Quoteप्रधानमंत्री ने 8वें इंडिया मोबाइल कांग्रेस का उद्घाटन किया
Quoteभारत में हमने दूरसंचार को केवल संपर्क का माध्यम नहीं, बल्कि समानता और अवसर का माध्यम भी बनाया है: प्रधानमंत्री
Quoteहमने डिजिटल इंडिया के चार स्तंभों की पहचान की तथा चारों स्तंभों पर एक साथ काम करना शुरू किया और हमें परिणाम मिले: प्रधानमंत्री
Quoteहम दुनिया को पूरी तरह से भारत में निर्मित फोन देने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसमें चिप से लेकर तैयार उत्पाद तक शामिल होंगे: प्रधानमंत्री
Quoteभारत ने मात्र 10 वर्षों में जो ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी की आठ गुनी है: प्रधानमंत्री
Quoteभारत ने डिजिटल तकनीक का लोकतंत्रीकरण किया है: प्रधानमंत्री
Quoteआज भारत के पास ऐसा डिजिटल गुलदस्ता है, जो दुनिया में कल्याणकारी योजनाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है: प्रधानमंत्री
Quoteभारत प्रौद्योगिकी क्षेत्र को समावेशी बनाने, प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है: प्रधानमंत्री
Quoteसमय आ गया है कि वैश्विक संस्थाएं डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक रूपरेखा तथा वैश्विक शासन के लिए वैश्विक दिशा-निर्देशों के महत्व को स्वीकार करें: प्रधानमंत्री
Quoteहमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा भविष्य तकनीकी रूप से और नैतिक रूप से मजबूत हो, हमारे भविष्य के लिए नवाचार के साथ-साथ समावेशी दृष्टि भी होनी चाहिए: प्रधानमंत्री

मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, चंद्रशेखर जी, ITU की Secretary-General, विभिन्न देशों के मंत्रिगण, भारत के भिन्‍न-भिन्‍न राज्यों से आए हुए सब मंत्रिगण, industry leaders, telecom experts, startups की दुनिया के मेरे प्रिय नौजवान, देश-दुनिया से आए अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,

इंडिया मोबाइल कांग्रेस में देश और दुनिया के आप सभी साथियों का बहुत-बहुत अभिनंदन! मैं International Telecom Union- ITU के साथियों का भी विशेष स्वागत करता हूं। आपने WTSA के लिए पहली बार भारत चुना है। मैं आपका आभारी भी हूं और आपकी सराहना भी करता हूं।

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साथियों,

आज भारत, टेलीकॉम और उससे जुड़ी टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया के सबसे happening देशों में से एक है। भारत, जहां 120 करोड़ यानी 1200 million मोबाइल फोन यूजर्स हैं। भारत, जहां 95 करोड़ यानी 950 मिलियन internet Users हैं। भारत, जहां दुनिया का 40 परसेंट से अधिक का रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है। भारत, जिसने डिजिटल कनेक्टिविटी को last mile delivery का effective tool बनाकर दिखाया है। वहां Global Telecommunication के स्टैंडर्ड और future पर चर्चा Global Good का भी माध्यम बनेगी। मैं आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

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Friends,

WTSA और India Mobile Congress का एक साथ होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। WTSA का लक्ष्य ग्लोबल स्टैंडर्ड्स पर काम करना है। वहीं India Mobile Congress की बड़ी भूमिका सर्विसेज के साथ जुड़ी हुई है। इसलिए आज का ये आयोजन, Standards और services, दोनों को एक ही मंच पर ले आया है। आज भारत quality services पर बहुत ज्यादा फोकस कर रहा है। हम अपने standards पर भी विशेष बल दे रहे हैं। ऐसे में WTSA का अनुभव, भारत को एक नई ऊर्जा देने वाला होगा।

