PM Modi holds #ParivartanRally in Jehanabad, Bihar
Congratulate the election commission for their arrangements on polling day: PM #ParivartanRally
Once the followers of JP, now caught in corruption on his birth anniversary... Can't be anything worse than this: PM
Till BJP was a part of Government in Bihar, there was no corruption: PM
Our leaders talk about developing Bihar, other parties are busy attacking Modi: PM #ParivartanRally
I urge people of Bihar to vote for BJP led NDA Govt for development of the state: PM Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय

तोहनी सबके प्रणाम करै हीयो। मंच पर विराजमान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता श्रीमान जीतन राम मांझी जी, यहीं के जनप्रिय सांसद एवं मेरे मित्र डॉ. अरुण कुमार, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमान शाहनवाज़ हुसैन जी, विधान पार्षद श्री कृष्ण कुमार जी, श्री अनिल शर्मा जी, श्री संजीव श्याम सिंह, श्री आशीष सूद जी, हम पार्टी के महासचिव श्री वीरेन्द्र कुमार सिंह, श्री राधा मोहन शर्मा, श्री नरेश कुमार, जिलाध्यक्ष श्रीमती पूनम शर्मा जी, भाई शिवराज सिंह, और इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार श्री प्रेम कुमार जी, चित्तरंजन कुमार जी, मसौढ़ी से हम पार्टी की उम्मीदवार नूतन पासवान जी, वजीरगंज से भाजपा के उम्मीदवार वीरेन्द्र सिंह जी, हमारे उम्मीदवार श्री अरविंद कुमार सिंह जी, कोसी से हम पार्टी के उम्मीदवार श्री राहुल कुमार, बेलागंज से हम पार्टी के उम्मीदवार श्यामली जी, जहानाबाद से रालोसपा के उम्मीदवार प्रवीण कुमार जी, रालोसपा के उम्मीदवार अशोक कुमार वर्मा जी; मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में आये हुए मेरे भाईयों और बहनों

ये मौसम ऐसा होता है जिस मौसम में बड़ी चिलचिलाती गर्मी होती है। चमड़ी को भी चीर डाले, ऐसी भयंकर गर्मी होती है। चुनाव की गर्मी भी होती है और ऐसे माहौल में भी इतनी बड़ी विशाल जनसभा होना... जहानाबाद के दोस्तों, मेरी शिकायत है और मेरी शिकायत मेरे मित्र अरुण से भी है। मैं लोकसभा के चुनाव में भी यहाँ आया था; लोकसभा के चुनाव में मैं ख़ुद चुनाव लड़ रहा था, अरुण चुनाव लड़ रहा था लेकिन आधे लोग भी नहीं आये थे और आज मैं देख रहा हूँ ऐसा जनसैलाब। हवा का रूख क्या है, उसका पूरा-पूरा पता चल जाता है। उस समय आधे लोग थे, फिर भी जीत गए और इस समय तो इतनी बड़ी भीड़ हमें समर्थन देने के लिए आई है।

भाईयों और बहनों, आज एक हिस्से में मतदान जारी है। मुझे जानकारी मिली कि मतदाता बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से और काफ़ी उमंग और उत्साह के साथ भारी संख्या में मतदान कर रहे हैं। आज जहाँ मतदान हो रहा है, मैं वहां के सभी मतदाताओं को ह्रदय से अभिनंदन करता हूँ। वे आज अपने अधिकार का उपयोग करने जा रहे हैं। मैं चुनाव आयोग का भी अभिनंदन करता हूँ क्योंकि जब मैं दिल्ली से निकला तो मैंने टीवी पर एक पोलिंग बूथ देखा जहाँ पर जो मतदाता लाईन में खड़े रहते हैं, उनके लिए बैठने और पानी पीने का प्रबंध था। मैं सच में मानता हूँ कि हमारे देश में मतदान के दिन चुनाव आयोग ऐसी व्यवस्था करे, ये अपने आप में एक गौरवपूर्ण विषय है। भारत के लोकतंत्र की ताकत, इसकी निष्पक्षता की ताकत, और चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा, पूरे विश्व में ऐसी प्रतिष्ठा बनी है जिस पर हम गर्व कर सकें। मैं सभी का ह्रदय से अभिनंदन करता हूँ और बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

