When women progress, society advances. Over the past decade, our government has prioritized women in all major decisions: PM Modi
Article 370 will never return. Baba Saheb’s Constitution will prevail in Kashmir: PM Modi in Dhule
Congress’ divisive agenda aims to destroy the collective strength of tribal communities: PM Modi

भारत माता की जय

भारत माता की जय

माता एकवीरा देवी // आणि //

यहा मोगी माता //चरणी //

मी //कोटी कोटी नमन करतो....//

धुव्यातील //सर्वन्ना //राम राम...

आज एक बार फिर मुझे भगवान खंडोबा का आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिल रहा है। धुळे की ये धरती और महाराष्ट्र से मेरा अपनापन, आप सब जानते हैं। महाराष्ट्र से मैंने जब भी कुछ मांगा है। महाराष्ट्र के लोगों ने दिल खोलकर मुझे अपना आशीर्वाद दिया है। 2014 के विधानसभा चुनाव में मैं आपके बीच धुळे आया था। मैंने आपसे महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार के लिए आग्रह किया था। आपने महाराष्ट्र में 15 साल के सियासी कुचक्र को तोड़कर बीजेपी को अभूतपूर्व जीत दिलाई थी। और, आज एक बार फिर मैं धुळे की धरती पर आया हूं। धुळे से ही मैं महाराष्ट्र में चुनाव अभियान की शुरुआत कर रहा हूं। आपका ये प्यार, ये अपार जनसमर्थन, ये जनसमूह। जितने लोग पंडाल में है उससे ज्यादा पंडाल से बाहर हैं। उधर तो उनको पर्दे भी खोल देने पड़े। ये जनसमूह, ये उत्साह, ये उमंग, वाकई अभिभूत कर देता है। हम सभी को, भाजपा को, महायुति को, महायुति के एक-एक उम्मीदवार को आपका आशीर्वाद चाहिए।

मैं आपको विश्वास दिलाता हूं. पिछले ढाई वर्षों में महाराष्ट्र के विकास को जो गति मिली है, उसे रुकने नहीं दिया जाएगा। अगले 5 वर्ष महाराष्ट्र की प्रगति को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। महाराष्ट्र को जो सुशासन चाहिए, वो सिर्फ महायुति की सरकार ही दे सकती है। और उधर देखिए महाअघाड़ी की गाड़ी में वैसे भी ना पहिए हैं, ना ब्रेक हैं और ड्राइवर की सीट पर बैठने के लिए भी झगड़ा हो रहा है। और चारो तरफ से भांति-भांति के हार्न सुनाई दे रहे हैं।

साथियों,

राजनीति में आने पर हर किसी का अपना एक लक्ष्य होता है। हम जैसे लोग जनता को ईश्वर का रूप मानते हैं, जनता की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं। वहीं कुछ लोगों की राजनीति का आधार है- लोगों को लूटना। जब लोगों को लूटने की नीयत वाले महाअघाड़ी जैसे लोग सरकार में आ जाते हैं, तो वो विकास ठप्प कर देते हैं, हर योजना में भ्रष्टाचार करते हैं। आपने महा-अघाड़ी वालों के धोखे से बनी सरकार के ढाई साल देखे हैं। इन लोगों ने पहले सरकार लूटी और फिर महाराष्ट्र के आप लोगों को भी लूटने में वो लग गए थे। इन लोगों ने मेट्रो परियोजनाओं को ठप कर दिया, वाढवण पोर्ट के काम में अड़ंगा लगा दिया, समृद्धि महामार्ग बनने में रुकावटें पैदा कीं। अघाड़ी वालों ने हर उस योजना पर रोक लगा दी, जिससे महाराष्ट्र के लोगों का भविष्य निश्चित उज्ज्वल होने वाला था।

साथियों,

ये हालात तब बदले, जब आपके आशीर्वाद से यहां महायुति की सरकार बनी। महायुति के ढाई वर्षों में महाराष्ट्र ने विकास के नए रिकॉर्ड बनाए।

शिंदे जी की कमान में ढाई वर्षों में महाराष्ट्र को उसका गौरव वापस मिला है, विकास का भरोसा वापस मिला है। इसीलिए, मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं से आग्रह पूर्वक कहूंगा।

