My election campaign began from Meerut in U.P and is ending at Khargone in M.P, both places closely associated with the First War of Independence of 1857: PM Modi
These elections are historic because the nation is geared up to give second term to a majority government after three decades: PM Modi in M.P.
Since assuming power in 2014, the BJP government has been inspired by the values of patriotism, efficient governance and ‘Antyoday’ as its guiding values: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय

ये मेरा सौभाग्य है कि 2019 के जनादेश के लिए आखिरी सभा करने में माता अहिल्याबाई और मां नर्मदा की गोद में आया हूं। साथियो, मेरे चुनाव अभियान की शुरुआत उत्त्तर प्रदेश के मेरठ से हुई थी। और आज इस चुनाव अभियान की आखिरी सभा मध्य प्रदेश के खरगोन में हो रही है। ऐतिहासिक नजर से देखें तो मेरा और खरगोन के बीच एक डोर ऐसी भी है जिस पर अक्सर ध्यान कम जाता है। शायद आप में से भी कई लोगों के लिए मेरी ये बात नई उत्साह नई प्रेरणा देगी। साथियो, मेरठ हो या खरगोन ये दोनों ही शहर राष्ट्रवाद की प्रेरणा से जुड़े हैं। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हैं। मेरठ में जहां अग्रेजों के खिलाफ सैनिकों ने आजादी के आंदोलन का बिगुल बजाया था। वहीं खरगौन की इस धरती पर महान योद्धा और स्वतंत्रता सेनानी भीमा नायक ने आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व किया और मां भारती की रक्षा के लिए अपने प्राण की आहुति दे दी। मैं 1857 की उस क्रांति के सभी योद्धाओं को और विशेषकर भीमा नायक को आज फिर एक बार अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इन महान आत्माओं को नमन करता हूं।

भाजपा की सरकार ने शहीद भीमा नायक जी की स्मृति में स्मारक का भी निर्माण करवाया है। और इसलिए मैं शिवराज जी और उनकी सारी टीम को बधाई देता हूं। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश इनकी जहां सीमाएं मिलती है वहां मानगढ़ कर के एक स्थान है। और हम सब को पता है कि गोविंद गुरु आदिवासी समाज में राष्ट्रभक्ति जगाकर के अंग्रेजों को लोहे के चने चबाने को मजबूर कर दिया था। ऐसे महान गोविंद गुरु के स्मृति में मानगढ़ में एक भव्य स्मारक बनवाया है। और जब मैं गुजरात में था तो अक्सर गोविंद गुरु को श्रद्धांजलि देने साल में एक बार जरूरी जाता था। और मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के आदिवासियों के बड़ा श्रद्धापूर्वक मेला आज भी मानगढ़ में लगता है। और इसलिए ये मेरा सौभाग्य है कि इस चुनाव अभियान के आखिरी सभा में मुझे जनजाति समुदाय, आदिवासी भाइयों के और बहनों के दर्शन करने का और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिला है। साथियो, इस रविवार को जब आप मतदान केंद्र पर पहुंचेंगे तो इतिहास रचने वाले हैं। आप दशकों बाद दशकों बाद लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाले हैं। इस बार आप सिर्फ एक वोट नहीं डालने वाले बल्कि विकसित और वैभवशाली नए भारत की नींव को मजबूत करने वाले हैं।

साथियो, लोकतंत्र में चुनाव सरकार बनाने के लिए होता है। राजनीतिक दल और जनप्रतिनिधि उम्मीदवार आपसे अपनी अपनी नीयत और नीति के हिसाब से वोट मांगते हैं। लेकिन 2019 का ये चुनाव पहले के चुनाव से भिन्न है। अभूतपूर्व है, इस चुनाव का नेतृत्व देश की जनता कर रही है। आप लोग कर रहे हैं। मतदान किसी दल के नहीं बल्कि पूरा देश, देश का हर मतदाता इस बार मतदान देश के लिए कर रहा है। जनता सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि देश बनाने के लिए देश का भविष्ट बनाने के लिए 21वीं सदी का नया भारत बनाने के लिए जनता जनार्दन खुद मैदान में हैं। भाइयो-बहनो, मैंने सालों तक पार्टी का काम किया है। मैं कभी मध्य प्रदेश का भी प्रभारी रहा हूं, यहां के हर जिले को छान मारा है। जब गुजरात में चुनाव होता था, तो मुझे धार, खरगोन, झाबुआ सब लोग मदद देते थे। जब यहां चुनाव होता था तो मैं भी मदद के लिए आता था। मेरा परिचय आप लोगों से बहुत पुराना है। मेरी और आपकी भाषा भी एक है हम एक जैसे ही बोलते हैं। हम इतनी बड़ी पार्टी है, कुशाभाऊ ठाकरे जैसे महापुरुषों की तपस्या से बनी पार्टी है। लेकिन मैं बताऊ? कोई बुरा मत मानना भाई, चुनाव के दिन है कोई बुरा मत मानना।

