नमस्कार बिहार के मेरे युवा साथियों
आप सभी को भाईदूज के पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं। आज चित्रगुप्त पूजा का पावन दिन भी है। आज कलब की पूजा की जाती है। बहीखातों की पूजा की जाती है। देश में जीएसटी बचत उत्सव भी चल रहा है। मुझे पता चला है कि जीएसटी बचत उत्सव में बिहार के नौजवानों ने भी अपने लिए खूब खरीदारी की है। बाइक-स्कूटी पर जीएसटी कम होने का बिहार के युवा जबरदस्त लाभ उठा रहे हैं। त्योहारों की इस उमंग में छठी मैया की पूजा की तैयारी भी जोरों पर है। और इन सबके साथ-साथ बिहार लोकतंत्र का महापर्व भी मना रहा है। यह बिहार की समृद्धि का नया अध्याय लिखने का चुनाव है। इसमें बिहार के नौजवानों की बहुत बड़ी भूमिका है। और इसलिए बिहार के आप नौजवान साथियों के साथ संवाद का अवसर मिलना उतना ही आनंद देता है।
साथियों,
मैं ज्यादा बोलने के बजाय ज्यादा सुनना चाहता हूं और इसलिए आइए शुरू करते हैं बातचीत। सबसे पहले कौन साथी है जिससे मेरी बात होगी?
राजन- नमस्ते प्रधानमंत्री जी। मैं राजन पासवान। नमस्ते प्रधानमंत्री जी।
पीएम मोदी- हां बताइए राजन जी, जरा अपने विषय में बताइए।
राजन- जी मैंने युवा मोर्चा है।
पीएम मोदी- राजन जी आपकी आवाज कट रही है। राजन जी आपकी आवाज कट रही है। शायद आप उस जगह पे है जहां कनेक्टिविटी कम होगी।
राजन- जी
पीएम मोदी- हां बताइए।
राजन- मैं राजन पासवान युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष।
पीएम मोदी- राजन जी नमस्कार। राजन जी, मुझे लगता है आप कहीं ऐसी जगह पर हैं, जिसके कारण मुझे आपकी बात बीच-बीच में कट हो जाती है।
राजन- अब आ रही है आवाज। आ रही है।
पीएम मोदी- नहीं मेरी आवाज तो आपको आती है। आपकी आवाज बार-बार कट हो जाती है। आप बोलिए। राजन जी बोलिए।
राजन- जी
पीएम मोदी- राजन जी, बोलिए आप।
राजन- जी
पीएम मोदी- आप जी-जी कर रहे हैं, लेकिन आगे कुछ बोल नहीं रहे आप। मैं ऐसा करता हूं, राजन जी। मैं ऐसा करता हूं, अभी मैं किसी एक कोई कार्यकर्ता बात करना चाहते होंगे, तो उन पर चला जाता हूं और आपके पास मैं दोबारा वापस आऊंगा।
राजन- जी
पीएम मोदी- तो अभी आप किसी और को फोन दे दीजिए।
दीपम सरकार, किशनगंज
दीपम- नमस्कार प्रधानमंत्री जी मैं दीपम सरकार किशनगंज से बात कर रहा हूं।
पीएम मोदी- दीपम जी नमस्ते
दीपम- नमस्कार सर।
पीएम मोदी- दीपम जी पहले तो अपने विषय में बताइए।
दीपम- सर मैं वर्तमान में किशनगंज से युवा मोर्चा का जिला महामंत्री हूं। पूर्व में दो बार नगर उपाध्यक्ष के दायित्व में रह चुका हूं। सर मैं मेरी शैक्षणिक जो है वो एमबीए है और मार्केटिंग से कर रखा हूं और मेरा सर छोटा सा एफएमसीजी का व्यापार है। मेरे परिवार में चार लोग हैं। मैं, मेरी पत्नी, मेरे माता, मेरे पिता।
पीएम मोदी- दीपम जी बहुत अच्छा लगा और आप तो जो पुराने जोगी लगते हैं। मुझे लगता है बहुत छोटी आयु में ही आपने भाजपा की जिम्मेवारी ली है और आप इतने सारे दायित्व संभाल रहे हैं। मतलब आप धरती से जुड़े कार्यकर्ता हैं और उसके कारण मुझे आपसे बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
दीपम- जी सर
पीएम मोदी- दीपम जी, जैसा आपने बताया आप किसान परिवार से आते हैं और आपने अपना व्यापार भी स्थापित किया है। आपको जमीन का काफी अनुभव है। आप मुझे बताइए कि बीते सालों में जमीन पर बिहार में क्या बड़े सुधार दिखते हैं?
दीपम- सर, जहां तक मुझे अनुभव है कि खाद और बीज आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। उस पर अब कोई दलाली नहीं लगती सर। और अच्छे क्वालिटी के खाद बहुत ही आसानी से मिल जाते हैं। और सर किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6000 राशि सालाना सरकार जो, सरकार से जो मिलता है उससे किसानों को बहुत लाभ मिल रहा है। और खेती करने में आसानी हो रही है और खेती करने में आसानी होती है सर और अच्छे क्वालिटी के खाद मिलने के कारण खेतों की उर्वरक शक्ति बढ़ती है और फसल में इजाफा होता है।
पीएम मोदी- अच्छा दीपम जी अभी आप चुनाव में घर-घर जाते होंगे तो किसान परिवारों में जब जाते होंगे तो इन विषयों की चर्चा होती है उनसे?
दीपम- जी सर बिल्कुल होती है सर।
पीएम मोदी- अच्छा किसान अपने आप बोलता है क्या पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा मिलता है। वो बोलता है खुद।
दीपम- बिल्कुल सर। बोलते भी हैं और लोग खुश भी होते हैं कि साल में चार किस्तों में पैसा मिल जाते हैं टाइम से।
पीएम मोदी- अच्छा दीपम जी, अच्छा यह बताइए कि जब कभी अपने माता-पिता से बात करते होंगे या जहां बूथ में बुजुर्ग परिवारों को मिलने जाते होंगे और जंगल राज की तो चर्चा स्वाभाविक है। आज आने वाले 100 साल तक जंगल राज की चर्चा चलने वाली है।
दीपम- बिल्कुल सर, बिल्कुल।
पीएम मोदी- ये कितना ही भुलाने की कोशिश करें अपने पापों को, लेकिन बिहार के लोग कभी भी ये भूलने वाले नहीं हैं। ये तो चाणक्य की धरती है। एक बार अपनी शिखा खोल दी। बस जब तक वो अपनों के परिणाम नहीं मिलता है शिखा बांधते नहीं है। बिहार के लोग तो कभी भी ये जंगल राज वालों को कभी माफ करने ही नहीं सकते हैं। लेकिन आप बताइए कि जब आप ऐसे बुजुर्गों से मिलते हैं, परिवार में बात करते हैं क्योंकि नई पीढ़ी को यह मालूम नहीं है। यह पहले की बातें क्या बताते हैं? कैसे याद करते हैं उन चीजों को?
दीपम- सर, मैं तो बहुत पहले का नहीं हूं, लेकिन सर 1997 बोर्न हूं तो मैंने सर जंगल राज की कुछ स्थितियां अपनी आंखों से देखी हैं और समझी है। 2005 से पहले वाला बिहार भी देखा है सर और थोड़ा-बहुत समझता हूं।
पीएम मोदी- उस समय आप बहुत छोटे थे। इसलिए अभी बुजुर्ग जो लोग होंगे। वो तो बातें करते होंगे तो वो बातें क्या होती हैं।
दीपम- सर, वो होती ऐसे कि सर कि शाम 4:00 बजे के बाद बच्चे और माताएं घर में बंद हो जाते थे और रात 8:00 बजे तक अपने घर के जो गृहस्वामी होते थे। पिताजी होते थे उनके आने का इंतजार करते थे और जब तक गृहस्वामी घर नहीं लौटते थे तो इंतजार में रहते थे। हमारे माता बहनें कहने कि उनके गृह स्वामी घर आएंगे, कितने बजे आएंगे या आ भी पाएंगे या नहीं?
पीएम मोदी- अच्छा दीपम जी, क्या एक कार्यक्रम हम कर सकते हैं और मैं तो बिहार के सभी नौजवानों को कहूंगा कि हर बूथ में सब नौजवानों को इकट्ठा करके उस इलाके में जो बुजुर्ग लोग हों, वे आकर के पुरानी बातों को जरा बताएं कि कैसे होता था। कितनी मुसीबतें थीं। कैसे लूट लिया जाता था। यह जो भयंकर कर अनुभव है। यानी विचलित करने वाले अनुभव है। ये नई पीढ़ी को बताने का कार्यक्रम बनाया जा सकता है क्या?
दीपम- सर, बिल्कुल बनाया जा सकता है सर।
पीएम मोदी- तो दीपम जी, आप तो युवा मोर्चा के महासचिव भी हैं। जरा ताकत लगाइए और पूरे प्रदेश के नेताओं से भी मैं कहूंगा कि जो बुजुर्ग लोग हैं 40 45 साल की उम्र से ऊपर के जो लोग हैं। ऐसे लोगों ने अपने पुराने अनुभव इन नई पीढ़ी को बिठा के सुनाना चाहिए।
दीपम- बिल्कुल सर।
पीएम मोदी- अच्छा दीपम जी, आप देखिए जंगलराज की वह स्थितियां कितनी मुश्किल रही होंगी। हमारे नौजवानों को कितना बड़ा नुकसान हुआ। आपके मन में आरजेडी-कांग्रेस की किन कुनीतियों को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी पैदा होती है? आपको गुस्सा किस बात का आता है?
