आज की जीत ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है, आज सबका साथ-सबका विकास की भावना जीती है: बीजेपी मुख्यालय में पीएम मोदी
"कुछ लोग तो कह रहे हैं कि आज की इस हैट्रिक ने 24 की हैट-ट्रिक की गारंटी दे दी है": बीजेपी मुख्यालय में पीएम मोदी
इस चुनाव में देश को जातियों के आधार पर बांटने की कोशिश की गई। मैं लगातार कह रहा था कि मेरे लिए देश में चार जातियां ही सबसे बड़ी हैं-नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसान और गरीब परिवार: पीएम मोदी
मैं महिलाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनसे किए गए सभी वादे शत-प्रतिशत पूरे होंगे; ये मोदी की गारंटी है: पीएम मोदी

भारत माता की…जय..

आवाज तेलंगाना तक पहुचनी चाहिए, भारत माता की...जय...

भारत माता की...जय...


आज की विजय़ ऐतिहासिक है, अभूतपूर्व है। आज सबका साथ-सबका विकास की भावना जीती है। आज विकसित भारत के आह्वान की जीत हुई है। आज आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की जीत हुई है। आज वंचितों को वरीयता के विचार की जीत हुई है। आज भारत के विकास के लिए, राज्यों का विकास, इस सोच की जीत हुई है। आज ईमानदारी, पारदर्शिता और सुशासन की जीत हुई है। मैं इस मंच से सभी मतदाताओं को आदरपूर्वक नमन करता हूं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लोगों ने भाजपा पर भरपूर स्नेह दिखाया है। तेलंगाना में भी बीजेपी के प्रति समर्थन लगातार बढ़ रहा है। ये हम सभी का सौभाग्य है। जब अपने परिवारजनों से इतना प्यार मिलता है, विश्वास मिलता है तब मैं व्यक्तिगत रूप से अनुभव करता हूं कि मेरी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। आज भी मेरे मन में यही भाव है। मैं अपनी माताओं-बहनों-बेटियों के सामने, मैं अपने युवा साथियों के सामने, मैं अपने किसान भाई-बहनों के सामने, मैं अपने गरीब परिवारों के सामने, उन्होंने जो निर्णय किया है, जो बढ़-चढकर समर्थन दिया है इसके लिए मैं उनके सामने नतमस्तक हूं।

इस चुनाव में देश को जातियों में बांटने की बहुत कोशिशें हुई। लेकिन मैं लगातार कह रहा था कि मेरे लिए देश में चार जातियां ही सबसे बड़ी जातियां हैं। और मैं जब चार जातियों की बात करता हूं...हमारी नारीशक्ति, हमारी युवा शक्ति, हमारे किसान और हमारे गरीब परिवार, इन चार जातियों को सशक्त करने से ही देश सशक्त होने वाला है। आज बड़ी संख्या में हमारे ओबीसी साथी, इसी वर्ग में आते हैं। आज बड़ी संख्या में हमारे आदिवासी साथी, इसी वर्ग में आते हैं। और इन चुनावों में, इन चारों जातियों ने भाजपा की योजनाओं और भाजपा के रोडमैप को लेकर बहुत उत्साह दिखाया है। आज हर गरीब कह रहा है- वो खुद जीता है। आज हर वंचित के मन में भावना है- कि ये चुनाव वो खुद जीता है। आज हर किसान यही कहता है ये चुनाव हर किसान जीता है। आज हर आदिवासी भाई-बहन ये सोचकर खुश है कि उसने जिसे वोट दिया वो विजय उसकी अपनी है। आज हर फर्स्ट टाइम वोटर बड़े गर्व के साथ कह रहा है मेरा पहला वोट मेरे विजय का कारण बना है। इसी जीत में हर महिला अपनी जीत देख रही है। इसी जीत में बेहतर भविष्य का सपना देखने वाला हर युवा अपनी जीत देख रहा है। हर वो नागरिक इसे अपनी सफलता समझ रहा है, जो 2047 में भारत को एक विकसित राष्ट्र देखना चाहता है।

