उनका मूल जमीनी हकीकत में निहित है। उनका व्यावहारिक ज्ञान उस सांसारिक ज्ञान से उत्पन्न होता है जो भारतीय सभ्यता का आधार है।

किसी को भी आश्चर्य होता है कि एक समय में कई महत्वपूर्ण निर्णयों से निपटने वाला दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों में से एक, बच्चों के साथ अपने जीवन के एकत्र ज्ञान का एक हिस्सा साझा करने का समय निकाल लेता है। सही मायने में वे एक मार्गदर्शक और एक संरक्षक हैं, जो परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को साल-दर-साल आत्मविश्वास बढ़ाने का मंत्र देते हैं।

परीक्षा पे चर्चा छात्रों के लिए स्वच्छ हवा की सांस जैसी बन गई है। एग्जाम, रिजल्ट और करियर को लेकर गहरे सोच में डूबे उन सभी लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, एक संतुलित और दूरदर्शी समझ रखने वाले व्यक्ति के रूप में सामने आते हैं। वह बच्चों को जीवन का जो सबक सिखाते हैं वे उनके अपने जीवन के अनुभवों से आते हैं।

चाहे वह किसी पाठ को याद करने की कोशिश के बजाय उसे इन्वॉल्व, इंटरनलाइज , एसोसिएट और विजुअलाइज करने या पैरेंट्स के लिए न केवल युवा बने रहने बल्कि जनरेशन गैप को कम करने का प्रधानमंत्री का फॉर्मूला हो - पूरे भारत को नजदीक से देखने के अपने विशाल अनुभव के दौरान उन्होंने ये चीजें देखी हैं। यह भले सरल लगता है लेकिन वास्तव में यह जीवनभर मानव व्यवहार को देखने और समझने का ही परिणाम है। जिस तरह से मोदी नियमित बातचीत को ऑब्जर्व करने और उनसे इस तरह के व्यावहारिक सबक लेने में सक्षम हैं, वह वाकई असाधारण है।

परीक्षा पे चर्चा 2021 के दौरान पीएम मोदी ने कठिन विषयों या प्रश्नों के संबंध में एक छात्र के डर को दूर करने के लिए अपनी ही किताब की एक बात साझा की। उन्होंने कहा कि कठिन विषयों या प्रश्नों से दूर भागने के बजाय उन्हें सबसे पहले क्यों न हल करें? उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री के रूप में, वह इसी सिद्धांत को अपनी दिनचर्या में लागू करते हैं, कोई भी चीज जिसमें अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता होती है या जटिल लगती है, वह सुबह सबसे पहले फ्रेश दिमाग से सुलझाते हैं और उन्हें जो आसान लगता है और जिसमें त्रुटि की थोड़ी गुंजाइश होती है, वह उसे बाद के लिए छोड़ देते हैं। यह भले ही हमारी सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ है कि पहले आसान और फिर कठिन हिस्सों पर आगे बढ़ना है, लेकिन ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि हम कठिन कार्यों से निपटने के लिए सहज रूप से डरते हैं और अनिश्चित काल तक विलंब करने या फिर छोड़ देने की अधिक संभावना होती है।

उनके द्वारा दिए गए उदाहरण एक ऐसे व्यक्ति की अंतर्दृष्टि दर्शाता है जो शीर्ष पर पहुंच गया है, लेकिन केवल अपने संघर्षों और निराशाओं के उचित हिस्से से गुजरने के बाद और अंततः एक रास्ता खोजने के बाद। यही कारण है कि जब वे मानवीय व्यवहार को गहरे स्तर पर विश्लेषण करते हैं, तो लोग उसके साथ एक जुड़ाव महसूस करते हैं।

उदाहरण के लिए, उनके उत्तर को लें, जब पंजाब के एक परेशान अभिभावक ने पीएम मोदी से पूछा कि यह कैसे सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों के पीछे भागे बिना वह वही करें जो उनसे अपेक्षित है। यह वास्तव में, माता-पिता के बीच एक आम धारणा है, जिससे बच्चे अक्सर बचने की कोशिश करते हैं या इस तरह से अभिनय करते हैं जो माता-पिता को भ्रमित करता है। लेकिन इस सवाल पर पीएम के जवाब ने पैरेंट्स को यह सोचने के लिए पर्याप्त जानकारी दे दी कि असल समस्या कहां से आती है।

