प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों के साथ सीधे जुड़ने और पार्टी की पहुंच को आगे बढ़ाने के लिए बीजेपी के विभिन्न मोर्चों की सराहना की
पं दीन दयाल उपाध्याय का अंत्योदय बीजेपी का मार्गदर्शक सिद्धांत है: पीएम मोदी
कांग्रेस ने डॉ अम्बेडकर को अपमानित किया, उन्होंने उन्हें भारत रत्न भी पास नहीं दिया: प्रधानमंत्री
2015 में एनडीए सरकार ने एससी / एसटी (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम को मजबूत किया: प्रधानमंत्री मोदी
कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति करती है, उन्होंने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक बीजेपी के अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और स्लम मोर्चा के कार्यकर्ताओं को नरेन्द्र मोदी ऐप के माध्यम से संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, ज्योतिबा फूले, संत रविदास और संत कबीरदास को याद किया और उन्हें अपनी श्रद्धा का केंद्र बताया। श्री मोदी ने पिछड़े समुदाय के विकास के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, “मैं मानता हूं अगर पिछड़े समाज की चिंता नहीं होगी तो आगे का समाज भी पीछे आ जाएगा। हमारी सरकार एससी-एसटी और ओबीसी समुदाय के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की अवधारणा को अपने लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य आखिरी छोर पर बैठे हुए व्यक्ति का कल्याण करना है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हम सभी महान संतों से प्रेरणा लेकर बाबासाहेब के सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के सपनों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि सर्व समाज को सशक्त करते हुए नए भारत का निर्माण करना उनका लक्ष्य है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आज हिंदुस्तान के सभी भागों में भारतीय जनता पार्टी की जो पहुंच बन पाई है, वह इन कार्यकर्ताओं की भूमिका से ही संभव हो पाई है। उन्होंने कहा कि विशेषकर इसमें नई पीढ़ी के लोगों का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि भारत में आज सामाजिक समरसता का संदेश लेकर जो राजनीतिक दल सबसे प्रखर तरीके से आगे बढ़ रहे हैं, उनमें भाजपा सबसे आगे है। श्री मोदी ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा, “भाजपा देश के हर वर्ग के लिए हमेशा समर्पित रही है और हमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के मंत्र के साथ शोषितों और वंचितों के लिए बिना थके, बिना रुके काम करते रहना है।”

प्रधानमंत्री ने बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जीवन में जो संघर्ष किए, उनसे वे भी भलि-भांति परिचित हैं। श्री मोदी ने कहा कि बाबासाहेब का जीवन संघर्षों से भरा जरूर था, लेकिन उम्मीदों की प्रेरणा से भरा हुआ था। हताशा, निराशा से बहुत दूर उन्होंने ऐसे भारत का सपना देखा जो अपनी आंतरिक बुराइयों को खत्म करके सबको साथ लेकर चलेगा।

श्री मोदी ने संविधान सभा की बैठक में 17 दिसंबर, 1946 को दिए गए बाबासाहेब के एक कथन को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था- “इस देश का सामाजिक-राजकीय और आर्थिक विकास आज नहीं तो कल होगा ही, सही समय और परिस्थिति आने पर ये विशाल देश एक हुए बगैर नहीं रहेगा। दुनिया की कोई भी ताकत इस देश की एकता के आड़े नहीं आ सकती। इस देश में इतने पंथ और जातियां होने के बावजूद कोई न कोई तरीके से हम सभी एक हो जाएंगे। इस बारे में मेरे मन में जरा भी शंका नहीं है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बाबासाहेब के सम्मान के लिए काफी काम किया है। उन्होंने संसद के सेंट्रल हॉल में डॉ अम्बेडकर के तैल चित्र लगाने और उन्हें भारत रत्न दिए जाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रयासों की भी चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने बाबासाहेब से जुड़ी कई भूमियों को पंचतीर्थ की तरह विकसित करने के केंद्र सरकार की पहल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमें बाबासाहेब के जीवन से जुड़े 5 प्रमुख स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का अवसर मिला।”

उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे जब भी दिल्ली आएं, बाबा साहेब और सरदार पटेल के मेमोरियल जरूर जाएं। ऐसा एहसास होगा जैसे किसी तीर्थ पर आए हों। श्री मोदी ने कहा, “बाबासाहेब के विचारों को देश की नई पीढ़ी तक पहुंचाना है, जो देश की समृद्धि और खुशहाली के द्वार खोलेगी।”

प्रधानमंत्री मोदी ने ज्योतिबा फूले के संघर्षों को स्मरण करते हुए कहा कि वे अलग ही मिट्टी के इंसान थे, उन्होंने शिक्षा को हथियार बनाया। उन्होंने कहा, ज्योतिबा फूले ने सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए दो चीजों को हथियार बनाया, पहला शिक्षा और दूसरा महिला सशक्तिकरण। श्री मोदी ने कहा कि ज्योतिबा फूले ने पत्नी सावित्री बाई फूले के साथ मिलकर दलित बच्चों को न सिर्फ स्कूल तक पहुंचाया बल्कि बाधा पहुंचाने वालों से लोहा भी लिया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि संत रविदास और कबीर ने समाज में समानता के लिए काफी बड़ा संदेश दिया है। श्री मोदी ने कबीर के उस दोहे को दोहराया जिसमें मनुष्य-मनुष्य में भेद किए जाने को लेकर तंज किया गया है। उन्होंने कहा- “एकै पवन एक ही पानी, एक ज्योति संसारा। एकहि खाक गढ़े सब भांडे एक हि सिरजनहारा।”