साथियों,
मैं आज विशेष रूप से देश की नारीशक्ति का अभिनंदन करूंगा। रैलियों में, मैं अक्सर कहता था कि इन चुनावों में नारीशक्ति ये ठानकर निकली है कि भाजपा का परचम लहराएगी। और जब देश की नारीशक्ति किसी का सुरक्षा कवच बन जाए, तो कैसी भी ताकत उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकती। आज नारीशक्ति वंदन अधिनियम ने, देश की माताओं-बहनों-बेटियों के मन में नया विश्वास जगाया है। आज देश की हर महिला में ये भरोसा जगा है कि भाजपा सरकार में उनकी सक्रिय भागीदारी को नई बुलंदी मिलने वाली है। आज हर बहन-बेटी को साफ-साफ लगता है कि बीजेपी ही नारी गरिमा, नारी सम्मान, नारी सुरक्षा की सबसे बड़ी गारंटी है। उन्होंने देखा है कि बीते 10 वर्षों में भाजपा ने उन तक टॉयलेट, बिजली, गैस, नल से जल, बैंक में खाते, ऐसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए कितनी ईमानदारी से काम किया है। आज वो देख रही हैं कि कैसे बीजेपी, घर-परिवार में, समाज में उनकी आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए, उन्हें रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर देने के लिए निरंतर काम कर रही है। नारीशक्ति का विकास, बीजेपी के विकास मॉडल का महत्वपूर्ण स्तंभ भी है। और इसलिए इन चुनावों में महिलाओं ने, बहनों-बेटियों ने एक प्रकार से भाजपा की विजय की पूरी जिम्मेवारी अपने हाथ में उठा ली थी और भरपूर आशीर्वाद दिया है। मैं आज पूरी विनम्रता से देश की हर बहन-बेटी को यही कहूंगा कि आपसे जो वायदे बीजेपी ने किए हैं, वो शत प्रतिशत पूरे किए जाएंगे और ये मोदी की गारंटी है। और मोदी की गारंटी यानि...गारंटी पूरा होने की गारंटी।

साथियों,
चुनाव नतीजों ने एक और बात स्पष्ट की है। देश का युवा सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। जहां भी सरकारों ने युवाओं के खिलाफ काम किया है, वो सरकारें सत्ता से बाहर हुई हैं। चाहे राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो, या तेलंगाना हो....ये सारी सरकारें पेपर लीक और भर्ती घोटालों के आरोपों में घिरी हुई थीं। परिणाम ये हुआ, कि इन तीनों ही राज्यों में सत्ता में बैठे दल अब सरकार से बाहर हैं। आज देश के युवा में ये भरोसा लगातार बढ़ रहा है कि बीजेपी ही उसकी आकांक्षाएं समझती है, उसके लिए काम करती है। देश का युवा ये जानता है कि बीजेपी की सरकार युवा हितैषी होती हैं, युवाओं के लिए नए अवसर बनाने वाली होती है।

साथियों,
आज देश का आदिवासी समाज भी अब खुलकर अपनी बात रख रहा है। ये वो आदिवासी समाज है, जो कांग्रेस की नीतियों की वजह से सात दशक तक पीछे रहा, जिसे अवसर नहीं दिए गए। इनकी जनसंख्या आज 10 करोड़ के आसपास है। हमने गुजरात के चुनाव परिणामों में भी ये देखा है। जिस कांग्रेस ने आदिवासी समाज को कभी पूछा तक नहीं, उस आदिवासी समाज ने कांग्रेस का सफाया कर दिया। यही भावना आज हमने एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी देखी है। इन राज्यों की आदिवासी अंचल की सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। आदिवासी समाज आज विकास के लिए आकांक्षी है। और उन्हें भरोसा है कि इस आकांक्षा को सिर्फ और सिर्फ भाजपा सरकार ही पूरा कर सकती है।

मेरे परिवारजनों,
मैं आज हर राज्य के भाजपा कार्यकर्ताओं की भी सराहना करूंगा, भूरि-भूरि प्रशंसा करूंगा। भाजपा और कमल के प्रति आपकी निष्ठा, आपका समर्पण, अतुलनीय है। डबल इंजन सरकार का मैसेज आपने पूरी ईमानदारी से जन-जन तक पहुंचाया। इसी का परिणाम आज हमें मिल रहा है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष, नड्डा जी जिस प्रकार अपनी नीति-रणनीति को अमल में लाए, ये विजय उसका भी परिणाम है। चुनाव के दौरान उनके परिवार में एक दुखद दुर्घटना घटी, उसके बावजूद भी नड्डा जी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में दिन-रात डटे रहे।

