In Bengal, PM Modi praises Harichand Thakur, Bibhutibhushan Bandyopadhyay, Rabindranath Tagore
Politics of waiver of farmer loans an effort to throw dust in their eyes: PM Modi on Congress
PM Modi says the rural population has suffered under Mamata Didi Govt and she is driven to violence out of fear and desperation
Our budget has benefited 3 crore taxpayers, 12 crore farmers and 40 crore labourers: PM Modi
I now understand why Mamata Didi is so scared to have us here. It is your love for us that scares her: PM in Bengal

भारत माता की ...जय। भारत माता की...जय।

नमस्कार!

जिस स्थान के नाम में ही दुर्गा हो, उस जगह पर इतनी विशाल संख्या में आप लोग आशीर्वाद देने के लिए आए, ये मेरे लिए सबसे बड़ा सौभाग्य है। अभी मुझे ठाकुरनगर में अपना संबोधन और वहां की भीड़ का अभूतपूर्व उत्साह, ज्यादा ही जोश…और मैं देख रहा था कि माताएं-बहनें भी बहुत बड़ी तादाद में थीं...और मुझे लगता है उस मैदान की तुलना में दो गुना लोग मैदान में आ गए थे, उनको काफी परेशानी हुई, मैं उनके इस आशीर्वाद के लिए, प्यार के लिए...मैं ठाकुरनगर में आए हुए सबका प्रणाम करके अभिवादन करता हूं। लेकिन साथ-साथ उनको वहां जो दिक्कत हुई, कुछ बहनों को कठिनाई हुई, कुछ बच्चों को कठिनाई हुई, उनके प्रति मेरी संवेदना जताता हूं और मैं इसके लिए क्षमा भी मांगता हूं।

भाइयो-बहनो, मेरा आपसे भी आग्रह है…आपका उत्साह-उमंग मेरी सर-आंखों पर, आपका प्यार मेरी ताकत है लेकिन प्यार के साथ धैर्य भी होना चाहिए। ये मैदान इतना बड़ा है, उसके बाद भी मैं देख रहा हूं काफी छोटा पड़ गया है। चारों तरफ मैं लोग ही लोग देख रहा हूं। भाइयो-बहनो, धैर्य इसलिए जरूरी भी है क्योंकि जिस तरह का बर्ताव यहां की सरकार, यहां की टीएमसी पार्टी, बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ कर रही है उसमें आपको तकलीफ होना बहुत स्वाभाविक है। मुझे कल रात जो कुछ भी यहां हुआ है उसकी पूरी जानकारी मिली है। एक कार्यकर्ता को मैं सामने देख रहा हूं जिसके मुंह पर पट्टियां लगी हुई हैं, उसकी नाक को इंजरी कर दी गई है लेकिन हिम्मत इसको कहते हैं कि वो आकर के यहां खड़ा हो गया है। मैं पश्चिम बंगाल के एक-एक बीजेपी के कार्यकर्ता को कहना चाहता हूं कि आपकी ये तपस्या, आपका ये जोश, आपका ये बलिदान कभी बेकार नहीं जाएगा। कुछ समय लगेगा। दीया जब बुझने लगता है तो जरा आखिर-आखिर में थोड़ा ज्यादा जोर लगा देता है। मैं कभी दिल्ली में बैठकर सोचता था...दीदी खुद साम्यवादियों के शासन में इतनी परेशान रहीं, खुद परेशानियां झेली हैं, लोकतंत्र का गला घोंटने के तरीके क्या होते हैं उससे वो खुद गुजरी हैं तो मैं सोच रहा था कि वो उस रास्ते पर कभी नहीं जाएंगी। और मुझे आश्चर्य होता था कि ऐसा क्यों हो रहा है बंगाल में... लेकिन मुझे अब पता चल रहा है कि ये आपका प्यार है, जिन्होंने उनकी नींद हराम करके रखी हुई है। ये आपका उत्साह है, उमंग है और इसीलिए उनको लगता है कि वो भी साम्यवादियों के तौर-तरीके के अनुसार लोकतंत्र का गला घोंटकर के...निर्दोष नागरिकों को परेशान करके...कार्यक्रम में आने वाले लोगों की गाड़ियां जलाकर के उनको लगता होगा कि वो अपना राजनीतिक उल्लू सीधा कर लेंगे तो वो समझ लें...ना साम्यवादियों को बंगाल को दबाने में सफलता मिली है...न टीएमसी की हिंसा बंगाल के मिजाज को बदलने में, दबाने में सफल होने वाली है। जिस सरकार को लोकतंत्र की मर्यादा की परवाह ना हो, जिस पार्टी के कार्यकर्ताओं को हर तरह की हिंसा की छूट मिली हो और सरकार के मुलाजिम भी जिस प्रकार का व्यवहार करते हों, तब ये मान लीजिए और मेरे शब्द लिखकर के रखिए कि इनका जाना तय है। बंगाल परिवर्तन कर के रहेगा, ये मैं साफ देख रहा हूं...बंगाल की पवित्र धरती अपना ये हाल बहुत दिन तक बर्दाश्त नहीं करेगी।

