PM Modi addresses a massive community programme at Wembley Stadium, London #ModiAtWembley
PM Modi addresses 60000 strong diaspora at London, UK #ModiAtWembley
British PM David Cameron and his wife join the gathering at Wembley Stadium, London #ModiAtWembley
UK PM Cameron extends strong support to the initiatives 'Make in India' and 'Digital India'
The UK PM strongly pitches for urgent reforms of the U.N. Security Council and India's permanent candidature in the UNSC
This is a historic day for great partnership: PM Narendra Modi #ModiAtWembley
India is progressing at fast rate, country has no reason to remain poor: PM #ModiAtWembley
India is full of diversity. It is our pride and strength: PM #ModiAtWembley
Sikh community's contribution to India is invaluable: PM #ModiAtWembley
World is seeing a transforming India full of opportunities: PM #ModiAtWembley
Entire world now wants to match up to India, says PM #ModiAtWembley
The pace and direction of progress in India is such that the fruits of development will be seen very soon: PM

नमस्‍ते, साल मुबारक, भाई दूज की बहुत-बहुत शुभकामनाएं,

Good evening Wembley a big thank you. Big thank you for being here. This is a historic day for a great partnership and you are the heartbeat between two great nations’, two vibrant democracies, two wonderful people, we are celebrating this very special relationship in this very special venue with friends of India specially Excellency Prime Minister Cameron. I was told that London would be cold but not this much. Your wonderful and warm welcome make me feel at home. I am grateful to Prime Minister Cameron for his kind words and thanks every body

मै करीब 12 साल के बाद आज आपके बीच आया हूं। 12 साल में Thames में बहुत पानी बह चुका है। तब मैं जब आया था तो मुख्‍यमंत्री के रूप में आपसे मिला था और आज जब आपके बीच में आया हूं तो देशवासियों ने मुझे एक नई जिम्‍मेवारी दी है और उस नई जिम्‍मेवारी को पूरा करने के लिए भरपूर कोशिश कर रहा हूं और मेरे प्‍यारे देशवासियों में आपको विश्‍वास दिलाता हूं जो सपने आपने देखे हैं, जो सपने हर हिन्‍दुस्‍तानी ने देखे हैं, वे सपने पूरे करने का सामर्थ्‍य भारत में है, ये मैं भलीभांति अनुभव कर रहा हूं।

पिछले 18 महीने के अनुभव से मैं कह सकता हूं कि भारत को गरीब रहने का कोई कारण नहीं है। हमें बिना कारण गरीबी को पाल करके रखा है। और पता नहीं क्‍यों, आदतन हमें गरीबी को पुचकारने में जरा मजा आने लग गया है। भारत सामर्थ्‍यवान है, सवा सौ करोड़ देशवासी, 250 करोड़ भुजाएं, और वो देश जिसमें eight hundred million, 65 प्रतिशत जनसंख्‍या, 35 साल से कम उम्र की हो, भारत जवानी से लबालब भरा हुआ देश है और जिस देश के पास इतने युवा हों, वो देश अब पीछे नहीं रह सकता और वो देश विकास की इस यात्रा में अब रुक नहीं सकता है।

मैं दो दिन से यहां हूं, UK की सरकार ने, प्रधानमंत्री कैमरन ने जिस गर्मजोशी से स्‍वागत किया, सम्‍मान किया, उनके लिए मैं हृदय से उनका बहुत-बहुत आभारी हूं। लेकिन ये सम्‍मान किसी एक व्‍यक्ति का नहीं है, ये सम्‍मान सवा सौ करोड़ हिंदुस्‍तानियों का है। भारत की महान लोकतांत्रिक परंपराओं का देश है। प्रधानमंत्री कैमरन के साथ इसके पूर्व भी मुझे अनेक बार मिलने का, बातचीत करने का अवसर मिला है और मैंने अनुभव किया है, उनसे जब भी मिलना हुआ, वो ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लिए इतनी तारीफ करते हैं, इतनी तारीफ करते हैं, इतना गौरवगान करते हैं, ऐसा लगता है जैसे वो यहां के भारतीय समुदाय के साथ पूरी तरह घुल-मिल गए हैं। भारतीय समुदाय के प्रति उनकी संवेदना साफ-साफ नजर आती है। मैं उनके भारतीयों के प्रति जो प्रेम है इसके लिए उनका अभिनंदन करता हूं, उनका धन्‍यवाद करता हूं और आप लोगों का उनके साथ जो नाता है और आपके माध्‍यम से उन्‍होंने भारत को जिस रूप से जाना है और उसके कारण भारत के प्रति भी उनके मन में वो ही आदर, वो ही लगाव हर बात में महसूस होता है। और कौन भारतीय होगा, जिसको इस बात का गर्व न हो कि आज ब्रिटिश पार्लियामेंट के सामने महात्‍मा गांधी खड़े हों, इससे बड़ा गर्व क्‍या होगा? ये लंदन की धरती, आजादी का जंग इस धरती पर भी भारतीय लोगों ने आ करके आजादी के जंग की लड़ाई को ताकत दी थी। उसमें एक थे श्‍यामजी कृष्‍ण वर्मा। 1930 में उनका स्‍वर्गवास हो गया। विद्वान थे, बैरिस्‍टर थे और यहां रह करके वे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ते थे, भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ते थे और उसके लिए यहां के Bar association ने उनको निकाल दिया था। वकालत करने की उनकी सनक को रद्द कर दिया गया था। आज मैं प्रधानमंत्री कैमरन का आभारी हूं कि करीब-करीब सौ साल के बाद उन्‍होंने घड़ी की सुई का उल्‍टा कर दिया। और कल मुझे श्‍यामजी कृष्‍ण वर्मा को, जो अब तो रहे नहीं लेकिन उनके सम्‍मान में, उनको फिर से बार की membership को continue करने वाला कागज मुझे सौंपा।

जब मैं गुजरात में था, 2003 में मैं यहां आया था। मैं यहां से जिनेवा पंडित श्‍यामजी वर्मा की अस्थि लेने के लिए जाने वाला था, श्‍यामजी कृष्‍ण वर्मा लंदन की धरती पर रह करके आजादी का जंग लड़ रहे थे। वीर सावरकर जैसे अनेक महापुरुषों को, मदनलाल ढींगरा जैसे तेजस्‍वी, ओजस्‍वी नौजवानों को वे यहां प्रोत्‍साहित करते थे। 1930 में उनका स्‍वर्गवास हुआ तो उनकी इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी कि उनके स्‍वर्गवास के बाद उनकी अस्थि हिन्‍दुस्‍तान आजाद जब हो, तो आजाद हिन्‍दुस्‍तान में ले जाई जाएं। लेकिन 1930 से 2003 तक भारत से कोई आया नहीं वो अस्थि लेने के लिए। भारत मां के उस लाल की अस्थि ले जाने का सौभाग्य मुझे मिला और 2003 में मैं ले गया। और गुजरात में कच्‍छ मांडवी, जो उनका जन्‍म स्‍थान था वहां एक भव्‍य स्‍मारक बनाया है, उनके स्‍मृति चिह्न अस्थि वहां रखे हैं। आज मुझे यहां के bar का जो स्‍वीकृति पत्र फिर से मिला है, वो भी मैं गुजरात सरकार को सुपुर्द करूंगा और वो भी उस Museum में रखा जाएगा। और इसलिए मैं कहता हूं कि प्रधानमंत्री कैमरन ने घड़ी की सुई को उल्‍टा घुमाया है। मैं उनका आभारी हूं।

भारत जिस विकास यात्रा की ओर आगे बढ़ रहा है, हमारा देश दुनिया के लिए एक अजूबा है। प्रधानमंत्री बनने के बाद विश्‍व के जिन-जिन लोगों से मेरा मिलना हुआ है, एक बात अवश्‍य पूछते हैं, क्‍योंकि हर देश किसी न किसी समस्‍या से जूझ रहा है और इसलिए वे कभी-कभी मुझे पूछते हैं कि मोदी जी हमारा इतना छोटा देश, ये परेशानी, वो परेशानी; ये तकलीफ वो तकलीफ; ये समुदाय ऐसा करता है, वो समुदाय ऐसा करता है, वो लोग ऐसा करते हैं, अक्‍सर बातें करते हैं, फिर मुझे पूछते हैं कि मोदी जी ये बताइए ये आपका सवा सौ करोड़ का देश इतने प्‍यार से, इतने मिलजुल करके कैसे रहता है? लोगों को आश्‍चर्य है ऐसा देश जहां सौ भाषाएं हों, 1500 बोलियां हों, हजारों प्रकार के खानपान की पद्धतियां हों। दक्षिण से निकलें, उत्‍तर पहुंचते-पहुंचते सैंकड़ों प्रकार की वेशभूषा नजर आती हो, कितनी विविधताओं से भरा हुआ हमारा देश है और विविधता, ये हमारी विशेषता भी है; विविधता, ये हमारी आन, बान, शान भी है; विविधता, ये हमारी शक्ति भी है।

अब आप देखिए पंजाब के हमारे सिख भाई, कितनी त्‍याग और बलिदान की गाथाएं जुड़ी हुई हैं। भारत की आन, बान, शान के लिए कितने सिखों ने अपने सिर न्‍यौच्‍छावर कर दिए थे और सिख समाज की एक विशेषता रही है कि वे मां भारती की भी रक्षा करते रहे। मां भारती की रक्षा के लिए अपना खून बहाते रहे और आजाद हिंदुस्‍तान में भारत माता की संतानों का पेट भरने के लिए वे खेतों में अपना पसीना बहाते रहे और हिंदुस्‍तान भर का पेट भरने के लिए उन्‍होंने कभी कमी नहीं रखी।

मैं जब कल यहां आया, यहां के सिख समाज के सभी वरिष्‍ठ लोग मुझे मिलने आए थे। बहुत प्‍यार से बातें हुईं। हम दोनों ने मिल करके अपने दुखों को, अपने दर्दों को बांटा। उनके दिल पर जो गुजरती हैं बातें, उनकी भावनाओं का मैं आदर करता हूं, उनकी कठिनाई को मैं समझता हूं। और मैंने विश्‍वास दिलाया है कि जिन-जिन बातों को आप कर रहे हैं, मैं पूरी तरह उन चीजों में लगा हुआ हूं। आने वाले भविष्‍य में आपको उसके नतीजे भी नजर आ जाएंगे।

