Where BJP-Mahayuti is, there is momentum; where there is momentum, Maharashtra progresses: PM Modi
We will not let Maharashtra become an ATM for the Maha-Aghadi's mega scandals: PM Modi in Akola
Congress Party knows that the weaker the country, the stronger Congress will be. That’s why it is their nature to divide people based on caste: PM Modi in Akola
Our goal is an empowered farmer driving the nation’s progress: PM Modi in Akola rally

भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय।

जय भवानी// जय भवानी// अकोल्यातील// माझा// सर्व// बंधू आणि// भगिनींना// माझा नमस्कार// भगवान राजराजेश्वर// बार्शिटाकलीची// कालिकादेवी// अकोटचे नंदिकेश्वर// बालापूरची बालादेवी // पातुरची रेणुकादेवी// काटेपुर्णाची ढगादेवी//यान्ना मी// कोटी कोटी वंदन करतो।

मैं संत गजानन महाराज को शीश झुकाकर नमन करता हूं। विदर्भ का आशीर्वाद हमेशा मेरे लिए खास रहा है। अब एक बार फिर मैं विधानसभा चुनाव में महायुति के लिए आपसे आशीर्वाद मांगने आया हूं।

साथियों,

आज 9 नवंबर की तारीख है और ये 9 नवंबर की तारीख बहुत ही ऐतिहासिक तारीख है। आज के ही दिन 2019 में देश की सर्वोच्च अदालत ने राम मंदिर पर फैसला दिया था। 9 नवंबर की ये तारीख, जय श्रीराम। 9 नवंबर की ये तारीख इसलिए भी याद रखी जाएगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, हर धर्म के लोगों ने, बहुत ही संवेदनशीलता का परिचय दिया। राष्ट्र प्रथम की यही भावना, भारत की बहुत बड़ी ताकत है।

साथियों,

2014 से 2024 ये 10 वर्ष, महाराष्ट्र ने बीजेपी को लगातार दिल खोलकर आशीर्वाद दिया है। बीजेपी के ऊपर महाराष्ट्र के इस भरोसे की वजह भी है। इसकी वजह है, महाराष्ट्र के लोगों की देशभक्ति, महाराष्ट्र के लोगों की राजनैतिक समझ और महाराष्ट्र के लोगों की दूरदृष्टि! इसलिए महाराष्ट्र की सेवा का मेरे लिए सुख ही अलग है। केंद्र में हमारी सरकार को अभी 5 महीने ही हुए हैं। इन पांच महीनों में लाखों करोड़ रुपए की परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इसमें बड़ी संख्या में महाराष्ट्र से जुड़े इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स भी हैं। मैंने अभी कुछ ही समय पहले जिस वाढवण पोर्ट की आधारशिला रखी है, अकेले उसकी लागत ही करीब-करीब 80 हजार करोड़ रुपए है। और महाराष्ट्र में बनने वाला ये पोर्ट हिंदुस्तान का सबसे बड़ा पोर्ट बनने वाला है। आज हिंदुस्तान के सभी बंदरगाह की कुल ताकत जो है उससे डबल ताकत अकेले ये महाराष्ट्र में वाढवण में बनने वाले नए बंदरगाह की होने वाली है। पिछले दो कार्यकाल में मोदी ने गरीबों को 4 करोड़ पक्के घर बनाकर दिए हैं। आप बताएंगे, कितने? जरा जोर से बोलिए। ये 4 करोड़ घर, ये आंकड़ा बहुत बड़ा है। इतना ही नहीं, उस समय जो लक्ष्य था वो पूरा कर दिया। लेकिन बाद में कुछ राज्यों ने, कुछ मुख्यमंत्रियों ने चिट्ठी लिखी कि परिवार बड़े हो रहे हैं। नए लोग परिवार के अलग-अलग घरों में रहने जा रहे हैं। हमारे इलाके में कुछ और घरों की जरूरत है। हमने ये बात मान करके अब गरीबों के लिए 3 करोड़ नए घर बनाने की शुरुआत कर दी है। इससे महाराष्ट्र के भी लाखों गरीबों का पक्के घर का सपना पूरा होगा। अब आप मुझे बताइए, ये जिन लोगों को पक्के घर मिल रहे हैं वो आशीर्वाद देंगे कि नहीं देंगे? जरा बोलिए, आशीर्वाद देंगे कि नहीं देंगे? पवित्र काम करने से पुण्य मिलता है कि नहीं मिलता है? ये पुण्य किसको मिलेगा? ये पुण्य किसको मिलेगा? अरे पूरी ताकत से बताओ ये पुण्य किसको मिलेगा? मोदी को नहीं, ये पुण्य आपको मिलेगा, क्योंकि आपके एक वोट ने मोदी को गरीबों के लिए घर बनाने का मौका दिया। और इसलिए पुण्य के अधिकारी आप हैं। अच्छा मेरा एक काम करोगे? अकोला के लोग जरा पूरी ताकत से बताओ मेरा एक काम करोगे? शाबाश, बड़ा जोर है भाई! अच्छा एक काम करना। अभी आप चुनाव में गांव-गांव जाएंगे, घर-घर जाएंगे, लोगों को मिलेंगे और कहीं जाते हुए आपको नजर आए कि कोई परिवार अभी भी झोपड़ी में रह रहा है, कोई परिवार अभी भी कच्चे घर में रह रहा है। तो उसका नाम-पता लिखकर मुझे भेज दीजिए। और उसको बता दीजिए कि मोदी जी ने मुझे भेजा है, तुझे पक्का घर मिलेगा। ये वादा करके आओगे मेरी तरफ से? देखिए, मेरे लिए आप ही मोदी हैं। तो वादा कर दोगे। आप वादा करके आइए, मैं वादा पूरा करूंगा।

