सवाल- प्रधानमंत्री मोदी जी नमस्कार। ओडिशा में आपका स्वागत है ओटीवी में।

पीएम मोदी- नमस्कार भैया, जय जगन्नाथ सबको।

 

सवाल- जय जगन्नाथ। सर पहली बार आप कोई ओड़िया चैनल को शायद इंटरव्यू दे रहे हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद आपका इसके लिए। मोदी जी आप 6 मई को पहली बार चुनावी दौरे में ओडिशा आए थे बरहमपुर। उस दिन आप डेट का अनाउंस कर दिए जबकि चुनाव शुरू नहीं हुआ था। आपने बोला था कि 4 जून को बीजेडी जा रही है, 6 को मुख्यमंत्री का चयन होगा, 10 जून को आपने न्योता दे दिया ओथ टेकिंग के लिए। इतने श्योर होके मोदी जी उस टाइम में कैसे बोले?

पीएम मोदी- एक तो मेरा राजनीति का लंबा अनुभव है, संगठन का भी अनुभव है, चुनाव लड़ाने का भी अनुभव है, चुनाव लड़ने का भी अनुभव है। देश भर में कैंपेन ऑर्गेनाइज भी किए हैं मैंने और कैंपेन किए भी हैं। और मैं जनता से जुड़ा हुआ इंसान हूं कोई रिमोट व्यवस्था से चलने वाला मैं व्यक्ति नहीं हूं। खुद जाता हूं, खुद मैदान में रहता हूं, मिलता हूं। मैं पिछले कई दिनों से देख रहा हूं कि ओडिशा कुछ तलाश में है, ओडिशा व्यवस्थाओं से ऊब चुका है। उड़ीसा को नयापन चाहिए, नई हवा चाहिए, नया नेतृत्व चाहिए। ये मैं लंबे अरसे से सदन में भी जो लोग मिलते थे उनसे बात करता था। यहां के कुछ पत्रकारों से कभी मिलना हुआ तो उनसे बात करता था। उसे मैं सुनता था... लेकिन इस बार जब मैं चुनाव दौरे पर आया, पहले दिन मैंने जब देखा। इलेक्शन डिक्लेयर होने से पहले सरकारी कार्यक्रमों के लिए मेरा यहां आना हुआ दो तीन जगह पर। तो वो चीजें मुझे साफ नजर आने लगी कि लोग जो मुझे कहते थे उससे भी ज्यादा है। और इसके कारण मुझे पहली सभा में मुझे लगा कि मुझे देश को खास करके उड़ीसा को बताना चाहिए। अच्छा मैं गुजरात में था तो वहां भी काफी मात्रा में उड़ीसा के लोग रहते हैं। तो फिर मैंने बीच में हमारे लोगों को कहा था अलग-अलग जिले के लोग होंगे जरा उनको पूछो क्या चल रहा है क्योंकि उनके पास जानकारी रहती है। तो मेरी गुजरात की टीम ने भी मुझे रिपोर्ट दिया। यहां लोग जो हैं उनके मत में अंडर करंट ये है। और जब मैं यहां के सरकारी कार्यक्रम में आया तो दो भाग रहते थे एक सरकारी कार्यक्रम करता था बाद में पब्लिक रैली करता था। तो मैं कन्वींस हो चुका था कि ये जनता मौके की तलाश में है। चुनाव सभा में मैंने देखा कि पूरी तरह लोग निर्णय कर चुके हैं। जब जनता ने ही निर्णय कर लिया है तो मेरा दायित्व बनता था कि वोट मांगने का कोई कारण नहीं है क्योंकि आपने वोट देना तय कर लिया है तो मैंने कहा शपथ समारोह में आ जाइए।

 

सवाल- मोदी जी उड़िया अस्मिता, इसे भाजपा इस बार एक बड़ा मुद्दा बनाई है इलेक्शन में। आपने भी कहा कि उड़िया अस्मिता संकट में है खत्म होने वाली है। लेकिन उड़ीसा की जो मूलभूत समस्या है, गरीबी है, बेरोजगारी है, पलायन है, करप्शन है, क्राइम अगेंस्ट वूमन है। क्या मानते हैं अगर उड़िया अस्मिता को हम बचा सके तो यह सारी समस्याएं भी दूर हो पाएंगी?

