From now on, India will only have two castes: the poor and those that want to remove poverty: PM Modi
The people of India have given their mandate that they want the nation to rise above petty politics of division and appeasement: Prime Minister Modi
While a majority is necessary for forming a stable government, a consensus is required for running the country smoothly: PM Modi

भारतीय जनता पार्टी के यशस्वी, परिश्रमी अध्यक्ष भाई अमित शाह जी, भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ साथी और प्यारे भाइयो और बहनो, आज स्वयं मेघराज भी इस विजयोत्सव में शरीक होने के लिए हमारे बीच हैं।

2019 लोकसभा का जनादेश, हम सब देशवासियों के पास नए भारत के लिए जनादेश लेने के लिए गए थे। आज हम देख रहे हैं, देश के कोटि-कोटि नागरिकों ने इस फकीर की झोली को भर दिया। मैं भारत के 130 करोड़ नागरिकों का सर झुकाकर के नमन करता हूं। लोकतांत्रिक विश्व में 2019 का ये जो मतदान का सिर्फ आकड़ा है, ये अपने आप में लोकतांत्रिक विश्व के इतिहास की सबसे बड़ी घटना है, पूरे विश्व की ये सबसे बड़ी घटना है। देश आजाद हुआ, कितने लोकसभा के चुनाव हुए, लेकिन आजादी के बाद, इतने चुनाव होने के बाद सबसे अधिक मतदान इस चुनाव में हुए हैं। और वो भी 40-42 डिग्री गर्मी के बीच में, ये अपने आप में भारत के मतदाताओं की जागरूकता, लोकतंत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, पूरे विश्व को इस बात को रजिस्टर करना होगा, पूरे विश्व को भारत की लोकतांत्रिक शक्ति को पहचानना होगा।

इस अवसर पर मैं, इस लोकतंत्र के उत्सव में, लोकतंत्र के खातिर जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया है, जो लोग घायल हुए हैं उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना प्रकट करता हूं। और लोकतंत्र के इतिहास में लोकतंत्र के लिए मरना, ये मिसाल आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। मैं चुनाव आयोग को, सुरक्षाबलों को, इस लोकतंत्र की व्यवस्था को संभालने वाले हर किसी को उत्तम तरीके से लोकतंत्र में विश्वास बढ़ाने वाली व्यवस्था देने के लिए, बहुत ही उत्तम तरीके से चुनाव प्रक्रियाओं को संपन्न कराने के लिए हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियो, जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तब श्री कृष्ण से पूछा गया की आप किसके पक्ष में थे। मैं समझता हूं, उस समय महाभारत के काल में भगवान श्री कृष्ण ने जो जवाब दिया था वो आज 21वीं सदी में, 2019 के इस चुनाव में हिंदुस्तान के 130 करोड़ नागरिकों ने, जनता जनार्दन ने श्री कृष्ण के रूप में जवाब दिया है। और श्री कृष्ण ने जवाब दिया था की मैं किसी के पक्ष में नहीं था, मैं तो सिर्फ हस्तिनापुर के लिए हस्तिनापुर के पक्ष में खड़ा था। आज 130 करोड़ नागरिक श्री कृष्ण के रूप में भारत के लिए खड़े हैं, भारत के लिए मतदान किया है और इसलिए देश के सामान्य नागरिक की ये भावना भारत के उज्जवल भविष्य की गारंटी है। इस चुनाव में मैं पहले दिन से कह रहा था, ये चुनाव कोई दल नहीं लड़ रहा है, कोई उम्मीदवार नहीं लड़ रहा है, कोई नेता नहीं लड़ रहा है, ये चुनाव देश का जनता लड़ रही है। जिनके आंख-कान बंद थे उनके लिए मेरी बात समझना मुश्किल था, लेकिन मेरी उस भावना को जनता जनार्दन ने प्रकट कर दिया है और इसलिए अगर कोई विजयी हुआ है तो हिंदुस्तान विजयी हुआ है, अगर कोई विजयी हुआ है तो लोकतंत्र विजयी हुआ है, अगर कोई विजयी हुआ है तो जनता जनार्दन विजयी हुई है। और इसलिए हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, हम सभी एनडीए के साथी नम्रतापूर्वक इस विजय को जनता जनार्दन के चरणों में समर्पित करते हैं।