साथियों,

WTSA पूरी दुनिया को consensus के जरिए empower करने की बात करता है।India Mobile Congress, पूरी दुनिया को कनेक्टिविटी के ज़रिए सशक्त करने की बात करती है। यानी इस इवेंट में consensus और connectivity भी एक साथ जुड़ी हैं। आप जानते हैं कि आज की conflicts से भरी दुनिया के लिए इन दोनों का होना कितना जरूरी है। भारत हजारों वर्षों से वसुधैव कुटुंबकम के अमर संदेश को जीता रहा है। हमें G-20 का नेतृत्व करने का अवसर मिला, तब भी हमने one earth, one family, one future का ही संदेश दिया। भारत दुनिया को conflicts से बाहर निकालकर, connect करने में ही जुटा है। प्राचीन सिल्क रूट से लेकर आज के टेक्नोलॉजी रूट तक, भारत का हमेशा एक ही मिशन रहा है- दुनिया को कनेक्ट करना और प्रगति के नए रास्ते खोलना। ऐसे में WTSA और IMC की ये साझेदारी भी एक प्रेरक और शानदार मैसेज है। जब लोकल और ग्लोबल का मेल होता है, तब न केवल एक देश बल्कि पूरी दुनिया को इसका लाभ मिलता है और यही हमारा लक्ष्य है।

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Friends,

21वीं सदी में भारत की मोबाइल और टेलीकॉम यात्रा पूरे विश्व के लिए स्टडी का विषय है। दुनिया में मोबाइल और टेलीकॉम को एक सुविधा के रूप में देखा गया। लेकिन भारत का मॉडल कुछ अलग रहा है। भारत में हमने टेलीकॉम को सिर्फ कनेक्टिविटी का नहीं, बल्कि equity और opportunity का माध्यम बनाया। ये माध्यम आज गांव और शहर, अमीर और गरीब के बीच की दूरी को मिटाने में मदद कर रहा है। मुझे याद है, जब मैं 10 साल पहले डिजिटल इंडिया का विजन देश के सामने रख रहा था। तो मैंने कहा था कि हमें टुकड़ों में नहीं बल्कि holistic अप्रोच के साथ चलना होगा। तब हमने डिजिटल इंडिया के चार पिलर्स की पहचान की थी। पहला- डिवाइस की कीमत कम होनी चाहिए। दूसरा- डिजिटल कनेक्टिविटी देश के कोने-कोने तक पहुंचे तीसरा- डेटा सबकी पहुंच में होना है। और चौथा, ‘Digital first’ ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। हमने इन चारों पिलर्स पर एक साथ काम करना शुरू किया और हमें इसके नतीजे भी मिले।

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Friends,

हमारे यहां फोन तब तक सस्ते नहीं हो सकते थे जब तक हम भारत में ही उनको मैन्युफैक्चर न करते। 2014 में भारत में सिर्फ 2 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स थीं, आज 200 से ज़्यादा हैं। पहले हम ज्यादातर फोन बाहर से इंपोर्ट करते थे। आज हम पहले से 6 गुना ज्यादा मोबाइल फोन भारत में बना रहे हैं, हमारी पहचान एक मोबाइल एक्सपोर्टर देश की है। और हम इतने पर ही नहीं रुके हैं। अब हम चिप से लेकर finished product तक, दुनिया को एक कंप्लीट मेड इन इंडिया फोन देने में जुटे हैं। हम भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पर भी बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।

Friends,

कनेक्टिविटी के पिलर पर काम करते हुए भारत में हमने ये सुनिश्चित किया है कि हर घर कनेक्ट हो। हमने देश के कोने-कोने में मोबाइल टावर्स का एक सशक्त नेटवर्क बनाया। जो हमारे tribal areas हैं, hilly areas हैं, border areas हैं, वहां बहुत कम समय में ही हज़ारों मोबाइल टावर्स लगाए गए। हमने रेलवे स्टेशन्स और दूसरे पब्लिक प्लेसेज़ पर वाई-फाई की सुविधाएं दीं। हमने अपने अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप जैसे आइलैंड्स को अंडर-सी केबल्स के माध्यम से कनेक्ट किया। भारत ने सिर्फ 10 साल में जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी से भी आठ गुना है! मैं भारत की स्पीड का आपको एक उदाहरण देता हूं। दो साल पहले मोबाइल कांग्रेस में ही हमने 5G लॉन्च किया था। आज भारत का करीब-करीब हर जिला 5G सर्विस से जुड़ चुका है। आज भारत दुनिया का दूसरा बड़ा 5G मार्केट बन चुका है। और अब हम 6G टेक्नॉलॉजी पर भी तेज़ी से काम कर रहे हैं।