दीपम- सर, मुझे गुस्सा इस बात का आता है कि पहले के युवाओं के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ हुआ सर। उनको अंधेरे में धकेला गया, क्योंकि बिजली की स्थिति सही नहीं थी। सड़कें नहीं थे। आवागमन की सुविधा नहीं थी। स्कूल में बिल्डिंग नहीं थी। पढ़ाई-लिखाई नहीं हो पाता था सर। और घर से माता-पिता अपने बच्चे को एक शहर से दूसरे शहर डर से भेजते नहीं थे। क्या पता मेरे बच्चे को अगवा कर लिया जाए। उनकी हत्या हो जाए। तो सर इस वजह से सर पढ़ाई-लिखाई में मतलब शैक्षिक अव्यवस्थाओं में सर बहुत अंधकार पड़ गया।
पीएम मोदी- अच्छा दीपम जी, मानिए कि दिल्ली का कोई पत्रकार आपके यहां आ गया और आपसे मुलाकात हो गई और वो आपको एकदम से पूछ ले कि बताइए भाई बिहार में बदलाव हुआ। बदलाव हुआ वो तो आप कह रहे हैं तीन चीजें बताइए जो बिल्कुल आपको लगता है, जबरदस्त बदलाव हुआ है तो उस पत्रकार को आप क्या जवाब देंगे?
दीपम- सर बिल्कुल बहुत अच्छे से और मजबूती से जवाब दूंगा कि बिहार हमने कभी सोचा नहीं था कि यह नया बिहार और विकसित बिहार ऐसा भी हो पाएगा। सपनों में भी नहीं सोचा था। इतने इंफ्रास्ट्रक्चर हुए सर सड़क बने, पुल-पुलिया बने। पहले हम राज्य के सबसे अंतिम जिले में रहते हैं सर। यहां से जाने में हमें पहले एक दिन से डेढ़ दिन लगता था राजधानी जाने में। अब चार से पांच घंटे सर हम अपने घर से सड़क के माध्यम से रेलवे के माध्यम से राजधानी पहुंच जाते हैं। और सर हम एक सबसे बेहतरीन अनुभव रहा आपके और माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यकाल में सर अभी दो डबल इंजन की सरकार में कि सर जो कभी हम लोग सोचे ही नहीं थे कि मेट्रो भी बिहार में चल पाएगा सर। वो भी हो गया और गंगा घाट पर सर एक नहीं-दो नहीं तीन-तीन पुल अभी बन चुके हैं। और भी बनने वाले हैं, तो सर हम मतलब हम अपने आने वाले
पीएम मोदी- देखिए, नौजवानों का यह तो मुझे अच्छा लगता है कि बिहार के नौजवान इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्व समझ रहे हैं और यह बहुत महत्वपूर्ण भी है। लेकिन क्या आप इंफ्रास्ट्रक्चर के सिवाय भी कोई दो चीजें बता सकते हैं?
दीपम- जी बता सकते हैं सर। गुड गवर्नेंस है। महिला सशक्तिकरण है सर। हम लोग खुल के सांस ले पा रहे हैं। अपना ठीक से जहां जाना होता है जा पा रहे हैं।
पीएम मोदी- दीपम जी आपने बहुत अच्छे तरीके से बताया। आज देश में विकास का महायज्ञ चल रहा है और बिहार भी इसमें कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। बिहार में हर एक क्षेत्र में हर एक दिशा में काम हो रहा है। कहीं अस्पताल बन रहे हैं, कहीं नए रेलवे रूट बन रहे हैं, कहीं अच्छे स्कूल बन रहे हैं। और इसका बहुत बड़ा कारण यह है कि देश और बिहार में एक स्थिर सरकार है। जब स्थिरता होती है तो विकास तेज होता है। बिहार की एनडीए सरकार की शक्ति भी यही है। और इसलिए आज बिहार का हर नौजवान उत्साह से कह रहा है- रफ्तार पकड़ चुका बिहार, फिर से एनडीए सरकार। यही कहता है ना रफ्तार पकड़ चुका बिहार। फिर से एनडीए सरकार। दीपम जी आप सभी युवा कार्यकर्ताओं को एक और काम करना है।
दीपम- जी सर।
पीएम मोदी- चुनाव की भागदौड़ रहेगी। छठ का महापर्व भी इसी बीच है। लेकिन छठ के तुरंत बाद 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस है। देश के महान नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है। और यह तो इनका 150वां वर्ष भी है। इस दिन रन फॉर यूनिटी होनी है। और मैं तो कहूंगा कि हर गांव में कितनी चुनावी आपाधापी हो, लेकिन सरदार पटेल को याद करना चाहिए। बड़े शहरों में हर वार्ड में और 15 मिनट, 20 मिनट, आधा घंटा, एक घंटा मिलकर के दौड़ने का कार्यक्रम बनाना चाहिए। रन फॉर यूनिटी। एकता की दौड़ और ज्यादा से ज्यादा बेटे-बेटियों को जोड़ना चाहिए। और आप तो जानते हैं, आजादी के आंदोलन में बिहार का कितना बड़ा योगदान था। और जिस तरह चंपारण के बिना भारत की स्वतंत्रता की बात अधूरी रह जाती है, वैसे ही सरदार वल्लभ भाई पटेल के बिना देश की एकता की बात और चर्चा वहीं से शुरू होती है। तो हमें उन्हें सरदार साहब को श्रद्धांजलि देने के लिए रन फॉर यूनिटी वाले कार्यक्रम को आगे बढ़ाना है। 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता का पर्व पूरी ऊर्जा से मनाना है। चलिए दीपम जी मुझे बहुत अच्छा लगा। अब हम किसी और एक साथी के साथ आगे बात करेंगे। अब कौन बात करेंगे मेरे साथ?
अनन्या कश्यप, पटना
अनन्या- नमस्कार सर। मैं पटना से अनन्या कश्यप बोल रही हूं।
पीएम मोदी- अनन्या जी नमस्ते।
अनन्या- नमस्ते।
पीएम मोदी- अनन्या जी मैं पहले तो आपका परिचय जानना चाहूंगा।
अनन्या- जी सर। मैं एक स्टूडेंट हूं और अभी मैं मेडिकल की तैयारी कर रही हूं। मेरे फैमिली में मेरे माता-पिता और एक मेरा छोटा भाई है और मेरी मां जो है वो बीजेपी में ही पटना महिला मोर्चा महानगर की मंत्री है और मेरे फादर जो है वो इंजीनियर हैं।
पीएम मोदी- तो आप तो पूरी तरह आपके तो रगों में ही बीजेपी है।
अनन्या- जी सर।
पीएम मोदी- अच्छा अनन्या जी,
अनन्या- मैंने आपके लिए एक कविता भी लिखकर रखी है।
पीएम मोदी- क्या बोल रही थी? आप कुछ कह रही थी?
अनन्या- जी मैंने आपके लिए कविता भी लिखा है। तो अगर आपकी अनुमति हो तो क्या मैं वो आपको सुना सकती हूं?
पीएम मोदी- बहुत लंबी नहीं है ना। क्योंकि बाकी लोग फिर मेरे पर गुस्सा करेंगे।
अनन्या- नहीं-नहीं बहुत छोटी सी है।
पीएम मोदी- चलिए सुना दीजिए।
अनन्या- जी मेरी कविता का शीर्षक है- मोदी जी है तो मुमकिन है।
सिर उठाकर जीना हमें सिखाया है।
आत्मनिर्भर बनने का मार्ग दिखाया है।
राम मंदिर से ऑपरेशन सिंदूर तक
नामुमकिन को मुमकिन कर डाला है।
मोदी जी है मेरी मां ने बताया है।
विश्वपटल पर भारत का परचम लहराया है।
मोदी जी के नेतृत्व ने विश्वास जगाया है।
भाजपा का समर्थन इसलिए करते हैं हम सब
क्योंकि मोदी जी है तो सब कुछ मुमकिन है।
ये मेरी मां ने बताया है। धन्यवाद।
पीएम मोदी- अनन्या जी। आपकी इस भावना के लिए और आपकी माताजी की इस भावना के लिए मेरी तरफ से बहुत-बहुत धन्यवाद। लेकिन सच्चाई यह है कि यह सारी ताकत 140 करोड़ देशवासियों की है और इस सारी ताकत मतदाता के एक वोट की ताकत है। उस वोट ने यह परिस्थिति पैदा की है कि आज राम मंदिर भी बन गया। ऑपरेशन सिंदूर भी हो गया और देश नक्सलवाद से मुक्ति की दिशा में भी तेज गति से आगे बढ़ रहा है। तो यह वोट की ताकत है और मैं मानता हूं कि हिंदुस्तान में वोट की ताकत सबसे ज्यादा अगर किसी को समझ है तो मेरे बिहार के भाई-बहनों को है। और इसीलिए जंगल राज को एक बार हटाने के बाद आज किसी भी हालत में जंगल राज को वापस आने देना नहीं चाहते हैं। तो ये बिहार के जागरूक नागरिकों की ताकत है। अच्छा अनन्या जी, आप मेडिकल की तैयारी कर रही है। बिहार में अपने घर के आसपास की महिला सशक्तिकरण से जुड़ी ऐसी कई प्रेरक बात होगी। आपकी माताजी स्वयं सक्रिय हैं तो काफी महिलाओं से बातें होती होगी। चर्चाएं सुनने को मिलती होंगी। जो आपने सुना हो, उसमें से कुछ बता सकती हैं आप?