यहां की धरती में, यहां की परंपरा में इतना सामर्थ्य है कि वो मां-माटी-मानुष के नाम पर सरकार बनाने के बाद यहां के लोगों को चुन-चुन कर के रास्ते से हटाने वाली ममता सरकार को ही हटा करके रहेगी। साथियो, बांगला परंपरा का भारतीय जनता पार्टी के विचारों और संस्कारों में बहुत बड़ा योगदान है। भाजपा का हर कार्यकर्ता स्वामी विवेकानंद के एक-एक शब्द, एक-एक वाक्य को जीवन का मंत्र बना कर के चलता है। हमारी पार्टी के मूल में वही जनसंघ है जिसके प्रणेता डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी इसी धरती के रत्न थे। डॉक्टर मुखर्जी के विचारों और एक भारत-श्रेष्ठ भारत के प्रति उनके आग्रह ने ही बीजेपी की विचारधारा को प्रेरित किया है। भाइयो और बहनो, केन्द्र सरकार पूर्वी भारत को नए भारत के विकास का अगवा बनाने में जुटी है और निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। यही कारण है कि यहां कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हर प्रकार के इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। थोड़ी देर पहले यहां सैकड़ों करोड़ रुपए के रेलवे प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया गया है।

 

अंदाल-सैंथिया-पाकुड़-मालदा सेक्शन, खाना-सैंथिया सेक्शन और हिजली नारायण सेक्शन के विद्युतीकरण से आप सभी को बहुत लाभ होने वाला है। इससे कोयले समेत अनेक प्राकृतिक संपदाओं को लाने-ले जाने में ज्यादा सुविधा भी होगी, साथ ही यहां से उत्तर बंगाल जाने में लगने वाला समय भी कम होगा। साथियो, बीते साढ़े चार वर्षों में पश्चिम बंगाल के विकास के लिए, यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बजट में बहुत बड़ी वृद्धि की गई है। लेकिन दुर्भाग्य है कि यहां जो सरकार है वो विकास की परियोजनाओं को लेकर के रत्ती भर भी गंभीर नहीं है। स्थिति ये है कि पश्चिम बंगाल में इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े लगभग 90 हजार करोड़ रुपए के करीब-करीब दो दर्जन बड़े प्रोजेक्ट पर काम या तो शुरू ही नहीं हो पा रहा है और अगर कुछ शुरू हुआ है तो  बिल्कुल मरी हुई गति से काम हो रहा है।

