PM Modi's interview to Dainik Jagran

Published By : Admin | February 13, 2022 | 17:43 IST

पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में सपा हो या कांग्रेस, मुकाबला भाजपा से ही है। जाहिर तौर पर भाजपा पर ध्रुवीकरण से लेकर विकास और रोजगार से मध्यम वर्ग की अनदेखी तक के कई सवाल दागे जा रहे हैं लेकिन भाजपा के स्टार प्रचारक और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तैयारी पूरी है, ढाल भी है और तरकश भी। परिवारवाद को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते रहे प्रधानमंत्री जहां कांग्रेस में सिर्फ दो नेताओं की मौजूदगी पर व्यंग्य करते हैं, वहीं सपा के गठबंधन पर सवाल खड़ा करते हुए कहते हैं- अखिलेश को हर चुनाव में तिनके की जरूरत होती है, ताकि डूबें न। हर बार अलग तिनका ढूंढा, लेकिन बच नहीं पाए।

राष्ट्रनिर्माण में इन्हें नजर आता है ध्रुवीकरण

रोजगार का मुद्दा विपक्ष के लिए प्रिय है। प्रधानमंत्री के पास उसके भी आंकड़े हैं और ध्रुवीकरण के आरोप की काट भी। विश्वनाथ कारिडोर को भी ध्रुवीकरण से जोड़ने वाले लोगों के सोच पर सवाल खड़ा करते हुए वे कहते हैं- राष्ट्रनिर्माण से जुड़े प्रयासों में भी इन्हें ध्रुवीकरण नजर आता है। वे गिनाते हैं कि डा. एपीजे अब्दुल कलाम को समर्पित एक स्मारक रामेश्वरम में बनाया गया है। श्रीनगर के हजरतबल और तमिलनाडु के वेलंकनी चर्च में सुविधाओं में सुधार किया गया है। गोवा के सेंट बाम जीसस चर्च का भी जीर्णोद्धार करने जा रहे हैं।

यूपी को छोड़कर बाकी राज्‍यों का क्‍या

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ घोषित रूप से चेहरा हैं। उत्तर प्रदेश में बदलाव की जो दिशा केंद्र से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चलाई, योगी ने उसे जमीन पर उतार दिया और पार्टी को भरोसा है कि फिर से कमल ही खिलेगा लेकिन बाकी के तीन राज्यों के नेतृत्व का क्या, जहां पार्टी सत्ता में है?

सभी मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे

प्रधानमंत्री का मानना है कि भाजपा के सभी मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री उत्तराखंड को लेकर भी आश्वस्त हैं और कहते हैं कि हमने राज्य में मुख्यमंत्रियों को बदला। लेकिन जनता के प्रति अपने कर्तव्यों को नहीं बदला और ना ही उनको पूरा करने में कोई कोर कसर छोड़ी।

भाजपा केवल एक पार्टी नहीं

भाजपा के स्थापित मापदंड का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री कहते हैं कि भाजपा एक राजनीतिक पार्टी मात्र नहीं है। यह एक ऐसा परिवार है, जहां हर सदस्य को अपनी जिम्मेदारी का पूरा अहसास है और उसके लिए हम सभी जी जान से काम करते हैं। हमारे लिए लक्ष्य और जनमानस के प्रति हमारा कर्तव्य सर्वोपरि है। इसी क्रम में हम समय-समय पर जरूरी बदलाव करने से कभी नहीं हिचकते लेकिन किसी भी बदलाव का फर्क हमारी सरकार की डिलीवरी पर नहीं पड़ता।

..अपने कर्तव्यों को नहीं बदला

उत्तराखंड का हवाला देते हुए वे कहते हैं- राज्य में कोविड टीकाकरण की उपलब्धि को ही लीजिए। उत्तराखंड एक करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले राज्यों में शत-प्रतिशत टीकाकरण करने वाला पहला राज्य बना। इस टीकाकरण अभियान को त्रिवेंद्र रावत सरकार ने चालू किया, तीरथ सिंह रावत सरकार ने आगे बढ़ाया और पुष्कर धामी सरकार ने पूरा किया। भाजपा सरकार की ऐसी ही कार्यशैली हमने जल जीवन मिशन, आयुष्मान भारत योजना और गरीबों के लिए मुफ्त राशन की पीएम गरीब कल्याण जैसी योजनाओं में भी देखी। 

ईमानदार टैक्सपेयर को रियायतें और राहत दे रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि पिछले साढ़े सात वर्षो में हमने लगातार इस तरह के कदम उठाए हैं जो साल दर साल ईमानदार टैक्सपेयर्स को छोटी-बड़ी सभी तरह की रियायतें और राहत दे रहे हैं। इसलिए यह कहना कि टैक्सपेयर को हमारी सरकार कोई लाभ नहीं पहुंचा रही है, यह बात ठीक नहीं है।