मैं संगठन मंत्री तब भी, मैं पार्टी के संगठन का काम करता था तब भी। हमने पार्टी को इतनी बड़ी बनाई तो भी। इतने चुनाव के कालखंडों के बाद सातवां चरण चलता हो, आखिरी दिन हो, आखिरी सभा हो किसी संगठन की ताकत नहीं है इतनी बड़ी सभा करने की। इंपॉसिबल, मैं तो सर झुका कर के कहता हूं। मैं सगंठन का काम करता तो नहीं कर पाता। ये पार्टी का दबदबा नहीं है। ये आपके दिलों की आवाज है भाइयो-बहनो। दिल्ली में लोग चर्चा करते हैं, चुनाव उब चुका है, थक गए हैं, लंबा हो गया है। ये जो थके हुए लोग हो न ये मेरे आदिवासियों के बीच आके बैठो नई ऊर्जा मिल जाएगी। ये पॉलिटिकल पंडित जरा समझो देश का मिजाज क्या है? अद्भुत, 100-100 सलाम आपको, आपने 2019 के चुनाव में एक नया रंग भर दिया भाइयो, और मेरे आदिवासियों ने भर दिया। मैं जितना आपका धन्यवाद करूं कम है। भाइयो-बहनो, 21वीं सदी के भारत के नए भारत के इन्हीं निर्माताओं के उत्साह का परिणाम है कि आज देश कश्मीर से कन्याकुमारी, कच्छ से कामरूप। पूरा देश कह रहा है अबकी बार मोदी सरकार। अबकी बार मोदी सरकार। और तीन चार दिन से तो मैं सुन रहा हूं अबकी बार 300 पार, अबकी बार 300 पार, अबकी बार 300 पार। फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार।

भाइयो और बहनो, मुझे प्रसन्नता है कि देश राष्ट्र भक्ति की प्रेरणा अंत्योदय के दर्शन और सुशासन के मंत्र को लेकर चल रही भारतीय जनता पार्टी के प्रति अपना विश्वास हिम्मत और हौसले के साथ प्रकट कर रही है। मुझे संतोष है कि हमारे सूपतों के सम्मान में, शौर्य के सम्मान में पूरा देश खड़ा हो रहा है। भाइयो-बहनो, आतंकवाद और नक्सलवाद को खत्म करने की हमारी प्रतिबद्धता को जनता जनार्धन का भरपूर समर्पण मिला है। ये देश की भावना है कि आतंकियों को घर मे घुसकर मारा जाए। मेरे आदिवासी भाइयो-बहनो, मुझे बताइए ये घर में घुसकर मारने वाला रास्ता सही है या गलत है। आप खुश है ये मोदी घर में घुसकर के मारता है तो आपका सीना चौड़ा होता है, आपका माथा ऊंचा होता है। हर हिंदुस्तानी को गर्व होता है। भाइयो-बहनो, यही आपके दिल की बात को जवाब दिया है। हमारे वीर सपूतों ने। आइए हम वीर सूपतों का जितना गौरव करें कम है। यही नए भारत की नीति होनी चाहिए। भाइयो-बहनो, कांग्रेस सैनिकों से विशेषाधिकार छीनने पर और देशद्रोह का कानून खत्म करने जैसे विषयों को लेकर जनता के बीच गई। जिसको देश ने ठुकरा दिया है। देश इस बात पर एकमत है कि जो लोग जम्मू-कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की पैरवी कर रहे हैं। उन्हें इस चुनाव में बड़ी से बड़ी सजा दी जाए। देनी चाहिए कि नहीं देनी चाहिए?

भाइयो-बहनो, पूरा हिंदुस्तान दे रहा है और आप भी देने वाले हैं मुझे पूरा भरोसा है। देश उन लोगों को भी कड़ी सजा देना चाहता है। जो सोचते हैं कि सेना में आप सुनकर के हैरान हो जाओगे। कर्नाटक में कांग्रेस ने जिनको मुख्यमंत्री बनाया है उस मुख्यमंत्री का बयान है, और मेरे आदिवासी भाई ये सुरक्षाबलों में यूनिफॉर्म की दुनिया में देश की इतनी बड़ी सेवा करते हैं हम उनका उपकार कभी नहीं भूल सकते। इतना काम करते हैं। मैं सबको जानता हूं। लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस ने जिनको मुख्यमंत्री बनाया। उन्होंने एक बायन दिया है, ये बयान सुनने के बाद इस देश का कोई व्यक्ति आने वाले 100 साल तक कभी कांग्रेस को वोट नहीं देगा। ऐसा गंदा बयान दिया है। और अभी तक कांग्रेस ने इस बयान से उनका लेना देना नहीं है ये बोलने की हिम्मत भी नहीं की है। सत्ता का नशा सत्ता का शौक कांग्रेस के सर पर इतना हावी है कि इतना बड़ा गुनाह है फिर भी कांग्रेस के मुंह से आवाज नहीं निकल रही है। भाइयो-बहनो, ये कांग्रेस ने जिनको मुख्यमंत्री बनाया है उन्होंने क्या कहा है मैं बताउं आपको? बताउं? बताऊं?उसके बाद ये पूरे हिंदुस्तान में और मध्य प्रदेश में जीवन में कभी कांग्रेस को वोट मत देना। उन्होंने क्या कहा मैं बताता हूं? उन्होंने ये कहा कि सेना में वो लड़के जाते हैं जिनको खाने के लिए रोटी नहीं है। वो भूखे मरते हैं इसलिए सेना में जाते हैं।

