, कर्नाटक में चुनाव होने वाला है। वहां कांग्रेस की एक सरकार बची है, वो जाने वाली है। फिर पूरे देश में अकेले नारायण सामी ही बचने वाले हैं। इसलिए जून महीने के बाद कांग्रेस पार्टी को नारायण सामी को कंधे पर बिठा-बिठाकर पूरे देश को बताना पड़ेगा कि हमारे पास एक मुख्यमंत्री बचा है।

साथियो।

पुदुचेरी क्षेत्रफल के हिसाब से देश के उन छोटे से राज्यों में से है जिसको पूरे देश को दिशा देने की ताकत है। एक लाइट हाउस की तरह पुदुचेरी चमकते हुए अपने आसपास के लोगों को, अपने आसपास के राज्यों को रास्ता दिखा सकता है। कम कैश इकॉनोमी से जुड़े कार्यों के जरिए, टूरिज्म से जुड़े नए ईको सिस्टम की स्थापना करके, इन्वारामेंट फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट तैयार करके, सौ फीसदी एलईडी बल्ब वाला राज्य बनके, नए-नए इनोवेटिव तरीके से पुदुचेरी डवलपमेंट की नई मिसाल बन सकता है। यहां इतनी सारी हैरिटेज प्रॉपर्टीज है। शहर की विरासत है। उनकी देख-रेख कैसे की जाए, उनका संरक्षण कैसे किया जाए। उसे भी पुदुचेरी एक मॉडल के तौर पर विकसित करके देश को दिशा दे सकता है। आप सोचिए। दुनिया में कितने देशों में विशेष ऐतिहासिक शहर देखने के लिए बाहर निकलते हैं। हैरिटेज टूरिज्म में पुदुचेरी पूरे देश का नेतृत्व करने का सामर्थ्य रखता है।

पुदुचेरी में संभावनाएं भी हैं और संसाधन भी हैं। खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करना। और मैं मानता हूं कि अगर पुदुचेरी चाहे तो एक नया विश्वास पैदा कर सकता है और खुले शौच से मुक्त पूरे पुदुचेरी को बनाया जा सकता है।

भाइयो बहनो।

केंद्र सरकार पुदुचेरी की पुरानी विरासत के संरक्षण के साथ ही उसे आधुनिक बनाने के काम में भी जुटी हुई है। न्यू पुदुचेरी अपनी ओल्ड सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत के साथ आगे बढ़ेगा। इन बातों को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने पुदुचेरी को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। इस काम में 1800 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किया जाएगा। इस राशि से यहां पर टूरिज्म सेक्टर को मजबूत किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट सेक्टर को सुधारा जाएगा। नागरिकों को सरकारी सेवाओं की बेहतर डिलेवरी सुनिश्चित की जाएगी। ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण किया जाएगा। इस काम के लिए पिछले साल पुदुचेरी स्मार्ट सिटी डवपलमेंट लिमिटेड नाम से स्पेशल परपज व्हेकील (एसपीवीपी) बना दिया गया है। पुदुचेरी में वाटर सप्लाय सिस्टम सुधारने के लिए फ्रांस की एक एजेंसी के माध्यम से 500 करोड़ रुपया अलग से खर्च किए जाएंगे। ये जगह देश में मेडिकल एजुकेशन का हब है। 9 मेडिकल कॉलेजों में से सबसे महत्वपूर्ण है केंद्र सरकार का जितमर हॉस्पिटल। जितमर हॉस्पिटल के आधुनिकीकरण के लिए केंद्र सरकार ने 450 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है।

साथियो।

यहां के टूरिज्म डिपार्टमेंट का लोगो है पुडुचेरी Give time a break. ये जगह न सिर्फ समय थाम लेती है बल्कि सामान्य मानवी को आध्यात्म के एक अलग सफर पर ले जाती है। केंद्र सरकार ने कोएस्टल सर्किट में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत 85 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इसी तरह यहां पर हैरिटेज और स्प्रिच्यूअल सर्किट के लिए भी 100 करोड़ रुपए से ज्यादा जारी किए गए हैं। यहां पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशियन टेक्नोलॉजी और अर्थशास्त्र मिनीस्ट्री के साथ मिलकर बीच रेस्टोरेशन का काम भी किया जा रहा है। ये सारे प्रोजेक्ट पुदुचेरी के टूरिज्म सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे। इसके अलावा हमारी सरकार उड़ान योजना से भी पुदुचेरी से कनेक्टिविटी बढ़ाने में मदद मिल रही है। उड़ान योजना के तहत पुदुचेरी से फ्लाइट सर्विस को फिर से शुरू कर दिया गया है। और इससे हैदराबाद और बैंगलुरू शहर भी आपसे हवाई सेवा से जुड़ गए हैं।

