Q- प्रधानमंत्री जी, अब तक देश की आधी से अधिक सीटों पर मतदाता का निर्णय सुरक्षित हो चुका है। आपने इस दौरान धुआंधार चुनावी सभाएं और जनसंपर्क किया। कैसा रुझान प्रतीत हो रहा है?

PM-पिछले कुछ हफ्तों में, मैं कई जनसभाओं और रोड शो का हिस्सा रहा हूं। मैं कुछ अद्भुत होते देख रहा हूँ। चुनाव के दौरान, आमतौर पर राजनीतिक दल अपना पक्ष आगे रख लोगों का आशीर्वाद हासिल करना चाहते हैं। लेकिन इस बार हमारे चुनाव अभियान का नेतृत्व लोग ही कर रहे हैं। हमें उनका अपार समर्थन मिल रहा है, वे हमें आशीर्वाद देने के लिए आगे आ रहे हैं। भारत के लोग इतिहास लिखने के लिए तैयार हैं। उनके आशीर्वाद से, ऐसा पहली बार होगा जब कोई गैर-कांग्रेसी सरकार दो कार्यकाल पूरा करेगी और तीसरी बार चुनकर आएगी।

Q- कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक चुनाव पूर्व से ही कह रहे हैं कि यह आपकी शख्सियत और कार्यों पर जनमत संग्रह है। आप इस संबंध में क्या सोचते हैं?

PM-लोकतंत्र में जनता ही सरकार बनाती है और जनता ही अपना नेता चुनती है। मोदी जो भी है, मोदी की सरकार ने जो कुछ भी किया है, वह जनता की इच्छा है। 2014 से पहले, एक दशक तक, भारत ने पॉलिसी पैरालिसिस, भ्रष्टाचार और खस्ताहाल अर्थव्यवस्था का युग देखा। उस दौरान समाज का हर वर्ग हताश एवं निराश था। उस समय हम सुशासन, गरीब कल्याण और विकास का वादा लेकर लोगों के बीच गए। इसने लोगों का दिल जीत लिया। तब से, अपने काम के माध्यम से मेरे समय का हर पल और मेरी पूरी ऊर्जा लोगों के विश्वास पर खरा उतरने के लिए समर्पित है। लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मैंने दिन-रात खुद को खपाया है।

पिछले 10 वर्षों में हम अर्थव्यवस्था को ‘फ्रैजाइल फाइव’ से टॉप फाइव तक ले आए और जल्द ही दुनिया की टॉप तीन अर्थव्यवस्थाओं में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं। हमने अपने बैंकिंग क्षेत्र को उस आपदा से बचाया, जहां कांग्रेस ने इसे छोड़ दिया था। हमने गरीबों, महिलाओं, किसानों और वंचित लोगों को मूलभूत सुविधाएं दीं। शौचालय, नल से जल, खाद्य सुरक्षा, बीमा, बिजली और बैंक खाते जैसी चीजें जो दशकों पहले उन तक पहुंच जानी चाहिए थीं, अब वे उन तक पहुंचने लगीं।

जब ऐसी मूलभूत जरूरतें पूरी की जा रही थीं, उसी समय हमने डिजिटल और मोबाइल क्रांति पर भी ध्यान केंद्रित किया। तकनीक की मदद से डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) जैसी सुविधा शुरू हुई। महामारी के समय जब दुनिया के ज्यादातर देश अपने लोगों तक मदद पहुंचा पाने में नाकाम थे, तब हमारे देश में करोड़ों लाभार्थियों के बैंक खातों तक सीधे पैसे भेजे गए। आज अंतरिक्ष हो, स्टार्ट-अप हो या खेल हो, हमारे युवा दुनिया में अपने सामर्थ्य के हिसाब से प्रदर्शन के लिए सशक्त महसूस कर रहे हैं।

25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर आना, बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास का मिशन और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ, आज लोगों को विश्वास है कि यही सही समय है। भारत एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है। यही विश्वास हमारे देश की सबसे बड़ी पूंजी है और यही विश्वास जनता चुनाव में व्यक्त भी कर रही है।

Q- हाल ही में सैम पित्रोदा के बयान पर आपने तीखी प्रतिक्रिया दी, तमाम लोग इस पर बोले। इससे पूर्व रेवन्ना पिता पुत्र हों, या झारखंड के मंत्री आलमगीर के नजदीकियों के पास से अकल्पनीय रकम की बरामदगी हो, काफी चर्चा का विषय बने। इस दौरान मंगलसूत्र, मंदिर-मस्जिद के मुद्दे भी उठे। क्या इससे चुनाव सार्थक विषय-वस्तु से भटक नहीं जाता?