बच्चे की अनूठी क्षमता को पहचानने के बजाय पैरेंट्स पहले से मौजूद सामाजिक मानदंडों और संरचनाओं के सांचे में उन्हें ढालने का प्रयास करते हैं। उन्होंने ठीक ही बताया कि हम एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम को नजरअंदाज करते हैं और वो है- सेल्फ मोटिवेटेड एक्शन के लिए मन को ट्रेंड करना। ट्रेनिंग आइसोलेशन में नहीं हो सकता। यह घर पर बच्चे के दैनिक अनुभव का एक हिस्सा है। बच्चों को लगातार टोकने के बजाय रचनात्मक तरीकों से आदत डालने और लाभों से परिचित कराकर, पैरेंट्स उनके दिमाग को एक निश्चित तरीके से ढालने के लिए आधार तैयार कर सकते हैं। यह एक बच्चे को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए पर्याप्त रूप से प्रेरित महसूस करने की संभावनाओं का रास्ता खोलता है। यह न केवल पैरेंट्स की ऊर्जा को बचाएगा, बल्कि बच्चों को तनाव महसूस कराए बिना पैरेंट्स के साथ जुड़ने के लिए एक सकारात्मक और अधिक खुला वातावरण तैयार करेगा।

अक्सर एक बच्चे के दिमाग में ऐसी अंतर्दृष्टि भरने के लिए, एक बाल मनोवैज्ञानिक या कोई ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जिसके अपने बच्चे हों। लेकिन पीएम मोदी इन दोनों कैटेगरी में से नहीं हैं। हालांकि उनका यह ज्ञान किताबों से प्राप्त नहीं है, बल्कि जीवन भर के अनुभव के माध्यम से अर्जित किया गया है, खासकर मुख्यमंत्री बनने के पहले, जब उन्होंने अपने राज्य और देशभर में बड़े पैमाने पर यात्राएं कीं। मानवीय व्यवहार के बारे में उनकी समझ यह दर्शाती है कि उन्होंने परिवारों का बारीकी से अध्ययन करने में काफी समय बिताया है।

देश में सर्वोच्च पद पर होने और सदी में एक बार प्राप्त होने वाली व्यापक लोकप्रियता के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी अव्यावहारिक भव्यता या जटिल शब्दजाल में लिप्त नहीं हैं। लोगों के सबसे पॉवरफुल सर्कल के केंद्र में होने के बाद भी, उनके पास एक ऐसे व्यक्ति की तरह सोचने की दुर्लभ क्षमता है जो भारत में हर परिवार का हिस्सा है।

उनका मूल जमीनी हकीकत में निहित है। उनकी आवाज आम आदमी की आवाज है। उनके मूल्य किसी भी औसत भारतीय परिवार के सर्वोत्तम मूल्यों को दर्शाते हैं। उनका व्यावहारिक ज्ञान उस सांसारिक ज्ञान से उत्पन्न होता है जो भारतीय सभ्यता का आधार है।

 

लेखक का नाम: स्मृति ईरानी

डिस्कलेमर :

यह आर्टिकल पहली बार The Indian Express में पब्लिश हुआ था।

यह उन कहानियों या खबरों को इकट्ठा करने के प्रयास का हिस्सा है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव पर उपाख्यान / राय / विश्लेषण का वर्णन करती हैं।

  • ram Sagar pandey April 26, 2025

    🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹जय श्रीकृष्णा राधे राधे 🌹🙏🏻🌹जय माँ विन्ध्यवासिनी👏🌹💐🌹🌹🙏🙏🌹🌹ॐनमः शिवाय 🙏🌹🙏जय कामतानाथ की 🙏🌹🙏🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹जय माता दी 🚩🙏🙏
  • Jitendra Kumar April 21, 2025

    🇮🇳🇮🇳🇮🇳
  • Ansar husain ansari March 30, 2025

    Jai ho
  • khaniya lal sharma March 24, 2025

    💙🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳💙
  • Mohd Husain March 22, 2025

    Jay modi modi
  • krishangopal sharma Bjp January 06, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 06, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • krishangopal sharma Bjp January 06, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
  • Rahul Naik December 07, 2024