इस लोकसभा के चुनाव में जो विजयी हुए हैं, उन सभी विजेताओं को मैं हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं और सभी विजयी, किसी भी दल से जीत कर आए हों, किसी पार्श्वभूमि से आए हों, लेकिन देश के उज्जवल भविष्य के लिए प्रतिबद्धता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के भारत के उज्जवल भविष्य के लिए विजयी सभी जन, सभी प्रतिनिधि आने वाले दिनों में देश की सेवा करेंगे, इस विश्वास के साथ मैं उन सब को शुभकामनाएं देता हूं। 

चार राज्यों में भी चुनाव थे, ओडिशा, आन्ध्र, सिक्किम, अरुणाचल। उन विधानसभाओं में जो प्रतिनिधि चुन कर आए हैं, उन राज्यों की जनता ने जिन सरकारों को चुना है उनको भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। और मैं उन सभी सरकारों को विश्वास दिलाता हूं की भारतीय जनता पार्टी भारत के संविधान को समर्पित है, फेडरलिज्म पर समर्पित है और इसलिए इन चीजों को विजय प्राप्त करने वाले लोगों को मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं की केंद्र सरकार उन राज्यों की विकास यात्रा में पूरी तरह कंधे से कंधा मिलाकर के उनके साथ चलेगी। जैसा हमारे अध्यक्ष जी ने कहा की भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता, उनके परिश्रम, उनका पुरुषार्थ, इतना गर्व होता है की जिस दल में हम हैं उस दल में ऐसे दिलदार लोग हैं। कोटि-कोटि कार्यकर्ता सिर्फ एक ही भाव, भारत माता की जय और कुछ नहीं, वे कार्यकर्ता, वे भारतीय जनता पार्टी परिवार का प्रत्येक साथी कोटि-कोटि अभिनंदन का अधिकारी है। जिसने निस्वार्थ भाव से लोकतंत्र का झंडा ऊंचा रखते हुए देश के सामान्य मानवी की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ती के लिए जी-जान से, लोकतांत्रिक तरीके से इस पूरे लोकशाही के उत्सव में शरीक हो कर के उसकी आन,बान,शान बढ़ाने में यशस्वी भूमिका निभाई है। 

भारतीय जनता पार्टी की विशेषता है और विशेषता ये है की हम कभी दो भी हो गए, लेकिन हम कभी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुए, आदर्शों को ओझल नहीं होने दिया, ना रुके, ना थके, ना झुके, कभी हम दो भी हो गए तो भी और आज दोबारा आ गए। दो से दोबारा आने तक इस यात्रा में अनेक उतार-चढ़ाव आए हैं। दो थे तब भी निराश नहीं हुए, दोबारा आए तब भी ना हमारी नम्रता छोड़ेंगे, ना हमारा विवेक छोड़ेंगे, ना हमारे आदर्शों को छोड़ेंगे, ना हमारे संस्कार छोड़ेंगे।