साथियों,
राजनीति के इतने वर्षों में, मैं हमेशा भविष्यवाणियों से दूर रहा हूं। मैं कभी भी वायदे-वायदे या बड़ी-बड़ी घोषणाएं नहीं करता, इतने साल हो गए, कभी नहीं करता। लेकिन इस बार चुनाव में मैंने अपना ये नियम भी तोड़ा था। मैंने राजस्थान में मावजी महाराज को प्रणाम करते हुए उन्ही की धरती पर ये भविष्यवाणी की थी कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार लौटकर नहीं आएगी। मैं भविष्यवेत्ता नही हूं लेकिन मेरा राजस्थान के लोगों पर भरोसा था, वहां की जनता पर भरोसा था और आज हम नतीजे देख रहे हैं। मध्य प्रदेश ने भी हमें फिर दिखाया है कि भाजपा के सेवाभाव का कोई विकल्प नहीं है। दो दशक से वहां भाजपा की सरकार है और इतने वर्षों के बाद भी भाजपा पर भरोसा लगातार मजबूत ही हो रहा है। छत्तीसगढ़ के परिवारजनों को तो मैं, जब वहां चुनाव सभाओं में गया, तो मैं खुद ही पहली सभा में, छत्तीसगढ़ के चुनाव की पहली सभा में मैंने खुद कहा था कि मैं आपसे कुछ मांगने नहीं आया हूं, मैं तो आपको 3 दिसंबर के बाद सरकार बनेगी तो शपथ समारोह में निमंत्रण देने के लिए आया हूं। छत्तीसगढ़ के परिणाम से साफ है कि हर परिजन ने उस बात को स्वीकार किया है। मैं तेलंगाना की जनता और तेलंगाना के भाजपा कार्यकर्ताओं का विशेष आभार व्यक्त करता हूं। हर चुनाव में तेलंगाना में भाजपा का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। मैं तेलंगाना के लोगों को ये विश्वास दिलाता हूं कि बीजेपी, आपकी सेवा में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
भारतीय जनता पार्टी तेलंगाना अभिवृद्धि कोसम एल्लापुरुपनी चिंतुने उट्टूंदी तेलंगानातो माकोचालामंची अनुवंधमउंडी।

मेरे परिवारजनों,
इन चुनाव परिणामों की गूंज सिर्फ एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रहेगी। इन परिणामों की गूंज दूर तक जाएगी। पूरी दुनिया में इन चुनाव परिणामों की गूंज सुनाई देगी। ये चुनाव परिणाम, भारत के विकास पर भरोसा दुनिया के भरोसे को और मजबूती देगा। ये चुनाव परिणाम, दुनियाभर के निवेशकों को भी नया विश्वास देगा। भरोसा ये कि आज़ादी के अमृतकाल में विकसित भारत का जो संकल्प हमने लिया है, उसे जनता जनार्दन का लगातार आशीर्वाद मिल रहा है। आज दुनिया देख रही है कि भारत का लोकतंत्र और भारत का वोटर, दोनों कितने परिपक्व हैं, कितने मैच्योर हैं। आज दुनिया देख रही है कि भारत की जनता, पूर्ण बहुमत के लिए, स्थिर सरकार के लिए सोच-समझकर वोट कर रही है।

