The nation is now moving towards Gas Based Economy, says PM Modi

Published By : Admin | November 22, 2018 | 16:25 IST
The nation is now moving towards Gas Based Economy, says PM Modi
City Gas Distribution network will play a major role in achieving Clean Energy solutions: PM Modi
Government would strive to fulfil the targets for Clean Energy and Gas Based Economy: PM Modi

मंच पर उपस्थित मंत्री परिषद के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्‍द्र प्रधान जी, डॉक्‍टर हर्षवर्धन जी, टेक्‍नोलॉजी के माध्‍यम से देश के अलग-अलग हिस्‍सों से जुड़े हुए सभी महानुभाव, आज के Bidding process में शामिल हो रहे उद्यमीगण और यहां उपस्थित सभी महानुभाव।

भाइयों और बहनों, भविष्‍य के भारत के लिए किस तरह आजकल भारत में बड़े संकल्‍प लेकर कार्य को सिद्ध किया जा रहा है, आज हम सभी उसके गवाह बने हैं। आज का दिन भारत में next generation infrastructure, उसे विकसित करने की दिशा में एक बहुत महत्‍वपूर्ण कदम है। 9वें Bidding Round से देश के 129 districts में City Gas Distributionnetworkस्‍थापित करने के कार्यों की शुरूआत होगी। इसके अलावा 10वीं Biddingका process भी शुरू हुआ है।

ये शुरूआत इसलिए बहुत महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि जब ये कार्य पूरे होंगे तो उसका परिणाम बहुत ही व्‍यापक होगा, बृहद होगा। 10वीं Biddingके बाद शुरू हुए कार्य जब पूर्णता की ओर बढ़ेंगे तो देश के 400 से ज्‍यादा जिले City Gas Distributionnetwork के दायरे में आ जाएंगे। और मुझे बताया गया है कि देश की करीब-करीब 70 प्रतिशत आबादी को ये सुविधा मिलने का मार्ग खुल जाएगा।देश के विकास से जुड़ी, देश के लोगों के जीवन को आसान बनाने से जुड़ी ये बहुत बड़ी उपलब्धि है।

साथियों, 2014 तक देश के सिर्फ sixty six districts, 66 जिले यहां पर City Gas Distributionnetwork के दायरे में, वहां तक पहुंचा था। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश के 174, जिलों में City Gas का काम चल रहा है। अगले दो-तीन वर्षों में 400 से ज्‍यादा जिलों तक इसकी पहुंच होगी।

ये कोई छोटे-मोटे आंकड़े नहीं हैं जी। हमारे शहरों ने बीते चार वर्षों में Gas based Economy की तरफ कैसे मजबूत कदम उठाया है, ये उसकी भव्‍य तस्‍वीर है। 2014 में लगभग 25 लाख घरों में Piped Gas Connection था। चार साल में इसकी संख्‍या बढ़ करके लगभग दो गुनी हो चुकी है। आज जिन शहरों में कार्यों की शुरूआत हुई है उसके बाद ये संख्‍या 2 करोड़ के पार पहुंचने की उम्‍मीद है। इसी तरह 2014 में देश में 947 CNG station थे। मत भूलिए, कि आज से लगभग 25 साल पहले देश के तीन शहर दिल्‍ली, मुम्‍बई और सूरत, जहां पर पहले सीएनजी स्‍टेशन खुले थे। तब से लेकर 2014 तक इनकी संख्‍या 947 तक पहुंची थी। यानी मोटे तौर पर अगर हम औसत निकालें तो कह सकते हैं कि एक साल में करीब-करीब 40 सीएनजी स्‍टेशन खुले, इतने सालों में, हर वर्ष चालीस। अब इनकी संख्‍या भी बढ़कर 1470 से ज्‍यादा हो चुकी है। अनुमान ये भी है कि इनकी आने वाले दशक के अंत तक सीएनजी स्‍टेशन की संख्‍या बढ़कर 10 हजार के पार होने की पूरी व्‍यवस्‍था है।

भाइयो, बहनों, केंद्र सरकार के चार वर्षों के अथक प्रयास के बाद अब देश इस स्थिति में आ गया है कि वह City Gas Distributionnetwork के विकास में पहले की अपेक्षा आज कई गुना तेजी से आगे बढ़ सकता है। इस क्षेत्र के विकास में आने वाली रुकावटें, silos,Distributors को आने वाली परेशानी, हमने हर चुनौती को एक-एक कर दूर करने का प्रयास किया है।

