Published By : Admin |
August 18, 2015 | 19:26 IST
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A special package of Rs. 1.65 lakh crores for developing Bihar, for transforming future of the state: Narendra Modi
People of Bihar have decided to elect a BJP led NDA Govt: Narendra Modi
Bihar is moving towards politics of development: Narendra Modi
We must avoid such people who cannot shun their arrogance: Narendra Modi
Bihar has witnessed a steady increase in crimes & riots in first six months of this year: Narendra Modi
We are committed to find permanent solutions of all problems that Bihar faces today: Narendra Modi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सहरसा के पटेल मैदान में एक विशाल जन-समुदाय को सम्बोधित किया।
सर्वप्रथम उन्होंने मंच पर उपस्थित राजग के सभी नेताओं को सम्बोधित किया और फिर मैथिली में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि हवा का रुख साफ दिख रहा है कि इस चुनाव में माहौल कैसा है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इस बार बिहार में भाजपा के नेतृत्व में राजग की सरकार बनाने का मन बना लिया है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कोसी अंचल के लोगों की जिजीविषा की तारीफ़ करते हुए कहा कि वो न तो थकते है, ना ही रुकते हैं; वे लगातार आगे बढे रहते हैं और ऐसे कोसी के लोगों को मैं शत-शत नमन करता हूँ।
उन्होंने कोसी की सौंगध खाते हुए कहा कि किसी व्यक्ति का अहंकार बहुत ही गहरी चोट पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि मुझ कोई व्यक्तिगत तौर पर अपमानित करे या दुत्कार दे या अनाप-शनाप किसी भाषा का प्रयोग करे तो मैं कभी भी सार्वजनिक रूप से इस प्रकार की हरकतों पर नहीं बोलता वरन उसे सहने के लिए अपने आपको तैयार करता हूं।
लेकिन जब अहंकार की वजह से जन सामान्य के जीवन से खिलवाड़ किया जाए तो मैं जनता के लिए खुद को रोक नहीं पाता। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों ने सात साल पहले कोसी के कारण इस क्षेत्र में आयी बाढ़ की भयंकर विभीषिका से निबटने के लिए मदद के रूप में पांच करोड़ का चेक भेजा था जिसमें कोसी अंचल के गुजरात में रहने वाले भाईयों ने भी योगदान दिया था पर इनका अहंकार इतना था कि उन्होंने आमजन की पीड़ा को दरकिनार करते हुए, जनता के दुःख-दर्द के साथ खिलवाड़ करते हुए 5 करोड़ का चेक वापस भेज दिया था। उन्होंने लोगों से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या सार्वजनिक जीवन में ऐसा आचरण उचित है? उन्होंने कहा कि ऐसे अहंकार ने बिहार के सपनों को रौंद डाला और मैं अपमान का घूँट पी कर रह गया। प्रधानमंत्री ने जनता से प्रश्न पूछते हुए कहा क़ि ऐसे संवेदनहीन लोग जो अपना अहंकार नहीं छोड़ सकते, हमें उन्हें छोड़ देना चाहिए?
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से क्या अपेक्षा की जा सकती है जो केवल सत्ता की खातिर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हमारे देश की आन, बान और शान जयप्रकाश नारायण जी को जेल में बंद कर उन्हें मृत्यु की ओर धकेलने वाले कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ जाती है। उन्होंने कहा कि यह महान जयप्रकाश नारायण जी के साथ धोखा है, विश्वासघात है। उन्होंने लोगों से पूछा कि आज जो लोग जय प्रकाश नारायण जी कि जिंदगी के साथ धोखा करने वालों के साथ सीटों का बंटवारा कर रहे हैं, आप ऐसे लोगों पर भरोसा कैसे कर सकते हैं?