अनन्या- जी बिल्कुल। मेरी एक फ्रेंड है तो उनके फादर का डेथ बहुत छोटे उम्र में ही हो गया था। तो फिर उसके बाद मेरी फ्रेंड की मां ने ही केवल अपनी बेटी को भी पढ़ाया और घर संभालते हुए वो खुद भी पढ़ी और उन्होंने महिला आरक्षण का लाभ उठाते हुए आज वो भी एक सरकारी जॉब में है। वो सरकारी टीचर हैं। इसके अलावा भी सर बहुत सारे मेडिकल इंजीनियरिंग और भी बहुत सारे क्षेत्र में महिलाओं के लिए आरक्षण ला दिया गया है। इसके कारण से अब सभी लोग अपने घर से बाहर निकल रहे हैं। जागरूक हो पढ़ रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं और आत्मनिर्भर भी बन रहा है।
पीएम मोदी- अच्छा अनन्या जी, आज बिहार की बेटियां हर फील्ड में बहुत अच्छा कर रही है। आपका कोई अनुभव है कि क्या जब आप किसी से मिली हो और जिसका जीवन एनडीए सरकार के कारण बदला हो।
अनन्या- जी, जी बिल्कुल हमारे घर के बगल में, हमारे घर के बगल में ही एक महिला रहती है तो वो कैंसर से पीड़ित थी तो फिर उन्होंने एक आपके द्वारा ही दिए गए योजना का लाभ उठाते हुए आयुष्मान योजना उसके द्वारा ही उन्होंने अपना इलाज भी करवाया और अब वो एक कैंसर वॉरियर है।
पीएम मोदी- अरे वाह, अच्छा अनन्या जी।
अनन्या- और लेकिन अभी जब मैं उनसे मिली तो उन्होंने मुझे यह भी बताया कि मुख्यमंत्री योजना के तहत उन्हें 10000 रूपये भी प्राप्त हुए थे तो अब वो अपना रोजगार भी स्टार्ट करने जा रही हैं।
पीएम मोदी- अच्छा, अच्छा अनन्या जी आप नौजवानों के बीच में जाती होगी। माताजी भी जाती होगी महिलाओं के बीच में। अब तो चुनाव की दौड़-धूप भी शुरू हो गई होगी। छठ की पूजा की तैयारियों के बीच में भी चुनाव का काम चलता होगा। आप लोगों को जब मतदाताओं को मिलते हैं। उनको कौन-सी तीन बातें आप बताते हैं कि क्यों ये एनडीए सरकार को दोबारा क्यों लाना चाहिए?
अनन्या- बिल्कुल। मुझे जो लगता है सबसे ज्यादा लोगों को एनडीए की तरफ आकर्षित करना है वो सबसे पहले तो आपका नेतृत्व है। फिर दूसरा कि जो भी वादा, जो भी आप प्रॉमिस करते हैं सभी लोग से आप उसको पूरा करते हैं। उसके, उसके तरफ आपकी जो निष्ठा है और जो लगन है वो भी लोगों को एनडीए की तरफ खींचता है। और फिर तीसरा कि जिस प्रकार से बीजेपी अपने जनता के प्रति समर्पित है वह भी एक बहुत बड़ा यहां पर फैक्टर है।
पीएम मोदी- आपको क्या लगता है कि जैसे अगर मैं यह सुझाव दूं कि जिस दिन मतदान है आपके यहां छह तारीख है क्या इनकी 11 तारीख है?
अनन्या- छह को है।
पीएम मोदी- अगर मैं आपको कहूं कि भाई आप घर-घर ये मैसेज दीजिए कि पहले मतदान फिर जलपान। तो आप पहुंचाएंगे मेरी बात सबको।
अनन्या- जरूर।
पीएम मोदी- क्योंकि लोग सुबह जल्दी-जल्दी मतदान करें। क्या आप पोलिंग ग्रुप में हर परिवार का मतदाता सूची लेकर के टिक मार्क करेंगे कि भई अभी कितने मतदाता है? कितने बाहर है? कितने वोट करेंगे? जिसमें से पक्के वोट मिलने वाले हैं, वह कौन है? जिनको अभी दो बार, तीन बार जाना पड़ेगा, वो कौन है? ऐसा होमवर्क भी करेंगे क्या आप घर-घर जाकर के आप लोग?
अनन्या- जी जी बिल्कुल।
पीएम मोदी- तो आपकी पूरी टोली करेगी इस काम को।
अनन्या- हां।
पीएम मोदी- तो मैं बिहार के सभी नौजवानों से कहता हूं कि जैसे मैंने अनन्या जी से कहा वैसे ही आप लोग भी मतदाता सूची लेकर के एक-एक घर में जाकर के देखिए कौन नहीं है। कौन अभी उस समय शादी ब्याह में कहीं चला गया है। किसी और काम से चला गया है। छुट्टी पर चला गया है। तो उसको आग्रह करना चाहिए कि नहीं-नहीं वोट करना है। अनन्या जी मुझे आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा। आज बिहार की आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है। यह हम सबके लिए बहुत ही गर्व का विषय है। साइंस और टेक्नोलॉजी का क्षेत्र हो, एविएशन से स्पेस टेक्नोलॉजी तक, फैशन टेक्नोलॉजी और फिनटेक इंडस्ट्री हो या मेडिकल एजुकेशन और मीडिया जैसे सेक्टर्स हो, बिहार की बेटियों ने हर जगह अपना परचम लहराया है। आप तो कोई भी नेशनल चैनल देख लीजिए। दिन में चार-पांच तो एंकर वो ही होते हैं जो बिहार के होते हैं। उसमें भी बिहार की बेटियां होती है। अनन्या जी आप तो मेडिकल की तैयारी कर रही हैं। आरजेडी के समय बिहार में जितने मेडिकल कॉलेज थे, आज उससे दो गुना ज्यादा मेडिकल कॉलेज बिहार में है।
अनन्या- जी।
पीएम मोदी- 15 के करीब नए मेडिकल कॉलेज बन भी रहे। यानी आप जैसे विद्यार्थियों के लिए सीटों की संख्या भी बढ़ी है। आपसे पहले वाली पीढ़ी को जंगल राज के अवसरों से वंचित कर अवसरों ने उनको बर्बाद भी कर दिया। उनके जीवन के सारे सपने चूर-चूर कर दिए। और उस शासन में घोटाले थे। हमारे शासन में विकास की गारंटी है। उन लोगों ने बिहार की बेटियों को चारदीवारी में कैद कर दिया था। इसलिए जंगल राज वालों को सत्ता से दूर रखना बहुत जरूरी है। बिहार में आज महिला सुरक्षा का जो भाव है, हमें उसे कमजोर नहीं पड़ने देना है।
साथियों,
मैं अभी भाजपा की युवा मोर्चा के साथियों को एक और काम देना चाहता हूं। आप सभी को सीएम महिला रोजगार योजना की सफलता के बारे में पता तो है ही। 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा बहनों को अपना रोजगार शुरू करने लिए हर एक बैंक के खाते में ₹10,000 भेजे गए हैं। आप हर बूथ पर ऐसी महिलाओं की लिस्ट बनाइए जिन्हें अब तक सीएम रोजगार योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। उनके साथ बैठिए। उन्हें भरोसा दीजिए कि 14 नवंबर को फिर एक बार सरकार बनते ही उनका नाम भी लाभार्थियों की लिस्ट में जोड़ा जाएगा। 14 नवंबर को सरकार में वापसी के बाद महिला सशक्तिकरण का एक नया दौर बिहार में शुरू होगा। तो मेरी यह बात जरूर पहुंचा दीजिए। चलिए हमारे साथ और भी कोई साथी होंगे। हम उनके साथ अब बात करते हैं। कौन बात करेंगे?
मनीष शाह, भागलपुर
मनीष- प्रणाम प्रधानमंत्री जी।
पीएम मोदी- नमस्ते जी। कौन बोल रहे हैं?