भाजपा-महायुति //आहे, //

तर गति आहे, //

महाराष्ट्राची //प्रगति आहे//

साथियों,

मैं आज महायुति को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं। महायुति ने महाराष्ट्र को नई समृद्धि देने वाला “वचननामा” जारी किया है। महायुति के 10 संकल्पों की बहुत चर्चा हो रही है। शिंदे जी, मेरे मित्र देवेंद्र फड़नवीस जी और अजित पवार जी ने जनता के सुझावों से ये शानदार वचननामा तैयार किया है।

महायुतीचा वचननामा//

विकासाची //वाढेल गती //महाराष्ट्राची होणार //हमखास प्रगती !//

महायुति के इस वचननामे में, इस घोषणापत्र में हर वर्ग की आर्थिक प्रगति की योजना है, समानता का भाव है, सुरक्षा का एहसास है और सबको साथ लेकर चलने का विश्वास है। इसमें महाराष्ट्र के भविष्य का रोडमैप है। मैं ऐसे जन कल्याणकारी वचननामे के लिए महाराष्ट्र की जनता को भी विशेष रूप से बधाई देता हूं। महायुति का वचननामा, विकसित महाराष्ट्र का आधार बनेगा, विकसित भारत का आधार बनेगा।

साथियों,

यहां इतनी बड़ी संख्या में हमारी माताएं-बहनें-बेटियां आई हैं। विकसित महाराष्ट्र-विकसित भारत के लिए हमारी बहनों-बेटियों का जीवन आसान बनाना, उन्हें सशक्त करना बहुत जरूरी है। जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो पूरा समाज तेजी से प्रगति करता है। इसीलिए, पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने महिलाओं को केंद्र में रखकर अनेक बड़े-बड़े फैसले लिए हैं। पिछली सरकारों ने सैनिक स्कूलों से लेकर काम के कई क्षेत्रों में महिलाओं का रास्ता रोका हुआ था। ये मोदी है उसने सारे बंधन हटाए। महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में काम के अवसर दिये, सारे दरवाजे खोल दिए। हमने नारीशक्ति वंदन अधिनियम के जरिए विधानसभाओं और संसद में महिलाओं को आरक्षण का अधिकार दिया।

शौचालय से लेकर गैस सिलिंडर तक, हर योजना के केंद्र में हमारी माताएँ बहनें ही रही हैं। हमने जब इन योजनाओं को शुरू किया था, तब काँग्रेस के लोग हमारा मजाक उड़ाते थे। लेकिन, आज वही योजनाएँ महिला सशक्तिकरण का पर्याय बन गई हैं। मुझे खुशी है कि, महाराष्ट्र की महायुति सरकार भी हमारे विज़न को आगे बढ़ा रही है। माताओं-बहनों के लिए यहां अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। आज महाराष्ट्र में हर डॉक्यूमेंट पर माता का नाम अनिवार्य कर दिया गया है। महायुति सरकार के इस फैसले का हर किसी ने खुले दिल से स्वागत किया है। मुझे खुशी है कि महाराष्ट्र पुलिस में 25 हजार बेटियों की भर्ती से एक नया विश्वास पैदा होने वाला है। महिलाओं का सामर्थ्य बढ़ने वाला है और महिला सुरक्षा बढ़ेगी और बेटियों को रोजगार भी मिलेगा।

