भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।  

विश्व विख्यात ज्ञान तथा मोक्ष के पवित्र नगरी के हम नमन कर ही !

विष्णुपद मंदिर के ई गौरवशाली, वैभवशाली भूमि पर अपने सबके अभिनंदन करीत ही !

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और एनडीए के सहयोगी, हम पार्टी के अध्यक्ष आदरणीय श्री जीतन राम मांझी जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे साथी नित्यानंद राय जी, बिहार सरकार के मंत्रिगण, एनडीए के सभी प्रतिनिधिगण, सांसदगण और मेरे प्यारे भाइयो और बहनो, सभी को मेरा प्रणाम। आज यहाँ मंच पर मेरे साथ राज्य सरकार में मंत्री डॉ प्रेम कुमार जी, संसद में मेरे साथी, श्रीमान राजीव रंजन लल्लन सिंह जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सांसदगण में डॉ सुशील कुमार सिंह, सांसद श्रीमान चंद्रशेखर यादव।      

गया जी के अलावा, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद और अरवल से भी यहां बड़ी संख्या में लोग एनडीए के उम्मीदवारों को आशीर्वाद देने आए हैं। दूसरे जिलों के भी हज़ारों साथी डिजिटल माध्यम से हमारे साथ जुड़े हैं। 

मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं।

भाइयो और बहनो, बिहार के चुनाव इस बार दो कारणों से अहम हैं। एक तो कोरोना महामारी के बीच ये दुनिया का पहला बड़ा चुनाव है, जहां इतनी बड़ी संख्या में मतदान होने वाला है। इसलिए नजर इस बात पर है खुद को सुरक्षित रखते हुए बिहार लोकतंत्र को मजबूत कैसे करता है।

दूसरा, ये चुनाव इस दशक में बिहार का पहला चुनाव है। एनडीए की जीत के साथ ये चुनाव इस दशक में बिहार की भूमिका को और मजबूत करेगा। 

साथियो, 90 के दशक में बिहार के लोगों का कितना अहित किया गया, बिहार को अराजकता और अव्यवस्था के किस दलदल में धकेल दिया, ये आप में से अधिकांश ने अनुभव किया है। आज भी बिहार की अनेक समस्याओं की जड़ में 90 के दशक की अव्यवस्था है, कुशासन है।

यहां अनेक युवा साथी हैं, जो पहली बार वोट डाल रहे हैं, या जिनका जन्म नई सदी में हुआ है। आपको अंदाजा नहीं है कि बिहार ने कितना लंबा रास्ता तय किया है। आज आप एक नए बिहार को बनते देख रहे हैं। बिहार में नई व्यवस्थाओं को बनते देख रहे हैं। लेकिन एक समय था जब बिहार में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।

ये वो दौर था जब रेलवे स्टेशन पर रात में उतरने के बाद, लोग सुबह होने तक अपने घर नहीं जाते थे, सारी-सारी रात स्टेशन में ही बैठे रहते थे।

ये वो दौर था जब लोग गाड़ी नहीं खरीदते थे, ताकि एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनकी कमाई का पता न चल जाए।

ये वो दौर था जब एक शहर से दूसरे शहर में जाते वक्त ये पक्का नहीं रहता था कि उसी शहर पहुंचेंगे या बीच में किडनैप हो जाएंगे। ये वो दौर था जब बिजली संपन्न परिवारों के घर में होती थी, गरीब का घर दिए और ढिबरी के भरोसे रहता था।

आज के बिहार में लालटेन की जरूरत खत्म हो गई है। आज बिहार के हर गरीब के घर में बिजली का कनेक्शन है, उजाला है।

साथियो, एक वो दौर था जब बिहार के गांवों में सड़कों से जाना एक सपना होता था। बड़ी-बड़ी गाड़ियों का अंजर-पंजर हिल जाता था, किसी गांव तक पहुंचने तक। एक आज का समय है जब बिहार का करीब-करीब हर गांव सड़क से जुड़ गया है। पीएम सड़क योजना के तहत लगभग 22 हजार करोड़ की सड़कें बिहार के गांवों में बनाई गई हैं।  