कल लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जन्म जयंती थी। हिन्दुस्तान में हर जगह उनकी जन्मतिथि मनाई गई। 113वीं जन्म जयंती थी। सभी जगह से दो बातें प्रमुख रूप से उभर कर आई। एक – जयप्रकाश जी लोकतंत्र के प्रति समर्पण और दूसरा भ्रष्टाचार के खिलाफ़ उनका संघर्ष। हर जगह एक ही आवाज़ थी कि 1975 में लोकतंत्र की हत्या की गई थी, जयप्रकाश बाबू को जेल में डाल दिया गया था और जयप्रकाश बाबू का एक ही गुनाह था कि वे देश में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए मैदान में आए थे और भ्रष्टाचार के खिलाफ़ देश को तैयार कर रहे थे। पूरे हिन्दुस्तान ने जयप्रकाश जी की जयंती भ्रष्टाचार के खिलाफ़ संकल्प करके मनाया लेकिन जो उन्हीं के चेले कहे जाते हैं और उन्हीं की उंगली पकड़कर राजनीति में आए और दिन-रात जेपी-जेपी बोल करके राजनीति करते रहते थे, उन्होंने कल जयप्रकाश जी का जन्मदिन कैसे मनाया? मैंने तो रात को मुंबई से आने के बाद टीवी पर देखा, 4 लाख रूपया... जयप्रकाश जी के जन्मदिन पर उनकी विरासत का दावा करने वाले उनके जन्मदिन पर उनका ऐसा अपमान कभी नहीं हुआ होगा।

भाईयों-बहनों, जब तक भाजपा यहाँ सरकार का हिस्सा थी, तब तक कोई स्टिंग ऑपरेशन नहीं हुआ और न ही कोई भ्रष्टाचार की घटना घटी लेकिन जैसे ही ये महाशय ने नए जोड़ीदार ढूंढ लिये, जिनका इतिहास इन्हीं कामों में मशहूर है और जिन कामों पर न्यायालय ने भी ठप्पा मार दिया है, सारी बाजी बिगाड़ने लगी, लोग बिगड़ने लगे, उनके कारनामे बिगड़ने लगे। अगर यही चला तो बिहार में कुछ बचेगा क्या? ये रूपयों का खेल चलता रहेगा तो आप पैसे कहाँ से लाओगे? अगर आपको नौकरी चाहिए तो क्या आप 4 लाख रूपये ला पाओगे क्या? आपको कोई काम करवाना है तो 4 लाख रूपये ला सकते हो क्या? अगर 4 लाख रूपये की बोली लगती है, हिसाब-किताब इस तरह से होता है और सरकार में रहते हुए होता है... जयप्रकाश जी को अगर सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो इस पाप के साथ जिस राजनीतिक पार्टी का संबंध है, जिस गठबंधन का संबंध है, चुन-चुन कर ऐसे लोगों को साफ़ कर दो।

जब मैं आज जहानाबाद आया हूँ तो स्वाभाविक रूप से मुझे शहीद जगदेव बाबू की याद आती है। बिहार की राजनीति में वंचितों के लिए लड़ाई लड़ने वाले, जीवन खपाने वाले जगदेव बाबू; उनकी हत्या किस समय हुई, किसकी सरकार थी, सरकार में बैठे हुए किन-किन लोगों पर आरोप लगे थे? तब जगदेव बाबू खुद सरकार में मंत्री थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें मार दिया गया था। वे वंचितों, पीड़ितों, शोषितों की आवाज़ थे, उस आवाज़ को दबा दिया गया और अब तक बिहार को पता तक नहीं चलने दिया कि जगदेव बाबू को कैसे मार दिया गया।

मैं आज जहानाबाद की धरती पर बिहार के मुख्यमंत्री, लालू जी से सवाल पूछता हूँ कि आप ऐसी कांग्रेस पार्टी के साथ कैसे बैठ सकते हो जिसने वंचितों के लिए उठाने वाली आवाज़ को दबा दिया, जगदेव बाबू को मौत के घाट उतार दिया गया। ऐसे लोगों के साथ आप कैसे समझौता कर सकते हैं? सत्ता के लिए ये जो स्वार्थ का बंधन हुआ है, इनको पहचानने की आवश्यकता है। आपने देखा होगा इस चुनाव में दो बातें प्रमुख रूप से उभर करके आई हैं। एक बात जो हम सब लोग बोलते हैं कि बिहार के विकास के लिए हमें मौका दीजिए। हम बिहार के विकास के लिए वोट मांग रहे हैं। हमारा एक ही एजेंडा है – बिहार का विकास। उनके भाषण सुनिये, क्या बोलते हैं; पत्रकार प्रश्न पूछें या प्रेस कांफ्रेंस करें तो क्या बोलते हैं – हम मोदी का विनाश करके रहेंगे। भाईयों-बहनों, निर्णय आपको करना है कि इस चुनाव में बिहार के विकास के लिए वोट देना है कि नहीं देना है? बिहार को विकास चाहिए कि नहीं?