भाइयो-बहनो, ये हमारे संतानों का अपमान है कि नहीं है, आदिवासियों का अपमान है कि नहीं? वीर-माताओं का अपमान है कि नहीं है? ये देश की सेना का अपमान है कि नहीं? अरे कांग्रेस के चेले चपाटो और उनके साथियो, क्या भाषा बोल रहे हो? अरे मेरा आदिवासी बच्चा जब सीमा पर जाकर खड़ा रहता है वो रोटी खाने के लिए नहीं वो गोली खाने के लिए तैयार रहता है। वो अपने सपने के लिए, वो मेरे देश के सपनों के लिए जिंदगी खपा देता है। क्या ये वीरों का अपमान, मेरे आदिवासी भाइयो-बहनो का अपमान, मेरी वीर माताओं का अपमान क्या ये देश सहन करेगा क्या? करना चाहिए क्या ? उनको सजा देनी चाहिए कि नहीं चाहिए? भाइयो-बहनो, मैं हमारे जनजातीय समाज, आदिवासी समाज का आभारी हूं कि उन्होंने कांग्रेस की सच्चाई को पूरी तरह पहचाना है, और हमेशा हमेशा के लिए कांग्रेस उनके झूठ, उनके प्रपंच उसको नाकार दिया है, और अब आदिवासी समाज कांग्रेस के झूठ को कांग्रस को ही सवाल पूछने लगे हैं। मैं आपको क्योंकि मैं गुजरात से आता हूं वहां बहुत बड़ा आदिवासी समाज है, उनके बीच रहकर के आया हूं। उनकी समस्याओं को जानने वाला इंसान हूं। इतना ही नहीं मेरी एक किताब है आदिवासियों के कल्याण के लिए कौन सा रास्ता हो। बहुत साल पहले लिखी एक किताब है। मेरा क्या कमिटमेंट है तब तो मैं प्रधानमंत्री भी नहीं था। जिस प्रकार से काम करता हूं, मैंने जवानी के कुछ साल सिर्फ आदिवासी इलाके में जनसेवा में एक वॉलिंटियर के रुप में बिताए हैं। इसलिए मैं आदिवासी समाज के सुख-दुख को जानता हूं। मैं आपको इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि जब तक मोदी है जब तक बीजेपी है तब तक जंगल में रहने वालों के अधिकारों को उनकी जमीन को कोई हाथ नहीं लगा सकता। ये झूठ फैलाने वालों को सजा दो। आपके अंदर विभाजन करने का खेल खेलने वालों को जवाब दो। आपको दुविधा में डालने का नाटक ये अटल जी के सरकार के समय भी ऐसे ही चलाया था। यही उनका खेल है। उनको आदिवासियों का कल्याण नहीं करना है। मेरी तो किताब है आप तो पढ़े लिखे हो, एकेडमी में इंटररेस्टेड हो जरूर उस किताब को पढे। कि हमारी भावना क्या है?

साथियो, आपका ये सेवक आदिवासी समाज की पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई और जन, जन की सुनावई के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रहा है। पढ़ाई के लिए देशभर में एकलव्य स्कूलों का एक व्यापक नेटवर्क बनाया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों में विश्वस्तरीय खिलाड़ी तैयार करने का हमने अभियान चलाया है। वन धन केंद्रों के माध्यम से वन उपज में मूल्य वृद्धि करने के लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं। जिससे वन उपज की अधिक कीमत मिलनी तय हुई है। यही नहीं आदिवासी कलाकृतियों को दुनिया भर के मार्केट में ऑनलाइन पहुंचाने के लिए भी हमने पूरी तरह सरकार को काम में लगाया है। आदिवासी संस्कृति और परंपरा को तकनीक के माध्यम से संरक्षित किया जा रहा है। इसके अलावा आजादी के लिए शहीद हुए आदिवासी वीर वीरांगनाओं के लिए देशभर में स्मारकों पर कम चल रहा है। जैसा मैंने भीमा नायक की बात बताई, जैसा मैंने गोविंद गुरु की बात बताई, जैसा हम झारखंड में बिरसा मुंडा जी के लिए कर रहे हैं। सारे देश में करने वाले हैं, भाइयो-बहनो, आज मैं उस किसान का भी आभार व्यक्त करता हूं। जिसने निरंतर अपने इस सेवक पर भरोसा रखा है।