मनीष- मनीष बोल रहे हैं भागलपुर से।
पीएम मोदी- मनीष जी नमस्ते जी।
मनीष- नमस्ते सर। बहुत खुशी हो रही है कि मुझे आपसे बात करने का चाहूंगा। मैं मनीष शाह भागलपुर बिहार से बोल रहा हूं। और मैं भागलपुर युवा मोर्चा का महामंत्री हूं।
पीएम मोदी- अच्छा मनीष जी आज बिहार नई उम्मीद लेकर के चल रहा है। लोग नई ऊर्जा के साथ ज्यादा बहुमत के साथ एनडीए सरकार की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन आप बताइए। आप कह सकते हैं कि आपके भागलपुर इलाके में या बिहार में ऐसे कौन से काम हैं, जो इस बार मतदाताओं को सबसे ज्यादा अच्छे लगेंगे।
मनीष- सर सबसे पहले तो यह बोलना चाहेंगे आपसे बात करके हमको बहुत खुशी हो रही है कि मेरी बात आज जो है प्रधानमंत्री से हो रही है और दूसरी भागलपुर को।
पीएम मोदी- मेरे लिए खुशी की बात है कि मुझे आज भागलपुर के मेरे एक नौजवान साथी मनीष शाह से बात करने का मौका मिल रहा है।
मनीष- जी सर धन्यवाद। सर भागलपुर एक बहुत पिछड़ा, बिहार का बहुत पिछड़ा हुआ था पहले लोग यहां से बहुत गांव-गांव से लोग जो है भागलपुर में इलाज कराने आते थे उनको सड़क नहीं था पहले कभी लोग सड़क के लिए तो रास्ते में एंबुलेंस नहीं थी। कोई डिजिटल सुविधा नहीं था इसको ले बहुत भागलपुर भी पिछड़ा पड़ा हुआ था बिहार में। लोग चाहते थे कि हम जाए इलाज कराने रास्ते में बहुत की मौत हो जाती थी सड़क के कारण, तो कभी कभी एंबुलेंस के कारण, तो कभी डिजिटल नहीं था। किसी से बात नहीं हो पाता था। फोन नहीं था। मगर अब अब लोग बहुत इजी-वे में बहुत इजी से आ जाते हैं। कहीं भी कोई भी कराना हो, किसी को किसी से मिलना हो, आज किसी से बात करने की दिक्कत नहीं है। किसी को डिजिटल जमाना हो गया है।
पीएम मोदी- अच्छा मनीष जी, बिहार के नौजवानों को रोजगार के बदले में जो जमीन छीन ली गई थी। और अब तो कोर्ट ने भी चार्ज फ्रेम कर दिए हैं तो बिहार के नौजवानों में इस बात की चर्चा है क्या। गुस्सा है क्या?
मनीष- एकदम गुस्सा है। जंगल राज में पहले क्या करते थे अपनी जमीन बेच के लोग आते थे भ्रष्टाचार भी बहुत ज्यादा था। लोग बोलते थे मुझे नौकरी लगा दीजिए। मैं आपको इतना पैसा दे दूंगा। लोग इसके बदले में जमीन बेच के पैसे देते थे। मगर वो पता चलता था किसी ये पैसे मेरा बेकार चला गया। कोई और लेके चला गया। प्रशासन भी सख्त नहीं थी। प्रशासन भी सब मिलीजुली थी। मगर अब प्रशासन भी आप लोगों के हम लोगों के साथ है। वो हमेशा चाहती है अच्छे सरकार के साथ है। एनडीए सरकार के साथ है।
पीएम मोदी- अच्छा मनीष जी, बीते वर्षों में नीतीश जी के नेतृत्व में बिहार में लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी मिली। जबकि आरजेडी का इतिहास जैसा मैंने कहा जमीन छीन लेना। और आप तो जानते हैं यह जो गठबंधन को मुझे बिहार के लोग मिले थे। तो वो बोले नहीं नहीं गठबंधन नहीं है बोले लठबंधन है और यह लठबंधन की एक दूसरी विशेषता है कि उसके जो नेता हैं जो दिल्ली वाले हैं और पटना वाले ये सब के सब जमानत पे हैं। और जो लोग जमानत पे हैं, वो बिहार का भला कैसे करेंगे? बिहार के युवाओं का क्या कहना है?
मनीष- बिहार के युवा का कहना है कि यह सब को फिर से अंदर डाल दिया जाए। जमानत को तोड़ दिया जाए। युवाओं का ये कहना है कि हम लोगों के
पीएम मोदी- कुछ लोगों का तो, कुछ लोगों का तो केस चलना शुरू हो जाएगा ना। अब तो। जो जमानत पे हैं।
मनीष- हां केस चल के उन लोगों को खत्म किया जाए। जंगल राज को खत्म किया जाए। जंगल राज को एकदम खत्म किया जाए। जितने की भी जमानत है, उसको फिर से उसका केस खोल के उसको जो है अपनी जगह पर पहुंचा दिया जाए कि आपकी यही जगह है। आपको यहीं रहना है।
पीएम मोदी- नहीं नहीं, मेरा युवाओं से कहना है कि वो तो कानून, कानून का काम करेगा। आप लोगों से क्या बात करेंगे? नौजवानों से क्या बात करेंगे? नौजवानों को कैसे प्रेरित करेंगे?
मनीष- देखिए कि नौजवानों को हम अभी बताते हैं कि पहले की सरकार को छोड़ दिया जाए। अब नए हमारे जो एनडीए गठबंधन की सरकार है उसमें आइए। हम लोगों का साथ निभाइए। हम लोगों के साथ चलिए। पहले नौजवान लोग पढ़ाई करने के लिए दूर-दूर जाते थे। मगर अब नौजवान पढ़ाई करने के लिए अपने शहर में ही कर लेते हैं। पहले लोग पढ़ने के के लिए कोटा जाते थे। मगर आज एलन हमारे भागलपुर में है। आज जो है रेजोनेंस हमारे भागलपुर में खुल गई है। तो ये सब हो रहा है नौजवानों के कारण। एक अच्छे सरकार के कारण कि हर जगह पे फैसिलिटी मिल रही है लोगों को पढ़ने की। लोगों को जानने की।
पीएम मोदी- अच्छा आप तो नौजवान हैं। क्या आपको नहीं लगता है कि हर दिन एक निश्चित समय पर बीजेपी के झंडे और एनडीए के झंडे लेकर के नीतीश जी की पार्टी का झंडा, उनका निशान, हमारी पार्टी का झंडा, हमारा निशान, हमारे साथ जो हैं- जीतन राम जी हैं। चिराग पासवान जी हैं। इन सबकी पार्टी के बैनर, उनके झंडे यह सब लेकर के, सभी दल के कार्यकर्ता एक साथ डेली 1 किलोमीटर, 2 किलोमीटर नारे लगा करके जुलूस निकालना चाहिए। दूसरे दिन दूसरे इलाके में, तीसरे दिन तीसरे इलाके में घर-घर तो जाना ही है। लेकिन रोज एक 25-30 लोग झंडा लेकर के जुलूस निकालें। थाली-वाली बजाएं, ढोल बजाएं। ऐसा करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए?
मनीष- एकदम करना चाहिए।
पीएम मोदी- तो करेंगे।
मनीष- हां एकदम करेंगे। इससे हमारे युवा जागरूक होंगे।
पीएम मोदी- मुझे नमो ऐप पर फोटो भेज देंगे आप उसकी। वीडियो भेज देंगे।
मनीष- एकदम भेज देंगे करके।
पीएम मोदी- मनीष जी मैं देखूंगा, हां मैं बताता हूं।
मनीष- नहीं नहीं भेज देंगे, सर भेज देंगे। आपके विश्वास पे हम खरा उतरेंगे।
पीएम मोदी- मुझे बहुत अच्छा लगा मनीष जी, आपका आत्मविश्वास बड़ा गजब का है और आपकी बातों में ही लग रहा है जैसे चुनाव जीत गए अब तो।
मनीष- चुनाव तो सर जीत रहे हैं हम। उन लोगों के यहां से रोहित पांडे जी खड़े हैं और उनको जिताना है।
पीएम मोदी- साथियों, जो लोग अपने-आप को गठबंधन कहते हैं। बिहार की जनता जिनको लठबंधन कहती है। वो सिर्फ लठ्ठ चलाना जानते हैं। झगड़ा करना जानते हैं और झगड़ते रहते हैं। देखा आपने? लठबंधन वालों के लिए अपना स्वार्थ ही सबसे बड़ा है। इन्हें बिहार के युवाओं की चिंता नहीं है। आप देखिए दशकों तक देश और बिहार के नौजवान नक्सलवाद, माओवादी आतंक से पीड़ित रहे। लेकिन इन लोगों ने आपको न ही अपने स्वार्थ को ही प्राथमिकता दी। माओवादी आतंक से मदद लेकर यह लोग चुनाव भी जीतते रहे। बिहार को तबाह करने में नक्सलवाद माओवादी आतंक ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। यह माओवादी आतंक स्कूल, कॉलेज, अस्पताल कुछ खोलने नहीं देते थे और बनी बनाई लोगों को बम से तोड़ देते थे। ये उद्योगों को घुसने नहीं देते थे। उद्यम नहीं करने देते थे। इसलिए इनके राज में विकास पूरी तरह चौपट हो गया। और विकास चौपट हो गया। तो एक मैं मानता हूं बिहार की दो पीढ़ी का भविष्य बर्बाद किया इन्होंने। उसमें से बिहार को बाहर लाने में बड़ी मेहनत पड़ रही है। लेकिन हम लोग कर रहे हैं। हमने 2014 के बाद से बहुत मेहनत की है। एनडीए ने जंगल राज के अंधेरे से निकालकर बिहार को विकास की नई रोशनी में लाने का काम किया है। आज बिहार में हम नक्सलवाद माओवादी आतंकवाद को समाप्त करने की तरफ बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। बिहार के नौजवानों के भविष्य को सुरक्षित करना हमारा कर्तव्य है और हम इसके लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। चलिए आगे अब कौन बात करेंगे हमारे साथ?