भारत की धरती पर कबीर और रहीम की बातें हम सबको प्रेरणा देती रही हैं। सूफी परंपरा, आज विश्‍व में जो आतंकवाद के नाम पर जो चीजें चल रही हैं, कभी मुझे लगता है अगर सूफी परंपरा बलवान हुई होती, इस्‍लाम में ही इस सूफी परंपरा का अगर प्रभाव पड़ा होता और जिसने सूफी परंपरा को समझा होता, वो कभी हाथ में बंदूक लेने का विचार नहीं करता। ऐसी विविधताओं से भरी दुनिया के सभी प्रमुख सम्‍प्रदाय हिंदुस्‍तान की धरती पर हैं। और सिर्फ कहने को नहीं, भारी मात्रा में समुदाय हैं। हमारे यहां ऋतुएं कितनी हैं, हमारे यहां विविधताएं कितनी हैं, हमारे यहां पेड-पौधे देखें, ये देश विविधताओं से, परमात्‍मा की कृपा से पुलकित हुआ है और आप उस देश के एक प्रकार से सच्‍चे Ambassador हैं। भारतीय समुदाय का व्‍यक्ति जहां गया, वहां सबके साथ रहने का, जीने के संस्‍कार ले करके गया। विविधताओं के बीच में भी सबके साथ कैसे जीया जाता है, अपनी पंरपराओं को बचाते हुए सबके साथ कैसे घुल-मिल करके जिंदगी जी सकते हैं, अगल-बगल में किसी को खंरोच भी न आ जाए उसके बाद भी गति तेज कर सकते हैं, लक्ष्‍य को प्राप्‍त कर सकते हैं, ऊंचाईयां और बढ़ा सकते हैं, ये आपने दिखाया है। विश्‍व भर में फैले हुए भारतीय समाज ने ये संस्‍कार का परिचय करवाया है, ये शक्ति का परिचय करवाया है और उन्‍हीं के माध्‍यम से हिंदुस्‍तान की सही पहचान भी बनती है। और इसलिए विश्‍व भर में फैले हुए भारतीय समुदाय को भी इस महान परंपरा को आपके अपने व्‍यवहार से, अपने चरित्र से, अपने आचरण से दुनिया को अपने भारत की ताकत का परिचय करवाया है इसलिए आप सब मेरे भाई-बहन ह्दय के, ह्दय से अभिनंदन के अधिकारी हैं, बहुत-बहुत बधाई के अधिकारी हैं।

भाइयों-बहनों, आज विश्‍व में भारत की अपनी एक गरिमा, एक गौरव, उसका अनुभव आप भी करते होंगे। पूरी दुनिया आज भारत के प्रति बहुत आशा की नजर से देख रही है। भारत का नाम सुनते ही India सुनते ही आपको जिन-जिन विदेश में लोगों को मिलते हो, आपको भी महसूस होता है कि नहीं होता है? आपको भी ध्‍यान में आता है कि दुनिया का नजरिया बदलता है? पहले लोग मिलते हैं वे अब मिलते हैं तो बड़ी गर्मजोशी से मिलते हैं? पहले हाथ मिलाते थे अब हाथ पकड़ के रखते हैं? ये बदलाव जो है, ये बदलाव ही भारत की सफलता की एक निशानी के रूप में है।

विश्‍व आज भारत को एक शक्ति के रूप में पहचान रहा है, विश्‍व आज भारत को एक संभावनाओं की भूमि के रूप में देख रहा है और हमारी भी कोशिश है कि भारत का स्‍थान अब दुनिया में ओरों के साथ बराबरी का होना चाहिए और हम दुनिया से अब मेहरबानी नहीं चाहते, अगर हम चाहते हैं तो बराबरी चाहते हैं बराबरी। और मैं 18 महीनों के अनुभव से कह सकता हूं कि आज भारत के साथ जो भी बात करता है वो बराबरी से बात करता है। जुड़ना चाहता है तो win-win के फार्मूला के साथ जुड़ना चाहता है। आगे बढ़ना चाहता है तो कदम से कदम मिला करके आगे बढ़ना चाहता है। और ये आने वाले उत्‍तम भविष्‍य के शुभ संकेत के रूप में मैं देखता हूं।

विश्‍व जिन समस्‍याओं से जूझ रहा है उसमें दो प्रमुख समस्‍याएं हैं। सारी दुनिया के जितने भी नेता, जब भी मिलते हैं इन दो बातों से परेशानियों की चर्चा करते ही करते हैं, एक आतंकवाद, दूसरा ग्‍लोबल वार्मिग। आतंकवाद हो या ग्‍लोबल वार्मिंग हो, सारी मानव जाति को बचाने की जिम्‍मेवारी सभी देशों की है, मानवता में विश्‍वास करने वाले हर नागरिक की है और भारत इसके लिए सही रास्‍ता दिखा सकता है। महात्‍मा गांधी का जीवन, महात्‍मा गांधी के उपदेश, महात्‍मा गांधी का अहिंसा का शस्‍त्र, उसमें वो ताकत है, अगर आज के परिप्रेक्ष्‍य में विश्‍व गांधी को समझने का प्रयास करे तो आतंकवाद से मुक्ति का रास्‍ता भी मिल सकता है और ग्‍लोबल वार्मिंग से मुक्ति का भी रास्‍ता मिल सकता है क्‍योंकि गांधी इतने दीर्घ दृष्‍टा थे। और इसलिए भारत की वो भी जिम्‍मेवारी है कैसे संकट की घड़ी में मानवता के कल्‍याण के लिए विश्‍व को इन समस्‍याओं से बाहर निकलने के लिए भारत अपनी भूमिका निभा रहा है और आगे भी निभाता रहेगा, ये मैं आप मेरे देशवासियों को विश्‍वास दिलाता हूं।

देश आज विकास की नई ऊंचाईयों की ओर तेज गति से चल रहा है और मैं विश्‍वास से कहता हूं कि भारत ने जो गति पकड़ी है, भारत ने जो दिशा पकड़ी है; उस गति से, उस दिशा से बहुत ही जल्‍द हम उसके फल भी देखने शुरू करेंगे। आजादी के सत्‍तर साल के बाद आपको जान करके हैरानी होगी, आज भी हिंदुस्‍तान में 18 हजार गांव ऐसे हैं जहां बिजली का खंभा भी नहीं पहुंचा है। आप मुझे बताइए भाइयों-बहनों, क्‍या ये काम मुझे पूरा करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? उन 18 हजार गांवों में, जहां बिजली नहीं पहुंची है, वहां बिजली पहुंचनी चाहिए कि नहीं पहुंचनी चाहिए? आजादी के सत्‍तर साल के बाद भी अगर मेरा देशवासी अंधेरे में जिंदगी जीने के लिए मजबूर है तो हमें प्रायश्चित करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? भाइयों-बहनों, मैंने बीड़ा उठाया है, आप मुझे आशीर्वाद देंगे? मैंने बीड़ा उठाया है, राज्‍यों से कहा है मुझे मदद कीजिए, आने वाले एक हजार दिवस में इन 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने का संकल्‍प करके चला हूं।

जब मुझे पहली बार लाल किले की प्राचीर से हिंदुस्‍तान के तिरंगे झंडे के नीचे से देश को संबोधित करने का पहला अवसर मिला; बचपन में जिंदगी में कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन एक चाय बेचने वाला, गरीब परिवार का बेटा, लाल किले की प्राचीर से हिंदुस्‍तान का तिरंगा झंडा फहराता होगा। और उस दिन मैंने कहा था, स्‍वच्‍छ भारत का सपना मैंने देशवासियों के सामने रखा था। बहुतों को आश्‍चर्य हुआ था कि लाल किले पर से तो कितनी बड़ी-बड़ी बातें करनी चाहिए, कितनी बड़ी-बड़ी योजनाएं रखनी चाहिए, अखबारों में headline छप जाएं ऐसी चीजें बतानी चाहिए और ये मोदी कहां से आ गया, ये सफाई की बातें करने के लिए लाल किले का उपयोग कर रहा है। बहुतों को बुरा लगा था, लेकिन मुझे, मुझे अच्‍छा लगा था मेरा देश अगर साफ-सुथरा हो, गंदगी से मुक्‍त मेरी भारत माता हो, आपको आनंद होगा कि नहीं होगा? गरीब की जिंदगी में बदलाव आएगा कि नहीं आएगा? उस काम को मैंने शुरू किया है, उसमें पहला काम उठाया Toilet बनाने का और मैं, मैं ये विदेश में रहने वाले मेरे भारतीय भाइयों-बहनों का भी आभार व्‍यक्‍त करता हूं कि कई भारतीय भाई-बहन जो विदेश में रहते हैं, उन्‍होंने भी अपने गांवों में public toilet बनाने के लिए पैसे दिए, बनवाए।

हमारे यहां बालिकाएं 3 साल, 5 साल, 6 साल, 8 साल; दूसरी या तीसरी कक्षा में आती हैं तो स्‍कूल जाना छोड़ देती हैं। पता चला कारण क्‍या तो बच्चियों के लिए स्‍कूल में अलग toilet नहीं था। क्‍या 21वीं सदी में हमारी बेटियां अनपढ़ रहें, ये हमें मंजूर है क्‍या? क्‍या उनके साथ ये अन्‍याय है कि नहीं है? और इसलिए मैंने एक बीड़ा उठाया, एक निश्चित समय-सीमा में भारत के सभी स्‍कूलों में girls child के लिए अलग toilet बनना चाहिए और आज मैं खुशी से कह सकता हूं कि सबने मिल करके उस काम को पूरा कर दिया। क्‍या ये काम नहीं होने चाहिए थे क्‍या? पहले होने चाहिए थे कि नहीं होने चाहिए थे?

भाइयों-बहनों, हमारे देश में 40 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनका बैंक में account भी नहीं था। आज के युग में अगर बैंक खाते में कोई गरीब को बैंक के दरवाजे तक जाने की स्थिति न हो तो इससे बड़ी शर्मिंदगी क्‍या हो सकती है और इसलिए एक अभियान चलाया, सौ-डेढ़ सौ दिन के अंदर 19 करोड़ नए बैंक के खाते खुल गए। अगर हम व्‍यवस्‍थाएं बदलना चाहते हैं तो देश तैयार है, देश ने अपना मन बना लिया है और उसके कारण बदलाव नजर आने लगा है।

भाइयों-बहनों, भारत अपनी पुरानी समस्‍याओं से मुक्‍त हो ये तो जरूरी है लेकिन क्‍या मुसीबतों से मुक्ति पा करके बैठे रहने से चलेगा क्‍या? भारत को अपनी कठिनाइयों से तो मुक्ति लेनी है लेकिन भारत को आधुनिक भारत भी बनाना है, समृद्ध भारत भी बनाना है, विकास की नई ऊंचाइयों को भी पार करना है।

हमारे यहां रेलवे, रेलवे बहुत पुरानी हमारे यहां व्‍यवस्‍था है लेकिन जिस गति से रेलवे का विकास होना चाहिए, दूर-सुदूर क्षेत्रों में जहां रेल पहुंची नहीं वहां पहुंचाना चाहिए। बाबा आदम के जमाने से जिस गति से रेल चलती थी वो वक्‍त चला गया, अब तेज गति से चलने वाली रेल चाहिए। अच्‍छी सुविधा वाली रेल चाहिए और इसलिए हमने रेलवे में hundred percent foreign direct investment के लिए हमने दरवाजे खोल दिए हैं।