साथियो।

हजारों करोड़ का ये निवेश अपने साथ रोजगार के नए अवसर को लेकर आ रहा है। यहां के शहरों में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर जितना मजबूत होगा, कनेक्टिविटी जितनी मजबूत होगी, उतने ही टूरिस्ट आएंगे। अभी जितने टूरिस्ट आते हैं, उससे ज्यादा आएंगे। टूरिज्म सेक्टर का विकास पुदुचेरी के नौजवानों को नई ताकत देगा। आज यहां आप सभी के बीच मैं केंद्र सरकार की एक और योजना का जिक्र करना चाहता हूं जिसका लाभ यहां के नौजवान खूब उठा रहे हैं। इस योजना का नाम है - प्रधानमंत्री मुद्रा योजना। 12-13 लाख की आबादी वाली पुदुचेरी में पिछले तीन साल में इस योजना के तहत 3 लाख 25 हजार से ज्यादा के लोन दे दिए गए हैं। यानि बिना बैंक गारंटी यहां के हजारों लोगों को स्व-रोजगार के लिए करोड़ों रुपए दिये जा चुके हैं। मैं पुदुचेरी के नौजवानों से आग्रह करूंगा कि मुद्रा योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। आपको टूरिज्म, टैक्सटाइल, एजुकेशन, मैन्युफेक्चरिंग, हेल्थ सेक्टर, किसी भी सेक्टर में अपना काम शुरू करना हो तो केंद्र सरकार आपके साथ खड़ी है। केंद्र सरकार द्वारा पुदुचेरी में जन धन योजना के माध्यम से करीब डेढ़ लाख लोगों के बैंक एकाउन्ट खोले गए हैं। सिर्फ 90 पैसे प्रतिदिन और एक रुपए महीने के प्रीमियम पर दो बीमा योजना के माध्यम से ढाई लाख लोगों को सुरक्षा कवच दिया गया है।

भाइयो और बहनो।

इस बजट में हमारी सरकार ने आपके स्वास्थ्य की चिंता से जुड़ी एक बहुत बड़ी योजना का ऐलान किया है। इस योजना का नाम है - आयुष्मान भारत योजना। ये आयुष्मान भारत योजना को कुछ लोग मोदी केयर कह रहे हैं। इसलिए लोगों को लगता है कि दो योजना है। जो लोग मोदी केयर कहते हैं और जो लोग आयुष्मान भारत कहते हैं। दोनों एक ही योजना के अलग-अलग नाम बनाए हैं। इस योजना के तहत सरकार हर गरीब परिवार को गंभीर बीमारी के लिए साल में 5 लाख रुपए तक के इलाज का इंश्योरेंस दे रही है। इस योजना से 10 करोड़ गरीब परिवारों यानि करीब-करीब 45 से 50 करोड़ लोगों की बड़ी चिंता दूर होगी।

साथियो।

पुदुचेरी देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश है जिसने सौ प्रतिशत जन धन कवरेज हासिल की है। अनुसूचित जाति के कल्याण से जुड़ी जितनी भी योजना हैं, उनमें भी शत प्रतिशत आधार कवरेज हासिल की जा चुकी है। मुझे बताया गया है कि मनरेगा के तहत अब सारे श्रमिकों को अब सीधे बैंक एकाउंट में ही पैसा ट्रांसफर किया जाता है। अब प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के माध्यम से यहां ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 28 हजार लोगों को डिजिटल तौर पर साक्षर बनाने का काम भी भारत सरकार ने शुरू किया है।

भाइयो बहनो।

केंद्र सरकार हमारे मछुआरे भाइयो बहनो के लिए मछली पकड़ने के काम को आधुनिकीकरण करने का भी प्रयास कर रही है। अभी जिस तरह के टॉलर्स का इस्तेमाल किया जाता है। वो तकनीक के मामले में बहुत पुराने हैं। और इसलिए जब इन पुराने टॉलर्स को लेकरके हमारे मछुआरे भाई समंदर में जाते हैं तो अकसर रास्ता भटक जाते हैं। तकनीक का ज्यादा से ज्यादा का इस्तेमाल और लॉन्ग लाइनर टॉलर्स से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। और इसलिए केंद्र सरकार एक स्कीम के तहत मछुआरों को लॉन्ग लाइनर टॉलर्स के लिए आर्थिक मदद दे रही है। देश में कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए हमारी सरकार सागरमाला कार्यक्रम पर भी काम कर रही है। इससे पोर्टलेट डवलपमेंट के साथ ही समुद्री तटों पर रहने वाले लोगों के जीवन में बहुत बड़ा बदलावा आएगा।