ये प्रोजेक्ट रोड, रेलवे, वॉटरवे, बिजली, कोयला, पेट्रोलियम औऱ स्वास्थ्य जैसे विषयों से जुड़े हुए हैं। इन परियोजना के लिए राज्य सरकार से जो सहयोग मिलना चाहिए था वो केंद्र सरकार को जरा भी मिल नहीं रहा है। आज दुनिया इस सच्चाई को जानती है कि टीएमसी की सरकार उन प्रोजेक्ट पर हाथ ही नहीं लगाती जहां सिंडिकेट का शेयर ना हो, जहां मलाई ना मिलती हो। केंद्र सरकार की पश्चिम बंगाल को विकास की पटरी पर लाने की योजना तब तक तेज नहीं हो सकती जब तक विकास विरोधी सरकार यहां होगी। साथियो,  पश्चिम बंगाल की सरकार गरीब और मध्यम वर्ग के सपनों को कुचलने में जुटी है लेकिन केंद्र सरकार इन सपनों को, आकांक्षाओं को नई उड़ान देने का प्रयास कर रही है। कल आपने देखा संसद में बजट पेश किया गया। पश्चिम बंगाल के सबसे प्रोग्रेसिव शहरों में से एक दुर्गापुर से मैं देश के मध्यम वर्ग को, हमारे युवाओं को मैं इस शानदार बजट के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। सबका साथ-सबका विकास क्या होता है वो इस बजट में दिखता है। इसमें किसान हो, श्रमिक हो या फिर मध्यम वर्ग, हर किसी के लिए ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं। साथियो, देश में लंबे समय से एक मांग उठ रही थी, हमारे युवा, हमारा मध्यम वर्ग मांग कर रहा था कि 5 लाख रुपए तक की आय को टैक्स से मुक्ति मिल जाए। इस मांग को पूरा करने का काम...इतने सालों की पुरानी मांग अगर किसी ने पूरी की है तो भारतीय जनता पार्टी-एनडीए की दिल्ली की सरकार ने की।

इस बजट में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पांच लाख रुपए की आय पाने वालों को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया गया। औऱ मैंने कल भी कहा था आज फिर कह रहा हूं अभी तो ये ट्रेलर है। क्योंकि ये तो अंतरिम बजट था, चुनाव के बाद जो आम बजट हम लेकर के आएंगे, उसमें नए भारत के नए रास्ते की एक तस्वीर को हम साफ करके आपके सामने प्रस्तुत करेंगे। साथियो, सरकार के इस एक फैसले से देश के तीन करोड़ से अधिक मध्यमवर्गी करदाताओं को सीधा लाभ होगा। यानि एक बहुत बड़ा वर्ग औऱ जिसमें विशेष तौर पर हमारे युवा हैं जो अपने करियर के शुरुआती दौर में हैं, इनको इससे बहुत अधिक फायदा मिलने वाला है। अब उनके पास अपने करियर की शुरुआत में...फ्यूचर के लिए अपने घर के लिए, घर के सामान के लिए अधिक राशि उपलब्ध होगी। साथियो, इसमें सीधे तौर पर टैक्स में छूट तो मिली ही है, इसके अलावा भी टैक्स कम करने के लिए छूट बढ़ाई गई है, जैसे स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 40 हजार रुपए से बढ़ा कर 50 हजार रुपए की गई है।