PM-यह तो सबको पता है कि ये शख्स कांग्रेस के शाही परिवार के बेहद करीबी हैं। इसलिए, यदि कांग्रेस सत्ता के करीब भी पहुंचती है तो ‘इनहेरिटेंस टैक्स’(विरासत कर) के साथ भारतीयों को देखने का उनका नस्लीय दृष्टिकोण और विभाजनकारी सोच देश के लिए खतरनाक साबित होंगे। इसलिए, इन मुद्दों को सामने लाना होगा और चर्चा करनी होगी।

वे धर्म के आधार पर आरक्षण देने और हमारे संविधान का अपमान करने की हद तक चले गए हैं। क्या एससी, एसटी, ओबीसी से आरक्षण छीनकर दूसरों को देने की इस साजिश पर चर्चा नहीं होनी चाहिए? कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति का ट्रैक रिकॉर्ड, उनकी प्राथमिकता, उनके बयान सबके सामने हैं। वे कहते हैं कि वे लोगों की संपत्ति का एक्स-रे कर उसका बंटवारा करेंगे, तो इसका क्या मतलब है? क्या ऐसी मानसिकता के खतरों पर बात नहीं होनी चाहिए?

दरअसल, मुझे आश्चर्य है कि मीडिया कांग्रेस के शहजादे के खतरनाक बयानों और उनके घोषणापत्र में मौजूद विनाशकारी विचारों का गहराई से विश्लेषण नहीं कर रहा है। इसलिए, मुझे इस मुद्दे को उठाना पड़ा। इनका पाखंड देखिए, एक तरफ कांग्रेस के शहजादे आम लोगों की संपत्ति का एक्स-रे करने की बात करते हैं और दूसरी तरफ उनकी पार्टी के करीबी लोगों के पास से ट्रक भर-भर के कैश बरामद हो रहा है। ये सब चुनाव से जुड़े मुद्दे हैं। इन्हें उठाना ही होगा।

अब, चूंकि आपने प्रज्ज्वल रेवन्ना का मुद्दा उठाया है, तो मैं यह स्पष्ट कर दूं, ऐसे मुद्दों पर हमारा जीरो टॉलरेंस है। इस तरह के आरोपों को अत्यंत गंभीरता से लेने की जरूरत है और ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

एक बात बताइये, क्या ये घिनौनी घटनाएं अभी-अभी हुईं? नहीं, ये कई सालों में हुआ और इस दौरान कांग्रेस प्रज्ज्वल रेवन्ना की पार्टी के साथ गठबंधन में भी रही थी। मतलब ये कि उन्हें ये सब पता था और वो सालों तक चुप रहे। अब वे इसका इस्तेमाल केवल चुनावों के दौरान कर रहे हैं, जबकि राज्य में सरकार उनकी है और वे पहले भी कार्रवाई कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की घोर कमी को दर्शाता है। यह बहुत घिनौनी बात है कि कांग्रेस के लिए इतना गंभीर मुद्दा भी महज एक राजनीतिक खेल बन कर रह गया है।

Q- विपक्ष भले ही राष्ट्रीय स्तर पर कोई गठबंधन बनाने में असफल रहा हो, पर क्षेत्रीय दल और कांग्रेस मिलकर करीब तीन सौ से अधिक सीटों पर साझा उम्मीदवार उतारने में कामयाब रहे हैं। क्या आपको उनसे कोई चुनौती महसूस होती है?

