Udupi region was naturally blessed with coastal plains and yet it had failed to develop under the Congress: PM Modi
Congress' disrespect towards Shri Deve Gowda ji is not acceptable. If such is their mindset, how can they think good for people of Karnataka: PM
Congress played politics over banking schemes for poor, says PM Modi in Udupi
We will leave no stone unturned to fulfill aspirations of people of Karnataka and ensure all round development of the state: PM in Udupi
Love between me and people of Udupi is such that language no barrier between us, says PM Modi
28th April 2018 will always be remembered in the history of India. Due to the efforts of several teams of people, India's villages got electricity: PM
The Congress is led by leaders who have no respect for India's history. I was shocked that they even went to the level of disrespecting 'Vande Mataram': PM Modi
Why did the Congress not think about the 18,000 villages lacking access to electricity: PM Modi
BJP is focussing on the pride of Karnataka, the development of the state. We want a Swachh, Sundar and Surakshit Karnataka: PM Modi
Karnataka Govt did nothing for the farmers in Karnataka. Why did they not ensure proper irrigation facilities to the farmers, asks PM Modi
Congress left behind a chronic ailment of 60 years, and we are working hard to rid the country of it: PM
Empowering the villages, the farmers and the poor is our only motive, says PM Modi in Belagavi
Just like any fish cannot survive without water, Congress cannot live without power. That is why they are spreading lies: PM Modi in Belagavi

भारत माता की जय। भारत माता की जय।

मंच पर विराजमान इस चुनाव में कर्नाटक की जनता की आशा आकांक्षा बने हुए हमारे भावी मुख्यमंत्री श्रीमान येदुरप्पा जी, मंच पर विराजमान सभी महत्व के नेतागण, मंच पर विराजमान सांसदगण, मंच पर विराजमान इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवार बंधुगण।

दिल्ली में कर्नाटक की चुनाव की खबरें आती रहती है। और दिल्ली में खबर ये आती थी कि कर्नाटक में भाजपा की हवा चल रही है। लेकिन आज कर्नाटक में मेरी पहली जनसभा में मैं देख रहा हूं कि कर्नाटक में बीजेपी की हवा नहीं आंधी चल रही है, आंधी। आपका ये उत्साह, ये जनसागर और मैं देख रहा हूं कि ये जो हमने व्यवस्था की थी वो भी कम पड़ गई। लोग बाहर धूप में खड़े हैं। जो धूप में खड़े हैं, ताप में तप रहे हैं। मैं उनको विश्वास दिलाता हूं कि आपकी ये तपस्या बेकार नहीं जाने देंगे।

भाइयो और बहनो।

आज पहली मई गुजरात का स्थापना दिवस है, महाराष्ट्र का स्थापना दिवस है और दुनिया में एक मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश और दुनिया में आज मेहनतकश लोगों को दिवस है। मजदूरी करके, पसीना बहा करके विकास की राह को मजबूत बनाने वालों का दिन है। विशेष रूप से देश के मजदूरों ने, कारीगरों ने, कामगारों ने देश को आज जहां पहुंचाया है, संकल्प से सिद्धि के लिए और 28 अप्रैल को जो महत्वपूर्ण सिद्धि देश ने हासिल की है। मैं मेरे मजदूर भाइयो बहनो, कारीगर भाइयो बहनो, मेहनत भाइयो बहनो को वो आज यह श्रेय समर्पित करना चाहता हूं।

28 अप्रैल की तारीख, देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गई है। क्योंकि हमारे इन मेहनतकश लोगों ने कठिन से कठिन इलाकों में, संकट झेल-झेल करके, 10-12 लोगों ने ट्रांसफार्मर उठाकरके, बड़े-बड़े पिलर उठा-उठाकरके, पहाड़ों की चोटियों पर पहुंच-पहुंचकरके देश के 18,000 गांव जो 18वीं शताब्दी में जी रहे थे। बिजली गांव ने देखी नहीं थी। वो बिजली पहुंचाने का काम पूर्ण कर दिया। और इसलिए मैं देश के मजदूरों का, कामगारों का, इन मेहनतकश लोगों को आज प्रणाम करता हूं। मणिपुर। उसका लिसांग गांव वो आखिरी गांव बना, जिसमें बिजली पहुंचते ही देश के 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने का काम समय सीमा में पूर्ण हुआ।

