Amravati is on way to becoming people's capital. I congratulate people & Govt. Of Andhra Pradesh: PM
Appreciate Chandrababu Naidu for his efforts in forming the new capital & integrating whatever is best across the world: PM
Urban development should be taken up as an opportunity not as a challenge: PM Modi
Govt. Of India has taken a step to create 100 smart cities: PM
In the coming times, Amravati would lead the nation in urban development: PM Narendra Modi
Be it Andhra Pradesh or Telangana, the soul is Telegu; both the states must progress: PM Modi
In coming times, Andhra Pradesh would be an innovation & start-up hub: PM
I have got soil from the temple of democracy, the Parliament & water from the Yamuna river: PM

आज विजया-दशमी के इस पावन पर्व पर और नवरात्रि की शक्ति उपासना के बाद आंध्र प्रदेश एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। आज आंध्र प्रदेश की राजधानी, जो राजधानी सदियों से अपनी एक सांस्कृतिक विरासत ले करके जी रही है, अपनी एक ऐतिहासिक विरासत को ले करके जी रही है, उस संस्कृति के साथ जोड़ते हुए, उस ऐतिहासि‍क विरासत के साथ जोड़ते हुए अमरावती नए रंग-रूप के साथ, नए आधुनिक साज-सज्जा के साथ आंध्र के आशा-अपेक्षा का केंद्र बिन्दु बनने जा रही है और एक प्रकार से सच्चे अर्थ में people’s capital बनने जा रही है। मैं यहां की सरकार को, यहां के नागरिकों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, अभिनंदन करता हूं।

सरकार बनने के इतने कम समय में चंद्रबाबू ने जिस गति से इस काम को हाथ में लिया और इसको दुनिया में जो कुछ श्रेष्ठ है उसको समाहित करने का प्रयास किया इसलिए मैं चंद्रबाबू जी को हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन देता हूं।

हमारा देश आजाद होने के बाद बहुत कम नए शहर बने हैं और उसके कारण भारत में नए शहर बनाना, ये विषय उतनी मात्रा में लोगों में प्रचलित नहीं है कि आज के युग में जितनी मात्रा में होना चाहिए था। दुर्भाग्य से पिछले कुछ दशकों में हमारे देश में एक ऐसी सोच बनी कि urbanization एक समस्या है और उसी के चलते हमने इस growth centre की तरफ अनदेखी की है। आज समय की मांग है कि urban development को हमें समस्या नहीं मानना चाहिए, उसे एक opportunity मानना चाहिए। और इसीलिए भारत सरकार ने, दुनिया जिस प्रकार से बदलती रही है, जिस प्रकार से technology का उपयोग हो रहा है, हमें एक आधुनिक शहरों की रचना की ओर जाना होगा और 100 smart city की दिशा में जाने का एक अहम कदम भारत सरकार ने उठाया है। और ये शहर economy activity के भी centre हो, आर्थिक growth के भी वो इंजन बनें, इस प्रकार के शहरों की एक रचना नए सिरे से करने की दिशा में हमारा प्रयास है और तब जा करके ये नए आधुनिक शहर जिसमें आधुनिक से आधुनिक technology का उपयोग हो, आधुनिक से आधुनिक transportation हो, walk to work की योजना हो, green हो, no wastage वाला city बने।

मैं आशा करता हूं कि देश के अंदर urban development की दिशा में जो नए कदम उठाए हैं, उसमें अमरावती, आंध्रप्रदेश एक सीमा चिन्ह के रूप में मार्गदर्शक काम करेगा, ऐसा मुझे विश्वास है।

अभी जापान के मंत्री श्री बता रहे थे कि नया शहर बनाना कितना कठिन होता है उसका जापान को भली-भांति अनुभव है। मेरे जीवन में भी ऐसा अवसर आया, जब 2001 में गुजरात में भयंकर भूकम्प आया, उसके बाद मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री का दायित्व आया, पूरा कच्छ् जिला हमारा और अन्य जिलों के महत्वपूर्ण शहर एक प्रकार से ध्वस्त हो चुके थे, हमारे सामने बड़ी चुनौती थी उन सभी गांवों को, शहरों को खड़ा करना। लेकिन जब political wheel हो, जनता-जनार्दन का समर्थन हो, स्पष्ट दृष्टि हो तो सिद्धियां प्राप्त हो के रहती हैं और आज वो जिला हिंदुस्तान के fastest गति से आगे बढ़ने वाले जिलों में अपनी जगह बना रहा है।

