नमस्कार, मैं निशांत चतुर्वेदी इस वक्त सात लोक कल्याण मार्ग पर मौजूद हूं। सरल भाषा में कहें तो ये वो जगह है जो कि देश की सत्ता की धुरी है। ये वे जगह है जहां पर नए भारत के आइडियाज निकलते हैं। ये वो जगह है जहां से भारत के विकास का विचार होता है। ये वो जगह है जहां पर दुनिया के तमाम देश भारत की ताकत को नमस्कार करते हैं। और मेरे साथ इस वक्त मौजूद हैं देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी।

पीएम मोदीः नमस्कार। और टीवी9 नेटवर्क पर आप देख रहे हैं देश का सबसे बड़ा शो प्रधानमंत्री एंड फाइव एडिटर्स राउंड टेबल। और मेरे साथ जो फाइव एडिटर्स मौजूद हैं, मैं आपको बता दूं सबसे पहले मेरे साथ टीवी9 मराठी के संपादक उमेश कुमावत हैं। मेरे साथ टीवी9 तेलुगु के संपादक रजनीकांत हैं, टीवी9 बांगला के संपादक अमृतांशु भट्टाचार्य, टीवी9 गुजराती के संपादक कल्पक केकड़े जी, टीवी9 कन्नड़ से रंगनाथ भारद्वाज। प्रधानमंत्री जी बहुत-बहुत शुक्रिया आपका। आपने टीटीवी9 परिवार के लिए समय निकाला, आपके लिए बहुत-बहुत आभार।

पीएम मोदीः भांति-भांति के बॉलर्स हैं और फील्डिंग भी बड़ी टाइट है। लेकिन आपने जब वर्णन किया, 7 एलकेएम का, ये सत्ता की धुरी नहीं है, ये सेवा की धुरी की जगह है, और इसलिए ये जो कल्पना थी किसी समय में और आकर के मैंने जो नाम बदला वो पहले 7 रेस कोर्स था। मैंने उसको लोक कल्याण किया क्योंकि मैं मानता हूं कि यहां आने वाले हर किसी के मन में यह भाव रहना चाहिए कि लोक कल्याण और लोक सेवा के लिए जगह है। ये सत्ता के लिए नहीं है। और लोकतंत्र का स्पिरिट भी वही होता है और मैं उसको जीने का पलपल प्रयास करता हूं। लेकिन आप सबका स्वागत है और आप सब देश के अलग अलग भाग से आए हैं तो मुझे भी आपके सब दर्शकों के साथ जी भर कर के और खुले मन से बात करने का आनंद आएगा।

 

सवालः प्रधानमंत्री जी देश इस वक्त एक बहुत बड़ा पर्व मना रहा है लोकसभा चुनाव है। आप निरंतर लगे हुए हैं। हर कोई देख रहा है, 2014, 2019 दोनों चुनावों के केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी थे। अगर इसकी तुलना 2024 से की जाए तो क्या आपको बदलाव दिख रहा है। क्या फर्क दिख रहा है?

पीएम मोदीः पहली बात है कि चुनाव मेरे लिए नया नहीं है। मैंने लंबा अरसा तक संगठन में रह कर के चुनाव लड़वाने का काम किया। फिर मुझे जिंदगी में पहली बार गुजरात में चुनाव लड़ने की नौबत आई। और अब एक और भूमिका में देश और दुनिया की नजरों में एक विशेष जिम्मेवारी के साथ मैं इस चुनाव के मैदान में हूं। 2014 में जब हम चुनाव में थे तब लोगों के मन में कई क्वेश्चन मार्क थे। मोदी जी नए हैं, कौन हैं, गुजराती जानते हैं, लेकिन लोगों के मन में उम्मीद थी। 2014 में उम्मीद थी, यार कुछ तो करेगा। जब 2019 के चुनाव में मैं गया तो मैं देख रहा था कि वो उम्मीद जो है वो विश्वास में पलट चुकी थी। और वो परिश्रम, परफॉर्मेंस, कंसिस्टेंसी, क्लेरिटी ये सारे मिलजुल कर के जो 2014 से 19 तक लोगों ने देखा तो विश्वास था। अब मैं समझता हूं कि 2024 जो उम्मीद से शुरू हुआ था, जो विश्वास के दौर में आया था, वो अब गारंटी बन चुका है। 2024 का चुनाव देश को मैं कहता हूं यस ये मैं कर, क्योंकि मेरा 10 साल का अनुभव है। क्या हो सकता है क्या नहीं हो सकता है मुझे पता है। दूसरा 2014 में मुझे सेवा करने का एक, मेरे लिए बहुत बड़ा अवसर था मैं मानता हूं। और सेवा भाव के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया मैंने। 2019 में मैं जब लोगों के पास गया तो एक रिपोर्ट कार्ड लेकर गया था कि देखिए मैं इतना-इतना कर पाया हूं। लेकिन उससे लोगों को लगता है यार दिशा तो सही है। अगर इतना इतने समय में कर दिया तो कर लेगा। 2024 में मैं जा रहा हूं। तो जो सामान्य मानवी की आवश्यकता है उसको तो मैंने एड्रेस किया है। अब मुझे उनकी अपेक्षाओं को एड्रेस करना है, उनके एस्पिरेशन को एड्रेस करना है, अब मुझे एक नई ऊंचाई पर ले जाना है। दूसरा 2014 के चुनाव में हमारे सामने जो गठबंधन था वो सरकार में थे, उनके पास सारे सरकारी सावधान थे, वो सत्ता बचाने के लिए भरपूर प्रयास भी कर रहे थे और मैं तो मुख्यमंत्री था तो भी मुझे बहुत बड़ा उन्होंने टारगेट बनाकर रखा हुआ था। तो कई कठिनाइयों के बीच में से हम निकलते निकलते निकलते जनता के आशीर्वाद से और भी आगे जाएंगे, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है।

 

सवालः प्रधानमंत्री जी आप रोज चार पांच रैली कार्यक्रम याय संबोधन कर रहे हैं, लगातार आप ट्रेवल कर रहे हैं। पता लगा कि आप विमान में भी अपनी फाइलें देखते रहते हैं। एक सवाल मन में आता है कि प्रधानमंत्री जी इस दौरान अपने कार्यालय को उसको कितना मिस करते हैं।

पीएम मोदीः पहले तो ये मेरे लिए एक कठिनाई है, ये जो सरकारी व्यवस्था से मुझे चलना पड़ता है। ये हवाई ट्रैक्टर होता है, ये जो हमें जिस में जाना होता है वो हवाई ट्रैक्टर होता है। तो शारीरिक रूप तो बहुत कठिन होता है, जब मैं मुख्यमंत्री था हम जो ट्रैवलिंग करते थे तो हमारी अपनी सुविधा थी। हम मर्जी पड़े वहां लैंड कर सकते थे, मर्जी पड़े, ये हम लैंड नहीं कर सकते उनके एक निश्चित नॉर्म्स हैं। तो एक प्रकार से मैं देख रहा हूं कि एक दिन में मैं छह कार्यक्रम कर सकता हूं लेकिन मुझे अभी तीन या चार ही करने पड़ते एसपीजी के कारण। अदरवाइज मेरी जो... और जब मैं गुजरात में था तो मैं हमारा हेलीकॉप्टर कहीं भी उतर सकता है, छोटी रनवे वाले हमारे जहाज भी उतर जाते थे। इधर यह होता नहीं है तो मेरा टाइम काफी ट्रैवेलिंग में बहुत जा रहा है। तो एक प्रकार से मुझे घाटा हो रहा है। दूसरा मैं जब गुजरात में, 2014 का चनाव लड़ा तब तो मेरे सामने बहुत बड़ी दिक्कत थी जी। मुझे कैंपेन के लिए देश भर में जाना होता था। गुजरात सरकार चलानी होती थी, बजट का समय था। क्योंकि हम मुझे मई महीने में नहीं, सेंप्टेबर में घोषित कर दिया था पीएम कैंडिडेट तो अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर बजट का समय होता है। तो मैं दिन भर ट्रैवल करता था देश के अलग-अलग कोने में। रात को 9-10 बजे पहुंच के स्नान करके मैं बजट की मीटिंग लेता था और मैं गुजरात का बजट बनाता था। अभी भी मैं रूटीन में भी मैं विदेश जाता हूं तब भी यहां भी, तो मेरे साथ ब्रीफिंग करने वाली टीम होती है, और मेरे आगे के कार्यक्रमों की चर्चा करने वाली टीम होती है, फाइलें होती हैं, कुछ डिस्कशन पॉइंट होते हैं तो यह सारी चीजें मैं इन दिनों साथ-साथ कर लेता हूं। बहुत सी चीजें में अर्जेंस है तो देर रात का जैसे हीटवेव अब हीटवेव के लिए मैं जून तक इंतजार नहीं कर सकता, तो मेरे लिए उसके लिए आवश्यक जो भी मीटिंग करनी होती है, मौसम कैसा रहेगा, इस बार बारिश कैसी रहेगी, उसके लिए क्या प्लान करना चाहिए तो ये मुझे पहले करना पड़ता है, तो मेरी उसकी मीटिंग चलती है। अब सरकार बनने के बाद बजट आएगा, तो बजट की तैयारी करनी है। सरकार बनने के बाद मुझे 100 दिन का काम करना है, उसकी तैयारी है। तो एक प्रकार से मैं इन सारे चीजों को एक साथ, और मैं दसों प्रकार की चीज एक साथ करने की अब ट्रेनिंग हो चुकी है मेरी, तो मैं कर लेता हूं। और मैं मानता हूं कि मुझे मेरे व्यक्तित्व को मैं टुकड़ों में नहीं रखता। मेरा एक बड़ा होलिस्टिक और इंटीग्रेटेड अप्रोच होता है। तो मेरा ऐसा नहीं होता है कि भाई यह काम करता हूं तो वो काम छोड़ दूं फिर वो करूं तो फिर वो छोड़ दूं। मुझे लगता है कि ये काम भी मेरा पूरा फोकस रहेगा लेकिन उस काम को भी मुझे समय देना होगा। उस काम को भी मुझे फोकस रहेगा, उस काम को भी समय देना तो मैं बैलेंस एक्ट करता हुआ, और शायद मुझे लगता है कि ये योगा का ही कमाल है जो मुझे बैलेंस करना सिखाती है।

 

सवालः प्रधानमंत्री जी अब दो चरण लगभग खत्म हो चुके हैं, अब तीसरे तीसरे चरण में चुनाव जा रहा है लेकिन नीति और मुद्दों से कहीं पर ऐसा लग रहा है किय चुनाव भटक रहा है, आप पर व्यक्तिगत हमले होते, जैसे अभी तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने आपको कोबरा कह दिया। हमारे यहां संजय राउत है उन्होंने रावण कहा था, कहा था औरंगजेब का जन्म आपके गांव के पास हुआ है, कई सारे वीडियो आते हैं जिसमें होता है कि टुकड़े-टुकड़े कर देंगे, तो आप इन बयानों को कैसे देखते हैं?

पीएम मोदीः मुझे चिंता ये है कि डिक्शनरी की सारी गालियां खतम हो गई, अब बेचारे करेंगे क्या। उनको कोई रिसर्च टीम बनानी पड़ेगी कि भाई मोदी के लिए कोई नई गालियां खोजो। क्योंकि सारी डिक्शनरी उन्होंने एक प्रकार से मुझे गालियां देने के लिए इस्तेमाल कर ली है। और हो सकता है गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाएगा कि एक व्यक्ति को सार्वजनिक जीवन में इतनी भद्दी, इतनी ज्यादा, इतनी बार गालियां खानी पड़ रही है। लेकिन देखिए मैं तो परमात्मा में श्रद्धा रखने वाला व्यक्ति हूं। मैं शिव का भी उपासक हूं, शक्ति का भी उपासक हूं। और शिव ने तो विष पीना सिखाया है। अगर मुझे अमृत की हिफाजत करनी है तो विष पीना है। तो मेरे जिम्मे आया है तो मैं करूंगा।

 

सवालः हमारा लोग राम को भी नहीं छोड़ा है, कृष्ण को भी नहीं छोड़ा है, मोदी जी को कैसे छोड़ सकता है। प्रधानमंत्री जी जैसे आप बोल रहे थे कि अभी 10 साल हो गया है, अभी आप गारंटी दे सकते हैं तो एक तरफ आपका मोदी का गारंटी है देश के सामने और दूसरी तरफ हम लोगों ने देखा कि अभी राहुल गांधी भी गारंटी दे रहे हैं कि अगर मेरी सरकार आ गई तो हम एक झटके में सारे गरीबी देश का खत्म कर देंगे। तो अभी देश किसका गारंटी पर भरोसा करे।

