Corruption is the only identity of Congress party: PM Modi
People of Himachal Pradesh have decided to teach a lesson to those who have cheated them: PM
Welfare of people has never been a priority for the Congress party: PM
Congress is using all possible means to blame us but our fight against black money & corruption will continue: PM

भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। मंच पर विराजमान हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, भारतीय जनता पार्टी के मेरे जैसे लाखों कार्यकर्ताओं के लिए हमारे वरिष्ठ नेता और यहां के सांसद आदरणीय श्री शांता कुमार जी, केंद्र में मेरे मंत्री परिषद के साथी दलितों के मसीहा श्रीमान थावरचंद जी गहलोत, प्रदेश के महासचिव पवन राणा जी, जिलाध्यक्ष भाई विनय शर्मा जी, श्री राकेश शर्मा जी, श्री त्रिलोक कपूर जी, श्रीमान हिमांशु मिश्रा जी, हमारे पूर्व विधायक श्रीमान दूलोराम जी, श्रीमान उमेश दत्त जी, घनश्याम शर्मा जी, संजीव सोनी जी, महेंद्र जी डडवाल, श्रीमान करण जामवाल जी, श्रीमान सुरेंद्र ठाकुर जी, श्रीमान अरविंद शर्मा जी, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के होनहार उम्मीदवार योगेंद्र नगर से श्रीमान गुलाब सिंह जी, पालमपुर से सुश्री इंदु गोस्वामी जी, जयसिंहपुर से श्रीमान रवि धीमान जी, शूला से भाई विपिन परमार जी, बैजनाथ से मुलकराज प्रेमी जी और हम सबको आशीर्वाद देने के लिए पधारे हुए, पालमपुर से आए हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। आप सबको शत शत वंदन। इतनी बड़ी संख्या में आप आज आशीर्वाद देने आए हैं। 
भाइयों बहनों। 
ये धरती भोले बाबा बैद्यनाथ की, मां चामुंडा की, मां हिमानी चामुंडा की, ये आशापूरी माता की, ये गढ़वाली की, देश के लिए बलिदान देने वाली वीरों की धरती है। और मैं जबसे हिमाचल के संपर्क में आया हूं। मैंने हमेशा से देखा है। जिस प्रकार से शिमला हिमाचल की आर्थिक गतिविधि का एक केंद्र है। पालमपुर भी एक प्रकार से आर्थिक गतिविधि का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। 
भाइयों बहनों। 
चुनाव तो हमने बहुत देखे हैं लेकिन ये चुनाव कौन विधायक बने कौन नहीं बने, इस सीमित हेतु के लिए नहीं लड़ा जा रहा है। ये चुनाव कौन मुख्यमंत्री बने कौन नहीं बने, इस सीमित मकसद से नहीं लड़ा जा रहा है। ये चुनाव किसकी सरकार बने किसकी सरकार न बने, इस सीमित लक्ष्य के लिइ नहीं हो रहा है। ये चुनाव हिमाचल के भाग्य और भव्यता को निर्धारित करने के लिए हो रहा है। कुछ लोगों को लगता है कि पांच साल के लिए कोई आए और कोई दूसरा आ जाए तो क्या फर्क पड़ता है। आपको अंदाज नहीं है, बहुत फर्क पड़ता है। जिसकी उमर अट्ठारह बीस साल की हुई हो, और पांच साल के लिए कोई निकम्मी सरकार आ जाए। अट्ठारह बीस साल की पीढ़ी, उसके लिए पांच साल इतने महत्वपूर्ण होते हैं, जब उसकी जिंदगी के सारे फैसले लेने होते हैं। उसी समय अगर कोई निकम्मी सरकार रही। आप मुझे बताइए। चुनाव तो पांच साल के लिए होंगे, सरकार पांच साल के लिए होगी। उस नौजवान का तो भविष्य पूरी जिंदगी को चौपट करने वाला होगा।