जब ये अमरावती का मुझे निमंत्रण मिला, मैंने बाबू को कहा था मैं जरूर आऊंगा लेकिन जब मैंने अखबार में पढ़ा कि चंद्रबाबू तेलंगाना के मुख्यमंत्री के घर गए जा करके उन्होंने उनको निमंत्रण दिया, ये जब समाचार मेरे पास आए तब मेरी खुशियों का पार नहीं रहा था और इसलिए मैं उनको विशेष बधाई देता हूं, इस काम के लिए।

कुछ लोगों के राजनीतिक स्वार्थ के कारण विचार-विमर्श की प्रक्रिया को पूर्ण किए बिना हड़बड़ में, जल्दबाजी में आंध्र और तेलंगाना विभाजन हुआ। लेकिन इस सारी प्रक्रिया में जो निर्दोष लोगों को जान गंवानी पड़ी, संपत्ति का अपरम्पार नुकसान हुआ, उसकी पीड़ा मुझे आज भी है। अंग्रेज कुछ ऐसी चीजें छोड़ करके गए कि उसके कारण आज भी हमारे देश में कभी-न-कभी कोई-न-कोई तनाव पैदा होता है। पिछली सरकार भी कुछ ऐसा करके गई है कि जिसके कारण आंध्र और तेलंगाना के बीच हर समय कोई न कोई तनाव के कारण बने रहते हैं। लेकिन अब समय की मांग है कि हम आंध्र और तेलंगाना, चाहे आंध्र हो, चाहे तेलंगाना हो, हमारी आत्मा तेलुगु है। और इस तेलुगु आत्मा की दो भुजाएं हैं एक तेलंगाना, एक आंन्ध्र और दोनों इतनी प्रगति करें, दोनों एक-दूसरे को इतने पूरक हों कि हिंदुस्तान की शान बढ़ाने में ये हमारी शक्ति बनी रहे।

मुझे विश्वास है कि भारत सरकार ने जो एक startup का अभियान चलाया है उस startup का सबसे ज्यादा लाभ लेने की किसी की ताकत है तो इस धरती की है। आंध्र के लाखों जवान दुनिया के अनेक देशों में professionals के नाते अपनी उत्तम जगह बनाई है। आंध्र प्रदेश के पास ऐसे प्रतिभावान नौजवान हों, बुद्धिमान youth हो वे innovation के लिए, startup के लिए एक पूरा नया साम्राज्य आंध्र की धरती पर खडा कर सकते हैं। मुझे विश्वास है कि इसके द्वारा आने वाले दिनों में आंध्र एक नई आर्थिक क्रान्ति का नेतृत्व करेगा। ये युवा केन्द्रित आर्थिक क्रान्ति होगी। जिस देश के पास eight hundred million 65 साल से कम आयु की उम्र के नौजवान हों, वो देश नई-नई आर्थिक शक्ति बन सकता है, नई आर्थिक क्रान्ति कर सकता है।

मुझे विश्वास है कि भले आंध्र और तेलंगाना अलग हुए हों लेकिन दोनों में आगे बढ़ने की शक्ति है और दोनों एक-दूसरे को पूरक बन करके आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे, उतना ही दोनों प्रदेशों को लाभ होगा।

जब अटल बिहारी वाजपेयी जी इस देश के प्रधानमंत्री थे तब इस देश में तीन नए राज्य बने थे, तीन राज्यों का विभाजन हुआ था लेकिन कोई कटुता नहीं थी, कोई संघर्ष नहीं हुआ, कोई लहु नहीं बहे और बाद में भी कोई संकट पैदा नहीं हुआ। मुझे आंध्र और तेलंगाना के बीच में भी वो ही स्थिति लाने का प्रयास करना है।

