प्रधानमंत्री द्वारा 500 और 1000 रुपये के विमुद्रीकरण के फैसले पर लोगों ने ऐतिहासिक संख्या में अपने विचार भेजे
केवल 24 घंटों में 5 लाख से ज्यादा लोगों ने इस सर्वे में हिस्सा लिया
कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में लोगों ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री में भरोसा दिखाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर 2016 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के विमुद्रीकरण की घोषणा थी। तब से लेकर अब तक विमुद्रीकरण एक चर्चा का विषय बना हुआ है। कई मीडिया घरानों ने विमुद्रीकरण के फैसले पर सर्वे कराए जिसमें देश की जनता ने इसका जमकर समर्थन किया। सोशल मीडिया पर लोगों ने इनोवेटिव तरीकों से इस पहल के प्रति अपना समर्थन जताया। वहीं कुछ अन्य लोगों ने वीडियो और वॉयस रिकॉर्डिंग्स के जरिए अपना समर्थन व्यक्त किया। इतना ही नहीं कई लोगों ने गांवों, कस्बों और बाजारों में जाकर किसानों और व्यापारियों से बातचीत की, जहां लोगों ने फैसले से हो रही तकलीफों के वाबजूद इसका समर्थन किया। लोगों का कहना है कि यह परेशानी कुछ ही दिनों के लिए है।

फैसला वापस नहीं लें- जितेन्द्र यादव

अब तक का सबसे दृढ़ और ऐतिहासिक कदम!!! आदरणीय प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को बधाई!!! मुझे वास्तव में लगता है कि निकट भविष्य में हमारी अर्थव्यवस्था को जो लंबी अवधि तक लाभ मिलने वाला है उसकी तुलना में हम जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं वो कुछ भी नहीं है। मैं आशा करता हूं कि आदरणीय प्रधानमंत्री समाज में फैली ऐसी सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को खत्म करने के लिए आगे भी ऐसे फैसले लेते रहेंगे। धन्यवाद!!! – सुवोजित मुखर्जी

श्री नरेंद्र मोदी सहभागी शासन और लोगों से सीधे संबंध स्थापित करने में विश्वास रखते हैं। एक बार फिर से उन्होंने लोगों से सीधे तौर पर कई मुद्दों की विस्तृत श्रृंखला पर उनके विचार मांगे। उन्हें भरोसा है कि 125 करोड़ भारतीयों की ताकत देश को नये ऊंचाईयों पर लेकर जाएगी।

इसी वजह से लोगों से खुले, मुक्त, निष्पक्ष और न्यायसंगत माहौल में उनके विचार जानने का फैसला किया गया। दूसरे लोगों के माध्यम से जनता के विचार जानने से अच्छा, लोगों को खुद बोलने दिया जाए। लोगों को बोलने देते हैं कि वे विमुद्रीकरण के पक्ष में हैं या उसके खिलाफ। उन्हें वह मौका दिया जाए जिससे वह यह बता सकें कि वास्तव में उन्हें किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अगर किसी के पास विमुद्रीकरण के खिलाफ कोई तर्क है तो उसे बोलने दीजिए। अब, केवल लोगों की राय नहीं बल्कि विमुद्रीकरण के फैसले पर आंकड़ों को भी बोलने दीजिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन सवालों का जवाब चाहते हैं वो व्यापक और प्रत्यक्ष हों। पूछे गये सवालों में लोगों को यह भी अवसर दिया जाए कि वे अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कर सकें।

इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए 22 नवम्बर 2016 को सुबह 10.00 बजे नरेंद्र मोदी ऐप पर एक सर्वे की शुरुआत की गई और उस पर आयी प्रतिक्रियाएं अभूतपूर्व थी।

अब तक आए जवाबों के कुछ मुख्य बिन्दु। (यह आंकड़े 23 नवम्बर शाम 3.30 मिनट तक के हैं)

1 केवल 24 घंटों के भीरत इस सर्वे में 5 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया और अपने विचार रखे। यह आंकड़ा अपने आप में ही बहुत कुछ कहता है। भारत में ऐसे किसी भी फैसले या राजनीतिक मुद्दे पर कभी भी इस प्रकार का सर्वे नहीं हुआ, और ना ही इतनी प्रतिक्रियाएं आई।
2 सर्वे में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों का मानना है कि कालेधन से मुकाबला करने के लिए केंद्र सरकार का यह फैसला सही हैं और लोगों ने इस कदम को 4 स्टार रेटिंग दी। वहीं 73 फीसदी लोगों ने इसे 5 स्टार रेटिंग दी।
3 करीब 92 फीसदी लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इस में सरकार का समर्थन किया है और इसके लिए बहुत अच्छा और अच्छा की श्रेणी में अपना वोट दिया है।  इसमें से 57 फीसदी ऐसे लोग हैं जिन्होंने इस कदम को बहुत अच्छा बताया है।
4 इस सर्वे में 93 फीसदी से ज्यादा लोगों ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद किये जाने के फैसले का समर्थन किया है। 5 लाख से ज्यादा उत्तरदाताओं में से अब तक महज 2 फीसदी लोगों ने ही खराब और बहुत खराब की श्रेणी में रेटिंग दी है।
5 इस सर्वे में 86 फीसदी लोगों ने विमुद्रीकरण को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करार दिया है और लोगों ने काला धन, भ्रष्टाचार और आतंकियों के वित्तीय समर्थन के खिलाफ इस फैसले का स्वागत किया है।