साथियों,

हमारी सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जो कदम उठा रही है, वो कांग्रेस और उसके गठबंधन को बर्दाश्त नहीं हो रहा। आप जानते हैं कि महायुति सरकार की माझी लाडकी बहिण योजना, ये माझी लाडकी बहिण योजना की सिर्फ महाराष्ट्र में नहीं, देश के हर कोने में चर्चा है। लेकिन कांग्रेस, माझी लाडकी बहिण योजना को बंद करवाने के लिए भांति-भांति की साजिशें रच रही है। कांग्रेस के इकोसिस्टम वाले लोग इस योजना के खिलाफ कोर्ट तक पहुँच गए हैं! कांग्रेस और उसके साथियों ने ठान लिया है कि अगर उन्हें सत्ता मिली तो सबसे पहले इस योजना को बंद कर देंगे। मैं जरा आप से पूछना चाहता हूं, क्या महिलाओं के लिए ये योजना चलनी चाहिए की नहीं चलनी चाहिए। महिलाओं को लाभ मिलना चाहिए की नहीं मिलना चाहिए। महिलाओं को आगे बढ़ाने की योजना चलनी चाहिए की नहीं चलनी चाहिए। और इसलिए महाराष्ट्र की हर महिला को इन अघाड़ी वालों से सतर्क रहना है। ये लोग कभी नारी को सशक्त होते नहीं देख सकते। पूरा महाराष्ट्र देख रहा है, काँग्रेस और अघाड़ी वाले लोग अब महिलाओं को किस तरह गाली देने पर उतर आए हैं! कैसी-कैसी अभद्र भाषा, कैसे कैसे कमेन्ट.! महिलाओं को नीचा दिखाने की कोशिश, महाराष्ट्र की कोई माता-बहन कभी भी अघाड़ी वालों के इस कृत्य को माफ नहीं कर सकती।

साथियों,

भाषा भी और मातृभाषा तो एक तरह से हमारी मां होती है। मुझे गर्व है कि हमारी सरकार ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिया है। इस फैसले के बाद मुझे देश और दुनियाभर के मराठीभाषी लोगों के संदेश मिल रहे हैं। लोग इस फैसले से भावुक हैं। ये उनका वर्षों पुराना सपना था, जिसे हमारी सरकार ने पूरा किया है।

भाइयों बहनों,

मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा मिले, ये दशकों से महाराष्ट्र के लोगों की इच्छा थी, मांग थी। काँग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र में भी राज किया है और केंद्र में भी राज किया है, महाराष्ट्र और केंद्र में एक साथ भी राज किया है, सरकारें चलाई। लेकिन, मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिले, इन्हें इसकी जरूरत नहीं लगी। इन्होंने हमेशा मराठी भाषा के सम्मान की मांग को अनदेखा किया। इन्हें अब भी परेशानी हो रही है कि ये काम मोदी ने कैसे कर दिया, मोदी ने क्यों कर दिया? महाराष्ट्र के नाम पर राजनीति करने वाले अघाड़ी वालों का यही असली चेहरा है।

साथियों,

महाराष्ट्र में डबल इंजन सरकार ने कैसे काम किया है, ये आज पूरी दुनिया भी देख रही है। आज विदेशी निवेश में, नए अवसरों में महाराष्ट्र पहली पसंद है। लगातार 2 साल तक महाराष्ट्र विदेशी निवेश में नंबर वन रहा है। इस साल के पहले तीन महीने में 50 फीसदी से ज्यादा, फिफ्टी परसेंट से ज्यादा विदेशी निवेश अकेले मेरे महाराष्ट्र में आया है। महाराष्ट्र को सभी निवेश परियोजनाओं में प्राथमिकता दी जा रही है। इलेक्ट्रिक वाहन परियोजना, ग्रीन एनर्जी और सोलर प्रोजेक्ट, स्टील प्रोजेक्ट, ऐसे कितने ही प्रोजेक्ट्स महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित किए जा रहे हैं। भारत का सबसे बड़ा पोर्ट, पूरे हिंदुस्तान का सबसे बड़ा, ये पोर्ट भी, बंदरगाह भी हमारे महाराष्ट्र में बन रहा है। इंफ्रास्ट्रक्टर के बड़े प्रोजेक्ट्स से महाराष्ट्र में नए अवसर तैयार हो रहे हैं।

साथियों,

मैं जिस दिन वाढवण पोर्ट के शिलान्यास के लिए आया था। उस दिन हमारे देवेंद्र जी ने पब्लिक में एक इच्छा व्यक्त की थी, उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान का सबसे बडा बंदरगाह बन रहा है। मोदी जी इतना सारा कर रहे हो। हजारों करोड़ लगा रहे हो। वो वहां एक एयरपोर्ट भी बना देना। उस दिन तो मैं चुप रहा था। लेकिन भाइयों-बहनों जैसे ही आचार संहिता खत्म होगी। जैसे ही महाराष्ट्र में महायुति की शपथविधि हो जाएगी। मैं महाराष्ट्र सरकार के साथ बैठ करके, देवेंद्र जी की इच्छा कैसे पूरी हो। इस बात के लिए काम करूंगा।