इसलिए मेरे भाइयों बहनों। 
सवाल पांच साल का नहीं होता है। सवाल हिमाचल के लोगों की जिंदगी का होता है, हिमाचल के लोगों के भविष्य का होता है। हिमाचल के नौजवानों के भाग्य का होता है। इसलिए जब अच्छी सरकार रहती है तो हर कोई याद करता है। उनके जमाने में एक काम हो गया, अच्छा हुआ। जब निकम्मी सरकार आती है तो बनी हुई बातों को भी बिगाड़कर रख देती है। और हम भारतीय जनता पार्टी के लोग ऐसे हैं, हमलोग आदत से कठिन काम आगे बढ़कर लेने की आदत हो गई है। औरों का हल्का फुल्का जो है, उसी से गुजारा करना, वैसी सरकार चलाने की आदत है। वर्ना क्या कारण था कि शांता कुमार जो भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री बने। क्या कारण था कि आराम से जिंदगी नहीं बिताई। मुख्यमंत्री के नाते मौज नहीं की। उन्होंने बीड़ा उठाया, मैं लोगों को पीने का पानी पहुंचाउंगा। पहाड़ों पर पानी का नल डालना, पानी पाइप लाइन डालना, कितना कठिन काम है, ये सिर्फ पहाड़ के लोग जान सकते हैं, तराई में रहने वालों को अंदाज नहीं आ सकता है। काम कठिन था, धन भी बहुत लगने वाला था। पानी की पाइप लाइन के फोटू भी नहीं छपने वाले थे लेकिन हिमाचल की माताओं बहनों की जिंदगी में बदलाव आने वाला था, यहां के लाखों परिवारों की जिंदगी में बदलाव आने वाला था। इसलिए शांता जी ने पूरी शक्ति पानी पहुंचाने में लगा दिया। और मुझे याद है। हम तो छोटे थे, गुजरात में रहते थे। गुजरात में उस समय अखबारों में कोई खबर छपती थी तो उस समय हिमाचल में पानी पहुंचाने के भगीरथ काम के बारे में खबरें छपती थी। वर्ना शांता जी भी, उम्र छोटी थी, सरस्वती उनकी जुबान पर विराजमान है। वे भी ऐसा तपस्या करने के बजाए, कोई सरल राह ढूंढ़ सकते थे, वाहवाही लूट सकते थे। 
भाइयों बहनों। 
हिमाचल ने धूमल जी की सरकार बनाई। एक तरफ जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के कारण टूरिज्म पर खतरा पैदा हुआ था। धूमल जी की दूरदृष्टि थी। दिल्ली में अटल जी की सरकार थी। और भारत का टूरिज्म कहीं और चला जाए, उसको हिमाचल में लाने का सफल प्रयास किया। और उस समय हिन्दुस्तान का टूरिस्ट डेस्टिनेशन सबसे पहले हिमाचल सबसे ज्यादा बढ़ा। धूमल दोबारा आए। हिमाचल का भाग्य बदलना है। तो यहां के नौजवानों को अच्छी शिक्षा मिलेगी। तो हिन्दुस्तान के किसी भी कोने में जाकरके मां भारती की सेवा कर सकेगा। उन्होंने शिक्षा पर बल दिया। 
भाइयों बहनों। 
भारतीय जनता पार्टी को जब जब यहां मौका मिला काम करने का। अगर शांता कुमार को याद करेंगे तो पानीदार सरकार के रूप में याद करेंगे। पानी वाले मुख्यमंत्री के रूप में याद करेंगे। विकास के लिए दिन रात मेहनत करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में याद करेंगे। धूमल जी की सरकार को याद करोगे तो टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हिन्दुस्तान भर को हिमाचल तक खींचकर लाने के लिए याद करोगे। शिक्षा के लिए याद करोगे। कांग्रेस की सरकारों को कैसे याद करोगे ...। कैसे याद करोगे ...। कांग्रेस के मुख्यमंत्री किस बात से पहचाने जाते हैं ...। जरा जोर से बताइए। उनकी पहचान क्या है ...। हर सरकार की क्या पहचान बनी उनकी ...। क्या कारण है कि कांग्रेस की सब सरकारों पर, सब मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के दाग क्यों लगते हैं। उनको लगता है कि पांच साल के लिए आए हैं, जितना बटोर सको तो बटोर लो। इधर से ले लो, उधर से ले लो। अब मैं समझ में नहीं आता है कि किसके लिए जमा करके रखेंगे, किसके काम आने वाला है। और कोई अगर सोचता है कि ईश्वर के दरबार में न्याय होने वाला है। ये लोकतंत्र है। ये न्याय जनता जनार्धन ही ईश्वर है। और जनता की दरबार में ही न्याय होने वाला है। जिन्होंने हिमाचल को लूटा है, जिन्होंने देश को लूटा है। जिन्होंने अपने मंसूबों को पाने के लिए पाप किए हैं, उनको सजा यही जनता जनार्धन देने वाली है। 
भाइयों बहनों। 