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की राजनीति बदलाव की ओर चल पड़ी है और यहां की जनता ने भली-भाँति सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है; यहां की जनता अब इन्हें एक क्षण भी बर्दाश्त करने वाली नहीं है।
श्री मोदी ने कहा कि बिहार में लगातार अपराध बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में मुसीबतें दबे पांव पहुंचना शुरू हो चुकी हैं और जंगलराज का डर सताने लगा है। उन्होंने बिहार पुलिस की वेबसाइट के आंकड़ों का उदहारण देते हुए कहा कि जनवरी 2015 से जून 2015 तक बिहार में गंभीर अपराधों, हत्याओं और दंगों की संख्याओं में काफी उछाल आया है। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि अगर बिहार में हत्याएं बंद करवानी हैं, दंगे बंद करवाने हैं तो पटना में एक मजूबत सरकार लाइये और मैं विश्वास दिलाता हूँ कि हम इन सारी समस्याओं का निदान करके रहेंगें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह समस्याओं को पहले से ही भांपकर समय रहते ही उसका निदान निकालने के लिए तत्पर रहते हैं ताकि जान-माल का कम-से-कम नुकसान हो सके। उन्होंने कहा कि पिछले साल हमने इसी तरह से कोसी में बाढ़ की संभावनाओं को पहले से ही भांपकर नेपाल और बिहार में त्वरित कार्रवाई की जिसके हमें अच्छे परिणाम मिले। उन्होंने कहा कि जब भूकम्प के रूप में विभीषक प्राकृतिक आपदा ने नेपाल और बिहार में दस्तक दी तो हमने तुरत इस समस्या से निबटने की दिशा में पहल की और हमने पीड़ित लोगों की सेवा में अपने आपको समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि हम नेपाल के साथ दुःख की घड़ी में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे और आज भी हम मानवता की सेवा में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी प्रवृत्ति समस्याओं का दीर्घकालीन समाधान निकालने की रही है और हमने इस दिशा में काफी अच्छा कार्य किया है।
उन्होंने कृषि के साथ-साथ किसानों की स्थिति में भी सुधार लाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि हमने किसानों के हित में विगत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर कृषि विकास और किसान कल्याण मंत्रालय करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि बिहार का भाग्य बदलने के लिए, बिहार के लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए हमने आरा में आज कौशल विकास, सड़क परिवहन, शिक्षा, बिजली, रेलवे, पर्यटन सहित अनेक लोक कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्होंने पिछले लोक सभा चुनाव में बिहार की जनता से 50 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन मुझे लगा कि बिहार के विकास के लिए इतनी राशि ही काफी नहीं है वरन इससे भी अधिक राशि की जरूरत है और इसलिए बिजली और सड़क के लिए आवंटित 40 हजार करोड़ रुपये की राशि के अतिरिक्त हमने सवा सौ लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बिहार के पिछली दो जन-सभाओं में मैंने संसद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए इसकी घोषणा नहीं की थी फिर भी इस बात को लेकर मेरे ऊपर ताना मारा गया कि मोदी केवल बोलते हैं, कुछ करते नहीं।
उन्होंने कहा कि इस घोषणा के बावजूद मेरे खिलाफ बोला जाएगा लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं, मुझे बिहार के लोगों की चिंता है और यह मेरा विश्वास है कि मैं बिहार की शक्ल-सूरत बदल दूंगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'राज्य के स्वाभिमान को गिराकर नीतीश कुमार ने केंद्र की कांग्रेस सरकार से बिहार के लिए गिड़गिड़ाकर पैकेज मांगा। केंद्र ने भी रोते हुए बच्चे को चुप कराने के उद्देश्य से बिहार के लिए 12,000 (इसमें 1000 करोड़ रुपया तो अटल जी की सरकार द्वारा ही दी गई थी) करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की, जिसमें से केवल 4,000 करोड़ रुपया ही बिहार सरकार खर्च कर सकी है। इस राशि में से भी 2012-13 के दौरान बहुत मामूली खर्च किया गया। 8,000 करोड़ रुपये नीतीश कुमार के खजाने में अब भी रखे हैं। इतना पैकेज मिलने के बाद भी बिहार सरकार विकास के लिए कुछ खास नहीं कर सकी है। दिल्ली में मेरी सरकार बनने के बाद पहले की अपेक्षा ज्यादा खर्च हुआ।'
उन्होंने बिहार में शिक्षा की खस्ता हाल पर करारी चोट करते हुए कहा कि आज बिहार के होनहार और मेधावी छात्रों को पढ़ने के लिए बाहर जाने की जरूरत क्यों आन पड़ी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमें यह स्थिति बदलनी हैं और मैं इसे बदलकर रहूंगा; ऐसा मेरा विश्वास है।
अपने उद्बोधन के अंत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विशाल जन समर्थन के लिए लोगों के प्रति ह्रदय से अपना आभार प्रकट किया और कहा कि वह बिहार के सामर्थ्य को पुनर्स्थापित करने के लिए, बिहार का भाग्य बदलने के लिए, बिहार की जनता का भविष्य बदलने के लिए, बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए बिहार से कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार हैं।
Prime Minister Narendra Modi to pay a State visit to Bhutan from 11-12 November 2025
November 09, 2025
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Prime Minister Shri Narendra Modi will pay a State visit to Bhutan from 11-12 November 2025. The visit seeks to strengthen the special ties of friendship and cooperation between the two countries and is in keeping with the tradition of regular bilateral high-level exchanges.
During the visit, the Prime Minister will receive audience with His Majesty Jigme Khesar Namgyel Wangchuck, the King of Bhutan, and the two leaders will inaugurate the 1020 MW Punatsangchhu-II Hydroelectric Project, developed jointly by Government of India and the Royal Government of Bhutan. Prime Minister will attend the celebrations dedicated to the 70th birth anniversary of His Majesty Jigme Singye Wangchuck, the Fourth King of Bhutan. Prime Minister will also meet the Prime Minister of Bhutan H.E. Mr. Tshering Tobgay.
The visit of Prime Minister coincides with the exposition of the Sacred Piprahwa Relics of Lord Buddha from India. Prime Minister will offer prayers to the Holy Relics at Tashichhodzong in Thimphu and will also participate in the Global Peace Prayer Festival organised by the Royal Government of Bhutan.
India and Bhutan share a unique and exemplary partnership marked by deep mutual trust, goodwill and respect for each other. The shared spiritual heritage and warm people-to-people ties are a hallmark of the special partnership. Prime Minister’s visit will provide an opportunity for both sides to deliberate on ways to further enhance and strengthen our bilateral partnership, and exchange views on regional and wider issues of mutual interest.