पीएम मोदी- जब एक बार स्वाभिमान जग जाता है तो स्वाभिमान के साथ बुराइयां लोगों को अखरती है। लोग इन बुराइयों को टॉलरेट नहीं करते हैं। स्वाभिमान कोई आइसोलेटेड शब्द नहीं है। इन सारी चीजों का कुमुलेटिव इफेक्ट होता है दूसरा कोई मोदी उड़िया की स्वाभिमान की बात करता था, ऐसा नहीं है। उड़ीसा ने ही तो देश को स्वाभिमान सिखाया है। सदियों से भारत के स्वाभिमान को जगाने में उड़िया अस्मिता ने बहुत बड़ा रोल अदा किया है। दुर्भाग्य से उसका महात्म्य भुला दिया गया और इसलिए कि यहां पर इस प्रकार की व्यवस्था मिली। चाहे पॉलिटिकल लीडरशिप हो, ब्यूरोक्रेटिक लीडरशिप हो, सबने जैसा है वैसा चलने दो गुजारा कर लो, धीरे-धीरे वो लुप्त होता गया। वरना उड़ीसा तो हर घर कला और परंपरा का एक खजाना है, जो देश की विरासत है। आगे चलते हुए देखा गया कि कुछ कोटरीज हैं जिन्होंने कब्जा कर लिया है और सरकार में बैठे हुए लोगों को लगता है कि हमारा क्या जाता है यार। चुन कर के तो आते ही हैं। उन्हीं ने सारी एक मिलीजुली अव्यवस्था पैदा कर दी। अब मैं देख रहा हूं मेरे यहां गुजरात में शायद कोलकत्ता के बाद सबसे ज्यादा उड़िया लोग कहीं होंगे तो गुजरात में हैं। मेरा अनुमान है मेरे पास कोई फैक्टुअली जानकारी नहीं है तो मैं उनके सामर्थ्य से परिचित हूं। लेकिन मैं हैरान हूं कि इतने लोगों को रोजी रोटी के लिए इतना दूर आना पड़ रहा है तो ये बड़ी चिंता का विषय है। इतने संसाधन पूरे हिंदुस्तान को रोशनी देने की ताकत अकेले उड़िया में है। लेकिन वही अंधेरे में जी रहा है तो कैसे चल सकता है तो यहां स्वाभिमान तो गौरव अस्मिता इसका महत्व है। लेकिन वो भी तब आता है जब आप बुराइयों से मुक्त हों, गरीबी से मुक्त हो और उस दिशा में हम एक होलिस्टिक व्यू के साथ बात कर रहे हैं, टुकड़ों में नहीं कर रहे।

 

सवाल- प्रधानमंत्री जी भाजपा इस बार एक मुद्दा बनाई हुई है कि यहां की सरकार आउटसोर्स हो चुकी है, जैसा आपने कहा एक कोटरी है जिनका सरदार कोई बना हुआ है जो कि पहले एक ऑफिसर थे तो आप भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं गुजरात के, किन हालातों में एक फाइव टर्म के चीफ मिनिस्टर इस एक ही माहौल में काम करते होंगे। आपका क्या अनुमान है?

पीएम मोदी- देखिए गुजरात तो एक ऐसा राज्य है कि जहां पानी एक सबसे बड़ी समस्या है। बाकी रोजमर्रा की जिंदगी एक प्रकार से स्टेबल लाइफ है, उतार चढ़ाव वाली नहीं है। इवन मेरे यहां मनरेगा के मजदूर नहीं मिलते थे क्योंकि उसको वो मंजूर ही नहीं था, मजदूरी करने के लिए लोग जाते ही नहीं थे। वहां जीवन ऐसा था उसके बावजूद मुझे 18-18 घंटे काम करना होता था क्योंकि मेरे मन में था मुझे मेरे गुजरात को आगे ले जाना है। उड़ीसा को अगर इस प्रकार की लीडरशिप नहीं मिलेगी तो अफसर भी काम नहीं करेंगे, कोई इकाई काम नहीं करेगी, तो जनता भी मानेगी चलिए शायद यही व्यवस्था होती है, ऐसे ही गुजारा करना होगा। जब वो देखेंगे, अब आप गुजरात में काम करने वाले किसी भी उड़िया को पूछो तो एकदम कहता है भाई हमारे यहां तो कुछ नहीं है, तुरंत कहता है। तो ये चिंता का विषय है ही है।