अमलेश कुमार चौधरी, मधुबनी
अमलेश- नमस्कार प्रधानमंत्री जी। मैं अमलेश कुमार चौधरी, मधुबनी से बोल रहा हूं।
पीएम मोदी- अमलेश जी नमस्ते।
अमलेश- नमस्ते सर।
पीएम मोदी- आप थोड़ा अपना परिचय बताएंगे।
अमलेश- वर्तमान में सर ग्राम पंचायत गौर अंधरा से सरपंच हूं। युवा किसान हूं। साथ ही युवा मोर्चा जिला मधुबनी का उपाध्यक्ष हूं।
पीएम मोदी- तो आप गांव के सरपंच हैं।
अमलेश- जी सर।
पीएम मोदी- इतनी छोटी आयु में।
अमलेश- जी सर। मैं जिला में सबसे कम उम्र में 29 साल 29 वर्ष की आयु में सर मैं सरपंच बना हूं और मैं एक बहुत साधारण से परिवार से आता हूं।
पीएम मोदी- अच्छा अमलेश जी, देखिए यह बाबा साहब आंबेडकर की कृपा है। यह भारत के संविधान की कृपा है कि हम जैसे सामान्य परिवार से आए हुए लोग, पिछड़े हुए लोगों के बीच में से निकले हुए लोग, गरीबी में से निकले हुए लोग, यहां तक पहुंचे हैं। और इसकी जड़ें हमारे लोकतंत्र में है। और हमारे लोकतंत्र की जड़ें बिहार से शुरू होती हैं। सदियों से बिहार ने लोकतंत्र का रास्ता दुनिया को दिखाने वाला पहला मुल्क रहा। तो बिहार की वो धरती अब जब लोकतंत्र का महापर्व मना रहा है तो मैं जरा आपसे चुनाव का अनुभव सुनना चाहता हूं। आप बताएंगे।
अमलेश- जी सर। सर इस बार हम लोग बहुत बड़ी जीत, जीत रहे सर। बहुत बड़ा मार्जिन से जीतेंगे। हमको लग रहा है कि इस बार विधानसभा में एनडीए गठबंधन को 200 प्लस सीटें आएंगे।
पीएम मोदी- अच्छा वहां बूथ का बताइए ना। मुझे पूरे बिहार का तो बड़ा शानदार होना ही होना है। मुझे तो बूथ वाला ज्यादा समझना है। मेरा बूथ सबसे मजबूत इसका मतलब क्या समझते हैं लोग?
अमलेश- जी सर, ये हम लोग का अभी जो कार्यक्रम चल रहा हैं। और हम लोग इसी पे काज कर रहे हैं कि मेरा बूथ सबसे मजबूत। हम लोग हर विधानसभा में बूथ जीत लिए। हम चुनाव जीत लिए और हमारा अभी इसी पर फोकस है। जितना हमारे युवा साथी हैं जो हमारे मोर्चा से लगे हुए हैं। हम लोग हर रोज यह कार्यक्रम करते हैं कि हम लोग अच्छा से अच्छा इस बार जनता के बीच में जाएं। और हर साल से बेहतर इस बार मार्जिन से हम लोग जीत प्राप्त करें और पुनः एनडीए का सरकार बनाएं।
पीएम मोदी- लेकिन मैंने तो देखा है कभी-कभी चुनाव में लोग कार्यालय में जाकर सुबह से बैठ जाते हैं और फिर जो आए उसको पूछते रहते हैं। अच्छा भाई बताओ तुम्हारे यहां वातावरण कैसा है? अच्छा भाई बताओ तुम्हारे यहां वातावरण कैसा है? और दुनिया भर की चर्चा करते रहते हैं। उनको लगता है मैंने बहुत काम किया चुनाव में। अगर इससे तो चुनाव जीता नहीं जाता है। चुनाव तो जीता जाता है मतदाताओं के घर जाकर के। तो यह काम हो रहा है क्या?
अमलेश- बिल्कुल हो रहा है सर। सब तरह के कार्यकर्ता हैं। लेकिन हम लोग पिछले बार भी जब हम विधानसभा चुनाव जीते जीते थे। 2020 में उस समय मैं युवा मोर्चा का प्रखंड अध्यक्ष था और हमने बहुत मेहनत किया। आपने जो कहा हम लोग समय खराब नहीं करते हैं कार्यालय पर। क्योंकि युवा का काम नहीं है जाना कार्यालय पर। हम लोग का काम है जनता के बीच जनसंपर्क बनाना। एनडीए सरकार का और मोदी जी का कार्यकाल का बात रखना। सारे आपके योजनाओं के विषय-वस्तु हर एक जनता के पास रखना और इसी पर हम लोग काम करते हैं।
पीएम मोदी- एक काम और करना चाहिए कार्यक्रमों की जो वीडियो होती है ना। वो छोटी-छोटी वीडियो अपने मोबाइल में रखनी चाहिए और जिस घर में जाएंगे। अगर किसान का घर है तो किसान की योजना की एक-दो वीडियो उनको घर में बैठकर के दिखानी चाहिए मोबाइल पर। अगर किसी बुजुर्ग है तो उनको आयुष्मान वाली वीडियो दिखानी चाहिए। कोई नौजवान है तो उसकी बतानी चाहिए वीडियो। अगर कोई महिला है जिनको दस-दस हजार मिला है तो उनको वो वीडियो यानी घर में बैठ के 15-20 मिनट सबको बिठा करके दो-चार वीडियो दिखा के बातें करनी चाहिए। आजकल तो सरलता से सारी चीजें हम कर सकते हैं।
अमलेश- जी जी
पीएम मोदी- अच्छा अमलेश जी आप तो सरपंच रहे हैं और छोटी आयु पर सरपंच रहे हैं। और अभी आप तो चुनाव के मैदान में भी दौड़ रहे हैं। गांव के लोग क्या बोल रहे हैं और नई पीढ़ी के लोग क्या बोलते हैं और बुजुर्ग लोग क्या बोलते हैं? क्योंकि बुजुर्गों ने तो जंगल राज देखा है। 40-45 के ऊपर के जितने लोग हैं, उन्होंने वो मुसीबतें झेली हैं।
अमलेश- जंगल राज के समय में सर कोई भी व्यवस्था नहीं था हमारे यहां बिहार में। करप्शन बहुत ज्यादा थी। लोग सांझ ढलने के बाद घर से बाहर नहीं निकल पाते थे। मां-बहनें सुरक्षित नहीं थी और आज के डेट में सर हम देख रहे हैं। हम अभी सरपंच हूं। जब से एनडीए की सरकार बिहार में बनी है। हर कार्य में बदलाव देखने को मिला है। जैसे कि बिजली तो बिल्कुल बिहार में नहीं थी सर। लेकिन आज के डेट में हर गांव में हर मोहल्ले में हर गरीब के गरीब के घर तक बिजली कनेक्शन मिला है। मोबाइल इंटरनेट का सुविधा मिला है। पहले सर हम देखते थे कि वृद्धा पेंशन जो मिलता था, वो सारे ऑफलाइन के माध्यम से मिलता था जिसमें बहुत सारे बिचौलिए वो खा जाते थे पैसे।
पीएम मोदी- वो तो ये लठबंधन के एक नेता ने पहले कहा था कि दिल्ली से एक निकलता है तो सिर्फ 15 पैसा पहुंचता है। ये इन्हीं लोगों के कारण होता था।
अमलेश- जी सर। लेकिन आपके कार्यकाल में मैं देख रहा हूं। आपने जनधन है योजना दी है।
पीएम मोदी- ऐसा है, जब उजाला होता है ना तो चोर को चोरी करने में दिक्कत होती है। चोर जो होता है वो बिजली वाले बड़े खंबे-वंबे हैं तो उससे डरता है। तो वो लालटेन लेकर के चोरी छुपे से चोरी करने पहुंच सकता है और पंजा ऐसा होता है कि बराबर चोरी लूट लेता है तो ऐसी स्थिति में बिहार को बचाना एक काम है।
अमलेश- जी सर।
पीएम मोदी- अच्छा इन दिनों जब भी मैं बिहार के लोगों से बात करता हूं। पहले बिहार में बात करते थे तो ऐसे विषय नहीं होते थे। लेकिन मुझे एक बात की बहुत खुशी हो रही है कि बिहार का नौजवान वो अब भविष्य की तरफ देख रहा है। और वो कह रहा है भई अभी जो बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर बना है वो अब सारी संपत्ति को लाने का एक बड़ा महामार्ग बन जाने वाला है। और गांव और शहर की दूरी कम हो रही है। अब जो पहले पटना या पटना के आसपास ही जो कुछ भी था। आज तो बिहार में किसी भी कोने में जाइए। कुछ ना कुछ डेवलपमेंट का काम हो रहा है। अब तो मधुबनी को भी फायदा मिलता होगा। तो जब फायदा दिख रहा है लोगों को, उसको अब मैं बिहार के नौजवानों से सुनता रहता हूं कि साहब हमारा बिहार तेजी से बदल रहा है। क्योंकि मेरा तो बिहार के लोगों से संबंध बहुत रहा है क्योंकि गुजरात में तो बहुत बड़ी तादाद में लोग हैं। तो मेरा संबंध बहुत रहता था। तो अभी क्या अनुभव हैं, कुछ बता सकते हैं आप?