बीते पांच वर्ष में बीज से लेकर बाजार तक की एक मजबूत व्यवस्था बनाने के लिए जो कदम उठाए हैं उनको हम और गति देने वाले हैं। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना, डबल करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। लागत कम हो, मूल्य उचित मिले ये हमारा निरंतर प्रयास रहा है। अन्नदाता अब ऊर्जादाता भी बने इसके लिए हम कदम बढ़ा चुके हैं। भाइयो-बहनो, हमारे देश में किसान छोटी जमीन हो, बड़ी जमीन हो। जहां सिंचाई है, नदी का पानी है, तालाब है। वहां तो दो तीन फसल ले पाता है। लेकिन ज्यादातर किसान मुश्किल से एक फसल ले पाते हैं। हम अब उस जमीन में सोलर पैनल लगाएं, बिजली पैदा करें और राज्य सरकार वो बिजली खरीदे ताकी हमारा किसान 12 महीने कमाई करता रहे, सूरज की शक्ति से कमाता रहे इस दिशा में काम कर रहे हैं। किसानों को बिजली की जरूरत न पड़े, सोलर पंप का खर्चा भी नहीं, सूरज की शक्ति से पंप चले। रात को जागना भी नहीं, दिन में पंप चले, खेत में पानी पहुंचे इस पर हमारी सरकार बहुत तेजी से काम कर रही है। सौर भर्जा के द्वारा, सूर्य शक्ति के द्वारा सिंचाई भी मुफ्त हो, बिजली भी पर्याप्त मिले। और अतिरिक्त बिजली से कमाई हो। ये काम हम कर रहे हैं। साथियो, हम किसानों को सशक्त बनाने में जुटे हैं। इसी सोच के तहत ही किसानों के खाते में सीधे पैसे जमा किए जा रहे हैं। अब तो हमने ये भी तय किया है कि अब देश के हर किसान परिवार के खाते मे ये मदद सीधी भेजी जाएगी। ये झूठ बोलने वालों की जो जमात है उनके पास अपने शासन का हिसाब देने की हिम्मत नहीं है। अपने किए हुए कामों की बात बताने की हिम्मत नहीं है। इसलिए झूठ बोलते हैं, मुझे बताया गया है कि एक झूठ ऐसा चल रहा है कि ये मोदी जो किसानों के खाते में पैसा जमा करता है वो तो चुनाव होने के बाद वापस ले लेगा। ये क्या झूठ बोल रहे हो भाई। मेरे भाइयो-बहनो, ये जो भारत सरकार किसानों के खाते में जो पैसा जमा कर रही है, वो पैसे आपके हैं। आप उसके मालिक हैं, दुनिया की कोई ताकत आपसे वो पैसा वापस नहीं ले सकती है। और ये पैसे एक बार के लिए नहीं है, ये साल में तीन बार मिलेंगे। और हर वर्ष मिलेंगे। कोई इसको बंद नहीं कर पाएगा ये मैं आपको लिखित कर के जाता हूं। साथ ही छोटे किसानों, खेत मजदूरों और छोटे दुकानदारों को ये भी बहुत बड़ा काम 23 तारीख को जब चुनाव नतीजे आएगा। फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। 23 तारीख को नतीजे आएंगे फिर एक बार मोदी सरकार बनेगी तो हम आजादी के बाद इतनी सरकारें आईं, हम पहली बार एक बड़ा काम करने वाले हैं। हमारा किसान हो, हमारा मजदूर हो, हमारा खेत मजदूर हो। हमारा ऑटो रिक्शा चलाने वाला हो। हमारा छोट दुकानदार हो। छोटे छोटे ठेले लेकर के अपना माल बेचने वाला दुकानदार हो। कोई कपड़े की फेरी करने वाला हो, कोई बर्तन की फेरी करने वाला हो, कोई अखबार बेचने वाला हो, कोई दूध बेचने वाला हो। ये जितने भी छोटे छोटे लोग हैं, देश में 40 करोड़ लोग ऐसे हैं, भाइयो-बहनो, हमने तय किया है कि 60 साल की उम्र होने के बाद ऐसे लोगों को हर महीने पेंशन कैसे मिले इसकी योजना लेकर के हम आएं हैं। ताकी बुढ़ापे में किसी पर मोहताज न रहना पड़े, वो सम्मान के साथ जी सके, और इसलिए 60 साल के बाद किसान के लिए खेत मजदूर के लिए, छोटे दुकानदार के लिए हर महीने पेंशन 60 साल के बाद मिले। इसकी एक बहुत बढ़िया योजना बनाने के लिए मैंने सरकार में बोल दिया है। और फिर एक बार मोदी सरकार बनेगी ये भी मैं लेकर के आ जाऊंगा। इतना ही नहीं, मंडियों को बिचौलियां मुक्त करने के लिए किसान को उचित दाम दिलाने के लिए इनाम जैसी व्यवस्था पूरे देश में सशक्त की जा रही है। भाइयो-बहनो, देश के किसान को हमारी बात पर आज अगर विश्वास हो रहा है तो सिर्फ इसलिए क्योंकि वो मानता है कि ईमानदारी से काम सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही कर सकती है। जबकी कांग्रेस और उसके महामिलावटी साथियों पर अविश्वास इसलिए है क्योंकि वो सिर्फ धोखा देना जानते हैं।