साथियों,

हमारा ये धुळे का क्षेत्र औद्योगिक विकास का गढ़ रहा है। और अभी देवेंद्र जी ने धुले का क्या बढ़िया वर्णन किया है। देश के ऐसे कम जिले हैं, जिनको इतनी सारी सौगात एक ही इलाके में मिली हो जी। ये टेक्सटाइल का भी बड़ा केंद्र है और मुंबई-दिल्ली इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से भी जुड़ा हुआ है। धुळे की कनेक्टिविटी, यहां के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए धुळे के इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। धुळे-सोलापुर हाइवे का काम जारी है। धुळे-इंदौर रेल मार्ग का काम स्वीकृत हो चुका है। इन सारी परियोजनाओं से यहां के युवाओं के लिए रोजगार के भी हजारों नए अवसर बने हैं।

साथियों,

महाराष्ट्र के किसानों को भी डबल इंजन सरकार में डबल फायदा मिल रहा है। उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि के 6 हजार रुपए के साथ ही नमो शेतकरी महा सम्मान निधि के 6 हजार रुपए अतिरिक्त मिलते हैं। यानी, 12 हजार रुपए की आर्थिक मदद, मेरे महाराष्ट्र के किसान भाई-बहनों के खाते में सीधी जाती है। अब एक कदम आगे बढ़ते हुए महायुति की सरकार ने इस राशि को 15 हजार रुपए तक बढ़ाने की घोषणा की है। इसका बहुत बड़ा फायदा, महाराष्ट्र के और मेरे धुळे के किसानों को भी होगा। केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में किसानों के लिए जो काम किए हैं, उनसे काँग्रेस के खोदे गए गड्ढों को भरने में काफी मदद मिली है। आज किसानों के पास फसल बीमा की सुरक्षा है। किसानों को सस्ती बिजली के लिए सोलर पंप दिये जा रहे हैं। किसान की फसलों की खरीदारी भी आज रिकॉर्ड स्तर पर हो रही है। फसलों पर MSP के दाम भी लगातार बढ़ाए गए हैं। यही बीजेपी और महायुति का संकल्प भी है- हमारा किसान खुशहाल हो, और देश समृद्ध बने।

साथियों,

यहां धुळे और आसपास के इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में मेरे आदिवासी भाई-बहन रहते हैं, सूरत के तो हम पास पड़ते हैं, बिल्कुल आपके सीधे पड़ोसी हैं। इसलिए मैं इस इलाके से भी काफी परिचित रहा हूं। बीजेपी ने हमेशा सबका साथ, सबका विकास की नियत से काम किया है। इस संकल्प का प्रमुख हिस्सा हमारा आदिवासी समाज भी है। ये वो समाज है, जिनका देश की आजादी में, देश के विकास में, महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन कांग्रेस और उसके साथियों ने कभी आदिवासी गौरव, आदिवासी स्वाभिमान पर ध्यान नहीं दिया। आदिवासी विरासत को न्याय मिले, आदिवासी युवाओं को बेहतर भविष्य मिले, क्या ये आपका अधिकार नहीं था? लेकिन, इस काम में दशकों लग गए! जब अटल जी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार आई, तब अलग आदिवासी मंत्रालय बना। तब पहली बार आदिवासी हितों को, इस समाज की अपेक्षाओं को महत्व मिला। हमारी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत की है। इसका मकसद यही है कि आदिवासी परंपरा को पहचान मिले। इस बार 15 नवंबर से अगले एक वर्ष तक हम भगवान बिरसा मुंडा की डेढ़ सौंवी जन्मजयंती मनायेंगे। हमारी सरकार देशभर में एकलव्य आवासीय विद्यालय भी बना रही है। इन विद्यालयों में हमारे आदिवासी बेटे-बेटियाँ पढ़ रहे हैं। हमने जल, जंगल, जमीन का हक सुरक्षित किया। वन उपज का लाभ आदिवासी समाज को मिले, इसके लिए हमने इस समाज को उसके अधिकार दिये। बीजेपी के ही प्रयासों से पहली बार एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू जी देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनी हैं। और पूरे देश ने देखा है कि कैसे कांग्रेस और उसके साथियों ने द्रौपदी मुर्मू जी को हराने के लिए पूरी शक्ति लगा दी थी। आए दिन ये लोग द्रौपदी जी का अपमान करते हैं। और ये इनकी पुरानी आदत है। बाबासाहेब अम्बेडकर को हराने के लिए नेहरू समेत ने ताकत लगा दी थी। आज से 25-30 साल पहले बाबासाहेब अम्बेडकर को नीचा दिखाना, ये कांग्रेस का रोज का काम था और वैसा ही उन्होंने द्रौपदी मुर्मू जी के साथ किया।

