For us it is always ‘Nation First’: PM Modi in Rae Bareli

Published By : Admin | December 16, 2018 | 11:50 IST
QuoteOn one hand, the Government is trying to make the Armed Forces stronger; and on the other hand, there are those who do not want our Armed Forces to be strong: PM Modi
QuoteWhen it comes to the country's security and the requirements of the Armed Forces, our Government keeps only the interest of the nation in mind: PM
QuoteThose who deal only in lies are casting aspersions on the defence ministry, on the Air Force, and even on a foreign government: PM Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल श्रीमान राम नायक जी, उत्‍तर प्रदेश के यशस्‍वी एवं लोकप्रिय मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जी, केंद्र में मेरे सहयोगी रेल मंत्री श्रीमान पीयूष गोयल जी, प्रदेश भाजपा के अध्‍यक्ष और संसद में मेरे सहयोगी श्रीमान महेंद्र पाण्‍डेय जी, उत्‍तर प्रदेश के मंत्रि‍परिषद के माननीय मंत्रीगण, यहां उपस्थित विधायकगण, स्‍पीकर महोदय और भारी संख्‍या में पधारे हुए रायबरेली के मेरे प्‍यारे भाइयों और बहनों।

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आज मैं उस भूमि पर हूं जिसने अध्यात्म से लेकर स्‍वतंत्रता संग्राम के आंदोलन और साहित्‍य से लेकर राजनीति तक देश के हर क्षेत्र में दिशा दिखाई है। ये महाऋषि जमदग्नि समेत अनेक ऋषि-मुनियों के तप की भूमि है तो वीरा पासी, राणा बेनी माधव बख्श सिंह के बलिदान की भूमि है। ये भूमि जायसी के अपनत्व की पर्याय है तो इसी भूमि में महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की रचनाओं ने आकार लिया है। इसी भूमि पर किसान आंदोलन के प्रणेता पंडित अमोल शर्मा हुए, तो इसी भूमि ने राजनारायण जी को भी आशीर्वाद दिया। मैं रायबरेली की इस महान और पुण्‍य भूमि को, यहां के लोगों को आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों, गौरवमयी इतिहास से जुड़े इस क्षेत्र के विकास के प्रति केंद्र और उत्‍तरप्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह से समर्पित है। इसी भावना के तहत थोड़ी देर पहले यहां एक हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। सड़क, घर, मेडिकल कॉलेज जैसी वो सारी परियोजनाएं जिनका थोड़ी देर पहले लोकार्पण और शिलान्‍यास हुआ है वो आप सभी के जीवन को सरल और सुगम बनाने में मदद करने वाला है। इन सभी सुविधाओं के लिए मैं आप सबको ह्दयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों, यहां आने से पहले मैं पास ही में बनी Modern coach factory में था। मैंने इस factory में इस वर्ष बने 900वें डिब्बे को हरी झंडी भी दिखाने का मुझे अवसर मिला। जिस गति से अब वहां काम हो रहा है वो सचमुच में बहुत ही सराहनीय है। पहले की सरकारों की क्‍या कार्य-संस्‍कृति रही है, कैसे देश के साधनों, संसाधनों के साथ अन्‍याय हुआ है, इसकी गवाही रायबरेली की रेल कोच फैक्‍ट्री भी है। आप सोचिए ये फैक्‍ट्री साल 2007 में स्‍वीकृत हुई थी। मकसद था वर्ष में 1000 नए कोच बनाना। साल 2010 में ये फैक्‍ट्री बनकर तैयार भी हो गई। लेकिन उसके बाद चार साल तक इस फैक्ट्रिी में कपूरथला से डिब्‍बे लेकर के उनमें पेच कसने और पेंट करने का काम हुआ। जो फैक्‍ट्री नए डिब्‍बे बनाने के लिए थी उसे पूरी क्षमता से कभी काम ही नहीं करने दिया गया। हालत ये थी कि साल 2014 तक यहां की सिर्फ 3 प्रतिशत मशीनें ही काम कर रही थी, 3 प्रतिशत मशीनें ही काम कर रही थी।