पीएम मोदीः देखिए पहली बात है कि गारंटी शब्द पर मेरा कोई कॉपीराइट नहीं है, तो हर किसी को उपयोग करना पड़ता है। दूसरा आपने देखा होगा कि जिसको फर्जी माल बेचना होता है, वो भी बड़ी प्रोडक्ट का सिमिली ढूंढ कर के शब्दों का प्रयोग करता है। तब उनकी मुसीबत यह है कि उनको ये शब्दों का उपयोग करना पड़ता है लेकिन मान लीजिए, गारंटी वो ऐसे ही नहीं निकलती है जी। एक लंबी तपस्या के बाद आपके शब्द गारंटी बन जाते हैं। आपके शब्द की कीमत बढ़ जाती है। मैं गारंटी शब्द उपयोग ना करूं तो भी मुझे याद है मैं गुजरात में था तो मेरे यहां अमरेली डिस्ट्रिक्ट के कुछ लोग आए, तो उसके बाद चुनाव होना था। उन्होंने कहा, साब बस आप इतना बोल दीजिए हमारा काम चल जाएगा। मैंने कहा, मैं नहीं बोल सकता। बोले साब आप बोल दीजिए ना। मैंने कहा, भाई ऐसा है जिस चीज की योजना नहीं बनी है, मैं इसके विषय में। बोले साब आपने बोल दिया ना वो राम बाण है, बस आप बोल दीजिए। मैं उस दिन से बहुत सजग हो गया हूं। मेरे गुजरात के लोगों के मन में मेरे लिए ये भाव बना है कि साहब आपने एक शब्द बोल दिया इसका मतलब अब मुझे इस पर बहुत जिम्मेवारी से जीना पड़ेगा। और मैं तब से लेकर के बहुत जिम्मेवार हो गया हूं कि मैं मेरा हर शब्द एक जिम्मेवारी है। मेरा हर शब्द मेरी एक गारंटी है, उस रूप में मैं करता हूं। बाकियों ने इन शब्दों की डीवैल्युएशन कर रहे हैं। मैं उसका कुछ कर नहीं सकता हूं लेकिन कोई मुझे बता दे साहब उनके नाना, पर नाना आप उनके भाषण सुन लीजिए लाल किले पर गरीबी की बातें की है। उनकी दादी उन्होंने गरीबी की बातें की, उनके पिताजी गरीबी की बातें की, उनकी माताजी जब रिमोट सरकार चलाती तब भी गरीबी और अब कह रहे हम खटाखट गरीबी हटा देंगे, एक झटके में गरीब हटा देंगे। कौन भरोसा करेगा, उसमें मोदी को कुछ कहने की जरूरत नहीं है मुझे उनकी आलोचना करने की भी जरूरत नहीं है। लेकिन देश देखता है जी। देश देखता है। उसी प्रकार से जब मैं कहूं कि मैं आपके लिए मेहनत करूंगा। इस देश का कोई भी व्यक्ति मेरी इस बात पर अविश्वास नहीं करेगा। बाकी कोई भी नेता कहेगा कि मैं मेहनत करूंगा, मुझे बताइए कितना भरोसा करेंगे। सिंपल सा, क्योंकि मुझे देखा है, यार मोदी कह रहा करेगा मेहनत...उसको पूछना नहीं पड़ता है। तो मेरा जीवन, मेरी वाणी और मेरी गारंटी ये सब एक सूत्र में है। ये हवा में से निकाला हुआ भाव नहीं है। और मैं जब कहता हूं मुझे करना है। अब जैसे मैंने 2014 में कहा मैं गरीबों के लिए घर बनाऊंगा। तब मुझे बहुतों ने कहा साब कितना पैसा लगेगा, कैसे करोगे। मैंने कहा देखिए भाई देश की इकॉनमी का ये ड्राइविंग फोर्स बनेगा। क्योंकि जब गरीब का घर बनाता हूं तब ईंटे बनाने वाला कमाता है, सीमेंट बनाने वाला कमाता है, रोजगार मिलता है, फर्नीचर बेचने वाला कमाता है यानि एक प्रकार से इकोनॉमी का ड्राइविंग फोर्स, उस मैंने पूरा एक चित्र खाका तैयार किया। 4 करोड़ घर बना दिए, दे दिए। कुछ राज्य सरकारों का बड़ा ठंडा रिस्पांस रहा तो मेरी अपेक्षा से कम हुआ फिर मैंने कहा नहीं भाई कुछ परिवार है जो बड़े हो गए और इसलिए मैंने इस बजट में फिर से कहा और मैं पब्लिक मीटिंग में कहता हूं कि आप जब चुनाव प्रचार में जाते हो तो मेरा एक काम करना कि देखना भाई कहीं उस गांव में दो-चार घर ऐसे होंगे जो छूट गए होंगे। किसी को नल से जल नहीं मिला होगा, किसी को गैस का कनेक्शन नहीं मिला होगा, किसी को घर नहीं मिला होगा उसकी सूची मुझे भेज देना क्योंकि मैं 3 करोड़ घर और बनाऊंगा, वो उनके लिए बनाऊंगा। यानी पक्का रोड मैप है तब जाकर के गारंटी पर भरोसा होता है।

 

सवालः आपने पहले एक बात बोला था मैं काम करके आपके सामने आ जाएंगे। आप काम करके सामने आ गए। ये आपकी गारंटी है। दूसरा हम सीन ऐसा देख रहे हैं कर्नाटक में पांच गारंटी। पांच गारंटी से देश भर में भी 25 गारंटी तक आ गया। आगे क्या हो सकता है?

पीएम मोदीः होता क्या है जब ये इनका कोई चीज चलती नहीं है तो उनको लगता है कि लोगों का ध्यान हटाने के लिए नई नई चीजें जोड़ो, नई नई चीजें जोड़ो। और इसलिए वो आपने देखा होगा कोई बच्चा अगर आपका एनक ले लेता है और आपको लगता है कि बच्चा एनक तोड़ देगा, डर लगता है तो आप क्या करते हैं उसको एक बॉल लाकर के दिखाते हैं, तो उसको लगता है हां ये बॉल बड़ी चीज है तो एनक छोड़ देता है बॉल पकड़ लेता है। ये लोग उस साइकोलॉजी पर काम कर रहे हैं, जिनको पता नहीं है देश की जनता बहुत ही समझदार है इनके हर खेल को जानती है। वह पांच गारंटी लाएं, 25 गारंटी लाएं, 75 गारंटी लाएं वो शब्दों को ऊपर नीचे करें, अनाप-शनाप बोले। इससे जनमन नहीं बनता है। आपको टीवी मीडिया में जगह मिल जाती है, जमीन पर नहीं मिलती है। जनों के दिल में नहीं मिलती है। दूसरा उन्होंने ऐसी ऐसी गारंटी दी थी एक चुनाव में उन्होंने तारीख गिन लीजिए एक, दो, ऐसा बोले 10 दिन में ये हो जाएगा। वो 5 साल सरकार रही, नहीं हुआ। तो लोगों को अविश्वास हो जाता है। और दुर्भाग्य तो यह है कि सार्वजनिक जीवन में राजनेताओं की शब्दों की ताकत इतनी खत्म हो चुकी है कि मेरे लोगों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। भई मैं उस बिरादरी का नहीं हूं बाबा। मैं जो कह रहा हूं करूंगा। तो मुझे तो उनके कारण नुकसान होता है ये झूठ बोलने वालों से।

 

सवालः आपने इसके साथ-साथ उनका नींद उड़ा दिया है, अभी जो दिया है कि ये सिर्फ ट्रेलर है पिक्चर अभी बाकी है। कैसा रह सकता है ये पिक्चर।

पीएम मोदीः ऐसा है कि वो नींद उनको उड़ने का कारण नहीं है। मैं अभी भी मानता हूं कि इतना बड़ा देश, 10 साल में मैंने जो किया है उसके कारण मेरा विश्वास बन गया है लेकिन मेरी जो सोचने का तरीका है, मुझे बहुत कुछ करना है और मैं देश को बताता हूं आपको संतोष होगा। आपलोग मोदी को प्यार करते हैं, आशीर्वाद देते हैं लेकिन मान लीजिए, मोदी सोने वाला नहीं है, मैं इसको और ऊंचाई पर ले जाऊंगा और नई चीजें करूंगा। और मुझे दुनिया में हिंदुस्तान का जयजयकार करना है जी।

 

सवालः प्रधानमंत्री जी, एक चीज को लेकर बड़ा भ्रम है और वह भ्रम यह है कि विपक्ष आरोप लगाता है कि अगर बीजेपी 400 सीट लेकर आई तो संविधान बदल देगी। इस देश में पहले भी 400 सीट लेकर पार्टी आई है। देश में पहले भी संविधान में 100 से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं। इन बयानों पर आप क्या कहेंगे?

पीएम मोदीः पहली बात ये है कि आज हमारे पास कितनी सीटें हैं। आज भी एनडीए के पास करीब-करीब 360 सीटें हैं और एनडीए के सिवाय जैसे बीजेडी एनडीए में नहीं है तो उन सबको मिला लें तो आज भी हम करीब-करीब 400 सीट के साथ ही बैठे हुए हैं पार्लियामेंट में। पिछले 5 साल से बैठे हुए हैं। अगर ऐसा कोई पाप किसी को करना होता तो उसी समय कर लेता। तो ये तर्क भी नहीं है, सत्य भी नहीं है लेकिन ये क्यों करते हैं क्योंकि उनके पास उनका इतिहास देख लीजिए साहब, जो पार्टी कांग्रेस पार्टी के संविधान की पवित्रता को नहीं मानती है। वह पार्टी देश के संविधान को कैसे मानेगी। कांग्रेस पार्टी के संविधान की पवित्रता को नष्ट करने का काम इस परिवार ने किया है। उन्होंने संविधान की मर्यादाओं को तोड़ा है कांग्रेस पार्टी ने ऑफिशियली राष्ट्रपति के उम्मीदवार तय किए थे संजीव रेड्डी जी को। और उनकी पीठ में छुरा घोंप कर उनको हरा दिया गया था। ये इनका खेल है। इन्होंने संविधान के साथ हमेशा खिलवाड़ किया। नेहरू जी इतने बड़े लोकतंत्र का चेहरा कहते हैं ना आपलोग। पार्लियामेंट में बैठने के सबसे पहला जो संविधान संशोधन किया वह उन्होंने फ्रीडम ऑफ स्पीच को रिस्ट्रिक्ट करने के लिए किया था। पूरी तरह अन डेमोक्रेटिक नेहरू जी ने किया था। दूसरा उन्होंने कैसे किया, भारत का संविधान इसमें मैं तीन बातें मोटी-मोटी देखता हूं। एक तो बहुत ही अनुभवी लोगों ने बैठ कर के, भारत की जड़ों को जानने वाले लोगों ने बैठ कर के संविधान को बनाया। उसमें वो सुगंध है भारत के सोच, इसलिए उसको एक सामाजिक दस्तावेज भी कहा जाता है। वह सुगंध है। दूसरा ये लोग आगे का सोचते थे तो उसमें एक फ्यूचरिस्टिक देश आगे अच्छा चले, इसकी व्यवस्था भी है और तीसरा जो शब्दों में नहीं है लेकिन पेंटिंग में है। पहला संविधान बना, उसके हर पेज पर एक पेंटिंग है, वह पेंटिंग हमें हजारों साल के साथ जोड़ने वाली एक लिंक है, कड़ी है। हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा, हमारा इतिहास, हमारी मान्यताएं वह सब उन चित्रों में अंकित है चित्रों में ताकि जल्दी देश समझ पाए। लंबा इतिहास लिखना ना पड़े वो चित्रों में रखा गया। शब्दों में वर्तमान और आने वाली कल रखी गई। तो कल, आज और कल इसका एक बहुत ही संतुलित दस्तावेज, अत्यंत पवित्र दस्तावेज हमारा संविधान है। इन्होंने सबसे पहले संविधान की मूल प्रति में जितनी ये जो महान ऐतिहासिक सांस्कृतिक परंपरा वाला भाव था उसको नष्ट कर दिया। नए प्रिंट में को निकाल दिया उसके बाद एक भी संविधान की प्रति उस वाली प्रिंट नहीं हुई। हमने अभी जब पार्लियामेंट का उद्घाटन किया तो ओरिजिनल की प्रति प्रिंट करके हमने देश के एमपीओ को दी क्योंकि उसके मेरे मन में था। जैसे मैंने सेंगोल रखा पार्लियामेंट में, मैंने संविधान की भी ओरिजिनल प्रति की प्रिंट छपवा के दी।

दूसरा इन्होंने क्या किया, हमारी न्यायालय, संविधान ने जन्म दिया है, शाहबानों का केस है, सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय किया था, वोट बैंक के लिए संविधान को समर्पित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट जो कि संविधान की एक बहुत बड़ी इकाई है उसकी भावना को नष्ट करके उन्होंने संविधान बदल दिया। इलाहाबाद कोर्ट ने जजमेंट दिया था उनके चुनाव को रद्द किया था। उन्होंने संविधान को कूड़े कचरे में डाल दिया, इमरजेंसी डाल दी, हिंदुस्तान को जेलखाने में बंद कर दिया। उन्होंने संविधान का उपयोग सिर्फ और सिर्फ अपने एकाधिकार के लिए किया। देश की सरकारों को 356 का उपयोग करके 100 बार, 100 बार उसको खत्म किया इन्होंने। और एक प्रधानमंत्री ने अकेले ने 50 बार किया और इन्हीं के परिवार ने की। तो संविधान को पूरी तरह नष्ट करना यह उनकी पूरी पावर के लिए, और दूसरा अपीजमेंट पॉलिटिक्स के लिए। एक पावर के लिए दूसरा अपीजमेंट पॉलिटिक्स के लिए। एक तो सत्ता के लिए संविधान का उपयोग किया दूसरा वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए किया। मेरे मन में तो सवाल है जी और मैं तो मीडिया के लोगों को कहता हूं खोजिए क्या वायनाड में सौदा हुआ है क्या? मेरे मन में क्वेश्चन है क्या वायनाड में सौदा हुआ है क्या कि आपको मुसलमानों को रिजर्वेशन में हिस्सा दिया जाएगा बदले में वायनाड जिताओ। क्या ऐसा सौदा हुआ है क्या? बदले में देश में चुनाव जिताओ क्या ऐसा सौदा हुआ है क्या? देश जानना चाहता है। और आज खेल क्या चल रहा है, आज खेल ये चल रहा है एससी, एसटी, ओबीसी के जो संविधान में आरक्षण मिला हुआ है उस आरक्षण को छीनने का तरीका ढूंढा जा रहा है और वो धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहते हैं। जब संविधान बना महीनों तक चर्चा हुई, देश के विद्वानों ने चर्चा की कि धर्म के आधार पर आरक्षण दे सकते हैं क्या और सबमें सहमति बनी कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दे सकते हैं। और बाबा साहब आंबेडकर का तो बड़ा विद्वतापूर्ण उसमें बयान है। सबने बहुत सुविचारित मत रहा है देश में कि हमारे देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देना चाहिए। ये धर्म के आधार पर आरक्षण देने पर टूटे, क्यों? वोट बैंक पॉलिटिक्स। कर्नाटका ने तो एक नया प्रयोग किया। कर्नाटका ने क्या किया, उन्होंने रातों रात सभी मुस्लिम जातियों को फतवा निकाल कर ओबीसी बना दी। एक सर्कुलर निकाल दिया, ठप्पा मार दिया।