 

सवाल- प्रधानमंत्री जी ये भगवान जगन्नाथ महाप्रभु का क्षेत्र है। यह एक बड़ा मुद्दा है इस बार परिक्रमा प्रकल्प जो मंदिर के इर्द-गिर्द बना, उसी टाइम में जब रामलाला जी का प्राण प्रतिष्ठा चल रहा था। उसके बाद चाबी खोजना रत्न भंडार का, फिर चारों द्वार ना खुलना, ये सारी समस्याएं हैं महाप्रभु जगन्नाथ के मंदिर को लेकर। इसको भाजपा अपने इश्तहार में भी सामने लाई है। इस बारे में आप क्या बोलना चाहेंगे।

पीएम मोदी- मैंने भी पब्लिकली कहा है कि रत्न भंडार की चाबी खो जाना ये चौंकाने वाली बात है। हाई कोर्ट की कमेटी का रिपोर्ट छुपा देना या पब्लिक में न लाना मतलब कुछ गड़बड़ है। और भगवान जगन्नाथ जी के प्रति श्रद्धा सिर्फ उड़ीसा में रहने वाले लोगों का है, ऐसा नहीं है, हिंदुस्तानभर में है। और मैं तो अहमदाबाद से रहा हूं अहमदाबाद में जगन्नाथ जी का मंदिर है, वहां जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकलती है। और मैं हमेशा कहता हूं अगर गरीबों का कोई देवता है तो जगन्नाथ है। कोई भी इसको सहन नहीं कर पाएगा। दूसरा जहां तक क्राउड मैनेजमेंट का विषय है, ये तो सरकार की जिम्मेवारी है जी। आज काशी में पहले जहां 5 हजार-10 हजार लोग आते थे आज डेढ़- दो लाख लोग आते हैं तो वहां मैनेजमेंट हुआ। लोग आ रहे हैं, आराम से दर्शन करते हैं, पूजा पाठ करते हैं, चले जाते हैं। हिंदुस्तान भर से यहां लोग आते हैं। ये भारत के लिए अत्यंत महत्व का तीर्थ क्षेत्र है। उसमें तो हमने हर प्रकार की व्यवस्थाएं करनी चाहिए वो नहीं हो रही है। उसका कारण क्या है, कारण यह है कि सरकार खुद जो होता है होने दो, चलती है चलने दो, उस मिजाज की है।

 

सवाल - प्रधानमंत्री जी गवर्नमेंट स्कीम्स को लेकर यहां पर काफी अर्से से एक विवाद चला रहा है। पहले जो केंद्र की जो स्कीम्स थी उसे यहां की सरकार अपने छापा लगाकर बोलती आ रही कि ये हमारा स्कीम है उसे लेकर फिर उसे बदला गया। लेकिन अभी इलेक्शन के चुनाव के दौरान यह बोला जा रहा है अगर यहां भाजपा की सरकार आती है तो हमारे जो पॉपुलर स्कीम्स है उसे बंद कर देंगी। इसे लेकर आप क्या कहेंगे?