साथियो,
चुनाव के समय मैंने 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की गारंटी देने का वादा किया था। हमारी सरकार ने सीनियर सिटीजन्स, बुजुर्गों की सेवा के लिए ये योजना लॉंन्च कर दी है। 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को वय-वंदना आयुष्मान कार्ड मिलने शुरू हो गए हैं। सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ ही, इस योजना का लाभ, हर वर्ग, हर समाज, हर धर्म के बुजुर्गों को मिलेगा। आपके परिवार में भी जो 70 साल के ऊपर के हैं न, उनके बीमारी के खर्च की चिंता आप मत करना, उनका ये बेटा करेगा।

साथियों,
कांग्रेस और अघाड़ी वालों ने महाराष्ट्र के लोगों की जिस मांग को दशकों तक पूरा नहीं होने दिया, मोदी ने वो भी पूरा कर दिया। बताऊं क्या बात की हमने। हमें मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा देने का सौभाग्य मिला है। मराठी को वो सम्मान मिला है, जिससे पूरे महाराष्ट्र का गौरव जुड़ा है। केंद्र में NDA सरकार तेज गति से चल रही है, उतनी ही तेज गति वाली महायुति सरकार मुझे फिर से यहां महाराष्ट्र में चाहिए। और इसलिए आपके पास मैं आज आशीर्वाद मांगने आया हूं। मिलेगा न? पक्का मिलेगा न? हर बूथ में से मिलेगा न? हर गांव से मिलेगा? हर मोहल्ले से मिलेगा। इसलिए पूरे महाराष्ट्र में आज गूंज रहा है- भाजपा-महायुति आहे// तर गति आहे// महाराष्ट्राची प्रगति आहे।

साथियों,
महायुति सरकार के अगले 5 वर्ष कैसे होंगे, इसकी एक झलक महायुति के वचननामे में भी दिख रही है। महिलाओं की सुरक्षा और अवसर, माझी लाडकी बहिण योजना का विस्तार, युवाओं के लिए लाखों रोजगार, विकास के बड़े-बड़े काम, महायुति सरकार महाराष्ट्र के विकास को डबल स्पीड से आगे बढ़ाएगी। यानि, स्वाभिमानी युवा// शिक्षण रोजगार // महायुतीचे सरकार// करील स्वप्न साकार।