मोदी का विनाश – क्या ये चुनाव का मुद्दा हो सकता है क्या? चुनाव क्या ऐसे मुद्दों पर लड़ा जाता है क्या? आए दिन एक ही बात एक नेता तो यहाँ तक कहते हैं कि एक बार बिहार निपट जाएगा तो मोदी दिल्ली में भी ख़त्म हो जाएगा। लोकतंत्र किसी को ख़त्म करने के लिए नहीं होता है बल्कि लोकतंत्र जनता-जनार्दन की आशा-आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए होता है। राजनीतिक दलों को विकास का एक एजेंडा लेकर जाना होता है और तब जाकर सामान्य मानविकी की आशा-आकांक्षाएं पूरी होती हैं।

हमने बिहार को 1 लाख 65 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज दिया। 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज नए विकास के लिए और 40 हज़ार करोड़ का पैकेज, जिसकी कागज़ पर तो योजना बनी थी लेकिन दिया नहीं गया। मुझे बताईये कि अगर इतना रूपया बिहार के विकास में लगता है तो बिहार का भाग्य बदलेगा कि नहीं बदलेगा? बिहार के नौजवान को रोजगार मिलेगा कि नहीं मिलेगा? चारों तरफ बिहार की जय-जयकार होगी कि नहीं होगी? मैं यही सपना लेकर आपके बीच आया हूँ। मैं चाहता हूँ बिहार हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी ताकत बन जाए; बिहार आर्थिक रूप से संपन्न बन जाए; यहाँ के नौजवान को रोजगार मिल जाए; बिहार विकास की नई ऊँचाईयाँ प्राप्त कर ले और इसलिए मैं आपका जन समर्थन मांगने के लिए आया हूँ।

बिहार में एक कठिनाई लंबे अर्से से चल रही है। मैं प्रार्थना करने आया हूँ पिछले 30 साल से बिहार में जिसकी सरकार होती है, दिल्ली में उससे हमेशा झगड़ा ही होता है या दिल्ली में जिसकी सरकार होती है, उसका बिहार से हमेशा झगड़ा होता है। बिहार और दिल्ली लड़ते रहें, दोनों में आशंका हो, ये स्थिति अच्छी है क्या? इसके कारण हमारे 30 साल बर्बाद हुए। पहली बार ऐसा मौका आया है जिसमें दिल्ली में जो सरकार है, लोगों ने उसकी मित्र सरकार बिहार में बनाने का फ़ैसला कर लिया है। पहले बिहार सरकार की ताकत दिल्ली से लड़ने में जाती थी। कुछ भी नहीं होता था तो दिल्ली को गाली देते थे और वे यहाँ बच जाते थे। अब बिहार को ऐसी सरकार चाहिए जिसका जवाब बिहार सरकार को भी देना पड़े और दिल्ली सरकार को भी देना पड़े।

मैं आग्रह करता हूँ कि आप इस बार ऐसी सरकार बनाईए जिसके साथ मुझे कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का अवसर मिले। मुझे बिहार के लिए काम करना है लेकिन अगर यहाँ रुकावट करने वाली सरकार होगी तो मैं दिल्ली से लाख कोशिश करूंगा, ये राजनीति करते रहेंगे और बिहार बर्बाद होता रहेगा और देश कभी आगे नहीं बढ़ेगा। बिहार के लिए एक मित्र सरकार चाहिए। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार चाहिए ताकि दिल्ली और बिहार के बीच 30 साल से जो संघर्ष चल रहा है, वो समाप्त हो जाए और बिहार विकास की नई ऊंचाईयों पर पहुँच जाए।

मैं आज कुछ आंकड़े देख रहा था और मैं हैरान हो गया कि क्या स्थिति है; बिहार सरकार कैसे काम कर रही है। भारत सरकार ने जो पैसे दिये, इन पैसों का क्या हाल है, आप देखिये। अगर ऐसी सरकार बिहार आई तो 1 लाख 65 हज़ार के पैकेज का क्या होगा। आज जो सरकार है, उसका हाल क्या है – शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार ने जो पैसे भेजे, उसमें से 1000 करोड़ रुपये का हिसाब बिहार सरकार ने नहीं दिया काम ऐसे चल सकता है? सरकार ऐसी चलाओगे क्या? सिर्फ़ शिक्षा में 1000 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिला। स्वास्थ्य के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये का हिसाब अभी तक बिहार सरकार ने नहीं दिया है। गरीब, पिछड़े वर्ग की छात्राओं के लिए जो पैसे भेजे गए, उसमें से अब तक 300 करोड़ रुपये का हिसाब दिल्ली सरकार को नहीं दिया गया। अब बताईये कि अगर दिल्ली से पैसे आएं और यहाँ की सरकार हिसाब देने के लिए भी तैयार न हो और इतने पैसों का कोई अता-पता ही न हो तो बताईये कि वो पैसा क्या आपके काम आएगा?