साथियों,

आज मैं आपको और पूरे देश को कांग्रेस और उसके साथियों की एक बहुत खतरनाक साजिश से आगाह करने आया हूं। और इस आदिवासी क्षेत्र में आया हूं, तब मेरा यह कर्तव्य बनता है कि इस खतरनाक खेल से मैं महाराष्ट्र को, देश को, अपने आदिवासी भाई-बहनों को सजग करूं। कांग्रेस द्वारा एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाने का खतरनाक खेल खेला जा रहा है। और ये खेल इसलिए खेला जा रहा है क्योंकि कांग्रेस कभी दलितों पिछड़ों-आदिवासियों को आगे बढ़ते नहीं देख सकती। यही कांग्रेस का इतिहास है। आजादी के समय हमारे बाबासाहेब आंबेडकर ने बहुत कोशिश की थी कि शोषितों-वंचितों को आरक्षण मिले। लेकिन नेहरू जी अड़े हुए थे कि किसी कीमत पर दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। बहुत मुश्किल से बाबासाहेब, दलितों और आदिवासियों के लिए आरक्षण का प्रावधान करा पाए। उनको लड़ाई लड़नी पड़ी। नेहरू जी के बाद आईं इंदिरा जी ने भी आरक्षण के खिलाफ ऐसा ही रवैया जारी रखा। उनका भी मकसद यही था कि किसी भी कीमत पर SC-ST-OBC को प्रतिनिधित्व ना मिल जाए। ये लोग चाहते थे कि SC-ST-OBC हमेशा कमजोर रहे। इंदिरा जी के बाद राजीव गांधी आए, उनकी भी सोच और अप्रोच अपने खानदान से अलग नहीं थी राजीव गांधी ने भी OBC आरक्षण का खुलकर विरोध किया था। ये लोग जानते थे कि SC-ST-OBC अगर ये समाज मजबूत हो गया तो उनकी राजनीति की दुकान का शटर गिर जाएगा। राजीव गांधी के बाद अब इस परिवार की चौथी पीढ़ी इसी खतरनाक भावना के साथ उनके युवराज काम कर रहे हैं। कांग्रेस का एकमात्र एजेंडा है, किसी भी तरह SC समाज की एकता को, ST समाज की एकता को, OBC समाज की एकता को चकनाचूर कर दें। कांग्रेस चाहती है कि SC समाज अलग-अलग जातियों में बिखरा रहे, ताकि SC समाज की सामूहिक शक्ति कमजोर पड़ जाए। कांग्रेस चाहती है कि OBC समाज भी अलग-अलग जातियों में बंटा रहे, ताकि OBC के तौर पर उनकी जो एकजुटता की पहचान बनी है, ये OBC, अगर OBC रहे तो उनकी ताकत बढ़ जाएगी। ये ताकत ना बढ़े, इसलिए OBC समाज को भी जातियों में बिखेर दो, इसलिए वो OBC को भी अलग-अलग जातियों में बांटने का खेल कर रही है। कांग्रेस चाहती है कि हमारा ST समाज अलग-अलग जातियों में बंटा रहे, क्योंकि आज आदिवासी के रूप में, जनजातीय समूह के रूप में शेड्यूल ट्राइब के रूप में, समाज की एकता, समाज की पहचान, समाज की एकजुटता, आज ऊभर करके आई है। और वो भी मजबूती से अपनी आवाज उठा ना पाएं। इसलिए उनको भी छोटी-छोटी जातियों में बिखेर दो।