साथियों,

महायुति के घोषणापत्र के बीच, महाअघाड़ी वालों का घोटालापत्र भी आया है। अब तो पूरा देश जानता है, महाअघाड़ी यानी, भ्रष्टाचार! महाअघाड़ी यानी, हजारों करोड़ के घोटाले! महाअघाड़ी यानी, पैसों की उगाही! महाअघाड़ी यानी, टोकन मनी! महाअघाड़ी यानी, ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा। मैं महाअघाड़ी की घटक, कांग्रेस का एक उदाहरण आपको देता हूं। जहां कांग्रेस सरकार बन जाती है, वो राज्य कांग्रेस के शाही परिवार का ATM बन जाता है। ATM पता है न, लोग उस में से पैसे निकालते हैं, ये कांग्रेस का ATM बन जाता है, शाही परिवार का ATM बन जाता है। इन दिनों हिमाचल, तेलंगाना और कर्नाटका जैसे राज्य ये कांग्रेस के शाही परिवार के ATM बन गए हैं। लोग बता रहे हैं, इन दिनों महाराष्ट्र में चुनाव के नाम पर कर्नाटका में वसूली डबल हो गई है। चुनाव महाराष्ट्र में, वसूसी डबल हो रही है कर्नाटका में, तेलंगाना में। आरोप है कि कर्नाटका में इन लोगों ने शराब के दुकानदारों से 700 करोड़ रुपए की वसूली कराई है। आप कल्पना कर सकते हैं, जो कांग्रेस पार्टी घोटाले करके चुनाव लड़ रही हो, वो चुनाव जीतने के बाद कितने घोटाले करेगी! हमें महाराष्ट्र में बहुत सावधान रहना है। हम महाराष्ट्र को महाअघाड़ी के महाघोटालेबाजों का ATM नहीं बनने देंगे।

साथियों,

हमारे अकोला को कपास के उत्पादन के लिए जाना जाता है। कपास, टेक्सटाइल इंडस्ट्री का बहुत बड़ा आधार है। लेकिन, हमारे कपास किसान को दशकों तक इन संभावनाओं का लाभ नहीं मिला। ये हालात अब बदल रहे हैं। कपास किसानों की आय बढ़े, इसके लिए उद्योग और इनफ्रास्ट्रक्चर दोनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। मैंने महाराष्ट्र में टेक्सटाइल पार्क का शिलान्यास किया है। टेक्सटाइल पार्क से महाराष्ट्र में कपास किसानों के लिए समृद्धि के नए अवसर तैयार होंगे।

भाइयों बहनों,

किसान की तकलीफ़ों की जननी अगर कोई है, तो वो कांग्रेस है। यहां कितने समय तक कांग्रेस की सरकारें रहीं, महाराष्ट्र और विदर्भ में पानी का संकट गहराता गया। लेकिन, कांग्रेस और उसके साथियों की सरकारों ने क्या किया? वो आंख मूंदकर अपनी जेबें भरने में लगे रहे। सिंचाई के जो प्रोजेक्ट्स देवेन्द्र फड़नवीस जी ने शुरू किए थे, अघाड़ी वालों ने उन पर भी ब्रेक लगा दिया। जबसे महायुति सरकार महाराष्ट्र में आई है, सिंचाई से जुड़ी परियोजनाओं को फिर से गति मिली है। हमारी सरकार ने वैनगंगा-नलगंगा-पैनगंगा नदियों को लिंक करने की योजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना से अमरावती, यवतमाल, अकोला, बुलढाणा, वाशिम, नागपुर और वर्धा में पानी की कमी दूर होगी। और इस पर करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। नदियां आपस में जुड़ें, कहीं बाढ़ और कहीं सूखा, ये समस्या खत्म हो, इसके लिए हमारी सरकार ने हजारों करोड़ रुपए दिये हैं। इससे महाराष्ट्र के इस भाग में पानी की समस्या दूर होगी और उत्पादन बेहतर होगा। हम किसानों को कम पानी का उपयोग कर सिंचाई करने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत महाराष्ट्र में सूक्ष्म सिंचाई कवरेज को 10 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाया गया है, जिसका मकसद है पर ड्राप मोर क्रॉप।