हमारे कांग्रेस के नेता और कांग्रेस के नए अध्यक्ष अतिउत्साह में कभी-कभी मर्यादाएं तोड़ देते हैं, अच्छा होता कि उनके मुंह से इन 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने वाले मेरे देश के मजदूरों के लिए दो अच्छे शब्द निकल जाते। गरीब-मेहनतकश लोगों ने गांवों में उजियाला करने का काम किया। उसके लिए दो शब्द उनके मुंह से निकलते तो मेरे मजदूरों के मन को लगता कि हमारे परिश्रम में क्या ताकत है। लेकिन वे तो नामदार हैं, कामदार की परवाह वो कभी कर ही नहीं सकते। और इसलिए उनसे अपेक्षा करना बेकार है।

भाइयो-बहनो।

हमने समय सीमा पर गांवों में बिजली पहुंचाने का काम पूरा किया। लेकिन हम वहां पर रूकने वाले लोगों में से नहीं है। अब हमारा सपना है कि जिन घरों में बिजली नहीं है, उन घरों में बिजली पहुंचाना। और आज गरीब परिवार ही है, जहां बिजली नहीं है। और जो लोग मुझे दिन-रात गालिया देते रहते हैं। अनाप-शनाप भाषा बोलते रहते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आजादी के 70 वर्ष बाद आज भी 4 करोड़ परिवारों के पास घर में बिजली का दिया नहीं है। हमने बीड़ा उठाया है। जो काम 70 साल में नहीं हुआ। हमारे देश में कुल 25 करोड़ घर है। 25 करोड़ घर में से 4 करोड़ घरों में आज भी बिजली नहीं है। हमने बीड़ा उठाया है। समय सीमा में सौभाग्य योजना के तहत इन 4 करोड़ परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दे देंगे। आजकल कांग्रेस में ऐसे लोग लीडरशिप कर रहे हैं,  जिन्हें न देश का इतिहास का ज्ञान है, जिन्हें न वंदे मातरम गीत का गौरव है। जिन्हें न देश का इतिहास का पता है, न महापुरुषों के बलिदान के बारे में अता-पता नहीं है। अरे उन्हें उन्हीं की सरकार की बातों का अता-पता नहीं है। मैं जरा आज उनसे कुछ पूछना चाहता हूं।

मैं जरा पूछना चाहता हूं। हमारे यहां आने से पहले सोनिया जी की सरकार थी। मनमोहन जी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे। और मनमोहन सिंह ने 2005 में कहा था। जरा हमें सवाल पूछने से पहले नेता जी जरा जवाब दीजिए। 2005 में उस समय के सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के हर गांव में 2009 तक बिजली पहुंचा देंगे।

चलो भाई। आप मनमोहन सिंह जी की बात का अनादर करते हो, क्योंकि आप तो मनमोहन सिंह जी के निर्णय को भरी पत्रकार परिषद में, प्रेस कांफ्रेंस में फाड़ देते हो। मनमोहन सिंह जी की बात नहीं मानते हो। कम से कम अपनी परम पूज्य माताजी की तो बात मानो। आपकी माताजी मैडम सोनिया जी ने 2005 में मनमोहन सिंहजी के आगे भी एक कदम आगे रखके कहा था कि 2009 तक, मनमोहन सिंह ने कहा कि हर गांव में बिजली पहुंचाएंगे, आपकी माताजी ने कहा था कि हर घर में बिजली पहुंचाएंगे, 2009 तक पहुंचाएंगे।  2014 तक आप बैठे थे। मेरे आने तक बैठे थे। क्यों काम नहीं किया। क्यों देश को गुमराह करते हो। और आप देश के गरीब, मेहनतकश, मजदूर जिन्होंने इतना बड़ा काम किया, उनका मजाक उड़ाते हो, मखौल उड़ाते हो, बेइज्जती करते हो।

साथियों।

जरा मैं कर्नाटक की बात करना चाहता हूं। करूं न ...। करूं न ...। कर्नाटक में 2014 में 39 गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। उन 39 गांवों में हमारी योजना से आज बिजली पहुंच गई। लेकिन कांग्रेस जवाब दे। 2014 के पहले 4 साल में कर्नाटक में सिर्फ 2 गांवों में ही बिजली पहुंची थी। चार साल में दो गांव और आप हमारा हिसाब मांग रहे हो।