लोगों को टैक्स में बचत के अवसर दिए

 
उन्‍होंने कहा, "हमारी सरकार ने पिछले सात-आठ साल में ऐसे बहुत सारे कार्य किए हैं, जो ईमानदार टैक्सपेयर को प्रेरित करते हैं, प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें सम्मानित भी करते हैं। हम भारत में पहली बार एक टैक्सपेयर चार्टर लाए हैं, जिसके अंतर्गत ईमानदार टैक्सपेयर की बात हुई, उसके अधिकारों की बात हुई। जहां तक वित्तीय लाभ की बात है तो आप देखिए कि 2014 में जिस टैक्सपेयर की आय पांच लाख रुपये थी, उसको 13,000 रुपये का टैक्स देना पड़ता था। यह राशि अब शून्य हो गई है। 15 लाख की आय वाला व्यक्ति जो 2014 में करीब-करीब एक लाख 90 हजार रुपये टैक्स देता था, आज एक लाख 24 हजार रुपये टैक्स देता है यानी 66 हजार की बचत। और यह तो सिर्फ आयकर की बात है।"

लोगों के लिए लोन सस्ते किए

पीएम मोदी ने कहा, "अगर आप और क्षेत्रों की भी बात करें, जैसे कि ऋण लेने की बात हो तो जो ईमानदार टैक्सपेयर गाड़ी, घर या बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए ऋण लेता था, उसको भी सहूलियत मिली है। उच्च शिक्षा का ऋण जो 14.75 प्रतिशत ब्याज दर पर मिलता था, आज 8.65 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जा रहा है। उसी तरह जो घर खरीदने का सपना देखता है, उसे आज पहले के 10.3 प्रतिशत के मुकाबले अब साढ़े छह प्रतिशत पर लोन मिल रहा है। अपनी गाड़ी का सपना देखने वाला आज 12 प्रतिशत ब्याज देने की जगह साढ़े सात प्रतिशत ब्याज पर कर्ज ले सकता है। जो महंगाई की दर 2014 में हमारे सत्ता में आने से पूर्व नौ से दस प्रतिशत थी, आज वह चार से छह प्रतिशत के बीच में रहती है।"

लोगों के बिजली बिल में 19,000 करोड़ रुपये की कमी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अगर हम किसी चीज पर 19,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा करें तो हेडलाइन बन जाती। हमने कुछ ऐसा ही किया है, लेकिन एक अलग तरीके से। एलईडी बल्ब की अगर बात करें तो बहुत सस्ती कीमत पर 36 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब वितरण से लोगों के बिजली बिलों में प्रति वर्ष 19,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। हमारे आने से पहले इन बल्बों की कीमत 300-350 रुपये हुआ करती थी, लेकिन अब यह सिर्फ 70-80 रुपये है।"

हवाई यात्रा और बाहर खाना सस्ता हुआ

पीएम मोदी ने कहा, "हवाई यात्रा भी लोगों के लिए अधिक किफायती हो गई है। विशेष रूप से उड़ान योजना के कारण अब हवाई जहाज की यात्रा अधिक सस्ती हुई। कई रूट पर तो किराया 3,000 रुपये से भी कम है। एक और बात पर ध्यान दीजिए। पहले बाहर खाना खाने पर 18-20 प्रतिशत के आसपास टैक्स हुआ करता था। मतलब कि 500 रुपये के बिल पर लगभग 100 रुपये का टैक्स। अब, यह सिर्फ पांच प्रतिशत है। यानी, अब अगर 500 का बिल आया तो टैक्स लगा सिर्फ 25 रुपये।

मोबाइल इंटरनेट का उपयोग बढ़ा

प्रधानमंत्री ने कहा, "आज मोबाइल इंटरनेट का उपयोग बहुत व्यापक हो गया है। ऐसा इसलिए हो पाया है क्योंकि भारत उन देशों में से एक है जहां सबसे सस्ता इंटरनेट डाटा मिलता है। 2014 में एक जीबी के लिए लगभग 250 रुपये देने पड़ते थे, अब एक जीबी के सिर्फ छह या सात रुपये देने पड़ते हैं। जहां तक वॉयस काल का सवाल है, इसके रेट में भी काफी कमी आई है। सच कहा जाए तो कई लोगों के लिए यह लगभग मुफ्त है।

 

आपने कृषि कानून वापस ले लिए हैं। क्या माना जाए कि कृषि क्षेत्र में सुधार की राह अब हमेशा के लिए बंद हो गई?-