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साथियों,

भारत ने टेलीकॉम सेक्टर में जो रिफॉर्म्स किए, जो इनोवेशन किए, वो अकल्पनीय हैं, अभूतपूर्व हैं। इससे डेटा की कीमत बहुत कम हुईं। आज भारत में इंटरनेट डेटा की कीमत, लगभग 12 सेंट प्रति GB है। जबकि दुनिया के कितने ही देशों में एक GB डेटा, इससे 10 गुना से 20 गुना ज्यादा महंगा है। हर भारतीय, आज हर महीने औसतन करीब 30 GB डेटा कंज्यूम करते हैं।

साथियों,

इन सारे प्रयासों को हमारे चौथे पिलर यानि digital first की भावना ने नई स्केल पर पहुंचाया है। भारत ने डिजिटल टेक्नॉलॉजी को डेमोक्रेटाइज़ किया। भारत ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाए, और इस प्लेटफॉर्म्स पर हुए इनोवेशन ने लाखों नए अवसर पैदा किए। जनधन, आधार और मोबाइल की JAM ट्रिनिटी कितने ही नए इनोवेशन का आधार बनी है। Unified Payments Interface-UPI ने कितनी ही नई कंपनियों को नए मौके दिए हैं। अब आजकल ONDC की भी ऐसी ही चर्चा हो रही है। ONDC से भी डिजिटल कॉमर्स में नई क्रांति आने वाली है। हमने कोरोना के दौरान भी देखा है कि कैसे हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने हर काम आसान किया है। ज़रूरतमंदों तक पैसा भेजना हो, कोरोना से निपटने में जुटे कर्मचारियों तक रियल टाइम गाइडलाइंस भेजनी हो, वैक्सीनेशन का प्रोसेस स्ट्रीमलाइन करना हो, वैक्सीन का डिजिटल सर्टिफिकेट देना हो, भारत में सब कुछ बहुत Smoothly हुआ। आज भारत के पास एक ऐसा डिजिटल बुके है, जो दुनिया में वेलफेयर स्कीम्स को एक नई ऊंचाई दे सकता है। इसलिए G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान भी भारत ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बल दिया। और आज मैं फिर दोहराऊंगा, भारत को DPI से संबंधित अपना अनुभव और जानकारी सभी देशों के साथ शेयर करने में खुशी होगी।

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साथियों,

यहां WTSA में Network of Women initiative पर भी चर्चा होनी है। ये बहुत ही Important विषय है। भारत, वीमेन लेड डवलपमेंट को लेकर बहुत ही गंभीरता से काम कर रहा है। G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान भी हमने अपने इस कमिटमेंट को आगे बढ़ाया। Technology सेक्टर को inclusive बनाना, Technology प्लेटफॉर्म्स से महिलाओं को Empower करना, भारत इस लक्ष्य को लेकर चल रहा है। आपने देखा है कि हमारे स्पेस मिशन्स में, हमारी वीमेन साइंटिस्ट्स का कितना बड़ा रोल है। हमारे स्टार्टअप्स में women co-founders की संख्या लगातार बढ़ रही है। आज भारत की STEM एजुकेशन में 40 परसेंट से अधिक हिस्सेदारी हमारी बेटियों की है। भारत आज technology लीडरशिप में महिलाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर बना रहा है। आपने सरकार के नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम के बारे में ज़रूर सुना होगा। ये खेती में ड्रोन क्रांति को बढ़ावा देने वाला कार्यक्रम है। इस अभियान को भारत के गांवों की महिलाएं लीड कर रही हैं। डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट्स को घर-घर पहुंचाने के लिए भी हमने बैंक सखी प्रोग्राम चलाया। यानि महिलाओं ने digital awareness प्रोग्राम को भी लीड किया है। हमारे प्राइमरी हेल्थकेयर, maternity और child care में भी आशा और आंगनबाड़ी workers का बहुत बड़ा रोल है। आज ये workers, tabs और apps के माध्यम से इस पूरे काम को ट्रैक करती हैं। महिलाओं के लिए हम महिला ई-हाट कार्यक्रम भी चला रहे हैं। ये women entrepreneurs के लिए एक ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है। यानि आज गांव-गांव में भारत की महिलाएं ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं, जो अकल्पनीय है। आने वाले समय में हम इसका दायरा और बढ़ाने वाले हैं। मैं उस भारत की कल्पना कर रहा हूं जहां हर बेटी एक टेक लीडर हो।