पीएम मोदी- मैं नहीं मानता हूं वो जनता के गले उतार सकते हैं। यह बात सही है कि उस समय उन्होंने इस प्रकार से अपने स्टीकर चिपका दिए और स्टीकर चिपकाकर लोगों को, लेकिन अब जब बीजेपी के लोग मैदान में जा रहे हैं, उनको समझा रहे हैं। मैं पब्लिक मीटिंग में कह रहा हूं अब आयुष्मान योजना... यहां के लोगों से अन्याय कर रहे हैं वो लोग। अगर आयुष्मान योजना उनके लिए होती तो यहां का कोई भी व्यक्ति मानो गुजरात में है या महाराष्ट्र में है या तमिलनाडु में है वहां उसको कुछ तकलीफ होती तो भी उसको बेस्ट अस्पताल का लाभ मिलता। उड़ीसा की जनता के साथ अन्याय किया है। और जहां सबसे ज्यादा पलायन है वहां दो चीजें बहुत उपयोगी है एक वन नेशन वन राशन कार्ड, दूसरा आयुष्मान योजना और कितना ही पॉलिटिकल विरोध क्यों ना हो इन दो चीजों में कभी भी पीछे नहीं रहना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य है कि व्यक्तिगत प्रतिष्ठा के मोह में या कुछ लोगों का वेस्टेड इंटरेस्ट होगा, इतनी बड़ी जन सुखाकारी की योजना को नकार दिया गया।

 

सवाल - प्रधानमंत्री जी पूरे देश में अभी कुछ महीनों से एक विवाद चला रहा है कि मोदी सरकार अपने अपोनेंट के खिलाफ सेंट्रल एजेंसी को लगा रही है, सीबीआई-ईडी को लेकर, लेकिन यहां पर कहानी कुछ दूसरा है 20 लाख से ज्यादा चिट फंड के विक्टिम यहां पर हैं, लेकिन 2013 से उन्हें न्याय नहीं मिल रही है सीबीआई यहां पर इतना एक्टिवेट नहीं हो पा रही है तो इसे लेकर उन विक्टिम्स को आप क्या बोलना चाहेंगे?

पीएम मोदी- सीबीआई पूरी तरह एक्टिव है। काफी लोगों के यहां छापेमारी भी होती रहती है। उसके लिंक भी ढूंढे जा रहे हैं और सेंट्रल एजेंसी स्वतंत्र है हम उसमें इंटरफेयर नहीं करते हैं। वे पूरी तरह अपना काम कर रहे हैं और मैं मानता हूं कि जो गरीबों का पैसा है वो पैसा वापस उनको मिलना चाहिए। इस विषय में हम कमिटेड हैं।

 

सवाल - उसमें जो फंसे हुए हैं वो काफी बीजेडी से लिंक्ड हैं।

पीएम मोदी- हम हम पूरी तरह उसमें कमिटेड हैं कि हम इसके पीछे पड़ेंगे, उनकी संपत्तियां जब्त करेंगे और जिसका पैसा है उसको मिलना चाहिए।

 

सवाल - प्रधानमंत्री जी इससे जुड़ा हुआ मेरा दूसरा सवाल, है कांग्रेस के जितने भी बड़े नेता यहां कैंपेन करने आ रहे हैं सभी का यह कहना है कि यहां पर देखिए यह सब नहीं हो रहा है क्योंकि कोई भीतरी दोस्ती है बीजेपी और बीजेडी के बीच में जो अभी लड़ाई हो रहा है। लेकिन इलेक्शन बाद फिर से हाथ मिला लेंगे इसलिए तो गठबंधन की बात चल रही थी।

पीएम मोदी- यह कांग्रेस पार्टी के पास कोई एजेंडा नहीं है। और मुझे लगता है कि वो नवीन बाबू के खिलाफ कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। यहां की सरकार की जो बुराइयां है इसके लिए कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। और इसलिए वह बीजेपी को गाली देने के लिए... हकीकत में यहां चुनाव भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बोलने का कोई कारण ही नहीं है। यहां उन्होंने स्टेट गवर्नमेंट के खिलाफ स्टेट का चुनाव है, लोकिन वो बोलने से बचते हैं। इसका मतलब कि सांठगांठ उनकी है, हम तो खुलेआम कह रहे हैं। सरकार हमारी बनने वाली है।

 

सवाल - मोदी जी ये भी कहा जा रहा है कि ठीक है आपके नेतृत्व में इलेक्शन लड़ा जा रहा है लेकिन यहां मुख्यमंत्री का चेहरा कौन है। नवीन जी जैसे बड़े कद के नेता हैं, इसीलिए क्या भाजपा हेजिटेट कर रही है कोई मुख्यमंत्री चेहरा को सामने लाने के लिए कि उसका असर पड़ जाए वोट शेयर के ऊपर।

