गांधीनगर, शुक्रवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधीनगर में विशाल महिला सम्मेलन का शुभारंभ किया। आंगनबाड़ी संचालिकाओं को माता यशोदा पुरस्कार प्रदान करते हुए उन्होंने गुजरात में नारी शक्ति के सामर्थ्य से माता एवं बालकों को कुपोषण से मुक्त करने का अभियान शुरु करने का संकल्प जताया।

गुजरात सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग के तत्वावधान में आज आयोजित महिला सम्मेलन में जिले की नारी शक्ति भारी संख्या में मौजूद थी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आज के इस महिला सम्मेलन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा आया बहनों को उत्तम सार-संभाल के लिए राज्य सरकार द्वारा माता यशोदा अवार्ड के रूप में राज्य, जिला घटक एवं स्थानीय पालिकाओं के स्तर पर 51000, 31000, 21000, 11000 रुपये की चार कैटेगरी के माता यशोदा पुरस्कार मुख्यमंत्री ने प्रदान किए। शिक्षा एवं संस्कार का बच्चों में सिंचन करने वाली आंगनबाडि़यों और उनकी संचालिका बहनों को आदर प्रदान करने के उद्देश्य से देश में पहली बार यह पहल गुजरात सरकार ने की है। माता यशोदा अवार्ड में भारी रकम पुरस्कार के रूप में प्रदान कर इन बहनों को सम्मानित किया गया है।

आंगनबाड़ी एवं उनकी संचालिका बहनों की समाज में उपेक्षित स्थिति को दूर करके इन्हें प्रतिष्ठा दिलाई गई है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आंगनबाड़ी में जीवन समर्पित करने वाली महिलाएं जब निवृत्त हों, उस समय उनके हाथ में बचत की भारी रकम हो और वह आत्मगौरव से जीवन व्यतीत कर सके, इसके स्वास्थ्य रक्षा का बीमा भी गुजरात सरकार करवा रही है।

गांव-गांव में सखी मंडलों की आर्थिक प्रवृत्तियों का नेटवर्क शुरु कर ग्राम नारी शक्ति को प्रेरित करने के लिए भी आंगनबाड़ी की संचालिकाएं कार्य पूर्ण करें तब प्रति सखी मंडल के हिसाब से 1500 रुपये की रकम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जाती है। इसकी वजह से गुजरात के कोने-कोने में दो लाख सखी मंडलों की आर्थिक प्रवृत्ति में लाखों महिलाएं शामिल हुई हैं। निकट भविष्य में इन सखी मंडलों से जुड़ी महिलाओं के हाथों में 1000 करोड़ का आर्थिक कारोबार पहुंच जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी पुरुष संचालित संगठन इतना बड़ा कारोबार नहीं करता। सखी मंडलों की गरीब परिवारों की महिलाएं स्वयं के परिवारों को ब्याजखोर शोषणखोरंों के चंगुल से मुक्त करती है और परिवार के सुख-दुख के मौके पर पूरक आवक से उनके आर्थिक स्तर में सुधार होता है।

मातृ एवं नारी शक्ति के आर्थिक कारोबार का नया प्रयोग सखी मंडल द्वारा सफल हुआ है। इसी से प्रेरित होकर समग्र देश में पहली बार नारी सशक्तिकरण के लिए मिशन मंगलम् प्रोजेक्ट शुरु किया गया है। जिसमें देश की 32 जितनी नामी कंपनियों का 20 से 25 हजार करोड़ का निवेश लाया जाएगा। ग्रामीण समाज में गतिशील रोजगारलक्षी आर्थिक प्रवृत्ति मिशन मंगलम् योजना के माध्यम से गुजरात सरकार ने शुरु किया है।

श्री मोदी ने कहा कि कुपोषण के खिलाफ जंग शुरु कर इस सरकार ने आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता बहनों द्वारा गरीब सगर्भा माताओं तथा छोटे बच्चों एवं किशोरियों को पोषक आहार निःशुल्क देने का अभियान शुरु किया है। श्री मोदी ने कुपोषण के खिलाफ जंग छेड़ने वाली आंगनबाड़ी की कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वर्तमान पीढ़ी के संस्कार बच्चों में डालकर भविष्य की पीढ़ी भी कुपोषण से मुक्त रखने का यह कार्य एक भक्ति के समान है। समाज की आधी संख्या-मातृ शक्ति को मजबूत बनाने की योजनाएं, कन्या केळवणी द्वारा बेटियों की पढ़ाई का ध्यान रखते हुए 40 हजार टॉयलेट सेनीटेशन यूनिट बनाने का विचार पूर्व में किसी ने भी नहीं किया था, लेकिन यह सरकार इसका भी सफल आयोजन लागू कर पाई है।