साथियों,

हमारा संकल्प है- किसान खुद इतना सशक्त हो कि वो देश की प्रगति का नायक बनकर उभरे! इसीलिए, हम किसान की आय बढ़ा रहे हैं और खर्च कम कर रहे हैं। हमने पीएम-किसान सम्मान निधि शुरू की। महायुति सरकार ने उसमें अपना भी सहयोग किया। इसका परिणाम है कि महाराष्ट्र के किसानों को सालाना 12 हजार रुपए मिल रहे हैं। कपास और सोयाबीन किसान को अलग से 5-5 हजार रुपए अतिरिक्त दिए जा रहे हैं। हम किसानों को फसल के नुकसान से बचाने के लिए फसल बीमा योजना लेकर आए हैं। अगले 5 वर्षों में इन नीतियों का और व्यापक असर दिखेगा।

साथियों,

कांग्रेस पार्टी जानती है, देश जितना कमजोर होगा, कांग्रेस उतनी मजबूत होगी। और जब कांग्रेस मजबूत होगी तो देश मजबूर हो जाएगा। इसलिए कांग्रेस क्या करती है, पिछले 75 साल का इतिहास देख लीजिए, उनके तौर तरीके, उसके सबूत ढूंढ़ने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है, अगल-बगल में मिल जाएंगे। कांग्रेस क्या करती है, अलग-अलग जातियों को लड़ाना, यही कांग्रेस की फितरत है। आजादी के बाद से ही कांग्रेस ने कभी SC समाज को, हमारे दलित समाज को एकजुट नहीं होने दिया। कांग्रेस ने हमारे जनजातीय समूह, आदिवासी समाज हमारे ST समाज को भी अलग-अलग जातियों में बांटकर रखा। OBC नाम सुनते ही कांग्रेस चिढ़ जाती है। OBC समाज की अलग पहचान न बने, इसके लिए कांग्रेस ने भांति-भांति के खेल खेले हैं। कांग्रेस चाहती है कि SC समाज की अलग-अलग जातियां, आपस में ही लड़ती रहें, झगड़ा करती रहें। वो जानती है कि SC समाज की अलग-अलग जातियां आपस में झगड़ती रहेंगी तो उनकी आवाज बिखर जाएगी, उनका वोट बिखर जाएगा। और ऐसा होते ही, कांग्रेस के लिए सरकार में आने का रास्ता बन जाएगा। इसलिए यहां चर्मकार जाति को कांग्रेस मांग जाति से लड़ाना चाहती है, कांग्रेस, मातंग को महार जाति से, बुरड जाति को वाल्मीकि जाति से, कैकाड़ी को खटिक जाति से, और मोची जाति को कांग्रेस और जातियों से लड़ाना चाहती है। जब आप SC के तौर पर एकजुट नहीं रहेंगे, अपनी ही अलग-अलग जातियों में बंटकर झगड़ा करेंगे तो कांग्रेस इसका फायदा उठाएगी। कांग्रेस SC समाज के अधिकार उनसे छीन लेगी, SC को कमजोर करके सरकार बना लेगी। यही उसकी चाल है, यही उसका चरित्र है। इसलिए आपको कांग्रेस की इस खतरनाक साजिश से सावधान रहना है। आपको याद रखना है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं, तो...। एक हैं, तो...।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की धरती से, हरियाणा के अपने भाई-बहनों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं। हरियाणा के लोगों ने सबसे पहले एक हैं, तो सेफ हैं के मंत्र पर चलते हुए कांग्रेस की साजिश को नाकाम किया है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में वहां कांग्रेस को धूल चटा दी है। अभी एक महीने पहले ही हुआ है। वहां के लोग भूले नहीं है कि कैसे कांग्रेस सरकार के समय, दलितों के खिलाफ बड़े-बड़े दंगे हुए थे, उन दंगों में दलितों को बेरहमी से मारा गया था। और कांग्रेस दलितों को मारने वालों के साथ खड़ी थी। यही कांग्रेस और उसके साथियों का असली चेहरा है।