भाइयो-बहनो।

लोकतंत्र की एक विशेषता है। लोकतंत्र में हर किसी की बात का महत्व होता है। छोटे से छोटे व्यक्ति की बात की भी ताकत होती है। इतना ही नहीं, भाइयो बहनो। कोई बड़ा नेता संसद में और संसद के बाहर, कोई विधायक सदन में और सदन के बाहर, कोई सामान्य नागरिक जो भी कहे, लोकतंत्र में उन बातों को गंभीरता से लेना होता है। हम भी ...। हमारी ये जिम्मेवारी मानते हैं कि हर बात को चाहे विपक्ष की तरफ से की जाए उसे गंभीरता से लेनी चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष जी ने हाल ही में मुझे एक चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर मैं संसद में 15 मिनट बोलूंगा तो मोदीजी बैठ भी नहीं पाएंगे। ये उन्होंने मुझे चुनौती दी है। वे 15 मिनट बोलेंगे ये भी एक बड़ी बात है। और मैं बैठ नहीं पाऊंगा ये सुनकर मुझे याद आता है। वाह क्या सीन है। कांग्रेस के श्रीमान अध्यक्ष जी आपने सही फरमाया है। हम आपके सामने नहीं बैठ सकते हैं। आप तो नामदार हैं नामदार। और हम कामदारों कि क्या हैसियत कि हम आपके सामने बैठ पाएं। अरे आप तो नामदार हैं। हम तो कामदार हैं। हम तो अच्छे कपड़े भी नहीं पहन सकते हैं। हमें आपके सामने बैठने की हैसियत कहां हो सकती है। मोदी जी को तो छोड़ो नामदार। इस कामदार की क्या, ठीक है हम तो कामदार है। लेकिन आप एक काम करो। इस चुनाव अभियान के दौरान कर्नाटक में आपको जो भाषा पसंद हो हिन्दी बोल सकें तो अंग्रेजी, आपकी माताजी की मातृभाषा बोल सकें तो मातृ-भाषा। आप 15 मिनट हाथ में कागज लिए बिना, कर्नाटक की आपकी सरकार की एचिवमेंट, उपलब्धियां, सिद्धियां, 15 मिनट कर्नाटक की जनता के सामने बोल दीजिए। और एक छोटा काम साथ-साथ कर देना। उस 15 मिनट के भाषण के दौरान कम से कम पांच बार श्रीमान विश्वेश्वरैया जी का नाम का उल्लेख 5 बार कर दीजिए। अगर इतना कर लोगे तो कर्नाटक की जनता तय कर लेगी की आपकी बात में दम कितना है, वो कर्नाटक की जनता तय कर लेगी।

भाइयो-बहनो।

मैं पिछले दिनों अखबार पढ़ रहा था। मैंने पाया कि कर्नाटक में 2 प्लस वन का फार्मूला चल रहा है। यह कुछ नहीं कांग्रेस की फैमिली पॉलिटिक्स का कन्नड़ वर्जन है। ये उनका ...। कभी-कभी जागने वाले, ज्यादातर सोने वाले यहां के मुख्यमंत्री जी का ये पोलिटिकल इनोवेशन है। पराजय के डर से मुख्यमंत्री इधर-उधर भाग रहे हैं, सीट छोड़ कर भाग रहे हैं, दौड़े भागे जा रहे हैं। खुद तो दो सीटों पर लड़ रहे हैं, सोच रहे हैं कि कहीं से तो बच जाऊंगा। और जहां पहले लड़ रहे थे, जनता ने आशीर्वाद दिया था, वहां पर बेटे को बलि पर चढ़ाकर रख दिया है। और अगर तीन में से एकाध भी बच जाए तो परिवार की गाड़ी चलती रहेगी, यह सपने देखने लगे हुए हैं। सीएम के लिए 2 प्लस वन की फार्मूला है तो मंत्रियों के लिए वन प्लस वन का फार्मूला है। कितने मंत्रियों के बेटे-बेटियों चुनाव में उतार दिये गए हैं। ये टू प्लस वन और वन प्लस वन का फार्मूला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के दिलों के लिए कितनी परेशान करती होगी। ये मैं भलीभांति जानता हूं कि लेकिन वो नामदार के सामने कांग्रेस के कामदार भी चुप बैठ गए होंगे, कुछ बोल नहीं पा रहे होंगे।