गांधीनगर के विभिन्न सेक्टरों की मातृशक्ति ने पोषणयुक्त आहार-व्यंजन बनाने की प्रशिक्षण कक्षा को जोरदार समर्थन दिया है। इस पर संतोष व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि राज्य के गांवों में रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में से पोषक आहार बनाने के महिलाओं के प्रशिक्षण वर्ग से प्रेरणा मिलती है। हर घर में कुपोषण से लड़ने के लिए पोषक आहार के व्यंजन बनाने की पुस्तक का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने महिला-बाल कल्याण का स्वतंत्र विभाग शुरु कर इस क्षेत्र में 1264 करोड़ का भारी बजट आवंटित किया है।

महिला एवं बाल कल्याण मंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने इस मौके पर कहा कि राज्य के 18,000 गांवों में 44,000 से ज्यादा आंगनबाडि़यां कार्यरत हैं। जिनके माध्यम से पोषक आहार वितरित किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री मोदी ने तीन वर्ष पहले निर्णय लिया था कि महिलाओं के नाम से पंजीकृत होने वाली सम्पत्तियों के दस्तावेज शुल्क नहीं लिया जाएगा, इस निर्णय से परिणाम यह आया कि पहले प्रति वर्ष महिलाओं के नाम से दस हजार जितने दस्तावेज बनते थे, जबकि आज यह संख्या दस लाख से ज्यादा हो चुकी है।

कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री प्रो. वसुबेन त्रिवेदी ने भी अपने विचार रखे। गांधीनगर जिले की 12 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा आयाओं को मुख्यमंत्री यशोदा अवार्ड प्रदान किए। गांधीनगर जिला स्तर का अवार्ड जशोदाबा नवलसिंह चावड़ा (गलथरा), तथा जनकबा दशरथसिंह चावड़ा (माणसा) को मिला। इसी प्रकार घटक स्तर का अवार्ड सुमित्राबेन कनुभाई साधु (पेथापुर), वीणाबेन चंदुभाई शर्मा (धमीच), हंसाबेन लालाभाई पटेल (राजपुरा), नयनाबेन लालाभाई दर्जी (वडसर), मधुबेन भरतजी ठाकोर (डभोड़ा), जागृतिबेन प्रकाशभाई प्रजापति (साणोदरा) तथा कल्पनाबेन भीखाभाई नाई (राजपुरा) को इनायत किए गए। इन तमाम महिलाओं को मुख्यमंत्री ने नकद रकम तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

महात्मा मंदिर परिसर में आयोजित इस महिला सम्मेलन में प्रभारी मंत्री परबतभाई पटेल, गुजरात की महिला विधायक जसुमतिबेन कोराट, भावनाबेन बाबरिया, गीताबेन पटेल, विभावरीबेन दवे, वर्षाबेन दोषी, नीमाबेन आचार्य, विधायक प्रो. मंगलभाई पटेल, महिला आयोग की अध्यक्ष लीलाबेन अंकोलिया, महिला आर्थिक विकास निगम की अध्यक्ष सीताबेन नायक, गांधीनगर जिला कलेक्टर संजीव कुमार, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव सुनयना तोमर तथा कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। समारोह के प्रारंभ में संकलित बाल विकास योजना के निदेशक श्री बाबरिया ने स्वागत भाषण दिया तथा अंत में गांधीनगर जिला विकास अधिकारी एम.ए. गांधी ने आभार व्यक्त किया।

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PM Modi extends greetings to Sashastra Seema Bal personnel on Raising Day
December 20, 2025

The Prime Minister, Narendra Modi, has extended his greetings to all personnel associated with the Sashastra Seema Bal on their Raising Day.

The Prime Minister said that the SSB’s unwavering dedication reflects the highest traditions of service and that their sense of duty remains a strong pillar of the nation’s safety. He noted that from challenging terrains to demanding operational conditions, the SSB stands ever vigilant.

The Prime Minister wrote on X;

“On the Raising Day of the Sashastra Seema Bal, I extend my greetings to all personnel associated with this force. SSB’s unwavering dedication reflects the highest traditions of service. Their sense of duty remains a strong pillar of our nation’s safety. From challenging terrains to demanding operational conditions, the SSB stands ever vigilant. Wishing them the very best in their endeavours ahead.

@SSB_INDIA”