पिछली सरकार ने बहुत-सी ऐसी चीजें की हैं, जिसको ठीक करने में हमारी काफी ताकत जा रही है, काफी समय जा रहा है, लेकिन मैं इन दोनों प्रदेशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारत सरकार हर प्रकार से आपके साथ रहेगी और हर संभव सहायता करती रहेगी।

भारत सरकार और चंद्रबाबू के बीच में frequency इतनी match होती है, काम करने में एक-दूसरे को समझने में इतनी सुविधा है और उसके कारण सरकार बनने के बाद जो पहला ध्यान दिया गया वो हमने Human Resource Development पर दिया है। आंध्र के अंदर Human Resource Development का एक capital कैसे बने, उस दिशा में हमने ध्यान केन्द्रित किया है। Reorganization Act के तहत Human Resource Development को प्राथमिकता देकर के अब तक 11 शैक्षणिक संस्थानों के काम को आगे बढ़ाया गया है - Indian Institute of Technology (IIT), Indian Institute of Information Technology, Indian Institute of Management, All India Institute of Medical Science, NIT, Indian Institute of Science Education and Research, Central University, Petroleum University. ये सारी इकाईयां इतने कम समय में खड़ी करनी के दिशा में अहम कदम उठा लिए गए हैं।

प्रजा के इस राजधानी जब बन रही है तब आप लोग अपने-अपने गांव से पवित्र माटी और पानी लाए हैं और आपने सच्चे अर्थ में इसको प्रजा की पाट नगरी बनाने की दिशा में एक सफल आयोजन किया है। जब मुझे इस योजना का पता चला और आज मैं आ रहा था, तो मुझे भी विचार आया और मैं भी माटी और पानी साथ लेकर के आया। मैं माटी लाया हूं, भारत के लोकतंत्र का मंदिर - संसद के परिसर में से माटी लाया हूं और पानी यमुना जी नदी में से लाया हूं और यमुना जी, हमारे देश में कोई भी नदी सिर्फ नदी नहीं होती है, हमारे देश में नदी एक संस्कृति होती है। और जब मैंने चंद्रबाबू को ये दिया तो उनको आश्चर्य हुआ और वो मुझे कह रहे कि बड़ा emotional touch है मेरे मन को। लेकिन मैं आंध्रवासियों को कहना चाहता हूं कि ये सिर्फ संसद परिसर की मिट्टी या यमुना जी नदी का जल, इतना ही नहीं है ये तो एक प्रकार से देश की राजधानी अब अमरावती पहुंच गई है इसका संदेश है। ये प्रतीक इस बात का संदेश लेकर के आया है, ये symbol में वो ताकत है, वो विश्वास देता है कि आंध्र के विकास की यात्रा में दिल्ली कंधे से कंधा मिलाकर के चलेगा, हर समय साथ रहेगा और नई ऊंचाइयों को पार करके रहेगा।

जिन लोगों को आंध्र और तेलंगाना का विभाजन करने के साथ एक हमेशा की समस्या के बीज बोने का इरादा रहा है, वे आज भी विष पैदा करने के लिए उसमें खाद डाल रहे हैं। भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, नौजवानों की भावनाओं को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मैं आज इस अमरावती सांस्कृतिक नगरी से आंध्रवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि Reorganization Act के अंदर जो भी बातें कही गई है उसको Letter and Spirit के साथ भारत सरकार साथ रहेगी, लागू करेगी, ये मैं विश्वास दिलाने आया हूं।

आप विश्वास रखिए चंद्रबाबू और नरेन्द्र मोदी की जोड़ी, जो बातें तय हुई है उसको साकार करके रहेगी, समय सीमा में साकार करके रहेगी और आंध्र के सपनों को पूरा करके रहेगी। मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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To empower the people of Pune, infrastructure, investment and industry - all three are required. We have worked on every aspect of it: PM Modi

भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय।

आमचे आराध्यदैवत// छत्रपति शिवाजी महाराज// छत्रपति संभाजी महाराज// यांना मी //कोटि कोटि नमन करतो। अष्टविनायकाला //नमन करतो। पुण्यातील //लाडक्या बहिणी // आणि लाडक्या//भावांना माझा नमस्कार।