पहली बार, पहली बार London stock exchange में भारत की रेलवे Rupees bond ले करके आई है दोस्‍तों rupees bond। ये पहली बार हुआ है और हम तो जब bond की बात आती है तो सबसे पहले James bond की याद आती है। मनोरंजन की दुनिया मनोरंजन की दुनिया, entertainment के लिए James bond हम भली भांति परिचित हैं, उससे आगे जाएं तो जब bond की बात आती है तो brook bond tea की याद आती है। अगर James bond मनोरंजन देता है तो brook bond ताजगी देता है। Brook bond, tea bond, that’s bond लेकिन अब, अब न मनोरंजन से चलना है न सर्फ ताजगी से चलना है, अब तो विकास की राह पर जाना है और इसलिए James bond, Brook bond, Rupee bond, foreign direct investment में FDI और जब में FDI की बात करता हूं तो उसका एक महत्‍वपूर्ण पहलू तो है foreign direct investment लेकिन मेरे लिए दूसरा भी एक महत्‍वपूर्ण पहलू है Fast Develop India और इन दोनों को balance करते हुए हम आगे बढ़ना चाहते हैं। गत वर्ष की तुलना में आज foreign direct investment में 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है। ये अपने-आप में इस बात का सबूत है कि विश्‍व का भारत के प्रति विश्‍वास बढ़ रहा है। और भारत के प्रति जो विश्‍वास बढ़ रहा है वो ही भारत को आगे बढ़ाने की एक सबसे बड़ी हमारी ताकत है और उस ताकत को ले करके हम आगे बढ़ना चाहते हैं।

Defence Sector, आज भी हमारी रक्षा के लिए हमें दुनिया की मदद पर निर्भर रहना पड़ता है, depended रहना पड़ता है, हमें शस्‍त्र बाहर से लाने पड़ते हैं, अरबों-खरबों रुपये हमारे बाहर चले जाते हैं। हमने बीड़ा उठाया है, अगर भारत के वीर भारत की रक्षा करते हैं, तो भारत के वीरों के हाथ में वो शस्‍त्र भी भारत के वीरों के हाथों से बना हुआ होना चाहिए। और इसलिए दुनिया से रक्षा के क्षेत्र में उपयोग आने वाले साधन, चाहे वो पनडुब्बियां हों, चाहे हेलीकॉप्‍टर हों, हवाई जहाज हों, टैंक हों, छोटे हथियार हों, ये भारत में निर्माण कैसे हो, उसके expertize भारत में कैसे आएं, technology हिंदुस्‍तान में कैसे आए? उस पर हम भारी मात्रा में बल दे रहे हैं और मैं आज आप को खुशखबरी सुनाता हूं, शस्‍त्रार्थ की दुनिया में जो भी बड़े-बड़े player हैं वे आज भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं, भारत में आने के लिए दरवाजे खोज रहे हैं। और मैं विश्‍व को कहना चाहता हूं कि रक्षा के क्षेत्र में भारत आत्‍मनिर्भर बनना, मतलब विश्‍व की one-six th humanity हम दुनिया की one-sixth आबादी है। उनकी सुरक्षा मतलब विश्‍व की एक-छठवें वाली सुरक्षा की गारंटी बन जाती है। और वो अपने-आप में दुनिया को सुरक्षित रखने की एक ताकत भी देती है, एक नया विश्‍वास पैदा करती है। हम अपना तो भला करना चाहते हैं लेकिन हमारी भलाई में ओरों की भलाई भी होनी चाहिए।

मैने कहा था ग्‍लोबल वार्मिंग की चिंता। भारत ने बीड़ा उठाया है दो चीजों का। एक, हम दुनिया को सूर्यपुत्र राष्‍ट्र, वो देश जिनको सूर्य की शक्ति का अधिक लाभ मिलता है, जहां गर्मी रहती है, उजाला रहता है। पूरे विश्‍व के ऐसे देशों का हम एक संगठन करना चाहते हैं। भारत ने बीड़ा उठाया है कि दुनिया में 102 देश ऐसे हैं कि जिनको सहज रूप से सूर्य शक्ति का लाभ मिलता है वो एक प्रकार से सूर्यपुत्र राष्‍ट्र हैं। दुनिया में पेट्रोल वाले देशों का संगठन है, G-7 है, G-20 है, आसियान है, सब कुछ है, लेकिन सूर्यपुत्रों को कभी इकट्ठा किसी ने नहीं किया, हमने बीड़ा उठाया है दुनिया के सूर्यपुत्रों को इकट्ठा करने का। ये देश मिल करके Solar energy में research करें, renewable energy में research करें, सूर्य शक्ति का जीवन में कैसे सर्वाधिक उपयोग हो, प्रकृति की रक्षा हो। तो एक तो हम वैश्विक, इस व्‍यवस्‍था का नेतृत्‍व भारत करने जा रहा है और मैं देख रहा हूं, मैं पिछले कुछ दिनों से विश्‍व के नेताओं से बात कर रहा हूं, सब दूर से मुझे सकारात्‍मक समर्थन मिल रहा है और उसकी पहली प्राथमिक मीटिंग इसी महीने के अंत में हम पैरिस में करने जा रहे हैं। सभी देश के लोगों को इस एक अलग से मीटिंग करूंगा वहां मैं बुलाऊंगा उनको बात समझाने वाला हूं। भारत नेतृत्‍व कर सकता है, भारत नेतृत्‍व कर सकता है। इन बातों को करने के लिए भगवान सूर्य की हम पर कृपा है तो मैं दुनिया को भी उसमें जोड़ना चाहता हूं।

दूसरा काम, ये बात सही है कि भारत में अभी इन बातों को करने के लिए भगवान सूर्य की हम पर कृपा है। तो मैं दुनिया को भी उसमें जोड़ना चाहता हूं।

दूसरा काम, यह बात सही है कि भारत में भी हर जगह पर 24 घंटे बिजली नहीं पहुंची। 18 हजार गांव को मैंने बताया कि जहां खंभा भी नहीं है। लेकिन जहां बिजली है वहां अभी 24 घंटे नहीं है। हमने बीड़ा उठाया है, 2019, महात्‍मा गांधी के डेढ़ सौ साल हो रहे हैं। दो सपने हैं मेरे, एक सफाई का और दूसरा 24 घंटे बिजली पहुंचाने का और इसलिए हमने एक अभियान चलाया है, Solar Energy का, Wind Energy का, Renewable Energy का। Hundred Seventy five गीगावॉट Renewable Energy का काम शुरू किया है। भारत में जब भी बिजली की बात आती थी मेगावॉट की बात आती थी, मेगावॉट। मेगावॉट से ज्‍यादा हम कभी सोच ही नहीं पाते थे। पहली बार हिन्‍दुस्‍तान गीगावॉट पर सोचने लगा है। जब मैं विश्‍व के नेताओं से मिलता हूं और Hundred Seventy five गीगावॉट बिजली के लक्ष्‍य की बात करता हूं, Renewable Energy की सारे विश्‍व के नेता, उनको अचरज होता है, वह सोचते हैं आप ये कैसे सोच सकते हैं लेकिन मेरे देशवासियों आप के आशीर्वाद से मुझे पूरा भरोसा है कि भारत एक सूर्य शक्ति राष्‍ट्र बन सकता है, सूर्य शक्ति राष्‍ट्र बन सकता है। हम उसे बनाने की दिशा में और उसके बाद जो छोटे-छोटे टापू देश हैं जो जिदंगी और मौत के बिना गुजारा कर रहे हैं उनको लगता है कि Global Warming के कारण अगर समुद्र की सतह बढ़ गई, तो उनका टापू डूब जाएगा कहां जाएंगे। ऐसे सैंकड़ों टापुओं पर रहने वाले लोग, उनकी जिंदगी में खुशी लाने का काम हिन्‍दुस्‍तान की धरती पर हो सकता है और उस काम को हम कर रहे हैं दोस्‍तो।

आज दुनिया में कोई भी Institution होगी। चाहे World Bank हो, IMF हो, दुनिया की कोई भी Rating agency हो। हर कोई एक स्‍वर से कहता है कि भारत विश्‍व के बड़े देशों की, सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली Economy है। बहुत तेज गति से बढ़ने वाली Economy है।

दुनिया में एक Transparency International इस प्रकार का रेटिंग करते हैं कि वो कौन देश हैं जहां भ्रष्‍टाचार कम है और भ्रष्‍टाचार कम हो रहा है। हम जानते हैं हमारे देश में ये बदनामी हमको है हमारे सिर पर लिखी हुई है। दीमक की तरह भ्रष्‍टाचार ने हमें तबाह करके रखा हुआ है। लेकिन क्‍या दीमक की दवाई नहीं है क्‍या और दवाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? जनता के पैसे का पाई-पाई का हिसाब जनता को मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए या किसी के घर भरने के लिए जनता का धन होता है क्‍या? और इसलिए भाइयों और बहनों हमने कदम उठाए हैं उसका परिणाम यह हुआ है Transparency International नाम की Institution, उसने भारत को पहले की स्थिति से दस points आगे कर करके हमारे यहां भ्रष्‍टाचार कम हुआ है, उसको सर्टिफिकेट दे दिया है। पहली बार, पहली बार हम china से अच्‍छी स्थिति में आ गये हैं जो कभी नहीं आते थे। Ease doing business में हम दुनिया के आखिरी छोर पर खड़े थे। हमने कुछ कदम उठाएं, कुछ निर्णय किए, आज हम बहुत तेजी से हमारा नंबर ऊपर की ओर जा रहा है और देखते ही देखते सुफल उसके नज़र आने लगे हैं।

मेरा कहने का तात्‍पर्य है हमें आधुनिक भारत बनाना है। Clean India हो, Skill India हो, Digital India हो, इन सब एक क्षेत्रों में हम कार्यों को नई ऊचांइयों पर ले जाने की दिशा में एक भरपूर प्रयास कर रहे हैं।

लेकिन मेरे देशवासियों हम ये गलती कभी न करें कि जो हम टीवी के पर्दे पर देखते हैं बस वही हिन्‍दुस्‍तान है ऐसा सोचने की गलती कभी न करें। अखबार की Headline में जो है उतना ही हिन्‍दुस्‍तान है ऐसा नहीं है। हिन्‍दुस्‍तान बहुत बड़ा है। टीवी के पर्दे के बाहर भी सवा सौ करोड़ देशवासियों का हिन्‍दुस्‍तान बहुत गहरा हिन्‍दुस्‍तान है, बहुत ऊंचा हिन्‍दुस्‍तान है, बहुत ही उत्‍तम हिन्‍दुस्‍तान है और इसलिए न कभी आपने पढ़ा होगा, न कभी आपने सुना होगा।