साथियो, अभी हमारे अध्यक्ष जी चुनाव नतीजों की कुछ हाईलाइट्स बता रहे थे। मैं स्वयं आज काफी व्यस्त था उसके कारण चुनाव नतीजों पर मेरा ध्यान नहीं था और इसलिए मुझे पूरी जानकारी भी नहीं है कि कहां क्या हुआ, कैसे हुआ, लेकिन अध्यक्ष जी ने जो विस्तार से बताया, मैं आज रात के बाद समय निकाल कर के देखूंगा की आज दिन भर क्या-क्या हुआ है। लेकिन जो अध्यक्ष जी ने बताया, ये अपने आप में हिंदुस्तान के पॉलीटिकल पंडितों को, उनकी सारी 20वीं सदी की सोच को छोड़ना पड़ेगा। ये 21वीं सदी है, ये नया भारत है, ये चुनाव का विजय, कोई कहता है मोदी-मोदी, ये मोदी का विजय नहीं है। ये देश में ईमानदारी के लिए तड़पते हुए नागरिक की आशा-आकांक्षाओं की विजय है, ये 21वी सदी के सपनों को लेकर चल पड़े नवजवान का विजय है। ये विजय आत्मसम्मान, आत्मगौरव के साथ एक शौचालय के लिए तड़पती हुई, उस मां की विजय है। ये विजय उस बीमार व्यक्ति का है जो चार-चार,पांच-पांच साल से पैसों के अभाव में उपचार नहीं करवा पा रहा था, जिसका आज उपचार हो पाया उसके आज आशीर्वाद की विजय है। ये विजय देश के उन किसानों की है जो पसीना बहा कर के राष्ट्र का पेट भरने के लिए अपने पेट को भी परेशान करता रहता है और खुद जहमत उठाता रहता है, ये उसकी विजय है। ये उन 40 करोड़ असंगठित मजदूरों की विजय है, जिनको पहली बार, लेफ्ट के लोगों ने विचार बहुत रखे होंगे, लेकिन इस देश में ऐसी सरकार जिस पर लेफ्ट का लेबल तो नहीं है, लेकिन 40 करोड़ लोगों के लिए, असंगठित कामदारों के लिए पेंशन योजना लागू कर के उनको सम्मानित जीवन देने का काम किया है, ये उनकी विजय है। जो बेघर जिंदगी गुजारते-गुजारते आज पक्के घर में रहने गए हैं, ये उनकी विजय है और जिनका 2022 तक पक्का घर बनना तय है उनका विजय है।

भाइयो-बहनो, ये विजय उन मध्यम वर्ग के परिवार का है, जो कानून-नियम का पालन करता रहा, जो देश की भलाई के लिए टैक्स देता रहा, लेकिन ना कभी उसे सम्मान मिला, ना ही उसे कभी भरोसा हुआ, की जो वो टैक्स देता है वो देश के काम आता है क्या? पांच साल में अनुभव किया की जो दे रहा है वो सही जगह पर जा रहा है, सही काम आ रहा है। उस मध्यम वर्ग को जो संतोष हुआ है वो संतोष इन चुनाव नतीजों में नजर आ रहा है। ईमानदारी को जो ताकत मिली है उस ताकत को इस चुनाव ने एक नई स्वीकृति दी है। और इस प्रकार से जो बदलाव आया है उस बदलाव ने ये परिवर्तन लाया है।

भाइयो-बहनो, हमारे देश में ये चुनाव ऐसा हुआ, वरना आपने देखा होगा 30 साल तक लगातार देश में विशेष रूप से, वैसे ये ड्रामेबाजी तो लंबे समय से चल रही है। एक ऐसा प्रिंटआउट, एक ऐसा टैग फैशन हो गई थी, कुछ भी करो उसको लगा लो गंगा स्नान करने जितना पुण्य मिल जाता था और पूरी तरह नकली, उस टैग का नाम था सेक्यूलरिज्म और नारे लगते थे सेक्यूलर एक हो जाओ-सेक्यूलर एक हो जाओ। आपने देखा होगा 2014 से 19 आते-आते उस पूरी जमात ने बोलना ही बंद कर दिया। इस चुनाव में एक भी राजनीतिक दल सेक्यूलरिज्म का नकाब पहनकर देश को गुमराह करने की हिम्मत नहीं कर पाया है। दूसरा, हिंदुस्तान में कोई चुनाव ऐसा नहीं गया, जिसके केंद्र बिंदु में महंगाई ना रही हो, ये चुनाव ऐसा है जहां महंगाई पर एक भी विरोधी दल ने आरोप नहीं लगाया। ये चुनाव ऐसा है की जिसमें हिंदुस्तान के पिछले कोई भी चुनाव उठा लीजिए, सब चुनाव भ्रष्टाचार के मुद्दे से रंगे गए थे। भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चुनाव लड़े गए थे, भ्रष्टाचार के मुद्दों पर जवाब देने पड़े थे। ये पहला चुनाव ऐसा था जिसमें देश का कोई राजनीतिक दल पांच साल के शासन पर भ्रष्टाचार का एक आरोप नहीं लगा पाया। भारत के लोकतंत्र में ये तीन चीजें कांसटेंट रही हैं, इस चुनाव में मिसिंग थीं। इसलिए पॉलीटिकल पंडितों को समझ नहीं आ रहा था किस तराजू से चीजों को तौला जाए।