यहां धुळे के इस क्षेत्र में हमारे भील, भील गरासिया, कोकना, कोकनी, कोली महादेव, डोंगर कोली, वारली, ठाकर, कोली ढोर, टोकरे कोली, गमित, गमता, गवित, पारधी, कटकरी, धानका, तडवी, तेतरिया, ऐसी आदिवासी जातियां रहती हैं। कांग्रेस भीलों को कोकना से लड़ाना चाहती है। कांग्रेस भील गरासिया को कोकनी से लड़ाना चाहती है। कांग्रेस कोली महादेव आदिवासी जाति को डोंगर कोली से लड़ाना चाहती है। कांग्रेस वारली आदिवासी जनजाति को ठाकर आदिवासी जनजाति से लड़ाना चाहती है। कांग्रेस, कोली ढोर को टोकरे कोली से लड़ाना चाहती है। कांग्रेस, गमित को गमता से लड़ाना चाहती है। कांग्रेस, गवित को पारधी से लड़ाना चाहती है। कांग्रेस, कटकरी को धानका से औऱ तडवी को तेतरिया से लड़ाना चाहती है।

साथियों,

आदिवासी की पहचान, जनजातीय समाज की पहचान, शेड्यूल ट्राइब की एकता। इसको तोड़ने में जुटी हुई है। आदिवासी जातियों की एकजुटता, कांग्रेस को फूटी आंख नहीं सुहाती। कांग्रेस का ऐजेंडा है कि देशभर की आदिवासी जातियां आपस में लड़ती रहें और उनकी सामूहिक आदिवासी ताकत खत्म हो जाए। कांग्रेस ने जब धर्म के नाम पर ऐसे ही साजिशें रची थीं, तो देश का बंटवारा हो गया था। अब कांग्रेस SC-ST-OBC समाज की एक जाति को दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रही है। भारत के खिलाफ इससे बड़ी साजिश कोई और हो नहीं सकती। आप मुझे बताइये, आदिवासी जब एकजुट रहेगा तो उसकी ताकत बढ़ेगी या नहीं बढ़ेगी?, ताकत बढ़ेगी या नहीं बढ़ेगी? अलग-अलग जातियों में टूटने से आप सोचिए कमजोर हो जाएंगे की नहीं हो जाएंगे। इसीलिए, मैं कहता हूँ- एक हैं तो सेफ हैं। एक हैं तो..., एक हैं तो...., हमें एकजुट रहकर काँग्रेस के ख़तरनाक खेल को नाकाम करना है और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ते रहना है।