हमनें इस स्थिति को बदला, हमारी सरकार आने के तीन महीने के भीतर यहां से ऐसा कोच निकला जो पूरी तरह रायबरेली की फैक्‍ट्री में बना हुआ था। भाजपा सरकार के प्रयास से अब सारी मशीनें पूर्ण क्षमता के साथ काम कर रही हैं। नई और आधुनिक मशीनों को लगाने का काम भी तेज गति से हो रहा है। इसी का नतीजा है कि पिछले वर्ष इस कोच फैक्‍ट्री से......भईया आपका प्‍यार मेरी सर आंखों पर, आपका उत्‍साह भी मेरी सर आंखों पर लेकिन मेरी आपसे प्रार्थना है कि औरों को भी जरा सुनने दिजिए। इतनी बड़ी तादाद में लोग आए हैं। आपका उत्‍साह, आपका जोश, आपका प्‍यार ये सब मेरा सर आंखों पर, अब आप अनुमति दें तो आगे बोलना शुरू करूं, आगे बोलना शुरू करूं, बोलूं, आपकी इजाज़त के बिना कोई काम मैं नहीं करता। देखिए इतना प्‍यार, इतने आशीर्वाद ये मेरा सौभाग्‍य है और इसके लिए मैं आपका आभारी हूं। लेकिन मुझे इतनी बड़ी तादाद में लोग आए हैं, उनको भी कुछ बातें सुननी हैं। तो आप कुछ समय के लिए आपके इस उत्‍साह को, इस जोश को थोड़ा संभाल के रखेंगे क्‍या? पक्‍का... वादा...निभाएगें.. शाबाश...। रायबरेली के नौजवान बहुत अच्‍छे हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले वर्ष इस कोच फैक्‍ट्री से 711 नए डिब्‍बे बनकर निकले। अब मैं चाहूंगा कि अगले वर्ष मार्च तक ये संख्‍या बढ़ाकर 1400 के पार की जाए।

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साथियों, इस कोच फैक्‍ट्री के आधुनिकीकरण का काम निरंतर जारी है और अगले दो-तीन वर्ष में नए कोच बनाने की इसकी क्षमता 3 हजार तक पहुंच जाएगी और आपको मैं ये भी बताता हूं, हमारा प्रयास इसे 5000 कोच प्रति वर्ष ले जाने तक का है। इस कोच फैक्‍ट्री के लिए अब जो काम हो रहा है वो इसे भारत की ही नहीं, ये रायबरेली की कोच manufacturing factory दुनिया की सबसे बड़ी रेल कोच फैक्‍ट्री बना देगा। और भाईयो-बहनों मैं छोटा सोचने की आदत ही नहीं रखता। बहुत जल्‍द इस फैक्‍ट्री में देश भर की मेट्रो के डिब्‍बे बनेंगे। Semi High Speed ट्रेनों के डिब्‍बे बनेंगे। एल्‍यूमिनियम के आधुनिक और वजन में हल्‍के और मजबूत डिब्‍बे भी यहीं पर बनेंगे।

भाइयों और बहनों, ये विस्‍तार सिर्फ यहां बनने वाले डिब्‍बों की संख्‍या और कोच फैक्‍ट्री का ही नहीं है। इस विस्‍तार से यहां के लोगों की जिंदगियों में भी एक नया विस्‍तार आया है। अगर कोच फैक्‍ट्री की क्षमता बढ़ेगी तो यहां के युवाओं के लिए हर तरह के रोजगार बढ़ेगें। उस दिन के बारे में सोचिए जब यहां हर रोज दस-बारह नए कोच बनने लगेगे। इस फैक्‍ट्री की क्षमता का विस्‍तार कामगारों, इंजीनियरों, टेक्‍निश्‍यनों, डिप्‍लोमा होल्‍डरस के लिए भी रोजगार के नए अवसर लेकर के आएगा। इतना ही नहीं रायबरेली के लघु और मध्‍यम उद्योगों को भी इसका लाभ मिलेगा।

भाइयों और बहनों, साल 2014 से पहले इस रेल कोच फैक्‍ट्री के लिए रायबरेली के स्‍थानीय बाजारों से, स्‍थानीय व्‍यापारियों से एक करोड़ रूपये से भी कम का सामान खरीदा जाता था। ये जरा चौंकाने वाली जानकारी आपको दे रहा हूं। बताऊं आपको..बताऊं....हमारी सरकार बनने से पहले इस फैक्‍ट्री को जो सामान लगता था। यहां लोकल लोगों से सिर्फ 1 करोड़ रुपये का सामान खरीदा जाता था। वहीं जरा सुनिये, वहीं भाजपा का सरकार बनने के बाद इस वर्ष, अब तक सवा सौ करोड़ रुपये का सामान रेल कोच फैक्‍ट्री के लिए यहां के स्‍थानीय व्‍यापारियों से खरीद चुकी है।

अब जब फैक्‍ट्री का विस्‍तार होगा तो खरीद का भी आंकड़ा और बढ़ेगा। मुझे बताया गया है कि अब रेल मंत्रालय और यूपी सरकार मिलकर यहां एक रेल इंडस्ट्रियल पार्क भी बनाने जा रहे हैं। इस इंडस्ट्रियल पार्क के माध्‍यम से रेल फैक्‍ट्री को सामान की सप्‍लाई होगी और इसका सीधा फायदा यहां के लघू और मध्‍यम वर्ग के उद्योगों को मिलेगा।