पीएम मोदी- मैं नहीं मानता हूं कि अब देश की जनता इतने सालों के बाद और उड़ीसा की जनता इतने सालों के बाद ऐसे भ्रम में रहेगी। उन्होंने सब कुछ देख लिया है, कौन क्या है, कौन कितना करता है, किसके लिए करता है, कैसे करता है, कौन चलता है, किसको चलाना पड़ता है ये सारी चीजें जनता जानती है।

 

सवाल - तो मुख्यमंत्री के चेहरे के लेकर यहां पर कोई समस्या नहीं है? काफी सारे एबल लीडर्स हैं आप मानते हैं?

पीएम मोदी- हम हम चुनाव जब लड़ते हैं ना तो कमल ही हमारा हर प्रकार से कैंडिडेट होता है, हमारा सिंबल है, उम्मीदवार का सिंबल भी वही है, सरकार बनाएंगे तो भी सिंबल वही है।

 

सवाल - मोदी जी आप उड़ीसा के जो नेचुरल रिसोर्सेस हैं उसे वाकिफ हैं। यहां के जो ह्यूमन रिसोर्स टैलेंट है आपके टीम में भी काफी सारे उड़िया अफसर हैं, दल में भी काफी सारे योग्य नेता हैं। उड़ीसा को लेकर मोदी जी का विजन क्या है। आप हर बार पूर्वोदय की बात करते आ रहे हैं।

पीएम मोदी- देखिए उड़ीसा समृद्ध राज्य है। लोग गरीब हैं। यहां पर नेचुरल रिसोर्सेस शायद मैं गुजरात के हिसाब से कहूं तो गुजरात के पास नमक के सिवाय कुछ नहीं है। यहां हिंदुस्तान को जो चाहिए हो और भविष्य के भारत के लिए चाहिए वो सब यहां पर है। उसके बिना हिंदुस्तान में कुछ नहीं हो सकता। उसके बावजूद अगर उड़ीसा... उड़ीसा का मानव संसाधन आज मेरी सरकार में जो मैं अफसर देखता हूं वो सब उड़िया अफसर है मेरे प्रिंसिपल सेक्रेटरी उड़िया हैं, आरबीआई गवर्नर उड़िया हैं यानी एक प्रकार से समृद्ध विरासत वाले उड़िया लोग हैं। इतना सामर्थ्यवानप्रदेश कोई हो ही नहीं सकता है। थोड़ा समय चाहिए बस हमें। हम उसकी सारी आशा आकांक्षाओं को पूरी करने के लिए समर्थ हैं।

 

सवाल - मोदी जी हम इलेक्शन के बीच हैं, कुछ चरण खत्म हो गए हैं कुछ फेजेज बाकी हैं। 400 पार को लेकर आप कितने कॉन्फिडेंट हैं। इसमें उड़ीसा के योगदान लोकसभा विधानसभा में क्या रहेगा।

पीएम मोदी- भारतीय जनता पार्टी 400 पार एनडीए ये हमारा चार चरण के मतदान के बाद विश्वास और दृढ़ हो गया है। उड़ीसा जो देगा उसको एक नई और ताकत दे देगा तो भारतीय जनता पार्टी को या एनडीए को 400, पूरी चुनाव की लड़ाई क्या है? लड़ाई ये है कि हम कहते हैं 400 पार करेंगे, विपक्ष क्या कहता है नहीं 400 नहीं कर सकते। तो मुद्दा 400 है। और हमें लगता है हम 400 पार करेंगे उनको लगता है नहीं 400 में रह जाएंगे। इसका मतलब यह हुआ देश की जनता ने 400 पार करने का मन बना लिया है।

 

सवाल - खड़गे जी आए थे तो बोले कि साउथ में कहां है भाजपा। तमिलनाडु में, केरला में कहां है?