मैं जिस reform, perform, transform के मंत्र की बात करता हूं, उसका ये सेक्‍टर बहुत ही उत्‍तम उदाहरण है।सरकार ने बीते चार वर्षों में जो कदम उठाए, जो reforms किए, उसने इस सेक्‍टर की performanceबढ़ा दी हैं और हम transform के दौर में प्रवेश करने वाले हैं।

साथियों, 2022, हमारा देश अपनी स्‍वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है। हम 130 करोड़ देशवासी मिलकर एक भव्‍य भारत, एक नए भारत के निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं। एक ऐसा भारत जो आधु‍निक टेक्‍नोलॉजी से युक्‍त और पुरानी पड़ चुकी व्‍यवस्‍थाओं से मुक्‍त हो। इसी vision के साथ देश के energy sector का कायाकल्‍प किया जा रहा है।

ये इसलिए बहुत जरूरी है क्‍योंकि देश में बढ़ रही economy activities ने  energy की demand  बहुत बढ़ा दी है। ऊर्जा की इस बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के साथ ही हमें clean energy के हमारे commitment का भी ध्‍यान रखना है। हमें दुनिया को ये भी दिखाना है कि पर्यावरण को बिना ज्‍यादा नुकसान पहुंचाए भी विकास हो सकता है। ऐसे में अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए natural gas का ज्‍यादा से ज्‍यादा इस्‍तेमाल हमारे देश के लिए बहुत ही जरूरी है।

हमारा प्रयास है कि अगले दशक के अंत तक देश में natural gas की खपत को ढाई गुना से ज्‍यादा बढ़ाया जाए। और इसलिए सरकार Gas Based Economy के सभी आयामों पर ध्‍यान दे रही है। देश में gas infrastructure को मजबूत करने के लिए LNG Terminals की संख्‍या बढ़ाने, Nationwide Gas Gridऔर City Gas Distribution पर एक साथ काम किया जा रहा है। Liquid natural gas के import की क्षमता बढ़ाने के लिए पुराने टर्मिनल्‍स का आधुनिकीकरण हो ही रहा है, नएLNG Terminal भी बनाए जा रहे हैं।

10 हजार करोड़ की लागत राशि से तमिलनाडु के एन्‍नौर और उड़ीसा के धामरा में नए LNG Terminals का काम आखिरी चरण में है। इसी तरह देश के ज्‍यादा से ज्‍यादा जिलों तक नेचुरल गैस पहुंच सके, इसके लिए national gas grid का eco system विकसित किया जा रहा है।

इसके तहत जगदीशपुर-हल्दिया और बोकारो- धामरा पाइप लाइन प्रोजेक्‍ट पर काम किया जा रहा है। साथ ही उत्‍तर-पूर्व के दूसरे क्षेत्रों को इस गैस-ग्रिड से जोड़ने के लिए इस प्रोजेक्‍ट का विस्‍तार बरौनी से गुवाहाटी त‍‍क किया जा रहा है। इन परियोजनाओं पर लगभग 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

इन परियोजनाओं की वजह से गोरखपुर, बरौनी और सिंदरी, ये तीनों फर्टिलाइजर प्‍लांट्स को भी एक नया जीवनदान मिलने जा रहा है। सिक्किम समेत नॉर्थ-ईस्‍ट के हर राज्‍य को इस ग्रिड से जोड़ने के लिए9,200 crore से ज्‍यादा की लागत राशि से इंद्रधनुष गैस ग्रिड के नाम से एक joint venture भी बनाया गया है।

साथियों, जो निवेशक इस सेक्‍टर में निवेश कर रहे हैं, उनके हितों की रक्षा का भी ध्‍यान रखा गया है। घरेलू गैस की कीमतों को ग्‍लोबल गैस मार्केट से लिंक करने का काम पहले ही किया जा चुका है। घरेलू स्‍तर पर गैस का उत्‍पादन बढ़ाने के लिए कम्‍पनियों को marketing और pricing freedom दे दी गई है।

गैस की कीमतों पर ध्‍यान देने के लिए, गैस ग्रिड के संचालन के लिए, एक independent transport system operator भी बनाया गया है। इसके साथ ही देश में फ्री गैस मार्केट का वातावरण बनाने, इस सेक्‍टर में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार Gas trading exchange को विकसित करने पर भी काम कर रही है।

भाइयो और बहनों, इन तकनीकी पहलुओं और आंकड़ों के साथ ही हम सभी के लिए सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है इन कार्यों, इन परियोजनाओं का देश पर सकारात्‍मक प्रभाव। ये कार्य सामाजिक स्‍तर पर, आर्थिक स्‍तर पर और पर्यावरण के स्‍तर पर देश में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाले हैं।

