TMC is running a mobocracy, not a republic: PM Modi in Bolpur

Published By : Admin | May 3, 2024 | 10:45 IST
TMC is running a mobocracy, not a republic: PM Modi in Bolpur rally
The number of Institutes of National Importance has increased from 75 to around 150: PM Modi in Bolpur

नमोशकार,

वीर भोम माने लाल माटिर देश बोलपुर एबांग वीरभूम एरांगा माटिर मानुष बालो चिंता.. सबसे पहले पांचों शक्ति पीठों को मेरा सत-सत प्रणाम। यहां इतनी विशाल संख्या में जो हमारी शक्ति स्वरूपा माताएं-बहने आशीर्वाद देने आई है उन सब माताओं-बहनों को सर झुकाकर मेरा प्रणाम।

भाइयों और बहनों,

बोलपुर आकर एक अलग ही सुख मिलता है। ये भूमि विश्व शांति के लिए गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की प्रयोगशाला रही है। यहां ऐतिहासिक विश्व भारती विश्वविद्यालय है और मुझे प्रधानमंत्री दायित्व के नाते इस महान संस्थान का चांसलर होने का सौभाग्य प्राप्त है। इसलिए वीरभूम से, बोलपुर से, मेरा आत्मीय और गहरा रिश्ता हो जाता है।

साथियों,

आज मैं यहां अलग ही मिजाज देख रहा हूं। जितने लोग यहां है ना, उससे चार गुना ज्यादा लोग हेलीपैड पर थे। मैं वहां चारों तरफ जाकर के सबको प्रणाम करके उनका आशीर्वाद लेने का प्रयास किया और अब आप सबका आशीर्वाद लेने के लिए आया हूं। साल 2014 में आपने मोदी को सिर्फ सरकार चलाने के लिए नहीं चुना था। प्रधानमंत्री पद पर रौब जमाने के लिए नहीं चुना था। आपने मुझे देश के लिए बड़े-बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए चुना था। जरा आप जो फोटो लेकर आई है मैं आपका बहुत आभारी हूं। जरा उनसे वो फोटो ले लीजिए और आप पीछे अपना एड्रेस ले लीजिए, मैं आपको चिट्ठी लिख दूंगा। आपने बढ़िया फोटो लेकर आई है। मैं आपका आभारी हूं। वो दे दीजिए मेरी टीम ले लेगी। आप अपना उस पर एड्रेस लिख लेना ताकि मैं चिट्ठी भेजूंगा आपको। हां ठीक है, धन्यवाद जी धन्यवाद। चलिए परमात्मा के आशीर्वाद बने रहे आप पर जी।

साथियों,

बीते 10 साल, मोदी ने उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दिन-रात मेहनत की है। मैंने अपने समय का पल-पल आपकी सेवा में, देश की सेवा में, पूरे कर्तव्य भाव से, पूरी नम्रता से, मैंने समर्पित किया है। इसलिए आज देश ने वो उपलब्धियां भी हासिल की है जो कांग्रेस 60 साल में नहीं कर पाई थी। ये जो छोटा बालक एक तस्वीर लेकर आया है, बेटे थोड़ा आगे आ जाओ वो ले लेगा। वो तस्वीर उनसे ले लीजिए वो छोटे बालक से, आप बैठिए। बड़े बड़े बाबू बैठे जरा ये छोटा बालक इतने प्यार से आशीर्वाद लेकर आया है। हां वो, थैंक यू बेटा बहुत-बहुत धन्यवाद थैंक यू। अब ये कागज ऊपर करने वाले नीचे बैठ जाओ। मेहरबानी करके आप रख दो नीचे। आप रख दो नीचे। हो गया भाई अब मुझे इतने लोग इंतजार कर रहे हैं। आप वो तस्वीर नीचे रखो मैं आपके प्यार के लिए आपका आभारी हूं, नीचे रखो मैं आपको कह रहा हूं, नीचे रखो।