भाइयो-बहनो, इस चुनाव ने 21वीं सदी की एक मजबूत नींव हमारे सामाजिक, सार्वजनिक, राजनीतिक जीवन के लिए निर्मित की है और मैं चाहूंगा जो देश का उज्जवल भविष्य चाहते हैं। सरकार कौन बने, किसकी बने, कौन आए-कौन जाए, वो तो जनता तय करती रहेगी, लेकिन भारत के उज्जवल भविष्य के लिए, देश की एकता और अखंडता के लिए अब भारत ने, भारत की जनता ने इस चुनाव में एक नया नैरेटिव देश के सामने रख दिया है। सारे समाजशास्त्रियों को अपनी पुरानी सोच पर पुनर्विचार करने के लिए देश के गरीब से गरीब व्यक्ति ने मजबूर कर दिया है, और वो क्या है? अब इस देश में सिर्फ दो जाति बचेगी, दो जाति ही रहने वाली है और देश इन दो जाति पर ही केंद्रित होने वाला है। ये जाति के नाम पर खेल खेलने वाले लोगों को बहुत बड़ा प्रहार इस चुनाव में हुआ है। और दो जाति है, कौन सी? अब 21वीं सदी में भारत की एक जाति है गरीब और दूसरी जाति है देश को गरीबी से मुक्त कराने के लिए कुछ ना कुछ अपना योगदान देने वालों की। एक वो हैं जो गरीबी से बाहर आना चाहते हैं, दूसरे वो हैं जो गरीबी से देश को मुक्त कराना चाहते हैं। ये दो ही जाति हैं और इसलिए हमें 21वीं सदी में इन दोनों को सशक्त करना है। गरीबी से बाहर जिसको लाना है उसको भी सशक्त करना है और गरीबी से बाहर लाने में जो बढ़-चढ़ कर मदद कर रहा है उसको भी ताकतवर बनाना है, ये दो शक्तियां इस देश पर से गरीबी के कलंक को मिटा सकती हैं, इस सपने को लेकर के हमें चलना है।
दोस्तों, ये चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है की इसी कालखंड में, ये 2019 से 2024 ये पांच साल का कार्यकाल और इतना प्रचंड जनमत बहुत बड़ी घटना है जी, विश्व को अचंभित करने वाली घटना है। पल भर याद कीजिए, यही समय है जब महात्मा गांधी के 150वीं वर्षगांठ देश मनाएगा। यही समय है जब 2022 में भारत आजादी के 75 साल मनाएगा, गांधी-150 और भारत-75। इन पांच सालों में 1942 से 1947 के साथ हम प्रतिफल जोड़कर के देखें। 1942 से 1947 देश का हर व्यक्ति जो भी करता था आजादी के लिए करता था। स्कूल छोड़ देता था आजादी के लिए, जेल जाता था आजादी के लिए, खादी पहनता था आजादी के लिए, झाड़ू लगाता था आजादी के लिए, बच्चों को पढ़ाई कराता था आजादी के लिए, स्वदेशी का पालन करता था आजादी के लिए। 1942 से 47 तक एक जन आंदोलन ने देश को आजादी को आजादी दिलाने में बहुत बड़ी मदद की।

