स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के निमंत्रण पर, भारत के प्रधानमंत्री 16-17 अप्रैल 2018 को स्वीडन गए थे। यह प्रधानमंत्री की पहली स्वीडन यात्रा थी, साथ ही यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा लगभग तीन दशकों बाद स्वीडन की यात्रा थी। 16 अप्रैल को स्टॉकहोम पहुँचने पर, स्वीडन के प्रधानमंत्री लोफवेन ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

 

प्रधानमंत्री,17 अप्रैल को महामहिम राजा सोलहवें कार्ल गुस्ताफ से मिलने गए। राजा सोलहवें कार्ल गुस्ताफ 1993 और 2005 में भारत आ चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री लोफवेन के साथ बैठक की। इसके पहले प्रधानमंत्री लोफवेन, फरवरी, 2016 में भारत आए थे और एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ मुंबई में आयोजित 'मेक इन इंडिया' सप्ताह में भाग लिया था। अक्टूबर 2017 में, प्रधानमंत्री लोफवेन स्टॉकहोम में आयोजित 'मेक इन इंडिया:स्वीडन 2017' कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री लोफवेन के साथ चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर विशेष जोर देते हुए, द्विपक्षीय संबंध बनाने के साथ-साथ महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री लोफवन ने प्रधानमंत्री के लिए दोपहर के भोजन आयोजन किया।यात्रा के दौरान, भारत और स्वीडन ने एक स्थायी भविष्य के लिए भारत-स्वीडन नवाचार भागीदारी पर एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए और एक संयुक्त कार्य योजना अपनाई।दोनों प्रधान मंत्रियों ने अग्रणी स्वीडिश उद्यमों के लगभग 30 सीईओ के साथ एक गोल-मेज बैठक में भाग लिया और सीईओ से बातचीत की। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ने स्वीडिश संसद में मॉडरेट पार्टी और विपक्ष के नेता, उल्फ क्रिस्टर्सन ने से भी भेंट की।कई वर्षों से स्वीडिश राजनीति में शामिल, उल्फ़ क्रिस्टर्सन ने अक्टूबर 2017 में विपक्ष के नेता का पद ग्रहण किया है। 

 

यह यात्रा ऐसे समय पर हुई है, जब भारत-स्वीडन आर्थिक संबंधों में काफी मजबूती आई है। सन 2000 के बाद से, 170 से अधिक स्वीडिश कंपनियों ने भारत में 1.4 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है।कुछ स्वीडिश कंपनियां एक शताब्दी से अधिक समय से भारत में मौजूद हैं।लगभग 70 भारतीय कंपनियों ने स्वीडन में अपनी उपस्थिति दर्ज की है।भारत-स्वीडन के बीच लगभग 1.8 अरब डॉलर का वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार है।


शाम को, लंदन के लिए प्रस्थान करने से पहले, प्रधानमंत्री स्वीडन के प्रवासी भारतीय समुदाय से मिलेंगे। समुदाय के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री लोफवेन के भी भाग लेने की अपेक्षा है। विभिन्न संस्थानों में पढ़ रहे 2000 भारतीय छात्रों सहित स्वीडन में लगभग 20000 से अधिक भारतीय प्रवासी हैं।

भारत-नॉर्डिक परिषद शिखर सम्मेलन

यात्रा के दौरान, भारत और स्वीडन द्वारा 'भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन:साझा मूल्य, परस्पर समृद्धि' नामक भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन भी आयोजित किया गया था। भारत के प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री लोफवेन के निमंत्रण पर, अन्य सभी नॉर्डिक देशों के प्रधान मंत्रियों अर्थात् डेनमार्क के प्रधानमंत्री लार्स लोके रसमुसेन, फिनलैंड के प्रधानमंत्री जुहा सिपिला, आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकबस्तीर और नॉर्वे की प्रधानमंत्री अर्ना सोलबर्ग ने, 17 अप्रैल को आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लिया।नॉर्डिक देशों से भारत केगहरे आर्थिक संबंध हैं। भारत-नॉर्डिक कुल वार्षिक व्यापार लगभग 5.3 अरब डॉलर का है।भारत में 2.5 अरब डॉलर का संचयी नॉर्डिक विदेशी निवेश हुआ है। शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्रियों ने भारत और नॉर्डिक देशों के बीच सहयोग को गहरा करने का वचन दिया और वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक विकास, नवाचार और जलवायु परिवर्तन से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।उन्होंने स्वीकार किया कि परस्पर जुड़ी दुनिया में नवाचार और डिजिटल परिवर्तन वाहित विकास, भारत और नॉर्डिक देशों के बीच बढ़ते जुड़ाव का समर्थन करता है।

शिखर सम्मेलन में मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया और क्लीन इंडिया जैसे प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ समृद्धि और टिकाऊ विकास की कुंजी के रूप में नवाचार और डिजिटल पहल के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता पर बल दिया गया।स्वच्छ प्रौद्योगिकियों, समुद्री समाधान, बंदरगाह आधुनिकीकरण, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान और कृषि क्षेत्र में नॉर्डिक समाधानों का उल्लेख किया गया।शिखर सम्मेलन के अंत में, भारत और नॉर्डिक देशों द्वारा एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया।

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ने 17 अप्रैल को डेनमार्क के प्रधानमंत्री लार्स लोके रसमुसेन, फिनलैंड के प्रधानमंत्री जुहासिपिला, आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकबस्तीर और नॉर्वे की प्रधानमंत्री अर्ना सोलबर्ग के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं।ये चर्चाएं द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ आपसी हित के प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्रित थीं।इस अवसर पर कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।इनमें सतत और स्मार्ट शहरी विकास के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन, पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन, खाद्य सुरक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन और डेनमार्क के साथ कृषि अनुसंधान और शिक्षा में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन तथाआइसलैंड के साथ हिंदी भाषा के लिए आईसीसीआर चेयर की स्थापना पर एक समझौता ज्ञापन शामिल है।

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Prime Minister Shares Timeless Wisdom from Yoga Shlokas in Sanskrit
December 10, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, today shared a Sanskrit shloka highlighting the transformative power of yoga. The verses describe the progressive path of yoga—from physical health to ultimate liberation—through the practices of āsana, prāṇāyāma, pratyāhāra, dhāraṇā, and samādhi.

In a post on X, Shri Modi wrote:

“आसनेन रुजो हन्ति प्राणायामेन पातकम्।
विकारं मानसं योगी प्रत्याहारेण सर्वदा॥

धारणाभिर्मनोधैर्यं याति चैतन्यमद्भुतम्।
समाधौ मोक्षमाप्नोति त्यक्त्त्वा कर्म शुभाशुभम्॥”