 

विस्तृत निष्कर्ष नीचे दिये गए हैं:

इस सर्वे में लोगों से अंतिम सवाल के तौर पर उनके विचार और सुझाव साझा करने के लिए कहा गया था। इस सवाल के जवाब में आईं प्रतिक्रियाएं काफी उत्साहवर्धक हैं। महाराष्ट्र की नाजिया शेख ने कुछ इस तरह से अपने विचार व्यक्त किये:

मैं एक मुस्लिम युवती हूं, मोदी की प्रशंसक होने के नाते मेरा पूरा परिवार मेरे खिलाफ है। मैं भारतीय राजनीति के बारे में बहुत कुछ नहीं जानती, मैं अपने जीवन में काफी व्यस्त हूं इसलिए बीजेपी या कांग्रेस या आप या शिवसेना के बारे में नहीं जानती... लेकिन मैंने इस व्यक्ति को प्रधानमंत्री के रूप में चुना है और मुझे आशा है कि मेरा फैसला सही है। सभी राजनीतिक दलों ने जनता को लूटा है। श्री मोदी ने मेरे परिवार और मुस्लिम समुदाय को गलत साबित किया है... और मैं उन्हें ऐसे कठोर फैसले लेने के लिए बधाई देती हूं और मैं आशा करती हूं कि वो सफल हों, मैं हर बार उनके लिए वोट करूंगी। मैं अपने प्रधानमंत्री का सम्मान करती हूं क्योंकि मैंने उन्हें चुना है और मैं विरोधों के बावजूद उनके सभी सही निर्णयों के साथ खड़ी रहूंगी। श्री मोदी आप कभी हमारी उम्मीदों को टूटने नहीं दीजिएगा... आपने अपने संबोधन में कहा था सभी के प्रति ईमानदार रहें... मुझे नहीं पता कि आप इसे पढ़ेंगे या नहीं लेकिन मुझे पता है कि देश के 1.25 करोड़ लोगों की निगाहें आप पर टिकी हैं... जय हिंद

इसके अलावा कुछ अन्य लोगों ने भी इस कदम को आगे कैसे बढ़ाया जाए और कैसे एक डिजिटल और कैशलेस अर्थव्यवस्था में सुधार किया जाए, इसके लिए अपने सुझाव दिये हैं। इस बारे में आदित्य सुधाकर ने भी अपने स्पष्ट और संक्षिप्त सुझाव दिये हैं:

कैशलेस अर्थव्यवस्था तभी सफल हो पाएगी जब सभी लोगों को इसके इस्तेमाल की जानकारी हो। बहुत लोग, खासकर ग्रामीण इलाकों में अभी भी ऐसे लोग हैं जिन्हें बैंक खातों और कार्ड्स के इस्तेमाल की जानकारी नहीं है। अगर सरकार लोगों को डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और चेक बुक आदि के इस्तेमाल के विषय में शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए तो बेहतर होगा।

सर्वे के माध्यम से आए सुझावों और विचारों की रिपोर्ट व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री के पास पहुंचाई जा रही है। अब  तक चार लाख से ज्यादा उत्तरदाताओं ने सर्वे का जवाब दिया है, इसमें से अधिकांश लोगों ने विमुद्रीकरण के फैसले का समर्थन किया है और बधाईयां भेजी है, जबकि करीब एक लाख से ज्यादा लोगों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा किये हैं जिनकों काफी ध्यान से छांटा जा रहा है। इसमें से कुछ सुझावों पर प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से प्रतिक्रिया भी देंगे। हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे इस सर्वे में सक्रिय रूप से भागीदारी करें और अपनी आवाज सीधे प्रधानमंत्री तक पहुंचाकर बदलाव का हिस्सा बनें।

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PM Modi hails the commencement of 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage in India
December 08, 2025

The Prime Minister has expressed immense joy on the commencement of the 20th Session of the Committee on Intangible Cultural Heritage of UNESCO in India. He said that the forum has brought together delegates from over 150 nations with a shared vision to protect and popularise living traditions across the world.

The Prime Minister stated that India is glad to host this important gathering, especially at the historic Red Fort. He added that the occasion reflects India’s commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

The Prime Minister wrote on X;

“It is a matter of immense joy that the 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage has commenced in India. This forum has brought together delegates from over 150 nations with a vision to protect and popularise our shared living traditions. India is glad to host this gathering, and that too at the Red Fort. It also reflects our commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

@UNESCO”