PM- कई दशकों से, भारत ने अस्थिर सरकारों से उत्पन्न समस्याओं को देखा है, जहां सत्ता के सिवाय कोई कॉमन एजेंडा नहीं होता था। उस सारी अस्थिरता के केंद्र में कांग्रेस थी। उनके समय के घोटाले, योजनाओं को लटकाने-अटकाने की नीति, आतंकवाद के सामने घुटने टेकने वाली सोच, देश की अर्थव्यवस्था का बुरा हाल, ये सारी बातें लोगों के दिमाग में अब भी ताजा हैं। इसके अलावा, लोग देख रहे हैं कि इंडी एलायंस के बीच 'मोदी हटाओ' के अलावा कोई कॉमन विजन नहीं है। दिन-रात, वे एक-दूसरे को इस तरह से गाली दे रहे हैं जैसे विरोधी भी एक-दूसरे को नहीं देते लेकिन मोदी विरोध के नाम पर मंच साझा कर रहे हैं।

इसके विपरीत, पिछले 10 वर्षों में देश ने एक मजबूत और स्थिर सरकार होने के लाभ देखे हैं। तेजी से बढ़ते चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल में, लोग जानते हैं कि भारत का स्थिर, सुरक्षित और मजबूत होना बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस और उसका इंडी गठबंधन लोगों का विश्वास जीत सकते हैं, चाहे वे कितनी भी सीटों पर चुनाव लड़ें।

Q- तीसरे चरण के बाद आपने सार्वजनिक घोषणा की कि विपक्ष के लिए चुनाव खत्म हो चुका है, जबकि इंडिया गठबंधन के नेताओं का कहना है कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी के धड़ों, बिहार में नीतीश, चिराग पासवान और मांझी से चुनावी तालमेल साबित करता है कि भाजपा में उतना आत्मविश्वास नहीं है, जितना वह प्रदर्शित करती है?

PM-हर कोई यह जानता है कि भाजपा लोकतंत्र के प्रति समर्पित पार्टी है। भाजपा राष्ट्रीय विकास और स्थानीय आकांक्षाओं के लिए प्रतिबद्ध पार्टी है। करीब 25-30 साल पहले इसी सोच के साथ एनडीए का गठन हुआ था। एनडीए हमेशा यही मानता है कि देश स्थानीय आकांक्षाओं को पूरा करके ही आगे जाएगा। इसी विचारधारा के साथ हमने कई राज्यों में गठबंधन किए हैं। गठबंधन उन पार्टियों से किए हैं, जिनके साथ हमने पहले काम किया है। इनमें वही पार्टियां हैं, जिनके साथ हमारी वैचारिक समानताएं हैं और जिनके साथ हम देश को एक बेहतर विजन के साथ और आगे ले जा सकते हैं। आज महाराष्ट्र में हमारे साथ बालासाहेब ठाकरे वाली शिवसेना है। वही शिवसेना जो बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों पर चली, जो उनको अपना आदर्श मानती है और जिसने कभी बालासाहेब के विचारों से समझौता नहीं किया। एकनाथ शिंदे जी उन्हीं विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं। आज असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हमारे साथ है। विकसित महाराष्ट्र के निर्माण में हमें अजित पवार जी का भी सहयोग मिल रहा है। हमारा नीतीश जी से वर्षों पुराना नाता है। लोहिया जी, कर्पूरी ठाकुर जी और जेपी जैसे सामाजिक न्याय के पुरोधाओं के विजन और विचार के साथ हम आज भी जुड़े हैं। आज हमारे साथ चिराग पासवान जी हैं, जिनके पिता रामविलास पासवान जी हमारी सरकार में सीनियर मंत्री रहे थे। जीतन राम मांझी जी वरिष्ठ नेता हैं। हमने इनसे तालमेल किया है, ताकि साथ मिलकर पूरी मजबूती के साथ देश के गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के जीवन को और ज्यादा बेहतर बना सकें।गठबंधन क्या होता है, विपक्ष को ये हमें सिखाने की जरूरत नहीं है। विपक्ष का तो ऐसा गठबंधन है, जिसमें ऐसी कई पार्टियां हैं जो पहले एक-दूसरे के खिलाफ मार-काट के स्तर तक चली जाती थीं। आप देखिए, केरल में कांग्रेस और कम्युनिस्ट, बंगाल में लेफ्ट और टीएमसी ये दोनों कभी साथ नहीं रहे। इनके विचार और व्यवहार में आपस में कोई समानता नहीं है। इनका बस एक कॉमन एजेंडा है- रोज आओ, मोदी को गाली दो। इसलिए गठबंधन कैसे चलता है, गठबंधन क्या होता है, ये विपक्ष हमें नहीं बता सकता। हमारा एनडीए एक बेहद मजबूत गठबंधन है। भारत के हर कोने में हमारे घटक दल हैं, जो मजबूती से अपना काम कर रहे हैं। हम सभी एक साथ मिलकर पूरी शक्ति के साथ देश को और आगे ले जाने के लिए तत्पर हैं।