तो जो 27 परसेंट ओबीसी का आरक्षण था उसके सबसे बड़े हिस्सेदार ये बन गए। उनका लूट लिया, डाका डाल दिया। तो इनके लिए संविधान ये एक खेल है। क्या इस देश में 75 साल में भारत का संविधान लागू हुआ था क्या? जो लोग कह रहे हैं न, बेईमानी कर रहे हैं। 60 साल तक इन्होंने राज किया, कश्मीर में भारत का संविधान नहीं लागू होता था। अगर संविधान की इतनी ही आपको पवित्रता लगती थी तो कश्मीर में संविधान क्यों लागू नहीं किया आपने। 370 की दीवार बना करके भारत के संविधान को यहां तक क्यों अटका दिया आपने। यह बाबा साहब का अंबेडकर का अपमान है कि नहीं है। दूसरा जम्मू-कश्मीर में जो मेरे दलित भाई-बहन हैं, इनको 75 साल तक आरक्षण का अधिकार नहीं मिला है जी, कोई अधिकार नहीं मिला है। तो इनको रोना क्यों नहीं आया भाई। वहां पर हमारे आदिवासी भाई-बहन हैं उनको कोई अधिकार नहीं मिला। क्यों रोना नहीं आया। हमारी माताएं-बहनें हैं वहां उनको कोई अधिकार नहीं मिला। क्यों, संविधान था ही नहीं वहां, उनका संविधान चलता था।

मैंने संविधान की सबसे बड़ी सेवा की है कि 370 हटा कर के जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान लागू किया। संविधान के प्रति मेरा समर्पण देखिए, जब भारत के संविधान के 60 साल हुए तब मैंने गुजरात में हाथी के ऊपर संविधान की बड़ी प्रति रखी और उसकी पूजा की और उसका बहुत बड़ा जुलूस निकाला और हाथी पर सिर्फ संविधान था और राज्य का मुख्यमंत्री पैदल चल रहा था वहां। क्यों, मैं देशवासियों के दिल में संविधान की प्रतिष्ठा बनाना चाहता था। जब हम पार्लियामेंट में आए तो हमने संविधान दिवस मनाने का प्रस्ताव लाए। कांग्रेस पार्टी ने विरोध किया और कांग्रेस पार्टी के नेता जो आज कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं, उन्होंने बयान दिया पार्लियामेंट में कि 26 जनवरी तो है, संविधान दिवस की क्या जरूरत है। मेरे लिए संविधान हर स्कूल में चर्चा का विषय होना चाहिए। हर बच्चे के दिल में संविधान की पवित्रता की चर्चा। ये वकीलों के लिए अदालत में धाराएं कोट करने के लिए संविधान नहीं है। संविधान हमारी जीवन की प्रेरणा बनना चाहिए। नई पीढ़ी को शिक्षा मिलनी चाहिए। और मैं देशवासियों को कहता हूं मेरी तीसरी टर्म में मेरे जो पहले 100 दिन के कार्यक्रम हैं ना। आज मैं एक पत्ता खोल देता हूं, पहले 100 दिन में मेरा एक काम यह रहेगा कि संविधान के 75 साल को, सालभर ऐसे मनाऊंगा अब तो क्योंकि इतना झूठ बोल रहे हैं लोग, ताकि देश संविधान की पवित्रता को समझे, संविधान के महात्म्य को समझे। हां मैं संविधान में जितना अधिकार की चर्चा होती है, मैं कर्तव्य की भी उतनी चर्चा करना चाहता हूं। क्योंकि देश में कर्तव्य भाव भी जगाना चाहिए। तो मैं संविधान में अधिकार के साथ-साथ कर्तव्य भाव को बल देने वाली बात आने वाले एक साल देश में जमकर के चलाने वाला हूं।

 

सवाल: एक चूंकि बात निकली राहुल गांधी की, वो कह रहे हैं कि उनका जो न्याय पत्र है वो देश के विकास का विजन है। उनका ये कहना है कि ये घोषणा पत्र ही है जो देश को आगे ले जा सकता है विकास के रास्ते पर आपको चूंकि आप ऐनलाइज़ कर रहे चीजों को आपको कितना व्यावहारिक लगता है ये घोषणा पत्र और दूसरा आपने उनके घोषणा पत्र की तुलना मुस्लिम लीग के घोषणा पत्र से की है और वो कह रहे हैं कि भाई हमने तो मुस्लिम वर्ड का यूज ही नहीं किया है।

पीएम मोदी: मैंने तुलना नहीं की है मैंने कोई कंपैरिजन नहीं किया मैंने सीधा-सीधा समझाया है कि मुस्लिम लीग की जो सोच है, मुस्लिम लीग की छाप इनके मेनिफेस्टो में है और आप हर चीज में देखिए जो मुस्लिम लीग की सोच रही है जो भाषा रही है वो ही चीजें इनके मेनिफेस्टो में नजर आ रही है। वो कपड़े कोई भी पहना ले लेकिन हिडन एजेंडा साफ दिखता है।


सवाल: उन्होंने बोला है हमारा घोषणा पत्र देख के मोदी जी बहुत चिंतित है।

पीएम मोदी: ऐसा है कि उनको हमेशा ये रहता है कि मोदी डर जाता है मोदी डरा हुआ है हम बोलेंगे तो भूकंप आ जाएगा अब उनको अपने आनंद में जीने दीजिए ना।

 

सवाल: तो उसमें कुछ विजन जैसी बात लगी आपको उनके घोषणा पत्र में?

पीएम मोदी: उनको मजा आना चाहिए आने दीजिए ना।

 

सवाल: कांग्रेस का जो आर्थिक सर्वे के बारे में बात कर रहे हैं आजकल सो अभी सिचुएशन देश में जो सिचुएशन के हिसाब से देखा तो ये जरूरत है इकोनॉमिक सर्वे?

पीएम मोदी: पहली बात ये है कि उनके व्यवहार से तो लगता ही है देखिए इन दिनों काफी युवा लीडरशिप उनकी कांग्रेस छोड़कर बाहर निकली है और उनका एक मुद्दा ये है कि कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह माओवादियों ने कब्जा कर लिया है। अब वो हर चीज में इस प्रकार का देश में लाइसेंस राज लाने के भूल में हैं और मुझे अब लगता है कि नरसिम्हा राव को उन्होंने इतना अपमानित क्यों किया? नरसिम्हा राव को अपमानित क्यों किया इतना? प्रधानमंत्री उन्हीं की पार्टी के थे उसका एक कारण नरसिम्हा राव की सरकार ने जो रिफॉर्म किए और जो लाइसेंस राज में से नरसिम्हा राव ने बाहर लाने की कोशिश की ये इस परिवार को खटका और वो फिर से तलाश में हैं कि देश को लाइसेंस राज में कैसे लाया जाए। और इसलिए उनके दिमाग पर माओवादियों का कब्जा है और उनकी राजनीति में उनकी आत्मा पूरी तरह वोट बैंक की राजनीति में फंसी पड़ी हुई है, तुष्टिकरण में फंसी पड़ी हुई है।

 

सवाल: सो यूसीसी के बारे में बहुत चर्चा चल रहा है, उत्तराखंड ने ये पास कर दिया है एंड दूसरा राज्य का क्या हाल है क्योंकि इंक्लूडिंग कर्नाटक कुछ राज्य अपोज कर रहा है क्या ये राज्य से ये लागू हो सकता है या केंद्र से?

पीएम मोदी: मुझे आश्चर्य हो रहा है कि हमारे देश के मीडिया ने ये सवाल 75 साल के बाद क्यों पूछा? देश आजाद होने के बाद हर प्रधानमंत्री को हर सरकार को पूछना चाहिए था कि जब संविधान लिखा गया है संविधान की भावना है तो आपने लागू क्यों नहीं किया? ये पूछना चाहिए था। सवाल तो उनको पूछना चाहिए कि इतने साल तक रहे, इतना बड़ा देश चलाना है तो कोई एक कानून तो होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पच्चीसों बार गाजे-बाजे के साथ कहा है कि सरकार यूसीसी पर कदम उठाए, जवाब उनको पूछना चाहिए। दूसरा, ये यूसीसी के लिए लोग जो सवाल उठाते हैं उनको मैं कहता हूं जरा गोवा की तरफ देखिए देश आजाद हुआ तब से गोवा में यूसीसी है और गोवा में सबसे बड़ी माइनॉरिटीज है। गोवा में तो कोई समस्या नहीं हो रही है, सुख-चैन की जिंदगी जी रहे हैं। और गोवा आज बहुत बड़ी तेजी से विकास कर रहा है तो सभी राज्यों को अब लगने लगा है कि अगर गोवा में सुख-शांति, सुख-चैन की जिंदगी समान नागरिक से है तो राज करो। हम तो पहले से कमिटेड हैं। हम तो मेनिफेस्टो में कहते आए हैं। हम किस प्रकार से इसको आगे बढ़ना, कैसे बढ़ना वो व्यवहार-व्यवहार परिस्थितियों में हम रास्ता निकालते रहते हैं। जिस प्रकार से हम देश की एकता के लिए संविधान को भी जहां नहीं था वहां पहुंचाया। वैसे ही हमने पहले से हमारा कमिटमेंट है और ये कमिटमेंट हमारी पॉलिटिकल आइडियोलॉजी नहीं है ये संविधान की भावना का ही हमारा एक्शन है। संविधान की भावना कहती है यूसीसी की बात, देश की सुप्रीम कोर्ट कहती है यूसीसी की बात हम तो जो देश की संवैधानिक संस्थाओं ने हमको कहा है हम करने के रास्ते खोज रहे हैं और इसलिए जनता का आशीर्वाद मांग रहे हैं।

 

सवाल: प्रधानमंत्री जी एक क्षण ऐसा आया जब देश और विदेश में करोड़ों भारतीय भाव विभोर हो गए। हम लोग वहां पर मौजूद थे हमने देखा प्राण-प्रतिष्ठा के दिन, प्राण-प्रतिष्ठा की अगर बात की जाए तो विपक्ष का ये आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर पर अपना हक जमाना चाहती है इसलिए हम प्राण-प्रतिष्ठा में नहीं आए, आप क्या कहेंगे इस पर?

पीएम मोदी: प्रभु राम को ये इतने कम सामर्थ्यवान मानते हैं क्या? मतलब इनको इतना नॉलेज नहीं है परमपिता परमेश्वर पर कोई अधिकार कर सकता है क्या? प्रभु राम इतना महान व्यक्तित्व और एक पार्टी मामूली छोटी-सी बीजेपी पार्टी, प्रभु राम के सामने कुछ नहीं है भाई, ये लोग कैसी बात करते हैं। सचमुच में तो प्रभु राम उनके भी होने चाहिए सबके होने चाहिए। इस पर किसी का मालिकी हक नहीं हो सकता है जी। ये सोच ही तो है जो लेकिन ये क्यों बोलते हैं उनका हिडन एजेंडा जो है ना उस पर पर्दा लगाने के लिए ऐसे बातें बोल रहे हैं। उनका हिडन एजेंडा है उनकी वोट बैंक को संभालना। उनकी वोट बैंक को संवारना और इसलिए वे इस प्रकार की बहानेबाजी कर रहे हैं। उनको लगता था कि जो राम मंदिर गए तो वोट बैंक गई, वोट बैंक सवाल करेगी उनको डर ये ही है। आपने देखा होगा राजीव गांधी ने अपना एक कैंपेन अयोध्या से शुरू किया था चुनावी कैंपेन और ये सिग्नल दिया था उन्होंने। लेकिन तब उन्होंने कहा उनको उनकी वोट बैंक ने कहा कि ये खेल खेलोगे तो तुममें और बीजेपी में फर्क क्या है तो भाग गए। आपने देखा होगा कई चुनावों में ये लोग मंदिरों में जाते थे इस चुनाव में नहीं जा रहे, मार्क किया क्या? ये आपका काम है मुझे बताना पड़ रहा है मेरा दुर्भाग्य है। इस बार वो इलेक्शन डिक्लेयर होने के बाद किसी मंदिर-मंदिर में नहीं जा रहे क्यों क्योंकि उनको डांट दिया गया था पिछले चुनाव में कि मोदी मंदिर करता है तुम भी मंदिर करोगे तो हम तुमको मोदी में फर्क क्या देखेंगे। और इसलिए वोट बैंक को बचाने के लिए मंदिर जाना बंद कर दिया है। हो सकता है मेरा इंटरव्यू देखने के बाद शायद ड्रामा कर लें, बात अलग है। तो इनका खेल वोट बैंक के आसपास है उनको देश, देश की भावना देश के लोगों के सपने संकल्प कोई लेना-देना नहीं है।

 

सवाल: प्रधानमंत्री जी अगर बंगाल की तरफ देखें तो 2019 में बंगाल में अप्रत्याशित आप लोगों को बढ़त प्राप्त हुई थी, उसके बाद विधानसभा में सबसे बड़ा अपोजिशन बनके बीजेपी उठा है और आप बार-बार बंगाल में आए इस बार भी आ रहे हैं और काफी भारी संख्या में लोग आ भी रहे हैं आपको देखने के लिए। बंगाल का चुनौती को आप कैसे देख रहे हैं और यहां पर सबसे बड़ा मुद्दा आपको कौन सा नजर आ रहा है?