साथियो, अक्सर ऐसा भी होता है कि कुछ लोगों को नौकरी हो, बच्चों की शिक्षा हो या वृद्ध माता-पिता की देखभाल...अलग-अलग तरह के व्यक्तिगत कारणों से दो घर रखने पड़ते हैं। कई बार बड़े शहरों में लोग इसलिए भी घर खरीदते हैं कि जब बेटी या बेटा उच्च शिक्षा के लिए या नौकरी के लिए उस शहर में जाएगा तो अपने ही घर में रहेगा। ऐसे में सरकार ने अब तय किया है कि दूसरे घर के नोशनल किराए पर जो टैक्स लगता था वो टैक्स अब नहीं लगेगा। यानि अब बिना दूसरे घर की रेंटल इनकम पर टैक्स की चिंता किए बिना आप अपना दूसरा घर खरीद पाएंगे। इसी तरह जो लोग अपना घर बेच रहे हैं और घर बेचने के बाद उन्हें 2 करोड़ रुपए से कम मिले हैं और ऐसे लोग अगर दो अलग-अलग छोटे घरों में वही पैसा निवेश करते हैं, तो भी उन्हें आयकर से अब मुक्ति मिल जाएगी, छुट्टी दे दी जाएगी। हमारी आज की सामाजिक व्यवस्था ऐसी बन रही है कि माता-पिता अक्सर ये सोचते हैं कि अपना एक बड़ा घर बेच के दो बच्चों के लिए दो छोटे-छोटे दो घर खरीद लें। पहले उन्हें इसके लिए टैक्स देना पड़ता था। अब हमारी सरकार ने निर्णय किया है, उनको इसके लिए अब टैक्स नहीं देना पड़ेगा। मध्यम वर्ग के मेरे भाइयों और बहनों के लिए और आय का एक बहुत बड़ा जरिया रेंटल इनकम भी होता है। अब सरकार ने ये भी तय किया है कि किराए से जो आमदनी हो रही है उस पर टैक्स कटौती की सीमा को भी एक लाख 80 हजार से बढ़ाकर 2 लाख 40 हजार रुपए कर दिया जाए। बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा किए गए पैसों के ऊपर मिलने वाले ब्याज पर अभी तक 10 हजार रुपए तक की राशि पर टीडीएस की छूट होती थी। मध्यम वर्ग खासकर महिलाओं और सीनियर सिटिजन्स की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ये राशि अब बढ़ा कर 40 हजार रुपए कर दी गई है।

साथियो, इस बार बजट में जो एलान हुए हैं ये बीते साढ़े चार वर्षों से चले आ रहे हमारे प्रयासों का विस्तार है। सरकार की कोशिश का ही नतीजा है कि पहले की सरकार के दौरान जहां महंगाई दर 10 प्रतिशत के आसपास रहती थी, वो बीते साढ़े चार वर्षों में चार प्रतिशत के आसपास आकर रुक गई है। हर महीने जो मोबाइल और इंटरनेट का बिल हर परिवार का हजारों में आता था वो अब कुछ सौ रुपयों तक सिमट गया है। एलईडी बल्ब सस्ते होने से हर वर्ष मिडिल क्लास के बिजली के बिल में 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक की बचत हो रही है। पचास हजार आकड़ा बहुत बड़ा होता है। हार्ट के स्कैन, नी सर्जरी और डायबिटीज जैसी अनेक बीमारियों के इलाज की कीमत बहुत कम होने से मिडिल क्लास को हजारों रुपयों की बचत हो रही है।