साथियों, जब किसी भी जगह कोई नई व्‍यवस्‍था का निर्माण होता है तो उसकी वजह से आसपास के बड़े इलाके में eco system का भी निर्माण हो जाता है। जैसे किसी जगह पर कोई बड़ा अस्‍पताल खुलता है तो उसके आसपास मेडिकल स्‍टोर खुल जाएंगे, ढाबे होंगे, रेस्‍टोरेंट होंगे, चाय की दुकान होगी, धर्मशालाएं होंगी, छोटे-छोटे होटल खुल जाएंगे, ऑटो स्‍टेंड बन जाएगा, टैक्‍सी स्‍टेंड बन जाएगा; ये सभी अपने-अपने तरीके से काम करते हैं लेकिन उनके अस्तित्‍व के केनद्र में वो अस्‍पताल होता है।

इसी तरह जब किसी शहर में गैस पहुंचती है तो वो भी एक नए eco system का निर्माणकरती है। उस शहर में गैस आधारित छोटे-बड़े उद्योगों की स्‍थापना कई गुना बढ़ जाती है। पाइप के जरिए सीधे लोगों के घरों में पहुंचाने वाली गैस लोगों के जीवन ease of living को और आसान बनाती है। उस पाइप को बिछाने के लिए, सीएनजी या पीएनजी नेटवर्क को साबित करने के लिए हजारों-लाखों युवाओं को रोजगार मिलता है। उस शहर में चलने वाले ऑटो, टैक्सियों, कारों को ईंधन का एक आधुनिक विकल्‍प मिलता है। गैस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के लिए जो योजनाएं अभी देश में चल रही हैं, उनसे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।

आज नवीं बीडिंग के तहत जो कार्य शुरू हुए हैं, उससे ही सीधे तौर पर कम से कम तीन लाख नौजवानों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा जो दूसरी व्‍यवस्‍थाएं विकसित होंगी वो भी रोजगार के लाखों नए अवसर बनाएंगी। खासतौर पर पूर्वी भारत और पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों को इसका बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। कहने का मतलब ये कि Gas Basedव्‍यवस्‍थाएं सिर्फ उद्योगों को ही नहीं, उस जिले के लोगों का रहने का तौर-तरीका भी बदल रही हैं। उनकी जीवन पद्धति बदल रही है।

आने वाले कुछ एक वर्षों में भारत के सैंकड़ों शहरों में,इस बदलाव को खुद होते हुए देखेंगे और आप भी उसके सहभागी बनेंगे। हम खुद को इस मामले में सौभाग्‍यशाली भी महसूस कर सकते हैं कि हम अपने जीवनकाल में इतने बड़े परिवर्तन को होते हुए देख रहे हैं, वरना मुझे वो दौर भी याद है जब देश के आम नागरिक अपने घर में गैस का सामान्‍य कनेक्‍शन लेने के लिए सांसदों, विधायकों तक की सिफारिशी चिट्ठी लिखाने के लिए कतार में खड़ा रहता था। उस स्थिति से देश बहुत आगे निकल चुका है।

अगर मैं कहूं कि साल 2014 में देश के लोगों ने सिर्फ सरकार ही नहीं बदली, बल्कि सरकार की कार्य शैली, कार्य संस्‍कृति और योजनाओं को लागू करने का तौर-तरीका भी बदल दिया है तो गलत नहीं होगा। आज इस अवसर मैं आपको इसी सैक्‍टर से जुड़ा एक और उदाहरण देता हूं। हम लोग Gas Based Economy की बात करते हैं, ये हमें नहीं भूलना चाहिए कि देश में एलपीजी का कनेक्‍शन दिया जाना 1955में शुरू हुआ था। इसके बाद से 2014 तक देश में 13 करोड़ एलपीजी कनेक्‍शन दिए गए थे। यानी 60 साल में 13 करोड़ कनेक्‍शन। ये आंकड़े अगर आप याद रखोगे तो लोगों से बात करे समय आप विश्‍वास से कह सकोगे कि कैसे बदलाव आ रहा है़, 60 साल में 13 करोड़। देश में सारे संसाधन वही हैं, लोग वही हैं, फाइलें वही हैं, दफ्तर वही हैं, बाबू का काम करने का तरीका भी वही है, फिर भी चार साल में लगभग 12 करोड़ कनेक्‍शन दिए जा चुके हैं।