साथियों,

कांग्रेस ने बाबासाहेब आंबेडकर के साथ जो किया, जो आज कर रही है, वो भी सबको जानना जरूरी है। नेहरू जी से लेकर आज तक, कांग्रेस के शीर्ष परिवार ने बाबासाहेब आंबेडकर को बार-बार अपमानित किया है। कांग्रेस के समय, बाबासाहेब आंबेडकर के किसी भी बड़े काम का श्रेय कभी भी बाबासाहेब को नहीं दिया। आज देखिए, जो बड़े-बड़े डैम हैं, बड़ी-बड़ी नदी जल परियोजनाएं हैं, इसमें सबसे बड़ी भूमिका जब बाबासाहेब केंद्र में मंत्री थे, बाबासाहेब आंबेडकर की रही, लेकिन इसका श्रेय बाबासाहेब को नहीं, कांग्रेस के एक परिवार ने हड़प लिया, उनके ही नाम सब कर दिया। देश के पहले कानून मंत्री के रूप में बाबासाहेब आंबेडकर ने देश के लिए अनेक बड़े निर्णय लिए। लेकिन कांग्रेस ने ये श्रेय भी बाबासाहेब को कभी नहीं दिया। कांग्रेस के लोग बाबासाहेब से इसलिए भी नफरत करते हैं क्योंकि संविधान निर्माण का श्रेय उनको जाता है। कांग्रेस ने छल-कपट से चुनाव में बाबासाहेब को हरवाया, देश के एक महान नेता की राजनीति खत्म कर दी। क्यों? क्योंकि बाबासाहेब दलित मां के बेटे थे। बाबासाहेब को भारत रत्न भी तब मिला, तब केंद्र में बीजेपी के समर्थन से सरकार बनी।

साथियों,

मेरे लिए बाबासाहेब आंबेडकर, उनकी नीतियां हमेशा प्रेरक रही हैं, सदा-सर्वदा पूजनीय रही हैं। हमारी सरकार ने बाबासाहेब के योगदान को देश दुनिया के सामने प्रखरता से रखा है। देश-विदेश में बाबासाहेब जहां-जहां रहे, हमने उन सभी स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया है। महू में उनका जन्मस्थान, नागपुर में दीक्षा भूमि, मुंबई की चैत्यभूमि, दिल्ली में जहां उन्होंने अपना अंतिम समय बिताया और लंदन में आंबेडकर मेमोरियल होम, ये पंचतीर्थ, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।

साथियो,

मैं आज अकोला की इस धरती से इस शाही परिवार को चुनौती देता हूं। 75 साल हो गए। उनकी चार-चार पीढ़ियों ने देश पर राज किया है। लेकिन इस परिवार ने अगर इन पंचतीर्थों की मुलाकात की हो, बाबासाहेब को श्रद्धांजलि दी हो तो जरा देश के सामने रखें। ये मोदी है जो पंचतीर्थ पर जा करके बाबासाहेब को नमन करके आया है। अरे दिल्ली में बाबासाहेब के तीर्थ पर ये शाही परिवार का एक भी सदस्य अब तक गया नहीं है। यही इनके कारनामे हैं। इतना ही नहीं, दुनिया पूरी नई करेंसी में चली जा रही है। एक जमाना था चमड़े की नोटें हुआ करती थी। उसके पहले कभी पत्थर की हुआ करती थी। बाद में कभी तांबे की करेंसी होती थी। यानी अलग-अलग प्रकार की होती थी। फिर कागज की करेंसी आई, अब डिजिटल करेंसी चल रही है। यूपीआई अपने मोबाइल से पैसे लो, मोबाइल से पैसे दो। आपको मालूम है हमने इसका नाम क्या रखा है। ये मोदी है जिसकी बाबासाहेब के प्रति श्रद्धा है, इसलिए उस पूरी करेंसी का नाम भीम-यूपीआई रखा गया है। और भविष्य में जब भी शत-प्रतिशत डिजिटल करेंसी हो जाएगा न, हर बच्चा-बच्चा भीम-यूपाई को याद करेगा, बाबासाहेब को याद करेगा, ये काम मोदी ने कर दिया है।