साथियो, किसानों के लिए भी बहुत बड़ा एलान किया गया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक किसानों के लिए इससे बड़ी योजना कभी भी किसी भी सरकार ने नहीं बनाई है। इस योजना का नाम है पीएम किसान सम्मान निधि योजना। इसके तहत देश के बारह करोड़ से ज्यादा छोटे किसानों को हर साल...एक बार नहीं है...हर साल 6 हजार रुपया सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर हो जाएंगे। इसका मतलब हुआ कि इस योजना पर एक साल में 75 हजार करोड़ रुपए का खर्च लगेगा। हमारी सरकार की तैयारी है कि किसानों को पहली किस्त, हो सके उतनी जल्दी उनके खाते में जमा हो जाए। भाइयो-बहनो, इतने पैसे से हम भी कर्जमाफी का शोर मचा सकते थे, जैसे 2008-2009 के चुनाव से पहले कांग्रेस ने ड्रामेबाजी की थी, कर्जमाफी की घोषणाएं की थीं, हम भी कर सकते थे लेकिन हमारी नीयत साफ है, नीति स्पष्ट है और जिसके कारण हम किसान के हित में परमानेंट योजना लेकर आए हैं। इस योजना से जिनको लाभ मिलने वाला है...वो किसान जिनमें से अधिकांश को कभी भी कर्जमाफी का लाभ नहीं मिला। एक और बात ध्यान देने वाली है कि योजना वन टाइम नहीं है। अब ये योजना देश के छोटे-छोटे किसानों के साथ हमेशा के लिए रहेगी। साथियो, एक मोटा-मोटा अनुमान लगाएं तो भोले-भाले किसानों को धोखा देने के लिए कांग्रेस के गणित में लगभग हर 10 साल पर एक बार कर्जमाफी का नंबर आता है। दस साल पहले कांग्रेस सरकार ने दावा किया था कि उसने किसानों का 52 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया। अब दस साल बाद वो फिर कर्जमाफी की बात कर रही है। वहीं भाजपा सरकार ने जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, ये जो हमने योजना शुरू की है उसके माध्यम से 10 साल में किसानों को 7 लाख 50 हजार करोड़ रुपया मिलना तय है। अब मुझे बताइए, 10 साल में 52 हजार करोड़ और 10 साल में 7 लाख 50 हजार करोड़, कौन सी योजना बड़ी है? पीएम किसान योजना बड़ी है कि नहीं है, किसानों का लाभ करने वाली है कि नहीं है? दूसरा, उनकी योजना का लाभ जो बड़े किसान थे, जो कर्ज ले पाते थे, ऐसे दो या तीन करोड़ों तक पहुंचती थी, हमारी योजना 12 करोड़ किसानों के पास पहुंचेगी। अब मुझे बताइए, ये 12 करोड़ वाली योजना बड़ी है कि नहीं है। वे 10 साल में एक बार लेकर आते थे, हम हर साल पैसे देने वाले हैं। ये बड़ा है कि नहीं है। लेकिन ये सच कोई बोल नहीं रहा है, झूठ बोल रहे हैं और ये भी मत भूलिए कि जब कांग्रेस कर्जमाफी करती है तो एक तरफ छोटे किसानों का 10-15 रुपए का कर्ज माफ होता है और दूसरी तरफ लाखों रुपए ऐसे लोगों का माफ कर दिया जाता है जो किसान होते ही नहीं हैं। अब कांग्रेस का ये जो गणित है, देश का किसान भी देख रहा है और समझ भी रहा है। और इसलिए मैं फिर कहूंगा आजाद भारत में किसानों के लिए ये सबसे बड़ी योजना बनी है।

साथियो, किसानों के साथ केंद्र सरकार ने उन कामगारों का भी ध्यान रखा है जो फैक्ट्रियों में, मिलों में, कंपनियों में, छोटे उद्योगों में, खदानों में, घरों में खेत-खलिहानों में काम करते हैं। असंगठित क्षेत्र के मेरे कामगार भाइयों-बहनों जिनकी संख्या करीब 40-42 करोड़ है...घर में काम करने वाले कम लोग होते हैं...ड्राइवर होते हैं, खेत में काम करने वाले मजदूर होते हैं...करोड़ों हैं, उनके लिए ये बहुत बड़ी योजना बनाई गई है...प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना। इससे 15 हजार रुपए महीना से कम कमाने वाले कामगार साथियों को 60 वर्ष के बाद 3 हजार रुपए नियमित पेंशन सुनिश्चित किया गया है। इसके लिए  सिर्फ 50 रुपए, 200 रुपए तक का बहुत छोटा सा अंशदान महीने में देना होगा और आपको ये भी बता दूं जितना पैसा कामगार देगा...उतना पैसा भारत सरकार भी उसमें जमा करेगी। साथियो, ये जो भी योजनाएं बजट में घोषित हुई हैं ये ‘सबका साथ सबका विकास’ के हमारे संकल्प का विस्तार है। सरकार छोटे से छोटे दैनिक वेतनभोगी कामगार के लिए भी अटल पेंशन योजना चला रही है, जिसमें बहुत ही मामूली अंशदान पर 1000-5000 की पेंशन सुनिश्चित हुई है। इससे भी देश भर में लगभग डेढ़ करोड़...पश्चिम बंगाल में लगभग 9 लाख कामगार साथी जुड़ चुके हैं। इसी तरह प्रधानमंत्री जीवनज्योति और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2-2 लाख रुपए तक का बीमा...इसका कवर सुनिश्चित किया जा रहा है। ये बीमा भी सिर्फ 1 रुपए महीने और 90 पैसा प्रतिदिन के मामूली प्रीमियम पर दिया जा रहा है। बहुत ही कम समय में इन दोनों योजनाओं से देश भर में लगभग 21 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं जिसमें लगभग 80 लाख लोग हमारे पश्चिम बंगाल के भी हैं। आपमें से भी जिसने अभी तक इस सुरक्षा कवच को नहीं अपनाया है उनसे मेरा आग्रह है कि इससे जुड़ें ताकि मुश्किल समय में आपको यहां-वहां भटकना ना पड़े। ये केंद्र सरकार की योजना है, इसलिए इससे जुड़ने के लिए आपको सिंडिकेट से डरने की जरूरत नहीं है।