मैं देख रहा हूं कि वहां कोई सज्जन, हमारी मां की बहुत बढ़िया चित्र बनाकर लाए हैं। ये कोई सज्जन हैं जो मोदी को भी उठाकर खड़े हो गए हैं। मैं आपका बहुत आभारी हूं। ये बच्चे भी बहुत कुछ बनाकर ले आए हैं। कोई इनको कलेक्ट कर ले भाई। जो लाएं हैं। पीछे अपना नाम-पता लिख दें, ताकि मैं आपको चिट्ठी भेजूंगा। आपका ये प्यार मेरे लिए बहुत बड़ी पूंजी है। ये जो बाकी लोग बैनर लेकर खड़े हैं, पीछे वालों को दिखता नहीं है। आप तो सब समझदार हैं, हां, शाबाश! ये जो सज्जन लाएं हैं, जरा कोई कलेक्ट कर ले उनसे, पीछे। ताकि पीछे लोग परेशान न हों। आप अपना अता-पता लिख देना, मैं जरूर आपको चिट्ठी भेजूंगा। मैं आपका बहुत आभारी हूं। आपके इस प्यार के लिए।

साथियों,

मैं पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाके में गया हूं। और मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ऐसा भरपूर जनसमर्थन पूरे महाराष्ट्र में और आज पुणे का ये स्नेह और प्यार। और मुझे यहां आने में देर हुई, इसलिए नहीं कि मैं देर से आया था, पूरे रास्ते भर इतनी तादाद में लोग खड़े थे कि उनको नमस्ते करते-करते आने में भी...मैं शायद फिर भी उन सबको न्याय नहीं कर पाया। लेकिन जो पूरे रास्ते भर जो मैंने उत्साह और उमंग देखा, नौजवानों का समर्थन देखा। साथियों, ये बता रहा है… महाराष्ट्र में फिर एक बार...महायुति सरकार। महाराष्ट्र में फिर एक बार... महाराष्ट्र में फिर एक बार...।

साथियों,

पुणे और बीजेपी का रिश्ता, विचार, संस्कार और आस्था का रिश्ता है। पुणे ने हमेशा बीजेपी के विचार और विज़न का भरपूर समर्थन किया है। मैं इस विश्वास के लिए पुणे की जनता का हृदय से आभारी हूं। मैं आपको ये भरोसा दिलाने आया हूं। महायुति की नई सरकार पुणे और महाराष्ट्र के विकास के लिए और तेजी से काम करेगी। आने वाले 5 वर्ष पुणे के विकास की नई उड़ान के वर्ष होंगे।

साथियों,

पुणे के लोगों को सशक्त बनाने लिए इंवेस्टमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री तीनों की जरूरत है। हमने इसके हर पहलू पर काम किया है। पिछले 10 वर्षों में विदेशी निवेश में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। औऱ पिछले ढाई वर्षो में जो भी कंपनी निवेश के लिए भारत आ रही है, उसकी पसंद की लिस्ट में हमारा महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। पुणे और इस क्षेत्र को इस निवेश का एक बहुत बड़ा हिस्सा मिल रहा है। ये निवेश जब हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी क्षेत्रों में आया, तो यहां कंपनियों की संख्या बढ़ी। यहां मौजूदा कंपनियों का विस्तार भी हुआ। ये निवेश जब स्टार्टअप में हुआ, तो पुणे के उद्यमशील युवाओं को इससे लाभ हुआ, युवाओं के लिए भी रोजगार के अनगिनत अवसर पैदा हुए। पुणे का ऑटोमोबाइल उद्योग तो पूरे देश में हमेशा से ही धाक जमाता रहा है। यहां हो रहे निवेश ने, इस सेक्टर के लिए भी संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं।