साथियों,
भाजपा ने सेवा और सुशासन की राजनीति का नया मॉडल देश के सामने प्रस्तुत किया है। हमारी नीति और निर्णयों के मूल में सिर्फ और सिर्फ देश है, देशवासी है, भारत माता की जय यही हमारा मंत्र है। इसलिए भाजपा सरकारें सिर्फ नीतियां नहीं बनातीं, बल्कि हर हकदार, हर लाभार्थी तक वो पहुंचे, ये भी सुनिश्चित करती है। भाजपा, परफॉर्मेंस और डिलिवरी की राजनीति देश के सामने हकीकत बनकर के लेकर आई है। भारत का मतदाता जानता है कि स्वार्थ क्या है, जनहित और राष्ट्रहित क्या है। दूध का और पानी का भेद देश जानता है। जैसे-तैसे जीतने के लिए हवा-हवाई बातें करना और लोभ-लालच की घोषणाएं करना, ये मतदाता पसंद नहीं करता। मतदाता को उसका जीवन बेहतर करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप चाहिए, एक विश्वसनीयता चाहिए, एक भरोसा चाहिए। भारत का वोटर ये जानता है कि जब भारत आगे बढ़ता है, तो राज्य आगे बढ़ता है, हर परिवार का जीवन बेहतर होता है। इसलिए वो बीजेपी को चुन रहा है, लगातार चुन रहा है। और कुछ लोग तो कह रहे हैं कि आज की इस हैट्रिक ने 24 की हैट-ट्रिक की गारंटी दे दी है।

साथियों,
आज के जनादेश ने ये भी साबित किया है कि भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और परिवारवाद को लेकर देश के भीतर, देश के हर नागरिक के दिल में जीरो टॉलरेंस बन रही है। आज देश को लगता है कि इन तीनों बुराइयों को खत्म करने में अगर कोई प्रभावी है, तो वो भाजपा ही है। भाजपा की केंद्र सरकार ने देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जो अभियान छेड़ रखा है, उसको भारी जनसमर्थन मिल रहा है। ये उन दलों, उन नेताओं को वोटर की साफ-साफ चेतावनी है, जो भ्रष्टाचारियों के साथ खड़े होने में जरा भी शर्म अनुभव नहीं करते उन लोगों को देश की जनता ने आज साफ-साफ संदेश दे दिया है। और ऐसे लोग, जो भांति-भांति के तर्कों से भ्रष्टाचारियों को कवच देते हैं, कवर-अप करने की कोशश करते हैं.... ऐसे लोग, जो भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करने वाली जांच एजेंसियों को बदनाम करने में दिन-रात जुटे हुए हैं...वे समझ लें ये चुनाव नतीजे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का भी जनसमर्थन है। ये चुनाव नतीजे, कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन के लिए भी बहुत बड़ा सबक है। सबक ये है कि सिर्फ कुछ परिवारवादियों के मंच पर एक साथ आ जाने से, फोटो कितनी भी अच्छी क्यों न निकल जाए देश का भरोसा नहीं जीता जाता। देश की जनता का दिल जीतने के लिए राष्ट्रसेवा का जज्बा होना चाहिए, वो घमंडिया गठबंधन में रत्ती भर भी वो नजर नहीं आता है। गाली-गलौज, निराशा, निगेटिविटी, ये घमंडिया गठबंधन को मीडिया की हेडलाइन्स ज़रूर दे सकती हैं, लेकिन जनता के दिल में स्थान नहीं दिला सकती।

साथियों,
आज के ये नतीजे उन ताकतों को भी चेतावनी है, जो प्रगति और जन कल्याण की राजनीति के खिलाफ खड़े रहते हैं। जब भी विकास होता है, कांग्रेस और उसके साथी विरोध करते हैं। जब हम वंदे भारत ट्रेन लॉन्च करते हैं, तो कांग्रेस और उसके साथी उसका मजाक उड़ाते हैं। जब हम आयुष्मान भारत लॉन्च करते हैं, तो कांग्रेस और उसके साथी इसमें रोड़ा अटकाते हैं। जब हम गरीबों के लिए घर बनाते हैं, तब कांग्रेस और उसके साथी रुकावटे डालते हैं। जब हम गरीबों तक नल से जल पहुंचाते हैं, तो कांग्रेस और उसके साथी इसमें भ्रष्टाचार का रास्ता बनाने में लग जाते हैं। जब हम ग्रामीण विकास के लिए फंड भेजते हैं, तो कांग्रेस और उसके साथी इसे गरीबों तक पहुंचने में रुकावटें डालते हैं। ऐसी सभी पार्टियों को आज गरीबों ने चेतावनी दी है - सुधर जाइए, वरना जनता आपको चुन-चुनकर के साफ कर देगी। आज ऐसी पार्टियों के लिए सबक है कि केंद्र सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं और उनके लिए भेजे जा रहे फंड के बीच में आने की कोशिश मत करो, ये जनता का आदेश है वरना जो बीच में आएगा उसे जनता हटा देगी। लोकतंत्र के हित में, मेरी कांग्रेस और उसके साथियों को नम्रतापूर्वक सलाह है। कृपा करके ऐसी राजनीति ना करें जो देश विरोधी ताकतों को बल दे, जो देश को बांटना चाहते हैं ऐसे लोगों को मजबूती दे, जो देश को कमजोर करने वाले विचारों को गति दे।