अमलेश- जी सर सर आज गांव और शहर की दूरी काफी कम हुई है सर गांव में तड़के, बिजली, इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध है। युवा ऑनलाइन पढ़ाई और काम कर रही है। सरकारी योजना और डिजिटल सुविधा गांवों का झुकाव शहरों के अपेक्षा ज्यादा हो गया है सर। पहले हमारे यहां हम लोग पटना 200 किलोमीटर की दूरी है हमारे गांव से। हम लोग यदि सुबह में निकलते थे तो रात को 8:00 बजे पहुंचते थे। 12 से 14 घंटा लगता था सर। लेकिन आज पटना और गांव की दूरी तीन से साढ़े 3 घंटे की हो गई है सर। आज हम लोग हमारे जिला मधुबनी का दूरी मेरे गांव से 40 किलोमीटर का है। इसमें हम लोग का पूरे दिन लगता सर, लेकिन आज एक घंटे की रास्ता हो गया है सर। पहले कोसी क्षेत्र जैसे कि हमारा मधुबनी और सुपोल बॉर्डर जिला है। लेकिन हम लोग के हमारे सारे रिश्तेदार सुपौल जिला में कोसी के उस तरफ थे। हम लोग यदि सुपौल जाने के लिए सर हमको याद है कि दो दिन लगते थे सर बरौनी होते हुए हम लोग जाते थे। लेकिन आप मोदी जी आपके कार्यकाल आपने रेल इंटरनेट भी इतना जोर दिया हमारे यहां और जितना यह नेशनल हाईवे बन गया सड़क बन गया।
पीएम मोदी- अमलेश जी हेलो। अमलेश जी आपकी बात शायद कट हो गई। चलिए, मुझे बहुत अच्छा लगा अमलेश जी। आप तो बड़े अनुभवी कार्यकर्ता है तो बहुत अच्छे तरीके से आप चीजों को बड़े समझा रहे थे और बिहार का ये विकास वर्षों की तपस्या के बाद आया है।
अमलेश- जी जी सर
पीएम मोदी- खुशी है कि आप बहुत छोटी उम्र में अपनी पंचायत के प्रतिनिधि बने और अब गांव के लोगों के बीच काम कर रहे हैं। ऐसी ऊर्जा की जरूरत है। अमलेश जी बीते वर्षों में जो विकास के कार्य हुए हैं। एक मजबूत नींव बन गई है। अब हमें इस पर विकास की भव्य इमारत बनानी है। 2014 में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद विकास के कार्यों में नई गति आई है। बिजली की व्यवस्था जैसा आपने वर्णन किया बहुत ज्यादा सुधरी है। और अब बिजली सुधरना लालटेन वालों को तो पसंद आएगा ही नहीं।
साथियों,
हम जानते हैं जब बिजली पर्याप्त होती है तो उद्योगों को बिजनेस को बल मिलता है और इससे आपके लिए रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। सोनपुर से सहरसा तक हजारों ऐसे नौजवान हैं जो इंटरनेट से दुनियाभर की कंपनियों में काम करते हैं। हमारी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान ने बिहार के नौजवानों को बहुत बड़ी शक्ति दी है। सस्ते डाटा ने अच्छे नेटवर्क ने बिहार में नई क्रांति ला दी है। आने वाले वर्षों में हमें बिहार को टेक्नोलॉजी का हब बनाना है। जिले-जिले में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है। बिहार के नौजवानों के लिए आने वाले साल वाकई अभूतपूर्व अवसरों के होने वाले हैं। बिहार का नौजवान अब बाहर नहीं जाएगा। बिहार में ही नाम कमाएगा। और मैं सभी साथियों से कहना चाहता हूं आप कुछ सूत्रों पर जरूर काम कीजिए। अपने बूथ पर 18 से 30 साल के युवाओं के लिस्ट तैयार करिए। 18 से 30 साल के नौजवानों की सूची होनी चाहिए। बेटा हो या बेटी। इन युवाओं को 10-12 ग्रुप में बांट दीजिए। और हर ग्रुप के साथ रोज एक घंटा केंद्र और राज्य सरकार की रोजगार से जुड़ी योजनाओं की बातचीत हो। आप गठबंधन वालों के जो झूठे वायदे हैं ना उसकी पोल, पोल खोल करके रख दीजिए। अमलेश जी मुझे अच्छा लगा। आपने तो अनुभव की बातें बहुत अच्छी सुनाई। बहुत मधुर भाषा के लिए जाना जाता है।
अमलेश- एक बात सर और है सर जी। जी सर पहले इससे पहले मैं देखा हूं सर कि हमारे जो सीनियर सरपंच लोग हैं उन सब से मैंने भी फीडबैक लिया आपसे पहले सर कोई भी ऐसा प्रधानमंत्री हमारे देश के नहीं थे, जिन्होंने कभी भी ग्राम पंचायत के प्रधान से या सरपंच से कभी भी उन्होंने याद किया होगा उनको याद रखा होगा लेकिन मैं देख रहा हूं सर 2021 में मैंने चुनाव जीत के आया हर हर साल के पहली जनवरी के पहली सप्ताह में आपके कार्यालय से हम लोग के बाय नेम हम लोग के यहां घर पे आ जाता है कैलेंडर भारत सरकार का सर। इससे एक बहुत बड़ा मैसेज मिलता है हम लोग को क्योंकि कम से कम हमारा प्रधानमंत्री जी कितना लोकप्रिय है जो हर एक जनप्रतिनिधि का ध्यान रखता है। ख्याल रखता है सर। ये बहुत गर्व की बात है सर।
पीएम मोदी- अमलेश जी बहुत अच्छा लगा। आपके अनुभव सुनकर करके बस बात यही है कि हमने बैठना नहीं है। अब आने वाले 20 दिन चौबीसों घंटे मतदाताओं के बीच में रहना है। मतदाताओं को मत देने के लिए पक्का कर लेना है। और मुझे लगता है हमारे राजन पासवान जी का नंबर कट गया था। शायद अब फिर से जुड़ गए हैं। राजन जी अब बात हो सकेगी आपसे।
राजन पासवान, बेतिया
राजन- जी प्रधानमंत्री जी नमस्ते।
पीएम मोदी- राजन जी, नमस्ते। देखिए हमें हो रहा था मन में कि अरे भाई राजन जी से तो बात नहीं हो पाई। लेकिन अच्छा हो गया आप फिर से मिल गए। हां राजन जी बताइए अब अपने बारे में।
राजन- जी मैं राजन पासवान जिला उपाध्यक्ष युवा मोर्चा भाजपा, बेतिया 25 चंपारण पूर्व में विद्यार्थी परिषद का भी कार्यकर्ता रह चुका हूं। और मेरे घर में छह भाई हैं हम लोग माता-पिता हैं।
पीएम मोदी- तो आप क्या करते हैं राजन जी।
राजन- मैं साथ में हमारे पिताजी का राशन का दुकान है, तो मैं पापा के साथ-साथ में उनका उनका सहयोग करता हूं।
पीएम मोदी- अच्छा, तो आजकल चुनाव में आपके जिम्मे क्या काम है?
राजन- मेरे जिम्मे काम तो बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं के बीच संवाद करना है। बात करना है और सरकार की जितनी नीति योजनाएं चल रही हैं उसके बारे में बताना है।
पीएम मोदी- तो इन दिनों एक बूथ में एक परिवार में कितनी बार जाना हुआ होगा?
राजन- लगभग एक बूथ पे एक परिवार पे चार बार, तीन बार जाना हुआ।
पीएम मोदी- अरे वाह अभी तक हम अकेले जाते हैं कि टोली बना के जाते हैं?
राजन- जी जी टोली बना के जाते हैं।
पीएम मोदी- सिर्फ बीजेपी के जाते हैं या एनडीए के सब साथी जाते हैं?
राजन- नहीं एनडीए के सभी साथी जाते हैं। लोजपा के भी जाते हैं।
पीएम मोदी- और ढोल-वोल बजाते हैं। जाते हैं तो। या पर्चा दे कर भाग जाते हैं।
राजन- जी जी हम लोग पूरे ढोल बजाते हैं। हम सभी संयुक्त रूप से एनडीए के साथी ही अपना-अपना झंडा अपने हाथों में लेके और झाल बजाते हुए जैसे पूर्व में हम लोग विद्यार्थी प्रदर्शन में किया करते थे। उसी तरीका से जाके माताएं-बहनों के बीच में बैठते हैं। बात करते हैं। माताएं-बहने तो बहुत उत्साह में हैं कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने हमें रोजगार, रोजगार से जुड़ने के लिए उन्होंने जो दस हजार रूपया का सहायता राशि दिया है। हम लोग बेटा पुनः विश्वास दिलाते हैं कि एनडीए सरकार बनेगी। तो माननीय प्रधानमंत्री जी जो 2 लाख का वादा किए हैं, रोजगार के लिए तब तो हमें प्राप्त होगी। तो हम पुनः आप लोगों को कमल छाप के जो उम्मीदवार कमल का छाप चिन्ह है उस पे हम बटन दबाने का कार्य करेंगे।
पीएम मोदी- अच्छा राजन जी, बिहार में आपके इलाके में तो एक जमाने में सड़कें तक बदहाल थीं। बीते सालों में हमने वहां बहुत सारा काम कराया है। सड़कें अस्पताल सब बनाया है। इन सब ने लोगों की जिंदगी में बदलाव तो किया ही है। तो जो 40-45 साल की उम्र के लोग हैं उन्होंने पुराने बुरे हाल भी देखे हैं। अब बदले हुए हाल हैं तो उसकी क्या चर्चा होती है?