हमारे देश को आजादी के 70 साल हो गए। आप हैरान होंगे। आजादी के 70 के साल के बाद भी हिमाचल में 14 हजार परिवार ऐसे हैं, जिनके घर का तार है, बिजली के लट्टू नहीं है। उनके घर में उजाला नहीं है। आज भी ये परिवार अट्ठारहवीं सदी में जीने के लिए मजबूर हैं। आज भी मिट्टी का दिया जलाकरके अपना जीवन गुजारते हैं। और हमारे देश में कुल परिवार 25 करोड़ है। उसमें से 4 करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिनके पास बिजली का लट्टू नहीं है, बिजली का तार नहीं है। आजादी के 70 साल होने के बाद क्या मेरे गरीब से गरीब परिवार को बिजली मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए ...। जरा पूरा ताकत से बताइए। मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए ...। मेरे गरीब परिवार को बिजली की सुविधा मिलनी चाहिए नहीं चाहिए ...। उनके बच्चों के लिए, शिक्षा के लिए बिजली चाहिए कि नहीं चाहिए ...। क्या उनको भी कभी घर में टीवी देखने के लिए का मन कर जाए तो बिजली मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। उनको भी टेलिफोन चार्ज कराना हो तो उनको बिजली मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। 21वीं सदी में बिजली लक्जरी नहीं है। जैसे घर में इंसानों को पानी की जरूरत होती है, वैसे ही बिजली की आवश्यकता है। यहां उद्योग धंधा, विकास के लिए भी बिजली आवश्यक है। टूरिस्ट आएगा, बढ़िया होटल में कमरा बुक करेगा लेकिन बिजली चली जाएगी तो टूरिस्ट दोबारा क्यों आएगा। 
लेकिन भाइयों बहनों। 
हमारे देश का दुर्भाग्य है। सामान्य मानवी की चिंता कांग्रेस सरकारों के स्वभाव में नहीं है। हमने बीड़ा उठाया है। प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के द्वारा, हिमाचल प्रदेश के सभी 14 हजार परिवारों को मुफ्त में बिजली का कनेक्शन पहुंचाया जाएगा। पहले क्या नियम था। आपको अगर बिजली कनेक्शन लेना है, और आपका घर एकदम किनारे पर है। आखिरी खंभा 200 मीटर की दूरी पर है तो सरकार कहती थी। आपको अपने घर बिजली लेनी है तो उस खंभे से लेकर इस खंभे तक इतने खंभे डालने होंगे, इतना तार डालना पड़ेगा, उसका खर्चा भी आपको देना पड़ेगा। अब मुझे बताइए साहब। क्या कोई गरीब 200 मीटर के तार का भी खर्चा देगा क्या ...। वो बेचारा अंधेरे में ही जिंदगी में ही गुजारना पसंद करेगा, वो खंभे और तार का खर्च नहीं दे सकता है। हमने निर्णय किया। ये खर्चा अब जनता नहीं देगी। सरकार के खजाने से दिया जाएगा। उसके घर तक पहुंचाया जाएगा। और मुफ्त में बिजली कनेक्शन दे दिया जाएगा। उनके बच्चे पढ़ेंगे। पढ़-लिखकर आगे आएंगे। देश का भाग्य बदलने के काम आएंगे भाइयों। और इसलिए आप मुझे बताइए। 
हमारे देश के गरीब को भी रहने के लिए अपना घर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ...। गरीब को भी खुद का घर होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए ...। मध्यम वर्ग का परिवार भी किराए पर रहता है। उसकी भी इच्छा रहती है कि उसका अपना घर हो। वो बेचारा पेट काटकर पैसे जमा करता है। और पैसे जमाकरके वो सोचता है कि कुछ साल बाद पैसे जमाकर लेंगे तो घर बना लूंगा। 
लेकिन भाइयों बहनों। 
आज भी हमारे देश में करोड़ों परिवार ऐसे हैं जिनके पास रहने के लिए अपना घर नहीं है। हमने बीड़ा उठाया है। और मुझे आप सबके आशीर्वाद चाहिए भाइयों बहनों। हम 2022, आजादी के 75 साल होंगे तब हिन्दुस्तान के हर परिवार को उसको खुद का घर बनाकरके देना चाहते हैं। हमारे देश में बैंक से लोन मिलती है घर बनाने में। लेकिन पिछली किसी भी सरकार ने मध्यम वर्ग के व्यक्ति को अगर घर बनाना है, बैंक से लोन लेना है तो लोन में रियायत देने की कोई व्यवस्था नहीं थी। कोई कनसेशन देने की व्यवस्था नहीं थी। नोटबंदी के बाद हमने निर्णय कर दिया कि अगर मध्यम परिवार मकान बनाना चाहता है तो उसको सस्ते ब्याज से बैंक से लोन मिलेगा ताकि वह घर बना सके और बच्चों की जिंदगी संवार सके।