साथियों,
आज भारत की अर्थव्यवस्था का हर पहिया पूरी गति से घूम रहा है। कुछ लोग कह रहे थे कि विश्व में मंदी का असर भारत पर पड़ेगा। लेकिन भारत ने हर आकलन से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से विकसित होती आर्थिक ताकत है। आज भारत का आत्मविश्वास, भारत के लोगों का आत्म-विश्वास, अभूतपूर्व स्तर पर है। आज भारत में, आज देश में रिकॉर्ड GST कलेक्शन हो रहा है। कृषि उत्पादन में नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। भारत के शेयर मार्केट पर भरोसा चरम पर है। आज भारत के निर्यात के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। UPI ट्रांजेक्शन के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। त्योहारों में खरीद के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। गाड़ियों की सेल के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। आज भारत में सीमेंट प्रोडक्शन बढ़ा है, कोयला प्रोडक्शन बढ़ा है। आज भारत में स्टील उत्पादन बढ़ा है, बिजली उत्पादन बढ़ा है। दुनिया भर की कंपनियां भारत में मैन्युफेक्चरिंग करने के लिए आतुर हैं। हवाई यात्रा करने वालों की संख्या उच्चतम स्तर पर है होम लोन के सेक्टर में भी बहुत अधिक वृद्धि दिख रही है।

साथियों,
आज भारत का फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म हो रहा है। आप देखिए, चारों तरफ एक्सप्रेसवे का, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स का जाल बिछ रहा है। भारतीय रेल आज अपने ट्रांसफॉर्मेशन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है। आज देश में नए रेलवे स्टेशन बन रहे हैं, आधुनिक ट्रेनें आ रही हैं। गति नई है। संकल्प नए हैं। और मैं देशवासियों को कहना चाहता हूं, हर देशवासी को कहना चाहता हूं, और मैं मेरे ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर कहना चाहता हूं, बड़ी ईमानदारी के साथ कहना चाहता हूं.. बड़ी जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं... आपके सपने... आपके सपने मेरे देशवासियों, आपके सपने मेरा संकल्प है। आपके सपनों को पूरा करने का मेरा जो संकल्प है वो मेरी साधना भी है और मेरी तपस्या भी है।

साथियों,
भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में श्रेष्ठता की तरफ बढ़ रहा है। भारत आज दुनिया में 5G नेटवर्क के मामले में अग्रणी देशों में पहुंच चुका है। आज भारत में गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंच रहा है। आज देश के सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अभूतपूर्व गति से काम हो रहा है। हर गरीब को मुफ्त राशन वाली योजना अगले 5 साल के लिए बढ़ा दी गई है। भाजपा सरकार में 4 करोड़ गरीब परिवारों के पक्के घर बन चुके हैं। हम हर गरीब परिवार को पक्की छत देने के संकल्प की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। घर-घर नल से जल देने का अभियान तेज़ गति से चल रहा है। आज देश में रिकॉर्ड गति से नए अस्पताल बन रहे हैं, मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ की संख्या बढ़ रही है।