साथियों,

आजादी के बाद गांधी जी कांग्रेस को खत्म कराना चाहते थे। उन्होंने कहा था कि अब आजादी मिल गई कांग्रेस को बिखेर दो। उन्हें कांग्रेस को लगने वाली बीमारी का अंदाजा था। जहां विभाजन की आग है, वहाँ जड़ में काँग्रेस का देशविरोधी राग है। काँग्रेस हमेशा देश को तोड़ने वाले षडयंत्रों का हिस्सा रही है। इसका एक बड़ा उदाहरण है जम्मू-कश्मीर, कांग्रेस ने कश्मीर को आर्टिकल-370 के जरिए देश की मुख्यधारा से अलग किया। काँग्रेस ने कश्मीर में बाबा साहब का संविधान 75 साल तक लागू नहीं होने दिया। ये कांग्रेस वालों को जवाब देना पड़ेगा। इतने लोग कांग्रेस के राज करते रहे। ये परिवार राज करता रहा। क्या कारण था, बाबासाहेब अम्बेडकर का संविधान जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं हुआ। देश में दो संविधान चलते थे। ये मोदी आया तब जाकर बाबासाहेब अम्बेडकर का संविधान जम्मू-कश्मीर में लगा है। इसके कारण होता था क्या, कश्मीर में दलितों, वंचितों को उनका हक नहीं मिलने दिया। काँग्रेस ने आतंकवाद को संरक्षण दिया, अलगाववादियों को संरक्षण दिया, जो समस्या काँग्रेस ने पैदा की थी, हमने आर्टिकल-370 खत्म करके उस समस्या को भी खत्म कर दिया है। ये 21वीं सदी के भारत के सबसे बड़े फैसलों में से एक है। लेकिन, जैसे ही, मैं देशवासियों को कहता हूं जरा जागिए, सचेत हो जाइए। जैसे ही काँग्रेस और इंडी गठजोड़ वालों को जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का मौका मिला। वो फिर से कश्मीर को लेकर साजिशें करने लगे हैं। आपने टीवी पर देखा होगा, दो-तीन दिन पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जो कुछ हुआ, आपने देखा होगा, काँग्रेस गठबंधन ने वहाँ फिर से आर्टिकल 370 लागू करने का प्रस्ताव पारित किया है दोस्तों, क्या ये देश स्वीकार करेगा, आप सहमत होंगे। कश्मीर को तोड़ने का कांग्रेस का कारनामा आपको मंजूर है। आर्टिकल-370 के समर्थन में विधानसभा के भीतर बैनर लहराये गए। जब बीजेपी के विधायकों ने उसका विरोध किया, तो उन्हें उठा-उठा करके सदन के बाहर फेंक दिया गया। कांग्रेस और उसके साथियों की ये घिनौनी सच्चाई पूरे देश को, पूरे महाराष्ट्र को समझनी होगी।

कांग्रेस गठबंधन एक तरफ जम्मू-कश्मीर से भारत का संविधान हटाने का प्रस्ताव पास करता है। कांग्रेस ने जो प्रस्ताव पारित किया है ना, इससे बाबासाहेब का संविधान, जो मोदी वहां ले गया है ना वो फिर वापस कर देंगे। और जम्मू-कश्मीर में बाबासाहेब के संविधान को घुसने नहीं देंगे। और दूसरी तरफ यही कांग्रेस गठबंधन यहां महाराष्ट्र में आकर संविधान की झूठी किताब लहराता है। कोरे कागज वाली। ये कोरे कागज वालों की कटी पतंग का जमाना आ गया है। कांग्रेस गठबंधन एक तरफ जम्मू-कश्मीर में दलितों को मिला अधिकार छीनने का प्रस्ताव पास करता है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में दलितों को अधिकार के नाम पर झूठ फैलाना, गुमराह करना, उनको भड़काने का काम कर रही है। कांग्रेस गठबंधन, एक तरफ जम्मू-कश्मीर में आदिवासियों के अधिकार छीनने का ऐलान करता है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में आकर ये लोग आदिवासियों के आंख में धूल झोंकने का पाप कर रहे हैं। अधिकारों के झूठे नारे लगा रहे हैं।

आजादी के 75 साल बाद जम्मू-कश्मीर में बाबासाहेब का संविधान लागू हुआ है, लेकिन ये कांग्रेस और उसके साथियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा। मैं काँग्रेस और यहाँ अघाड़ी वाले लोगों से कहना चाहता हूँ, पाकिस्तान के एजेंडे को देश में बढ़ावा देने की कोशिश मत करो! कश्मीर को लेकर अलगाववादियों की भाषा मत बोलो! याद रखो, तुम्हारे ये मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। और जबतक मोदी पर जनता-जनार्दन का आशीर्वाद है, कांग्रेस वाले तुम कश्मीर में कुछ नहीं कर पाओगे। कश्मीर में अब केवल और केवल बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान ही चलेगा। ये मोदी का फैसला है। दुनिया की कोई ताकत अब कश्मीर में आर्टिकल-370 की वापसी नहीं करा सकती।

