प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने चंडीगढ़ में राजकीय संग्रहालय और आर्ट गैलरी का दौरा किया
प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ने हिमालय की तलहटी से प्राप्त पुरातात्विक वस्तुओं की प्रदर्शनी देखी
प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ने 1500 जीवाश्मों की खोज के लिए भारत-फ्रांस टीम को बधाई दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति श्री फ्रांस्वा ओलांद ने भारत की राजकीय यात्रा के दौरान अपने कार्यक्रमों के एक हिस्‍से के रूप में आज चंडीगढ़ में राजकीय संग्रहालय और आर्ट गैलरी का संयुक्त रूप से दौरा किया।

दोनों नेताओं ने हिमालय की तलहटी से पुरातात्विक निष्कर्षों के प्रदर्शनों का अवलोकन किया जो संभवत: 2.6 मिलियन वर्ष पूर्व मानवीय गतिविधियों को दर्शाते हैं और इन्‍हें मानव अस्‍तित्‍व की सबसे पुराने ज्ञात अवशेष बनाते हैं। यह महत्‍वपूर्ण खोज भारत की पुरातत्व और मानव विज्ञान अनुसंधान सोसायटी और फ्रांस के राष्‍ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के मध्‍य हुए सहयोग अनुबंध के तत्‍वाधान के अधीन फ्रांस के राष्‍ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के प्रागितिहास विभाग और चंडीगढ़ की पुरातात्‍विक एवं मानव विज्ञान अनुसंधान सोसायटी के दरम्‍यान सहयोग और सात वर्ष के व्‍यापक अनुसंधान का परिणाम है।

इस प्राकृतिक खोज में चंडीगढ़ के पास मसोल क्षेत्र के 50 एकड़ में फैले भू-भाग में अनेक स्‍थानों से एकत्र किए गए 200 क्वार्टजाइट औजारों सहित लगभग 1500 जीवाश्‍म वस्‍तुएं शामिल हैं। इस पुरातात्विक खोज से संबंधित अनुसंधान कार्य पेलेवॉल समीक्षा में लेखों के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ओलांद ने इस खोज के लिए भारत-फ्रांस की टीम को उनके संयुक्‍त अनुसंधान कार्य के लिए बधाई दी। उन्‍होंने इस सफलता को अपनी साझा सांस्कृतिक विरासत की पुनर्खोज, संरक्षण और सवंर्द्धन में भारत और फ्रांस के दरम्‍यान दीर्घकालीन सांस्‍कृतिक संबंधों और स्‍थायी सहयोग के लिए सफल द्विपक्षीय सहयोग का जीता जागता उदाहरण बताया। उन्‍होंने उम्‍मीद जाहिर की कि इस तरह की खोजों से भविष्य में संयुक्त प्रयासों को और अधिक गति मिलेगी।

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November 14, 2024
A mega event on language, literature, and culture to sustain peace and build a Vibrant Bodo Society
Mohotsav will celebrate the journey of recovery and resilience since the signing of the Bodo Peace Accord in 2020 under PM’s leadership

Prime Minister Shri Narendra Modi will inaugurate the 1st Bodoland Mohotsov, at around 6:30 PM, on 15th November at SAI Indira Gandhi Sports Complex, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

The two day Mahotsav is being organised on 15th and 16th November. It is a mega event on language, literature, and culture to sustain peace and build a Vibrant Bodo Society. It aims to integrate the indigenous Bodo people residing not only in Bodoland but also in other parts of Assam, West Bengal, Nepal, and other international border areas of the North East. The theme for the Mohotsov is ‘Peace and Harmony for Prosperous Bharat’ with focus on the rich culture, language and education of the Bodo community along with other communities from the Bodoland Territorial Region (BTR). It aims to capitalise on the richness of cultural and linguistic heritage, ecological biodiversity and touristic potential of Bodoland.

Significantly, the Mohotsov is also about celebrating the remarkable journey of recovery and resilience ever since the signing of the Bodo Peace Accord in 2020 under the dynamic leadership of Prime Minister Shri Narendra Modi. This peace agreement not only resolved decades of conflict, violence, and loss of life in Bodoland but also served as a catalyst for other peace settlements.

The session on “The rich Bodo Culture, tradition and Literature Contributing towards Indian Heritage and Traditions” will be the highlight of the Mahotsav and will witness deliberations on a range of the rich Bodo culture, traditions, language and literature. Another session on “Challenges and Opportunities of Mother Tongue medium-of-instruction through National Education Policy, 2020” would also be held. Thematic Discussion on “Indigenous cultural meet & discussion on building ‘Vibrant Bodoland’ Region through culture & tourism” will also be organised with the objective of promoting tourism and culture of Bodoland region.

The gathering will include over five thousand cultural, linguistic and art enthusiasts attending the event from Bodoland region, Assam, West Bengal, Tripura, Nagaland, Meghalaya, Arunachal Pradesh, other parts of India, and also from the neighbouring states of Nepal and Bhutan among others.