यहां विधानसभा का चुनाव अभी डेढ़ सौ दिन पहले ही हुआ है। उसस चुनाव में ये कांग्रेस वालों ने घूम घूम कर, आपको गले गले लगाकर के आपको गिनती सिखाई थी। गिनती सिखाई थी न? वन, टू, थ्री, कहा था न? एक से दस और सिर्फ दस दिन के भीतर ही किसान का कर्ज माफ कर देंगे। ये कहा था कि नहीं था? आपने सुना था ? ऐसे नहीं पूरी ताकत से बताओ ? आपने सुना था ? उनका वादा था कि नहीं था ? दस दिन हो गए कि नहीं हुए? 30 दिन हो गए कि नहीं गए? 50 दिन हो गए कि नहीं हो गए? 100 दिन हो गए कि नहीं हो गए? 150 दिन होने वाले हैं कि नहीं होने वाले हैं? मुझे बताइए कर्ज माफ हुआ क्या ? कर्ज माफ हुआ क्या? ये झूठ बोलते हैं कि नहीं बोलते हैं? ये धोखा देते हैं कि नहीं देते हैं? यहां का किसान परेशान है क्योंकि बैंक नया कर्ज नहीं दे रहा और घर पर पुलिस भेज रहा है। अब एमपी का किसान पूछ रहा है कि हमारी कर्जमाफी का क्या हुआ? जिन्होंने कर्जमाफी नहीं की न उनको कहो माफ करो जाओ अब तुम्हारा काम नहीं, उनको भगाओ। साथियो, बिजली के वादे के साथ तो इन्होंने ऐसा खेल कर दिया कि अच्छे अच्छे चकरा जाए। इनका दिमाग बड़ा गजब का है। बड़ा शैतानी दिमाग है। उन्होंने वादा किया था कि बिजली का बिल हाफ करेंगे। कहा था कि नहीं था? लेकिन ये शैतानी दिमाग देखिए, शैतानी दिमाग कैसे शैतानी काम करवाता है उन्होंने क्या किया, बिल हाफ नहीं किया, बिजली हाफ कर दी। वादा किया था कर्जमाफी न होने पर मुख्यमंत्री को बदलने का लेकिन एमपी में मुख्यमंत्री तो नहीं बदला, आज एमपी में ढाई मुख्यमंत्री बैठा दिए हैं। और इसलिए अफसरों को भी मजा है वो उसको पूछने जाता है, वो उसको पूछना जाता है। वो पहले वाले के पास भेजता है। सब चक्कर काट रहे हैं कोई काम नहीं हो रहा है। ढाई मुख्यमंत्री बैठे हैं भाई, डेढ़ होते हैं तो कितनी परेशानी होती है, ये ढाई होने पर तो क्या क्या होता है भइया। साथियो ढाई सीएम की सरकार के कारनामे तो आप देख ही रहे हैं, यहां ट्रांसफर कर कर्मचारियों को परेशान करने का उद्योग ट्रांसफर उद्योग ये गोरखधंधे का नया खेल हैं। बराबर फल फूल रहा है। अपराधी और डकैत सिर उठा रहे हैं। दलित और आदिवासी छात्र छात्राएं आवास भत्ते के लिए तरस रहे हैं। दिल्ली से आपके इस सेवक ने आदिवासी बच्चों, प्रसूता बहनों को कुपोषण से भूख से बचाने के लिए जो पैसा भेजा वो भी उन्होंने चुनाव प्रचार में लगा दिया।

साथियो, तुगलक रोड चुनाव घोटाला पूरे देश ने देखा है। कांग्रेस के नेताओं के घर से करोड़ों रुपये बोरे में भर भर के मिले हैं। आपने टीवी पर देखा कि नहीं देखा? सरकार को अभी तो 60 दिन नहीं हुए थे और खेल चालू कर दिया। 15 साल का पुराना भी लाओ, कुछ बचेगा क्या आपके पास? कुछ बचेगा क्या ? ये मध्य प्रदेश बचेगा क्या ? भाइयो-बहनो, एक उंगली दबाने की गलती ने पूरे मध्य प्रदेश को तबाह कर दिया है। ऐसी नीयत रखने वालों पर भला देश कैसे विश्वास कर सकता है। यही कारण है कि कांग्रेस और उसके तमाम महामिलावटी दलों को देश हर स्तर पर नाकारता जा रहा है। साथियो, आज मैं उन बेटियों, बहनों, माताओं का भी बहुत-बहुत आभारी हूं, जिन्होंने आगे आकर अपने इस सेवक को भाजपा को आशीर्वाद दिया है। मैं हर बहन बेटी को ये आश्वासन करता हूं आश्वास्त करता हूं कि बीते पांच वर्ष में महिला सशक्तिकरण की जो यात्रा देश ने शुरू की है। उसको आने वाले पांच वर्षों में और मजबूत किया जाएगा। भाइयो-बहनो, बीते पांच वर्ष में स्कूल-स्कूल में घर –घर में हमने बहन बेटियों के लिए शौचालय बनाया। गांव गांव गरीब के घर, घर तक बिजली ये करने का हमने बीड़ा उठाया। गरीब से गरीब के घर में मुफ्त गैस का कनेक्शन दिया। अब आने वाले पांच वर्षों में हम पानी की समस्या पर पूरी तरह समर्पित भाव से काम करने वाले हैं। भाइयो-बहनो, हमारे देश में एक बहुत बड़े चिंतक राजनेता हो गए राम मनोहर लोहिया जी। आज ये समाजवाद के नाम धन के अंबारों पर जितने नेता बैठे हैं न लाल टोपी पहनकर के निकल जाते हैं। समाजवाद के नारे देते हैं, राम मनोहर लोहिया जी ने 50 साल पहले कहा था कि हमारे देश की महिलाओं की दो समस्याएं मुख्य है। एक पानी की और दूसरी पैखाने की। हमारे देश के महिलाओं की दो मुसीबत सबसे पहले दूर कर लीजिए। 50 साल पहले समाजवादी डॉक्टर राम मनोहर लोहिया जी ने कहा था। नेहरू के सामने खड़े होकर के बोलते थे, बार बार बोलते थे।