साथियों, आज एक और तथ्‍य मैं रायबरेली के लोगों के सामने रखना चाहता हूं। जब पहले की सरकार ने यहां पर रेल कोच फैक्‍ट्री का निर्माण किया, तय किया था तो ये भी तय हुआ था कि 5 हजार कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। ये पिछले वाली सरकार ने तय किया था और घोषणा की थी, मालाएं पहनी थी, जिंदाबाद के नारे भी लग चुके थे। लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि स्‍वीकृति इसके आधे पदों को ही दी गई। घोषणा 5 हजार की और स्‍वीकृति उसके आधे की, इतना ही नहीं 2014 में हमारी सरकार में आने के बाद हमनें ये भी देखा कि यहां की कोच फैक्‍ट्री में एक भी नई नियुक्ति नहीं हुई थी। आपको क्‍या-क्‍या बताया गया था और आपने भी कैसे-कैसे जयकार कर दिया था। एक को भी नहीं मिला था। जो कर्मचारी यहां काम कर रहे थे वो कपूरथला से लाए गए थे। 

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अब आज की स्थिति ये है कि लगभग 2 हजार नए कर्मचारियों को हमारी सरकार ने नियुक्‍त कर दिया है। इतना ही नहीं, अस्‍थायी कर्मचारियों की संख्‍या भी जहां वर्ष 2014 में सिर्फ 200 थी, अब आज ये बढ़कर लगभग 1500 हो चुकी है। आज मुझे ये कहते हुए गर्व हो रहा है, गर्व का अहसास हो रहा है कि आने वाले समय में रायबरेली रेल कोच निर्माण के मामले में एक ग्‍लोबल हब बनने वाला है।

साथियों, connectivity को सुदृढ़ करने के लिए देश के लोगों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए रेलवे के अलावा हाईवे, एयरवे, वॉटरवे और आईवे हर क्षेत्र पर तेज गति से काम किया जा रहा है। यूपी में नदियों पर बन रहे वॉटरवे हो, आधुनिक एक्‍सप्रेसवे हो या फिर गांव की सड़के जीवन को और आसान बनाने के लिए दिन-रात काम किया जा रहा है। इसी मिशन के तहत रायबरेली में भी हर क्षेत्र में काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है। थोड़ी देर पहले ही साढ़े 5 सौ करोड़ रुपए़ की लागत से बने जिस राष्‍ट्रीय राजमार्ग का लोकार्पण किया है उससे रायबरेली, लालगंज से फतेहपुर होता हुआ सीधा बांदा तक जुड़ जाएगा। करीब सवा सौ किलो मीटर के इस राजमार्ग से चित्रकूट धाम पहुंचने में भी सुविधा होगी।

साथियों, Infrastructure का स्‍वास्‍थ्‍य ठीक करने के साथ-साथ सरकार नागरिकों का स्‍वास्‍थ्‍य भी आप सभी को, देश के जन-जन को सस्‍ती और उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। रायबरेली खुद भी स्‍वस्‍थ रहे और पूरे क्षेत्र को स्‍वस्‍थ रखे, इसके लिए यहां पर बन रहे एम्‍स के काम को और गति दी गई है।

आज यहां सवा चार सौ करोड़ रुपये से ज्‍यादा की लागत से बनने वाले मेडिकल कॉलेज, अस्‍पताल और हॉस्‍टल का लोकार्पण और शिलान्‍यास किया गया है। मुंशीगंज में बनने वाला ये मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल यहां के एम्‍स का ही हिस्‍सा है। इसका लाभ पूरे रायबरेली और आस-पास के जिलों को होने वाला है। सरकार स्‍वास्‍थ्‍य के साथ-साथ घर देने की भी चिंता कर रही है। केंद्र सरकार साल 2022 तक देश के हर गरीब परिवार को पक्‍की छत देने का प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक देश में सवा करोड़ से ज्‍यादा घरों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। जिनको घर मिलने वाला है उनको चाबी दे दी गई है। और ये जो दीवाली गई उन्‍होंने अपने नए घर में दीवाली भी मनाई है।

रायबरेली में भी जैसा अभी योगी जी ने बताया अब तक 23 हजार से भी ज्‍यादा घरों की चाबी मेरे गरीब परिवारों को, भाई बहनों को दी जा चुकी है। थोड़ी देर पहले ही 500 और नए घर बनाने की शुरुआत भी की गई है। ये जो घर बन रहे हैं। ये पहले की तरह सिर्फ चारदीवारी नहीं है, हमारा प्रयास है कि हम जो घर बना कर दें, उसमें नल भी हो और नल में जल भी हो, बिजली का कनेक्‍शन भी हो, गैस का कनेक्‍शन भी हो और इज़्जत घर शौचालय तो जरूर हो।