भाइयों और बहनों राजस्‍थान में अलवर करके जगह है अलवर में इमरान खान नाम का एक व्‍यक्ति है। ये इमरान खान शिक्षा के लिए समर्पित व्‍यक्ति है। अलवर जैसे छोटे स्‍थान का इमरान खान उसने मोबाइल फोन की 50 Apps बनाई और वो भी विद्यार्थियों को काम आए ऐसी शिक्षा से संबंधित उसने App बनाई और बनाई इतना ही नही अलवर के इमरान खान ने खुद ने मिलाई हुई शिक्षा में स्‍टुडेंट को काम आने वाली ये 50 App उसने विद्यार्थियों के नाम मुफ्त में समर्पित कर दी। मेरा हिन्‍दुस्‍तान, वो अलवर के इमरान खान में मेरा हिन्‍दुस्‍तान है।

भाइयों और बहनों कुछ समय पहले हरियाणा, जहां हमारे यहां बेटा और बेटी के Ratio में बहुत बड़ा अन्‍तर है। मैंने एक अभियान चलाया वहां, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ शुरूआत मैंने हरियाणा से की और उसका असर ऐसा था एक छोटे से गांव के सरपंच ने selfie with daughter ऐसा एक प्रयोग किया। मेरे ध्‍यान में आया, मैंने उसकी भी तारीफ की और मैं हैरान था कि सारी दुनिया में हर किसी के Mobile का Interest बन गया था। selfie with daughter. एक जनांदोलन खड़ा हो गया। दुनिया के बड़े-बड़े राजनेता हो, शिक्षा जगत के वरिष्‍ठ लोग हों, आर्थिक जगत के वरिष्‍ठ लोग हों, हर किसी ने अपनी बेटी के साथ selfie निकाल करके mobile phone पर circulate किया। मां-बेटियों का गौरव बढ़ाने का एक अभियान चल पड़ा। ये है मेरा हिन्‍दुस्‍तान ऐसे लाखों लोग है जो आदिवासियों के बीच जा करके, वहां की कठिनाई को भी जी करके, कोई शिक्षा में लगा है, कोई लोगों को हेल्‍थ की चिंता कर रहा है, कोई लोगों के संस्‍कार की चिंता कर रहा है। दूर-सुदूर गांवों में ऐसे अनेक तपस्‍वी लोग बैठे हैं जो जीवन में समाज सेवा का व्रत ले करके काम कर रहे है।

भाईयों-बहनों ऐसे कोटि-कोटि जनों की तपस्‍या, ऐसे कोटि-कोटि जनों का सामर्थ्‍य य‍हीं तो हैं जिसके भरोसे मैं कहता हूं हिन्‍दुस्‍तान बहुत आगे बढ़ने वाला है। हिन्‍दुस्‍तान दुनिया में विकास की नई ऊंचाईयों को पार करने वाला है।

भाईयों-बहनों मैं आज जब लंदन में आया हूं इतनी सारी मात्रा में हमारे प्रवासी भारतीय भाई-बहन बैठें हैं। मैं कुछ बातें आपको बताना चाहता हूं, OCI, OCI के कारण कुछ समस्‍याएं है ऐसा मेरी बातें मेरे ध्‍यान में आई हैं। उस प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और OCI की समस्‍या से अब आपका मुक्ति मिल जाएगी। उसी प्रकार से OCI और PIO इसको merger कर दिया हमने, लेकिन कुछ लोगों को उसमें दिक्‍कत आ रही है। मैंने उसके लिए आदेश कर दिए है, उसको भी सरल कर दिया गया है। फिर भी आपकी कोई कठिनाईयां होगी, तो उसको address करने की व्‍यवस्‍था बन चुकी है।

Visa का Problem रहता था अब उसको Electronic Travel Authorization कर दिया गया है। उसके कारण आपको उस दिक्‍कत से भी मुक्ति दिलाई गई है। भारत सरकार ने मदद नाम का एक Online platform तैयार किया है। MADAD (मदद) उस Online platform पर जा करके आप अपनी आवश्‍यक चीजें प्राप्‍त कर सकते है। वीजा की Problem हो और कोई OCI का problem हो, PIO का Problem हो उसके लिए रास्‍ते, उसमें एक platform पर वो समस्‍या का समाधान का मार्ग आपको मिल जाए इसकी व्‍यवस्‍था की गई है।

एक E-Migration portal बनाया गया है। जिसके कारण एक स्‍थान पर से दूसरे स्‍थान पर जाने वाले व्‍यक्ति को प्राथामिक जानकारियों की जरूरत पड़ती है। ये E-Migration portal के द्वारा वो जान‍कारियां भी आपको उपलब्‍ध हो जाएंगी।

एक Indian community welfare fund, विश्‍व में रहने वाले भारतीयों को कभी-कभी संकट आ जाता है। उनको संकट से मदद करने के लिए एक Indian community welfare fund इसकी भी व्‍यवस्‍था कर दी गई है और जब मैं गुजरात में था तो लंदन से जो भी लोग मिलने आते थे मेरा गला पकड़ते थे हमारे मित्र सीबी पटेल आते थे। वो lead करते थे और मैं कहता था कि अब मैं तो गुजरात का मुख्‍यमंत्री हूं मैं क्‍या कर सकता हूं। अब मैं प्रधानमंत्री बन गया, तो ये मुझे कह रहे हैं कि मोदी जी बताओ अब तो मुख्‍यमंत्री नहीं हो, क्‍या करोगे। तो आज मैं लंदन की धरती पर आया हूं। 2003 में आया था। तब मैं एक काम यहां करके गया था। लंदन-अहमदाबाद के बीच में Direct flight तब अटल जी की सरकार थी। यहां के लोगों ने मुझे जो कहा मैंने उनको पहुंचाया और अटल जी ने उस काम कर दिया था। लेकिन बाद में क्‍या हुआ आप जानते हैं, कैसे हुआ मैं बताना नहीं चाहता, क्‍यों हुआ मुझे भी मालूम नहीं, किसने किया अब नाम देने की जरूरत क्‍या है। लेकिन मेरे प्‍यारे भाईयों-बहनों 15 दिसंबर से तो मेरे प्‍यारे देशवासियों 15 दिसंबर से लंदन-अहमदाबाद Direct flight शुरू हो जाएगी।

भाईयों-बहनों शायद दुनिया के किसी नेता को भी ऐसा सौभाग्‍य नहीं मिलता होगा। ये आपका आर्शीवाद, ये आपका प्‍यार ऐसी ठंड में भी इतनी बड़ी तादाद में आज आपने एक नया इतिहास बना दिया है।

यहां पर आपसे मेरे एक Request है जिसके पास सुई वाली घड़ी हो जरा घड़ी बाहर निकालिएं, आपकी सुई वाली घड़ी हो जरा बाहर निकालिएं। कितने बजे हैं पौने सात। मैं जरा आपको एक रहस्‍य बताना चाहता हूं। भारत और इंग्‍लैंड का नाता कितना गहरा है, भारत और इंग्‍लैंड के बीच में अपनापन कितना है, हमें भारत और इंग्‍लैंड के समय को देखने के लिए दो घड़ी रखने की जरूरत नहीं है। आप इसको उलटा कर दिजिए, आपको हिन्‍दुस्‍तान का time नजर आ जाएगा। आपकी घड़ी अगर आप सीधी करोगे तो UK का time है, उलटी करोगे इंडिया का time है। अब आपको कभी हिन्‍दुस्‍तान फोन करना हो तो हिसाब नहीं लगाना पड़ेगा कि साढ़े पांच घंटे वापिस जाएं, फिर समय तय करें। घड़ी को उलटा कर दो कि हां ठीक है भई इतना ही time हुआ होगा।

ये दुनिया के दो कोई भी देश के साथ ऐसा समीकरण नहीं है। इतना ही नहीं, इंग्‍लैंड और भारत का ये प्‍यार हमारे अड़ोस-पड़ोस में भी किसी को नहीं है। ये सौभाग्‍य, ये सौभाग्‍य सिर्फ हिन्‍दुस्तान और इंग्‍लैंड के बीच का है। भाईयों-बहनों जब तक सूरज-चांद रहेगा, जब तक समय की गति चलेगी, भारत और इंग्‍लैंड का नाता और मजबूत होता जाएगा। हम कंधे से कंधा मिला करके विकास की नई ऊचाईयों को पार करते चले जाएगें।

भाईयों-बहनों आपने मुझे बहुत प्‍यार दिया। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। 12 साल के बाद आया हूं, लेकिन 12 साल में जो प्‍यार आपने समेट के रखा था, वो सारा प्‍यार की वर्षा आज आपने मेरे पर कर दी। ये प्‍यार, ये उमंग, ये विश्‍वास का प्रतीक है। ये आपकी उमंग और उत्‍साह, आपके भीतर जो सपने है उन सपनों का एहसास कराता है। और मैं मेरे प्‍यारे देश‍वासियों आपको विश्‍वास दिलाना चाहता हूं, आपके माध्‍यम से विश्‍वभर में फैले हुए मेरे भारतीय भाईयों-बहनों को विश्‍वास दिलाना चाहता हूं कि आपके passport का रंग कोई भी क्‍यों न हों, मेरा और आपका नाता उस खून के रंग के साथ जुड़ा हुआ है और जुड़ा रहेगा। आपके passport के रंग से आपके passport के रंग से तय नहीं होगा कि आप कौन है। हमारे लिए तो आप सब हमारे है। जितना अधिकार हिन्‍दुस्‍तान पर नरेंद्र मोदी का है उतना ही अधिकार आप सबका भी है। उस हमारी भारत मां के लिए, हम भी कोई संकल्‍प करें, हम भी भारत मां के जीवन के साथ जुड़ने का प्रयास करें, अपनी शक्ति, समय कभी न कभी मां भारती के लिए लगाने के लिए कभी न कभी सोचे। देश आपका इंतजार कर रहा है दोस्‍तों, देश आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।

भारत, भारत आपको विश्‍वास दिलाता है कि आपके पास जो सामर्थ्‍य है उसमें खाद डालने का काम करने की ताकत भारत के गरीब से गरीब व्‍यक्ति में भी है। जो आपके सपनों को वटवृक्ष बना सकता है। आपके सपनों को पूरा करने के लिए उर्वरा धरती दे सकता है और उसके लिए मैं विश्‍वभर में फैले मेरे भारतीय भाईयो-बहनों को आग्रह से कहता हूं कि आइएं। देश आगे बढ़ रहा है, हम भी साथ-साथ चल पड़े, हम भी आगे बढ़े।

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्‍यवाद!