ये 2019 से 2024, ये कालखंड देश के आजादी के सिपाहियों का स्मरण करने का है और देशवासी भी तय करें की इन पांच साल का हम 130 करोड़ लोग, उस समय तो जनसंख्या भी इतनी नहीं थी और बड़ी-बड़ी सल्तनत को समाप्त कर दिया था। आज हम 130 करोड़ लोग हैं, अगर हम संकल्प कर लें की देश को सभी मुसीबतों से मुक्त करना है, देश को एक समृद्ध राष्ट्र की तरफ ले जाना है, एक विकसित भारत बनाकर के सांस लेनी है। हमारे गरीब से गरीब की आवश्यकताओं को पूर्ण करना है, अगर 2019 से 2024 जो स्पिरिट आजादी का था वो स्पिरित समृद्ध भारत के लिए बन जाए, स्वतंत्र भारत का वो स्पिरित समृद्ध भारत के लिए बन जाए, 2024 के पहले देश को हम नई ऊंचाइयों पर हम ले जा सकते हैं। और इसलिए दोस्तो, इस चुनाव को हमें नम्रता से स्वीकारना है। सरकार तो बहुमत से बनती है और जनता ने बना भी दी है, लेकिन लोकतंत्र के संस्कार, लोकतंत्र का स्पिरिट भारत के संविधान का स्पिरिट हमें इस बात के लिए जिम्मेवारी देता है की सरकार भले बहुमत से बनती हो, लेकिन देश सर्वमत से बनता है। और इसलिए मैं आज सार्वजनिक रूप से कहता हूं की चुनाव में क्या हुआ, कैसे हुआ, कौन क्या बोला, मेरे लिए वो बात बीत चुकी है। हमें आगे देखना है, हमें सब को साथ लेकर के चलना है, हमारे घोर विरोधी होंगे उनको भी साथ लेकर चलना है, देशहित के लिए चलना है और इतने बड़े प्रचंड बहुमत के बाद भी पूरी नम्रता के साथ चलना है, लोकतंत्र की मर्यादा के बीच चलना है। संविधान ही हमारा सुप्रीम है, उसी की छाया में, उसी के हर शब्द के भाव को पकड़ते हुए हमें चलना है और उस काम में भारतीय जनता पार्टी का कोई कार्यकर्ता भी, हिंदुस्तान का हर कोई नागरिक भी उसी उमंग और उत्साह के साथ हमसे जुड़ेगा, ये मेरा विश्वास है।