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भाइयों और बहनों, देश के इतिहास में आज का ये दिन एक और वजह से भी बहुत विशेष है। 1971 में आज ही के दिन भारत की वीर सेना ने आतंक, अत्‍याचार और अराजकता की प्रतीक शक्तियों को धूल चटाई थी। इस युद्ध का हिस्‍सा रहे देश भर के सभी सैनिकों को मैं नमन करता हूं। जो सैनिक इस युद्ध में शामिल हुए, शहीद हुए, जिसमें उत्‍तर प्रदेश के भी अनेक वीर सपूत थे उनको भी मैं 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।

सेना के शौर्य, समर्पण के प्रति दिसंबर के इस सर्द मौसम में भी सरहद पर तैनात अपने प्रहरियों का गौरवगान करने के लिए आप सभी दोनों हाथ उठाकर, मुट्ठी भींचकर मेरे साथ उन वीर जवानों के लिए बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

भाइयों और बहनों, सोचिए, जिस भारत मां की जय के नारे पर आपको गौरव होता है कुछ लोगों को इससे भी शर्मिंदा होते देखा गया है। ये किस तरह के लोग हैं जिन्‍हें भारत माता के जयघोष से दिक्‍कत है, जिन्‍हें देश की परवाह नहीं है?

साथियों, मोदी को उन्‍हें गाली देनी हैं, मैं जानता हूं। मोदी पर वो किसी भी तरह एक दाग लगा देना चाहते हैं, ये भी जानता हूं। लेकिन जानना चाहता हूं कि इसके लिए देश को ताक पर क्‍यों रख दिया गया है? क्‍यों देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है?

भाइयों और बहनों, आज देश के सामने दो पक्ष है। एक पक्ष सत्‍य का है, सुरक्षा का है, सरकार का है, जो हर तरफ से कोशिश कर रही है कि हमारी सेना की ताकत बढ़े। दूसरा पक्ष उन ताकतों का है, जो किसी भी कीमत पर देश को कमजोर करना चाहता है। आप मुझे बताइए भाईयो, हमारे देश की सेना ताकतवर होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए? देश की सेना सामर्थ्‍यवान होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए? सेना के हाथ में आधुनिक हथियार होने चाहिए कि नहीं होने चाहिए?

आज देश ये देख रहा है कि कांग्रेस उन ताकतों के साथ खड़ी है, हमारी विरोधी उन ताकतों के साथ खड़े हैं जो हमारी सेनाओं को मजबूत नहीं होने देना चाहते। ऐसे लोगों की कोशिशों को किन-किन देशों से समर्थन मिल रहा है। ये भी देश देख रहा है। क्‍या कारण है कि यहां ऐसी भाषा कुछ नेता बोल रहे हैं तालियां पाकिस्‍तान में बजाई जा रही हैं? ऐसा क्‍यों हो रहा है?

साथियों, राम‍चरित्र मानस में एक चौपाई है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है कि भगवान राम किसी का व्यक्तित्व समझाते हुए कहते हैं- “झूठई लेना, झूठई देना, झूठई भोजन, झूठ चबेना” । यानि कुछ लोग झूठ ही स्वीकार करते हैं, झूठ ही दूसरो को देते हैं, झूठ का ही भोजन करते हैं और झूठ ही चबाते रहते हैं।

कुछ लोगों ने इन्‍हीं पंक्तियों को अपने जीवन का मूलमंत्र बना दिया है। और इसलिए ऐसे लोगों के लिए देश का रक्षा मंत्रालय भी झूठा है, देश की रक्षा मंत्री भी झूठी है, भारतीय वायुसेना के अफसर भी झूठे हैं, फ्रांस की सरकार भी झूठी है, अब तो उन्‍हें देश की सर्वोच्‍च अदालत भी झूठी लगने लगी है। लेकिन साथियों, सच को ऋंगार की जरूरत होती नहीं है। सच को ऋंगार की जरूरत नहीं होती और झूठ चाहे जितना भी बोला जाए उसमें जान नहीं होती है। लेकिन हमारे यहां बहुत बड़ी बात कही गई है- “जयेत् सत्येन चानृतम्” यानि झूठ बोलने की प्रवृत्ति पर सत्यवादिता से ही विजय प्राप्त होती है।

मैं देशवासियों से स्‍पष्‍ट कहना चाहता हूं कि कांग्रेस सरकारों का इतिहास सेनाओं के प्रति, कांग्रेस का रवैया क्‍या रहा? ये देश कभी उनको माफ नहीं करेगा, देश कभी उसे भूलेगा नहीं।

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साथियों, कारगिल युद्ध के बाद हमारी वायुसेना ने आधुनिक विमानों की जरूरत बताई थी। कारगिल की लड़ाई के बाद, अटल जी की सरकार के बाद, कांग्रेस ने दस साल देश पर राज किया लेकिन वायुसेना को मजबूत नहीं होने दिया। आखिर क्‍यों, किसके दबाव में?