पीएम मोदी: बहुत ही अच्छा सवाल पूछा है आपने। अगर भारत को विकसित होना है तो देश के कुछ राज्य हैं जो बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। देश को आगे ले जाने में सबसे ज्यादा सामर्थ्य अगर कुछ राज्य दे सकते हैं तो उसमें एक बंगाल है और भारत के इतिहास को देखें तो भारत को सामाजिक रूप से अगर किसी ने शक्ति दी तो बंगाल के वैचारिक क्रांति ने दी है, भारत के क्रांति की धारा को आजादी के आंदोलन में किसने ताकत दी तो बंगाल ने दी। भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ी तो बंगाल के कारण से बढ़ी चाहे टैगोर जी हों, चाहे विवेकानंद जी हों, चाहे जगदीश चंद्र बोस हों। बंगाल का इतना बड़ा योगदान है जिसको दुर्भाग्य से पहले लाल वालों ने और अब टीएमसी वालों ने पिछले 50 साल में इस महान परंपरा को तहस-नहस कर दिया। देश को आगे बढ़ना है तो फिर से बंगाल का पुनर्जागरण जरूरी है पुनर्जागृति जरूरी है और मुझे पुनर्जागरण के अंश दिख रहे हैं। दुर्भाग्य से शॉर्ट साइटेड सत्ता भूखे लोग कब्जा करके बैठ गए। एक पॉलिटिकल आइडियोलॉजी ड्रिवन लोग ने बंगाल को बर्बाद कर दिया। अब बंगाल की जनता ने पूरी तरह नकार दिया। अब उनके बदले में जो आए वो सत्ता, खुद का परिवार, खुद की ऑटोक्रेटिक नेचर और अब उसमें एक ही सहारा उनको दिखता है वोट बैंक पॉलिटिक्स। जिन घुसपैठियों के खिलाफ ममता जी ने पार्लियामेंट में शासक पक्ष में हिस्सा होने के बाद भी कागज उड़ा रहे थे, तूफान खड़ा कर दिया था। सोमनाथ चटर्जी के सामने तूफान खड़ा कर दिया था। वो ही ममता जी के लिए वो आज बहुत बड़ी सोने की थाली जैसे परोसा गया वैसे हाथ में लग गया है। अब वो उन्हीं की रक्षा में लगे हैं। उनकी वेलफेयर स्कीम भी सबका साथ, सबका विकास वाली नहीं है सिर्फ वोट बैंक को संभाल करके। वो तिजोरी खर्च करेंगे तो वोट बैंक के लिए। बाकी कहते हैं उनको लगता है वो तो मजबूरी है आ जाएंगे। जब तक बंगाल को वोट बैंक की राजनीति के एक प्रकार से अत्यंत दुखदायक परिस्थिति से बाहर नहीं निकालेंगे और बंगाल की उस महान परंपरा और विरासत और बंगाल के युवा में बहुत ताकत है बहुत सामर्थ्य है उसको अगर अवसर देंगे और किसी भी भेदभाव के बिना समाज के सब वर्गों को साथ लेकर के तो बंगाल खड़ा हो सकता है। और आज बंगाल बीजेपी को स्वीकार कर रहा है हम दो या तीन एमएलए हुआ करते थे आज 80-90 तक पहुंच गए हम लोग। हम कभी पार्लियामेंट के अंदर सोच भी नहीं सकते थे आज हम सबसे बड़ी पार्टी बनकर के उभर रहे हैं तो बंगाल ने दिल से बीजेपी को स्वीकार कर लिया है। वोट की दुनिया में अभी हमें कभी बहुत सारी कठिनाइयां आती हैं लेकिन मैं मानता हूं कि जनता हिंसा जिस प्रकार का वातावरण है सबसे बड़ी चुनौती है। लोकतंत्र में सारे देश में अब शांतिपूर्ण चुनाव हो रहे हैं। देखिए, पहले दो हुए, कहीं से हिंसा की बंगाल के सिवाय कहीं से घटना नहीं आती थी या तो बंगाल से आएगी या केरल से आएगी जब त्रिपुरा में भी कम्युनिस्टों की गवर्नमेंट थी हिंसा की घटनाएं आती थीं। कम्युनिस्ट गए हिंसा की घटना बंद हुई। बंगाल में कम्युनिस्ट गए बंद हुआ लेकिन अब ममता दी ने वो ही रास्ता अपना लिया तो दुर्भाग्य है लोकतंत्र के लिए भी खतरा है और आज की राजनीति बंगाल की बीजेपी के लिए चुनौती नहीं देश के लिए चुनौती है जी, देश इस प्रकार से नहीं चल सकता जी।

 

सवाल: ऐसे बंगाल में हम लोग देखा जाए तो 50 प्रतिशत 50 परसेंट महिलाएं हैं वोटर्स के अंदर और पिछले चुनाव में भी देखे हैं कि देश की महिलाओं ने बीजेपी को बहुत अच्छी खासी सपोर्ट दिया है तो इस बार बंगाल के लिए स्पेशली ये संदेशखाली का जो भी हम लोगों ने देखा सुना इसके बाद मोदी की गारंटी क्या है?

पीएम मोदी: पहली बात है एक तो मेरा खुद की सोच क्या है? राजनीति छोड़ दीजिए, भारत की 50 प्रतिशत जनसंख्या वो भारत की विकास यात्रा में भागीदार बननी चाहिए कि नहीं बननी चाहिए। अगर हम भारत की 50 प्रतिशत जनसंख्या को विकास यात्रा में भागीदार बनाते हैं तो देश की इकोनॉमी को एकदम से नया क्षेत्र में बल मिल जाएगा। तो मैं गुजरात के मेरे काम को भी देखिए मैं महिलाओं को सबसे ज्यादा एंपावर करने में ताकत लगाता था। कोई कहीं कुछ बुरा था इसलिए नहीं, मुझे पॉजिटिव लगता है। अब जैसे मेरे यहां अमूल डेरी एक बहुत बड़ा उदाहरण है आपके सामने या लिज्जत पापड़ बहुत बड़ा उदाहरण है। ये दोनों आज किसी भी कॉर्पोरेट वर्ल्ड को कंपटीशन करते हैं लेकिन दोनों महिलाओं के द्वारा चलती है मतलब हमारे देश की महिलाओं की इतनी बड़ी ताकत है कि वो पूरी स्थिति बदल दें। अब मैंने खादी पर बल दिया, आज खादी इतनी तेजी से बढ़ रही है जी पहले की तुलना में खादी की बिक्री। खादी में रोजगार, खादी का कारोबार दो-ढाई गुना बढ़ गया लेकिन आप देखेंगे तो खादी में 80 परसेंट काम करने वाली महिलाएं हैं। हमने विमन सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए 10 करोड़ महिलाओं को जोड़ा है लेकिन अभी तक क्या है हमने महिलाओं को छोटे-मोटे, छोटे-मोटे कामों से कर लिया तो एंपावर होगा, नहीं मैं उसको एकदम से ब्रेक थ्रू करना चाहता हूं। इसलिए मैंने अभी ड्रोन दीदी का काम उठाया है जब गांव के लोग देखेंगे कि ये तो ड्रोन पायलट है, ड्रोन चलाती है, खेती करती है तो महिलाओं की तरफ देखने का दृष्टिकोण बदल जाएगा। मैं एक साइकोलॉजिकल बैरियर तोड़ना चाहता हूं तो एक तो मेरा, मेरा इन जनरल एक कमिटमेंट है। अब जहां तक बंगाल का सवाल है मैं मानता हूं कि सुरक्षा एक सबसे बड़ा गंभीर मसला है जिस प्रकार से संदेशखाली की घटनाएं घटी और जो दबी हुई मां कोई माता-बहन अपने व्यक्तिगत जीवन में बाहर खुलकर के कुछ बोलने की हिम्मत नहीं करती। संदेशखाली में जिस प्रकार से मैं उन माताओं को मिला था, आंख में आंसू निकल आते थे, सुनता था दर्द होता था और पॉलिटिकली शेल्टर मिले और उस प्रकार से व्यवस्था हो तब जाकर के बहुत बड़ी चिंता होती और सरकार किसी भी हालत में उनकी बात सुनने को तैयार ना हो। हमने एक बहन बिल्कुल झुग्गी-झोपड़ी में रहती है रेखा पात्रा जी करके उनको हमने टिकट दिया है। साहब देखिए कैसे लोग हैं मैंने रेखा पात्रे जी को टिकट देने के बाद फोन किया मैं मिला था पहले उनको। मैंने कहा दीदी आपके पास पैसे नहीं होंगे तो हम एक काम करेंगे हम लोगों के पास जाएंगे और लोगों को कहेंगे कि रेखा दीदी के लिए एक वोट तो देना है लेकिन एक रुपया देना तो मुझे रेखा जी कह रही है नहीं, नहीं साहब मैं पैसा नहीं मांगूंगी मैं पैसे नहीं मांगूंगी मैं हाथ जोड़ के मांगूंगी कि वोट दो मुझे पैसा नहीं चाहिए। साहब जिस बंगाल में ये नारी शक्ति हो वो बंगाल देश को आगे ले जा सकता है और इसलिए मैं मानता हूं कि बंगाल में नारी शक्ति ये नारी के द्वारा उत्पीड़न जो चल रहा है उसका जवाब भी नारी शक्ति देगी और दिखाएगी कि एक एक एक नारी सत्ता पर बैठी है और ये जुल्म हो रहा है दुख उसका है महिलाओं को। कोई एक सिरफिरा पुरुष बैठा होता और गड़बड़ होती तो महिलाएं कहती ये तो निकम्मा है। एक नारी के रहते होता है तो लोग नहीं सहन करते और उसके बाद पुरुषों को भी दर्द होता है। ये कैसे चल सकता है जी। और उसके कारण बंगाल में मैं समझता हूं एक बहुत बड़ा परिवर्तन मैं बिल्कुल एक समय समय इंतजार कर रहा है और कुछ नहीं है जी। सब बना बनाए पड़ा हुआ है।

 

सवाल: थोड़ा सा मैं आपको महाराष्ट्र की तरफ लेके जाना चाहता हूं महाराष्ट्र में विपक्ष को लेकर कंफ्यूजन है क्योंकि शिवसेना वहां फूट चुकी है, एनसीपी फूट चुकी है कांग्रेस के कुछ नेता इधर-उधर जा चुके हैं लेकिन शरद पवार हो उद्धव ठाकरे हो इनके पास एक इमोशनल या आप कहे भावनिक मुद्दा है कि पार्टी टूट चुकी है घर टूट चुका है आपको नहीं लगता कि महाराष्ट्र में सबसे बड़ी चुनौती है भारतीय जनता पक्ष के सामने ये कि भावनिक मुद्दा जो है या इमोशनल कार्ड जो है?

पीएम मोदी: ऐसा है मैं भी मानता हूं कि इस बार ये इमोशनल जो स्थिति है वो बीजेपी के पक्ष में है युति के पक्ष में है क्योंकि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना हमारे साथ है एनसीपी ऑफिशियली हमारे साथ है और इसलिए लोगों को लगता है कि परिवार की सत्ता भूख के कारण बाला साहेब के सपने को क्यों तोड़ा। इन लोगों ने एक परिवार की भलाई के लिए अपने बेटे को इस्टैबलिश्ड करने के लिए बाला साहेब की इतनी बड़ी विरासत बालासाहेब ने तो शिव सैनिकों के लिए जीवन खपा दिया था तो शिव सैनिकों के सम्मान के लिए जो शिवसेना काम कर रही है जो बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना है वो आज हमारे साथ है। और इसलिए महाराष्ट्र का मतदाता भावना से हमारे साथ जुड़ा हुआ है। जहां तक शरद पवार का मामला है ये पॉलिटिकल प्रॉब्लम ही नहीं है जी वो कितना ही इसको पॉलिटिकल प्रॉब्लम बनाए महाराष्ट्र की जनता के गले कैसे उतरेगा ये प्योरली उनका फैमिली प्रॉब्लम है जी, घर का झगड़ा है कि विरासत काम करने वाले भतीजे का है कि विरासत बेटी है तो बेटी को दे। झगड़ा उसका है जी तो सिम्पथी के बजाय नफरत का वातावरण है कि इस उम्र में परिवार को संभाल नहीं सकते हैं तो महाराष्ट्र को क्या संभालेंगे। तो सारा इमोशंस हमारे पक्ष में है और दूसरा जो कालखंड में सरकार उन्होंने चलाई सारे काम भारत की पॉलिटिकल पार्टी की मूलभूत विचारधारा जो बालासाहेब गए उसके विपरीत की है, औरंगजेब की तारीफ करने वालों के साथ बाला साहेब ठाकरे का बेटा बैठे ये गुस्सा भरा पड़ा है महाराष्ट्र में जी सावरकर का अपमान करने वालों के साथ कोई बैठे तो लोगों के मन में दिखता है अरे बालासाहेब ने तो हमें ये कहा था इनके बच्चों में सत्ता लालसा ऐसी आ गई तो इमोशंस इस तरफ है गुस्सा उनके सामने है जी।

 

सवाल: आपने अभी विरासत की बात कही, बाला साहेब ठाकरे जब थे तब आपके उनके साथ बहुत अच्छे संबंध थे आप उनका बहुत सम्मान भी करते थे और मैं तब शिवसेना भी कवर करता था और आपके पक्ष में भी खड़े रहते थे आप अब विरासत की बात कर रहे तो सवाल ये है कि क्या उद्धव ठाकरे को आप बाला साहेब ठाकरे का विरासत का उत्तराधिकारी मानते हैं या नहीं?