Q- आपने दक्षिणी राज्यों में जबरदस्त मेहनत की है। क्या आपको लगता है कि आप इस बार तमिलनाडु और केरल में खाता खोल पाएंगे? क्या इस अभियान की तुलना 1980 के दशक के अंत में भारतीय जनता पार्टी के उत्तर और पश्चिमी भारत में शुरू किए गए प्रयासों से की जा सकती है?

PM-कर्नाटक में हम लगभग दो दशकों से लोकसभा चुनावों में अग्रणी पार्टी रहे हैं। हमने प्रदेश स्तर पर भी अच्छी सरकारें दी हैं। अब आपके प्रश्न पर आते हैं, भाजपा के लिए भारत की भूमि का हर इंच पूजनीय है, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो। यही कारण है कि हमारी पार्टी एकमात्र पार्टी है जो राष्ट्रीय विजन और स्थानीय आकांक्षाओं की परवाह एकसाथ करती है। हमारी एकमात्र पार्टी है, जिसके उत्साही कार्यकर्ता उन क्षेत्रों में भी लोगों की सेवा करते हुए मिलेंगे, जहां हमारी सरकारें नहीं हैं। एक कार्यकर्ता के तौर पर मैं देश के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों का आशीर्वाद लेना अपना सौभाग्य मानता हूं। जब दक्षिण भारत की बात आती है, तो भाजपा के बारे में कुछ लोग भ्रम पैदा करने की कोशिश करते हैं कि बीजेपी दक्षिण में मौजूद नहीं है। इस बार, मुझे पूरा यकीन है कि हम दक्षिण में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन देखेंगे, चाहे वह तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना या कर्नाटक में हो।

Q- कर्नाटक और तेलंगाना में पिछले दिनों कांग्रेस की सरकारें बनीं। क्या आपको अपने दक्षिण अभियान में उससे कोई अवरोध आने की आशंका है?

PM-तेलंगाना और कर्नाटक दोनों में कांग्रेस बड़े-बड़े वादे करके सत्ता में आई लेकिन मैंने लोगों का किसी सरकार से इतनी जल्दी मोहभंग होते नहीं देखा, जितनी जल्दी इन सरकारों से हुआ। कारण यह है कि कांग्रेस ने ये वादे तो किये लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। उन्होंने बिजली से संबंधित वादे किए लेकिन आज ये दोनों राज्य भारी बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे लोगों को कई अन्य फायदे देंगे लेकिन वे छोटी-छोटी चीजों के लिए भी बड़ी रिश्वत ले रहे हैं। भ्रष्टाचार दोनों राज्यों को खोखला कर रहा है। कांग्रेस जहां रहती है वहां भ्रष्टाचार तेजी से पनपने लगता है। कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण कर्नाटक में कानून व्यवस्था लड़खड़ा रही है। महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। तेलंगाना में किसान पूछ रहे हैं कि उनके जल संकट के समाधान के लिए कांग्रेस क्या कर रही है। इसलिए, दोनों जगहों पर कांग्रेस पार्टी की सरकार के खिलाफ लोगों में बहुत गुस्सा है। लोग चुनाव में अपने वोट के जरिए कांग्रेस को जवाब देंगे।

Q- आपने संसद में कहा था कि भाजपा 370 और एनडीए 400 सीट जीतेगा, लेकिन इधर इस पर कम चर्चा हो रही है। इसकी कोई खास वजह?