भाइयो बहनो।

वंशवाद की राजनीति ने दलों को बर्बाद किया है, देश को बर्बाद किया है, लोकतंत्र को बर्बाद किया है। और ये फैमिली पॉलिटिक्स जो है वो कर्नाटक की तबाही का कारण है। एक तरफ फैमिली पॉलिटिक्स है तो दूसरी तरफ पीपुल पॉलिटिक्स है। निर्णय पीपुल पॉलिटिक्स करने वाला है। ये फैमिली पॉलिटिक्स नहीं चलने वाला है। यहां की सरकार, उस सरकार में बैठे लोग, सरकार में बैठे हुए चेले चपाटे, कोई बाकी नहीं है, जिसके विषय में कोई न कोई कथा, भ्रष्टाचार की बातें, दुराचार की बातें, जनता के सामने मीडिया ने न लाया हो, ऐसा शायद कोई मुश्किल से बचा होगा। कर्नाटक की जनता भली भांति जान रही है। ये 10 पर्सेंट कमीशन, लोकतंत्र के मिशन पर भारी पड़ गया है। लोकतंत्र के मिशन को तबाह कर चुका है।

भाइयो बहनो।

12 मई को आपको सिर्फ विधायक नहीं चुनना है। 12 मई को आपको कर्नाटक का भविष्य क्या हो, इसका फैसला करना है। और कमल के फूल के बटन को दबाकर आपको कर्नाटक का भाग्य बदलना है। 12 मई को आपका फैसला ईमानदारी की ओर जाने के लिए रास्ता खोलने वाला है। 12 मई को आपका फैसला, बेईमानों को भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने की मुहिम को ताकत देने वाला होगा।

भाइयो बहनो।

नोटबंदी के बाद कर्नाटक में कैसे-कैसे लोगों के घरों में से कैसे-कैसे नोटों के ढेर निकले थे। ये नोटे किसकी थी। ये कामदारों की थी, नामदारों की नहीं थी। और इसलिए भाइयो बहनो। वो कामदारों को वापस मिलनी चाहिए।

जब हम छोटे थे, गुजरात में थे, कर्नाटक की आन बान शान जब सुनते थे तो हमारा भी सीना फूल जाता था। लेकिन पिछले पांच वर्षों में यहां कानून व्यवस्था, लॉ और आर्डर की जो खबरें आती है, कोई इंसान सुरक्षित नहीं है। ये हाल यहां की सरकार ने रखा है, न लॉ है, न आर्डर है। अरे लोकायुक्त भी सलामत नहीं है तो सामान्य मानवी की सलामती की बात ये कांग्रेस के लोग कैसे कर सकते हैं। कर्नाटक के पुलिस अफसर ने कांग्रेस सरकार को चिट्ठी लिखी है। और उन्होंने लिखा है कि कानून व्यवस्था इतनी खराब हो चुकी है और जिस प्रकार से आपने अफसरों को परेशान करके रखा है, सच बोलता है अफसर तो दबाने की कोशिश हो रही है। सामान्य मानवी जीवन को तबाह कर रही है। जहां-जहां कांग्रेस होती है वहां अपराध का बोलबाला होता है, भ्रष्टाचार का बोलबाला होता है, भाई-भतीजेवाद का बोलबाला होता है। और भाइयो बहनो। विकास के सारे रास्ते जाम हो जाते हैं। कर्नाटक में भी पिछले पांच साल में यही हुआ है। चामराजनगर के इस क्षेत्र में पीने के पानी की किल्ल्त है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है। किसानों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया। कीमती ब्लैक ग्रेनेट के खदानों के बावजूद लोगों को, युवाओँ को रोजगार की कमी है। पर्यटन की अपार संभावनाओं के बाद भी इस इलाके को नजरंदाज किया गया है।