भाइयों बहनों। 
आज हिन्दुस्तान में मध्यम वर्गीय परिवार, उसकी संख्या बढ़ रही है। नियो मीडिल क्लास देश में उभर रहा है। मध्यम वर्ग परिवार उसके एसपेरेशन भी ज्यादा है। अगर उसके घर में साइकिल है तो उसका मन करता है स्कूटर ले आओ। स्कूटर है तो उसका मन करता है कि कार ले आओ। अगर तीन कमरे का घर है तो उसका मन करता है कि चार कमरे का घर बना लूं। मध्यम वर्गीय परिवार देश की विकास यात्रा को गति देने वाला होता है। ईमानदारी से जीवन जीने वाला होता है। हर कानून नियम को पालन करने वाला होता है। लोक लाज रखने वाला होता है। अगर सरकार ऐसे मध्यम वर्गीय परिवारों की परवाह ही नहीं करे, उनको उनके नसीब पर छोड़ दे तो देश को कौन आगे बढ़ाएगा, देश का भाग्य कौन बदलेगा। 
और इसलिए भाइयों बहनों। 
हमने मध्यम वर्ग के परिवारों का बोझ कैसे कम हो। मध्यम वर्ग का परिवार कभी किसी से कुछ मुफ्त में मांगता नहीं है। वो अपने हक का मांगता है, मेहनत का मांगता है। उसे एक अवसर चाहिए। हम एक के बाद एक योजनाएं ला रहे हैं। हमने एलईडी बल्ब का अभियान चलाया है। और एलईडी बल्ब का फायदा क्या होता है। पहले वाले बल्ब से एलईडी बल्ब लगाएं तो उजाला थोड़ा ज्यादा आता है, प्रकाश थोड़ा अच्छा होता है। पांच लट्टू लगाते हैं तो तीन लट्टू से काम चल जाता है, इतना उजाला होता है। दूसरा सामान्य लट्टू से जो बिजली बिल आता है अगर छोटा सा परिवार है तो दो सौ ढाई सौ रुपए का बिल कम आता है। मध्यम वर्ग परिवार का बिजली के बिल मे में दो सौ ढाई सौ रुपए बचना बहुत बड़ी सेवा होती है। जब पहले सरकार थी, पता नहीं कैसे कारनामे करते थे, कैसी उनकी मिलीभगत हुआ करती थी। एलईडी लट्टू, एलईडी बल्ब था। उसकी कीमत पुरानी सरकार में हमारे आने से पहले तीन सौ रुपए, साढ़े तीन सौ रुपए में मिलता था। मध्यम वर्ग का आदमी अपना लट्टू निकालकरके नया लट्टू लगाने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि तीन सौ साढ़े तीन सौ रुपए कोई कहां से लाएगा। हमने उसे बारिकी से देखा। हमने कहा, भाई इतना मंहगा क्यों है। हाथ पैर मारने शुरू किया, दिमाग खपाना शुरू किया और मेरे परिवार के भाइयों बहनों। जो कांग्रेस के जमाने में तीन सौ, साढ़े तीन सौ रुपए में मिलता था, आज चालीस पचास रुपए में मिलना शुरू हो गया है। एक-एक परिवार अगर चार लट्टू भी लेता है तो उसका एक हजार रुपया बच जाता है। मध्यम वर्ग परिवार में एक हजार रुपए बचना कितनी बड़ी मदद हो जाती है। और बिजली की खपत कम होने से, बिजली बिल कम होने से, एलईडी बल्ब की कीमत कम होने से इस देश के अंदर कम से कम 60 से 70 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है। 60-70 हजार करोड़ रुपए बर्बाद होने से बच जाना, कुछ लोगों की जेब में जाने से रूक जाना। 
भाइयों बहनों। 
कोई हो-हल्ला किए बगैर काम हो सकता है। हमने करके दिखाया है। बिजली उत्पादन में, अगर इतनी बिजली पैदा करनी होती तो कम से कम 40 हजार करोड़ रुपए बिजली के कारखाने में लग गए होते, वो बच गए। बिजली बचत से बिजली पहुंचने लगी। गरीब के घर में बिजली जाने लगी। 
भाइयों बहनों। 