साथियों,

ये तो युवा सपनों को दिशा देने वाली नगरी है। मोदी ने ठाना है नए भारत की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाना है। मोदी ने ठाना है नए भारत की शिक्षा व्यवस्था, गुणवत्ता युक्त हो। मोदी ने ठाना है देश में ज्यादा से ज्यादा शिक्षा संस्थान खुले। मैं नहीं चाहता हमारे बच्चे उच्च शिक्षा के लिए इधर-उधर भटके, उनके लिए सीटों की कमी हो। मैं आपसे जानना चाहता हूं पिछली शताब्दी की सोच पर चलने वाला इंडी गठबंधन कभी भविष्य के लिए सोच भी सकता है क्या? कभी ऐसा कर भी सकता है क्या? ये लोग तो तीन दशक तक नई एजुकेशन पॉलिसी तक नहीं ला पाए। ये काम आपके सेवक मोदी ने किया। मोदी देश की शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहा है और आज देश इसके शुभ नतीजे भी देख रहा है। बीते 10 सालों में औसतन हर हफ्ते एवरी वीक एक नया यूनिवर्सिटी खुली है देश में, आपको खुशी होगी एवरी वीक वन न्यू यूनिवर्सिटी। बीते 10 सालों में एवरी डे, हर दिन दो नए कॉलेज खुले हैं। 60 सालों में जितने मेडिकल कॉलेज देश में बने उतने मेडिकल कॉलेज हमने 10 साल में बना कर के आपको दे दिए। 60 साल में कांग्रेस सिर्फ सात एम्स ही बना पाई थी सेवन, आज 22 एम्स 22 एम्स देश में बने। 2014 में देश में सिर्फ नाइन ट्रिपल आईटी थी 9 ट्रिपल आईटी आज 25 है। ये सब मोदी किसके लिए कर रहा है? आपके नौजवान बेटे बेटियों के लिए, आपके भविष्य के लिए, क्यों हमारे बच्चे विदेशों पर आश्रित हो? क्यों आपकी मेहनत की कमाई उसका बड़ा हिस्सा दूसरे देशों में चला जाए?

साथियों,

2014 में ग्लोबल यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत के सिर्फ चार पांच इंस्टिट्यूट्स ही आते थे। इस वर्ष करीब 70 संस्थान टॉप 400 में है, 70 इन 400 और कई तो टॉप 50 में भी आ गए। इंस्टिट्यूट ऑफ नेशनल इंपॉर्टेंस की संख्या भी 75 से बढ़कर 150 के आसपास हो गई है। साथियो, ये काम मोदी ने सिर्फ 10 साल में करके दिखाए हैं और ये तो अभी ट्रेलर है। ये तो अभी ट्रेलर है। अभी तो मुझे बहुत काम करना है। एका तो शुदु ट्रेलर एखन तो अनेकी छु कोरा बाकी। इसलिए ही मैं आपसे तीसरे कार्यकाल के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं। साथियों, मैंने लाल किले से कहा था यही समय है, सही समय है और इसलिए हर समय देश को आगे बढ़ाने में जुटा हूं। देश के लोगों ने 2004 में इंडी गठबंधन को भी मौका दिया था लेकिन इन लोगों ने क्या किया? इंडी गठबंधन ने अपने 10 साल में लाखों करोड़ रुपए घोटाला, घोटाला और घोटाला। करप्शन, करप्शन, करप्शन। जब देश को टेलीकॉम नेटवर्क बढ़ाना था इन लोगों ने 2जी घोटाला कर दिया। जब देश को अपनी सेनाएं मजबूत करनी थी, इन लोगों ने पनडुब्बी, सबमरीन घोटाला और हेलीकॉप्टर घोटाला कर दिया। जब देश को स्पोर्ट्स की दुनिया में छा जाना था, इन लोगों ने कॉमनवेल्थ घोटाला कर दिया। यहां टीएमसी भी यही कर रही है। टीएमसी के नेताओं ने यहां हर तरह के घोटाले करने का रिकॉर्ड बना दिया है। ऐसे- ऐसे घोटाले जो कोई सोच भी नहीं सकता, और आपने देखा नोटों के ढेर, चोरी का माल और बैंक के मशीन, नोटों के ढेर गिनते- गिनते थक जाते हैं। पोंजी स्कीम घोटाला, राशन घोटाला, भरती घोटाला, कोयला घोटाला, पशु तस्करी घोटाला और हर घोटाला, मामूली नहीं सैकड़ों करोड़ रुपए का घोटाला। इन लोगों ने हर तरह से आपको लूटा है। आपके जेब काटे हैं। आपके बच्चों के भविष्य के सामने खाई बना दी है, खाई।