पिछले वर्ष बिहार के विकास के लिए, अलग-अलग योजनाओं के लिए 9100 करोड़ रुपये भेजे गए और आपको जानकर हैरानी होगी कि इसमें से 5000 करोड़ रुपये बैंक में ही पड़े हुए हैं। ऐसी सोई पड़ी सरकार होगी, दिन-रात राजनीति में डूबी पड़ी सरकार होगी तो क्या होगा इनको लेने की फुर्सत नहीं है क्योंकि कोई योजना नहीं है। ये ऐसी सरकार है कि बैंक में पैसे सड़ते रहें, ये राजनीति करते रहें, उनका यही कारोबार चल रहा है। इसलिए मैं अनुरोध करता हूँ कि ऐसी सरकार जो पैसे के बावजूद योजना नहीं बना पा रही है और न काम कर पा रही है, ऐसी सरकार को आप कितने भी पैसे दे दो, कुछ नहीं कर पाएगी। बिहार का भाग्य बदलने का मेरा सपना है और इसके लिए मुझे साथ देने वाली सरकार दीजिए ताकि मैं बिहार का कल्याण कर सकूँ और आपको हिसाब दे सकूँ।

हमने इतना बड़ा पैकेज दिया और सिर्फ़ बातें नहीं की। यहाँ अच्छे रास्ते होने चाहिए और इसके लिए 54,000 करोड़ रूपया बिहार को सड़कें बनाने के लिए दी गई। गांवों में पक्की सड़क हों, 13,800 करोड़ रूपये की लगत से बिहार में 22 हज़ार किमी लंबी ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाने का हमने निर्णय किया है। जैसे शरीर में शिरा और धमनी होती है, वैसे ही बिहार की आर्थिक प्रगति के लिए एक तरफ राजमार्ग और एक तरफ ग्रामीण सड़क, इतना बड़ा अभियान हमें चलाना है। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि भाजपा की सरकार बनाईए, एनडीए की सरकार बनाईए; जीतन राम मांझी के साथ जो अन्याय हुआ है, उस अन्याय का बदला लीजिये। 25 साल हो गए, इन्होंने बिहार को बर्बाद किया है, इन्हें सजा देने का काम कीजिये।

ये स्वार्थबंधन के लोग, 25 साल इन्होंने सरकार चलाई और एक दूसरे की कैसी गाली देते थे, किस भाषा में बोलते थे, आप सब जानते हो। आज मिल गए हैं क्योंकि उन्हें कुर्सी की चिंता है, बिहार की चिंता नहीं है। सरकार उसकी बननी चाहिए जिसको बिहार की चिंता हो। यहाँ के किसानों का क्या हाल किया है; आप देखिये, चावल की खेती में - हिन्दुस्तान में  प्रति हेक्टेयर औसतन 2,400 किलो चावल पैदा होता है और बिहार में सिर्फ़ 1700 किलो प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है। अब देखिये कि यहाँ हमारे किसान को कितना नुकसान होता है। अगर देश की औसत जितना चावल पैदा होता तो यहाँ 75 लाख टन चावल पैदा होता लेकिन अभी यहाँ 20 लाख टन चावल पैदा होता है अर्थात किसान को लगभग 4000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। हम और कुछ करें न करें लेकिन देश के अन्य राज्यों के किसानों की स्थिति में बिहार के किसानों को ला सकते हैं कि नहीं? अगर लाएंगे तो यहाँ के किसान की आय 4000 करोड़ रुपये ज्यादा बढ़ जाएगी। किसानों को न सरकार के पास जाना पड़ेगा, न दिल्ली सरकार से मांगना पड़ेगा और विकास अपने आप होगा लेकिन इनको करना नहीं है।

मैं हमेशा कहता हूँ कि बिहार का पानी और यहाँ की जवानी बिहार की इतनी बड़ी ताकत है जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आप देखिये कि पंजाब में पांच प्रमुख नदियाँ हैं और बिहार में इतनी सारी नदियाँ हैं कि आप गिनने जाओ तो भूल जाओगे। पंजाब में पांच नदियाँ होने के बावजूद भी पंजाब पूरे हिन्दुस्तान का पेट भरने में कामयाब हो गया तो बिहार में तो इतनी सारी नदियाँ हैं। पानी समुंदर में चला जाता है, यही पानी कभी-कभार गांवों को डुबा जाता है, खेतों को नष्ट कर देता है, इसी पानी का सही उपयोग हुआ होता तो बिहार का पानी यहाँ के किसान की ताकत बनता और बिहार की जवानी हिन्दुस्तान की ताकत बनकर उभरती।

मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि इस चुनाव में भारी संख्या में मतदान कीजिये। 16 को मतदान है। ज्यादा-से-ज्यादा मतदान कीजिये और मेरा नारा है – ‘पहले मतदान, फिर जलपान’। मतदान करना हमारा पवित्र दायित्व है। मतदान अवश्य करें और एक मजबूत सरकार बनाईए, दो-तिहाई बहुमत वाली सरकार बनाईए। आप देखिये, बिहार भी काफ़ी तेज़ी से आगे बढ़ेगा। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ। सब लोग एक साथ मिल कर बोलिये -

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Any country can move forward only by being proud of its heritage and preserving it: PM Modi
November 11, 2024
The saints have made huge contribution to our society, when the whole society and country comes together to fulfil a purpose, it definitely gets accomplished:PM
The whole country is moving forward with a definite goal, This is the goal of developed India:PM
The yearning and the consciousness which was there during the freedom movement has to be there, every moment, among the 140 crore countrymen for a Developed India:PM
The first condition for becoming a Developed India is to become “Atmanirbhar” by being Vocal for Local: PM
The whole world is attracted by the potential of India's youth , These skilled youth will be ready to meet the needs of not only the country but also the world: PM
Any country can move forward only by being proud of its heritage and preserving it , Our mantra is development as well as heritage: PM

जय स्वामीनारायण!

भगवान श्री स्वामीनारायण के चरणों में प्रणाम करता हूं। भगवान श्री स्वामीनारायण की कृपा से वडताल धाम में द्विशताब्दी समारोह का भव्य आयोजन चल रहा है। वहां देश-विदेश से सभी हरि भक्त आए हुए हैं और स्वामीनारायण की तो परंपरा रही है सेवा के बिना उनका कोई काम आगे नहीं होता है। आज लोग भी बढ़-चढ़कर के सेवा कार्यों में अपना योगदान दे रहे हैं। मैंने पिछले कुछ दिनों में टीवी पर इस समारोह की जो तस्वीरें देखीं, मीडिया में, सोशल मीडिया में जो वीडियो देखे, वो देखकर मेरा आनंद अनेक गुना बढ़ गया।

साथियों,

वडताल धाम की स्थापना के 200 वर्ष ये द्विशताब्दी समारोह, ये केवल एक आयोजन या इतिहास की तारीख नहीं है। ये मेरे जैसे हर व्यक्ति के लिए, जो वडताल धाम में अनन्‍य आस्था के साथ बड़ा हुआ है, उसके लिए बहुत बड़ा अवसर है। मैं मानता हूं, हमारे लिए ये अवसर भारतीय संस्कृति के शाश्वत प्रवाह का प्रमाण है। 200 साल पहले, जिस वडताल धाम की स्थापना भगवान श्री स्वामीनारायण ने की थी, हमने आज भी उसकी आध्यात्मिक चेतना को जागृत रखा है। हम आज भी यहां भगवान श्री स्वामीनारायण की शिक्षाओं को, उनकी ऊर्जा को अनुभव कर सकते हैं। मैं सभी संतों के चरणों में प्रणाम करते हुए आप सभी और सभी देशवासियों को द्विशताब्दी समारोह की बधाई देता हूं। मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने इस मौके पर 200 रुपये का चांदी का एक सिक्का और स्मारक डाक टिकट भी जारी किया है। ये प्रतीक चिन्ह आने वाली पीढ़ियों के मन में इस महान अवसर की स्मृतियों को जीवंत करते रहेंगे।

साथियों,

भगवान स्वामीनारायण से जुड़ा हर व्यक्ति जानता है कि इस परंपरा से मेरा संबंध कितना गहरा है। हमारे राकेश जी बैठे हैं वहां, उनसे मेरा नाता कैसा है, कितना पुराना है, वो कभी आपको बताएंगे। ये रिश्ता आत्मिक भी है, आध्यात्मिक भी है और सामाजिक भी है। जब मैं गुजरात में था तब संतों का सानिध्य और सत्संग मेरे लिए सहज उपलब्ध रहता था। वो मेरे लिए एक सौभाग्य की पल होते थे और मैं भी उस पल को जी भर के जीता था। स्वामीनारायण भगवान की कृपा से आज भी किसी न किसी के रूप में प्रत्यक्ष नहीं तो परोक्ष रूप से वो क्रम तो चलता ही रहता है। कई अवसरों पर मुझे संतों का आशीर्वाद का सौभाग्य मिलता रहा है। राष्ट्रीय के लिए सार्थक चिंतन का अवसर मिलता रहा है। मेरी इच्छा थी कि मैं आज स्वयं वडताल धाम इस पवित्र उत्सव में उपस्थित होता। मेरी इच्छा तो बहुत थी की आपके बीच बैठूं और काफी पुरानी बातें याद करुं और स्वाभाविक है की आपको भी अच्छा लगे और मुझे भी अच्छा लगे। लेकिन जिम्मेदारियां और व्यस्तता के चलते ये संभव नहीं हो सका। लेकिन मैं हृदय से आप सबके बीच ही हूं। मेरा मन अभी पूरी तरह से वडताल धाम में ही है।