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Friends,

भारत ने अपनी जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान एक गंभीर विषय दुनिया के सामने रखा था। इस विषय को मैं WTSA जैसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म के सामने भी रखना चाहता हूं। ये विषय है- डिजिटल टेक्नोलॉजी के ग्लोबल फ्रेमवर्क का, ग्लोबल गाइडलाइंस का, अब समय आ गया है कि ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स को ग्लोबल गवर्नेंस के लिए इसके महत्व को स्वीकारना होगा। टेक्नोलॉजी के लिए वैश्विक स्तर पर Do’s and don’ts बनाने होंगे। आज जितने भी डिजिटल टूल्स और एप्लीकेशंस हैं, वो बंधनों से परे हैं, किसी भी देश की बाउंड्री से परे हैं। इसलिए कोई भी देश अकेले साइबर थ्रेट्स से अपने नागरिकों की रक्षा नहीं कर सकता। इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा, ग्लोबल संस्थाओं को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठानी होगी। हम जानते हैं हमारा अनुभव, जैसे हमने एविएशन सेक्टर के लिए एक ग्‍लोबल Rules and Regulation का फ्रेम वर्क बनाए हैं, वैसे ही फ्रेम वर्क की जरूरत डिजिटल वर्ल्ड को भी है। और इसके लिए WTSA को और अधिक सक्रियता से काम करना होगा। मैं WTSA से जुड़े हर सदस्य से कहूंगा कि वो इस दिशा में सोचें कि कैसे Tele-communications को सभी के लिए सेफ बनाया जाए। इस इंटरकनेक्टेड दुनिया में Security किसी भी तरह से After-thought नहीं हो सकती। भारत के Data Protection एक्ट और National Cyber Security Strategy, एक Safe Digital Ecosystem बनाने के प्रति हमारे कमिटमेंट को दिखाते हैं। मैं इस असेंबली के सदस्यों से कहूंगा, आप ऐसे standards बनाएं, जो Inclusive हों, Secure हों और भविष्य के हर चैलेंज के लिए Adaptable हों। आप Ethical AI और Data Privacy के ऐसे Global Standards बनाएं, जो अलग-अलग देशों की Diversity का भी सम्मान करें।

साथियों,

ये बहुत जरूरी है कि आज के इस technological revolution में हम टेक्नॉलजी को Human Centric Dimensions देने का निरंतर प्रयास करें। हम पर ये जिम्मेदारी है कि ये Revolution, responsible और sustainable हो। आज हम जो भी Standards सेट करेंगे, उससे हमारे भविष्य की दिशा तय होगी। इसलिए security, dignity और equity के Principles हमारी चर्चा के केंद्र में होने चाहिए। हमारा मकसद होना चाहिए कि कोई देश, कोई रीजन और कोई Community इस डिजिटल युग में पीछे ना रह जाए। हमें सुनिश्चित करना होगा, हमारा भविष्य technically strong भी हो और ethically sound भी हो, हमारे भविष्य में Innovation भी हो, Inclusion भी हो।

साथियों,

WTSA की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं, मेरा सपोर्ट आपके साथ है। आप सबको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं! बहुत-बहुत धन्यवाद !

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आइए, हम सब योग को एक जन-आंदोलन बनाएं; जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए: पीएम मोदी
June 21, 2025
Quoteयोग ने समस्‍त विश्व को एकजुट किया है: प्रधानमंत्री
Quoteयोग सब के लिए है, सीमाओं से, पृष्ठभूमि से, उम्र या क्षमता से परे है: प्रधानमंत्री
Quoteयोग हमें विश्व के साथ एकरूपता की दिशा में ले जाता है, यह हमें सिखाता है कि हम अलग-थलग नहीं, बल्कि प्रकृति का ही हिस्सा हैं: प्रधानमंत्री
Quoteयोग एक ऐसी प्रणाली है जो हमें 'मैं' से 'हम' की ओर ले जाती है: प्रधानमंत्री
Quoteयोग मानवता के लिए सांस लेने, संतुलन बनाए रखने और फिर से संपूर्ण बनने के लिए आवश्यक पौज बटन है: प्रधानमंत्री
Quoteआइए, इस योग दिवस को मानवता के लिए योग 2.0 के आरंभ के रूप में मनाएं, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बन जाती है: प्रधानमंत्री

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, मेरे परम मित्र चंद्रबाबू नायडू गारू, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे सहयोगी, के. राममोहन नायडू जी, प्रतापराव जाधव जी, चंद्रशेखर जी, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा जी, राज्य के डिप्टी सीएम पवन कल्याण गारू, अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! आप सबको नमस्कार!