साथियों,

महाराष्ट्र आर्थिक प्रगति के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। महायुति की सरकार हर वर्ग के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। आज प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर के जो काम हो रहे हैं, जन कल्याण की जो योजनाएं चल रही हैं, महिलाओं, युवाओं, आदिवासियों के हित को प्राथमिकता दी जा रही है, उन पर रूकावट नहीं आने देनी है, रोक नहीं होने देनी है, गति को धीमी नहीं होने देना है। इसलिए आप सभी को महायुति के पक्ष में मजबूती से खड़े रहना है। मैं ये विश्वास के साथ कह सकता हूं कि महायुति आपके परिवार, आपके बच्चों के भविष्य के लिए काम करती रहेगी। आप सभी इतनी बड़ी संख्या में हमें अपना आशीर्वाद देने आए। मैं सभी जो उम्मीदवार हैं इस बार, उनसे आग्रह करता हूं, जरा आगे आ जाएं। जो चुनाव लड़ रहे हैं। जो उम्मीदवार हैं। देवेंद्र जी आप भी चुनाव लड़ रहे हैं।

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Cabinet approves three new corridors as part of Delhi Metro’s Phase V (A) Project
December 24, 2025

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi has approved three new corridors - 1. R.K Ashram Marg to Indraprastha (9.913 Kms), 2. Aerocity to IGD Airport T-1 (2.263 kms) 3. Tughlakabad to Kalindi Kunj (3.9 kms) as part of Delhi Metro’s Phase – V(A) project consisting of 16.076 kms which will further enhance connectivity within the national capital. Total project cost of Delhi Metro’s Phase – V(A) project is Rs.12014.91 crore, which will be sourced from Government of India, Government of Delhi, and international funding agencies.

The Central Vista corridor will provide connectivity to all the Kartavya Bhawans thereby providing door step connectivity to the office goers and visitors in this area. With this connectivity around 60,000 office goers and 2 lakh visitors will get benefitted on daily basis. These corridors will further reduce pollution and usage of fossil fuels enhancing ease of living.

Details:

The RK Ashram Marg – Indraprastha section will be an extension of the Botanical Garden-R.K. Ashram Marg corridor. It will provide Metro connectivity to the Central Vista area, which is currently under redevelopment. The Aerocity – IGD Airport Terminal 1 and Tughlakabad – Kalindi Kunj sections will be an extension of the Aerocity-Tughlakabad corridor and will boost connectivity of the airport with the southern parts of the national capital in areas such as Tughlakabad, Saket, Kalindi Kunj etc. These extensions will comprise of 13 stations. Out of these 10 stations will be underground and 03 stations will be elevated.

After completion, the corridor-1 namely R.K Ashram Marg to Indraprastha (9.913 Kms), will improve the connectivity of West, North and old Delhi with Central Delhi and the other two corridors namely Aerocity to IGD Airport T-1 (2.263 kms) and Tughlakabad to Kalindi Kunj (3.9 kms) corridors will connect south Delhi with the domestic Airport Terminal-1 via Saket, Chattarpur etc which will tremendously boost connectivity within National Capital.

These metro extensions of the Phase – V (A) project will expand the reach of Delhi Metro network in Central Delhi and Domestic Airport thereby further boosting the economy. These extensions of the Magenta Line and Golden Line will reduce congestion on the roads; thus, will help in reducing the pollution caused by motor vehicles.

The stations, which shall come up on the RK Ashram Marg - Indraprastha section are: R.K Ashram Marg, Shivaji Stadium, Central Secretariat, Kartavya Bhawan, India Gate, War Memorial - High Court, Baroda House, Bharat Mandapam, and Indraprastha.

The stations on the Tughlakabad – Kalindi Kunj section will be Sarita Vihar Depot, Madanpur Khadar, and Kalindi Kunj, while the Aerocity station will be connected further with the IGD T-1 station.

Construction of Phase-IV consisting of 111 km and 83 stations are underway, and as of today, about 80.43% of civil construction of Phase-IV (3 Priority) corridors has been completed. The Phase-IV (3 Priority) corridors are likely to be completed in stages by December 2026.

Today, the Delhi Metro caters to an average of 65 lakh passenger journeys per day. The maximum passenger journey recorded so far is 81.87 lakh on August 08, 2025. Delhi Metro has become the lifeline of the city by setting the epitome of excellence in the core parameters of MRTS, i.e. punctuality, reliability, and safety.

A total of 12 metro lines of about 395 km with 289 stations are being operated by DMRC in Delhi and NCR at present. Today, Delhi Metro has the largest Metro network in India and is also one of the largest Metros in the world.