 

साथियो, आज बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, IIT, IIM जैसे संस्थान खोले जा रहे हैं। यहां बोधगया जी में भी तो IIM खुला है जिस पर सैंकड़ों करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

वरना बिहार ने वो समय भी देखा है, जब यहां के बच्चे छोटे-छोटे स्कूलों के लिए भी तरस जाते थे।

साथियो, गया जी का ये पूरा क्षेत्र भारत के ज्ञान, आस्था और आध्यात्म का केंद्र रहा है। ये कितनी बड़ी बिडंबना है कि जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, उस धरती को नक्सली हिंसा और जघन्य हत्याकांडों में झोंक दिया गया।

बीते वर्षों में बिहार के इस हिस्से को नक्सलियों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। अब नक्सलवाद को देश के एक छोटे से हिस्से में समेट दिया गया है।

हिंसा और अराजकता से बाहर निकालकर इस पूरे क्षेत्र को विकास की पटरी पर लाने के लिए बीते सालों में बहुत मेहनत की गई है। नवादा और औरंगाबाद सहित बिहार के वो जिले जो विकास की दौड़ में बहुत ज्यादा पीछे छूट गए, उनको आकांक्षी जिलों के तौर पर चुना गया है।

इन जिलों में अब शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऐसे तमाम पहलुओं को प्राथमिकता दी जा रही है।    

ऐसे में बिहार को फिर उस पुराने अंधकार में ले जाने की जो तैयारी की जा रही है, जो ललचाए बैठे कुछ लोग हैं, आपको उससे सावधान रहना है, सतर्क रहना है।

 

भाइयो और बहनो, NDA के विरोध में इन लोगों ने मिलकर जो ‘पिटारा’ बनाया है, जिसे ये लोग महागठबंधन कहते हैं, उसकी रग-रग से बिहार का एक-एक नागरिक वाकिफ है। 

वो लोग जो नक्सलियों को, हिंसक गतिविधियों को खुली छूट देते रहे, आज वो NDA के विरोध में खड़े हैं। देश को तोड़ने की, देश को बांटने की वकालत करने वालों पर जब एक्शन लिया जाता है, तो ये लोग उनके साथ खड़े हो जाते हैं। इन लोगों का मॉडल रहा है बिहार को बीमार और लाचार बनाना।

एनडीए का संकल्प है- बिहार को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना।

साथियो, बीते सालों में गरीब, दलित, वंचित, शोषित, पिछड़े, अतिपिछड़ों के सशक्तिकरण के लिए एक के बाद एक बड़े सुधार किए गए हैं।

अब गरीबों और वंचितों को उनके हक का पूरा लाभ दिलाने का सफल प्रयास किया जा रहा है। सुशासन के लिए टेक्नॉलॉजी को आधार बनाया गया है। आज आप देखते हैं कि आपके मोबाइल फोन पर ही सरकार की ज्यादातर सेवाएं और सुविधाएं दे दी गई हैं।

अब आपको बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिली है। पहले राशन हो, गैस सब्सिडी हो, पेंशन हो, स्कॉलरशिप हो, हर जगह घोटाला-घपला चलता था। अब आधार, फोन और जनधन खाते से सब जुड़ चुका है। अब गरीब को उसका पूरा हक समय पर मिलना सुनिश्चित हुआ है। 

भाइयो और बहनो, बिहार के रहने वालों का खून-पसीना इस देश के हर हिस्से की मिट्टी में गुंथा हुआ है। फिर भी दशकों तक वे बुनियादी ज़रूरतों से वंचित रहे। जबकि उनके द्वारा चुने गए नेताओं ने उनके ही रुपये से अपना साम्राज्य बना डाला।