    🙏🙏
  • Chhedilal Mishra November 24, 2024

    Jai shrikrishna
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क्रिकेट लीजेंड कृष्णमाचारी श्रीकांत ने बताया कि कैसे एक सच्चे लीडर हैं पीएम मोदी!
March 26, 2025

पूर्व भारतीय क्रिकेटर कृष्णमाचारी श्रीकांत ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी हार्दिक प्रशंसा व्यक्त की तथा ऐसे क्षणों का जिक्र किया जो प्रधानमंत्री की विनम्रता, गर्मजोशी और प्रेरित करने की अटूट क्षमता को दर्शाते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी मुलाकात को याद करते हुए श्रीकांत कहते हैं, "प्रधानमंत्री मोदी के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि जब आप उनसे बात करते हैं और उनसे मिलते हैं, तो आप बहुत सहज महसूस करते हैं, आपको ऐसा नहीं लगता कि वे प्रधानमंत्री हैं। वे बहुत सहज रहेंगे और अगर आप कुछ भी चर्चा करना चाहते हैं और कोई विचार रखना चाहते हैं, तो वे आपको बहुत सहज महसूस कराएंगे, इसलिए आपको डर नहीं लगेगा।"

क्रिकेट लीजेंड ने याद किया कि कैसे उन्होंने एक बार प्रधानमंत्री के सेक्रेटरी को एक टेक्स्ट मैसेज भेजकर 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी थी और वे तब हैरान रह गए जब उन्हें खुद प्रधानमंत्री से पर्सनल रिप्लाई मिला!

श्रीकांत ने चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम को याद करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वे आपसे बात करते हैं, आपको सहज महसूस कराते हैं और आपको महत्वपूर्ण महसूस कराते हैं।" उन्होंने बताया कि 2014 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भी श्री मोदी किस तरह से मिलनसार और विनम्र बने रहे। वे उस कार्यक्रम को याद करते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से मंच पर बुलाया था। उन्होंने बताया, "मैं भीड़ में खड़ा था और अचानक उन्होंने मुझे बुलाया। पूरा सभागार ताली बजा रहा था। यही इस व्यक्ति की महानता है।"

क्रिकेट के प्रति प्रधानमंत्री मोदी का जुनून एक और पहलू है जो श्रीकांत के साथ गहराई से जुड़ता है। एक यादगार घटना को याद करते हुए, उन्होंने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद में एक सच्चे क्रिकेट प्रेमी की तरह पूरे उत्साह के साथ पूरा मैच देखा।

चुनौतीपूर्ण क्षणों में भी पीएम मोदी का नेतृत्व चमकता है। श्रीकांत बताते हैं कि नवंबर 2023 में टीम इंडिया के विश्व कप हारने के बाद, पीएम मोदी ने टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से भारतीय ड्रेसिंग रूम का दौरा किया। वे कहते हैं, "पीएम मोदी ने प्रत्येक क्रिकेटर से व्यक्तिगत रूप से बात की। फाइनल हारने के बाद एक क्रिकेटर के रूप में यह बहुत मायने रखता है। प्रधानमंत्री के प्रोत्साहन भरे शब्दों ने शायद भारत को चैंपियंस ट्रॉफी और T20 विश्व कप जीतने के लिए प्रेरित किया है।"

क्रिकेट से इतर, पूर्व भारतीय क्रिकेटर पीएम मोदी की अविश्वसनीय ऊर्जा और फिटनेस के कायल हैं, इसका श्रेय उनके योग और ध्यान की अनुशासित दिनचर्या को देते हैं। वे कहते हैं, "चूंकि पीएम मोदी शारीरिक रूप से बहुत फिट हैं, इसलिए वे मानसिक रूप से भी बहुत तेज हैं। अपने व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के बावजूद, वे हमेशा तरोताजा दिखते हैं।"

कृष्णमाचारी श्रीकांत के लिए, प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ़ एक नेता नहीं बल्कि एक प्रेरणास्रोत हैं। उनके शब्द और कार्य भारत की खेल भावना को बढ़ावा देते हैं, जिससे खिलाड़ियों और नागरिकों पर समान रूप से अमिट प्रभाव पड़ता है।