PM-ये कहना गलत होगा कि इसकी चर्चा नहीं होती। मैंने यही कहा था कि एनडीए की सरकार का जो काम है, विकास की उसकी जो योजनाएं हैं, हमने लोगों को गरीबी से जो मुक्ति दिलाई है, इन सबको देखकर देश ये कह रहा है कि एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलेगा। और मैंने अपनी चुनावी सभाओं में बार-बार बोला है कि एनडीए को स्पष्ट बहुमत इसलिए चाहिए, ताकि हम भारत के विकास को और तेजी से आगे ले जा सकें और गरीबी को कम कर सकें।

प्रचंड बहुमत इसलिए भी चाहिए, जिससे हम भारत के संविधान को बचा सकें, क्योंकि इस चुनाव में विपक्ष का एकमात्र एजेंडा है- हमारे संविधान की मूल भावना को बदलना। वे देश के संविधान में गैरकानूनी तरीके से एससी/एसटी और ओबीसी आरक्षण को कमजोर करके मुस्लिम रिजर्वेशन लाना चाहते हैं। ऐसा इन लोगों ने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में किया। ये लोग इसका पूरा ट्रायल कर चुके हैं और अगर अब भूल से भी सरकार में आ गए तो इसको राष्ट्रीय स्तर पर ले जाएंगे। अपने एससी/एसटी और ओबीसी समाज को विपक्ष की साजिश से बचाने के लिए मुझे स्पष्ट बहुमत चाहिए, ताकि ये कभी भी डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान से खिलवाड़ ना कर सकें। मैं बार- बार कहता हूं कि हमारे संविधान निर्माताओं ने साफ तौर पर कहा था कि धर्म के आधार पर ऐसा करना सही नहीं होगा। बाबासाहेब से लेकर पंडित नेहरू तक का इस बारे में यही विचार था। लेकिन देश में जैसे-जैसे कांग्रेस का समर्थन कम होता गया और उसका अस्तित्व कमजोर पड़ता गया, तो उसने इस राह पर चलना शुरू कर दिया। इसी से बचने के लिए मैंजनता-जनार्दन से कहता हूं कि मुझे ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहिए।

Q- इन चुनावों में आरक्षण एक बड़े मुद्दे के तौर पर उभरा है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि यदि भाजपा भारी बहुमत से जीती तो वह आरक्षण खत्म कर देगी। आप और एनडीए के सभी दल इसका प्रतिकार कर चुके हैं। क्या यह मुद्दा अभी कायम है?

PM-यह बीजेपी के लिए कोई नया मुद्दा नहीं है। हमारे जो विपक्ष के साथी हैं, वे बार-बार बीजेपी पर इसी मुद्दे को लेकर अटैक करते हैं कि आरक्षण खत्म हो जाएगा। वास्तव में यह सच से कोसों दूर है और इससे ज्यादा बड़ा झूठ कुछ नहीं हो सकता। आप हमारा इतिहास देखिए, सामाजिक न्याय के लिए अगर कोई समर्पित और संकल्पित है तो वह बीजेपी-एनडीए ही है। बाबासाहेब आंबेडकर को कांग्रेस ने ही हराया था। पार्लियामेंट में उनका पोट्र्रेट तब लगा, जब बीजेपी के समर्थन की सरकार थी। बाबासाहेब को भारत रत्न तब मिला, जब बीजेपी के समर्थन की सरकार थी। एससी-एसटी के लिए प्रमोशन में रिजर्वेशन अटल जी की सरकार ने दिया। अलग से आदिवासी मंत्रालय उन्हीं की सरकार ने बनाया। आज की बात करें तो पंचतीर्थों का निर्माण बीजेपी ने किया। रिजर्वेशन को 2020 में किसने बढ़ाया, बीजेपी ने बढ़ाया। आज सबसे ज्यादा एससी-एसटी और ओबीसी एमपी किसके पास हैं, बीजेपी के पास हैं। इस वर्ग के सबसे ज्यादा एमएलए किसके पास हैं, बीजेपी के पास हैं। यह भी याद रखना होगा कि हमने 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में एक आदिवासी, नॉर्थ-ईस्ट से आने वाले पीए संगमा को उम्मीदवार बनाया था, तो 2017 में दलित समाज के रामनाथ कोविंद जी को बनाया। आज आदिवासी समाज की एक बेटी राष्ट्रपति है।

Q- आरक्षण और रोजगार एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं। तमाम पर्यवेक्षक मानते हैं कि बेरोजगारी और महंगाई पर कोई सार्थक चर्चा नहीं हो रही। आपकी इस संबंध में क्या राय है?