पीएम मोदी: दो चीजें हैं वो बायोलॉजी के लिए तो उनके बेटे है ही है उसका तो हम मेरा वो विषय ही नहीं है जी। तो मैं उस प्रकार से मान लीजिए उनके परिवार में कुछ भी जब वो बीमार थे तो मैंने तुरंत फोन किया था उनकी रेगुलरली मैं वहिनी को फोन करके पूछता था कि भाई क्या हुआ वो ऑपरेशन करने से पहले मुझे फोन किये कि बोले आपका भाई साहब क्या सुझाव है मैंने कहा भाई देखिए पहले ऑपरेशन करा लीजिए, आप बाकी चिंता छोड़ दीजिए शरीर को पहले प्यार दीजिए तो बाला साहेब के बेटे के नाते तो मैं उनका मान सम्मान करूंगा ही करूंगा। भाई वो मेरे दुश्मन नहीं है और कल मुसीबत होगी तो मैं पहला व्यक्ति हूं जो उनकी मदद करूंगा परिवार के नाते। जहां तक बाला साहेब ठाकरे के विचार है मैं उनके लिए जिउंगा मैं बाला साहेब ठाकरे के विचारों के लिए उन्होंने और मेरे प्रति उनका अतिशय प्रेम था अतिशय प्रेम था तो मैं वो कर्ज भूल नहीं सकता हूं। और आज जो शिवसेना के साथ हम बैठे हमारे पास ज्यादा एमएलए हैं फिर भी शिवसेना का मुख्यमंत्री है वो मेरी बाला साहेब को श्रद्धांजलि है। हम पिछले चुनाव में आमने-सामने लड़े थे लेकिन उस चुनाव में मैंने एक शब्द बाला साहेब के लिए नहीं बोला था और मैंने पब्लिकली कहा था कि मुझे उद्धव जी कितनी ही गालियां दें लेकिन मैं नहीं बोलूंगा क्योंकि मैं बाला साहेब के प्रति मेरी श्रद्धा है और इसलिए उनके पारिवारिक क्या समस्या है वो मेरा विषय नहीं है मैं बाला साहेब को आदर करता हूं और भगवान करे मैं जीवनभर उनका आदर करता रहूं।

 

सवाल: लेकिन वो तो कहते हैं हर सभा में आप जाते हैं तो कहते हैं कि ये चुनाव आखिरी चुनाव है और 2029 के बाद चुनाव ही नहीं होगा तो इसको आप कैसे देखते हैं?

पीएम मोदी: ऐसा है 2014 में भी ये आता था, आप पुराना निकालिए 2014 में भी कहा है कि अब चुनाव आखिरी है 19 में भी कहा ये चुनाव आखिरी है अब 24 में भी कह रहे चुनाव आखिरी। इसका मतलब है कि हमारे विरोधियों की बैंकरप्सी है उनके पास कुछ नई चीज, कुछ खोजो भाई जो चीज होनी नहीं है, होती नहीं है, संभावना नहीं है, सवाल नहीं है, अब इसके लिए आप क्या बात करोगे जी। इतना बड़ा संविधान है, जिस देश के अंदर 900 टीवी चैनल चलते हों जी, आज वहां कोई डिक्टेटर पैदा नहीं हो सकता है। आसमान से भी आकर के पैदा नहीं हो सकता। जिस देश का न्यायालय इतना वाइब्रेंट हो उस देश के अंदर कभी भी डिक्टेटर पैदा नहीं हो सकता है। वो जमाना चला गया 75 में देश ने मुसीबत झेल ली दोबारा वो देश आ ही नहीं सकता है जी।

 

सवाल: कर्नाटक के बारे में हम बात करेंगे 2019 में रिजल्ट भाजपा का रिजल्ट बहुत बढ़िया था ट्वेंटी फाइव प्लस वन हो गया था। अभी अभी का हालत कैसे है क्योंकि सरकार बदल चुका है, उधर मुसलमान मतदाता कांग्रेस के साथ में है, और बहुत सारे मुद्दे हैं कुकर ब्लास्ट से लेकर कैफे ब्लास्ट तक नेहा मर्डर तक बहुत मुद्दे हैं?

पीएम मोदी: आपकी बात सही है कि कभी कभार लोग एक गुस्से में आकर के वोट कर देते हैं वैसे बीजेपी को वोट असेंबली में भी ज्यादा मिला है वोट कम नहीं मिला है पहले से भी ज्यादा मिला, सीटें कम मिली लेकिन जो बातें इन्होंने की थी ये पूरी देर सीएम, डिप्टी सीएम के झगड़े में पूरी सरकार फंसी पड़ी हुई है। डिप्टी सीएम स्कोर करें कि सीएम स्कोर करें इसी में लगे हुए हैं, अब जिस प्रकार से कर्नाटक में कोई हनुमान चालीसा सुने, अपनी दुकान में बैठकर के सुने इसलिए उसको मारा जाए, बम ब्लास्ट हो और आप ये कह दो बिना जांच किए ये तो सिलेंडर का ब्लास्ट था फिर छह घंटे के बाद कह दो कि बिजनेस राइवलरी थी और फिर जाकर के पता चले तो इसके पीछे तो पीएफआई थी, बहुत बड़ा आतंकवादी षड्यंत्र था। नेहा का मर्डर हो तो आप कहते हैं कि वो हो तो बच्चों-बच्चों का मामला है तब लोगों को बहुत झटका लगता है कि क्या कर रहे हो भाई क्या कर रहे हो तुम। दूसरा उन्होंने जितनी गारंटी लेकर के आए थे हर गारंटी में कोई टैग लगा दिया। किसानों को जो 4000 मिलते थे उन्हें बंद कर दिए। बैंकरप्ट यानि पूरी तरह खजाना खाली हो गया। मैं तो मानता हूं जी दो महीने के बाद वो सरकारी कर्मचारियों को सैलरी दे पाएंगे कि नहीं दे पाएंगे। सवाल है मैं सरकार में हूं इसलिए मुझे मालूम है कि उनकी अर्थव्यवस्था इतनी खोखली हो चुकी है इतनी तबाही की ओर जा रहे हैं कि कुछ बचेगा नहीं जी और कांग्रेस के लिए पहले कर्नाटक अब तेलंगाना ये दोनों एटीएम बन गए हैं। जो हाल छत्तीसगढ़ का हुआ वो हाल इनका होते देर नहीं लगेगी क्यों एटीएम बन गया है, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस एटीएम बन गई थी आज कर्नाटक-तेलंगाना एटीएम बन गई और जेल वो जा रहे हैं। यहां दिल्ली वालों के लिए वो हिस्सा बांटना पड़ता है लेकिन जेल उनको जाना पड़ रहा है तो मैं तो कर्नाटक की हालत बड़ी गंभीर देख रहा हूं जी। चुनाव छोड़ दीजिए जैसे मैंने बंगाल के लिए कहा, कर्नाटक भी देश का बहुत महत्त्वपूर्ण राज्य है। जो राज्य टेक्नोलॉजी के कारण जाना जाता है, टेक हब के रूप में जाना जाता वो टैंकर हब बन गया। वाटर माफिया साहब वहां पानी सोसाइटी वाले चिल्लाते हैं कि हमें बोलनी पड़ती है तब जाकर टैंकर आता है जी अब ये हाल बेंगलुरु का सुनते हैं तो दुनिया में हमारे लिए बहुत बड़ा संकट पैदा होने वाला है हमारी प्रतिष्ठा को चोट लगने वाली है। अब इनको राजनीति के सिवा कुछ सूझता नहीं है। ये अंदर अंदर की झगड़े में ये दिल्ली के साथ भी झगड़ते रहते हैं। अच्छा वहां कंपटीशन है कि दिल्ली को खुश रखने के लिए सीएम क्या करेगा और डिप्टी सीएम क्या करेगा और उसके लिए कर्नाटक को और ज्यादा लूटा जा रहा है तो ये एक बहुत बड़ा संकट बन गया है जी। और मैं तो मानता हूं कि ये सीएम बनने के लिए जो म्यूजिकल चेयर का उन्होंने खेल खेला है ना दो-दो, ढाई-ढाई साल वाला तो पार्लियामेंट यहां भी ला रहे हैं हर साल एक नया प्राइम मिनिस्टर, क्या होगा जी?।

 

सवाल: सो आप तेलंगाना को एटीएम नया एटीएम बोल रहे हैं जो तेलंगाना पॉलिटिक्स के हिसाब से देखा तो पांच महीने पहले वहां कांग्रेस गवर्नमेंट आया था कांग्रेस का और एक लाइफलाइन आया था तेलंगाना के हिसाब से देखा तो अभी आपकी नजरों से देखा तो कैसा है तेलंगाना पॉलिटिक्स, आप कैसे देखते हैं?

पीएम मोदी: देखिए एक वहां करप्शन का रैकेट है चाहे बीआरएस हो कांग्रेस हो वो एक ही चट्टे-बट्टे के लोग हैं मिले हुए लोग हैं। अब लीकर के जितने भी स्कैम है उसमें बीआरएस का नाम आता है दिल्ली सरकार भी जिसमें फंसी हुई है और पंजाब सरकार के सामने भी तलवार लटक रही है, सब में बीआरएस आ जाता है। अब ये लोग कांग्रेस के अलायंस में हैं मतलब बीआरएस भी उन्हीं के चट्टे-बट्टे में है तो तेलंगाना के अंदर और ये डबल आर टैक्स ट्रिपल आर फिल्म तेलंगाना तेलुगु फिल्म दुनिया में फेमस हो गई अब ये डबल आर टैक्स आया है ये डबल आर टैक्स और तबाह कर देगा।

 

सवाल: सो रेवंत रेड्डी बहुत सारे करप्शन कर रहे हैं आपका हिसाब से देखा तो?

पीएम मोदी: वहां पर कोई चीज ऐसी नहीं छोड़ी जा रही कि जिसमें कट कमीशन ना हो।

 

सवाल: सो तेलंगाना पॉलिटिक्स में इस बार आपका पार्टी का परफॉर्मेंस कैसा देख सकते हैं?

पीएम मोदी: लोकसभा के चुनाव में जो मैं पूरे देश में देख रहा हूं कि इसको राज्यों की राजनीति से ऊपर उठ चुका है। लोकसभा का चुनाव राज्यों की राजनीति से काफी ऊपर उठ चुका है। और मैं ये, इसको अच्छी निशानी मानता हूं। और ये मैं 2014 में भी देखा औऱ 2019 में भी देखा। और जो शुरू में आपने सवाल पूछा था, उसका जवाब इसमें भी है। 2014 और 2019 के चुनाव में थोड़ा बहुत भी राज्यों की स्थितियों का असर रहता था, 2019 में तो काफी कम हो गया था। 2024 में तो मैं देख रहा हूं कि देश का जन मन, देश के लिए चुनाव, देश के भविष्य के लिए चुनाव, लोकसभा के लिए चुनाव, प्रधानमंत्री कौन बने इसके लिए चुनाव, इस पर केंद्रित है। औऱ जो इंडी अलायंस को तकलीफ हो रही है, वो इसी बात पर हो रही है कि पहले आप नाम तो बताओ कि आपके प्रधानमंत्री कौन, किसको दें, फिर वो कहते हैं चुनाव। एक भी पार्टी 272 सीट नहीं लड़ रही है। जब बीजेपी के सिवाय कोई भी पार्टी 272 सीट न लड़ती हो तो जीतने का सवाल ही नहीं है। जब 272 सीट नहीं लड़ रहे हो, तो सरकार बनाने का प्रश्न ही नहीं उठता है जी, कम से कम 250 सीटों से ज्यादा सीटों पर लड़ने की इनकी नौबत ही नहीं बची, ये हाल हो गया। चार सौ सीट ले करके बैठे हुए किसी जमाने में आज 272 सीट नहीं लड़ा पा रहे हैं। और इसलिए फार्मूला ला रहे हैं कि वन ईयर वन पीएम। अब मुझे बताइए, मान लीजिए कि एक खेत है, या दस बारह किसान इकठ्ठे हो करके एक खेत है। और दस बारह किसान तय करें कि अपने पानी के लिए टूयूब वेल करना होगा और कोई जानकार व्यक्ति बताए कि सौ मीटर यहां खुदाई करेंगे तो आपको पानी मिलेगा, और आपके सब खेतों के लिए सौ मीटर तक जाना पड़ेगा। अब बुद्धिमान ये सोचे कि सौ मीटर जाना है तो मेरे खेत में दस मीटर करो और दूसरा कहेगा दस मीटर मेरे खेत में करो और तीसरा कहेगा मेरे में करो, और सभी खेत वाले कहें कि मेरे खेत में दस दस मीटर करो तो पानी निकलेगा क्या? पानी तो एक जगह पर सौ मीटर करोगे तो तब निकलेगा जी। अब ये एक-एक साल के लिए प्रधानमंत्री बनाने जाएंगे जी तो देश का भला नहीं हो सकता है जी। इन्होंने देश के इतने बड़े महत्वपूर्ण चुनाव को, लोकतंत्र के इतने बड़े महत्वपूर्ण चुनाव को ऐसा एक भाषणबाजी का खेल बना दिया है, ऐसा झूठ बोलने का खेल बना दिया है, They are non-serious. वो सत्ता के लिए सीरियस हैं, देश के लिए सीरियस नहीं है। हम देश के लिए सीरियस हैं। कितना बड़ा फर्क है जी।