भाइयों और बहनों, रक्षा सौदों के मामलों में कांग्रेस का इतिहास बोफार्स घोटाले वाले क्वात्राकी मामा का रहा है। कांग्रेस सरकार के समय में हुए हेलीकॉप्‍टर घोटाले के आरोपी एक और अंकल क्रिश्चियन मिशेल को पकड़ कर कुछ दिन पहले ही भारत लाया गया है। और हम सभी ने ये भी देखा है कि कैसे इस आरोपी को बचाने के लिए कांग्रेस ने तुरंत अपना वकील अदालत में भेज दिया। मैं कांग्रेस से जानना चाहता हूं कि क्‍या वो इसलिए भड़की हुई है, झूठ पर झूठ बोल रही है, क्‍योंकि भाजपा सरकार जो रक्षा सौदे कर रही है, उसमें कोई क्वात्रोकी मामा नहीं है, क्रिश्चियन मिशेल अंकल नहीं है? क्‍या इसलिए वो अब न्‍यायपालिका पर अविश्‍वास का माहौल पैदा करने में जुट गई है? न्‍यायपालिका को ही कटघरे में खड़ा करने में वो बराबर लगे हुए हैं।

भाइयों और बहनों, हमारे लिए हमेशा दल से बड़ा देश है। और जीवन पर्यंत आने वाली पीढि़यों तक हमारा यही मंत्र रहेगा। दल से बड़ा देश है। आज मैं देश को कहना चाहता हूं कि जब देश की सुरक्षा की बात हो, सेना की जरूरतों की बात हो, सैनिकों के सम्‍मान की बात हो, केंद्र की भाजपा एनडीए सरकार सिर्फ एक ही बात का ध्‍यान रखती है- राष्‍ट्रहित, देशहित, जनहित। यही हमारी परवरिश है, यही हमारी सरकार के संस्‍कार हैं।

हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि भारत की सेनाएं किसी से कम न हों, हमारे लिए जान की बाजी लगाने वाले सैनिकों को कभी दिक्‍कत न हो। आखिर मैं उस मां के प्रति भी तो जवाबदेही हूं जो अपना बेटा सीमा पर भेजती है। मैं उस बहन के प्रति भी तो जवाबदेही हूं जिसने अपना भाई बार्डर पर भेजा है। जो परिवार, जो बच्‍चे अपने पापा का इंतजार कर रहे हैं उनके प्रति भी तो मेरी जवाबदेही है। जब तक हमारी सरकार है, जब तक मैं हूं, सरकार ऐसे लाखो, करोड़ों परिवारों के प्रति जवाबदेह होगी, एक परिवार के प्रति नहीं। इसके लिए कड़े से कड़े फैसले लेना हो, हमारे कदम कभी पीछे नहीं हटेगें।

भाइयों और बहनों, हमारे जवानों के सुरक्षा के प्रति कांग्रेस का रवैया क्‍या रहा, ये मैं देश को फिर याद दिलाना चाहता हूं। साल 2009 में भारत की सेना ने 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की थी। 2009 से लेकर के 2014 तक, पांच साल बीत गए, लेकिन सेना के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं खरीदी गई। केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद, 2016 में हमनें सेना के लिए 50 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट खरीद करके उनको स्वीकृत किया। मैं देश को ये भी जानकारी देना चाहता हूं कि इस साल अप्रैल में पूरी 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट का आर्डर दिया जा चुका है। ये जैकेट भारत की ही एक कंपनी बना रही है।

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भाइयों और बहनों, कांग्रेस के पापों के बारे में बताने के लिए इतना कुछ है कि बोलते-बोलते शायद सप्‍ताह के सप्‍ताह निकल जाए। आज मैं देश को ये भी जानकारी देना चाहता हूं, अगर 2014 के बाद भी देश में कांग्रेस की सरकार बनती तो हमारा गौरव, देश का गौरव, तेजस लड़ाकू विमान हमेशा-हमेशा के लिए डिब्‍बे में बंद कर दिया जाता। कोई पूछने वाला नहीं होता। कांग्रेस सरकार के समय तेजस के निर्माण से जुड़ी हर चीज को कमजोर करने का प्रयास यूपीए सरकार में हुआ। ये प्रोजेक्‍ट पहले ही बरसों से अटका हुआ था, लेकिन कांग्रेस सरकारों के दौरान इसे तेज करने की कोई कोशिश नहीं हुई।

भाजपा और एनडीए की सरकार आने के बाद हमने जुलाई 2016 में ये फैसला लिया कि तेजस को 45 स्कवाड्रन में शामिल किया जाएगा। हमारी सरकार ने 83 नए तेजस विमान खरीदे जाने का प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति दे दी। इतना ही नहीं, तेजस विमान बनाने के HAL की क्षमता को दो गुना करने के लिए पिछले साल 1400 करोड़ रुपये की भी मंजूरी दी गई है।