साथियो, भाजपा सरकार विकास की पंचधारा यानि बच्चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाओं का लाभ गरीब तक पहुंचने नहीं दे रही बल्कि अब उन्हें रोकने भी लगी है। ऐसी निर्दयता की मैं कल्पना नहीं कर सकता। भाइयो-बहनो, बिहार और छत्तीसगढ़ के साथ पश्चिम बंगाल पिछले साल आयुष्मान भारत का सबसे बड़ा लाभार्थी बनकर उभरा लेकिन यहां की सरकार ने अब आयुष्मान भारत का लाभ गरीबों को देने से इनकार कर दिया। इस योजना के तहत राज्य के गरीबों को पांच लाख रुपए तक मुफ्त इलाज मिलना सुनिश्चित हुआ था। अभी 17 हजार से अधिक गरीबों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज ही चल रहा था और बीच में ही पश्चिम बंगाल की गरीब विरोधी सरकार ने उनको अधर में छोड़कर ही योजना से हाथ खींच लिया। इससे बड़ी संवेदनहीनता, इससे बड़ी निर्दयता कोई नहीं हो सकती। अब आप ही बताइए जो अपने स्वार्थ के लिए गरीबों को धोखा दे दे, वो क्या कभी किसी का भला कर सकते हैं। गरीबों के जीवन से खेलने वालों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। और ये किया क्यों उन्होंने, मुझे किसी ने बताया जिन गरीबों को इसका लाभ मिला, बिना पैसे किसी का हार्ट का ऑपरेशन हो गया, किसी के नी का ऑपरेशन हो गया, किसी सगर्भा बहन को संकट के समय बचा लिया गया और जब लोगों ने उनको पूछा कि आपको ऐसे कैसे मदद मिल गई तो  बेचारे गरीब भोले-भाले लोगों ने...उनके मुंह से निकल गया कि मोदी जो योजना लाया है ना उसके कारण मेरा ऑपरेशन हो गया, मेरी जिंदगी बच गई। अब ये बंगाल के गरीब के मुंह से मोदी का नाम निकला तो दीदी की नींद खराब हो गई। दीदी को लगने लगा ये आयुष्मान भारत योजना...अगर गरीबों की बीमारी ऐसे दूर हो जाएगी और हर बीमार जब ठीक होगा और मोदी-मोदी बोलेगा तो दीदी का क्या होगा। ये मोदी शब्द सुनने के कारण...ये दीदी ने पश्चिम बंगाल के लाखों गरीबों को इतनी बड़ी सुविधा से वंचित कर दिया। ऐसी निर्दयी सरकार को एक पल रहने का अधिकार नहीं है भाइयो-बहनो।

साथियो, इन्होंने पश्चिम बंगाल को देश का पहला ऐसा राज्य बना दिया जहां पढ़ाई पर भी टैक्स लगाया जा रहा है- ट्रिपल टी टैक्स। ट्रिपल टी का आपको पता है...आप जानते हैं? पश्चिम बंगाल का बच्चा-बच्चा तृणमूल तोलाबाजी टैक्स से परिचित है। ये टीएमसी का ट्रिपल टी- तृणमूल तोलाबाजी टैक्स, कॉलेज में एडमिशन हो, टीचर की भर्ती या ट्रांसफर हो, लोग बताते हैं कि सब जगह तृणमूल तोलाबाजी टैक्स लगता है, लगता है ना? सब जानते है ना? ये ट्रिपल टी से परिचित हैं...पक्का?