भाइयो-बहनो, इन लोगों ने नहीं सुनी, ये मोदी है मैंने पिछले पांच साल लोहिया जी का वो सपना पूरा करने के लिए पैखाने की चिंता की शौचालय बनाने का अभियान चलाया। माताओं-बहनों को इज्जत देने में खप गया। आने वाले पांच वर्ष मेरी माताएं–बहनें मैं आपके लिए मेरे किसान भाई-बहन मैं आपके लिए, मेरी पूरी ताकत पानी के लिए लगाने वाला हूं। घर-घर पीने का शुद्ध पानी मिले, किसान को सिंचाई के लिए पानी मिले। मेरे देश की बहुत सी समस्याओं का समाधान पानी से करने का मेरा इरादा है। मेरी जिन बहनों को पानी की तलाश के लिए दूर –दूर तक भटकना पड़ता है। उनके जीवन को हम आसान बनाने वाले हैं। साथियो, मैं हर उस सामान्य परिवार का आज आभार व्यक्त करता हूं जो चट्टान की तरह मेरे साथ खड़ा रहा है। बीते पांच वर्ष में हमने गरीबों के लिए डेढ़ करोड़ पक्के घर बनाए। ये कांग्रेस के मुकाबले 6 गुना ज्यादा है। हम 2022 तक हर गरीब को घर देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस देश का कोई गरीब ऐसा नहीं होगा जिसको पक्का घर नहीं होगा। ये मोदी का वादा है। मैं फिर आपको कहूंगा कि जिस पक्के घर का सपना आपने देखा है, वो सपना सिर्फ आपका नहीं है। मेरे हर गरीब भाई-बहन, हर बेघर भाई-बहन जो सपना आपका है। आज लिख लीजिए आपका सपना मेरा सपना भी है। और आपका सपना है तो मेरा सपना संकल्प से भरा हुआ है। मैं संकल्प लेकर के इस सपनों को साकार करना चाहता हूं। भाइयो-बहनो, आज आयुष्मान भारत योजना देश को गरीब को ये विश्वास दिया है कि अब पैसों की कमी बेहतर स्वास्थ्य के आड़े नहीं आएगी। पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज आज अनेक परिवारों को बीमारी के साथ साथ भीषण गरीबी में जाने से भी बचा रहा है।भाइयो-बहनो, मैंने चुनाव प्रचार की शुरुआत ये कहकर की थी कि बीते पांच वर्ष मूल आवश्यकताओं की पूर्ति के थे और आने वाले पांच वर्ष आशाओं और आकाक्षाओं की पूर्ति के होंगे। हमारी सोच और विजन स्पष्ट है। दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश छोटे सपने नहीं देख सकता। सपने, आकाक्षाएं और लक्ष्य तो ऊंचे ही होने चाहिए। मेरा पूरा विश्वास है कि हम बड़े लक्ष्य की तरफ ईमानदारी से प्रयास करेंगे तो उसे प्राप्त भी करेंगे। साथियो, एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था हम बनाएंगे जहां कोई भी छूटा हुआ महसूस न करे। हर व्यक्ति विकास से जुड़ाव महसूस करे। देश के हर व्यक्ति के पास बैंक अकाउंट हो, गांव गांव गरीब से गरीब की भी बैंक तक पहचान हो। डिजिटल लेन-देन सामान्य जीवन का हिस्सा बने। गांव-गांव में तेज इंटरनेट की पहुंच हो। ऐसे नए भारत के निर्माण के लिए हम निकले हैं।

भाइयो-बहनो, सारे संकल्प तभी सिद्ध हो पाएंगे जब पूरी निष्ठा से हम सभी नए भारत की यात्रा में जुड़ेंगे। मेरी खरगोन और धार के सभी मतदाताओं से अपील है कि 19 मई को भारी संख्या में मतदान केंद्र पर पहुंचे। कमल निशान पर बटन दबाएं। मजबूत भारत के लिए एक मजबूत सरकार के लिए अपना भरपूर समर्थन दें, और भाइयो-बहनो, जब आप पोलिंग बूथ में जाएंगे कमल के निशान पर बटन दबाएंगे। जब आपकी उंगली कमल के निशान पर बटन दबाएगी आपको तो पांच सेकेंड लगेगा। लेकिन मैं पांच साल के लिए आपको लिए खपा दूंगा। आपकी पांच सेकेंड मेरे पांच साल की मालिक बन जाएगी। आप मेरे मालिक हैं, आप ही मेरा हाई कमांड है। आप जब कमल के निशान पर बटन दबाएंगे तब वो सिर्फ आप उंगली नहीं दबा रहे हैं। आप आतंकियों के सीने में गोली मारने वाला ट्रिगर दबा रहे हैं। आप जब कमल के निशान पर बटन दबाते हैं तब दुनिया में तिरंगा झंडा ऊंचा दिखे ये काम कर रहे हैं। आप जब कमल के निशान पर बटन दबाते हैं तब देश की माताओं-बहनों की सुरक्षा के लिए बटन दबाते हैं। आप कमल निशान पर बटन दबाते हैं तब देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी तय करते हैं। भाइयो-बहनो, आप कमल के निशान पर बटन दबाते हो तब हमारे देश के किसान सच्चे अर्थ में भारत के भाग्य विधाता बने इसलिए कमल के निशान पर बटन दबाते हो। और इसलिए मैं कहता हूं आपकी पांच सेकेंड मेरी पांच साल। आपकी पांच सेकेंड मेरी पांच साल। आप मुझे पांच सेकेंड कमल के निशान पर बटन दबाइए, ये पांच साल आपको समर्पित करने के लिए आया हूं।