भाइयों और बहनों, स्‍वतंत्रता के बाद से ही कांग्रेस का ये तरीका रहा है, कांग्रेस सरकार के द्वारा किए गए हर रक्षा सौदे में कोई ना कोई विदेशी मामा, कोई विदेशी अंकल, कोई चाचा, कोई भतीजा, कोई ना कोई तो निकल आता है। और इसलिए जब पारदर्शिता और इमानदारी से सौदे होते हैं तो कांग्रेस बौखला जाती है। एक तय रणनीति के तहत सेना पर ही धावा बोल देती है, सेना को कमजोर करने का प्रयास करने लगती है।

साथियों, सेनाओं की मान-मर्यादा वैसे भी कांग्रेस और उनके चेले-चपाटो की कल्‍पना से परे है। जिस पार्टी के लोग हमारे सेना अध्‍यक्ष को गुंडा कहते हों और गुंडा कहने वाले को जहां पार्टी में ऊंचे पद पर बिठाया जाता हो, ऐसे लोगों से और क्‍या उम्‍मीद रखी जा सकती है। जिस पार्टी के लोग सर्जिकल स्‍ट्राइक पर सवाल उठाते हों, अपनी सेना से ज्‍यादा दुश्‍मनों के दावों पर ज्‍यादा भरोसा रखते हों, उससे क्‍या उम्‍मीद की जा सकती है?

जिस पार्टी के लोग मामूली रकम सिर्फ पांच सौ करोड़ रुपया रखकर के फौज की आंख में धूल झोंकने का ही प्रयास करते हों। और पांच सौ करोड़ रुपये में वन रैंक वन पेंशन का झूठा दिलासा देकर के फूलमाला पहनने लग जाते हों, ऐसे लोगों से क्‍या उम्‍मीद की जा सकती है? वन रैंक वन पेंशन का विषय भी तो चालीस साल से लटका हुआ था, इसे भी हमारी सरकार ने पूरा किया। 11 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा की राशि एरियर के तौर पर पूर्व सैनिकों, फौजियों को मिल भी चुकी है।

साथियों, कांग्रेस के राज में न जवान की परवाह की जाती है, न किसान की परवाह की जाती है। जवानों के बाद अब मैं विस्‍तार से किसानों की भी बात करूंगा।

70 साल में पहली बार देश की किसी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के बारे में सोचा है, तो वो हमारी सरकार है, एनडीए की सरकार है। किसानों की एक-एक परेशानी समझकर, भविष्‍य की जरूरतों को समझकर, बीज से लेकर के बाजार तक हमारी सरकार ने नीतियां बनाई हैं, और उन्‍हें लागू करवाई है। हम बहुत ईमानदारी से, बहुत परिश्रम से किसानों को खेती से जुड़े संकटों से बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन देश के किसानों को कांग्रेस का इतिहास, उसकी नीतियां, उसकी सच्‍चाई, उसकी धोखाधड़ी कभी भी नहीं भूलनी चाहिए। कांग्रेस के पास इस बात का क्‍या जवाब है कि जब वो दस साल तक सत्‍ता में रही तो क्‍या उसने स्‍वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू क्‍यों नहीं किया? आखिर किसका दबाव था? क्‍यों उसने एमएसपी जैसे अहम विषय को जमीन के भीतर ही गाड़ दिया था। इस बात का जवाब कांग्रेस कभी नहीं देगी और न ही कभी उसका बनाया इकोसिस्टम उससे कभी जवाब मांगेगा।

लेकिन भाइयों-बहनों, केंद्र की एनडीए सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एमएसपी पर स्‍वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू किया। खरीफ और रबी की बाइस फसलों पर आज एमएसपी को सुनिश्चित किया गया है। कांग्रेस का इकोसिस्टम आपको कभी ये नहीं बताएगा कि सिर्फ एक फैसले से और ये बहुत महत्‍वपूर्ण बात है, सिर्फ इस एक फैसले से हमारे देश के किसानों को 60 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा मिलना तय हुआ है। 60 हजार करोड़ रुपये का फायदा।

भाइयों-बहनों, मैं कांग्रेस से ये भी जानना चाहता हूं कि आखिर वो किसका दबाव था जब वो यूरिया की शत-प्रतिशत नीम कोटिंग के फैसले से भागती रही। हमारे देश का किसान यूरिया के अभाव में लाठियां खाता था। कांग्रेस की सरकार उसका तमाशा देखती रही।