साथियों,

पुणे की कनेक्टिविटी को लेकर भी महायुती की सरकार बहुत गंभीरता से काम कर रही है। आपकी आकांक्षाएं, मेरे लिए आपका आदेश है। आपके सपने, मेरे लिए दिन रात मेहनत की प्रेरणा हैं। आपकी आवश्यकताएं, मेरी सरकार की योजनाओं का आधार हैं। आपका जीवन आसान हो, ये मेरी प्राथमिकता है, ये महायुति की प्राथमिकता है। इसलिए आज पुणे में मेट्रो रेल सेवा का लगातार विस्तार हो रहा है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से स्वारगेट सेक्शन रूट पर मेट्रो चलनी शुरू हो गई है। स्वारगेट-कात्रज सेक्शन रूट पर तेजी से काम हो रहा है। ट्रैफिक की गति बढ़ाकर नई संभावनाओं को नई उड़ान देना, ये हमारा संकल्प है। इसके लिए इंट्रा-सिटी और इंटरसिटी, दोनों नेटवर्क पर काम हो रहा है। पुणे की ईस्ट और वेस्ट आउटर रिंग रोड पर भी 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं। खोपोली-खंडाला मिसिंग लिंक के लिए साढ़े 6 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। पुणे आउटर रिंग रोड पर भी साढ़े 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। हम पुणे को 21वीं सदी के वेल कनेक्टेड सिटी बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,

आज कार्तिक एकादशी है। पंढरपुर में यात्रा है, तो पालखी मार्ग की चर्चा भी स्वाभाविक हो जाती है। जगदगुरु तुकाराम महाराज पालखी मार्ग और संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इन मार्गों को तैयार करने में 11 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। आमचा वारकर्याणसाठी ही// आमची समर्पित सेवा आहे।

साथियों,

महाराष्ट्र में विकास कार्यों की ये गति अभूतपूर्व है। लेकिन, आपको याद रखना है, महायुति से पहले महाराष्ट्र में जो लोग सरकार चला रहे थे, उनके पास आपको बताने के लिए एक काम नहीं है। अघाड़ी के ढाई साल तो हमारे प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाने में ही बीत गए। यही कांग्रेस और उसके साथियों का कल्चर है। इसीलिए, महाराष्ट्र भी जान गया है, विकास का केवल एक ही विकल्प है- महायुति की सरकार! भाजपा-महायुति //आहे// तर गति आहे// महाराष्ट्राची// प्रगति आहे।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के लोग कांग्रेस की करतूतों का कालाचिट्ठा पड़ोसी राज्य कर्नाटका में देख रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस ने झूठ का वही टेप रेकॉर्ड बजाकर वोट मांगे! हवा-हवाई वादे किए! सरकार बनी, तो कांग्रेस ने हाथ खड़े कर दिये। अब वादे पूरे करने की जगह कांग्रेस ने जनता से वसूली का अभियान चलाया हुआ है। कर्नाटक में आए दिन कोई न कोई घोटाला सामने आ रहा है। यानी, कर्नाटक में कांग्रेस जनता को खुलेआम लूट रही है। आरोप है कि लूट का यही पैसा महाराष्ट्र में भेजकर चुनाव लड़वाया जा रहा है। अगर हमें महाराष्ट्र को बचाना है, तो कांग्रेस नाम की इस आफत को दूर ही रखना है।

साथियों,

पूरा देश इन दिनों कांग्रेस का एक और विश्वासघात देख रहा है। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल-370 फिर से लागू करने का प्रस्ताव पास किया है। जो लोग संविधान की किताबें देश को दिखा रहे हैं और महाराष्ट्र में कोरे कागजों वाली किताब बांट रहे हैं। जरा मैं उनको पूछना चाहता हूं। छह-सात दशक तक उन्होंने देश पर राज किया है। जरा बताएं, बाबासाहेब आंबेडकर ने बनाया संविधान पूरे हिंदुस्तान में लागू क्यों नहीं हुआ। छह-छह सात-सात दशक तक बाबासाहेब का संविधान पूरे हिंदुस्तान में लागू नहीं था। आपको भी सुनकर शायद आश्चर्य होता होगा, लेकिन ये सच्चाई है। जम्मू-कश्मीर में अलग विधान था। भारत का संविधान वहां नहीं चलता था। वहां का विधान अलग, वहां का प्रधान अलग, वहां का निशान अलग, छह-छह सात-सात दशक तक। पहली बार बाबासाहेब का संविधान जम्मू-कश्मीर में तब पहुंचा जब आपने मोदी को सेवा का अवसर दिया। इन्होंने 370 की ऐसी दीवार खड़ी कर दी थी। भारत का संविधान वहां घुस नहीं सकता था।