साथियों,

बंगाल का टीचर भर्ती घोटाला तो टीएमसी नेताओं के चरित्र को उजागर करता है। मैं जरा एक उदाहरण देना चाहता हूं। मैंने कश्मीर के कुछ नेताओं को एक बार बुलाया था। घाटी के 100 के करीब गांवों के लोगों को बुलाया था। दिल्ली में प्रधानमंत्री के घर पर बुलाया था। मैंने कहा मैं एक काम के लिए आपकी मदद चाहता हूं। आतंकवाद जोरों पर था। गांव- गांव में स्कूलें जलाते थे। मैंने उनको बुला कर के कहा मुझे एक मदद चाहिए। बोले क्या? मैंने कहा मैं आतंकवाद से लड़ लूंगा, मैं आतंकवाद को जमीन पर से उखाड़ दूंगा लेकिन अभी मुझे एक मदद चाहिए। बोले क्या? मैंने कहा गांव में ये आतंकवादी स्कूल जलाते हैं, मुझे मदद कीजिए अब एक भी स्कूल जलना नहीं चाहिए। मैंने कहा जब वो स्कूल जलाते हैं तब एक इमारत नहीं जलाते, एक मकान नहीं जलाते, वो आपके गांव के बच्चों का भविष्य जला देते हैं। और आप भाई-बहन मुझे आशीर्वाद देंगे, कश्मीर के वो लोग और ये बात मैं करीब सात-आठ साल पहले की करता हूं तब तो मेरे सामने सवालिया निशान थे। लेकिन उन सभी नेताओं ने मुझे कहा कि साहब, काम कठिन है। लेकिन हम आपकी भावना को समझते हैं। हम इसके लिए कोशिश करेंगे और आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि कश्मीर के गांवों में स्कूलों को जलाना बंद हो गया। बच्चों के भविष्य को वो समझे लेकिन ये टीएमसी देखिए बच्चों के भविष्य को दांव पर लगा रही है और शिक्षक भर्ती में घोटाला करके आपके बच्चों के भविष्य को दांव पर लगा दिया। 25000 शिक्षक, आज अदालत ने उनको घर भेज दिया। वो शिक्षक तो गए सो गए आपके बच्चों के भविष्य पर ये भ्रष्टाचारियों ने ताला लगा दिया है। जो आपके बच्चों के भविष्य के साथ खेलते हैं, क्या ऐसे टीएमसी को माफ कर सकते हैं क्या? कर सकते हैं क्या? उनको सजा दोगे? इस बार कमल को वोट देकर के उनको सजा दीजिए।

भाइयो बहनों,

टीएमसी भ्रष्टाचार की दुकान खोल कर के बैठी है यहां हाईकोर्ट के आदेश पर एजेंसियां कारवाई कर रही है। कारवाई शुरू होते ही टीएमसी के नेताओं के घरों से करोड़ों रुपये मिलने लगे हैं। ये टीएमसी वालों के यहां से जो पैसे मिलते हैं वो पैसे किसके हैं भाई? किसके पैसे हैं? ये आपके है कि नहीं है? आपके मालिक के है कि नहीं? कि आपके घर में कोई चोरी कर जाए आप चोर को माफ करोगे क्या? करोगे क्या? आपके बंगाल में चोरी कर ले माफ करोगे क्या? ये पैसे बंगाल की जनता के हैं। चर्चा है एक एक पद के लिए चार चार, पांच पांच, छ-छ लाख रुपए की रिश्वत ली है। पैसे लेकर के ओएमआर सीट तक बदल रहे थे। टीएमसी ने बंगाल के युवाओं को खून के आंसू रोने पर मजबूर किया है। आप मुझे बताइए इनको सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? सब के सब मुझे बताइए सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? कौन सजा दिलवा सकता है? इनको सजा कौन दिलवा सकता है? इनको सजा कौन दिलवा सकता है? मोदी तब दिलवा सकता है जब आपके सब के वोट मिलेंगे तब मुझे ताकत मिलेगी।

साथियों,

मैंने बंगाल बीजेपी के लोगों से कहा है, एक लीगल सेल और एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म बनाइए। मैंने बंगाल बीजेपी को कहा है एक लीगल सेल और एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म बताइए। इससे उन युवाओं की मदद होगी जो इस घोटाले के शिकार हुए हैं, निर्दोष है। वो अपने मेरिट पे शिक्षक बने हैं। मैं आज बंगाल के युवाओं को गारंटी देता हूं। जिसने हमारे बंगाल के युवाओं को रुलाया है, उन्हें मोदी चैन से नहीं बैठने देगा। बेटी, बेटी आप थक जाओगी, मुझे तुम पर दया आ रही है। भाई ये बेटी एक फोटो लेकर आई है और कब से, आप मेहरबानी करके बंद कीजिए मुझे परेशान मत कीजिए। इस बच्ची को, उनकी फोटो ले लीजिए बेचारी आधे घंटे से खड़ी है। थैंक यू बेटा, थैंक यू। खुश? खुश? आर यू हैप्पी? शाबाश बैठिए अब बैठिए।