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झारखंड भाजपा के मेरे सभी कार्यकर्ता साथियों को जय जोहार। आप सभी ने बीते समय में जो परिश्रम की पराकाष्ठा करके दिखाई है और आज भी दिन-रात आप जिस प्रकार से जुटे हुए हैं। मेहनत कर रहे हैं। मैं साफ-साफ देख रहा हूं कि इसका नतीजा झारखंड के कोने-कोने में दिखाई दे रहा है।


साथियों,

चुनाव कोई भी हो, उम्मीदवार कोई भी हो, लेकिन इस बात को हम भलीभांति जानते हैं कि चुनाव असल में तो आप जैसे लाखों कार्यकर्ता ही लड़ते हैं। हमारी तो पार्टी ही संगठन पर आधारित है। इसलिए हमारा चुनाव लड़ने का तरीका भी संगठन आधारित ही होता है। कार्यकर्ता आधारित ही होता है। और इसलिए सबसे पहले मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपकी मेहनत ने विपक्षी दल जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी की नींद उड़ा दी है। झारखंड को हमें इनके भ्रष्टाचार, माफियाबाद, कुशासन से मुक्त कराना है। हमें झारखंड को कटकी-बटकी वाली ये सारी गंदी रमतें, गंदे खेल, ये विकृत व्यवस्था, ये कटकी-बटकी से झारखंड को मुक्त कराके ही रहना है। और साथियों इसमें आपकी भूमिका बहुत बड़ी है। मुझे खुशी है इस बार में जब भी आया, हेलीपैड पर जब कार्यकर्ताओं से बात हुई। महिला कार्यकर्ताएं हर बूथ में जिस प्रकार से जी-जान से जुटी हैं। जिस प्रकार से और जब मैं उनको पूछता था कि घरों में जाते हैं तो क्या कहते हैं लोग और जिस उत्साह से हमारी महिला कार्यकर्ताएं मुझे बताती थीं, मुझे बहुत आनंद हुआ।


साथियों,

झारखंड वन संपदा और खनिज संपदा से भरपूर क्षेत्र है। यहां कितनी ही इंडस्ट्रीज हैं। अरे कभी-कभी तो मैं कहता हूं कि झारखंड समृद्ध राज्य है, लेकिन झारखंड के लोगों को गरीब रखा गया है। साथियों, ये समृद्धि होने के बावजूद भी विकास का अभाव और बेरोजगारी चरम पर है। इसका सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार और झारखंड की अमूल्य प्राकृतिक संपदा की बेतहाशा लूट है। झारखंड में बहुत मुझे भ्रमण करने का अवसर मिला है। झारखंड का अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य यहां के पहाड़ों की सुंदरता, खूबसूरत झरने, नदी, पहाड़, पठार, वन और हर समाज की अपनी एक सांस्कृतिक प्रवृत्ति। झारखंड में टूरिज्म की कितनी संभावना हैं, लेकिन अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में यहां पर्यटक आकर्षित नहीं होते। झारखंड के नौजवानों का टैलेंट, उनकी ईमानदारी, उनकी मेहनत के कौन है जो कायल ना हो। लेकिन उन्हें शिक्षा के बेहतर अवसर ना मिला, उनकी स्किल ट्रेनिंग ना होना। ये झारखंड में और मैंने तो देखा है कि जिस प्रकार से झारखंड की संभावनाएं है। हिंदुस्तान भर के लोग रोजी-रोटी के लिए झारखंड आने का मन कर जाए इतने संपदा वहां पड़ी है। लेकिन सब उन्होंने तबाह करके रखा है। सारे नौजवानों के सपने चूर-चूर कर दिए हैं, लेकिन


साथियों,

आप जानते हैं सबका साथ-सबका विकास का मंत्र में झारखंड का विकास भी ये मेरी प्राथमिकता है। हम विकास के लिए काफी कोशिश कर रहे हैं। राज्य सरकार के असहयोग के बाद भी बहुत कुछ करने का प्रयास करते हैं, लेकिन अब मुझे खास लगता है कि जिस गति से मैं विकास चाहता हूं, जिस गति से झारखंड को अन्य राज्यों की बराबरी में लाना है, कुछ राज्यों से तो आगे ले जाना है। तो वहां पर एक डबल इंजन की सरकार की बहुत जरूरत है। मैं जानता हूं, आप यहां डबल इंजन की सरकार बनाने के लिए दिन-रात जुटे हैं। गांव-गांव, गली-गली, घर-घर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। पुरुष कार्यकर्ता, महिला कार्यकर्ता, नौजवान कार्यकर्ता, किसान कार्यकर्ता, आदिवासी कार्यकर्ता हर कोई लगे हैं। मुझे इन दिनों कई रैलियो में जाने का मौका मिला है। मैंने वो उत्साह, उमंग वो दृश्य देखा है। मेरे लिए भी उत्साह बढ़ाने वाला था। और मैंने देखा है कि दिल्ली में बैठे हुए जो बड़े-बड़े राजनीति के विश्लेषक हैं, वे भी कानों-कान तो बता ही रहे हैं कि बीजेपी का कार्यकर्ता पोलिंग बूथ में जुटा हुआ ऐसा है कि वो परिणाम लाकर के दिखाएगा। और साथियों, मैं फिर से एक बार 13 तारीख को रूबरू में भी आपके बीच आने वाला हूं। और आज कुछ क्षेत्रों का चुनाव-प्रचार पूरा भी हो रहा है। आखिरी दिन कितने ही कार्यक्रम होंगे, लेकिन फिर भी आप सब समय निकाल करके मेरे साथ जुड़े हैं। मुझे भी आप सबसे बात करने का अवसर मिला है। और जब एक कार्यकर्ता दूसरे कार्यकर्ता से इस तरह जुड़ता है तो साथियों हमारा काम करने की ताकत बढ़ जाती है। हम निश्चित सिद्धि प्राप्त करके रहते हैं, लेकिन मैं आज खुद ज्यादा नहीं बोलना चाहता, रैलियो में आता हूं मैं जरूर बोलता हूं आज तो मैं आप लोगों से बात करना चाहता हूं। आइए, हम शुरू करते हैं। मुझे बताइये कि पहले कौन बात करेगा। कहां से बात करेंगे?

संवाद-1

राजीव- जोहार, भारत माता की जय।

PM – जोहार, भारत माता की जय।

राजीव- मैं राजीव रांची विधानसभा, मंडल का 336 बूथ का अध्यक्ष बात कर रहा हूं।

PM- राजीवजी, जोहार आपको।

राजीव - जी।

PM- राजीव जी बताइए, क्या पूछना चाहते हैं आप।

राजीव- सर, भाजपा के संकल्प पत्र में जितनी भी हमारी सभी बिंदुएं महत्वपूर्ण ही हैं। पर दो विषयों पर सबसे ज्यादा चर्चा होती है यहां। एक गोगो दीदी योजना, जो प्रतिमाह 2100 रुपए की है और युवा शक्ति भत्ता जो दो हजार रुपए की है। और हमारी जितनी भी महिलाएं यहां पर में निवास करती हैं झारखंड में। चाहे वो अनुसूचित जाती हो, अनुसूचित जनजाती हो, पिछड़ा वर्ग के हैं, वो चाहती हैं की यहां पर झारखंड में एक सर्वांगीण विकास भाजपा की सरकार आकर, एक महत्वपूर्ण भूमिका का अदा करे।

PM- राजीव जी, मुझे आज आपको सुन करके इतना अच्छा लग रहा है कि एक बूथ का कार्यकर्ता इतना उसका क्लीयरकट थिंकिंग है। और वाल्मिकी समाज में तो आपने काफी काम खड़ा किया है। एक समर्पित कार्यकर्ता के नाते काम किया है। लेकिन आज आपको सुन करके मुझे लगा कि अगर इतनी बारिकी से नीचे तक बातें पहुंची हैं। तो जरूर संकल्प पत्र की ताकत नजर आती है। झारखंड भाजपा ने इतना शानदार संकल्प पत्र रखा है और इसकी चर्चा देशभर की मीडिया में हो रही है। पॉलिटिकल जो जानकार लोग हैं, उनके अंदर हो रही है। राजीव जी, एक बात को स्पष्ट है कि झारखंड इस बार बदलाव करने के लिए संकल्पित हो गया है। इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि JMM-Cong-RJD ने झारखंड की रोटी-बेटी और माटी पर वार किया है। पिछले पांच साल इन्होंने बड़ी-बड़ी बातें कीं। लेकिन आज झारखंड के लोग देख रहे हैं। कि इनके ज्यादातर वादे अधूरे हैं। पांच साल हो गए हैं, तब भी JMM-Cong वाले झूठी घोषणाएं ही कर रहे हैं। फलां वादा दिसंबर में होगा, फलां जनवरी में होगा। फलाना कल होगा, फलाना परसों होगा। यही बातें करते रहते हैं। कांग्रेस जहां जहां सत्ता में है वहां के लोगों को इन्होंने ऐसे ही ठगा है। और आपने सुना होगा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान खड़गे जी खुद कहते हैं और वे कर्नाटक में बोल रहे थे कि इनकी पार्टी ने झूठी गारंटियां दीं हैं और वो नाराज हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि जितना कर सकते हो उतना करो, ज्यादा करके मर जाते हैं। और इससे कर्नाटक में हो सरकार चलाना मुश्किल हो गया है। आज उनकी जहां-जहां सरकारें हैं, वहां यही हाल है। कांग्रेस और उनके साथियों की ये सच्चाई हमें बार-बार झारखंड में एक-एक बूथ में, एक-एक घर में बतानी चाहिए और घर में जाकर बैठ कर बतानी चाहिए। चलते-चलते हाथ में पर्चा दे देना चाहिए ऐसा नहीं। उनको समझाना चाहिए की झूठी-झूठी बातें कि और वोट तो ले लिए, कर्नाटक में सरकार बना दी। तेलंगाना में में सरकार बना दी। लेकिन इतना बर्बाद कर दिया। ये बात हमें लोगों को बतानी चाहिए और आप देखिए भाजपा की सरकारें जहां-जहां हैं, एनडीए की सरकार जहां-जहां है। हम अपनी गारंटियों को पूरा करने के लिए आखिरी साल का इंतजार नहीं करते। क्योंकि हम गारंटियां वही देते हैं जो पूरी हो सकती हैं। आपके आस-पड़ोस में दो राज्य हैं, आप देखिए ओडिशा और छत्तीसगढ़, यहां हमारी सरकारें बनें एक साल भी नहीं हुआ है। वहां सरकार बनने के 100 दिन के भीतर-भीतर ज्यादातर गारंटी हमारे लोगों ने पूरी कर दी है। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं क्योंकि मैं भाजपा झारखंड की टीम को भली-भांति जानता हूं। झारखंड भाजपा की टीम भी सरकार बनने के तुरंत बाद जनता को जो वादे किए हैं, उसको पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाएगी। इसलिए मैं कहता हूं कि घर-घर जाकर ये बातें बताइए, लोगों का विश्वास बढ़ेगा और मतदान भी ज्यादा होगा।

लेकिन मेरी एक बात आपसे करनी है, जब आप पोलिंग बूथ में काम करेंगे तो तय कीजिए, क्योंकि अब समय कम बचा है। अब दो-दो तीन तीन कार्यकर्ताओं की एक टोली, जिसमें एक महिला कार्यकर्ता हो एक पुरुष कार्यकर्ता हो पुरुष कार्यकर्ता हों दो महिला कार्यकर्ता हो। 10-10, 15-15 घर बांट ले। अब मतदान होने तक उन्हीं परिवारों की चिंता करे और ऐसे 15 टोली सारे परिवारों को बांट करके काम में लग जाए और दूसरा हमेशा आग्रह रहता है कि मतदान करने जाएं ना, तो उत्सव की तरह जाएं, जुलूस निकालकर जाएं, थाली बजा बजा करके गीत गाते हुए मतदान करने जाएं। ये लोकतंत्र का उत्सव है उससे मतदान भी बढ़ता है और मैं तो हमेशा करता हूं पहले मतदान फिर जलपान। राजीव जी मुझे बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके। आइए, अब मेरे साथ कौन बात कर रहा है।

संवाद-2

पंकज- नमस्कार सर, मैं पंकज मंडल, राजमहल विधानसभा क्षेत्र से।

PM- पंकज जी, जोहार, नमस्कार।

पंकज - नमस्कार सर।

PM- अच्छा पंकज जी आपके जिम्मे क्या है।

पंकज- जी सर हमारे दिल में यही है कि हमारे राजमहल विधानसभा क्षेत्र में सर, पिछले दो बार से भाजपा है और इस बार

PM- आप सोशल मीडिया का काम देखते हैं युवा मोर्चा में हैं क्या हैं आप। पंकज जी। पंकज आपका फोन कट हो गया। हेलो

पंकज- कि सर हमारे राजमहल क्षेत्र में दो बार से भाजपा है। इस बार भी हमारे राजमहल विधानसभा में फुल बहुमत से भाजपा का ही सरकार आएंगे।

PM- अच्छा पंकज जी, पंकज जी, जब आज आपसे बात करने का मौका मिल रहा है। आप इतने सक्रिय कार्यकर्ता हैं। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि भाजपा को झारखंड में हर जगह नौजवानों और महिलाओं का बहुत अधिक समर्थन मिल रहा है।

पंकज - जी सर झारखंड में..