 

सवाल: केसीआर बार बार बोल रहे हैं कि मैं coalition government में आऊंगा, By any chance, केसीआर और बीआरएस आपके एनडीए में हिस्सा ले सकते हैं।

पीएम मोदी: ये क्यों बोलना पड़ रहा है, उनको? ऐसा झूठ क्यों बोलना पड़ रहा है। इन्होंने अंसबेली के पहले भी ऐसा ही कहा था। मैंने वहां पब्लिकली मिटिंग में कहा था कि हैदराबाद के म्युनिसिपल चुनाव के बाद, स्वंय केसीआर मेरे पास आए थे, एनडीए में आने के लिए और मैंने साफ कहा था कि अब हम ऐसे कोआपरेशन में हम आप के साथ नहीं रह सकते हैं। हम विपक्ष में रहेंगे और हम विपक्ष में चुनाव लड़ेंगे। फिर उन्होंने तय किया कि बीजेपी को नहीं आने देना है।

 

सवाल: जहांगीराबाद मीटिंग में आपने बोला था, बीआएस एण्ड कांग्रेस दोनों मिल करके चल रहे हैं।

पीएम मोदी:  दोनों एक ही चट्टे बट्टे के लोग हैं जी, दोनों गाली बीजेपी को दे रहे हैं, आप देख लीजिए। दोनों, बीजेपी को गाली दे रहे हैं। और एक दूसरे को कवर कर रहे हैं। कवर फायरिंग चल रहा है।


सवाल- जो तेलंगाना का सीएम, रेवंत रेड्डी आपको बड़े भाई मानते हैदराबाद मिटिंग में आपको बड़े भाई से पुकारा था। अभी तेलंगाना का आपका छोटा भाई, उसके गर्वनमेंट के पर फारमेंस के बारे में आपका क्या राय है?

 पीएम मोदी: देखिए, पहली बात है अगर करप्शन मेडल मिलते हैं तो कांग्रेस को गोल्ड मेडल मिलता तो बीआरएस को सिल्वर मेडल मिलता। दोनों एक दूसरे के रनर अप ही हैं। दूसरी बात है कि अगर उन्होंने मुझे बड़ा भाई कहा तो मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। लेकिन सचमुच में अगर बड़ा छोटे का भाव है तो मेरे से कुछ सीखे, ईमानदारी से सरकार चलायी जा सकती है। ईमानदारी से देश की सेवा की जा सकती है। मुझे आज 25 साल हो जाएंगे जी, हेड ऑफ द गर्वनमेंट के नाते इस देश में सबसे लंबे समय तक काम करने का मुझे मौका मिला है। सीएम, पीएम अकेले सीएम के नाते नहीं, सीएम पीएम टोटल मिला दें तो इस देश में सबसे लंबे समय तक मुझे सेवा करने का मौका मिला है। और एक भी दाग नहीं लगता। दाग लगाने की कोशिश होना अलग चीज है, नहीं लगता है, तो सीखो न भाई। अगर आप अपने को छोटा भाई, तब कहूं न, आप बड़ा भाई कहते हो उससे बात थोड़े ही बनती है। मेरा पुण्य आप कमाने के लिए आप बड़ा भाई बड़ा भाई कहते हो, ऐसा नहीं चलेगा। जनता तो पुण्य तब देगी जब आप भी कुछ पुण्य करो।

 

सवाल: तेलंगाना बहुत चर्चा में आ रहा है, वो बड़ा भाई छोटे भाई, तेलंगाना के बहुत सारे लोग और जो वोटर्स है न आपके गारंटी के लिए वेट कर रहे हैं, कुछ बोल सकते हैं, बीजेपी की तरफ से, आपकी तरफ से कुछ गारंटी है?

पीएम मोदी: मैं दे रहा हूं न, जैसे मैं कहता हूं तीन करोड़ घर बनाऊंगा तो उसमें तेलंगाना के लोग भी होंगे। मैं कहता हूं, देश में पीएम सूर्य घर योजना, बिजली का बिल जीरो करने की दिशा में काम करूंगा। मतलब योजना के लाभार्थी तेलंगाना में भी होंगे। मैं कहता हूं नल से जल, तो तेलंगाना में भी नल से जल परिवारों को मिलेगा। मैं कहता हूं मुफ्त राशन तो तेलंगाना के लोगों को भी मिलेगा, मैं कहता हूं 70 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को इलाज की जिम्मेवारी मोदी की, तो तेलंगाना के 70 साल के ऊपर के लोगों को मिलेगा, तो गारंटी सबके लिए है, जी।

 

सवाल: अब ये इतना करप्शन के बारे में बोल रहे थे डिफरेंट स्टेट में भी, बंगाल का इतना करप्शन अभी अनर्थ हुआ है, इसके बारे में आप क्या बोले?

पीएम मोदी: आप देखिए नोटों के ढेर लोगों ने देखे हैं, यह लोग कितनी गालियां दे दें बीजेपी को कि ये लोग दुरुपयोग करते दुरुपयोग करते, नोटों की गड्डियां दिख रही उसका क्या कहोगे भाई, देश ने कभी भी मशीन थक जाए साहब, नोट गिनने वाले बैंक में भी नोट गिनते हैं, मशीन लेकिन थकते नहीं है ये चोरों के पैसे गिनने में थक जाते हैं। अब देश मोदी पर प्रश्न नहीं करेगा, ये चिल्लाएं कितना ही चिल्लाएं क्योंकि आंखों के सामने गद्दी के नीचे से निकलती नोटें दिख रही, गराज में से निकलती नोट निकल रही है, कपबोर्ड भरे पड़े नोट निकल रही है, अफसरों जेल में पड़े हुए हैं तो सबको लगता है यार यह ड्रग माफिया, ये आर्म्स माफिया तो देश को नफरत है और मोदी है जो पूरी ताकत से लगा हुआ।

 

सवाल: सो वाइब्रेंट स्टेट आंध्र प्रदेश के बारे में एक बार बात करेंगे, आंध्र प्रदेश असेंबली इलेक्शन में आप गठबंधन किया था चंद्रबाबू नायडू तेलुगु देश पार्टी से जो चंद्रबाबू नायडू तेलुगु देश पार्टी 2019 को आपसे छोड़कर बाहर चला गया था, अचानक आपको आप क्यों टीडीपी के साथ गठबंधन किया था? इसका फायदा कुछ आ सकते हैं, क्या देखते हैं उसका फायदा?

पीएम मोदी: पहली बात है कि गठबंधन को चुनावी राजनीति तक सीमित मत रखिए भारत जैसे देश में जहां अनेक विविधताएं हैं, तो हमारी फिलोसोफी क्या है? हम मानते हैं कि देश में जो रीजनल पॉलिटिकल एस्पिरेशंस है उसको संपूर्ण सम्मान मिले, उनका स्वागत हो, उनको सहकार मिले, वैसा नेशनल पॉलिटिक्स होना चाहिए। और उसके लिए एक मेन स्ट्रीम नेशनल भले पॉलिटिकल पार्टी हो कितनी ही बड़ी क्यों ना हो लेकिन उसने रीजनल एस्पिरेशंस को इक्वल ही तवज्जो देना चाहिए और इसलिए कोई हमारे साथ हो या ना हो हम रीजनल पॉलिटिक्स को एस्पिरेशंस को उतना ही वैल्यू देते हैं क्योंकि इतना बड़ा देश चलाना है तभी चल सकता है। हमारे पास पूर्ण बहुमत होने के बाद भी टीडीपी हमारे साथ सरकार में थी। हमारे पास पूर्ण बहुमत के बावजूद भी शिवसेना हमारे साथ सरकार में थी। तो रीजनल एस्पिरेशन को महत्व देना यह हमारा मुद्दा है। जो रीजनल पॉलिटिकल पार्टी होती है उनका स्वाभाविक लड़ाई स्टेट में होती है तो वे अपने स्टेट के हिसाब से सोचते हैं और वो अपनी रणनीति स्टेट के हिसाब से बनाते हैं। हम सबको साथ लेकर के चलने का प्रयास करते हैं। कोई जुड़ कर के चलता है कोई दूर रह कर के चलता है। लेकिन हम हर राज्य का भला चाहते हैं। हम कांग्रेस की तरह अहंकार नहीं कर सकते, हम अकेले चलेंगे। कहीं मध्य प्रदेश या कहीं तो मीटिंग की थी उन्होंने। तो उन्होंने यह तय किया था कि हम किसी से बात नहीं करेंगे कि हम अकेले चलेंगे। आज उनकी स्थिति है किसी राज्य में एक एमएलए हो तो इतनी बड़ी पार्टी वहां जाकर के समझौता करने के लिए उसके साथ मीटिंग करती है। ये हाल है इनका।

 

सवाल: रीजनल पार्टीज का जो रीजनल स्टेट्स का एस्पिरेशन आप मान रहे हैं जो अभी जो गठबंधन हुआ था ना, बीजेपी, जनसेना, तेलगू देशम, गठबंधन से फायदा हो सकता है? फायदा हुआ तो क्या फायदा हुआ?

पीएम मोदी: पहली बात है, राजनीतिक फायदा नफा के लिए हमारा गठबंधन करना, हमारी फिलोसोफी नहीं है। प्रैक्टिकल तौर में जहां जरूरत पड़ी हम करते हैं। लेकिन मूल लोसोफी हम सबका मान सम्मान बने, हम रीजनल एस्पिरेशन के प्रति हमारा एक मूलतः मैं मानता हूं देश ऐसे ही चलेगा। और चलना चाहिए। जहां तक इलेक्टोरल का सवाल है, हमने अभी, एक मैं गया था आंध्र में और एक बड़ी रैली की थी वहां चंद्र बाबू भी थे, पवन कल्याण भी थे और मैं मानता हूं कि बहुत सालों के बाद आंध्र में ऐसी अनप्रेसिडेंटेड रैली हुई थी, तो उसी दिन मुझे बिल्कुल साफ फीलिंग आ रहा था कि यहां के मतदाताओं के मन में लोकसभा के लिए एक मजबूत सरकार बिल्कुल स्पष्ट है इनके मन में। और परिवर्तन का मूड दिखता है स्टेट में उनका। तो वह वहां का मतदाता दो हिस्सों में बटा हुआ है, एक राज्य में सरकार को रखना कि निकालना, दिल्ली में सरकार को मजबूत करना तो कितना कैसे करना। ऐसा उनकी, मतदाताओं का मेरा एनालिसिस है।

 

सवाल: सब प्रदेशों की बात हो गई, जो आपकी पहचान से जुड़ा प्रदेश गुजरात, गुजरात में पहली सीट तो आपको निर्विरोध आ ही गई है, 26 सीटें, इस बार क्या लग रहा है आपको हैट्रिक करेंगे? और यह बार-बार क्या कारण लगता है आपको कि गुजरात बीजेपी को क्यों चुनता है?