विकास के मंत्र को लेकरके हम चल रहे हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी को परेशानी में है। मैंने सुना है। आने वाले एक हफ्ता कांग्रेस पार्टी बड़ी शोक मनाने वाली है। स्वभाविक है। उनके पास शोक मनाने के अलावा कुछ बचा ही नहीं है। पूरे देश में वो मोदी के पुतले जलाने वाले हैं। मोदी की अर्थी निकालने वाले हैं। मोमबत्तियां जलाने वाले हैं। मेरे कांग्रेस के भाइयों की पीड़ा को मैं समझ सकता हूं। उनको तकलीफ इस बात की है कि एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन गया। एक गरीब मां का बेटा यहां पहुंच गया। उनको तो लगता है कि ये तो मेरा रिजर्वेशन है, यहां तक कोई आ नहीं सकता है। उनको पता नहीं है, ये हिन्दुस्तान की जनता है। ये जनता है, जनता सब कुछ जानती है। 
और भाइयों बहनों। 
मोदी आ तो गया लेकिन चैन से बैठता नहीं। कुछ न कुछ नया करता रहता है। उनको लगता है कि अगर मोदी रोका नहीं, टोका नहीं तो शायद अभी 2019 चुनाव आने से पहले तो कांग्रेस के लोगों का, चोर-लुटेरे लोगों का भ्रष्टाचारी लोगों का, जनता के पैसे चुराने वालों का, किसी का भी जीना मुश्किल करके रहेगा। ये उनको डर सता रहा है। इसलिए उन्होंने माहौल बनाया है। मोदी को कहीं से भी टोकते रहो, दबाव पैदा करते रहो। अब वो कह रहे हैं 8 नवंबर। याद है ना। पिछले साल 8 नवंबर रात को 12 बजे। पांच सौ की नोट गई, हजार की नोट गई। आपकी भी गई थी ना भाई। आपके भी पांच सौ और हजार की नोट गई कि नहीं गई ...। आपको मोदी पर गुस्सा है क्या ...। मोदी पर गुस्सा है क्या ...। आप मोदी से नाराज हो क्या ...। आप मोदी का पुतला जला रहे हो क्या ...। इसलिए नहीं जला रहे हो क्योंकि आपके पास जो पांच सौ और हजार की नोट थी, वो आपके पसीने की कमाई की नोट थी। और बैंक में जाकरके सीना तानकरके आपने अपना काम पूरा किया। जिनके पास बोरे के बोरे भरकर पड़े थे, बक्से के बक्से भरे पड़े थे, दराज में नोटें पड़ी थी। हिसाब किताब नहीं था। अब उनको बैंकों में जमा कराना पड़ा। और अब हिसाब देना पड़ रहा है तो मोदी को गाली देंगे कि नहीं देंगे ...। मोदी का पुतला जलाएंगे कि नहीं जलाएंगे ...। मोदी की हाय-हाय बोलेंगे कि नहीं बोलेंगे ...। लेकिन जिन्होंने बेईमानी की है, वो कान खोलकर सुन लो। पुतले जलाने से मोदी डरता नहीं है। लेकिन भ्रष्टाचार की जिस लड़ाई को मैंने छेड़ा है और देश के कोटि कोटि जनों ने आशीर्वाद दिया है। ये लड़ाई अब रूकने वाली नहीं है। आप मुझे बताइए। जिन्होंने देश को लूटा है, वो देश को लौटाना चाहिए कि नहीं लौटाना चाहिए ...। पाई-पाई का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए ...। ये जनता के हक का है या नहीं है ...। 
भाइयों बहनों। 
जो आप चाहते हैं, वो काम मैं कर रहा हूं। इसके लिए मुझे आशीर्वाद चाहिए। उत्तर प्रदेश के लोगों ने हम पर जो आशीर्वाद बरसाए हैं। इसके कारण इनके हौसले पस्त हो गए हैं। वो डर रहे हैं। उनको लगता था कि 2019 में दिखा देंगे हमारी ताकत। लेकिन अब उनको लगा, ये जो उत्तर प्रदेश ने इतनी बड़ी ताकत दिखाई है शायद 2024 में भी मोदी से निपटना मुश्किल हो जाएगा। और इसलिए अब उनके पास पुतले जलाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि अब देश को लुटने नहीं दिया जाएगा। हम एक के बाद एक फैसले कर रहे हैं। हम ऐसी व्यवस्था खड़ी कर रहे हैं। अब देखिए, आधार कार्ड से, जन धन एकाउंट से, अगर मनरेगा में काम करता है कोई मजदूर, उसके बैंक में पैसे जमा हो रहे हैं। बिचौलिए सारे खत्म हो गए। उसके हक का पैसा उसको मिलने लगा है। इसलिए उनकी परेशानी होना स्वभाविक था। हमारा किसान। मैं जब मुख्यमंत्री था तो मैं भी भारत सरकार को चिट्ठी लिखता था कि हमारे किसान को यूरिया चाहिए, यूरिया चाहिए। और भारत सरकार कोई जवाब ही नहीं देती थी। हमारे देश में यूरिया लेने के लिए किसानों को रात-रात कतार में खड़ा रहना पड़ता था। कुछ राज्यों में यूरिया लेने वाले आने वाली किसानों की भीड़ पर पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ता था। एकाध बार तो गोली भी चली थी। फिर भी किसानों को जितना चाहिए था, उतना नहीं मिलता था। 
भाइयों बहनों। 
हमने आकरके रातोंरात, कोई यूरिया के कोई कारखाने नहीं लगते हैं। लेकिन जो बेईमानी चलती थी, हमने उसको रोक दिया। आज 20 लाख टन यूरिया अतिरिक्त तैयार होने लगा उसी कारखानों में। इतना ही नहीं। हमने यूरिया का नीम कोटिंग किया। पहले यूरिया किसान के नाम पर निकलता था, सब्सिडी किसान के नाम कटती थी। लेकिन जाता कहां था, केमिकल फैक्टरियों में चला जाता था। और किसान के नाम पर लूट चलाई जाती थी। और दिल्ली सरकार के खजाने से ये सिर्फ मिलीभगत चलती थी। हमने नीम कोटिंग करने के बाद एक ग्राम यूरिया भी किसान के सिवाय किसी के काम नहीं आता है। चोरी गई कि नहीं गई ...। बेईमानी गई कि नहीं गई ...। किसानों की मुसीबत गई कि नहीं गई ...। आज किसान को जब चाहे, जितना चाहे यूरिया मिलता है। नीम कोटिंग के कारण उसको अतिरिक्त लाभ भी मिल रहा है। 
भाइयों बहनों। 
पैदावार बढ़ रही है। जमीन की सेहत ठीक हो रही है। इस काम पर हम लगे है। ये पालमपुर वीरों की भी धरती है, वैज्ञानिकों की भी धरती है। भारत सरकार की तरफ से इतने वैज्ञानिक, दो हजार से ज्यादा वैज्ञानिक, इसी एक क्षेत्र में किसानों के लिए अनेक प्रकार के प्रयोग कर रहे हैं, शोध कर रहे हैं। हम भी चाहते हैं कि आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए हमारे किसानों को सर्वाधिक लाभ मिले। 
भाइयों बहनों। 
हमने प्रधानमंत्री कृषि योजना पर बल दिया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर बल दिया है। जिसके द्वारा हमारे किसानों को लाभ मिले, हमारे किसानों को फायदा मिले। हमारे किसान की जिंदगी में कोई मुसीबत आ जाए। तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से उसकी साल बर्बाद होने से बच जाए। ऐसे हमने कदम उठाए हैं। अभी हमने एक निर्णय किया। अभी आपने देखा होगा टीवी में। दो दिन दिल्ली में दुनियाभर के लोगों को बुलाया था। वर्ल्ड फूड इंडिया नाम का इवेंट किया। हमारे किसान जो पैदा करते हैं, उसकी मूल्य वृद्धि हो, हमारे फलों काबर्बादी से बचाकरके उसकी मूल्य वृद्धि हो। उसका पैकेजिंग हो, दुनिया के बाजार में जाएं। दुनियाभर की टेक्नोलॉजी को लाए। 