PM-महंगाई पर नियंत्रण और रोजगार सृजन, दोनों ही मुद्दों पर हमारी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत बेहतर रहा है। हर किसी को पता है कि यूपीए सरकार के दूसरे टर्म में सालाना औसतन महंगाई दर दो अंकों में थी। यूपीए ने जहां जनता-जनार्दन को डबल डिजिट में महंगाई दी, वहीं एनडीए सरकार ने कोरोना महामारी जैसी वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद महंगाई को काबू में रखा। रोजगार सृजन की बात करें तो इसको लेकर हर क्षेत्र में काफी अच्छा काम हुआ है। सरकारी नौकरियों का ही उदाहरण लीजिए। हम जो रोजगार मेले लगा रहे हैं, उनसे लाखों नौकरियों का सृजन पहले ही सुनिश्चित हो चुका है। मैंने पहले भी बताया था कि यह अभियान 10 लाख सरकारी नौकरियां पैदा करने का है। मैं स्वयं भी इनमें से कई रोजगार मेलों का हिस्सा रहा हूं।

आप जरा पिछले 10 सालों में हुए कई विकास कार्यों पर नजर डालिए। कभी हमारी गिनती मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में कहीं नहीं होती थी, लेकिन आज हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल निर्माता बन गए हैं। सबसे अहम बात यह है कि हम मोबाइल आयातक से निर्यातक बन गए हैं। आज चाहे वंदे भारत ट्रेनों की बात हो या फिर खिलौनों की, कई सारी चीजें भारत में ही बन रही हैं। इस दौरान स्टार्टअप और इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे कई नए सेक्टर ने ऊंची उड़ान भरी है। आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं। 2014 तक हमारे पास कुछ सौ स्टार्टअप हुआ करते थे, लेकिन आज इसकी संख्या करीब एक लाख है। इन सभी सेक्टर में बड़ी संख्या में रोजगार सृजन हुए हैं।

इसके साथ हम स्वतंत्र भारत के इतिहास में शायद सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण का मिशन चला रहे हैं। हर साल इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। एयरपोर्ट की संख्या दोगुनी हो गई है। रिकॉर्ड तेजी से हाई-वे का निर्माण हो रहा है। हमारी सरकार के कार्यकाल में उन शहरों की संख्या चार गुनी हो गई है, जहां मेट्रो की सुविधा है। इतने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से कई सारे सेक्टर्स में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिला है। इसी दौरान हमने छोटे और मध्यम उद्योगों के क्षेत्र में उद्यमशीलता को भी बढ़ावा दिया है। करोड़ों लोगों ने मुद्रा लोन का लाभ लेकर पहली बार अपना कारोबार शुरू किया है। वार्षिक पी.एल.एफ.एस. डाटा से साफ पता चलता है कि साल 2017 और 2023 के बीच कामगारों की संख्या में 56 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वहीं बेरोजगारी की दर ऐतिहासिक रूप से 3.2 प्रतिशत पर रही।

आज हमारा देश विश्व में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। और ये ग्रोथ उन सभी सेक्टर्स के विकास से हो रहा है, जो रोजगार सृजन कर रहे हैं। यहां मैं कुछ चुनिंदा तथ्य और आंकड़े ही दे रहा हूं। मैं आपको यह भी याद दिलाना चाहता हूं कि आप जरा 2014 से पहले वाले कांग्रेस के कार्यकाल पर नजर डालिए, जहां ना तो ग्रोथ का नामोनिशान था और ना ही नौकरियों का अता-पता।

Q- आपने अपने मंत्रियों से तीसरी बार सरकार बनने की स्थिति में सौ दिन की कार्य योजना मंगा रखी है?