साथियों,

श्रद्धेय संतगण, हमारे भारत की ये विशेषता रही है कि यहां जब-जब भी मुश्किल समय आया है, कोई न कोई ऋषि, महर्षि, संत, महात्मा उसी काल में अवतरित हुआ है। भगवान स्वामीनारायण का आगमन भी एक ऐसे समय में हुआ था जब देश सैकड़ों वर्ष की गुलामी के बाद कमजोर हो चुका था। अपने आप में विश्वास खो चुका था। खुद को ही कोसने में डूबा हुआ था। तब भगवान स्वामीनारायण ने हमें उस कालखंड के सभी संतो ने हमें नई आध्यात्मिक ऊर्जा तो दी है। उन्होंने हमारे स्वाभिमान को जगाया हमारी पहचान को पुनर्जीवित किया। इस दिशा में शिक्षापत्री और वचनामृत का योगदान बहुत बड़ा है। उनकी शिक्षा को आत्मसात करना, उसे आगे बढ़ाना, यह हम सब का कर्तव्य है।

मुझे खुशी है कि वड़ताल धाम आज इसी प्रेरणा से मानवता की सेवा और युग निर्माण का बहुत बड़ा अधिष्ठान बन चुका है। इसी वड़ताल धाम ने हमें वंचित समाज से सगराम जी जैसे भक्त दिए हैं। आज यहां कितने ही बच्चों के भोजन का, आवास का, शिक्षा का और इतना ही नहीं दूर-सुदूर जंगलों में भी सेवा के कई प्रकल्प आप सबके माध्यम से चल रहे हैं। आदिवासी क्षेत्रों में बेटियों की शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण अभियान आप लोग चला रहे हैं। गरीबों की सेवा, नई पीढ़ी का निर्माण, आधुनिकता और अध्यात्म को जोड़कर भारत की संस्कृति का संरक्षण, आज बेहतर भविष्य के लिए जो अभियान चल रहा है, स्वच्छता से लेकर पर्यावरण तक मैंने जितने भी आह्वान किये हैं, मुझे खुशी है कि आप सब संतो ने, भक्तों ने मुझे कभी निराश नहीं किया। मेरी हर बात को आप ने अपनी खुद की बात मान लिया। अपनी स्वयं की जिम्मेदारी मान लिया और आप जी जान से उसको पूरा करने में लगे रहे।

मुझे बताया गया है, जो मैंने पिछले दिनों एक आह्वान किया था। एक पेड़ मां के नाम… अपनी खुद की माँ के नाम एक पेड़ रोपे - एक पेड माँ के नाम… इस अभियान में स्वामीनारायण परिवार ने एक लाख से ज्यादा वृक्षारोपण किया है।

साथियों,

हर व्यक्ति के जीवन का एक उद्देश्य होता है, लाइफ का कोई परपज होता है। यह उद्देश्य ही हमारे जीवन को निर्धारित करता है। हमारे मन, कर्म, वचन को प्रभावित करता है। जब हमें हमारे जीवन का उद्देश्य मिल जाता है, तब पूरा जीवन बदल जाता है। हमारे संत-महात्माओं ने हर युग में मानव को उसके जीवन के उद्देश्यों से साक्षात्कार कराया है। यह संत महात्माओं का हमारे समाज को बहुत बड़ा योगदान रहा है। जब किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए पूरा समाज, पूरा देश एकजुट हो जाता है, तो वह जरूर पूरा होता है और पहले कई उदाहरण हैं। हमने यह करके दिखाया है। हमारे संतो ने करके दिखाया है। हमारे समाज ने करके दिखाया है। हमारे धार्मिक संस्थानों ने करके दिखाया है।

आज हमारे युवाओं के सामने एक बहुत बड़ा उद्देश्य उभर कर आया है। पूरा देश एक निश्चित लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। यह लक्ष्य है- विकसित भारत का… वड़ताल के और समस्त स्वामीनारायण परिवार के संत-महात्माओं से मेरा आग्रह है कि वो विकसित भारत के इस पवित्र उद्देश्य, महान उद्देश्य, उसके साथ जन-जन को जोड़ें, जैसे आजादी के आंदोलन में एक शताब्दी तक समाज के भिन्‍न-भिन्‍न कोने से आजादी की ललक, आजादी की चिंगारी देशवासियों को प्रेरित करती रही। एक भी दिन, एक भी पल ऐसा नहीं गया कि जब लोगों ने आजादी के इरादों को छोड़ा, सपनों को छोड़ा, संकल्पों को छोड़ा, ऐसा कभी नहीं हुआ। जैसी ललक आजादी के आंदोलन में थी, वैसी ही ललक, वैसी ही चेतना, विकसित भारत के लिए 140 करोड़ देशवासियों में हर पल होना जरूरी है।