साथियों।

सवा सौ करोड़ भारतीय मिलकर इस समय संकल्प से सिद्धि की यात्रा पर बढ़ रहे हैं। हम सभी का सपना न्यू इंडिया का है। ये सपना तभी पूरा होगा जब न्यू पुदुचेरी का संकल्प सिद्ध होगा। देश का प्रत्येक शहर, प्रत्येक गांव अपने-अपने संकल्प को पूरा करने में जुट जाएंगे तो कोई भी शक्ति हमें  न्यू इंडिया के निर्माण से रोक नहीं पाएगी। आइए। पुदुचेरी के गौरव को और बढ़ाने के लिए संकल्प लें। न्यू पुदुचेरी का संकल्प लें।

और इसलिए भाइयो बहनो।

आज जब मैं इतनी बड़ी मात्रा में इस छोटे से प्रदेश में आपको देख रहा हूं। दूर-दूर से यहां आने के लिए और मुझे आशीर्वाद देने के लिए, इतना प्यार जताने के लिए मैं पुदुचेरी वासियों का ह्रदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ भारत माता की जय दोनों हाथ ऊपर करके बोल करके हम न्यू इंडिया, न्यू पुदुचेरी के संकल्प को आए बढ़ाएं। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। वल्लकम। ननरी वल्लकम।

 

 

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“Sugamya Bharat Abhiyaan a Game Changer; Karnataka Congress Rolling Back Dignity and Rights,” Says BJP Minister on Disability Budget Slash
December 03, 2024

On the occasion of the Sugamya Bharat Abhiyan’s anniversary, Dr. Virendra Kumar; Union Minister of Social Justice and Empowerment of India, spotlighted the central government’s unfaltering dedication to building an inclusive and accessible society for all. Reflecting on the progress achieved under Prime Minister Narendra Modi's visionary leadership, Dr. Kumar emphasized the transformative impact of the initiative, marking another significant milestone in India's journey toward true inclusivity.

Dr. Virendra Kumar emphasized the remarkable strides achieved in creating a barrier-free and inclusive India. He spotlighted the flagship initiative promoting universal accessibility in public spaces, transportation, and digital platforms. “The Sugamya Bharat Abhiyan has been a game-changer in promoting universal accessibility in public spaces, transportation, and digital platforms. This initiative reflects the PM Modi government’s belief that true progress can only be achieved when every citizen, regardless of physical ability, is empowered to reach their full potential,” he remarked.

Dr. Kumar highlighted the transformative initiatives under Prime Minister Narendra Modi’s leadership, emphasizing their profound impact on empowering differently-abled individuals. He noted how PM Modi redefined societal attitudes by encouraging the use of the term Divyang(divine-abled) instead of Viklang(disabled), promoting a more socially inclusive, respectful and dignified life for them. He also underscored the landmark Rights of Persons with Disabilities Act 2016, which expanded the definition of disability from 7 to 21 categories, ensuring equal opportunities in education, employment, and social participation. Dr. Kumar commended the government's initiatives to support differently-abled individuals in various fields. He highlighted the remarkable accomplishments of India's para-athletes, who earned 19 medals at the Tokyo 2020 Paralympics and an impressive 29 medals at the Paris 2024 Paralympics. These successes, he said, reflect the inclusive policies and solid support provided by the Modi government.

Turning his attention to recent developments in Karnataka, Dr. Kumar expressed grave concern over the government’s alarming decision to slash funding for differently-abled individuals by an unprecedented 80%. He emphasized that on one hand, while the central government is making all possible efforts to empower the Divyang community, Congress on the other, is once again showing its true colors by disregarding their needs and undermining their dignity.

“Congress has hit a new low, stooping to strip Divyangjans of their dignity and rights, all in the name of cheap vote-bank politics. They prioritize freebies over fundamental human respect,” he said.

Dr. Virendra Kumar stated, “The decision to reduce the budget for differently-abled individuals from ₹53 crore to a paltry ₹10 crore in the year 2024-25 is nothing short of a betrayal which is detrimental to the progress and empowerment of this vital section of society. At a time when the central government is accelerating efforts to build a barrier-free and inclusive India, such a move undermines these collective achievements.”

He added, “Karnataka is home to over 1.3 million differently-abled individuals. Reducing their allocated resources will severely impact their access to education, employment, and essential support services, putting their futures at stake.”

Dr. Kumar highlighted that the budget cut reflects a blatant disregard for marginalized communities, calling it a striking example of indifference. He emphasized Congress's long-standing pattern of prioritizing political interests over public welfare, describing this decision as a new low. The reduction, he stated, directly jeopardizes the lives of thousands of differently-abled individuals who depend on this funding for access to education, employment opportunities, and vital support services.

Dr. Kumar concluded by stating, “As we celebrate the 9th anniversary of the Sugamya Bharat Abhiyan, I urge all state governments to align with the central government’s vision of accessibility and inclusivity. I specifically call on the Karnataka government to reconsider its decision and restore funding to support differently-abled individuals. Only then can we build a truly accessible and inclusive India.”