प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के शासन का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ "सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण" के माध्यम से 140 करोड़ लोगों की सेवा करना रहा है। बुनियादी आवश्यकताओं की एक व्यापक और सुनिश्चित आपूर्ति ने माँ भारती की प्रतिष्ठा को काफी मजबूत किया है। साथ ही, पिछले दशक में उनके दूरदर्शी नेतृत्व में, कल्याणकारी योजनाएं अंतिम पायदान तक पहुंची हैं, जिससे वंचित वर्ग को सशक्त बनाया गया है और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने और सम्मानजनक जीवन जीने की आकांक्षा रखने की शक्ति मिली है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई विकास पहलें केवल छोटे-मोटे सुधारों, पिछली सरकारों की तरह रस्मी संरक्षण और नारों तक सीमित नहीं हैं। इसके विपरीत, उनका काम दीर्घकालिक, व्यापक, सुदृढ़ है और स्थायी उत्थान की सुविधा देता है।
स्वच्छ भारत मिशन एक ऐसा अभियान है जो एक स्वच्छ भविष्य की ओर ले जाने के इस महान प्रयास को सबसे अधिक प्रतिध्वनित करता है। इस मिशन के माध्यम से, मोदी सरकार ने राष्ट्र में अत्यधिक आवश्यक स्वच्छता जागरूकता का नेतृत्व किया है। महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 को, स्वच्छ भारत मिशन को एक स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त भारत के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था।
2 अक्टूबर 2014 को शुरू किए गए, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण {SBM(G)} का लक्ष्य था कि 2 अक्टूबर 2019 तक सभी ग्रामीण परिवारों को शौचालयों की सुविधा उपलब्ध करा दी जाए, ताकि उस समय तक देश के सभी गांव खुले में शौच मुक्त (ODF) हो जाएं। SBM(G) उन सभी BPL परिवारों और चिन्हित APL परिवारों के लिए जिनके घरों में शौचालय नहीं हैं, व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (IHHL) के निर्माण के लिए 12,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करता है।
एक शहर/वार्ड को खुले में शौच मुक्त (ODF) शहर/ODF वार्ड तभी घोषित किया जा सकता है, अगर दिन के किसी भी समय एक भी व्यक्ति को खुले में शौच करते हुए नहीं पाया जाता है। इसके अलावा, यदि दिन के किसी भी समय एक भी व्यक्ति को खुले में शौच या पेशाब करते हुए नहीं पाया जाता है और सभी सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय फंक्शनल और अच्छी स्थिति में रखे जाते हैं, तो यह स्थिति ODF+ स्टेटस हासिल करने के लिए पर्याप्त है। ODF++ प्रोटोकॉल में यह भी कहा गया है कि मलमूत्र/सेप्टेज का सुरक्षित प्रबंधन और उपचार किया जाता है, बिना नालियों, जल निकायों या खुले क्षेत्रों में अनुपचारित मलमूत्र/सेप्टेज का कोई डिस्चार्ज या डंपिंग नहीं होता है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने खुले में शौच मुक्त (ODF) गांव बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। प्रधानमंत्री द्वारा 2019 तक पूरे देश में खुले में शौच को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जो एक जमीनी आंदोलन बन गया और इन लक्ष्यों को समय से काफी पहले पूरा कर लिया गया।
2021 में, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 की शुरुआत हुई, जिसका लक्ष्य सभी भारतीय शहरों को "जल सुरक्षित" और "कचरा मुक्त" बनाना है। इस मिशन के तहत सभी शहरों को 100% सोर्स सेग्रीगेशन, घर-घर कचरा कलेक्शन और सभी कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन (सुरक्षित लैंडफिल में निपटान सहित) के माध्यम से कचरामुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। पांच वर्षीय इस मिशन की शुरुआत 1 अक्टूबर 2021 को हुई थी। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य सभी पुराने कचरे के ढेरों को साफ करना और उन्हें ग्रीन स्पेस में बदलना है।
स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण कार्यक्रम पूरे देश में लाखों लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सितंबर 2023 तक, 4 लाख से अधिक गांव स्वयं को खुले में शौच मुक्त प्लस (ODF प्लस) घोषित कर चुके हैं, जो 2024-25 तक SBM-G चरण II के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ODF प्लस गांवों का दर्जा हासिल करने में अग्रणी प्रदर्शनकर्ताओं के रूप में आंध्र प्रदेश और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, पुडुचेरी, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सामने आए हैं। ये सभी स्थान 100% ODF प्लस गांवों वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस उपलब्धि को "पूर्ण स्वच्छता" की ओर पहले कदम के रूप में संदर्भित किया, जिसमें प्रत्यक्ष स्वच्छता, प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन, और कचरे के रीसाइक्लिंग का लक्ष्य शामिल है, जिससे वेस्ट को वेल्थ में बदला जा सके। जनवरी 2024 तक, देश के 766 जिलों में से 729 जिलों ने खुद को हाथ से मैला ढोने से मुक्त बताया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत और खुले में शौच मुक्त भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक कुशल रणनीति बनाई है। इसमें उन्होंने चार प्रमुख तत्वों - जनता, राजनीतिक नेतृत्व, सार्वजनिक व्यय और भागीदारी - का कुशलता से उपयोग किया है। स्वच्छता को "जन आंदोलन" बनाने के प्रधानमंत्री के आह्वान को पूरे देश ने अहमियत दी और इस अभियान को समर्थन दिया है।