साथियों,

ये, जिन्होनें आपको लूटा है ना मोदी उनको छोड़ेगा नहीं। भ्रष्टाचारी देर के छोरबोनाश ये छा मोदी गारंटी।
भाइयो और बहनों टीएमसी हो या कांग्रेस इन्हें आपके भविष्य की चिंता नहीं है। इन्हें सिर्फ अपने वोट बैंक से मतलब है आप भी जानते हैं कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा किया तब बहुत सारे हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी दूसरी तरफ रह गए थे। उनके साथ वायदा किया गया था कि भारत उनकी रक्षा करेगा लेकिन ये वादा करके कांग्रेस उन लोगों को भूल गई। उनके साथ सीमा पार अत्याचार होता रहा। वो खत्म होने की कगार पर आ गए, आज सीएए के माध्यम से मोदी कांग्रेस सरकारों को उस गलती को सुधार रहा है और ये लोग अपनी गलती मानने के बजाय झूठ फैला रहे हैं। मैं हर शरणार्थी परिवार को कहूंगा, टीएमसी के झूठ पर बिल्कुल ध्यान मत दीजिए।


साथियों,

टीएमसी, लेफ्ट और इंडी एलायंस की नियत देश को तबाह करने की है। बीते तीन-चार महीने में कितने उदाहरण सामने आए हैं, कांग्रेस के अध्यक्ष राम भक्तों और शिव भक्तों को लड़ाने में जूटे हैं। कांग्रेस के शहजादे शक्ति का विनाश करने में जुटे हैं। ये सारे मिलकर संविधान की भावना को तार-तार करने में जुटे हैं। बाबा साहेब आंबेडकर की पीठ में छुरा भोंक रहे हैं। ये लोग संविधान को बदलना चाहते हैं ताकि एससी, एसटी, ओबीसी के हक का आरक्षण धर्म के आधार पर बांट दें। कांग्रेस का घोषणा पत्र तो ये तक कहता है कि सरकारी टेंडर में भी माइनॉरिटी को कोटा देंगे और मैं उनको घेर रहा हूं, सवाल पूछ रहा हूं, 10 दिन हो गए मुंह पे ताला लगा के बैठ गए हैं। मैंने कांग्रेस को, इंडी गठबंधन को तीन चुनौतियां दी है। मैंने कहा है कि कांग्रेस लिख कर के दें वो संविधान नहीं बदलेगी। धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देंगी। ओबीसी कोटा कम नहीं करेंगी। लेकिन इन चुनौतियों का आज तक जवाब नहीं आया। मैं जवाब नहीं देने और मुझे मालूम है वो जवाब नहीं देंगें इनकी नियत में खोट है।

साथियों,

यहां बंगाल में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है। लेकिन आपको कांग्रेस के इरादों से जरूर परिचित रहना है। कांग्रेस के शहजादे एक्सरे मशीन लेकर के आए हैं। कहते हैं, आपके पास घर, दुकान, खेत, सोना, चांदी, मंगलसूत्र जो भी है उसकी जांच कराएंगे। और जांच के बाद ज्यादा है ले लेंगे और उसका एक हिस्सा अपने वोट बैंक को बांट देंगे। क्या आप आपकी संपत्ति जाने देंगे क्या? आपका सोना- चांदी जाने देंगे क्या? आपका घर जाने देंगे क्या? आपका खेत जाने देंगे क्या? इसलिए कांग्रेस से सावधान रहो। टीएमसी से सावधान रहो। लेफ्ट वालों से सावधान रहो।