60 साल में 13 करोड़, चार साल में 12 करोड़, अगर उस गति से चलते तो शायद हमारी दो पीढ़ी के बाद भी ये लाभ परिवार को नहीं मिलता। घरेलू गैस कवरेज का जो दायरा 2014 के पहले सिर्फ 55 प्रतिशत था, अब बढ़कर लगभग 90 प्रतिशत हो गया है। निश्चित तौर पर इसमें उज्‍ज्‍वला योजना की बहुत बड़ी भूमिका रही है। 1 मई, 2016 को शुरू होने के बाद से अब तक उज्‍ज्‍वला योजना के तहत लगभग 6 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्‍शन दिया जा चुका है। इस योजना ने देश के गांव में रहने वाले लोगों का जीवन जीने का तरीका बदल दिया है।

ये बीडिंग के प्रोसेस के बीच, शिलान्‍यास के बीच, आज पलभर के लिए हमें उस महिला के बारे में भी सोचना चाहिए जो अब तक लकड़ी का चूल्‍हा फूंक रही थी। अपनी सेहत को दांव पर लगाकर परिवार का पेट भर रही थी। इस महिला को Gas Based Economy का मतलब भले न पता हो, लेकिन Gas Based Economy की तरफ बढ़ते देश के कदमों ने उसका जीवन जरूर बदल दिया है।

भाइयो और बहनों, कुछ देर पहले मैंने आपसे पर्यावरण की बात की थी। जिस Gas Based Economy की तरफ हम बढ़ रहे हैं, उसका एक बड़ा और बेहतर प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ने वाला है। जब देश में हजारों नए सीएनजी स्‍टेशन होंगे, उद्योगों को बिना रुकावट गैस मिलेगी, टैक्सियों, ऑटो, कारों में भरने के लिए देश के ज्‍यादातर जिलों में सीएनजी आसानी से उपलब्‍ध होगी, तो प्रदूषण भी उतना ही कम होगा।ये COP21 के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी और मजबूत करेगा। ये वैश्विक पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत के योगदान को मजबूत करेगा। ये ग्‍लोबल प्‍लेटफॉर्म पर भारत के नेतृत्‍व की चमक को और बढ़ाएगा।

साथियों, clean energy के लिए सरकार के प्रयास का विस्‍तार बहुत व्‍यापक है। हमारी कृषि व्‍यवस्‍था से जो waste निकलता है, Biomass निकलता है, उसे Compressed Bio Gas बनाने की दिशा में भी एक अभियान  सरकार ने शुरू किया है। इस अभियान के तहत आने वाले पांच सालों में देश में पांच हजार Compressed Bio Gas plants की स्‍थापना की जाएगी।

ये प्‍लांट पराली जलाने, एग्री वेस्‍ट जैसी समस्‍याओं को कम तो करेंगे ही, किसानों की आय बढ़ाने में भी ये मददगार साबित होंगे। इसके अलावा biomassको bio fuel में बदलने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से 12 आधुनिक bio refinery बनाने की योजना पर भी काम हो रहा है।Ethanol blending को लेकर सरकार ने जो नीतिगत परिवर्तन किए हैं, उससे Ethanol blending में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।

2014 में जहां देश में लगभग 40 करोड़ लीटर Ethanol की blendingहोती थी, वो अब लगभग चार गुना तक बढ़ चुकी है। सरकार का लक्ष्‍य अब Ethanol की blending  को 10 प्रतिशत तक ले जाने का है। आने वाले वर्ष में Ethanolblending साल 2014 के मुकाबले लगभग आठ गुना हो जाएगी।

Clean energy से clean environment की दिशा में बढ़ते हुए सरकार ने BS-4 ईंधन से सीधा BS-6 ईंधन पर जाने का भी फैसला किया है। टेलीकॉम में हम 2जी से 4जी, 4जी से 5जी, हम यहां से सीधे चार से छह गए हैं। इसके अलावा एलईडी बल्‍ब की कीमतों में आई कमी और देश के लगभग 32 करोड़ एलईडी बल्‍ब के वितरण ने भी तीन करोड़ टन से ज्‍यादा कार्बन डाई ऑक्‍साइड गैस का emission रोकने में मदद की है।

सरकार twenty-twenty two तक, 2022 तक देश में renewable energy से 175 Giga watt ऊर्जा के उत्‍पादन के लक्ष्‍य पर काम कर रही है। इसके तहतकम से कम 100 Giga watt बिजली सोलर एनर्जी से बनाई जाएगी। आने वाले चार वर्षों में सरकार किसानों को 28 लाख से ज्‍यादा सोलर पंप बांटने का अभियान भी चलाया जा रहा है। देश में गैस बेस्‍ड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के विकास के साथ ही ये सारे प्रयास भारत के global commitment को पूरा करने में मदद करेंगे।