आपके आशीर्वाद से 140 करोड़ देशवासियों की प्रबल इच्छा से आपके इस सेवक मोदी ने 370 को जमीन में गाड़ दिया है। 370- जिसने कश्मीर को भारत से काटने का काम किया। 370- जिसने कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को हवा दी, 370- जिसने कश्मीर में भारत का संविधान नहीं लागू होने दिया। बीजेपी ने उसे खत्म करके कश्मीर में तिरंगा फहराया है। हमने कश्मीर में शांति बहाली की, अलगाववादियों के मंसूबों को नाकाम किया। जिस लाल चौक में कभी हिंदुस्तान के तिरंगे को जूतों के नीचे रौंदा जाता था आज शान से लाल चौक में तिरंगा झंडा फहरता है। इस बार दिवाली में लोगों ने देखा है, कश्मीर के लाल चौक में दीये जगमगा रहे थे। हजारों दीये जगमगा रहे थे और लोग बड़ी शान से दिवाली का त्योहार मना रहे थे। लेकिन, कांग्रेस और उसके सभी चट्टे-बट्टे साथी फिर से जम्मू-कश्मीर में 370 लागू करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पास कर रही है। मैं पुणे के मेरे देशभक्त भाई-बहन मैं आपसे पूछता हूं और मैं आशा करता हूं कि आप पूरी ताकत से जवाब देंगे। कश्मीर में फिर से 370 लागू करना, ये किसकी मांग है? ये किसकी भाषा है? साथियों, पिछले 70 साल से ये भाषा सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान बोलता रहा है। और आज जो भाषा पाकिस्तान बोलता था वो भाषा कांग्रेस बोल रही है। उसके चट्टे-बट्टे बोल रहे हैं।

साथियों,

शाम का समय है, पुणे की नगरी है, देशवासियों को 370 का हमारा जो निर्णय है, जिसको उलटने का कांग्रेस खेल खेल रही है। उनको दीया दिखाना जरूरी है। आप अपना मोबाइल फोन निकालिए और अपने मोबाइल फोन से फ्लैश लाइट चलाइए, मंच वाले भी चलाएं। देख लें देश के लोग ये 370 हटाने का समर्थन है। देश अब कश्मीर को दूर रखने के लिए तैयार नहीं है। ये रोशनी दिखा रही है कि मेरे महाराष्ट्र के लोग उनकी देशभक्ति को कोई चुनौती नहीं दे सकता है। बोलिए, भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की। साथियों, जम्मू-कश्मीर में 370 की वापसी की बात ना कभी ये देश स्वीकार करेगा और मेरा महाराष्ट्र, छत्रपति शिवाजी की धरती कभी स्वीकार नहीं कर सकती।

साथियों,

भाजपा-NDA की सरकार ने हमेशा मिडिल क्लास को प्राथमिकता दी है। मैं ये मानता हूं कि मिडिल क्लास देश की रीढ़ होता है। ये मिडिल क्लास ही है, जो ये वेल्थ क्रिएट करता है, वेल्थ जेनरेट करता है। अगर आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है तो इसमें सबसे बड़ा योगदान हमारे मध्यम वर्ग का ही है। मध्यम वर्ग प्रगति कर रहा है, तभी देश प्रगति कर रहा है। इसीलिए, बीते 10 वर्षों में हमने मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए नई नीतियां बनाईं, नए फैसले लिए! आज 7 लाख रुपए तक इनकम टैक्स ज़ीरो कर दिया गया है। सालाना 10-12 लाख रुपए तक पर टैक्स को बहुत कम किया गया है। इसका बहुत अधिक लाभ पुणे जैसे हमारे शहरों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स को मिला है। हमारा ये भी प्रयास रहा है कि मिडिल क्लास को बीमारियों के इलाज पर कम से कम खर्च करना पड़े। पीएम जनऔषधि केंद्र में 80 परसेंट डिस्काउंट पर दवाओं से मिडिल क्लास के 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत हुई है। हार्ट के स्टेंट्स, नी इंप्लांट्स, इनको सस्ता करना, इस फैसले से मेरे मिडिल क्लास के भाई-बहनों को बहुत फायदा हुआ है। इससे लोगों के 85 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बचत हुई है। और अब तो हमने आयुष्मान योजना में भी मिडिल क्लास के बुजुर्गों को भी कवर कर लिया है। इसका बहुत बड़ा फायदा पुणे जैसे शहरों में रहने वाले 70 वर्ष की आयु से ऊपर के सीनियर सिटिजन्स को होगा। यहां उपस्थित मैं आप सबसे कहना चाहता हूं आपके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, चाचा-चाची जो भी 70 साल से ऊपर के हैं, और अगर उनको बीमारी में कोई खर्च होता है, पहले वो जिम्मा आपके सिर पर था अब वो जिम्मेवारी आपकी नहीं है, ये उनका बेटा मोदी संभालेगा। आयुष्मान वय वंदना कार्ड से अब उन्हें 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने ये गारंटी आपको दी थी। और अब मोदी ने अपनी गारंटी पूरी करके दिखाई है।