65-70 हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश, किसानों की संपदा पर काम करने वाला दुनियाभर से आएं। हमने एक और नियम बनाया। जो कोका कोला बेचते हैं, पेप्सी बेचते हैं, फेंटा बेचते हैं, ये जितनी बोतलों में पानी बेचते हैं। हमने कहा, नियम से आपको उसमें 5 प्रतिशत फलों का रस मिलाना होगा। अगर फलों का रस मिलाएंगे तो हिमाचल के मेरे किसान जो फल पैदा करते हैं, उसका रस बोतलों में मिक्स होगा। हमारे हिमाचल के किसानों को फल बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। ये बड़ी-बड़ी कंपनियां आपके फल खेतों में से लेने के कतार में लगकर खड़े हो जाएंगे। ये काम हमने किया है। 
भाइयों बहनों। 
हमें हिमाचल को विकास की नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है। और इसके लिए हमें आपका आशीर्वाद चाहिए। और ये निश्चित है, हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनना तय है। 18 तारीख को हिमाचल फिर एक बार दिवाली मनाने वाला है, ये बिल्कुल दीवार पर लिखा हुआ है। भाइयों बहनों। मुद्दा ये नहीं है कि सिर्फ बीजेपी की सरकार बने। मुद्दा ये है कि देश को पता चलना चाहिए कि हिमाचल की देव भूमि से कांग्रेस पार्टी को जड़ से उखाड़कर फेंक दिया गया है। अब कांग्रेस बच नहीं सकती। कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं हो सकता है। और भाइयों बहनों। इसी बात को लेकरके 9 तारीख को भारी मात्रा में मतदान हो। मैं खासकरके इस कांगड़ा लोकक्षेत्र की माताओं बहनों से विशेष आग्रह करता हूं कि इस बार पुरुषों से ज्यादा मतदान माताओं बहनों का होना चाहिए, महिलाओं का मतदान बढ़ना चाहिए। पूरे हिन्दुस्तान को सबक मिलना चाहिए। वो सिर्फ वीर पुत्रों को जन्म देती है, ऐसा नहीं। वो मजबूत सरकार बनाने का भी काम करती है। वो देश को भव्य और दिव्य बनाने का काम करती है। वो हिमाचल के भाग्य को बदलने के लिए काम करती है। मैं ऐसे सभी लोगों को भारी मात्रा में मतदान करने के लिए निमंत्रित करता हूं। हम सब का मंतव्य रहना चाहिए, संकल्प रहना चाहिए, पहले मतदान फिर जलपान। घर में तब तक जलपान नहीं करेंगे, जब तक मतदान करके नहीं आएंगे। सुबह से ही भारी मात्रा में मतदान हो। और हिमाचल भव्य बने, हिमाचल दिव्य बने, हिमाचल की जनता जनार्धन का भाग्य बदले। इसके लिए भारत जनता पार्टी के कमल निशान पर बटन दबाएं। भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाएं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM Modi addresses a public rally virtually in Nadia, West Bengal
December 20, 2025
Bengal and the Bengali language have made invaluable contributions to India’s history and culture, with Vande Mataram being one of the nation’s most powerful gifts: PM Modi
West Bengal needs a BJP government that works at double speed to restore the state’s pride: PM in Nadia
Whenever BJP raises concerns over infiltration, TMC leaders respond with abuse, which also explains their opposition to SIR in West Bengal: PM Modi
West Bengal must now free itself from what he described as Maha Jungle Raj: PM Modi’s call for “Bachte Chai, BJP Tai”