पीएम मोदी: एक तो बीजेपी ने संगठनात्मक दृष्टि से, सामाजिक दृष्टि से, और आर्थिक दृष्टि से, गुजरात को इन टोटो एड्रेस किया है। समाज के सब वर्गों का लीडरशिप आज बीजेपी के संगठन में है। छोटा सा छोटा, यानी वो विचर की कुम जिसको कहते हैं, उनके लोग भी बीजेपी के संगठन में आपको दिखेंगे, तो एक प्रकार से वो सर्वसमावेशक संगठन है। सर्व स्पर्शी है, पूरे राज्य के हर कोने में आपको बीजेपी, तो उन्होंने सत्ता में रहते हुए संगठन को कभी नेगलेक्ट नहीं किया। दूसरा, डे वन से, बीजेपी की सरकार वहां गरीबों के कल्याण पर समर्पित रही है। तीसरी बात है, देखिए मैं मानता हूं कि गुजरात एक बहुत बड़ा अपॉर्चुनिटी का टाइम है। गुजरात एक जमाने में water scarcity वाला स्टेट, दस साल में सात साल अकाल, बिना पानी परेशानी, तो बाहर के लोगों को पता नहीं है कि गुजरात में पानी में इतना बजट जाता था। लोग पूछते हैं, यह क्यों नहीं है वह क्यों नहीं है, मैक्सिमम बजट मैं भी जब वहां था पानी में जाता था। हमने पानी पर इतना काम किया इतना काम किया कि आज लोगों को पानी और पानी जब पहुंचता है तो उसको डिफरेंट फील होता है। यार, कल तक तो ऐसे मरते थे, दिखता है। दूसरा गुजरात में नमक के सिवाय, गुजरात की अपनी कोई चीज थी नहीं, टेक्सटाइल इंडस्ट्री खत्म हो चुकी थी, तो नमक के सिवाय हमारे पास कुछ नहीं जो हम बेचें दुनिया को और नमक में भी हम डिपेंडेंट थे कोई ट्रांसपोर्टेशन मिले तो हमारा नमक जाता था। और नमक का इतना किराया ज्यादा मिलता नहीं, क्योंकि उसकी कोई कीमत ही नहीं होती है और वजन ज्यादा होता है तो वो बड़ा कठिन सा काम है। और एक प्रकार से गुजरात ट्रेडर स्टेट बन गया था। एग्रीकल्चर स्टेट नहीं था, उद्योग नहीं था, कोई माइनिंग नहीं है, कुछ नहीं है। उसमें से गुजरात 10 परसेंट ग्रोथ वाला एग्रीकल्चर स्टेट बना, उसमें से गुजरात मैन्युफैक्चरिंग हब बना, आज सेमीकंडक्टर का वहां हो रहा है कार बन रही है, हवाई जहाज बन रहा है, तो डायमंड दुनिया में कोई भी डायमंड ले लीजिए, दस में से आठ डायमंड वह है जिस पर किसी ने किसी गुजराती का हाथ लगा है, या तो गुजरात में से बन कर के आया है। दुनिया में दस में से आठ डायमंड यहां होते हैं, तो ये कारणों से वहां प्रॉस्पेरिटी आई है, और रोजी रोटी यानि एक प्रकार से water scarcity से आज सफिशिएंट वाटर वाला राज्य बना है। वाटर टेबल ऊपर आए हैं और यह लोगों की मेहनत से हुआ है। तो ये निरंतर काम को लोग देखते हैं और दूसरा गुजरात में अगर आप अवेलेबल हैं, मैं तो चाहता हूँ कि कोई देखे, शायद 1917 से रिकॉर्ड अवेलेबल है, शायद 1917 से। 10 साल में सात साल बड़े communal violence होते थे गुजरात में, 1917 से। यह पहला 25 साल का कालखंड आया है, जहां एक भी communal violence नहीं हुआ है। आखिरी communal violence 2001 में 2002 में आखिरी, उसके बाद communal violence नहीं हुआ। तो ये जो शांति और सुरक्षा का वातावरण बना है उसके कारण हर किसी को लगता है यार गुजरात एक अच्छा डेवलप होने वाला राज्य है। और जब आप काम करते हैं तो लोग आशीर्वाद भी देते हैं, कोई स्कैम नहीं इतने लंबे समय के बाद भी कोई स्कैम की चर्चा नहीं है। कोई आरोप नहीं है, तो यह सारे चीज है, जिसके गुजरात के चुनाव नहीं जीते हैं, गुजरात का दिल जीता है। और गुजरात का दिल जीता है उसने एक बहुत बड़ी ताकत दी है जी।

 

सवाल: सर दिल जीतने के बाद आप, जो कि, लगातार गुजरात मॉडल भी आपका फेमस रहा, आपने विकास के जितने भी प्रयोग आपके गुजरात से, फिर आज भी आप बता रहे थे कि केंद्र में कर रहे हैं। जिम्मेदारी का भाव, प्रेशर का भाव, कितना आता है खास तौर पर गुजरात को ले करके, जब आप देखते हैं?

पीएम मोदी: तो, एक तो मैं बहुत ही डिटैच व्यक्ति हूं जी। मैं even संगठन के काम में भी जब गुजरात के बाहर था तो मैं गुजरात के कामों से बिल्कुल अपने आप को दूर रखता था। सरकार बनने के बाद भी, प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मैंने किसी मुख्यमंत्री को एक बार भी फोन नहीं किया।

 

सवाल: सर आप जो विकास के काम है उन पर।

पीएम मोदी: पहली बात तो, मैं क्योंकि अब मैं, मेरा स्वभाव है कि जैसे अभी मैं आपके साथ बैठा हूं तो मैं यहीं पर हूं, ना मैं प्रधानमंत्री हो ना कुछ हूं। मैं पत्रकारों के साथ बैठ कर के देश के एक राजनीतिक नेता के नाते मैं जवाब दे रहा हूं तो मैं यही हूं। मेरी सरकार,वगैरह सब मैं जब यहां से बाहर निकलूंगा तब शुरू होगी। तब तक मैं यही हूं तो मैं आपके साथ हूं फोकस हूं। मैं यहां आकर पूरी तरह देश के काम में डूब चुका हूँ, पूरी तरह डूब चुका हूँ और इसलिए और मुझे भरोसा है कि गुजरात में जो भी टीम बनी है, उस पर मुझे इतना भरोसा है, मैं जब काम करता था तो भी वो मेरे साथ काम करते थे, वो मुझसे भी अच्छा करेंगे मेरा विश्वास है। और किया, मुझसे ज्यादा सीटें जीत कर के आए वो लोग, तो क्रेडिट जाती है। और मैंने तो चुनाव में कहा था कि भूपेंद्र की सफलता के लिए नरेंद्र आज यहां आया है।

 

सवाल: एक प्रधानमंत्री के तौर पर और एक राजनेता के तौर पर जब आप देश का नेतृत्व कर रहे हैं, आप गुजरात को देखते है भूपेंद्र भाई के नेतृत्व में 156 आना, वह अनुभूति अलग रही होगी?

पीएम मोदी: देखिए, गुजरात में इतने दिनों जो काम हुआ है स्वाभाविक है जो नेक्स्ट 25 ईयर का कालखंड है वो गुजरात के लिए उत्तम कालखंड है। और गुजरात, मुझे लगता है कि मौका जाने नहीं देगा क्योंकि गुजरात बड़ा व्यापारी लोग हैं बड़ा हिसाब-किताब देखने वाले लोग हैं, तो गलती करते नहीं है वह बराबर जांच पड़ताल करके आगे बढ़ते हैं तो वह समझेंगे कि भाई अब ये गुजरात का समय आया है। और वह उस प्रकार से गुजरात को आगे बढ़ाएगें, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है।

 

सवाल: सर गुजरात की एक और बात ये पूछना चाह रहा था, गुजरात में बीजेपी तो आपने बता दिया कि आपके हिसाब से बढ़िया कर रही है, ये कांग्रेस को क्यों इतना वैक्यूम का सामना करना पड़ा, हम देख रहे हैं जितने भी बड़े नेता कांग्रेस के एक जमाने में आपके दौर में भी, जो बड़े-बड़े नेता थे कांग्रेस के वो अब सब कांग्रेस छोड़ छोड़ के जा रहे हैं, क्या कारण लग रहा है आपको?

पीएम मोदी: मैं देखता था, जब मैं गुजरात में सीएम था, तो हाउस में उनके अपोजिशन में भी इतने दरारें थीं जी, बहुत छोटा दल था उनका, लेकिन ढेर सारे गुट बने हुए थे। तो कभी मेरी उनके खुल कर के बात भी होती थी और मैं कहता था, मैंने कहा, देखो भाई! मैं चाहूंगा एक अच्छा विपक्ष के रूप में आप लोग परफॉर्म करो। और मैं इतना तक करता था, वो हाउस में सवाल पूछते थे कोई, तो मैं मेरी सरकार को कहता था उनके हर सवाल को हाउस में जो जवाब देना होगा वह तो ठीक बात है लेकिन उसके बाद मुझे दो महीने में बताओ भाई, उन्होने रोड का सवाल कहा था तो मुझे वहां रोड बना देना। उसने गड्ढे की बात कही थी, तो मैं गड्ढा भर दूंगा। स्थिति आ गई थी, कि विपक्ष के पास कोई काम ही नहीं बचा था। दूसरा वो मौजी हो गए थे जी, दिल्ली को खुश रखना उसी में वो लग गए थे। दिल्ली से उनको कोई सूचना आएगी तो करेंगे। यह भी उनका भाव बन गया था और उसके कारण मुझे लगता था कि वो नहीं कर पा रहे थे जी।

 

सवाल: सर, आपकी पार्टी, क्योंकि गुजरात का बीजेपी कार्यकर्ता आपसे काफी जुड़ाव महसूस करता है, हर जगह आपका ही चेहरा होता है और उनके अंदर ये चिंता भी रही है कि यही मौजी लोग और गुट वाले लोग जो हैं अब जब बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं, तो इनको संभालना अपने आपमें चुनौती होगी, उनको बदलना एक चुनौती होगी।

पीएम मोदी: ऐसा नहीं होता है जी, ऐसा नहीं होता है। एक तो, जो पारिवारिक पार्टियां होती हैं और एक डेमोक्रेटिक पार्टी होती हैं, दोनों में बहुत बड़ा अंतर होता है। जो फैमिली रन पार्टियां होती हैं, ऑफ द फैमिली, बाय द फैमिली, फॉर द फैमिली, उसमें बाहर के लोगों के लिए कोई स्कोप नहीं होता है। अगर हम समाज में से लोग, अगर किसी का वैज्ञानिक का बैकग्राउंड है वह बीजेपी में आना चाहे तो हम लेंगे, किसी का सोशल वर्क का बैकग्राउंड है, किसी का राजनीतिक बैकग्राउंड हो सकता है, आखिर का मैं तो मेरी पार्टी का विस्तार चाहता हूँ। मेरी जो सेंट्रल आइडिया है, मेरा जो सेंट्रल कोर एक्टिविटी है, उससे अगर कोई जुड़ता है तो पार्टी को तो विस्तार करना ही चाहिए। पार्टी को विकास करना ही चाहिए। दूसरा, हमारी पार्टी में जो लोग हैं, अगर हम नया विचार, नए प्रभा, को आने नहीं देंगे तो हमारे मन में भी गंद फैल जाएगी जी। तो मैं तो हर बार भीतर भी चुनौती पैदा करता हूँ, हर बार चुनौती रहेगी, भाई। हम ऐसे, एसी कमरे में बैठ कर के, मौज से, मिला है चलो पांच साल निकाल दिए, नहीं चलेगा जी। हर पल मैदान में रहना होगा और मैं तो चाहता हूँ कि जो भी दल को लोगों को लगता है कि भारतीय जनता पार्टी देश का भला कर सकती है, हर एक का स्वागत है जी। इसलिए नहीं कि हम बहुत बड़े हो गए तो क्या हुआ, जी नहीं मुझे हर एक के पास कुछ ना कुछ देने को होता है जी, कितना ही बुरा आदमी क्यों ना हो उसके पास भी कुछ तो अच्छा होता है देने के लिए। मुझे जो अच्छा है, वह लेना है और मैं तो अच्छे को इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा हूँ, पूरा का पूरा अच्छा तो मुझे ढूंढने में हो सकता है मुश्किल हो जाए लेकिन जो मिले उसमें से जो अच्छा होगा उसको निकालने की मैं कोशिश करूंगा।


पत्रकार: सर, लास्ट में मेरा एक विनती है सर मैं कोविड टाइम पर हम एक प्रोग्राम कर रहा था सहायवाणी। सहायवाणी में बहुत लोग आते थे मदद के लिए। एक दिन एक 82 इयर्स ओल्ड, एक मैन आया था, उन्होने खड़ा था, मैंने पूछा बोलिए आपको क्या मदद चाहिए तब उन्होंने बोला, सर जी मैं मदद पूछने के लिए नहीं आया है, मैंने मदद करने के लिए आया है। अच्छा, क्या करना चाहता है? मैं मदद मोदी जी को करना चाहता है, मैं हैरान हो गया, भाई साहब! क्या बात कर रहा है? तब उन्होंने पॉकेट से 500 रूपये और 10 रूपए निकाला सर, उन्होंने दिया। देखिए, भाई साहब देश बहुत संकट में है, चीन का युद्ध शुरू होने वाला है, हम देश को, हम सुदृढ़ करना चाहते हैं। इसलिए यह मेरा तोहफा है मोदी जी को आपको पहुंचाना है। और उन्होंने बोला एक संदेश है, ये पूरा युवा लोग जो है उनको सुनना चाहिए और सब लोग को मदद करना चाहिए। और हर महीने मैं 500 दूंगा, आपको मोदी जी को पहुंचाना है। मैं भी नहीं सोचा था, आपके सामने मैं आऊंगा और बोल पाऊंगा, आज आया। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि नेक्स्ट महीने हार्ट अटैक से उनका देहांत हो गया। मैं उनका पैसा लाया है, ये 500 रुपए।

पीएम मोदी: एड्रेस है, क्या एड्रेस है उनका।

 

पत्रकार: एड्रेस है। ये बहुत बड़ा तोहफा है,500 रुपए औऱ 10 रुपए।

पीएम मोदी: मैं इसको पीएम केयर में डालूंगा, ये बहुत बड़ी बात है जी, बहुत बड़ी बात है ।

 

पत्रकार: नेता के ऊपर विश्वास है।

पीएम मोदी: मैं बताता हूं, एक फौजी, घर आया, तो उसको जितना पैसा मिला था उससे गांव में सब टॉयलेट बना दिए। मैंने, मन की बात में उसका उल्लेख किया था। ये नहीं, देश में साहब, गजब है। चलिए, मैं उनका, उनको मेरा प्रणाम उनकी आत्मा को क्योंकि यह आशीर्वाद है।

 

पत्रकार: प्रधानमंत्री जी, आपने इतने व्यस्त कार्यक्रम में आज भी, आपकी तीन चार कार्यक्रम है, रैली हैं, रोड शो हैं, हमारे लिए समय निकाला टीवी 9 नेटवर्क के लिए, आपका बहुत-बहुत आभार, सर।