PM- झारखंड में उनके लिए अपार संभावनाएं बनेंगी। युवाओं में किस तरह का उत्साह है। क्योंकि मैंने देखा कि मेरी रैलियों में भी युवा बहुत हैं। महिलाएं बहुत हैं और जब मैं पेपर लीक की बात करता हूं, तब तो मैंने देखा कि नौजवान बिल्कुल उछल पड़ते हैं। जरा मैं आपसे जानना चाहता हूं कि वहां क्या आप इसके विषय में क्या कहेंगे।

पंकज- गठबंधन की सरकार चल रही है। वो गठबंधन की सरकार से सर, युवाओं का जो कहना है, तो युवाओं का हर एक एक्जाम में जो एससीसी का, जो पेपर लीक हो जा रहा है सर। इसमें हमारे जो गठबंधन की सरकार है युवाओं के साथ बहुत ही छल किया जा रहा है। और हमारे यहां झारखंड की महिलाओं के साथ भी बहुत ही गलत किया जाता है। हमारे जो पांच साल पहले के भाजपा की सरकार के जो भी योजनाएं लागू किए हैं, हमारे झारखंड प्रदेश में। उस योजना को भी इस गठबंधन की सरकार ने बंद कर दिया। और इस बार सर हमें झारखंड प्रदेश में ये देखने को मिल रहा है कि हमारे भाजपा की सरकार में जो भी...

PM- हेलो, हेलो। हेलो, हेलो पंकजजी मुझे लगता है कि आपकी आवाज मुझे नहीं सुनाई दे रही। लेकिन मैं आपकी बात को मैं समझ पाया हूं, जो आप कह रहे थे। और कार्यकर्ता तो मुझे सुन रहे हैं तो मैं ….अच्छा चलिए आपकी फिर से आवाज आई। आपने जो कहा है तो मैं बताना चाहूंगा। देखिए, मैं तो उत्साह जबरदस्त देख रहा हूं। और माताएं-बहनें, युवा और उनका बहुत बड़ा कारण जो है, हम लोगों की काम करने की पद्धति है। जहां-जहां हमें सेवा करने का मौका मिला, हम लोगों ने काम किया। माताओं-बहनों को भाजपा पर भरोसा इसलिए होता है, क्योंकि हमने जो वादे किए, उसको पूरा के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी। हमने 10 सालों में माताओं-बहनों के लिए दूरगामी नीतियों पर काम किया है। और केंद्र सरकार के काम को देश की पूरी जनता ने तीसरी बार मोहर लगा दी है। देखिए, मैं कह रहा हूं इस बार भाजपा ने झारखंड में जो गोगो दीदी योजना की बात कही है। और बहनों के खाते में सीधा पैसा जमा करने की बात कही है। इसकी जबरदस्त असर है। और ये कैसे संभव हो पाता, अगर गांव की, गरीब परिवार की, आदिवासी-ओबीसी परिवार की बहनों का अगर बैंक खाता ही नहीं होता तो ये काम हो ही नहीं हो सकता। तो उन सबको विश्वास हो गया है कि हमने कोविड के समय सब खातों में पैसा जमा करवाया था। तो उनको विश्वास है कि आज जब भाजपा के लोग गोगो दीदी योजना कह रहे हैं तो जरूर पैसा आएगा और उनके खाते में आएगा। और महिलाओं के खाते में पैसा जाता है ना, तो महिलाएं बहुत तरीके से पैसों का उपयोग करती हैं। एक पाई भी बर्बाद नहीं होने देती। घर को क्या चाहिए। बच्चों को क्या चाहिए। घर में बुजुर्ग है तो उनको क्या चाहिए तो ये। इसलिए महिलाओं के हाथ में पैसा जाना मतलब उसका सही उपयोग होता है। देखिए, जेएमएम-कांग्रेस वालों ने तो बैंक के खाते भी नहीं खुलवाए थे। और बैंक खाते किसके नहीं खुले। कोई अमीरों के खाते नहीं खुले, ऐसा थोड़ा था। गरीबों के खाते नहीं खुले थे। आदिवासियों के, दलितों के, जंगलों में रहने वाले, पहाड़ों में रहने वाले, दूर-सुदूर इलाके में रहने वाले, उनके ही खाते नहीं खुले थे। क्योंकि उनको उनकी परवाह ही नहीं थी। ये मोदी था, उसने तय किया कि मैं पहले बैंक के खाते खुलवाउंगा तो चिल्लाने लगे। पैसे तो नहीं, खाते क्यों खोलेंगे। अरे पैसे नहीं है, फिर भी खाते खुले और आज उनके खातों में पैसे हैं। लेकिन उनकी सोच ही ऐसी है। और आज पैसे सीधे भिजवा रहे हैं हम। देखिए, गैस का सिलेंडर। पहले तो बड़े-बड़े रईसों के घर गैस का सिलेंडर होता था। गरीब तो गैस का सोच ही नहीं सकता था। क्यों कि उनके दिमाग में बस रईसों, अमीरों की खातिरदारी करने का उनका स्वभाव था। देखिए, भाजपा-एनडीए ने उज्ज्वला योजना से बहनों को घर में मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाया। और इसलिए आज जब झारखंड भाजपा सस्ते सिलेंडर देने की बात करती है तो बहनों को भरोसा पक्का हो जाता है। और आप तो भलीभांति लोगों को बता सकते हैं कि भई हमारी नीयत और नीति दोनों में कोई अंतर नहीं होता। हमारी नीयत साफ है, हमारी नीति स्पष्ट है। हम पहले हर काम के लिए बहुत ही अच्छा ग्राउंड तैयार करते हैं। आधार तैयार करते हैं। फिर सुविधा का विस्तार करते हैं। लेकिन जेएमएम-कांग्रेस के लोग सिर्फ वोट के लिए ही अनाप-शनाप घोषणाएं करना, गाली-गलौज करना, लोगों को बदनाम करना, लोगों को भड़काना इसी काम में लगे हुए हैं।

साथियों,

नौजवानों के लिए भी हमने रोजगार-स्वरोजगार के लिए नए रास्ते बनाए हैं। कांग्रेस की सरकारों के दौरान गरीब, दलित, पिछड़े-आदिवासी परिवार के नौजवानों को बैंकों से लोन तक नहीं मिलता था। क्योंकि उनके पास गिरवी रखने के लिए कुछ होता ही नहीं था। गारंटी चाहिए। डाक्युमेंट चाहिए। अब उसके पास बेचारे के पास तो होता ही नहीं था। और हम ये मुसीबत जानते थे, तो हमने क्या किया, हमने मुद्रा योजना बनाई। इसके तहत कोई भी गारंटी नहीं। कुछ भी गिरवी रखना नहीं है। बस मोदी ही आपकी सबसे बड़ी गारंटी है। और बिना गारंटी 10 लाख रूपए तक के लोन भी दिए। अब तो उनको भी बढ़ाकर हमने 20 लाख कर दिया है। इससे गरीब-आदिवासी बेटे-बेटी कोई ना कोई छोटा-मोटा काम शुरू कर देते हैं। परिवार की मदद करना शुरू करते हैं। सरकारी नौकरियों में भी ये लोग पेपर लीक और भर्तियों में धांधली, और उनको शर्म नहीं है कोई। इतना सारा पाप करने के बाद भी शर्म नहीं है। आप देखिए, इतने नेता चुनाव भाषण कर रहे हैं। एक जगह भी बोलते हैं कि पेपर लीक जो हुआ है, वो बहुत गलती है। माफी मांगते हैं। आगे से नहीं होगा। ऐसा कुछ तो बोलना चाहिए ना। परवाह ही नहीं है। वो तो नौजवानों को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। और मैंने तो वादा किया है हम निष्पक्षता से नौजवानों को नौकरियां दे रहे हैं और देते रहेंगे।

आप तो देखिए, हरियाणा में अभी-अभी हमारी सरकार बनी है। हमारी हरियाणा में सरकार बनने के तुरंत बाद पहला काम क्या किया, बिना खर्ची, बिना पर्ची लोगों को नौकरी देना शुरू कर दिया। और खर्ची का मतलब होता है, रिश्वत देना। और पर्ची का मतलब होता है, किसी बड़े कांग्रेस के नेता से चिठ्ठी लिखवाना। ये हमने हरियाणा में सब कुछ बंद कर दिया। और जब नौजवानों को घर में सीधे आर्डर मिल गए। विधवा मां को अपने बेटे या बेटी के लिए आर्डर मिल गया तो क्या खुशी थी। आपने तो वीडियो देखे होंगे सारे। सारे नौजवानों ने डबल दीवाली मनाई इस बात तो। तो ऐसे काम करते हैं हम। तो मैं, पंकज जी मुझे बहुत अच्छा लगा कि आप बड़े विश्वास के साथ लगे हुए हैं। लेकिन मैं फिर से कहूंगा कि अब हमें मतदान तक, जहां 13 तारीख को मतदान है, वहां 13 तारीख और जहां 20 तारीख को मदतान है, वहां 20 तारीख। अब पूरी ताकत बूथ में लगानी है। और तय कीजिए, जब मतदान करने जाएंगे तो कम से कम एक बूथ में 10-15 जुलूस निकलने चाहिए। और गाते-गाते, बाजे-बाजे के साथ वोट करने जाना चाहिए। एक फेस्टिवल मनाना चाहिए लोकतंत्र का। चलिए, मुझे अच्छा लगा पंकज जी। आप तो पंकज का मतलब ही कमल होता है। चलिए मैं अब किसी और से बात करता हूं। अभी कौन है मेरे साथ बात करेंगे।