PM-हमारा फोकस गुड गवर्नेंस और विकास पर है। हमारा लक्ष्य गरीब से गरीब, यानी समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति की सेवा है। इसके लिए हम दिन-रात एक कर रहे हैं। चुनाव एक अलग प्रक्रिया है और वो प्रक्रिया जारी है, लेकिन मुझे विश्वास है कि देश की जनता हमें फिर से चुनेगी। इस समय पूरे विश्व की नजरें भारत पर हैं। आज दुनिया युद्ध, अस्थिरता और आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है। ऐसी परिस्थिति में भारत को विश्व एक उम्मीद की तरह देख रहा है इसलिए हम अपना जरा सा भी समय बर्बाद नहीं कर सकते। जैसे ही हमें 4 जून को जनता का आदेश मिलेगा, हमारी सरकार काम पर लग जाएगी। हमारे लिए, सरकार में आना कोई ताकत हासिल करने या जश्न मनाने का अवसर नहीं होता। हमारा काम है, जनता की सेवा करना। इसलिए हमारे पास सरकार के बनते ही सौ दिन का रोडमैप है। मंत्रियों और अधिकारियों को हमने इसके लिए मुस्तैद कर रखा है, ताकि सरकार बनते ही फुल स्पीड और स्केल के साथ काम शुरू हो जाए।

Q- अब आखिरी सवाल। आपने राजनीति और प्रशासन में तमाम नए प्रयोग किए हैं। तीसरे दौर में आप पहला काम क्या करना चाहेंगे?

PM-यह एक रोचक सवाल है। लेकिन क्या कभी कोई, जो एक अच्छा रेस्टोरेंट चलाता है, वो आपको बताता है कि मेरे किचन की, मेरी सक्सेस की रेसिपी क्या है, वो तो सरप्राइज ही रहेगा! आप देखते जाइए। जैसे ही हमारी सरकार आएगी, हम काम में लग जाएंगे और पहला ही नहीं, हमारा हर काम जन सेवा, गरीब सेवा और मानव कल्याण को ही समर्पित रहेगा। एक बात और, आपने भी माना है कि बीते दस वर्षों में हमने कई इनोवेशन और एक्सपेरिमेंट किए हैं, जिनके बड़े परिणाम सामने आए हैं। लेकिन मैं पहले भी कह चुका हूं कि ये तो ट्रेलर हैं। अभी हमें विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए कई बड़े फैसले लेने हैं। उनकी एक झलक आपको तीसरे टर्म के पहले सौ दिन में भी देखने को मिल सकती है।

Q- क्या अलग सोच वाले नेताओं के साथ आने से भाजपा की विचारधारा भी प्रभावित हो रही है?

PM- भाजपा को 2019 के चुनावों में करीब 23 करोड़ मत मिले, जो कि एक इतिहास है। इनमें से कइयों ने तो हमें पहली बार मत दिया होगा। पूर्व में हमारी विचारधारा को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां फैलाई जाती थीं। लेकिन, बीते कुछ वर्षों में लोगों ने हमारा काम देखा है और हमारी विचारधारा से बड़े पैमाने पर जुड़े। राजनेता और पार्टियां भी इससे अछूती नहीं रहीं। हम ऐसे सभी लोगों का स्वागत करते हैं जो हमारे विजन और मिशन का समर्थन करते हैं। वामपंथ अब बीते कल की बात हो चुका है। ऐसे में देश में हम ही केवल विचारधारा और कैडर वाली पार्टी हैं। यही वजह है कि बड़ी संख्या में युवा भाजपा से जुड़ रहे हैं। उनका यह भी मानना है कि परिवारवादी पार्टियों में उनकी प्रतिभा की पूछ नहीं है, जबकि भाजपा में पन्ना प्रमुख भी प्रधानमंत्री बन सकता है। यहां कोई नेता या समूह किसी का भविष्य निर्धारित नहीं करता। ऐसे में हमारे साथ जुड़ने वाले को राष्ट्र प्रथम की विचारधारा के साथ कैडर का विश्वास भी जीतना पड़ता है।

Q- तीसरे कार्यकाल में लोकसभा सीटों का परिसीमन और महिला आरक्षण का क्रियान्वयन बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए आपकी कार्ययोजना क्या होगी?