साथियों,

इन दिनों पूरा देश एक और संवेदनशील विषय को लेकर चिंतित है। जम्मू कश्मीर विधानसभा में कांग्रेस और उसके साथियों ने आर्टिकल-370 को फिर से बहाल करने का प्रस्ताव पास किया है। आप मुझे बताइये, मैं आपसे पूछना चाहता हूं, क्या इस देश में फिर से जम्मू-कश्मीर में 370 लागू होनी चाहिए? पूरी ताकत से बोलो ताकि ये कांग्रेस वालों के कान फट जाएं। क्या फिर से 370 लागू होनी चाहिए। क्या 370 को लागू होने देंगे? ये कौन लोग हैं जो फिर से 370 को लागू करना चाहते हैं। अलगाववादी इसकी मांग करते हैं या नहीं करते हैं? आतंकवादी संगठनों ने 370 हटाने का विरोध किया था या नहीं? पाकिस्तान 370 का रोना रोता है या नहीं रोता है? जितनी भारत विरोधी ताकतें हैं, सबके सब 370 का समर्थन करते हैं। और, वही कांग्रेस की भी भाषा बन गई है। जम्मू-कश्मीर में 370 फिर से लगाना यानी, कश्मीर को फिर से हिंसा की आग में झोंकना! कश्मीर में 370 यानी, राज्य में बाबासाहेब के संविधान को फिर से जम्मू-कश्मीर से बाहर निकालना है। ये जो लोग संविधान की किताबें और कोरे कागज की किताबें बांटते फिरते हैं न, ये कैसे पापी लोग हैं मैं बताता हूं। और हम सबकी आंखों में कितनी धूल झोंकी उन्होंने देशवासियों की आंखों में। बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान की बातें करते हैं। 75 साल तक इस देश में दो संविधान चलते थे। एक जम्मू-कश्मीर का संविधान अलग था और दूसरा देश में जम्मू-कश्मीर के सिवाय, बाबासाहेब आंबेडकर वाला संविधान था। हम उनको पूजते थे। क्या बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान जम्मू-कश्मीर में लगेगा कि नहीं लगेगा? इनके मुंह पर ताले लग जाते थे। ये हमारी संविधान के प्रति श्रद्धा थी। ये हमारी बाबासाहेब के प्रति श्रद्धा थी। हमने 370 की दीवार को तोड़ दिया और बाबासाहेब के संविधान को जम्मू-कश्मीर में लागू कर दिया। और जब बाबासाहेब का संविधान लागू हुआ न, तब जा करके, 370 हटने के बाद, 75 साल के बाद पहली बार कश्मीर और जम्मू के दलितों को आरक्षण मिला। 75 साल तक नहीं मिला था। उनको संवैधानिक अधिकार नहीं मिले थे, पहली बार मिले। कांग्रेस फिर से कश्मीर को दशकों पीछे धकेलना चाहती है। कांग्रेस जानती है इसी 370 की वजह से कश्मीरी हिंदुओं को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा था। ये जम्मू, ये जम्मू-कश्मीर के दलितों-पिछड़ों का अधिकार छीनना चाहती है और यहां महाराष्ट्र में आकर दलितों-पिछड़ों से वोट भी मांग रहे हैं।