साथियों,
आज भारत आगे बढ़ रहा है, भारत का नागरिक आगे बढ़ रहा है। भारत के लोग इस momentum को बनाए रखना चाहते हैं। अब इससे पीछे नही हटना है। और पीछे हटना ये तो मोदी को कभी स्वीकार नहीं हो सकता है। भारत के लोग stability चाहते हैं, स्थायित्व चाहते हैं। भारत के लोग विकसित भारत की यात्रा को गति देना चाहते हैं। मैं देश के प्रत्येक युवा का आह्वान करता हूं- वो विकसित भारत का एंबेसडर बने। वो विकसित भारत के संकल्पों का नेतृत्व करे। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से भी कहूंगा- प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता, नमो एप पर जाएं और कम से कम 10 लोगों को विकसित भारत का एंबेसडर बनाएं। हमें आज एक ऐसी पीढ़ी तैयार करनी है, जिसका सपना हो विकसित भारत, जिसका संकल्प हो विकसित भारत। जिसकी साधना हो विकसित भारत, जिसका समर्पण हो विकसित भारत।

साथियों,
विकसित भारत के निर्माण के लिए ये बहुत जरूरी है कि कोई भी नागरिक पीछे नहीं छूटे। इन चुनावों में मैंने लगातार कहा है कि हर लाभार्थी तक पहुंचकर भाजपा सरकार उसे सरकारी योजनाओं का लाभ देगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने 14 नवंबर यानि, जनजातीय गौरव दिवस, यानि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती से विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू की है। योजनाओं से वंचित लोगों को जोड़ने के लिए सरकार खुद लोगों के दरवाज़े पर दस्तक दे रही है। जिन क्षेत्रों में ये यात्रा पहुंच रही है, वहां लोग खुशियां मना रहे हैं कि कि मोदी की गारंटी वाली गाड़ी, हमारे गांव आ रही है। मैं आज विजय के इस समारोह से, हर बीजेपी कार्यकर्ता को सलाह दूंगा, आग्रह करूंगा। अब आज से आपको मोदी की गारंटी वाली इस गाड़ी के आगे-आगे चलना है। मोदी की गारंटी वाली गाड़ी, देश की सफलता की गारंटी बनेगी, और ये भी मोदी की गारंटी है। और आपको एक और बात याद रखनी है- जहां दूसरों से उम्मीद खत्म होती है, वहां से मोदी की गारंटी शुरू होती है।

मेरे परिवारजनों,
विधानसभा चुनाव के नतीजों ने पॉजिटिव एनर्जी का एक ऐसा प्रवाह शुरू किया है, जिसे आज पूरा देश महसूस कर रहा है। इस शक्ति ने विकसित भारत के लिए तैयार हुई नींव को और मजबूत कर दिया है। हमें ये ऊर्जा बनाए रखनी है, हमें ये शक्ति बढ़ाते रहना है। हमें 140 करोड़ भारतीयों के विश्वास को जगाए रखना है। हमें जन-जन को अपने साथ जोड़ना है। हमें हर मन को समझना है। हमें सबको साथ लेकर चलना है। हमें हर एक को अमृत काल की विकास यात्रा का साथी बनाना है। जो हमसे दूर हैं, हमें उनके पास पहुंचना है। जिन्हें संदेह है, हमें उनमें भरोसा जगाना है। भाजपा के कार्यकर्ताओं पर जिम्मेदारी और बढ़ गई है। क्योंकि नकारात्मक शक्तियां अब तेजी से एकजुट होने का प्रयास करेंगी। देश को बांटने वाली ताकतें अब एड़ी-चोटी का जोर लगाएंगी। समाज में खाई पैदा करने वाले अब नए मौके तलाशेंगे। हमें उनसे मुकाबला भी करना है, उनके फेक नैरेटिव का जवाब भी देना है। लेकिन उससे बढ़कर, हमें जनता के यकीन को बनाए रखना है।