आप सब और हम सब मिलकर लोगों को प्रेरित करें कि आने वाले 25 साल तक हम सबको और विशेष करके हमारे नौजवान साथियों को विकसित भारत के उद्देश्य को जीना है। पल-पल जीना है। हर पल उसके लिए अपने आप को जोड़ के रखना है। इसके लिए जो जहां है, वहीं से अपना योगदान देना शुरू कर दे। जब वो विकसित भारत के लिए योगदान देगा। वो जहां होगा वहीं से उसका लाभ मिलेगा ही। अब जैसे हम लगातार कहते हैं कि विकसित भारत बनने की पहली शर्त है हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना। अब आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए कोई बाहर वाला काम नहीं आएगा, हमें ही करना पड़ेगा। 140 करोड़ देशवासियों को ही करना पड़ेगा। यहां बैठे हुए सब हरि भक्तों को ही करना पड़ेगा और इसकी शुरुआत कहां से करेंगे, शुरुआत होती है वोकल फॉर लोकल, वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा दिया जा सकता है।विकसित भारत के लिए हमारी एकता, देश की अखंडता वो भी बहुत जरूरी है। आज इस दुर्भाग्य से निहित स्वार्थ के लिए छोटी समझ के कारण भारत के उज्जवल भविष्य के महत्वाकांक्षी उद्देश्यों को भूल करके कुछ लोग समाज को जाति में, धर्म में, भाषा में, उच्च और नीच में, स्त्री और पुरुष में, गांव और शहर में, न जाने किस प्रकार से टुकड़े-टुकड़े-टुकड़े में बांटने की साजिश चल रही है। जरूरी है कि देश विरोधियों की इस चेष्टा को, हम इसकी गंभीरता को समझें। उस संकट को समझें और हमें सबने मिलकर के ऐसे कारनामों को पराजित करना ही होगा। हमें मिलकर के नाकाम करना होगा।

साथियों,

भगवान श्री स्वामीनारायण में बताया है कि बड़े लक्ष्य कठोर तप से हासिल होते हैं। उन्होंने हमें बताया राष्ट्र को निर्णायक दिशा दिखाने की क्षमता युवा मन में होती है। उन्होंने हमें सिखाया कि युवा राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं और करेंगे। इसके लिए हमें सक्षक्त, समर्थ और शिक्षित युवाओं का निर्माण करना होगा। विकसित भारत के लिए हमारे युवा सशक्त होने चाहिए। Skilled युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत बनेंगे। हमारे युवाओं की ग्लोबल डिमांड और बढ़ने वाली है। आज मैं विश्व के जिन-जिन नेताओं से मिलता हूं, ज्यादातर नेताओं की अपेक्षा रहती है कि भारत के युवा, भारत का Skilled Manpower, भारत के आईटी सेक्टर के नौजवान उनके देश जाएं, उनके देश में काम करें। पूरा विश्व भारत के युवाओं के सामर्थ्य से आकर्षित है। ये युवा देश ही नहीं बल्कि विश्व की जरूरतें भी पूरी करने के लिए तैयार होंगे। इस दिशा में भी हमारे प्रयास राष्ट्र निर्माण में बहुत सहायक होंगे। मैं एक और आग्रह भी आपसे करना चाहता हूं। स्वामीनारायण संप्रदाय हमेशा नशा मुक्ति पर बहुत काम करता रहा है। युवाओं को नशे से दूर रखना, उन्हें नशा मुक्त बनाने में हमारे संत, महात्मा, हरि भक्त बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं। युवाओं को नशे से बचाने के लिए ऐसे अभियान और ऐसे प्रयास हमेशा जरूरी होते हैं, हर समाज में जरूरी होते हैं। देश के हर कोने में जरूरी होते हैं और ये हमें निरंतर करना होगा।

साथियों,

कोई भी देश अपनी विरासत पर गर्व करते हुए, उसका संरक्षण करते हुए ही आगे बढ़ सकते हैं और इसलिए हमारा तो मंत्र है विकास भी, विरासत भी । हमें खुशी है कि आज हमारी विरासत के हजारों साल पुराने केंद्रों का गौरव लौट रहा है, जिसे नष्ट मान लिया गया था वो फिर से प्रकट हो रहा है। अब अयोध्या का उदाहरण सबके सामने है। 500 साल के बाद एक सपना पूरा होना मतलब 500 साल तक कितनी ही पीढ़ियों ने उस सपने को जीया है। उस सपने के लिए जूझते रहे हैं, जरूरत पड़ी बलिदान देते रहे हैं, तब जा के हुआ है। आज काशी का और केदार का जो कायाकल्प हुआ है, ये उदाहरण हमारे सामने हैं। हमारे पावागढ़ में 500 साल बाद धर्म-ध्वजा फहरी, 500 साल बाद… हमारा मोढेरा का सूर्य मंदिर देख लीजिए, आज हमारा सोमनाथ है, देख लीजिए। चारों तरफ, एक नई चेतना, नई क्रांति के दर्शन हो रहे हैं।