साथियों,

20 नवंबर को महाराष्ट्र के साथ-साथ आपको देश के भी भविष्य को दिशा देने का मौका मिलेगा। आपको विकास को चुनना है, शांति और सुरक्षा को चुनना है। मेरा आग्रह है, आप महायुति के सभी उम्मीदवारों को भारी बहुमत से जिताइए। हम मिलकर समृद्ध महाराष्ट्र और विकसित भारत का सपना पूरा करेंगे। आप यहां इतनी बड़ी तादाद में आए, मैं देख रहा था पूरा वहां अभी भी भीड़ के भीड़ चली आ रही है अभी भी। ये प्यार ये आशीर्वाद और मैंने कल दो रैली देखी आज तीसरी रैली देख रहा हूं। कोई सर्वे काम नहीं आने वाला। ये विजय का विश्वास नजर आ रहा है। आप यहां इतनी बड़ी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने आए। इसके लिए मैं आपका आभारी हूं। जो विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे सभी उम्मीदवार यहां आगे आ जाएं। जो असेंबली का चुनाव लड़ रहे हैं, वो सभी साथी जरा आगे आ जाएं। सब आ जाएं जो चुनाव लड़ रहे हैं।
आप सबको मेरा बहुत-बहुत धन्यवाद।
बोलिए,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय।

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PM attends 59th All India Conference of Director Generals/ Inspector Generals of Police
December 01, 2024
PM expands the mantra of SMART policing and calls upon police to become strategic, meticulous, adaptable, reliable and transparent
PM calls upon police to convert the challenge posed due to digital frauds, cyber crimes and AI into an opportunity by harnessing India’s double AI power of Artificial Intelligence and ‘Aspirational India’
PM calls for the use of technology to reduce the workload of the constabulary
PM urges Police to modernize and realign itself with the vision of ‘Viksit Bharat’
Discussing the success of hackathons in solving some key problems, PM suggests to deliberate about holding National Police Hackathons
Conference witnesses in depth discussions on existing and emerging challenges to national security, including counter terrorism, LWE, cyber-crime, economic security, immigration, coastal security and narco-trafficking

Prime Minister Shri Narendra Modi attended the 59th All India Conference of Director Generals/ Inspector Generals of Police at Bhubaneswar on November 30 and December 1, 2024.

In the valedictory session, PM distributed President’s Police Medals for Distinguished Service to officers of the Intelligence Bureau. In his concluding address, PM noted that wide ranging discussions had been held during the conference, on national and international dimensions of security challenges and expressed satisfaction on the counter strategies which had emerged from the discussions.

During his address, PM expressed concern on the potential threats generated on account of digital frauds, cyber-crimes and AI technology, particularly the potential of deep fake to disrupt social and familial relations. As a counter measure, he called upon the police leadership to convert the challenge into an opportunity by harnessing India’s double AI power of Artificial Intelligence and ‘Aspirational India’.

He expanded the mantra of SMART policing and called upon the police to become strategic, meticulous, adaptable, reliable and transparent. Appreciating the initiatives taken in urban policing, he suggested that each of the initiatives be collated and implemented entirely in 100 cities of the country. He called for the use of technology to reduce the workload of the constabulary and suggested that the Police Station be made the focal point for resource allocation.

Discussing the success of hackathons in solving some key problems, Prime Minister suggested deliberating on holding a National Police Hackathon as well. Prime Minister also highlighted the need for expanding the focus on port security and preparing a future plan of action for it.

Recalling the unparalleled contribution of Sardar Vallabhbhai Patel to Ministry of Home Affairs, PM exhorted the entire security establishment from MHA to the Police Station level, to pay homage on his 150th birth anniversary next year, by resolving to set and achieve a goal on any aspect which would improve Police image, professionalism and capabilities. He urged the Police to modernize and realign itself with the vision of ‘Viksit Bharat’.

During the Conference, in depth discussions were held on existing and emerging challenges to national security, including counter terrorism, left wing extremism, cyber-crime, economic security, immigration, coastal security and narco-trafficking. Deliberations were also held on emerging security concerns along the border with Bangladesh and Myanmar, trends in urban policing and strategies for countering malicious narratives. Further, a review was undertaken of implementation of newly enacted major criminal laws, initiatives and best practices in policing as also the security situation in the neighborhood. PM offered valuable insights during the proceedings and laid a roadmap for the future.

The Conference was also attended by Union Home Minister, Principal Secretary to PM, National Security Advisor, Ministers of State for Home and Union Home Secretary. The conference, which was held in a hybrid format, was also attended by DGsP/IGsP of all States/UTs and heads of the CAPF/CPOs physically and by over 750 officers of various ranks virtually from all States/UTs.