पीएम मोदी- इनका ये भ्रम है। 2019 में भी साउथ में सबसे बड़ी पार्टी हम थे और 2024 में भी मैं कहता हूं कि साउथ में सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी होगी और इस समय जिन राज्यों में असेंबली के चुनाव हो रहे हैं उसमें भी या तो बीजेपी की सरकार बनेगी या एनडीए की सरकार बनेगी। सभी राज्यों में जहां असेंबली का चुनाव चल रहा है।

 

सवाल - उड़ीसा में कितनी बढ़ोतरी होगी मोदी जी, कुछ प्रेडिक्शन करना चाहेंगे?

पीएम मोदी- मैं समय आने पर बताऊंगा।

 

सवाल - आखरी सवाल मोदी जी के नेतृत्व में भारत नया शिखर छू रहा है। जो हिस्टोरिकल ब्लंडर थे चाहे वह 370 का हो या राम मंदिर बनाने का वो सारे हो गए। नेक्स्ट पारी में क्या है?

पीएम मोदी- लंबा अच्छा अनुभव है मुझे। लंबे अर्से तक एक राज्य का मुख्यमंत्री रहा हूं, 10 साल प्रधानमंत्री रहा हूं। दुनिया को भी काफी निकट से देखने का अवसर मिला है। मैं टुकड़ों में नहीं सोचता हूं। जब देश की आजादी के 75 साल हो रहे थे तभी मेरे मन में था कि 75 साल एक टर्निंग पॉइंट है। हमने अब भारत की आजादी के 100 साल का एक गोल सेट कर देना चाहिए। देश के जनता सामान्य मानवी को भी जोड़ देना चाहिए कि हमें यहां पहुंचना है। तो 25 साल का मेरा एक गोल है और इसलिए मैं कहता हूं खुद के लिए 24/7 फॉर 2047 इस मिजाज से मैं काम करता हूं। हमने बड़ी एक्सरसाइज की है, 20 लाख से ज्यादा लोगों का इनपुट लिया है और हमने 2047 का एक विजन डॉक्यूमेंट बनाया है। मैंने अफसरों को फिर कहा इसमें से 5 साल का तैयार करें। उसमें से अब इस बजट में हम एक साल का बना रहे हैं और फिर मैंने उसमें से 100 दिन का तैयार किया है। अब मैंने सोचा है कि100 के बजाय मैं 125 दिन का भी बनाऊंगा और 25 दिन मैं स्पेशली डेडिकेट करना चाहता हूं देश के युवाओं के लिए। तो 125 दिन के काम को लेकर के मैं कर रहा हूं। तो मेरे मन में साफ है क्या करना, कब करना, कैसे करना, क्यों करना, किसके लिए करना, किस तरीके से करना सारे विषय मेरे बहुत क्लियर हैं।

 

सवाल - क्या कोई सरप्राइज की उम्मीद हम रखें?

पीएम मोदी- मैं समझता हूं कि जो सरप्राइज है वो सरप्राइज ही रहने देना चाहिए। मैं सरप्राइज अगर आज कह दूंगा तो वो सरप्राइज कैसे होगा।

 

एंकर - बहुत-बहुत धन्यवाद मोदी जी समय दिए और आपको बहुत शुभकामनाएं।

पीएम मोदी- जय जगन्नाथ।

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PM pays homage to Dr. Babasaheb Ambedkar on his Mahaparinirvan Diwas
December 06, 2024

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has paid homage to Dr. Babasaheb Ambedkar on his Mahaparinirvan Diwas, today. Prime Minister Shri Narendra Modi remarked that Dr. Ambedkar’s tireless fight for equality and human dignity continues to inspire generations.

In a X post, the Prime Minister said;

"On Mahaparinirvan Diwas, we bow to Dr. Babasaheb Ambedkar, the architect of our Constitution and a beacon of social justice.

Dr. Ambedkar’s tireless fight for equality and human dignity continues to inspire generations. Today, as we remember his contributions, we also reiterate our commitment to fulfilling his vision.

Also sharing a picture from my visit to Chaitya Bhoomi in Mumbai earlier this year.

Jai Bhim!"