संवाद-3

बलवंत सिंह- नमस्कार प्रधानमंत्री महोदय, मैं बलवंत सिंह बोल रहा हूं बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर विधानसभा से।

PM- बलवंत जी नमस्ते। चलिए आप तो बाबा की नगरी से बोल रहे हैं। आपका जिम्मेवारी क्या है पार्टी में बलवंत जी।

बलवंत सिंह- सर मैं संयोजक हूं घनौरा मंडल के शक्तिकेंद्र मावेल में।

PM- अच्छा, वाह। मतलब मुझे आपसे धरती की जानकारी मिलेगी, पक्की जानकारी मिलेगी। अच्छा मुझे बताइए, देखिए मैं झारखंड में जितना गया हूं, भ्रष्टाचार और परिवार के खिलाफ लोगों को में बहुत गुस्सा है। केंद्र की जिन योजनाओं में भ्रष्टाचार नहीं हो पाता उसको तो वो लागू ही नहीं करते क्योंकि उनकी कटकी नहीं मिलती। क्या आप लोगों से जब मिलते हैं, तो ऐसी बातें उठाते हैं क्या और लोगों का क्या रिस्पांस होता है।

बलवंत सिंह- जी सर, ऐसी बात तो उठाते हैं। और हमारा झारखंड में दो ही मुद्दे पर चर्चा होती है, भ्रष्टाचार और परिवारवाद। ये ज्वलंत मुद्दा है और इसको लेके लोगों में बहुत सारा आक्रोश है सर।

PM- लेकिन लोग इन परिवारवादी पार्टियों को खत्म करने के मूड में हैं क्योंकि नौजवानों का भविष्य ये परिवारवादी पार्टियां ही बर्बाद करती हैं।

बलवंत सिंह- जी सर, ये परिवारवाद…ये हेमंत सोरेन अपने परिवार से ही सरकार चलाता है। अब तो जान ही रहे हैं, सारी जनता ने तो देखा ही कि एक लोकप्रिय, एक योग्य आदमी चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया और जेल से आते ही उनको उठाकर फेंक दिया। जो भी करना है इनका ही परिवार करेंगे। जिससे लोगों के बीच में काफी आक्रोश है सर। उसके बाद रहा भ्रष्टाचार के विषय में तो आपके नेतृत्व में भारत हमारा बहुत आगे जा रहा है। और सर्वांगीण विकास हुआ है और हो रहा है लेकिन हमारे झारखंड में आपकी जो है लोकप्रिय और जनकल्याणकारी योजना जल नल मिशन और प्रधानमंत्री आवास ये पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

PM- यही तो…क्योंकि इनमें उनको कटकी-बटकी मिलती नहीं है। क्योंकि पैसा हम सीधा भेजते हैं लाभार्थी के खाते में। बलवंत जी मुझे बहुत अच्छा लगा। आपकी बातों से मुझे पक्का लगता है कि आप बिलकुल धरती पे काम कर रहे हैं। घर-घर जाने वाले कार्यकर्ता दिखते हैं। इसलिए आपको धरती की बारीकी पता है। यही तो मेरी ताकत है, यही मेरी पार्टी की ताकत है। देखिए आपकी बात बिलकुल सही है। झारखंड में भ्रष्टाचार और परिवारवादी पार्टी, सिर्फ परिवार, ये पार्टी फॉर द परिवार, बाय द परिवार, ऑफ द परिवार, ऐसी ही है परिवार। परिवारवादी पार्टियां भ्रष्टाचारी तो होती ही हैं। ये समाज के प्रतिभाशाली नौजवानों के रास्ते में सबसे बड़ी दीवार होती हैं। जेएमएम के परिवारवादियों ने कांग्रेस के शाही परिवार से ऐसी गंदी चीजें सीखी हैं कि जिसमें कुर्सी और खजाना बस दो की ही चिंता रहती है। नागरिकों की उनको परवाह ही नहीं होती है। यहां एक ही परिवार से अलग सामान्य आदिवासी समाज का एक दूसरा बेटा, और आपने सही कहा चंपई सोरेन जी को मजबूरी में मुख्यमंत्री तो बनाना पड़ा, एमएलए का दबाव था इसलिए बना तो दिया लेकिन काम भी नहीं करने दिया और जैसे ही बाहर आए जिस प्रकार से अपमानित किया और ये सिर्फ चंपई सोरेन जी का नहीं, पूरे आदिवासी समाज का अपमान है। पूरे झारखंड के नागरिकों का अपमान है। चंपई जी को सीएम तो उन्होंने ही बना था। लेकिन चंपई जी उनके पाप के भागीदार नहीं बने। तो बस उनको लात मारके निकाल दिया। और समाज के दबाव में सब होता रहा, अपमानित करते रहे। जहां तक भ्रष्टाचार की बात है उन्होंने आपका बालू, आपका नल, आपका राशन, नौजवानों को परीक्षा का पेपर, नौजवानों की नौकरी में भर्तियां क्या नहीं लूटा है। बस लूटना ही उनका काम है। और मैं तो हैरान हूं जी जब मैंने टीवी पर देखे नोटों के पहाड़। सारे देश ने देखे, देश चौंक गया है लेकिन फिर भी इनको शरम नहीं है। और मैं आपको कहता हूं, अभी तो जो नोटों के पहाड़ निकले हैं ना, इससे ज्यादा दबे पड़े हैं पहाड़ नोटों के। और मैं तो लगा हूं इसको निकाल करके रहना है।

साथियों,

इनलोगों का काम करने का एक और तरीका भी है। ये केंद्र की जिन योजनाओं में उनकी कटकी-बटकी नहीं चलती है। भ्रष्टाचार नहीं कर सकते, तो वो बिलकुल ऐसे सारे कामों को ताला लगा देते हैं। और अपनी एक नकली योजना का नाम देकर के लोगों को गुमराह करते हैं। गरीबों को घर देने के नाम पर इन्होंने यही किया है। आवास के फर्जी स्कीम लेकर आए और लोगों से फार्म भरवाए और फार्म भरवाने में भी उगाही की। हफ्ता खाया, कमीशन खाया, और गरीब बेचारा इंतजार में बैठा रहा कि मकान मिलेगा। मुफ्त इलाज की भी योजना, अब आयुष्मान भारत योजना से झारखंड में तो मुफ्त इलाज मिलता ही है। दूसरे राज्यों में जो काम करने गए हैं उनको भी वहां फायदा होता है। अगर झारखंड का कोई भाई मुंबई में गया है और वहां उसको तकलीफ हुई और आयुष्मान कार्ड होगा तो उसकी दवाई हो जाएगी। जेएमएम-कांग्रेस वाले जिस प्रकार की फर्जी योजनाएं चलाते हैं, उनका लाभ कभी भी लोगों को मिलता नहीं है। दूसरे राज्यों में किसी भी अस्पताल में योजनाएं नहीं चलती। और इसलिए मैं तो झारखंड के हर भाई-बहन को कहूंगा जरा सतर्क रहना है। बलवंत जी मुझे बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके। आइए, हमारे और कार्यकर्ता इंतजार कर रहे हैं। अब हमसे कौन बात करेंगे।

संवाद-4

पिंकी खोया- जी प्रधानमंत्री जी को मेरा जोहार। मैं पिंकी खोया, हटिया विधानसभा से बूथ नंबर 274 से बात कर रही हूं।

PM- पिंकी जी आपकी जिम्मेवारी क्या है?

पिंकी खोया- जी, मैं एसटी मोर्चा में प्रदेश प्रवक्ता हूं।

PM- अरे वाह, इसलिए इतना बढ़िया बोलती हैं आप।

पिंकी खोया- मैंने तो आपका साक्षात दर्शनों की कामना की थी, लेकिन मेरी प्रार्थना कुछ कमी रह गई शायद। लेकिन मेरे लिए ईश्वर की बहुत कृपा है कि आज मैं वन टू वन आप से बात कर पा रही हूं।

PM- देखिए बहन, जरूर मौका मिलेगा, मैं एक कार्यकर्ता हूं। मैं जाता-आता रहता हूं, जरूर मैं भी आपका दर्शन करूंगा। पिंकी जी आपकी पढ़ाई क्या हुई।

पिंकी खोया- जी मैंने बीएससी किया हुआ है और एलएलबी है और मैं हाईकोर्ट में प्रैक्टिस भी करती हूं। मैं जनजातीय समाज से आती हूं सर।

PM- वाह-वाह.. मेरा यह गर्व है, मेरे पार्टी के लिए यह गर्व है कि पिंकी खोया जी पढ़ी लिखी हैं और पार्टी के प्रति समर्पित हैं। अच्छा, पिंकी जी आप इतनी एक्टिव हैं, पत्रकारों से भी मिलती होंगी, लोगों से भी मिलती होंगी, टीवी डिबेटों में भी जाती होंगी, अच्छा मुझे बताइए कांग्रेस-जेएमएम के लोग आदिवासी और ओबीसी समाज को छोटी-छोटी जातियों में तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। जहां भी कांग्रेस सरकार में आई है, उसने पहला काम किया है कि आरक्षण को लूटो। इस मुद्दे पर आपके यहां चर्चा कैसे हो रही है, कैसे आप लोगों को समझा रहे हैं।

पिंकी खोया- जी जब हमलोग जा रहे हैं ग्राउंड लेवल पर परिवारों के बीच में हमलोग अखरा लेवेल पर भी बहुत सारी बैठकें कर रहे हैं। तो लोगों के मन में एक भ्रम है कि आपने पिछले दिनों देखा कि कैसे बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर ये लोग बहुत एक्टिव हुए और ये लोग लगातार पक्षधर हैं जातीय जनगणना का। जिससे एक एक तोड़क शक्तियां बनकर उभर के आए हैं। तो हम लोग लोगों को बताने का प्रयास कर रहे हैं कि आदिवासी के असल में विकास के लिए असल में किसी भी पार्टी ने चिंता की है तो वो भारतीय जनता पार्टी है। क्योंकि 60 साल से अधिक समय तक केंद्र में कांग्रेस ने राज किया और तब भी आदिवासी की स्थिति वही है और फिर आज आदिवासी की गरीबी की राजनीति पुनः करना चाहते हैं ये लोग। तो हम लोग ये बताने का प्रयास करते हैं कि जेएमएम और कांग्रेस की सरकार ये भ्रष्ट से भ्रष्टतम सरकार में से एक है। जो बोलते आदिवासियों के लिए हैं लेकिन असल में ये आदिवासियों की ही जड़ें काटने में लगे हुए हैं। मैं आपको छोटा उदाहरण बताना चाहती हूं। क्योंकि झारखंड अनुसूचित क्षेत्र है और यहां पे जनजातियों के पास जल, जंगल और जमीन ही है। जमीन जो है यहां आदिवासियों की सबसे बड़ी संपदा है। लेकिन जमीन की लूट ये जेएमएम की सरकार में सबसे ज्यादा बहुतायत तरीके से हुई है। और आम आदमी की जमीन की लूट तो हुई ही है लेकिन यहां पर जनजातियों की जो कस्टमरी जमीन है, जो पूजा की भूमि होती है जनजातीय समाज की जैके सरना, मसना, खडगड़ी देशावली, इस तरह की जमीनों की भी लूट हो रही है। जो अनट्रांसफरेबल है, ऐसी जमीनों की भी लूट हो रही है, ऐसी जमीनों पर भी इनक्रोचमेंट हो रहे हैं। और ये जेएमएम की सरकार बहुत जोर-शोर से करवा रही है। तो ये इस बात से यह स्पष्ट होता है कि जेएमएम और कांग्रेस को आदिवासियों की चिंता नहीं है। ये असल में आदिवासियों की जड़ों को, इस तरह से कस्टम और यूजेज को ये अगर खंडित करते हैं, विखंडित करते हैं या उसको धूमिल और हल्का करने की कोशिश करते हैं, आदिवासी अपने कस्टम से ही सबकुछ है उसको वहां से ही काटना शुरू कर रहे हैं तो यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है।