एक तो ये कि भारत 2030 तक अपनी emissionintensityको 33 से 35 प्रतिशत तक कम करेगा और दूसरा कम से कम 40 प्रतिशत बिजली की जरूरत गैर पारम्‍परिक स्रोतों से पूरा करेगा।

भाइयो, बहनों, गैस बेस्‍ड इकोनॉमी से जुड़े लक्ष्‍यहो को या फिर क्‍लीन एनर्जी से, ये लक्ष्‍य भारत को प्राप्‍त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम करके रहेंगे। सिर्फ अपने ही लिए नहीं, बल्कि मानवता के लिए, अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए, हमने ये संकल्‍प लिया है और उसे सिद्ध करना हमारा सबका दायित्‍व है।

मैं एक बार फिर आप सभी को, जिन शहरों में City Gas Distribution Network का काम शुरू हो रहा है वहां के लोगों को, 10वीं बीडिंग से जुड़े प्रतिनिधियों को अनेक-अनेक शुभकामनाओं के साथ मेरी बात को समाप्‍त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Cabinet approves three new corridors as part of Delhi Metro’s Phase V (A) Project
December 24, 2025

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi has approved three new corridors - 1. R.K Ashram Marg to Indraprastha (9.913 Kms), 2. Aerocity to IGD Airport T-1 (2.263 kms) 3. Tughlakabad to Kalindi Kunj (3.9 kms) as part of Delhi Metro’s Phase – V(A) project consisting of 16.076 kms which will further enhance connectivity within the national capital. Total project cost of Delhi Metro’s Phase – V(A) project is Rs.12014.91 crore, which will be sourced from Government of India, Government of Delhi, and international funding agencies.

The Central Vista corridor will provide connectivity to all the Kartavya Bhawans thereby providing door step connectivity to the office goers and visitors in this area. With this connectivity around 60,000 office goers and 2 lakh visitors will get benefitted on daily basis. These corridors will further reduce pollution and usage of fossil fuels enhancing ease of living.

Details:

The RK Ashram Marg – Indraprastha section will be an extension of the Botanical Garden-R.K. Ashram Marg corridor. It will provide Metro connectivity to the Central Vista area, which is currently under redevelopment. The Aerocity – IGD Airport Terminal 1 and Tughlakabad – Kalindi Kunj sections will be an extension of the Aerocity-Tughlakabad corridor and will boost connectivity of the airport with the southern parts of the national capital in areas such as Tughlakabad, Saket, Kalindi Kunj etc. These extensions will comprise of 13 stations. Out of these 10 stations will be underground and 03 stations will be elevated.

After completion, the corridor-1 namely R.K Ashram Marg to Indraprastha (9.913 Kms), will improve the connectivity of West, North and old Delhi with Central Delhi and the other two corridors namely Aerocity to IGD Airport T-1 (2.263 kms) and Tughlakabad to Kalindi Kunj (3.9 kms) corridors will connect south Delhi with the domestic Airport Terminal-1 via Saket, Chattarpur etc which will tremendously boost connectivity within National Capital.

These metro extensions of the Phase – V (A) project will expand the reach of Delhi Metro network in Central Delhi and Domestic Airport thereby further boosting the economy. These extensions of the Magenta Line and Golden Line will reduce congestion on the roads; thus, will help in reducing the pollution caused by motor vehicles.

The stations, which shall come up on the RK Ashram Marg - Indraprastha section are: R.K Ashram Marg, Shivaji Stadium, Central Secretariat, Kartavya Bhawan, India Gate, War Memorial - High Court, Baroda House, Bharat Mandapam, and Indraprastha.

The stations on the Tughlakabad – Kalindi Kunj section will be Sarita Vihar Depot, Madanpur Khadar, and Kalindi Kunj, while the Aerocity station will be connected further with the IGD T-1 station.

Construction of Phase-IV consisting of 111 km and 83 stations are underway, and as of today, about 80.43% of civil construction of Phase-IV (3 Priority) corridors has been completed. The Phase-IV (3 Priority) corridors are likely to be completed in stages by December 2026.

Today, the Delhi Metro caters to an average of 65 lakh passenger journeys per day. The maximum passenger journey recorded so far is 81.87 lakh on August 08, 2025. Delhi Metro has become the lifeline of the city by setting the epitome of excellence in the core parameters of MRTS, i.e. punctuality, reliability, and safety.

A total of 12 metro lines of about 395 km with 289 stations are being operated by DMRC in Delhi and NCR at present. Today, Delhi Metro has the largest Metro network in India and is also one of the largest Metros in the world.