पीएम मोदी: मैं, सबसे पहले तो टीवी 9 के पूरी टीम को मैं बधाई देता हूँ। बधाई, इसलिए कि मैं जानता हूं कि आपका नेटवर्क बहुत बड़ा है, आपका दर्शक संख्या भी बहुत बड़ी है, यह भी मुझे पता है। आपका डिजिटल प्लेटफार्म भी बहुत बड़ा है, यानि आप बहुत और मैं जब विदेश जाता हूँ, तो मुझे रेफरेंस कहीं चाहिए तो मैं कभी इमीडिएट कहीं जाना है तो मैं आपके डिजिटल प्लेटफार्म पर जाता हूँ, तो मैं देखता था आपके पास करंट इंफॉर्मेशन रहती है। तो मैं कभी उसका उपयोग करता हूँ, लेकिन अभी तक मेरे देश में से, किसी कोने से malafide intension से, आपके यहां से कुछ हुआ हो वैसी एक भी जानकारी मुझे कभी शिकायत नहीं मिली है। मुझे, कभी मेरे और मेरी टीम को, टीवी 9 को कभी फोन करके ये नहीं कहना पड़ा कि, भाई ये देश का नुकसान हो जाएगा, आप क्यों करते हो? मैंने, हाँ बीजेपी का नुकसान हुआ होगा, बहुत कुछ किया होगा आपने और उसमें मेरी कोई शिकायत नहीं है। लेकिन देश का नुकसान हो ऐसा आपने कभी किया हो ऐसा मेरे पास कभी पास रिपोर्ट नहीं आई। और ऐसा मीडिया देश के लिए बहुत जरूरी है, बहुत जरूरी है। मैं तो आपकी टीम को और सबको बधाई दूंगा जी।

धन्यवाद सर।

 

  • Jitendra Kumar May 02, 2025

    ❤️🇮🇳
  • Dheeraj Thakur March 08, 2025

    जय श्री राम जय श्री राम
  • Dheeraj Thakur March 08, 2025

    जय श्री राम
  • PawanJatasra January 30, 2025

    🇳🇪🇳🇪
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 19, 2024

    जय श्री राम 🚩 जय भाजपा विजय भाजपा
  • sonika sharma October 07, 2024

    जय हो
  • Amrita Singh September 22, 2024

    जय श्री राम जय जय
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • रीना चौरसिया September 16, 2024

    राम
  • Pradhuman Singh Tomar July 13, 2024

    BJP
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Today, North East is emerging as the ‘Front-Runner of Growth’: PM Modi at Rising North East Investors Summit
May 23, 2025
QuoteThe Northeast is the most diverse region of our diverse nation: PM
QuoteFor us, EAST means - Empower, Act, Strengthen and Transform: PM
QuoteThere was a time when the North East was merely called a Frontier Region.. Today, it is emerging as the ‘Front-Runner of Growth’: PM
QuoteThe North East is a complete package for tourism: PM
QuoteBe it terrorism or Maoist elements spreading unrest, our government follows a policy of zero tolerance: PM
QuoteThe North East is becoming a key destination for sectors like energy and semiconductors: PM

My colleagues in the Union Cabinet Jyotiraditya Scindia ji and Sukanta Majumdar ji, Governor of Manipur Ajay Bhalla ji, Chief Minister of Assam Himanta Biswa Sarma ji, Chief Minister of Arunachal Pradesh Pema Khandu ji, Chief Minister of Tripura Manik Saha ji, Chief Minister of Meghalaya Conrad Sangma ji, Chief Minister of Sikkim Prem Singh Tamang ji, Chief Minister of Nagaland Neiphiu Rio ji, Chief Minister of Mizoram Lalduhoma ji, all industry leaders, investors, ladies and gentlemen!

On this grand podium of Rising Northeast, I feel a sense of pride, warmth, belonging, and above all, immense confidence in the future. Just a few months ago, we celebrated the Ashtalakshmi Festival here at Bharat Mandapam. Today, we are celebrating a festival of investment in the Northeast. So many industry leaders have gathered here. This shows the enthusiasm, excitement, and new dreams that everyone has for the Northeast. I extend my heartfelt congratulations to all the ministries and the state governments for this achievement. Your efforts have created an excellent environment for investment there. On behalf of myself and the Government of Bharat, I wish you all the very best for the success of the North East Rising Summit.

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Friends,

Bharat is considered the world’s most diverse nation, and our Northeast is the most diverse part of this diverse nation. From trade to tradition, from textiles to tourism, the diversity of the Northeast is its greatest strength. Northeast means bio-economy and bamboo; Northeast means tea production and petroleum; Northeast means sports and skill; Northeast is emerging as a hub of eco-tourism; Northeast represents a new world of organic products; Northeast is a powerhouse of energy. That is why, the Northeast is our Ashtalakshmi (eight forms of prosperity). With the blessings of this Ashtalakshmi, every state in the Northeast is saying—we are ready for investment, we are ready to lead.

Friends,

It is essential for Eastern Bharat to develop for the building of a ‘Viksit Bharat’ (Developed India). And the Northeast is the most important part of Eastern Bharat. For us, EAST is not just a direction—it stands for Empower, Act, Strengthen, and Transform. This is our government’s policy for Eastern Bharat. This same policy, this same priority, has brought Eastern Bharat—and our Northeast—to the centre stage of growth.

Friends,

The transformation that the Northeast has seen in the last 11 years is not just about numbers—it is change that can be felt on the ground. We have not just built a connection with the Northeast through government schemes—we have built a bond from the heart. You might be surprised to hear this: ministers from our central government have visited the Northeast more than 700 times. And it wasn’t just about visiting and leaving—the rule was to stay overnight. They experienced the land, they saw the hope in people’s eyes, and they turned that trust into a development-driven policy. We did not view infrastructure as just bricks and cement—we made it a medium for emotional connection. We moved beyond the Look East policy to embrace the mantra of Act East, and today, we are seeing the results. There was a time when the Northeast was only referred to as a frontier region. Today, it is becoming the front-runner of growth.

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Friends,

Good infrastructure makes tourism more attractive. Where there is strong infrastructure, investors also gain greater confidence. Better roads, robust power infrastructure, and an efficient logistics network are the backbone of any industry. Trade thrives where there is seamless connectivity—in other words, quality infrastructure is the foundation and first requirement of any kind of development. That’s why we have initiated an Infrastructure Revolution in the Northeast. For a long time, the Northeast remained neglected. But now, the Northeast is becoming a land of opportunities. We have invested hundreds of thousands of crores of rupees in connectivity infrastructure in the Northeast. If you go to Arunachal Pradesh, you’ll see infrastructure projects like the Sela Tunnel. In Assam, you’ll witness mega projects like the Bhupen Hazarika Bridge. In just one decade, we have built 11,000 kilometres of new highways in the Northeast. Hundreds of kilometres of new railway lines have been laid. The number of airports in the Northeast has doubled. Waterways are being developed on the Brahmaputra and Barak rivers. Hundreds of mobile towers have been installed, and not just that—a 1,600-kilometre-long pipeline, the Northeast Gas Grid, has also been established. This ensures reliable gas supply for industry. In short—highways, railways, waterways, and i-ways—connectivity in every form is being strengthened in the Northeast. The ground has been prepared in the Northeast. Our industries must step forward and take full advantage of this opportunity. You must not miss out on the First Mover Advantage.

Friends,

In the coming decade, the trade potential of the Northeast is set to grow manyfold. Today, the trade volume between Bharat and ASEAN is around $125 billion. In the coming years, it will surpass $200 billion, and the Northeast will become a strong bridge for this trade—a gateway to ASEAN. We are rapidly developing the necessary infrastructure to support this vision. The Bharat-Myanmar-Thailand Trilateral Highway will establish direct connectivity to Thailand through Myanmar. This will ease Bharat’s connectivity with countries like Thailand, Vietnam, and Laos. Our government is also working swiftly to complete the Kaladan Multimodal Transit Project, which will connect the Kolkata Port to Sittwe Port in Myanmar, and further link the rest of the Northeast via Mizoram. This will significantly reduce the distance between West Bengal and Mizoram and prove to be a major boon for industry and trade.

Friends,

Today, cities like Guwahati, Imphal, and Agartala are being developed as multi-modal logistics hubs. In Meghalaya and Mizoram, Land Customs Stations are now giving a new boost to international trade. With all these efforts, the Northeast is emerging as a new name in trade with Indo-Pacific countries. That means a whole new sky of possibilities is opening up for you in the Northeast.

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Friends,

We are working to establish Bharat as a global health and wellness solution provider. Our mission is to make the mantra “Heal in India” a global mantra. The Northeast is not only rich in nature, but it is also a perfect destination for an organic lifestyle. Its biodiversity, its climate—they work like natural medicine for wellness. That is why I urge you to explore the Northeast for investment opportunities in the Heal in India mission.

Friends,

Music, dance, and celebration are woven into the very culture of the Northeast. That makes it a fantastic destination for global conferences, concerts, and destination weddings. In many ways, the Northeast is a complete package for tourism. Now that the benefits of development are reaching every corner of the Northeast, we are also seeing a positive impact on tourism. The number of tourists has doubled, and this is not just about numbers—home stays are being built in villages, youth are getting new opportunities as guides, and a full tour and travel ecosystem is developing. Now we must take this to even greater heights. In eco-tourism and cultural tourism, there are plenty of new investment opportunities waiting for all of you.

Friends,

For the development of any region, the most important requirement is peace and law & order. Whether it is terrorism or Maoist insurgency, our government follows a zero-tolerance policy. There was a time when the Northeast was associated with bombs, guns, and blockades. Just the mention of the Northeast brought these images to mind. And this caused immense loss to the youth of the region—countless opportunities slipped away from their hands. Our focus is on the future of the youth of the Northeast. That’s why we have signed one peace agreement after another, giving young people the chance to join the mainstream of development. In the last 10–11 years, over 10,000 youth have chosen the path of peace by laying down their arms. Today, the youth of the Northeast are getting new opportunities for employment and self-employment right in their own region. Through the MUDRA Yojana, millions of youth in the Northeast have received financial assistance worth thousands of crores of rupees. The growing number of educational institutions is helping these youths enhance their skills. Now, the youth of the Northeast are not just internet users—they are becoming digital innovators. With more than 13,000 kilometres of optical fiber, 4G and 5G coverage, and emerging opportunities in technology, young people are now launching large-scale start-ups from their own towns. The Northeast is becoming Bharat’s digital gateway.

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Friends,

We all know how important skills are for growth and a better future. The Northeast provides a favourable environment for this as well. The central government is making massive investments in the education and skill development ecosystem of the region. In the last decade, over 21,000 crore rupees have been invested in the Northeast’s education sector. Around 850 new schools have been established. The first AIIMS (All India Institute of Medical Sciences) in the Northeast is now operational. Nine new medical colleges have been built. Two new IIITs (Indian Institutes of Information Technology) have been established in the region. A campus of the Indian Institute of Mass Communication has been set up in Mizoram. Approximately 200 new skill development institutes have been established across the Northeast. The country’s first Sports University is also being built there. Under the Khelo India program, projects worth hundreds of crores of rupees are underway in the Northeast. There are 8 Khelo India Centres of Excellence and over 250 Khelo India Centres in the region alone. This means the best talent across all sectors is available in the Northeast. You must make the most of this opportunity.

Friends,

Today, the global demand for organic food is rising. There's a growing inclination toward holistic healthcare, and I have a dream — that every dining table in the world should have at least one Indian food brand. The Northeast has a crucial role to play in fulfilling this dream. In the last decade, the scope of organic farming in the Northeast has doubled. Our region is known for products like tea, pineapples, oranges, lemons, turmeric, and ginger — and their taste and quality are truly exceptional. The demand for these products is increasing globally, and this growing demand opens up great opportunities for all of you.

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Friends,

The government is working to make it easier to set up food processing units in the Northeast. Improved connectivity is already helping, and in addition to that, we are building mega food parks, expanding the cold storage network and establishing testing laboratories. The government has also launched the Oil Palm Mission. The soil and climate of the Northeast are highly suitable for oil palm cultivation. This can become a significant source of income for our farmers, and it will also help reduce Bharat’s dependency on imported edible oils. Palm oil farming is a big opportunity for our industries as well.

Friends,

Our Northeast is emerging as a key destination for two more sectors: energy and semiconductors. Whether it's hydropower or solar power, the government is making major investments in every state of the Northeast. Projects worth thousands of crores of rupees have already been approved. You not only have investment opportunities in plants and infrastructure, but also a golden opportunity in manufacturing. Whether it's solar modules, cells, storage, or research, we need greater investments. This is our future — and the more we invest in it today, the less dependent we will be on foreign countries. Today, the Northeast — especially Assam — is playing a significant role in strengthening the country’s semiconductor ecosystem. Very soon, the first Made-in-India chip from a semiconductor plant in the Northeast will be available to the country. This plant has opened the doors of opportunity for the semiconductor sector and other cutting-edge technologies in the region.

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Friends,

Rising Northeast is not just an investors' summit — it is a movement. It is a call to action. The future of Bharat will rise to new heights through the bright future of the Northeast. I have complete faith in all the business leaders. Come, let us together make our Ashtalakshmi an inspiration for a ‘Viksit Bharat’. I am fully confident that today’s collective efforts, your enthusiasm, and your commitment are turning hope into belief. And I am certain that by the time we hold the second Rising Northeast Summit, we will have achieved remarkable progress. Wishing you all the very best.

Thank you very much!