PM- पिंकी जी, आपको सुनने के बाद मुझको लगता है कि मैं आपको अभी तक नहीं मिला तो मैंने बहुत कुछ खोया है। आपके विचारों को सुनकर मुझको लगता है कि आपके पास बहुत खजाना है। मेरे ज्ञानवर्धन के लिए भी काम आ सकता है। अब तो पक्का हो गया है कि मुझे आपसे मिलकर के छोटी-छोटी बारीकियां समझनी है। मुझे अच्छा लगेगा, चुनाव तक तो संभव नहीं होगा लेकिन जरूर मैं आपको इतना नॉलेज है और इतनी बारीकि का नॉलेज है। मुझे गर्व होता है कि मेरे पास ऐसी पढ़ी-लिखी महिला कार्यकर्ता हैं, जो समाज की भलाई के लिए ऐसे जुटी हुई हैं। इस विषय को पूरी गंभीरता से मुझे लगता है कि जन-जन के बीच रखना है।

पिंकी – जी बिल्कुल।

PM- क्योंकि आपने जो बताए, वो सारे विषयों को वो बहुत गंभीर है। मैं आपको बताता हूं कि आप इसे कैसे समझा सकती हैं। एक समय था जब पूरे देश में पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक सिर्फ कांग्रेस ही थी। जब तक कांग्रेस ही कांग्रेस थी तब तक देश में आरक्षण की बात करने की हिम्मत ही नहीं होती थी। कांग्रेस ऐसी आवाजों को कुचल देती थी। क्योंकि नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक शाही परिवार के सभी लोग आरक्षण के घोर विरोधी रहे हैं। तब दलित समाज, ओबीसी समाज, आदिवासी समाज छोटी-छोटी अनेक जातियों में छितराया हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे लोगों को बाबासाहेब अंबेडकर की बात समझ में आने लगी। दलित समाज एससी के रूप में. आदिवासी समाज एसटी के रूप में एकजुट हुआ। इसके कारण कांग्रेस को कई राज्यों में चुनौतियां मिलने लगी। ओबीसी समाज तो 1990 तक एकजुट ही नहीं हो पाया था। जब एकजुट हुआ तो कांग्रेस का दिवाला निकल गया। तब से लेकर आज तक कांग्रेस केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली सरकार ही नहीं बना पाई। और आज पूरे देश में गिनकर के सिर्फ तीन राज्यों में उनकी सरकार है। और जहां-जहां दलित, ओबीसी और आदिवासी सबसे ज्यादा है, सबसे जागरूक है और एक है वहां भाजपा और एनडीए सरकारें हैं। नॉर्थ-ईस्ट हो, ओडिशा हो, छत्तीसगढ़ हो, एमपी हो, गुजरात हो, राजस्थान हो, यूपी हो, बिहार हो, महाराष्ट्र हो या हरियाणा हो, यहां एससी,एसटी और ओबीसी की आबादी सबसे अधिक है। इन सभी राज्यों में भाजपा एनडीए सरकार है। यहां कांग्रेस के आने के आसार दूर-दूर तक नहीं है। और इससे कांग्रेस का शाही परिवार बहुत गुस्से में है। इसलिए उन्होंने, एससी, एसटी और ओबीसी की सामूहिक शक्ति को ही तोड़ने का फैसला किया। आप देखेंगे कि बीते कुछ सालों से यही इनका एजेंडा बन गया है। ये चाहते हैं कि दलित समाज, एससी के बजाय छोटी-छोटी जातियों के रूप में टूट जाए। ये चाहते हैं कि ओबीसी समाज भी सैकड़ों उपजातियों के रूप में बंट जाए, टूट जाए और आपस में भिड़ता रहे। एसटी समाज भी सैकड़ों छोटी-छोटी जातियों के रूप में बिखर जाए, इनकी पहचान ही खत्म हो जाए। जब ये समाज छोटी-छोटी जातियों में टूटेंगे तो एससी, एसटी और ओबीसी के रूप में इनकी आवाज कमजोर हो जाएगी। जिस दिन ऐसा होगा उस दिन कांग्रेस की साजिश सफल हो जाएगी और उस दिन कांग्रेस आपसे आपका आरक्षण भी छीन लेगी। और आप जानते हैं कि इसलिए मैं लगातार कहता रहा हूं कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। सभी ओबीसी समाज एक रहने चाहिए। सभी एसटी समाज एक रहने चाहिए। सभी एससी समाज एक रहने चाहिए। और आप तो सोशल मीडिया में मेरे पास कांग्रेस की एक पुरानी एडवरटाइजमेंट लोगों ने भेजी है। मैं तो हैरान हूं कि कैसी एडवरटाइजमेंट छापते थे चुनाव में। आप तो प्रवक्ता के रूप में टीवी में जाती हो, जरा उस एडवरटाइजमेंट, आज लोग उसे सोशल मीडिया पर दिखा रहे हैं, शायद जब राजीव गांधी जी कांग्रेस के नेता थे, उस जमाने का एडवरटाइइजमेंट है। और उस एडवरटाइजमेंट में एससी, एसटी और ओवीसी को इतना भद्दा पेंट किया है। और उससे देश को कितना बड़ा नुकसान होगा उसमें साफ-साफ कह दिया गया है कि एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण छीन लेना पड़ेगा। ये उनकी एडवरटाइजमेंट है। तभी आप जरूर देखिए, तब आपको पता चलेगा और इसे लोगों को भी दिखाइए। पिंकी जी मुझे बहुत अच्छा लगा आपसे संवाद करा और आपको बारीकियों का पता है और आपको सुनकर के और कार्यकर्ताओं को भी अच्छा लगा होगा।

PM- चलिए सभी कार्यकर्ताओं से बात करने का मौका मिला यह बहुत अच्छा लगा। देखिए बूथ स्तर पर जो आशीर्वाद भाजपा को मिल रहा है, उससे साफ है कि जेएमएम की भ्रष्ट सरकार उसका जाना तय है। काउंटडाउन शुरू हो चुका है। मेरा तो आपसे यही कहना है कि पूरी ताकत बूथ में लगाइए। मेरा बूथ सबसे मजबूत, पहले से ज्यादा वोट बीजेपी-एनडीए के साथियों को मिलना चाहिए। पहले से ज्यादा बूथ में मतदान होना चाहिए। और मेरा तो आग्रह है कि सुबह-सुबह बूथ पर वोट होना चाहिए और हम कार्यकर्ताओं को तो शाम को मतदान पूरा होने तक, आखिरी व्यक्ति जब तक है, हमें सक्रिय रहना चाहिए। और मैं तो आश्वस्त हूं कि हर बूथ पर लाखों मोदी बैठे हैं। मेरे लिए तो आप ही मोदी है। चाहे पर्ची बांटने का काम हो, बूथ की जानकारी आप सबके पास हो, घर में अलग से महिलाओं के साथ बात करने की व्यवस्था हो, उनको वोट डालने की जिम्मेवारी हो और मैं तो आप से कहूंगा कि बूथ के अंदर मान लीजिए 300 परिवार हैं। तो 15 टोली बनाकर के 20 परिवार को लेकर बैठ जाइए। 20-20 परिवारों में बैठकर के मतदान होने तक उनके साथ जुड़े रहिए। क्योंकि अब तो प्रचार भी अंत हो रहा है, इसलिए पूरी शक्ति बूथ पर लगाने की है और बूथ पर परिवार में लगानी चाहिए और जिस दिन मतदान हो ना थाली बजाते-बजाते, जैसे हम कहीं मंदिर के उत्सव में जाते हैं, ये लोकतंत्र का उत्सव है। तो थाली बजाते, घंटी बजाते, गीत गाते-गाते, हर मोहल्ले से वोट करने के लिए जाना चाहिए। इससे उत्साह भी बढ़ेगा। मतदान भी बढ़ेगा। और भाजपा को भी लाभ होगा और लोकतंत्र को भी लाभ होगा। और इसलिए घर-घऱ जाना है, हमारे संकल्प की बात करनी है, जिन मुद्दों को लेकर हम काम कर रहे हैं वो बताना है और लोगों को विश्वास देना है कि आपका भी भविष्य उज्ज्वल होगा आपके बच्चों का भी भविष्य उज्ज्वल होगा। और तब जा करके हम इस विजय को एक उत्सव के रूप में मना पाएंगे। गरीब हो, दलित हो, पीडित हो, शोषित हो, वंचित हो, मजदूर हो, शहरी हो, ग्रामीण हो हर किसी को पूरे तामझाम के साथ लेकर के मतदान करने के लिए जाना है। मुझे आज बहुत अच्छा लगा आप सबसे मिलने का मौका मिला। पब्लिक रैली में आता हूं। तब तो बहुत बारीकी से बात नहीं हो पाती है। लेकिन हेलीपैड पर जहां उतरता हूं और हवाई जहाज पर बैठने से पहले या तो मंच पर जाने से पहले, मेरी आदत होती है छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं से बात करने की। और मैं जो उनका उत्साह और उमंग देख रहा हूं और जो उनका एनालसिस देख रहा हूं। मेरा पक्का विश्वास है कि भारतीय जनता पार्टी बहुत भाग्यवान है कि आप जैसे दिन-रात मेहनत करने वाला लाखों कार्यकर्ता है। जनता के लिए जीने वाले कार्यकर्ता है और भारतीय जनता पार्टी को जिताने के लिए और वो भी जनता की भला करने के लिए जिताने के लिए दिन-रात आप मेहनत करते हैं। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। ज्यादा से ज्यादा मतदान हो। भारी मतो से विजयी हों यही लक्ष्य लेकर के हम हर बूथ पर काम करें। एक-एक परिवार पर काम करें, यहीं मंत्र आपको काम आएगा। मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सबको जय जोहार! धन्यवाद।