साथियों।

खासकर मेरे किसान भाइयो बहनो। हमने सपना संजोया है, संकल्प लिया है कि 2022 तक जब भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे। हम हिंदोस्तान के किसानों की आय डबल करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। किसान की कृषि की हर छोटी आवश्यकताओं पर विशेष रूप से हम ध्यान दे रहे हैं। प्राकृतिक आपदाएं, बाढ़ आए, ओले गिरे हो, अकाल हो, भारी बारिश हो, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान के फसल को सुरक्षित करने का काम हमारी सरकार ने किया है। कर्नाटक के 14 लाख से ज्यादा किसानों ने इस योजना का फायदा उठाया है। और क्लेम की राशि पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है, जो किसानों के घर पहुंची है। किसानों को अपनी फसल का सही दाम मिले। और इसलिए हमने नई एमएसपी की योजना घोषित की है। किसानों को जितनी लागत होगी, उस लागत का डेढ़ गुना एमएसपी घोषित किया जाएगा ताकि किसानों को कोई लूट न पाए। हमने पूरे देश में 99 परियोजनाएं। पानी की परियोजनाएं, उस पर काम शुरू किया। कर्नाटक में भी ऐसी 5 योजनाओं पर काम शुरू किया। तेजी से चल रहा है। किसान की हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए काम चल रहा है।

भाइयो बहनो।

विकास की यात्रा में चाहे रेल का काम हो, रोड का काम हो, समुद्री तट का काम हो, किसानों की फसल का काम हो, हर क्षेत्र में भारत सरकार हिन्दुस्तान के सामान्य मानवी की जिंदगी में एक नई ताकत लाने का प्रयास कर रही है। और कांग्रेस की विकास में भी राजनीति करने की आदत जाती नहीं है। कांग्रेस की राजनीति करने की इस मनोवृत्ति ने कर्नाटक का 4 साल में कितना नुकसान किया है, इसका आपको अंदाज नहीं होगा। चामराजनगर रेलवे लाइन। 5 साल हो गए। सारी योजना तैयार लेकिन काम आगे बढ़ नहीं रहा है। सरकार ने बजट पास कर दिया। अब रेल डालनी है तो जमीन चाहिए। कर्नाटक में डालनी है तो कर्नाटक की जमीन तो चाहिए। लेकिन ये कांग्रेस की राजनीति विकास के आगे रोड़े अटका रही है। और इसलिये आज भी वो रेलवे प्रोजेक्ट लटका पड़ा है। जनता की पाई-पाई का उपयोग जनता की भलाई के लिए होना चाहिए। आज कर्नाटक में भारत सरकार के द्वारा 80 हजार करोड़ के विकास के काम तेज गति से चल रहे हैं। उसमें भी राजनीति करने की कोशिश बंद नहीं की जा रही है। आप कल्पना कर सकते हैं। बैंगलुरू-मैसुरू ये जो हम एक्सप्रेस वे बना रहे हैं। 7 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट चल रहा है। वो जब पूरा हो जाएगा तो चामराजगनर का रास्ता कितना छोटा हो जाएगा। हर परिवार की कितनी बचत होगी। समय का बचत, पेट्रोल का बचत, पैसों की बचत। यहां के लोगों को कितना फायदा होगा। ये काम हम कर रहे हैं। इतने महत्वपूर्ण काम में राजनीति के झंडे गाड़े जा रहे हैं। इतने महत्वपूर्ण काम में भी रोड़े डाले जा रहे हैं।

भाइयो बहनो।

ये कांग्रेस का स्वभाव है, उनका चरित्र है, उनकी आदत है अटकाना, लटकाना और भटकाना। ये काम वो हर विकास के कार्य में कर रहे हैं। और इसलिए मेरे प्यारे कर्नाटक के भाइयो बहनो। विकास के लिए वोट कीजिए। सामान्य मानवी की जिंदगी में सरलता आए। आजादी से जिन चीजों के लिए तड़प रहा है, छोटी-छोटी चीजें भी मिलना शुरू हो, विकास के बिना मिलने वाली नहीं है। भारतीय जनता पार्टी सामान्य मानवी की भलाई के लिए, कर्नाटक राज्य के स्वाभिमान के लिए, कर्नाटक राज्य के उत्तम भविष्य के लिए विकास के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहती है। आप मेरा साथ दीजिए, दिल्ली आपका साथ देगी। यह मैं आपको विश्वास दिलाने आया हूं। मैं आप सबसे यही आग्रह करूंगा स्वच्छ, सुंदर, सुरक्षित कर्नाटका निर्मिसोणा, बन्नी एलनेरू, केजोड़ी सी। सरकार बदली सी बीजेपी गेल्ली सी। सरकार बदली सी ...। सरकार बदली सी ...। सरकार बदली सी ...। सरकार बदली सी ...। सरकार बदली सी ...। सरकार बदली सी ...। एल्लेरिगरीगो नमस्कार करूं। भारत माता की जय।

