श्री नरेन्द्र मोदी ने 27 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए जन कल्याण के प्रति राज्य सरकार की उदासीनता की कड़ी निंदा की और वोट देकर सत्ता में पहुंचाने वाले लोगों का ही तिरस्कार करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की आलोचना की। श्री मोदी ने राज्य में विकास के अभाव से लेकर विघ्नंकारी नीतियों की चर्चा की जिनसे जनता बरबाद हुई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के पतन का जिक्र किया तथा लोगों से राज्य को इस दुर्गति से बाहर लाने और भाजपा को वोट देने का आग्रह किया।
श्री मोदी ने पश्चिम बंगाल की पूर्ववर्ती सरकारों की निंदा भी की और बताया कि किस तरह उनकी विघ्नमकारी नीतियों के चलते राज्य बरबाद हुआ है। श्री मोदी ने कहा, “कांग्रेस, वामदल और तृणमूल कांग्रेस तीनों एक ही हैं। इन दलों ने 40 साल तक पश्चिम बंगाल को बरबाद किया है। कई पीडि़यां बरबाद हो गयी हैं।”
राज्य में कुशासन पर चिंता व्यक्तं करते हुए श्री मोदी ने लोगों की प्रगति सुनिश्चित करने में राज्य सरकार की दयनीय असफलता के बारे में पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री से सवाल भी किया। श्री मोदी ने कहा, “ममता दीदी आपकी ममता कहां गयी। बंगाल को आपसे काफी उम्मी दें थीं लेकिन अब क्या हो गया। ममताजी लोगों को बेहतरी की उम्मीद थी। मैं हमेशा आपका सम्मान करता हूं लेकिन बंगाल की जनता के सपने टूट गये हैं। ममताजी आप भी वही सब कर रही हैं, जो वाम दलों ने किया।”

शारदा चिट फंड घोटाले में हजारों लोगों की मेहनत की कमाई लूटे जाने पर असंतोष प्रकट करते हुए श्री मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यामंत्री और वित्तक मंत्री पी चिदंबरम से सवाल किया कि इस घोटाले की जांच से बचाकर वे किसकी मदद कर रहे हैं।
भाजपा के सत्ताह में आने पर षड़यंत्रकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कहते हुए श्री मोदी ने कहा, “मैं शारदा चिट फंड घोटाले में धन गंवाने वालों का आश्वशस्त करता हूं कि सरकार बनने के बाद इसकी सघन जांच की जायेगी।”
बंगाल की मुख्य्मंत्री के कला के प्रति लगाव जो कि उनकी बनायी कलाकृतियों से झलकता है, का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने जनता का ध्यान उनकी एक कलाकृति की ओर दिलाया जो कि हाल में एक करोड़ रुपये से अधिक में बिकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि आखिर उनकी कलाकृतियों का इतना बड़ा प्रसंशक कौन है। श्री मोदी ने अपने अंदाज में कटाक्ष करते हुए बंगाल की मुख्य्मंत्री से गैर-कानूनी राजनीति छोड़कर जनता की तरक्की के लिए काम करने का आग्रह किया। श्री मोदी ने कहा, “ममताजी बंगाल के बारे में कम, अपनी कुर्सी के बारे में अधिक चिंतित हैं। ममताजी अब आप मुख्यमंत्री हैं और आन्दोलन के दिन अब लद चुके हैं। ममताजी वक्त आ बदल चुका है। ममताजी आप लोगों के खिलाफ मामले बनाने के लिए राजनीति का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं। यह सही रास्ताे नहीं है।”
श्री मोदी ने बंगाल की मुख्यमंत्री की विभाजनकारी राजनीति की भी कड़ी आलोचना की और बंगाल आने वाले भारतीयों के तिरस्कार तथा बांग्लाीदेशी घुसपैठियों के स्वागत की उनकी रीति की भर्त्सतना भी की। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पर भाजपा के फोकस की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि दिल्ली में सत्ता में आने के बाद पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि घुषपैठिये देश से बाहर चले जायें और यहां हालात सुधरें और विकास के लिए बराबर का मौका मिले।
श्री मोदी ने यह भी कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का एकमात्र ध्यान मोदी को रोकना है न कि देश के विकास पर जोर देना। श्री मोदी ने कहा कि यह भय इसलिए है क्यों कि उन्हें मालूम है कि 16 मई के बाद उनका स्थान कहां है। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि अगर वे तीसरे मोर्चा को स्वीकारने को तैयार हैं तो वे चुनाव क्यों लड़ रहे हैं। कांग्रेस की गैर-जवाबदेही के बारे में चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उन्हें पिछले दशक में उनके द्वारा किये गये कार्यों का हिसाब देने की चिंता नहीं है। उन्होंंने गरीबों की अनदेखी करने की उसकी रीति की भर्त्सेना की और कहा कि किस तरह उसे गरीबों की याद चुनाव से पहले आती है। श्री मोदी ने गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई और किसान आत्महत्या जैसे राष्ट्रीय मुद्दों को हल करने में केंद्र सरकार की नाकामी को भी उजागर किया। उन्होंने इन मुद्दों पर गुजरात की नवीनतम रीतियों का उदाहरण दिया और बताया कि बीते दशक में राज्य किस तरह निवेश हव के तौर पर उभरा है।
श्री मोदी ने डा. श्यारमा प्रसाद मुखर्जी और सुभाष चंद्र बोस के बहुमूल्य योगदान को याद किया और बताया कि पश्चिम बंगाल उनकी ‘तीर्थभूमि’ है। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के नारे को याद करते हुए कहा, “सुभाष बाबू ने कहा था आप मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। मैं करबद्ध प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे समर्थन दो और मैं आपको सुराज्य दूंगा।”
उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव परिणाम राजनीतिक विश्लेधषकों के सभी अनुमानों को गलत साबित करेंगे क्योंकि ये चुनाव अंकगणित के बारे में नहीं बल्कि 125 करोड़ भारतीयों की कैमिस्ट्री के बारे में हैं। उन्होंने लोगों से भाजपा को वोट देने और केंद्र में ऐसी सरकार के गठन का आग्रह किया जो लोगों के सशक्तिकरण और देश की प्रगति पर ध्यान केंद्रित करे।