भाइयो-बहनो, आज मैं भीमा नायक की धरती पर हूं, मैंने मेरठ से देश का धन्यवाद करने के लिए ये यात्रा शुरू की थी। आजा भीमा नायक की इस धरती से मैं देश को धन्यवाद करने की मेरी यात्रा का मैं आज समापन कर रहा हूं। मैं पांच साल आपने जो सहयोग दिया, मैं भीमा नायक की धरती से शहीद वीर की धरती से समग्र देश को कह रहा हूं, देश के सभी मतदाताओं को कह रहा हूं। जिनका मतदान हो चुका है। उनको भी कह रहा हूं। 19 तारीख को जिनका मतदान होने वाला है उनको भी कह रहा हूं कि पांच साल आपने जो मुझे प्यार दिया, जो आशीर्वाद दिया, जो मेरा समर्थन किया। हर समय आप मेरे साथ चले, मेरा हौसला बुलंद किया, इसके लिए सर झुका कर के देशवासियों का आपका नमन करता हूं, धन्यवाद करता हूं और आने वाले पांच साल के लिए मेरे देशवासियों जिन्होंने आशीर्वाद दिया है, और जो 19 को आशीर्वाद देने वाले हैं। उन सबका, उन सबका मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपके सपने को पूरा करने के लिए आपके पांच सेकेंड को मेरे पांच साल से मैं पूरी तरह चुकाउंगा। ये मैं विश्वास दिलाता हूं। भाइयो-बहनो, मैं फिर एक बार इस 2019 के चुनाव के आखिरी पड़ाव पर, आखिरी सभा में देशवासियों का अंतःकरण पूर्वक आभार मानता हूं। और आपने मुझे दोबारा जिम्मेदारी देने का जो फैसला कर लिया है, इसके लिए भी मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। और कमल के निशान पर जब आप बटन दबाएंगे आपका वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाएगा।
मेरे साथ बोलिए, भारता माता की जय

दोनों मुट्ठी ऊपर कीजिए, बराबर मुट्ठी भींच करके पूरी ताकत से लगना चाहिए कि भीमा नायक की धरती है। ये वीर पूत्रों की धरती है, ये वीर माताओँ की धरती है।
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय
बहुत बहुत धन्यवाद, देशवासियों को प्रणाम

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PM chairs Fifth National Conference of Chief Secretaries in Delhi
December 28, 2025
Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence in governance, delivery and manufacturing: PM
PM says India has boarded the ‘Reform Express’, powered by the strength of its youth
PM highlights that India's demographic advantage can significantly accelerate the journey towards Viksit Bharat
‘Made in India’ must become a symbol of global excellence and competitiveness: PM
PM emphasises the need to strengthen Aatmanirbharta and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect’
PM suggests identifying 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience
PM urges every State must to give top priority to soon to be launched National Manufacturing Mission
PM calls upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and make India a Global Services Giant
PM emphasises on shifting to high value agriculture to make India the food basket of the world
PM directs States to prepare roadmap for creating a global level tourism destination

Prime Minister Narendra Modi addressed the 5th National Conference of Chief Secretaries in Delhi, earlier today. The three-day Conference was held in Pusa, Delhi from 26 to 28 December, 2025.

Prime Minister observed that this conference marks another decisive step in strengthening the spirit of cooperative federalism and deepening Centre-State partnership to achieve the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised that Human Capital comprising knowledge, skills, health and capabilities is the fundamental driver of economic growth and social progress and must be developed through a coordinated Whole-of-Government approach.

The Conference included discussions around the overarching theme of ‘Human Capital for Viksit Bharat’. Highlighting India's demographic advantage, the Prime Minister stated that nearly 70 percent of the population is in the working-age group, creating a unique historical opportunity which, when combined with economic progress, can significantly accelerate India's journey towards Viksit Bharat.

Prime Minister said that India has boarded the “Reform Express”, driven primarily by the strength of its young population, and empowering this demographic remains the government’s key priority. Prime Minister noted that the Conference is being held at a time when the country is witnessing next-generation reforms and moving steadily towards becoming a major global economic power.

He further observed that Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence and urged all stakeholders to move beyond average outcomes. Emphasising quality in governance, service delivery and manufacturing, the Prime Minister stated that the label "Made in India' must become a symbol of excellence and global competitiveness.