देश और दुनियाभर के सभी लोगों को इंटरनेशनल योग डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज 11वीं बार पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा-साधा अर्थ होता है जुड़ना और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है। मैं बीते एक दशक में योग की यात्रा को जब देखता हूं, तो बहुत कुछ याद आता है। वो दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता मिले और तब कम से कम समय में दुनिया के 175 देश हमारे इस प्रस्ताव के साथ खड़े हुए। आज की दुनिया में ऐसी एकजुटता, ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है। ये सिर्फ एक प्रस्ताव का समर्थन भर नहीं था, ये मानवता के भले के लिए दुनिया का सामूहिक प्रयास था। आज 11 साल बाद, हम देख रहे हैं कि योग दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जीवन शैली का हिस्सा बन चुका है। मुझे गर्व होता है, जब मैं देखता हूँ कि हमारे दिव्यांग साथी ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं, गांव-गांव में युवा साथी योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं। यहां सामने देखिये, ये नेवी के सभी जहाजों में भी अभी बहुत शानदार योगा कार्यक्रम चल रहा है। चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियाँ हों, या एवरेस्ट की चोटी हो, या फिर समंदर का विस्तार हो, हर जगह से एक ही संदेश आता है— योग सभी का है, और सभी के लिए है। Yoga is for Everyone, Beyond Boundaries, Beyond Backgrounds, Beyond age or ability.

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साथियों,

आज मुझे इस बात की खुशी है कि हम सभी विशाखापट्टनम में हैं। ये शहर प्रकृति और प्रगति, दोनों की संगम स्थली है। यहां के लोगों ने इतना अच्छा आयोजन किया है। मैं चंद्रबाबू नायडू गारु और पवन कल्याण गारू को बधाई देता हूं, आपके नेतृत्व में आंध्र प्रदेश ने योगांध्रा अभियान का एक शानदार initiative लिया। मैं विशेष तौर पर नारा लोकेश गारू के प्रयासों की भी विशेष प्रशंसा करना चाहता हूं। योग का सोशल सेलिब्रेशन कैसे होना चाहिए, समाज के हर वर्ग को कैसे जोड़ना चाहिए, ये उन्होंने बीते एक डेढ़ महीने के इस योगांध्रा अभियान में करके दिखाया है, और इसके लिए भाई लोकेश अनेक अनेक बधाई के पात्र हैं। और मैं तो देशवासियों को भी कहूंगा कि ऐसे अवसरों को आप किस प्रकार से सामाजिक स्तर पर गहराई से ले जाया जा सकता है, भाई लोकेश ने जो काम किया है, उसको एक नमूने के रूप में देखना चाहिए।

साथियों,

मुझे बताया गया है कि योगांध्रा अभियान से दो करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं। पब्लिक पार्टिसिपेशन की यही वो स्पिरिट है, जो विकसित भारत का मुख्य आधार है। जब जनता खुद आगे बढ़कर किसी मुहिम को थाम लेती है, किसी लक्ष्य को Own कर लेती है, तो उस लक्ष्य की प्राप्ति से हमें कोई रोक नहीं पाता। जनता-जनार्दन की ये सद-इच्छा औऱ आपके प्रयास यहां इस आयोजन में हर तरफ नजर आ रहे हैं।

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Friends,

The theme of this year’s International Day of Yoga is ‘Yoga for One Earth, One Health’. This theme reflects a deep truth. The health of every entity on Earth is interconnected. Human well-being depends on the health of the soil that grows our food, on the rivers that give us water, on the health of the animals that share our eco-systems, on the plants that nourish us. Yoga awakens us to this inter-connected-ness. Yoga leads us on a journey towards oneness with the world. It teaches us that we are not isolated individuals but part of nature. Initially we learn to take good care of our own health and wellness. Gradually, our care and concern extends to our environment, society and planet. Yoga is a great personal discipline . At the same time, it is a system that takes us from Me to We.

साथियों,

Me to We’ का ये भाव ही भारत की आत्मा का सार है। जब व्यक्ति अपने हित से ऊपर उठकर समाज की सोचता है, तभी पूरी मानवता का हित होता है। भारत की संस्कृति हमें सिखाती है, सर्वे भवन्तु सुखिनः, यानी सभी का कल्याण ही मेरा कर्तव्य है। ‘मैं’ से ‘हम’ की ये यात्रा ही सेवा, समर्पण और सह-अस्तित्व का आधार है। यही सोच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है।

साथियों,

दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है। Yoga is the pause button that humanity needs to breathe to balance to become whole gain.