साथियों,

हमारी सरकार गरीबों को तो पक्के घर बनाकर दे ही रही है, मिडिल क्लास के घरों के लिए भी सब्सिडी दे रही है। हमने रेरा जैसा कानून बनाकर मिडिल क्लास के सपनों के घरों को सुरक्षित किया है। साथियों, मिडिल क्लास का एक प्रमुख खर्च बच्चों की एजुकेशन पर होता है। हाल में ही हमने पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरु की है। इस स्कीम के तहत, जो भी युवा हायर एजुकेशन में एडमिशन लेना चाहता है, बेटा हो या बेटी, बिना गारंटी के, अब आपको कुछ भी गिरवी नहीं रखना पड़ेगा, आपकी सबसे बड़ी गारंटी, आपका सेवक मोदी है। 10 लाख रुपए का लोन बिना गारंटी, आपके बच्चों की पढ़ाई के लिए और ये लोन बहुत सस्ता होगा और इसमें ब्याज पर छूट भी होगी। मिडिल क्लास परिवार बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर भेजने में बहुत खर्च करते हैं। बीते 10 साल में मेडिकल लाइन में हमने एक लाख नई सीटें जोड़ी हैं। अब हमने तय किया है कि आने वाले 5 सालों में मेडिकल की 75 हज़ार नई सीटें और जोड़ी जाएंगी। इससे भी मिडिल क्लास के बच्चों का बहुत पैसा बचेगा, उन्हें पढ़ने के लिए बाहर नहीं जाना होगा।

साथियों,

पुणे तो स्टार्टअप्स का हब है। हाल में हमने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारे कदम उठाए हैं। हमने स्पेस स्टार्टअप्स के लिए 1 हज़ार करोड़ रुपए का स्पेशल फंड बनाने का निर्णय लिया है। जो युवा साथी रिसर्च में जाना चाहते हैं, उनके लिए भी एक बहुत बड़ा रिसर्च फंड हमने बनाया है। नौजवानों को नौकरियां मिले, इसके लिए हमने विशेष पीएम पैकेज घोषित किया है। इसके तहत बड़ी-बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप की योजना शुरु भी हो चुकी है। कंपनियों में पहली जॉब पर प्रोत्साहन देने का काम भी हमारी सरकार कर रही है।

साथियों,

पुणे, महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी है। महायुति की सरकार ने महाराष्ट्र की संस्कृति के संरक्षण और प्रसार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। महाराष्ट्र के लोग दशकों से मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। और मैं मानता हूं अगर पूरे हिंदुस्तान में मराठी भाषा के अभिजात दर्जे से पुणे को जितनी खुशी हुई होगी न शायद किसी और को नहीं हुई होगी। कांग्रेस की सरकारों ने, अघाड़ी के नेताओं ने हमेशा इसकी अनदेखी की। हमारी सरकार ने मराठी को आभिजात भाषा का दर्जा देकर अपना दायित्व निभाया है। हम महाराष्ट्र की विरासत को संरक्षित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। जहां क्रांतिज्योति सावित्री बाई फुले ने लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला था, वहां सावित्रीबाई फुले स्मारक बनाया जा रहा है। तुलापुर में धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज समाधिस्थल पर भव्य स्मारक बनाया जा रहा है। श्री संत संताजी जगनाडे महाराज समाधिस्थल को नए सिरे से विकसित किया जा रहा है। आंबेगाव शिवसृष्टि के काम को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। महायुति की सरकार ने आद्य क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद सालवे संग्रहालय बनाने का फैसला भी किया है। साथियों, ये काम बहुत पहले ही होने चाहिए थे। लेकिन विदेशी मानसिकता की गुलाम कांग्रेस ने महाराष्ट्र की संस्कृति से अपनी नफरत के कारण ये काम नहीं होने दिया।