पश्चिम बंगाल के अनेक स्कूलों में टीचर नहीं है। ट्रिपल टी के चलते अनेक टीचर्स स्कूल में पढ़ाने के बजाए कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। साथियो, जगाई- मधाई सिंडिकेट, ट्रिपल टी...इस कल्चर को चुनौती देने वाला आज तक कोई नहीं था, इसलिए पश्चिम बंगाल की परंपरा और महान संस्कृति से खिलवाड़ करने की छूट इनको मिल गई। अब ऐसा नही हो सकता। बीजेपी सामान्य जन की, गरीब की, किसान की, कामगार की, बेटियों की, युवाओं की आवाज बन के खड़ी है। साथियो, बीजेपी सज्जनों की संस्कृति, बंगाल की परंपरा को बेड़ियों में जकड़ने नहीं देगी। मैं आपको विश्वास दिलाने आया हूं भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ आपके इस चौकीदार ने एक बहुत बड़ा अभियान सफाई के लिए चलाया है। गरीब, किसानों, मध्यम वर्ग से जुड़ी योजनाओं का जो पैसा खा जाते थे अब उनकी दुकानें बंद हो गई हैं। देश का सबसे शक्तिशाली नामदार परिवार भी आज टैक्सचोरी और धोखाधड़ी के आरोप में अदालत के चक्कर काट रहा है। साथियो, देश को लूटने वालों को जो पहले मौज में थे, बड़े-बड़े रक्षा सौदों में दलाली खाकर विदेश भगा दिए गए थे, ऐसे लोगों को उठा-उठा कर भारत लाया जा रहा है और उनसे हिसाब लिया जा रहा है। ये राजदार इन सभी के काले कारनामों के राज खोलते जा रहे हैं।

 भाइयो-बहनो, आपके इस चायवाले ने अच्छे-अच्छों की ये काली कमाई और गोरखधंधे बंद कर दिए हैं। आपने देखा होगा कि कोलकाता में इसलिए कैसे-कैसे लोग इस चौकीदार को हटाने के लिए इकठ्ठे हुए और शपथ ले रहे थे! जरा फोटो देखना कितने डरे हुए थे! किसी का बेटा किसी गुनाह में है, किसी का भतीजा गुनाह में है, कोई खुद गुनाह में है, किसी का भाई कोने में है और इसलिए कलकत्ते आए। वो लोग 4 वर्ष पहले तक एक-दूसरे का चेहरा देखना पसंद नहीं करते थे, जो चीख-चीख कर एक दूसरे को जेल भेजने के एलान करते थे वो ही गले लग रहे थे। काले कारनामों की, चिटफंड से लेकर रक्षा सौदों में धोखाधड़ी करने वालों को ये चौकीदार पसंद नहीं है।

मैं आपको यहां पश्चिम बंगाल का एक और उदाहरण देता हूं। साथियो, रियल एस्टेट सेक्टर में कालेधन को रोकने के लिए, कुछ बिल्डरों की मनमानी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने RERA कानून बनाया, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार इस कानून को अपने राज्य में लागू करने से घबरा रही है। अगर ये कानून लागू हो जाएगा तो अब जो नए फ्लैट, नए घर बिल्डर बना रहा है, वो उन्हें तय समय पर बनाकर देने पड़ेंगे। कोई भी काम कच्चे-पक्के में नहीं होगा, इस कच्चे-पक्के के खेल में जो लॉबी जुटी हुई है, उसकी ममता दीदी की सरकार में क्या अहमियत है वो आप भी भलीभांति जानते हैं। ये चिटफंड हो, शारदा हो, पेंटिंग हो...सारे तार एक ही दरवाजे पर जा रहे हैं।