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साथियों, मैं देश को फिर याद दिलाना चाहता हूं कि यही कांग्रेस सरकार थी जब किसानों से फसल बीमा के लिए 15 प्रतिशत से ज्‍यादा प्रीमियम लिया जाता था। बीमा की राशि में भी कैपिंग होती थी। तीस प्रतिशत की फसल का नुकसान हुआ है या चालीस प्रतिशत का, किसी में भी बड़े-बड़ें घोटाले के खेल खेले जाते थे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाकर हमारी सरकार ने किसानों की इन सारी समस्‍याओं को दूर किया। आज अलग-अलग फसलों पर सिर्फ डेढ़ प्रतिशत से लेकर पांच प्रतिशत तक का प्रीमियम किसानों से लिया जाता है। सौ रुपये में सिर्फ डेढ़ रुपया ज्‍यादा से ज्‍यादा पांच रुपया। अगर मैं पिछले दो वर्ष का आंकड़ा दूं तो किसानों से प्रीमियम के रूप में आठ हजार करोड़ रुपया लिए गया पूरे देश में। पूरे देश में आठ हजार करोड़ लेकिन आपदा के बाद, फसल खराब होने के बाद किसानों को 33 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा की मदद उससे मिली। आठ हजार के सामने 33 हजार करोड़ किसान के पास गया। यानी जितना किसानों से लिया उससे चार गुना से ज्‍यादा वापिस किया गया।

साथियों, बीते कुछ समय से कर्जमाफी को लेकर भी कांग्रेस बड़ी-बड़ी बाते कर रही है। लेकिन ये भी सिर्फ धोखा है, झूठ है, कर्नाटक में कांग्रेस ने किसानों से कर्जमाफी का वायदा किया था। सिर्फ दस दिन की बात कही गई थी लेकिन आज छह महीनें बाद सच्‍चाई कुछ और है। अभी दो-तीन दिन पहले ही अखबारों ने विस्‍तार से रिपोर्ट छापी है कि कर्नाटक में छह महीनें में एक हजार किसानों को भी कर्जमाफ नहीं हुआ है। सोचिए, एक हजार को भी नहीं। सैंकड़ों किसानों के खिलाफ अदालतों ने कार्रवाई शुरू कर दी है, उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट निकल रहा है। कांग्रेस पूरी ताकत लगा रही है ये सच्‍चाई दब जाए, छिप जाए, देश के किसानों के सामने न आए। लेकिन किसानों से की जा रही ये धोखाधड़ी उन्‍हें हमेशा-हमेशा के लिए बर्बाद कर देने वाली है। कांग्रेस की साजिश को बीजेपी सरकार घर-घर जाकर के पहुंचाएगी।

साथियों, याद करिये 2008 में भी कांग्रेस ने देश भर के किसानों को ऐसी ही कर्जमाफी का वायदा किया था, तब देश के किसानों पर छह लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का कर्ज था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी की, छह लाख करोड़ कर्ज और किया कितना सिर्फ 60 हजार करोड़। कहां छह लाख करोड़ और कहां 60 हजार करोड़, इतना बड़ा धोखा। इतना ही नहीं, कर्जमाफी की आड़ में ऐसे 35 लाख लोग करीब-करीब वो निकल आए जो कर्ज माफ कर दिया गया लेकिन वे कर्जमाफी के हकदार ही नहीं थे, पिछले दरवाजे से रुपये मांग रहे थे।

भाइयों और बहनों, खेती, किसानी से जुड़ा कोई भी सेक्‍टर हो, कांग्रेस ने उसे मजबूत करने की ओर कभी भी ध्‍यान नहीं दिया। फूड प्रोसेंसिंग हो, बीज की क्‍वालिटी में सुधार हो, Agriculture research हो, खेती से आय बढ़ाने वाले अन्‍य साधन हों, सिंचाई की व्‍यवस्‍था हो, जितना प्रोत्‍साहन इन्‍हें सरकार से मिलना चाहिए था वो कांग्रेस ने कभी नहीं दिया।

आज सैंकड़ों नए विज्ञान केंद्र खोलकर 17 करोड़ से ज्यादा सॉयल हेल्थ कार्ड देकर, फूड प्रोसेसिंग में 100 प्रतिशत FDI करके, देशभर में सैंकड़ों नए store houses खोलकर, पूरी सप्‍लाई चेन को मजबूत करके किसानों का खर्च कम करने और फसल की ऊंची कीमत दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।

साथियों, सरकार चाहे केंद्र की हो, या फिर योगी जी की अगुवाई वाली यूपी की सरकार हमारा एक ही मंत्र है सबका साथ सबका विकास, इसको सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात हम लगे हुए हैं। यहां रायबरेली में भी आठ लाख लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं, पौने 2 लाख महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्‍शन दिया गया है, लगभग 55 हजार घरों को मुफ्त बिजली कनेक्‍शन देकर रोशन किया गया है।

