"Visiting US Secretaries convey that President Obama attaches great priority to relations with India"
"PM: There is broad convergence of views and interests between India and U.S."

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अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी और वाणिज्य मंत्री पैनी प्रित्जकर ने आज यहां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की।

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घंटे भर चली इस बैठक में अमेरिका के दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री को भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ओबामा भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को उच्च प्राथमिकता देते हैं और उम्मीद करते हैं कि सितंबर में वांशिगटन में होने वाली शिखरवार्ता में इन संबंधों को और मजबूत करने पर बल दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हैं और दोनों देशों के विचार और हित साझा हैं। प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान क्षेत्रीय स्थिति, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की साझेदारी, क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ाने में भारत के प्रयास, अफगानिस्तान को समर्थन जारी रखने की भारत की प्रतिबद्धता, आतंकवाद से निपटने के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ के सिद्धांत का पालन इत्यादि की चर्चा की।

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बैठक में विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव श्री नृपेन्द्र मिश्र, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोवाल, विदेश सचिव सुश्री सुजाता सिंह और अन्य आला अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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पीएम ने पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों के 59वें अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लिया
December 01, 2024
प्रधानमंत्री ने स्मार्ट पुलिसिंग के मंत्र का विस्तार किया और पुलिस से रणनीतिक, सतर्क, अनुकूल, विश्वसनीय और पारदर्शी बनने का आह्वान किया
प्रधानमंत्री ने पुलिस से डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और एआई के कारण उत्पन्न चुनौतियों को भारत की दोहरी एआई शक्ति - कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ‘आकांक्षी भारत’ - का उपयोग करके अवसर में बदलने का आह्वान किया
प्रधानमंत्री ने पुलिस बल के कार्यभार को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान किया
प्रधानमंत्री ने पुलिस से आधुनिकीकरण करने और ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप बनने का आग्रह किया
कुछ प्रमुख समस्याओं को हल करने में हैकाथॉन की सफलता पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस हैकाथॉन आयोजित करने के बारे में विचार-विमर्श करने का सुझाव दिया
सम्मेलन में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध, आर्थिक सुरक्षा, आव्रजन, तटीय सुरक्षा और मादक पदार्थों की तस्करी सहित राष्ट्रीय सुरक्षा की मौजूदा और उभरती चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 30 नवंबर और 1 दिसंबर, 2024 को भुवनेश्वर में 59वें अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक सम्मेलन में भाग लिया।

समापन सत्र में, प्रधानमंत्री ने खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक वितरित किए। अपने समापन भाषण में, प्रधानमंत्री ने कहा कि सम्मेलन के दौरान सुरक्षा चुनौतियों के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयामों पर व्यापक चर्चा हुई और चर्चाओं में सामने आयी जवाबी रणनीतियों पर संतोष व्यक्त किया।

अपने संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री ने डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और एआई तकनीक के कारण उत्पन्न संभावित खतरों, विशेष रूप से सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को बाधित करने वाले डीप फेक की क्षमता पर चिंता व्यक्त की। एक जवाबी उपाय के रूप में, उन्होंने पुलिस नेतृत्व से भारत की दोहरी एआई शक्ति - कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और ‘आकांक्षी भारत’ - का उपयोग करके चुनौती को अवसर में बदलने का आह्वान किया।

उन्होंने स्मार्ट पुलिसिंग के मंत्र का विस्तार किया और पुलिस को रणनीतिक, सतर्क, अनुकूल, विश्वसनीय और पारदर्शी बनने का आह्वान किया। शहरी पुलिस व्यवस्था में की गई पहल की सराहना करते हुए, उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक पहल को देश के 100 शहरों में समन्वित और लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने पुलिस बल के कार्यभार को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान किया और सुझाव दिया कि पुलिस स्टेशन को संसाधन आवंटन के लिए केंद्र बिंदु बनाया जाना चाहिए।

कुछ प्रमुख समस्याओं के समाधान में हैकाथॉन की सफलता पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस हैकाथॉन आयोजित करने पर भी विचार-विमर्श करने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने बंदरगाह सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और इसके लिए भविष्य की कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

गृह मंत्रालय में सरदार वल्लभभाई पटेल के अद्वितीय योगदान को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने गृह मंत्रालय से लेकर पुलिस स्टेशन स्तर तक के पूरे सुरक्षा प्रतिष्ठान से अगले वर्ष उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का आह्वान किया और पुलिस बल से पुलिस की छवि, पेशेवर कुशलता और क्षमताओं में सुधार लाने वाले किसी भी पहलू पर लक्ष्य निर्धारित करने और उसे हासिल करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने पुलिस से आधुनिकीकरण करने और ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप बनने का आग्रह किया।

सम्मेलन के दौरान आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध, आर्थिक सुरक्षा, आव्रजन, तटीय सुरक्षा और मादक पदार्थों की तस्करी सहित राष्ट्रीय सुरक्षा की मौजूदा और उभरती चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई। बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा पर उभरती सुरक्षा चिंताओं, शहरी पुलिस व्यवस्था के रुझानों और दुर्भावनापूर्ण आख्यानों का मुकाबला करने की रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा, नए बनाए गए प्रमुख आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन, विभिन्न पहलों और पुलिस व्यवस्था में सर्वोत्तम तौर-तरीकों के साथ-साथ पड़ोस में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रमों के दौरान बहुमूल्य जानकारी दी और भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार किया।

सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और केंद्रीय गृह सचिव भी शामिल हुए। हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित इस सम्मेलन में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी/आईजीपी और सीएपीएफ/सीपीओ के प्रमुख भी उपस्थित थे तथा सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से विभिन्न रैंकों के 750 से अधिक अधिकारियों ने वर्चुअल रूप से भाग लिया।