भाइयो-बहनो, देश ने हमें बहुत दिया है, मैं आज इस पल देशवासियों के सामने भी कुछ कहना चाहता हूं। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं की आपने इस फकीर की झोली तो भर दी। मेरे प्यारे देशवासियों आपने इस फकीर की झोली भर दी है, बड़ी आशा-अपेक्षा के साथ भरी है मैं जानता हूं। आपकी आशा-आकांक्षा, आपके सपने-आपके संकल्प बहुत कुछ इसके साथ जुड़ा हुआ है मैं भली-भांति इस बात की गंभीरता को समझता हूं, लेकिन मैं इस देश को कहूंगा की आपने 2014 में, मुझे ज्यादा जानते नहीं थे लेकिन आपने भरोसा किया। 2019 में आपने मुझे ज्यादा जानने के बाद उसमें और ज्यादा ताकत डाल है, मैं इसके पीछे की भावना को भली-भांति समझता हूं। जैसे अमित भाई कह रहे थे, बहुत वर्षों के बाद एक चुनी हुई सरकार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से और पहले से अधिक ताकत के साथ जीतकर आए, इसका मतलब देश की जनता का कितना भरोसा है और भरोसा जैसे बढ़ता है जिम्मेवारी और ज्यादा बढ़ती है। इसलिए मैं देशवासियों को कहना चाहूंगा की आपने मुझे जो दायित्व दिया है, हमारे एनडीए के सभी साथियों ने जो हमें समर्थन दिया है। एनडीए के साथियों ने भी मिलकर के पूरी मेहनत की है तब जा कर के मैं देशवासियों से आज जरूर कहना चाहूंगा और इसे मेरा वादा मानिए, मेरा संकल्प मानिए, मेरा समर्पण मान लीजिए, मेरी प्रतिबद्धता मानिए, लेकिन मैं जरूर कहूंगा की आपने जो मुझे जो फिर से काम दिया है। आने वाले दिनों में मैं बदइरादे से, बदनीयत से कोई काम नहीं करूंगा। काम करते-करते गलती हो सकती है लेकिन बदइरादे से, बदनीयत से मैं कोई काम नहीं करूंगा। दूसरा देशवासियों आपने मुझे इतना बड़ा भरोसा, इतनी बड़ी जिम्मेवारी दी है तब मैं देशवासियों को फिर से कहूंगा की मैं मेरे लिए कुछ नहीं करूंगा। और तीसरी बात मैं सार्वजनिक रूप से कहना चाहूंगा, मेरे समय का पल-पल, मेरे शरीर का कण-कण सिर्फ और सिर्फ देशवासियों के लिए है। मेरे देशवासी आप जब भी मेरा मूल्यांकन करें, इन तीन तराजू पर जरूर मुझे कसते रहना, कभी कोई कमी रह जाए तो मुझे कोसते रहना, लेकिन मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं मैं सार्वजनिक रूप से जो बातें बताता हूं उसको जीने के लिए भरपूर प्रयास करता हूं।

मैं आज हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष, उनकी पूरी टीम राज्यों के अध्यक्ष, राज्यों की टीम, पार्टी के पन्ना प्रमुख तक के लोग, लोग पन्ना प्रमुख की मजाक उड़ाते रहते हैं, लेकिन उस पन्ना प्रमुख की ताकत क्या होती है वो इस चुनाव में पता चल गया। पन्ना प्रमुख से लेकर राष्ट्रीय प्रमुख तक इन लक्षावधि कार्यकर्ताओं को, उनके परिश्रम को, उनकी प्रतिबद्धता को एक बार हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं, धन्यवाद।

मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम।

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Supreme Court’s verdict on the abrogation of Article 370 is historic: PM
December 11, 2023
PM also assures resilient people of Jammu, Kashmir and Ladakh

The Prime Minister, Shri Narendra Modi said that the Supreme Court’s verdict on the abrogation of Article 370 is historic and constitutionally upholds the decision taken by the Parliament of India on 5th August 2019.

Shri Modi also said that the Court, in its profound wisdom, has fortified the very essence of unity that we, as Indians, hold dear and cherish above all else.

The Prime Minister posted on X;

“Today's Supreme Court verdict on the abrogation of Article 370 is historic and constitutionally upholds the decision taken by the Parliament of India on 5th August 2019; it is a resounding declaration of hope, progress and unity for our sisters and brothers in Jammu, Kashmir and Ladakh. The Court, in its profound wisdom, has fortified the very essence of unity that we, as Indians, hold dear and cherish above all else.

I want to assure the resilient people of Jammu, Kashmir and Ladakh that our commitment to fulfilling your dreams remains unwavering. We are determined to ensure that the fruits of progress not only reach you but also extend their benefits to the most vulnerable and marginalised sections of our society who suffered due to Article 370.

The verdict today is not just a legal judgment; it is a beacon of hope, a promise of a brighter future and a testament to our collective resolve to build a stronger, more united India. #NayaJammuKashmir”