आप सभी का अभूतपूर्व सहयोग सरकार के प्रयासों को शक्ति दे रहा है। आपके सहयोग की ये शक्ति है कि सामान्‍य से सामान्‍य मानवी जीवन में सकारात्‍मक परिवर्तन लाने में हम सफल हो पा रहे हैं। आने वाले समय में सरोकार और सहयोग की इस भावना को हमें और मजबूत करना है, मिलकर के करना है। रायबरेली समेत पूरे उत्‍तर प्रदेश के तेज विकास के लिए हर स्‍तर पर हमें मिलकर आगे बढ़ना है। इसी विश्‍वास के साथ एक बार फिर तमाम विकास परियोजनाओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप यहां भारी संख्‍या में हमें आशीर्वाद देने पहुंचे इसके लिए भी मैं आप सबका ह़दय से धन्‍यवाद करता हूं।

मेरे साथ जोर से बोलिए भारत माता की जय...., भारत माता की जय...., भारत माता की जय....

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

  • रीना चौरसिया September 11, 2024

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PM Modi’s remarks at the BRICS session: Environment, COP-30, and Global Health
July 07, 2025

Your Highness,
Excellencies,

I am glad that under the chairmanship of Brazil, BRICS has given high priority to important issues like environment and health security. These subjects are not only interconnected but are also extremely important for the bright future of humanity.

Friends,

This year, COP-30 is being held in Brazil, making discussions on the environment in BRICS both relevant and timely. Climate change and environmental safety have always been top priorities for India. For us, it's not just about energy, it's about maintaining a balance between life and nature. While some see it as just numbers, in India, it's part of our daily life and traditions. In our culture, the Earth is respected as a mother. That’s why, when Mother Earth needs us, we always respond. We are transforming our mindset, our behaviour, and our lifestyle.

Guided by the spirit of "People, Planet, and Progress”, India has launched several key initiatives — such as Mission LiFE (Lifestyle for Environment), 'Ek Ped Maa Ke Naam' (A Tree in the Name of Mother), the International Solar Alliance, the Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, the Green Hydrogen Mission, the Global Biofuels Alliance, and the Big Cats Alliance.

During India’s G20 Presidency, we placed strong emphasis on sustainable development and bridging the gap between the Global North and South. With this objective, we achieved consensus among all countries on the Green Development Pact. To encourage environment-friendly actions, we also launched the Green Credits Initiative.

Despite being the world’s fastest-growing major economy, India is the first country to achieve its Paris commitments ahead of schedule. We are also making rapid progress toward our goal of achieving Net Zero by 2070. In the past decade, India has witnessed a remarkable 4000% increase in its installed capacity of solar energy. Through these efforts, we are laying a strong foundation for a sustainable and green future.

Friends,

For India, climate justice is not just a choice, it is a moral obligation. India firmly believes that without technology transfer and affordable financing for countries in need, climate action will remain confined to climate talk. Bridging the gap between climate ambition and climate financing is a special and significant responsibility of developed countries. We take along all nations, especially those facing food, fuel, fertilizer, and financial crises due to various global challenges.

These countries should have the same confidence that developed countries have in shaping their future. Sustainable and inclusive development of humanity cannot be achieved as long as double standards persist. The "Framework Declaration on Climate Finance” being released today is a commendable step in this direction. India fully supports this initiative.

Friends,

The health of the planet and the health of humanity are deeply intertwined. The COVID-19 pandemic taught us that viruses do not require visas, and solutions cannot be chosen based on passports. Shared challenges can only be addressed through collective efforts.

Guided by the mantra of 'One Earth, One Health,' India has expanded cooperation with all countries. Today, India is home to the world’s largest health insurance scheme "Ayushman Bharat”, which has become a lifeline for over 500 million people. An ecosystem for traditional medicine systems such as Ayurveda, Yoga, Unani, and Siddha has been established. Through Digital Health initiatives, we are delivering healthcare services to an increasing number of people across the remotest corners of the country. We would be happy to share India’s successful experiences in all these areas.

I am pleased that BRICS has also placed special emphasis on enhancing cooperation in the area of health. The BRICS Vaccine R&D Centre, launched in 2022, is a significant step in this direction. The Leader’s Statement on "BRICS Partnership for Elimination of Socially Determined Diseases” being issued today shall serve as new inspiration for strengthening our collaboration.

Friends,

I extend my sincere gratitude to all participants for today’s critical and constructive discussions. Under India’s BRICS chairmanship next year, we will continue to work closely on all key issues. Our goal will be to redefine BRICS as Building Resilience and Innovation for Cooperation and Sustainability. Just as we brought inclusivity to our G-20 Presidency and placed the concerns of the Global South at the forefront of the agenda, similarly, during our Presidency of BRICS, we will advance this forum with a people-centric approach and the spirit of ‘Humanity First.’

Once again, I extend my heartfelt congratulations to President Lula on this successful BRICS Summit.

Thank you very much.