PM Modi addressed a public rally in Nadia, West Bengal through video conferencing after being unable to attend the programme physically due to adverse weather conditions. He sought forgiveness from the people, stating that dense fog made it impossible for the helicopter to land safely. Earlier today, the PM also laid the foundation stone and inaugurated development works in Ranaghat, a major way forward towards West Bengal’s growth story.

The PM expressed deep grief over a mishap involving BJP karyakartas travelling to attend the rally. He conveyed heartfelt condolences to the families of those who lost their lives and prayed for the speedy recovery of the injured.

PM Modi said that Nadia is the sacred land where Shri Chaitanya Mahaprabhu, the embodiment of love, compassion and devotion, manifested himself. He noted that the chants of Harinaam Sankirtan that once echoed across villages and along the banks of the Ganga were not merely expressions of devotion, but a powerful call for social unity.

He highlighted the immense contribution of the Matua community in strengthening social harmony, recalling the teachings of Shri Harichand Thakur, the social reform efforts of Shri Guruchand Thakur, and the motherly compassion of Boro Maa. He bowed to all these revered figures for their lasting impact on society.

The PM said that Bengal and the Bengali language have made invaluable contributions to India’s history and culture, with Vande Mataram being one of the nation’s most powerful gifts. He noted that the country is marking 150 years of Vande Mataram and that Parliament has recently paid tribute to this iconic song. He said West Bengal is the land of Bankim Chandra Chattopadhyay, whose creation of Vande Mataram awakened national consciousness during the freedom struggle.

He stressed that Vande Mataram should inspire a Viksit Bharat and awaken the spirit of a Viksit West Bengal, adding that this sacred idea forms the BJP’s roadmap for the state.

PM Modi said BJP-led governments are focused on policies that enhance the strength and capabilities of every citizen. He cited the GST Savings Festival as an example, noting that essential goods were made affordable, enabling families in West Bengal to celebrate Durga Puja and other festivals with joy.

He also highlighted major investments in infrastructure, mentioning the approval of two important highway projects that will improve connectivity between Kolkata and Siliguri and strengthen regional development.

The PM said the nation wants fast-paced development and referred to Bihar’s recent strong mandate in favour of the BJP-NDA. He recalled stating that the Ganga flows from Bihar to Bengal and that Bihar has shown the path for BJP’s victory in West Bengal as well.

He said that while Bihar has decisively rejected jungle raj, West Bengal must now free itself from what he described as Maha Jungle Raj. Referring to the popular slogan, he said the state is calling out, “Bachte Chai, BJP Tai.”

The PM emphasised that there is no shortage of funds, intent or schemes for West Bengal’s development, but alleged that projects worth thousands of crores are stalled due to corruption and commissions. He appealed to the people to give BJP a chance and form a double-engine government to witness rapid development.

He cautioned people to remain alert against what he described as TMC’s conspiracies, alleging that the party is focused on protecting infiltrators. He said that whenever BJP raises concerns over infiltration, TMC leaders respond with abuse, which also explains their opposition to SIR in West Bengal.

Concluding his address, PM Modi said West Bengal needs a BJP government that works at double speed to restore the state’s pride. He assured that he would speak in greater detail about BJP’s vision when he visits the state in person.