राजन- जी 2005 के पहले मैं अभी पछवी चंपारण के नौतन विधानसभा से आता हूं और यह संसदीय हमारे लोकसभा सांसद डॉक्टर संजयल जी का है और कभी ये मिनी चंबल के नाम से जाना जाता था। 2005 से पहले यहां पे मिनी चंबल बोला जाता था। यहां पे डाकुओं का राज हुआ करता था। जब 2005 के बाद जब एनडीए सरकार आई, तब जाके जितने भी डाकू माफिया गुंडे मवाली जितने भी रहते थे। वो सब का यहां से भागना हुआ और ये बिहार से भाग के यूपी में चले गए और यूपी में जाने के बाद हमारे बुलडेजर बाबा ने उनका ऐसा उपाय किया। फिर यूपी से वो बिहार नहीं आ पाए। और 2005 से पहले माननीय प्रधानमंत्री जी मैं प्रखंड बैरिया से पछवी चंपारण से बेतिया मुख्यालय जाने के जितने माता बहनें थीं। उनको जाने में लगभग दो-तीन दो घंटे लग जाते थे। ऐसी रोड की स्थिति थी। लेकिन 2005 के बाद से अब ऐसा हुआ है कि मैं हम लोग 35 से 40 मिनट के अंतर में बेतिया मुख्यालय चले जाते हैं।
पीएम मोदी- अच्छा राजन जी, मानो कि मैं एक पत्रकार हूं। और मैं कभी बिहार आया नहीं हूं। और मानो मैं आज पहली बार आया हूं। और राजन जी मुझे मिल गए और मैं राजन जी को पूछता हूं कि मुझे तीन चीजें बताओ, जो आपके इलाके में नौजवानों को सबसे ज्यादा अपील करती हैं।
राजन- पहली बात तो हम नौजवान उस समय का हम तो छोटे थे, लेकिन हमारे पिताजी बताते थे कि पहले तो हमारे पिताजी और दादाजी वोट देने जाते थे। तो घर से निकलते थे। बूथ के बीच में ही खड़े रहते थे। तो वहां पर कुछ ऐसे व्यक्ति खड़े रहते थे जो बोलते थे कि आप अपना वोट दे चुके हैं। आप अपने घर जाइए और वो घर वापस चले आते थे। वो भी एक दौर था और आज का एक दौर है। पहले हम लोग युवा ये आपको एलईडी बल्ब देखने को मिलती नहीं थी। हम लोग एकदम मतलब इलेक्ट्रिसिटी का इधर कोई नामोनिशान नहीं था। आज हम लोग एलईडी बल्ब देखते हैं और जो युवा पहले होता था जो दादा जी होते थे। हमारे पिताजी होते थे। अगर कीमती सामान उनके पास होते थे, जैसे घड़ी हुआ, बाइक-साइकिल होता था। तो वो लोग छोड़ के ही घर से बाहर जाया करते थे। क्योंकि अगर वो लेकर जाते थे तो अगर वो शाम को फिर आते थे तो ना उनके पास साइकिल रहती थी ना मोटरसाइकिल रहती थी। इस तरीके का बिहार था। ये सारे बिहार में अब 2005 के बाद से जब एनडीए सरकार बनी है तो ये सब चीजें बदलने का कार्य हुआ है और यह श्रेय आपको भी जाता है प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी को भी जाता है।
पीएम मोदी- अच्छा राजन जी, आप तो जमीन पे काम करने वाले और घर-घर जाने वाले और चार-चार बार गए हैं। इस चुनाव में जब लोगों के घर गए और कोई ऐसा अनुभव जो खुद आपने किसी ने आपको कहा है। खुद आपने कान से सुना है। ऐसा कोई है तो मुझे सुनाइए।
राजन- जी मैं चुनाव प्रचार के में जब बूथों पर में जाना होता है तो एक महिला ने हमें बताया कि बेटा आप तो बड़े हो गए हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी का यह देन है कि हम महिलाएं आप अभी शाम को हमारे दरवाजे पर आप आए हुए हैं। इस समय हम महिलाएं घर से बाहर स्वच्छ करने के लिए जाया करती थी। जिस रास्ते से आप हमसे मिलने आए हैं, उस किनारे में दाएं-बाएं गंदगी दिखाई देती थी। लेकिन आप अगर हमसे हमेशा से मिलने इस गांव में आए हैं तो आपको ना दाएं-बाएं कोई गंदगी दिखाई नहीं दी है। तो इसका श्रेय हर घर जो शौचालय चला है बाबू इसी का निर्णय इसी का श्रेय श्रेय आपको हम देते हैं क्योंकि आज मैं मैं बूढ़ी हो चुकी हूं। मैं चल नहीं फिर पा रही हूं। क्योंकि मैं अगर मैं बूढ़ी हूं चल फिर नहीं पा रही हूं। अगर शौचालय मेरे घर पर नहीं बना रहता तो मुझे भी बाहर जाकर शौचालय करना पड़ता। तो इसका श्रेय मैं आपकी सरकार को देती हूं। आपको प्रधानमंत्री जी को देती हूं।
पीएम मोदी- देखिए, ये जो माताओं के आशीर्वाद है ना, वही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। और मैं चाहूंगा कि सब घर जाकर के ऐसे जो बड़े प्रेरक अनुभव हैं, उसकी चर्चा करनी चाहिए। राजन जी बहुत अच्छा लगा हमें आपसे बात करके।
राजन- सर सर सर सर क्या कह रहे हैं सर। आज मेरा बहुत मैं भाग्यशाली हूं कि मैं आपसे बात कर रहा हूं। आज मेरा जन्मदिन भी है और मैं आपसे बात कर रहा हूं और आपका आशीर्वाद चाहता हूं।
पीएम मोदी- तो क्या यह भाई दूज के हिसाब से हैं कि तारीख से हिसाब से है?