साथियों,

कांग्रेस और उसके जैसे दलों ने हमेशा महाराष्ट्र का अपमान किया है। ये धरती छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती है। लेकिन, कांग्रेस और उसके साथी कसीदे औरंगजेब की शान में पढ़ते हैं। ये लोग वीर सावरकर को गाली देते हैं। बाला साहब ठाकरे जैसे महाराष्ट्र के गौरव की सराहना करने में इनके मुंह पर ताला लग जाता है। और मैंने इनको चुनौती दी है। अघाड़ी वाले जरा मेरी चुनौती को स्वीकर करें। उनके युवराज के मुंह से वीर सावरकर की तारीफ में एक भाषण करवा दें जरा। मैं अघाड़ी के साथियों को कहता हूं अगर उनमें दम हो तो उनके युवराज के मुंह से बालासाहेब ठाकरे की जरा तारीफ करवाकर सुनाएं महाराष्ट्र को।

साथियों,

कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जिसके पास न नीति है, न नीयत है, और नैतिकता का नामोनिशान नहीं है। कांग्रेस को केवल और केवल सत्ता चाहिए! सत्ता के लिए कांग्रेस ने देश का विभाजन करवाया। कांग्रेस ने देश को मत-मजहब, भाषा, और इलाके के आधार पर बांटा! सत्ता के लिए इन्होंने तुष्टीकरण का खतरनाक खेल खेला। और अब, वही कांग्रेस सत्ता के लिए दलित, पिछड़ा और आदिवासी को तोड़ने और बांटने का खेल खेल रही है। कांग्रेस के लोग SC, ST, OBC को अलग-अलग जातियों में बांटकर उनकी एकजुटता तोड़ना चाहते हैं। कांग्रेस ST की जातियों को आपस में लड़ाना चाहती है। कांग्रेस SC की जातियों को आपस में लड़ाना चाहती है। कांग्रेस OBC की जातियों को आपस में लड़ाना चाहती है। अलग-अलग जातियों को आपस में लड़ाकर, कांग्रेस पहले उन्हें कमजोर करेगी और बाद में उनका आरक्षण छीन लेगी। इसीलिए, आप सभी को बहुत सावधान रहना है। हमें याद रखना है- हम एक रहेंगे, तो सेफ़ रहेंगे। हम एक रहेंगे, तो... हम एक रहेंगे, तो...।

साथियों,

ये चुनाव महाराष्ट्र के साथ-साथ पूरे देश को दिशा देने का चुनाव है। अभी हाल ही में हरियाणा ने विकसित भारत के सपने पर मुहर लगाई है। अब भारत विरोधी ताकतों को पूरी तरह से मिटाने की ज़िम्मेदारी मेरे महाराष्ट्र की है, मेरे पुणे की है। इसलिए, मेरा आग्रह है, 20 नवंबर को महायुति के उम्मीदवारों के लिए भारी संख्या में मतदान करें। आपका एक-एक वोट महाराष्ट्र के बेहतर भविष्य की गारंटी बनेगा। आप इतनी बड़ी तादाद में आए, हम सबको आशीर्वाद दिए, मैं आप सबका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

मेरे साथ दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए,
भारत माता की जय, भारत माता की जय, आवाज उन लोगों तक जानी चाहिए, जिनकी डोरें 370 पर बैठे पड़े हैं।

भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय ।
बहुत-बहुत धन्यवाद।