मैं एक ऐसे राज्य में जन्मा हूं, जहां हर दूसरे-तीसरे साल सूखा पड़ता था। अकाल की खबरें हमेशा सुर्खियां बनी रहती थीं। पानी का अभाव मानो लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया था। गुजरात की जब भी बात आती थी तो पानी की कमी की वजह से ही उसका जिक्र होता था। कभी भी खेती में उसका नाम नहीं आता था। मैं जब मुख्यमंत्री बना तो मैंने गांव और किसानों को लेकर कई योजनाएं बनाईं। पानी प्रबंधन पर कई विशेष पहल की। अधिकारियों से बात करके योजनाओं को जमीन पर लागू करवाया। इसकी वजह से खेतीबाड़ी की जो विकास दर गुजरात में 1-2 प्रतिशत पर अटकी रहती थी, वह डबल डिजिट तक भी पहुंचने लगी। इसलिए मैं कृषि और किसानों के मुद्दों को भली-भांति समझ सकता हूं। और मुझे विश्वास है कि अगर हम छोटे किसानों का मजबूती से साथ दें तो कृषि क्षेत्र में गरीबी का बहुत बड़ा हिस्सा दूर किया जा सकता है।

गुजरात के इन्हीं अनुभवों के साथ मैं दिल्ली पहुंचा और बीज से बाजार तक काम किया। पहली बार हमने मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए सायल हेल्थ कार्ड योजना लागू की। बीजों की कई नई और उन्नत किस्में किसानों को उपलब्ध कराईं, जिसका फायदा फसल में देखने को मिला। किसानों के लिए फसलों के नुकसान का सबसे बड़ा खतरा बना रहता है। इसके लिए हमने प्रभावी तरीके से फसल बीमा योजना लागू की। न केवल इसके दायरे को बढ़ाया गया, बल्कि इसमें बुआई से लेकर पूरे फसल चक्र के दौरान होने वाले नुकसान को भी शामिल किया गया है। फिर फसलों की सही से मार्केटिंग हो सके, इसके लिए हमने कोल्ड चेन की एक लंबी व्यवस्था खड़ी की।

कृषि एक्सपोर्ट को लेकर विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराईं। पहली बार हमने ही स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का काम किया। किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिया जा रहा है।इससे किसानों को कितना लाभ हुआ ये आप दो राज्यों उत्तर प्रदेश और पंजाब के उदाहरण से ही समझ सकते हैं। पिछली सरकारों की तुलना में हमारी सरकार के दौरान न केवल फसलों की रिकार्ड खरीद हुई है, बल्कि अन्नदाताओं की जेब में अब पैसा भी अधिक पहुंच रहा है। उत्तर प्रदेश ने गेहूं की खरीद में रिकार्ड कायम किया है। वहां एमएसपी पर दोगुने से ज्यादा गेहूं की खरीद की गई है।

2014 से पहले की बात करूं तो पिछली सरकार के सात-आठ सालों में पंजाब के किसानों को धान की फसल के एमएसपी के रूप में लगभग एक लाख करोड़ रुपये मिले। वहीं हमारी सरकार के दौरान इसी अंतराल में सवा दो लाख करोड़ रुपये किसानों को दिए गए हैं। गेहूं के मामले में भी हमारी सरकार ने एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक पंजाब के किसानों की जेब में पहुंचा है। ये भी पहले के मुकाबले लगभग दोगुना है। ड्राप मोर क्राप के साथ ही फूड प्रोसेसिंग को भी बल मिले, इसके लिए केंद्र सरकार की पहल का सकारात्मक असर देखने को मिला। बीज से बाजार तक हम किसानों को छोटी-बड़ी हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने में सफल रहे।

 

 

 

Source: Dainik Jagran

 

 

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Prime Minister welcomes President of Russia
December 05, 2025
Presents a copy of the Gita in Russian to President Putin

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has welcomed President of Russia, Vladimir Putin to India.

"Looking forward to our interactions later this evening and tomorrow. India-Russia friendship is a time tested one that has greatly benefitted our people", Shri Modi said.

The Prime Minister, Shri Narendra Modi also presented a copy of the Gita in Russian to President Putin. Shri Modi stated that the teachings of Gita give inspiration to millions across the world.

The Prime Minister posted on X:

"Delighted to welcome my friend, President Putin to India. Looking forward to our interactions later this evening and tomorrow. India-Russia friendship is a time tested one that has greatly benefitted our people."

@KremlinRussia_E

"Я рад приветствовать в Дели своего друга - Президента Путина. С нетерпением жду наших встреч сегодня вечером и завтра. Дружба между Индией и Россией проверена временем; она принесла огромную пользу нашим народам."

"Welcomed my friend, President Putin to 7, Lok Kalyan Marg."

"Поприветствовал моего друга, Президента Путина, на Лок Калян Марг, 7."

"Presented a copy of the Gita in Russian to President Putin. The teachings of the Gita give inspiration to millions across the world."

@KremlinRussia_E

"Подарил Президенту Путину экземпляр Бхагавад-гиты на русском языке. Учения Гиты вдохновляют миллионы людей по всему миру."

@KremlinRussia_E