राजन- नहीं नहीं, आयु के हिसाब से ही है।
पीएम मोदी- चलिए मेरी तरफ से आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई और आज तो मेरे लिए भी खुशी की बात है कि मेरे कार्यकर्ता के जन्मदिन का मैं हिस्सेदार बन गया। तो मेरी तरफ से जरा डबल मिठाई खाइएगा आज आप।
राजन- जी जी बहुत-बहुत धन्यवाद प्रधानमंत्री जी। बहुत-बहुत धन्यवाद। बहुत-बहुत धन्यवाद प्रधानमंत्री।
पीएम मोदी- राजन जी, नीतीश जी ने, एनडीए ने बहुत मेहनत से बिहार को अंधेरे से बाहर निकाला है। आज बिहार में जंगल राज नहीं, जन विश्वास का राज है। ये घर-घर बताना है कि आज बिहार में जंगल राज नहीं, जन विश्वास का राज है। आज बिहार का बच्चा-बच्चा गर्व से कहता है कि मैं बिहारी हूं। मैं बिहारी मैं तो बिहार के लोगों के सामर्थ्य को दशकों से देखता आ रहा हूं। जब मैं गुजरात में था, उसी समय बिहार के 100 साल हुए थे। तो मैंने एक कार्यक्रम किया था। बिहार के जीवन में जिन्होंने बहुत बड़ा योगदान किया है। ऐसे अलग-अलग 100 लोगों को मैंने गुजरात बुलाया था। और मैंने गुजरात में उनका सम्मान करके गुजरात के लोगों को बताया था कि बिहार कितना शक्तिशाली है। बिहार कितना सामर्थ्यवान है और मैंने गुजरात के लोगों को कहा था कि बिहार को बड़े गर्व से देखिए।
साथियों,
लेकिन दुर्भाग्य है कि आजकल यह लठबंधन वालों के जो देशभर में साथी है ना। अलग-अलग पार्टियां। वो सारी पार्टियां बिहार के लोगों को गाली देती हैं। बिहार के लोगों से मारपीट करती हैं। बिहारियों के प्रति नफरत करती हैं। और इसलिए खास करके कांग्रेस और आरजेडी वालों से जवाब मांगना चाहिए कि भई बताओ, फलाने राज्य में बिहार के लोगों का अपमान तुम्हारी पार्टी के इंडी अलायंस के लोग, तुम्हारी इंडी अलायंस के जो लोग हैं, वह कर रहे हैं। तुम्हारा क्या जवाब है? इनसे जवाब मांगना चाहिए। और यह जो बिहार के लोग बाहर रहते हैं ना, उनको जहां-जहां इंडिया अलायंस के पार्टनरों का राज है या इंडिया अलायंस के पार्टनरों की जो गुंडाशाही चलती है। वो बिहार के लोगों को टारगेट करते रहते हैं। अभी छठ पूजा में लोग आए हैं ना उनको पूछना चाहिए। उन्होंने मोहल्ले-मोहल्ले में बताना चाहिए कि कैसे इंडी अलायंस के जो सारे साथी पार्टियां है वो क्या करती हैं और उसमें कांग्रेस वाले चुप हो के तमाशा देखते रहते हैं। सब जगह पे।
राजन- माननीय प्रधानमंत्री जी।
पीएम मोदी- हां राजन जी।
राजन- अभी माननीय प्रधानमंत्री जी, अभी दिल्ली से हमारे गांव बगल के जो लोग बाहर काम करते हैं दिल्ली में वो काफी प्रसन्न हैं कि एनडीए सरकार ने हमें दिल्ली से बिहार आने के लिए इतने-इतने बड़े पैमाने पे स्पेशल ट्रेन चलाने का जो अभियान चलाया।
पीएम मोदी- ये इंडी अलाइंस वालों का एक भागीदार की सरकार थी, उसने बिहार का कोई व्यक्ति अगर दिल्ली में बीमारी के कारण आ जाए तो दवाइयां देना मना कर दिया था। अस्पताल की सेवाएं देना मना कर दिया था। उसने कहा था दिल्ली में अस्पताल का उपयोग दिल्ली वाला ही कर सकता है। जैसे ही बीजेपी की सरकार बनी, उन्होंने पहला निर्णय कर दिया कि बिहार का भाई भी मेरे देश का बेटा है। मेरे देश की बेटी है। वो बुजुर्ग भी हमारा माता-पिता जैसा है। अगर वो हिंदुस्तान के किसी भी कोने में जाएगा। उसको अगर दवाई करवानी है तो दवाई होगी उसकी। तो यह निर्णय तो हमने किए।
साथियों,
अब बिहार में डर नहीं विकास बोलता है। बिहार में अब पलायन की नहीं, प्रगति की बात होती है। आज बिहार में नई सड़कों से लेकर एक्सप्रेसवे तक, गंगा पर पुलों से लेकर आधुनिक रेलवे स्टेशनों तक और अब मेट्रो से लेकर एयरपोर्ट तक, हर दिशा में नई संभावनाएं बन रही है। और इस इंफ्रास्ट्रक्चर से युवाओं के लिए रोजगार का निर्माण हो रहा है। जैसे आप तो जानते हैं मखाना बोर्ड का निर्णय, हमारी सरकार मखाने का प्रचार कर रही है। उसे सुपर फूड के तौर पर विश्व के कोने-कोने में ले जा रही है। तो इसका भी लाभ बिहार के नौजवानों को हो रहा है। अब बिहार में मखाने से जुड़े स्टार्टअप बन रहे हैं। नौजवानों को यही अवसर मिल रहे हैं कि वो आगे बढ़ें। दुनिया भर में अपना नाम कमाएं। राजन जी, आप चुनाव में इतने सारे काम कर रहे हैं। आप सभी को एक काम करने का मेरा एक और आग्रह भी है। जो हमारे फर्स्ट टाइम वोटर्स हैं, उनके साथ आप सभी जरूर जुड़ें। फर्स्ट टाइम वोटर्स के लिए खास सम्मान समारोह किया जाए। उनको इकट्ठा किया जाए। और उनको कहना चाहिए कि मतदाता बनना यह बहुत बड़ी बात होती है। आप देश के निर्णयों के भागीदार बन रहे हैं। देश के नीति निर्धारकों के भागीदार बन रहे हैं। ये उनको समझाना चाहिए और ये बड़ा गौरव का पल होना चाहिए। जैसे स्कूल में पहली बार बच्चा जाता है। जीवन का कितना बड़ा महत्वपूर्ण अवसर होता है। वैसा ही पहली बार मतदान बनना यानी जीवन का सबसे बड़ी घटना के रूप में देना चाहिए। हमें उनका सम्मान करना चाहिए और पोलिंग बूथ में जाते समय क्या करना चाहिए? कौन से कागज ले जाने चाहिए? वोट कैसे करते हैं? मशीन को बटन कैसे दबाते हैं? ये सारी चीजें लोकतंत्र में लोगों को शिक्षित करना यह भी एक बहुत बड़ा काम होता है और करना चाहिए। मुझे बहुत अच्छा लगा। आज बिहार के साथियों के साथ बात कर करके। वैसे मुझे बताया गया था कि एक घंटे में बात पूरी करनी है। लेकिन आज जरा बातें ज्यादा ही हो गईं। मुझे सबसे सुनने का अच्छा अवसर मिला। लेकिन जाते-जाते मैं कुछ बातें जरूर आप सबको कहना चाहूंगा। पूरे बिहार के मेरे युवकों से कहना चाहूंगा। बिहार के मेरे युवा कार्यकर्ताओं से कहना चाहूंगा। और मेरा मत है मेरा बूथ सबसे मजबूती नारा नहीं है। यह हमें मजबूती के लिए करने वाले सारे काम तय करने चाहिए। अगर हमारे पास 10 दिन बाकी हैं तो 10 दिन का टाइम टेबल होना चाहिए। 20 दिन बाकी हैं तो 20 दिन का टाइम टेबल होना चाहिए। एक दिन में इतने घंटे ये काम करेंगे। फलाना भाई ये काम करेगा। फलानी बहन ये काम करेंगे। वो चाचा को यह काम देंगे। वो महात्मा गांव में रहते हैं। उनसे यह काम करवाएंगे। पुराने टीचर रहते हैं उनसे यह मदद लेंगे। यह सब कागज पर रेड्डी होना चाहिए। आज आप सब से बात करके मेरी ऊर्जा भी बहुत बढ़ गई है। आप सबको अगले 15-20 दिन पूरी मेहनत से अपने युवा साथियों के बीच बिहार के हर नौजवान के बीच जाकर मेरी बात जरूर पहुंचानी है। आपसे बात करके मुझे यह भरोसा हो गया है कि बिहार के लिए हमने जो विजन बनाया है, अगले 5 साल में जितने काम करने हैं, उसके पीछे युवाओं की जिस ऊर्जा की जरूरत है, वह पूरी शक्ति से आज हमारे साथ हैं। लेकिन हम इस विजन को, इस लक्ष्य को पूरा तभी कर पाएंगे, जब 6 और 11 नवंबर को एनडीए के हर प्रत्याशी को बिहार के करोड़ों-करोड़ों लोगों का आशीर्वाद मिलेगा और एनडीए सिर्फ पटना में नहीं, एनडीए सिर्फ जिला मंडल पर नहीं, एनडीए कंधे से कंधा मिलाकर के बूथ पर काम करना है। सब लोगों ने साथ निकलना है और मेरा तो मत है मेरा बूथ सबसे मजबूत, मतलब कि एक-एक परिवार मेरा मजबूत होना चाहिए। अगर मेरे इलाके में 300 परिवार है। मेरे बूथ में तो 300 के 300 परिवार मेरे किले बन जाने चाहिए। मुझे मेरा एक काम आप लोगों को करना है। जिस दिन मतदान हो उस दिन घर-घर से लोगों को बुलाकर पोलिंग बूथ तक पहुंचाना है। चुनाव में जनता हमारे साथ है। हमें तेजी से बिहार को विकसित बनाना है। इसलिए पूरी शक्ति से फिर से एनडीए सरकार बनाने के लिए हमें मिलकर काम करना है। त्योहारों के इस दौर में भी, भाईदूज के बावजूद भी हजारों की तादाद में आप सब मेरे साथ जुड़े। मुझे आप सब से गप्पे-गोष्ठी करने का अवसर मिला। मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं फिर से याद कराऊं 31 अक्टूबर सरदार पटेल की जयंती। रन फॉर यूनिटी आन-शान पर एकता के लिए दौड़। सभी एनडीए के साथी लोगों को लेकर के सरदार पटेल साहब का पोस्टर लेकर के दौड़ना चाहिए और एक काम करना चाहिए। अखबारों में जो एडवर्टाइजमेंट छपती है। चुनाव के दरमियान अपनी पार्टी की एडवर्टाइजमेंट छपेगी। हर बूथ में किसी कार्यकर्ता को काम देना चाहिए कि वो जो गांव में अखबार आते हैं। उसकी जो एडवर्टाइजमेंट का पेज होता है ना उसको कटिंग करें। कटिंग करके एक बोर्ड पर उसको चिपकाएं और हर छोटे-छोटे जो दुकानें होती है उस पर उसको लगा देना चाहिए। तो फिर वो एडवर्टाइजमेंट सब लोग पढ़ेंगे और एक हफ्ते तक वो एडवर्टाइजमेंट दिखाई देगी। तो जो खर्चा करते हैं ना उस खर्चे का कई गुना लाभ मिलेगा। तो ऐसे छोटे-छोटे प्रयोग कीजिए और चुनाव जिताइए। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
बहुत-बहुत धन्यवाद सबका।