साथियों,
उत्साह और उमंग के इस वातावरण के बीच, मेरी आदत छूटती नहीं है, मैं फिर से अनुरोध तो करता ही रहता हूं, क्योंकि मैं मूलतः संगठन से निकला हूं तो स्वभाव मेरा जाता नहीं। मैं आज पूरा दिन टीवी पर क्या चल रहा था, ज्यादा समय नहीं दे पाया, देख नहीं पाया, क्योंकि मैं, हमारे जो भारत के पूर्वी समुद्री तट है, वहां साइक्लोन की संभावनाएं नजर आ रही हैं, जरा तेजी की संभावनाएं नजर आ रही है। और इसलिए विजय के महोत्सव में भी, मैं तो यही कार्य करता हूं इसलिए कहूंगा कि हमें सायक्लोन मिचौंन्ग से भी सतर्क रहना है। बंगाल की खाड़ी से सटे तटीय इलाकों में इसका प्रभाव पड सकता है। केंद्र सरकार लगातार इस पर राज्य सरकारों से संपर्क में है, उनकी हरसंभव मदद कर रही है। मैं तमिलनाडु, पुडुचेरी, ओडिशा और ख़ासतौर से आंध्र प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं से भी कहूंगा कि राज्य सरकार भले ही किसी भी दल की हो, आप पूरी शक्ति से राहत और बचाव के काम में जुट जाना। प्रशासन को पूरा साथ देना और यही एक समर्पित भाजपा कार्यकर्ता के संस्कार होते हैं। हमारे लिए दल से बड़ा देश है, हमारे दिल से भी बड़ा देशवासी है।

साथियों,
सबके प्रयास से ही हम अपने संकल्पों की सिद्धि कर सकते हैं। मुझे देश की अमृत पीढ़ी पर पूरा भरोसा है। हमारा लक्ष्य एक है, साधना एक है, सपना एक है। भारत विकसित होकर रहेगा। इसी विश्वास के साथ मैं फिर एक बार सभी मतदाताओं का अभिनंदन करता हूं। जो भी विजयी हुए हैं उनको शुभकामनाएं देता हूं। हम सब मिलकर के देश के सामान्य मानवी की आशा अपेक्षाओं को पूरा कर पाएं। मैं आप सब कार्यकर्ताओं को, आपके माध्यम से मैदान में जो लोग मेहनत कर रहे थे उन सबको हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
मेरे साथ बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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November 17, 2025
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We are continuously working on the mission of saturation; Not a single beneficiary should be left out from the benefits of any scheme: PM
In our new National Education Policy, we have given special emphasis to education in local languages: PM

विवेक गोयनका जी, भाई अनंत, जॉर्ज वर्गीज़ जी, राजकमल झा, इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के सभी अन्य साथी, Excellencies, यहां उपस्थित अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

आज हम सब एक ऐसी विभूति के सम्मान में यहां आए हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र में, पत्रकारिता, अभिव्यक्ति और जन आंदोलन की शक्ति को नई ऊंचाई दी है। रामनाथ जी ने एक Visionary के रूप में, एक Institution Builder के रूप में, एक Nationalist के रूप में और एक Media Leader के रूप में, Indian Express Group को, सिर्फ एक अखबार नहीं, बल्कि एक Mission के रूप में, भारत के लोगों के बीच स्थापित किया। उनके नेतृत्व में ये समूह, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रीय हितों की आवाज़ बना। इसलिए 21वीं सदी के इस कालखंड में जब भारत विकसित होने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तो रामनाथ जी की प्रतिबद्धता, उनके प्रयास, उनका विजन, हमारी बहुत बड़ी प्रेरणा है। मैं इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप का आभार व्यक्त करता हूं कि आपने मुझे इस व्याख्यान में आमंत्रित किया, मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

रामनाथ जी गीता के एक श्लोक से बहुत प्रेरणा लेते थे, सुख दुःखे समे कृत्वा, लाभा-लाभौ जया-जयौ। ततो युद्धाय युज्यस्व, नैवं पापं अवाप्स्यसि।। अर्थात सुख-दुख, लाभ-हानि और जय-पराजय को समान भाव से देखकर कर्तव्य-पालन के लिए युद्ध करो, ऐसा करने से तुम पाप के भागी नहीं बनोगे। रामनाथ जी आजादी के आंदोलन के समय कांग्रेस के समर्थक रहे, बाद में जनता पार्टी के भी समर्थक रहे, फिर जनसंघ के टिकट पर चुनाव भी लड़ा, विचारधारा कोई भी हो, उन्होंने देशहित को प्राथमिकता दी। जिन लोगों ने रामनाथ जी के साथ वर्षों तक काम किया है, वो कितने ही किस्से बताते हैं जो रामनाथ जी ने उन्हें बताए थे। आजादी के बाद जब हैदराबाद और रजाकारों को उसके अत्याचार का विषय आया, तो कैसे रामनाथ जी ने सरदार वल्‍लभभाई पटेल की मदद की, सत्तर के दशक में जब बिहार में छात्र आंदोलन को नेतृत्व की जरूरत थी, तो कैसे नानाजी देशमुख के साथ मिलकर रामनाथ जी ने जेपी को उस आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए तैयार किया। इमरजेंसी के दौरान, जब रामनाथ जी को इंदिऱा गांधी के सबसे करीबी मंत्री ने बुलाकर धमकी दी कि मैं तुम्हें जेल में डाल दूंगा, तो इस धमकी के जवाब में रामनाथ जी ने पलटकर जो कहा था, ये सब इतिहास के छिपे हुए दस्तावेज हैं। कुछ बातें सार्वजनिक हुई, कुछ नहीं हुई हैं, लेकिन ये बातें बताती हैं कि रामनाथ जी ने हमेशा सत्य का साथ दिया, हमेशा कर्तव्य को सर्वोपरि रखा, भले ही सामने कितनी ही बड़ी ताकत क्‍यों न हो।