भाइयो और बहनो, मुझे जो ये पानी पी-पी कर कोसा जाता है, गालियां दी जाती हैं उसकी वजह यही है कि मैं भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ कार्रवाई कर रहा हूं और इसी वजह से ये लोग इतना बौखला गए हैं कि जांच एजेंसियों तक को पश्चिम बंगाल आने से मना कर रहे हैं। अरे दीदी, अगर कुछ गलत किया नहीं है तो इतना डरने की भी जरूरत क्या है। अरे किस बात का डर लग रहा है...अरे आपको तो याद होगा मुझे भी गुजरात में 9-9 घंटे तक बिठाकर दिल्ली से आई जांच एजेंसियां पूछताछ करती थीं। वहां भी सीबीआई अपना खेल करती थी...उस समय की यूपीए की सरकार सीबीआई का दुरुपयोग हमारे खिलाफ करती थी, जो चाहे वो करवाती थी। लेकिन हमने कभी संस्थाओं को अपमानित नहीं होने दिया, हमने कभी गुजरात से सीबीआई को निकालने का निर्णय नहीं किया। हमने कहा और-और को लाना है तो ले आओ, हम ईमानदार हैं, हमे कुछ होता नहीं। लेकिन वो डरे हुए हैं, उनको तो बीजेपी के प्रेसिडेंट के आने पर भी जमीन खिसकने को लग जाती है। कभी हेलिकॉप्टर को मत उतरने दो, कभी यात्रा मत करने दो। अरे दीदी, ये तुम्हारे ये खेल कितने दिन चलने वाले हैं।

भाइयो-बहनो, ये लोग जितनी भी गालियां देते रहें, आप सभी के आशीर्वाद से कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी। बताइए मुझे लड़ना चाहिए कि नहीं लड़ना चाहिए...भ्रष्टाचार को खत्म करना है कि नहीं खत्म करना है...मैं जी जान से लड़ रहा हूं कि नहीं...ईमानदारी से लड़ रहा हूं कि नहीं लड़ रहा हूं...पूरी कोशिश कर रहा हूं कि नहीं कर रहा हूं? ये आपके आशीर्वाद के कारण कर रहा हूं औऱ मैं आपको विश्वास दिलाता हूं पश्चिम बंगाल को जगाई-मधाई और सिंडिकेट राज से मुक्त करने में हम पूरी तरह बंगाल की जनता के साथ हैं। आपका यही विश्वास है जो मुझे दिन-रात दौड़ने के लिए प्रेरित करता है, ताकत देता है। इसी विश्वास को बनाए रखते हुए एक बार फिर से नए बजट से मिलने वाले लाभ के लिए मैं देशवासियों को, बंगालवासियों को, दुर्गापुरवासियों को हृदयपूर्वक बधाई देता हूं। इतनी भारी संख्या में आकर जो आशीर्वाद दिए उसके लिए भी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Prime Minister condoles loss of lives in fire mishap in Arpora, Goa
December 07, 2025
Announces ex-gratia from PMNRF

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the loss of lives in fire mishap in Arpora, Goa. Shri Modi also wished speedy recovery for those injured in the mishap.

The Prime Minister informed that he has spoken to Goa Chief Minister Dr. Pramod Sawant regarding the situation. He stated that the State Government is providing all possible assistance to those affected by the tragedy.

The Prime Minister posted on X;

“The fire mishap in Arpora, Goa is deeply saddening. My thoughts are with all those who have lost their loved ones. May the injured recover at the earliest. Spoke to Goa CM Dr. Pramod Sawant Ji about the situation. The State Government is providing all possible assistance to those affected.

@DrPramodPSawant”

The Prime Minister also announced an ex-gratia from PMNRF of Rs. 2 lakh to the next of kin of each deceased and Rs. 50,000 for those injured.

The Prime Minister’s Office posted on X;

“An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF will be given to the next of kin of each deceased in the mishap in Arpora, Goa. The injured would be given Rs. 50,000: PM @narendramodi”