अब जबकि नेता सेवक के रूप में काम कर रहे हैं शासक के रूप में नहीं तो लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जा रहा है। जिनके सिर पर छत नहीं थी, उन्हें अब पक्का घर दिया जा रहा है। जो जहरीले धुएं से त्रस्त थे, वे अब एलपीजी गैस सिलेंडर पर खाना बना रहे हैं। जो गांव और घर वर्षों से अंधेरे में डूबे हुए थे, उनमें अब बिजली है।

जो लोग उचित उपचार का खर्च नहीं उठा सकते थे, वे अब बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। जिनके पास कोई संसाधन नहीं थे, उनके सपनों को पूरा करने के लिए अब मुद्रा ऋण का हौसला है। जिन लोगों ने कभी बैंक में कदम नहीं रखा, उनके पास पैसा अब सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जा रहा है।

कोरोना के इस संकटकाल में भी आपने देखा है कि कैसे इसकी मदद से गरीबों के बैंक खातों में, किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किए गए हैं।

साथियो, टेक्नॉलॉजी ने बिहार में भी अपनी ताकत दिखाई है कि कैसे वो गरीब सशक्त करने का काम कर रही है। अब बेईमानी करने वाले को 100 बार सोचना पड़ता है। इसलिए इन लोगों को ये सुधार, ये सुशासन पसंद नहीं आ रहा है। इन सुधारों से जहां गरीब को नई ताकत मिली है, वहीं दशकों तक सत्ता में रहे इन लोगों को दिक्कत हो रही है।

यही कारण है कि आज वो हर सुधार, हर रिफॉर्म का विरोध करने में जुटे हैं।

 

साथियो, कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने भार के गांवों के लिए बहुत बड़ी योजना की शुरुआत हुई है, इस योजना में भी टेक्नोलॉजी की बहुत बड़ी भूमिका है और इसका नाम है ‘स्वामित्व योजना’। इस योजना के बाद गांव के लोगों को भी, गांव की जमीन पर बने घर का मालिकाना हक मिलेगा, कानूनी दस्तावेज मिलेगा। ‘स्वामित्व योजना’ हमारे गांवों में अनेकों विवादों के समाप्त करने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगी। 

‘स्वामित्व योजना’ के तहत मिलने वाला प्रॉपर्टी कार्ड गांव के लोगों को बिना किसी विवाद के प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने का रास्ता साफ करेगा। प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद गांव के लोग अपने घर पर कब्जे की आशंका के बगैर कहीं पर भी आ जा सकेंगे। प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद गांव के घरों पर भी बैंक से आसान लोन मिल पाएगा। बिहार चुनाव के बाद, एनडीए सरकार बनने के बाद इस योजना को बिहार में भी लागू किया जाएगा। अभी 6 राज्यों में पायलेट प्रोजेक्ट चालू किया है।  

 

साथियो, जिन लोगों ने बिहार को बर्बाद किया, उनकी राजनीति गरीबी, अभाव, शोषण के खाद पानी से ही फलती फूलती रही है। अगर गरीब, वंचित, दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, आदिवासी सशक्त हो गए आत्मनिर्भर हो गए तो उनकी पूछ कैसे होगी?

लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं- ये लोग कुछ भी कर लें, बिहार ने अब सुधार की राह में रफ्तार पकड़ ली है। इसे धीमा नहीं होने दिया जाएगा।

अब हमारा फोकस इस पूरे क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने, और तेज करने पर है। पटना-गया जी-डोभी फोरलेन सड़क हो, किउल से गया जी के रेलखंड का दोहरीकरण हो, सभी पर तेजी से काम चल रहा है। विशेषरूप से पानी की कमी से हमारी बहनों को, हमारे किसानों को होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए प्राथमिकता पर काम हो रहा है।

 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत बिहार में बीते 5-6 सालों में 23 हज़ार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि को सिंचाई के दायरे में लाया जा चुका है।

मोक्ष और जीवनदायनी फल्गु नदी के जीर्णोधार के लिए भी हर ज़रूरी उपाय किए जा रहे हैं।