PM- परिसीमन देश में पहली बार नहीं हो रहा। इसकी तयशुदा प्रक्रिया है। मुझे नहीं लगता इसे सियासी चश्मे से देखे जाने की जरूरत है। पिछली बार जब परिसीमन हुआ था, तब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। हमने एक बार भी इसका विरोध नहीं किया। बल्कि, राज्य सरकार की ओर से अपेक्षित सहयोग भी किया। लोगों का विश्वास जीतना हमें बेहतर तरीके से आता है। जीएसटी का क्रियान्वयन इसका सटीक उदाहरण है। जहां तक महिला आरक्षण का सवाल है, इस मुद्दे पर दशकों तक मतभेद रहा। लेकिन, हम इस महत्वपूर्ण विषय पर सबको साथ लाए और ऐतिहासिक बिल सदन में पास हुआ।

Q- क्या आपको ऐसा लगता है कि चुनाव प्रचार समय के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहा?

PM- एआई के इस युग में जनता सभी दलों के नेताओं के भाषणों का आकलन कर तय करती है कौन विकासशील सोच का समर्थक है और कौन प्रतिगामी। कांग्रेस पार्टी धर्म के आधार पर असंवैधानिक रूप से एससी-एसटी और ओबीसी का आरक्षण छीनना चाहती है। इन वर्गों से जुड़े लोग अब उनकी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। हम भी शिद्दत से इसे उठा रहे हैं। इन सवालों का जवाब कांग्रेस को देना है। कांग्रेस ही धर्म से जुड़े और बांटने वाले मुद्दे उठा रही है। अगर आप हमारी पार्टी का घोषणा पत्र और नेताओं के भाषण देखेंगे तो हम अकेले दल हैं जो विकसित भारत और तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था की बात कर रहे हैं।

Following is the clipping of the interview:

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 Source: Hindustan

  • Jitendra Kumar May 02, 2025

    ❤️🙏🙏
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

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  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • Dheeraj Thakur January 29, 2025

    जय श्री राम.
  • Dheeraj Thakur January 29, 2025

    जय श्री राम
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PM chairs 47th Annual General Meeting of Prime Ministers Museum and Library (PMML) Society in New Delhi
June 23, 2025
QuotePM puts forward a visionary concept of a “Museum Map of India”
QuotePM suggests development of a comprehensive national database of all museums in the country
QuoteA compilation of all legal battles relating to the Emergency period may be prepared and preserved in light of the completion of 50 years after the Emergency: PM
QuotePM plants a Kapur (Cinnamomum camphora) tree at Teen Murti House symbolizing growth, heritage, and sustainability

Prime Minister Shri Narendra Modi chaired the 47th Annual General Meeting of the Prime Ministers Museum and Library (PMML) Society at Teen Murti Bhawan in New Delhi, earlier today.

During the meeting, Prime Minister emphasised that museums hold immense significance across the world and have the power to make us experience history. He underlined the need to make continuous efforts to generate public interest in museums and to enhance their prestige in society.

Prime Minister put forward a visionary concept of a “Museum Map of India”, aimed at providing a unified cultural and informational landscape of museums across the country.

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Underlining the importance of increased use of technology, Prime Minister suggested development of a comprehensive national database of all museums in the country, incorporating key metrics such as footfall and quality standards. He also suggested organising regular workshops for those managing and operating museums, with a focus on capacity building and knowledge sharing.

Prime Minister highlighted the need for fresh initiatives, such as creation of a committee consisting of five persons from each State below the age of 35 years in order to bring out fresh ideas and perspectives on museums in the country.

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Prime Minister also highlighted that with the creation of museum on all Prime Ministers, justice has been done to their legacy, including that of the first Prime Minister of India Shri Jawaharlal Nehru. This was not the case before 2014.

Prime Minister also asked for engaging top influencers to visit the museums and also invite the officials of various embassies to Indian museums to increase the awareness about the rich heritage preserved in Indian Museums.

Prime Minister advised that a compilation of all the legal battles and documents relating to the Emergency period may be prepared and preserved in light of the completion of 50 years after the Emergency.

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Prime Minister highlighted the importance of preserving and documenting the present in a systematic manner. He noted that by strengthening our current systems and records, we can ensure that future generations and researchers in particular will be able to study and understand this period without difficulty.

Other Members of the PMML Society also shared their suggestions and insights for further enhancement of the Museum and Library.

Prime Minister also planted a Kapur (Cinnamomum camphora) tree in the lawns of Teen Murti House, symbolizing growth, heritage, and sustainability.