साथियों,

कुछ ही दिनों में कोची से बैशाख के दिन गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की जन्मजयंती है और आज से जब मैं पहली बार प्रधानमंत्री बना था, तो उस समय रवींद्रनाथ टागोर जी की जन्मजयंती पर यहां आया था और बंगाल में आकर के मैंने सामाजिक सुरक्षा की योजना लॉन्च की थी। 90 पैसे में इंश्योरेंस, ये योजना लॉन्च की थी मैंने। और आज देश के करोड़ों गरीबों को इसका लाभ हो रहा है। मैं बोलपुर के इस मंच से गुरुदेव के चरणों में प्रणाम करता हूं। उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। मैं जब भी बंगाल आता हूं, कई सवाल मेरे मन में चलते हैं। आज जो पश्चिम बंगाल की स्थिति है, क्या ऐसी ही बंगाल की कल्पना हमारे पूर्वजों ने की थी? बीते अनेक दशकों में जैसी खूनी राजनीति, भ्रष्ट राजनीति यहां चली है वो देखकर हमारे पूर्वज क्या सोचते होंगे। गुरुदेव की इस धरती पर टीएमसी ने असामाजिक तत्वों को लोगों का शोषण करने की खुली छूट दे रखी है। गांवों पर टीएमसी का कब्जा, अस्पतालों पर टीएमसी का कब्जा, थानों पर टीएमसी का कब्जा, खदानों पर टीएमसी का कब्जा, ऐसे कोई पोलिटिकल पार्टी जो ऐसे गिरोह की तरह काम करती है क्या? माफिया चलाती है क्या? ये संदेश खाली में बहनों के साथ जो कुछ भी हुआ वो ऐसे ही माफिया राज का परिणाम है। ऐसे न जाने कितने संदेशखाली यहां अभी भी दबे पड़े हैं। जब जांच एजेंसी अपना काम करने आती है तो उन पर हमले किये जाते हैं और सरकार के लोग हमलावरों का साथ देते है। बंगाल में टीएमसी भीड़ तंत्र चला रही है गणतंत्र की उसने कब्र खोद ली है। आए दिन कोर्ट को छोटी-छोटी बातों के लिए यहां सरकार को फटकार लगानी पड़ती है। देश को लोकतंत्र और संविधान के विरुद्ध चलने वाले ऐसे कारनामों पर लगाम लगानी जरूरी है और इसके लिए आपको मोदी को मजबूत करना है।

भाइयो और बहनों,

बीजेपी को दिया गया हर एक वोट टीएमसी के शोषण के खिलाफ दिया वोट होने वाला है। बीजेपी को दिया हर एक वोट बंगाल की शांति के लिए दिया वोट होगा। आपको बोलपुर से हमारी छोटी बहन पिया साह को और वीरभूम से बायदेव तनु भट्टाचार्य जी को संसद में भेजना है। मेरे साथी के रूप में भेजना है। आपका एक-एक वोट जब आप इनको वोट देंगे ना वो सीधा-सीधा मोदी को पहुंचेगा। मोदी की ताकत बढ़ाएगा। अब मेरा एक और काम है करेंगे? मेरा एक और काम करेंगे? सब के सब करेंगे? घर- घर जाइएगा और सबको कहिएगा, अपने मोदी जी आए थे आप सबको नमस्कार कहा है। मेरा नमस्कार पहुंचाएंगे?

बोलो भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...

Explore More
ଶ୍ରୀରାମ ଜନ୍ମଭୂମି ମନ୍ଦିର ଧ୍ଵଜାରୋହଣ ସମାରୋହରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀଙ୍କ ଅଭିଭାଷଣ

ଲୋକପ୍ରିୟ ଅଭିଭାଷଣ

ଶ୍ରୀରାମ ଜନ୍ମଭୂମି ମନ୍ଦିର ଧ୍ଵଜାରୋହଣ ସମାରୋହରେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀଙ୍କ ଅଭିଭାଷଣ
Why The SHANTI Bill Makes Modi Government’s Nuclear Energy Push Truly Futuristic

Media Coverage

Why The SHANTI Bill Makes Modi Government’s Nuclear Energy Push Truly Futuristic
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
‘Restoring Balance’ is a global urgency: PM Modi highlights global health challenges at WHO Global Summit on Traditional Medicine
December 19, 2025
It is India’s privilege and a matter of pride that the WHO Global Centre for Traditional Medicine has been established in Jamnagar: PM
Yoga has guided humanity across the world towards a life of health, balance, and harmony: PM
Through India’s initiative and the support of over 175 nations, the UN proclaimed 21 June as International Yoga Day; over the years, yoga has spread worldwide, touching lives across the globe: PM
The inauguration of the WHO South-East Asia Regional Office in Delhi marks another milestone. This global hub will advance research, strengthen regulation & foster capacity building: PM
Ayurveda teaches that balance is the very essence of health, only when the body sustains this equilibrium can one be considered truly healthy: PM
Restoring balance is no longer just a global cause-it is a global urgency, demanding accelerated action and resolute commitment: PM
The growing ease of resources and facilities without physical exertion is giving rise to unexpected challenges for human health: PM
Traditional healthcare must look beyond immediate needs, it is our collective responsibility to prepare for the future as well: PM

WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।