Prime Minister emphasised the need to strengthen Aatmanirbharta, stating that India must pursue self-reliance with zero defect in products and minimal environmental impact, making the label 'Made in India' synonymous with quality and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect.’ He urged the Centre and States to jointly identify 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience in line with the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised the need to map skill demand at the State and global levels to better design skill development strategies. In higher education too, he suggested that there is a need for academia and industry to work together to create high quality talent.

For livelihoods of youth, Prime Minister observed that tourism can play a huge role. He highlighted that India has a rich heritage and history with a potential to be among the top global tourist destinations. He urged the States to prepare a roadmap for creating at least one global level tourist destination and nourishing an entire tourist ecosystem.

PM Modi said that it is important to align the Indian national sports calendar with the global sports calendar. India is working to host the 2036 Olympics. India needs to prepare infrastructure and sports ecosystem at par with global standards. He observed that young kids should be identified, nurtured and trained to compete at that time. He urged the States that the next 10 years must be invested in them, only then will India get desired results in such sports events. Organising and promoting sports events and tournaments at local and district level and keeping data of players will create a vibrant sports environment.

PM Modi said that soon India would be launching the National Manufacturing Mission (NMM). Every State must give this top priority and create infrastructure to attract global companies. He further said that it included Ease of Doing Business, especially with respect to land, utilities and social infrastructure. He also called upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and strengthen the services sector. In the services sector, PM Modi said that there should be greater emphasis on other areas like Healthcare, education, transport, tourism, professional services, AI, etc. to make India a Global Services Giant.

Prime Minister also emphasized that as India aspires to be the food basket of the world, we need to shift to high value agriculture, dairy, fisheries, with a focus on exports. He pointed out that the PM Dhan Dhanya Scheme has identified 100 districts with lower productivity. Similarly, in learning outcomes States must identify the lowest 100 districts and must work on addressing the issues around the low indicators.

PM also urged the States to use Gyan Bharatam Mission for digitization of manuscripts. He said that States may start a Abhiyan to digitize such manuscripts available in States. Once these manuscripts are digitized, Al can be used for synthesizing the wisdom and knowledge available.

Prime Minister noted that the Conference reflects India’s tradition of collective thinking and constructive policy dialogue, and that the Chief Secretaries Conference, institutionalised by the Government of India, has become an effective platform for collective deliberation.

Prime Minister emphasised that States should work in tandem with the discussions and decisions emerging from both the Chief Secretaries and the DGPs Conferences to strengthen governance and implementation.

Prime Minister suggested that similar conferences could be replicated at the departmental level to promote a national perspective among officers and improve governance outcomes in pursuit of Viksit Bharat.

Prime Minister also said that all States and UTs must prepare capacity building plan along with the Capacity Building Commission. He said that use of Al in governance and awareness on cyber security is need of the hour. States and Centre have to put emphasis on cyber security for the security of every citizen.

Prime Minister said that the technology can provide secure and stable solutions through our entire life cycle. There is a need to utilise technology to bring about quality in governance.

In the conclusion, Prime Minister said that every State must create 10-year actionable plans based on the discussions of this Conference with 1, 2, 5 and 10 year target timelines wherein technology can be utilised for regular monitoring.

The three-day Conference emphasised on special themes which included Early Childhood Education; Schooling; Skilling; Higher Education; and Sports and Extracurricular Activities recognising their role in building a resilient, inclusive and future-ready workforce.

Discussion during the Conference

The discussions during the Conference reflected the spirit of Team India, where the Centre and States came together with a shared commitment to transform ideas into action. The deliberations emphasised the importance of ensuring time-bound implementation of agreed outcomes so that the vision of Viksit Bharat translates into tangible improvements in citizens’ lives. The sessions provided a comprehensive assessment of the current situation, key challenges and possible solutions across priority areas related to human capital development.

The Conference also facilitated focused deliberations over meals on Heritage & Manuscript Preservation and Digitisation; and Ayush for All with emphasis on integrating knowledge in primary healthcare delivery.

The deliberations also emphasised the importance of effective delivery, citizen-centric governance and outcome-oriented implementation to ensure that development initiatives translate into measurable on-ground impact. The discussions highlighted the need to strengthen institutional capacity, improve inter-departmental coordination and adopt data-driven monitoring frameworks to enhance service delivery. Focus was placed on simplifying processes, leveraging technology and ensuring last-mile reach so that benefits of development reach every citizen in a timely, transparent and inclusive manner, in alignment with the vision of Viksit Bharat.

The Conference featured a series of special sessions that enabled focused deliberations on cross-cutting and emerging priorities. These sessions examined policy pathways and best practices on Deregulation in States, Technology in Governance: Opportunities, Risks & Mitigation; AgriStack for Smart Supply Chain & Market Linkages; One State, One World Class Tourist Destination; Aatmanirbhar Bharat & Swadeshi; and Plans for a post-Left Wing Extremism future. The discussions highlighted the importance of cooperative federalism, replication of successful State-level initiatives and time-bound implementation to translate deliberations into measurable outcomes.

The Conference was attended by Chief Secretaries, senior officials of all States/Union Territories, domain experts and senior officers in the centre.