भाइयो और बहनो, लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार की बहनों से मैंने कहा था कि आपको पीने के पानी की समस्या का समाधान देकर रहेंगे। इस दिशा में जल जीवन मिशन के तहत तेजी से काम चल रहा है। बिहार में नीतीश जी की सरकार के साथ मिलकर कोरोना काल में भी 60 लाख से ज्यादा परिवारों को ये सुविधा दी जा चुकी है।

अगले कुछ वर्षों में बिहार देश के उन राज्यों में होगा, जिसमें हर घर में पाइप से पानी की सप्लाई होने लगेगी। वैसे पानी जैसे अहम विषय पर भी बिहार में किस तरह काम होता रहा है इसका बहुत बड़ा उदाहरण रही है उत्तर कोयल परियोजना। चार दशक पहले 40 साल सोचिए, चार दशक पहले इस पर काम शुरू हुआ था। इतनी सरकारें आई और चली गईं लेकिन वो कम कभी अटकता रहा, कभी लटकता रहा, कभी भटकता रहा, उसका काम पूरा नहीं हुआ 40 साल के बाद भी। 

उत्तर कोइल परियोजना को पूरा करने का काम एनडीए की सरकार ने ही किया है। इससे गया जी समेत इस क्षेत्र के कई जिलों में हजारों हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है।



साथियो, दुनिया में कोई भी जगह हो लोग वहां जाना पसंद करते हैं, जहां उन्हें जरूरी सुविधाएं मिलें। टूरिस्ट वहां जाना ज्यादा पसंद करता है, जहां और सुविधाओं के साथ-साथ मोबाइल नेटवर्क भी अच्छा हो, इंटरनेट अच्छा हो, सड़कें अच्छी हों, रहने का इंतजाम अच्छा हो- इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए बौद्ध सर्किट योजना के तहत बोध गया जी में भी जरूरी सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। 

 

बोध गया जी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनने के बाद तो यहां आने वाले टूरिस्टों को और ज्यादा आसानी होगी। एनडीए सरकार कुशीनगर में भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनवा रही है और जब कुशीनगर और बोध गया जी के बीच संपर्क बढ़ेगा, ये दोनों पवित्र स्थान जब हवाई मार्ग से जुड़ेंगे तो इसका लाभ गया जी में रहने वाले लोगों को भी होगा। 

 

बौद्ध टूरिस्ट आसानी से यहां आएंगे और जगह भी जा पाएंगे, यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।

       

 

साथियो, जिन आशाओं और अपेक्षाओं के साथ आपने केंद्र में हमें अवसर दिया, उनको तेज़ी से पूरा करने के लिए बिहार में फिर भाजपा, जेडीयू, HUM पार्टी और VIP का गठबंधन यानी NDA सरकार ज़रूरी है।

श्रीमान नीतीश जी की अगुवाई में यहां बेहतर तालमेल वाली, तेज़ी से काम करने वाली सरकार बने, इसके लिए आपको मतदान जरूर करना है। 

हां, इस बार कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बहुत सारी सावधानियां हमें रखनी है। आपका वोट इसलिए जरूरी है ताकि बिहार फिर से ‘बीमार’ ना पड़ जाए। सतर्कता इसलिए ज़रूरी है ताकि आप और आपका परिवार बीमारी से बचा रहे। 

एक बार फिर भारी संख्या में यहां आने के लिए, एनडीए को आशीर्वाद देने के लिए बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से हाथ ऊपर करके बोलिए। 

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM Modi hails the commencement of 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage in India
December 08, 2025

The Prime Minister has expressed immense joy on the commencement of the 20th Session of the Committee on Intangible Cultural Heritage of UNESCO in India. He said that the forum has brought together delegates from over 150 nations with a shared vision to protect and popularise living traditions across the world.

The Prime Minister stated that India is glad to host this important gathering, especially at the historic Red Fort. He added that the occasion reflects India’s commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

The Prime Minister wrote on X;

“It is a matter of immense joy that the 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage has commenced in India. This forum has brought together delegates from over 150 nations with a vision to protect and popularise our shared living traditions. India is glad to host this gathering, and that too at the Red Fort. It also reflects our commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

@UNESCO”