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मैं विश्व समुदाय से आज के इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक आग्रह करूंगा। Let this Yoga Day mark the beginning of Yoga for Humanity 2.O, where Inner Peace becomes Global Policy. जहां योग सिर्फ personal practice न रहे, बल्कि global partnership का माध्यम बने। जहां हर देश, हर समाज, योग को जीवनशैली और लोकनीति का हिस्सा बनाए। जहां हम मिलकर एक शांत, संतुलित और sustainable विश्व को गति दें। जहां योग, विश्व को टकराव से सहयोग, और तनाव से समाधान की ओर ले जाए।

साथियों,

विश्व में योग के प्रसार के लिए भारत, योग की साइंस को आधुनिक रिसर्च से और अधिक सशक्त कर रहा है। देश के बड़े-बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च में जुटे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले, ये हमारा प्रयास है। हम देश के मेडिकल और रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स में, योगा के क्षेत्र में एविडेंस बेस्ड थेरेपी को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस दिशा में दिल्ली के एम्स ने भी बहुत अच्छा काम करके दिखाया है। एम्स की रिसर्च में सामने आया है कि योग की Cardiac और न्यूरोलॉजी डिस्ऑर्डर्स के उपचार और वूमन हेल्थ और Mental Well-being में अहम भूमिका है।

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साथियों,

National Ayush Mission के ज़रिए भी योग और वेलनेस के मंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है। डिजिटल टेक्नोलॉजी ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। Yoga Portal और YogAndhra Portal के ज़रिए, देशभर में 10 लाख से अधिक इवेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है। आज देश के कोने-कोने में इतनी सारी जगहों पर आयोजन हो रहे हैं। ये भी दिखाता है कि योग का दायरा कितना ज्यादा बढ़ रहा है।

साथियों,

हम सभी जानते हैं, आज हील इन इंडिया का मंत्र भी दुनिया में काफी पॉपुलर हो रहा है। भारत-दुनिया के लिए हीलिंग का बेस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है। योग की इसमें भी बड़ी भूमिका है। मुझे खुशी है कि योग के लिए Common Yoga Protocol बनाया गया है। Yoga Certification Board के साढ़े छह लाख से अधिक trained वॉलंटियर्स, करीब 130 मान्यता प्राप्त संस्थान और मेडिकल कॉलेजों में 10 दिन का योग मॉड्यूल, ऐसे अनेक प्रयास, एक होलिस्टिक इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं। देशभर में हमारे जो आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं, वहां trained योग टीचर तैनात किए जा रहे हैं। दुनियाभर के लोगों को भारत के इस वेलनेस इकोसिस्टम का फायदा मिले, इसलिए विशेष ई-आयुष वीज़ा दिए जा रहे हैं।

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साथियों,

आज योग दिवस पर मैं ओबेसिटी की तरफ भी फिर से सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। बढ़ती ओबेसिटी पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा चैलेंज है। मैंने मन की बात कार्यक्रम में भी, इस पर विस्तार से चर्चा की थी। इसके लिए अपने खान-पान में 10 परसेंट ऑयल कम करने का चैलेंज भी शुरु किया था। मैं एक बार फिर देशवासियों से, दुनियाभर के लोगों को इस चैलेंज से जुड़ने का आह्वान करता हूं। अपने खाने में कैसे हम कम से कम 10 परसेंट ऑयल कंजम्शन कम करें, इसके लिए जागरूकता फैलानी है। ऑयल की खपत कम करना, unhealthy diet से बचना और योग करना, ये बेहतर फिटनेस की जड़ी बूटी है।

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साथियों,

आइए, हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन दोलन बनाएं। एक ऐसा आंदोलन, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए। जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बने। और जहां ‘Yoga for One Earth, One Health’ एक वैश्विक संकल्प बन जाए। एक बार फिर आंध्र के नेतृत्व को बधाई देते हुए, आंध्र के लोगों को बधाई देते हुए और विश्वभर में फैले हुए योग practitioners और योग प्रेमियों को बधाई देते हुए, आप सबको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। धन्यवाद!