प्रधानमंत्री मोदी ने संत रविदास की उस उक्ति को भी उद्धृत किया जिसमें उन्होंने जाति व्यवस्था पर कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा - “जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात। रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि संत रविदास ने जाति की तुलना केले के पत्तों से की थी जो कि एक अंतहीन व्यवस्था है। भेदभाव से जुड़ा ऐसा क्रम है जिस कारण मनुष्य कभी मनुष्य से जुड़ ही नहीं पाता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए कहा, “स्वार्थी लोग जातिवाद का फायदा उठाते हैं और समाज को बांटने की कोशिश करते हैं।” उन्होंने लोगों से इस जाति व्यवस्था को खत्म करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया।

एससी-एसटी एक्ट के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने इस कानून को मजबूत करने का काम किया है, ताकि दलित और आदिवासी सम्मानपूर्वक जी सकें। श्री मोदी ने कहा कि इस समाज के लोगों का आर्थिक रूप से मजबूत होना काफी जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीधे बात की और उनके सवालों के जवाब भी दिए। इनमें डॉ. संदीप के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि पिछड़े समाज के जो लोग आगे बढ़ रहे हैं, वे पीछे रह गए लोगों को आगे लेकर आएं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भाजपा के मेनिफेस्टो में दलितों के उत्थान के लिए कई कार्ययोजनाओं के प्रारूप प्रस्तुत किए गए हैं।

श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की अधिकतर योजनाएं शोषितों और वंचितों के लिए ही हैं। उन्होंने सौभाग्य योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय निर्माण और आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए कहा कि ये सभी योजनाएं जाति-धर्म का भेद किए बिना अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि अगर एक बार वंचित वर्ग सशक्त हो गया तो देश की किस्मत बदल जाएगी।

आदिवासी कार्यकर्ता जे हनुमंथप्पा के सवालों का जवाब देते हुए श्री मोदी ने कहा कि बीजेपी हमेशा ट्राइबल समुदाय की आशा-आकांक्षा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रही है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के योगदान को याद करते हुए कहा कि वर्ष 2000 में अटल सरकार ने छत्तीसगढ़ और झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिया और एसटी के लिए अलग मंत्रालय अटल जी ने ही बनाया था। इसके साथ ही अटल जी ने 89वें संशोधन के तहत नेशनल कमीशन फॉर सिड्यूल ट्राइब्स का गठन किया था।

उन्होंने कहा वर्तमान सरकार ने फॉरेस्ट एक्ट बनाकर और बांस को लेकर पूरे कानून को खत्म कर आदिवासियों के सशक्तिकरण की नई राह तैयार की है। उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट राइट्स एक्ट के तहत 55.4 लाख एकड़ वन भूमि के क्षेत्र में 16.5 लाख इंडिविजुअल फॉरेस्ट राइट टाइटल प्रदान कर दिए गए हैं। लगभग 47 लाख एकड़ वन भूमि पर कम्यूनिटी फॉरेस्ट राइट्स टाइटल प्रदान कर दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने चित्रदुर्ग, मैसूर, उत्तर कन्नड़ और बादल कोट में जनजातीय युवाओं को बीएसएफ, सीआरपीएफ और पुलिस फोर्स में शामिल करने के लिए तैयारियां करवाने के लिए सिंदुरा लक्ष्मण प्रशिक्षण केंद्र बनवाए जाने का भी जिक्र किया। इसके अलावा जनजातीय चिकित्सा संस्थान स्थापित करने के लिए 100 करोड़ आवंटित किए जाने की भी जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने उडुपी की श्यामला कुंडर के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ओबीसी समुदाय के विकास के लिए सभी दिक्कतों को दूर कर रही है। उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा वर्ग ओबीसी है। इसमें भी कई लेयर बन गए हैं, नीचे के ओबीसी समुदाय के लोगों की विशेष चिंता करने की जरूरत है ताकि वाजिब लोगों को अवसर मिले और इसके लिए ओबीसी कमीशन बनाया है। उन्होंने कहा कि क्रीमी लेयर को भी 6 लाख से बढ़ाकर आठ लाख कर दिया गया है।

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PM Modi speaks with PM Netanyahu of Israel
December 10, 2025
The two leaders discuss ways to strengthen India-Israel Strategic Partnership.
Both leaders reiterate their zero-tolerance approach towards terrorism.
PM Modi reaffirms India’s support for efforts towards a just and durable peace in the region.

Prime Minister Shri Narendra Modi received a telephone call from the Prime Minister of Israel, H.E. Mr. Benjamin Netanyahu today.

Both leaders expressed satisfaction at the continued momentum in India-Israel Strategic Partnership and reaffirmed their commitment to further strengthening these ties for mutual benefit.

The two leaders strongly condemned terrorism and reiterated their zero-tolerance approach towards terrorism in all its forms and manifestations.

They also exchanged views on the situation in West Asia. PM Modi reaffirmed India’s support for efforts towards a just and durable peace in the region, including early implementation of the Gaza Peace Plan.

The two leaders agreed to remain in touch.