 

Explore More
୭୮ତମ ସ୍ୱାଧୀନତା ଦିବସ ଅବସରରେ ଲାଲକିଲ୍ଲାରୁ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀଙ୍କ ଅଭିଭାଷଣ

ଲୋକପ୍ରିୟ ଅଭିଭାଷଣ

୭୮ତମ ସ୍ୱାଧୀନତା ଦିବସ ଅବସରରେ ଲାଲକିଲ୍ଲାରୁ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀଙ୍କ ଅଭିଭାଷଣ
Highlights: First 100 Days Of Modi 3.0, Ministers Unveil Report Card

Media Coverage

Highlights: First 100 Days Of Modi 3.0, Ministers Unveil Report Card
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Bharatiya Antariksh Station (BAS) Our own Space Station for Scientific research to be established with the launch of its first module in 2028
September 18, 2024
Cabinet approved Gaganyaan Follow-on Missions and building of Bharatiya Antariksh Station: Gaganyaan – Indian Human Spaceflight Programme revised to include building of first unit of BAS and related missions
Human space flight program to continue with more missions to space station and beyond

The union cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has approved the building of first unit of the Bharatiya Antariksh Station by extending the scope of Gaganyaan program. Approval by the cabinet is given for development of first module of Bharatiya Antariksh Station (BAS-1) and undertake missions to demonstrate and validate various technologies for building and operating BAS. To revise the scope & funding of the Gaganyaan Programme to include new developments for BAS & precursor missions, and additional requirements to meet the ongoing Gaganyaan Programme.

Revision in Gaganyaan Programme to include the scope of development and precursor missions for BAS, and factoring one additional uncrewed mission and additional hardware requirement for the developments of ongoing Gaganyaan Programme. Now the human spaceflight program of technology development and demonstration is through eight missions to be completed by December 2028 by launching first unit of BAS-1.

The Gaganyaan Programme approved in December 2018 envisages undertaking the human spaceflight to Low Earth Orbit (LEO) and to lay the foundation of technologies needed for an Indian human space exploration programme in the long run. The vision for space in the Amrit kaal envisages including other things, creation of an operational Bharatiya Antariksh Station by 2035 and Indian Crewed Lunar Mission by 2040. All leading space faring nations are making considerable efforts & investments to develop & operationalize capabilities that are required for long duration human space missions and further exploration to Moon and beyond.

Gaganyaan Programme will be a national effort led by ISRO in collaboration with Industry, Academia and other National agencies as stake holders. The programme will be implemented through the established project management mechanism within ISRO. The target is to develop and demonstrate critical technologies for long duration human space missions. To achieve this goal, ISRO will undertake four missions under ongoing Gaganyaan Programme by 2026 and development of first module of BAS & four missions for demonstration & validation of various technologies for BAS by December, 2028.

The nation will acquire essential technological capabilities for human space missions to Low Earth Orbit. A national space-based facility such as the Bharatiya Antariksh Station will boost microgravity based scientific research & technology development activities. This will lead to technological spin-offs and encourage innovations in key areas of research and development. Enhanced industrial participation and economic activity in human space programme will result in increased employment generation, especially in niche high technology areas in space and allied sectors.

With a net additional funding of ₹11170 Crore in the already approved programme, the total funding for Gaganyaan Programme with the revised scope has been enhanced to ₹20193 Crore.

This programme will provide a unique opportunity, especially for the youth of the country to take up careers in the field of science and technology as well as pursue opportunities in microgravity based scientific research & technology development activities. The resulting innovations and technological spin-offs will be benefitting the society at large.