इतना ही नहीं हमारे देश से चोरी हुई सैकड़ों साल पुरानी मूर्तियां, कोई पूछने वाला नहीं था, आज ढूंढ-ढूंढ कर के दुनिया से हमारे जो मूर्तियां चोरी गई, हमारे देवी-देवताओं के रूपों को चोरी कर लिया गया था। वो वापस आ रही हैं, हमारे मंदिरों में लौट रही हैं। और हम गुजरात के लोग तो धोलावीरा को लेकर के कितना गर्व करते हैं। लोथल को लेकर के कितना गौरव करते हैं कि ये हमारे प्राचीन गौरव की विरासत है। अब उसको भी पुनः स्थापित करने का काम हो रहा है और भारत की सांस्कृतिक चेतना का ये अभियान, ये केवल सरकार का अभियान नहीं है। इसमें इस धरती को, इस देश को प्यार करने वाले, यहां की परंपरा को प्यार करने वाले, यहां की संस्कृति का गौरव करने वाले, हमारे विरासत के गुणगान करने वाले, हम सबका दायित्व है। हम सब की बहुत बड़ी भूमिका है और आप तो बहुत बड़ी प्रेरणा दे सकते हैं।वड़ताल धाम में भगवान स्वामीनारायण की अधिक वस्तुओं का म्यूजियम अक्षर भुवन, यह भी इसी अभियान का एक हिस्सा है और मैं इसके लिए आप सबको बहुत बधाई देता हूं क्योंकि म्यूजियम नई पीढ़ी के लोगों को बहुत ही कम समय में परिचित करवाता है। मुझे विश्वास है अक्षर भुवन भारत के अमर आध्यात्मिक विरासत का एक भव्य मंदिर बनेगा।

साथियों,

मैं मानता हूं कि इन प्रयासों से ही विकसित भारत का उद्देश्य पूरा होगा। जब 140 करोड़ भारतीय एक समान उद्देश्य को पूरा करने के लिए जुड़ जाएंगे, तो इसे आसानी से हासिल कर सकेंगे। इस यात्रा को पूरा करने में हमारे संतों का मार्गदर्शन बहुत महत्वपूर्ण है और जब इतनी बड़ी मात्रा में हजारों संत यहां बैठे हैं, देश-विदेश से आए हुए हरि भक्त यहां बैठे हुए हैं और जब मैं अपने ही घर में एक प्रकार का जब बातें कर रहा हूं तो मैं एक और काम के लिए भी आपको जोड़ना चाहता हूं। इस बार प्रयागराज में पूर्ण कुंभ हो रहा है। 12 साल के बाद एक पूर्ण कुंभ आता है। हमारे भारत के महान विरासत है। अब तो विश्व ने भी इस विरासत को स्वीकार किया हुआ है। 13 जनवरी से करीब 45 दिन तक 40-50 करोड़ इस कुंभ मेले में आते हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूं क्या आप यह काम कर सकते हैं? विश्व भर में आपका काम है। विश्व के अनेक देशों में आपके मंदिर है। क्या आप तय कर सकते हैं कि इस बार यह कुंभ का मेला क्या होता है, क्यों होता है। इसके पीछे क्या सामाजिक सोच रही हुई है। वहां लोगों को शिक्षित करें और जो भारतीय मूल के नहीं है, विदेशी लोग हैं, उनको समझाएं यह क्या है और कोशिश करें कि विदेश में आपकी एक-एक शाखा कम से कम 100 विदेशी लोगों को बड़ी श्रद्धा पूर्वक यह प्रयागराज का कुंभ मेला के दर्शन करने के लिए ले आइए। पूरे विश्व में एक चेतना पाटने का काम होगा और ये आप आसानी से कर सकते हैं।

मैं फिर एक बार वहां खुद नहीं आ पाया हूं इसके लिए क्षमा मांगते हुए, आपने video conferencing से भी आप सब के दर्शन मुझे दिए। मुझे सब संतो के दर्शन करने का मौका मिला। सारे परिचित चेहरे मेरे सामने हैं। मेरे लिए बहुत खुशी की पल है कि आज मैं दूर से ही आप सब के दर्शन कर पा रहा हूं। ये द्विशताब्दी समारोह के लिए मेरी तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

बहुत-बहुत बधाई! आप सबका धन्यवाद!

जय स्वामीनारायण।