साथियों,

रामनाथ जी के बारे में कहा जाता था कि वे बहुत अधीर थे। अधीरता, Negative Sense में नहीं, Positive Sense में। वो अधीरता जो परिवर्तन के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कराती है, वो अधीरता जो ठहरे हुए पानी में भी हलचल पैदा कर देती है। ठीक वैसे ही, आज का भारत भी अधीर है। भारत विकसित होने के लिए अधीर है, भारत आत्मनिर्भर होने के लिए अधीर है, हम सब देख रहे हैं, इक्कीसवीं सदी के पच्चीस साल कितनी तेजी से बीते हैं। एक से बढ़कर एक चुनौतियां आईं, लेकिन वो भारत की रफ्तार को रोक नहीं पाईं।

साथियों,

आपने देखा है कि बीते चार-पांच साल कैसे पूरी दुनिया के लिए चुनौतियों से भरे रहे हैं। 2020 में कोरोना महामारी का संकट आया, पूरे विश्व की अर्थव्यवस्थाएं अनिश्चितताओं से घिर गईं। ग्लोबल सप्लाई चेन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा और सारा विश्व एक निराशा की ओर जाने लगा। कुछ समय बाद स्थितियां संभलना धीरे-धीरे शुरू हो रहा था, तो ऐसे में हमारे पड़ोसी देशों में उथल-पुथल शुरू हो गईं। इन सारे संकटों के बीच, हमारी इकॉनमी ने हाई ग्रोथ रेट हासिल करके दिखाया। साल 2022 में यूरोपियन क्राइसिस के कारण पूरे दुनिया की सप्लाई चेन और एनर्जी मार्केट्स प्रभावित हुआ। इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा, इसके बावजूद भी 2022-23 में हमारी इकोनॉमी की ग्रोथ तेजी से होती रही। साल 2023 में वेस्ट एशिया में स्थितियां बिगड़ीं, तब भी हमारी ग्रोथ रेट तेज रही और इस साल भी जब दुनिया में अस्थिरता है, तब भी हमारी ग्रोथ रेट Seven Percent के आसपास है।

साथियों,

आज जब दुनिया disruption से डर रही है, भारत वाइब्रेंट फ्यूचर के Direction में आगे बढ़ रहा है। आज इंडियन एक्सप्रेस के इस मंच से मैं कह सकता हूं, भारत सिर्फ़ एक emerging market ही नहीं है, भारत एक emerging model भी है। आज दुनिया Indian Growth Model को Model of Hope मान रहा है।

साथियों,

एक सशक्त लोकतंत्र की अनेक कसौटियां होती हैं और ऐसी ही एक बड़ी कसौटी लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी की होती है। लोकतंत्र को लेकर लोग कितने आश्वस्त हैं, लोग कितने आशावादी हैं, ये चुनाव के दौरान सबसे अधिक दिखता है। अभी 14 नवंबर को जो नतीजे आए, वो आपको याद ही होंगे और रामनाथ जी का भी बिहार से नाता रहा था, तो उल्लेख बड़ा स्वाभाविक है। इन ऐतिहासिक नतीजों के साथ एक और बात बहुत अहम रही है। कोई भी लोकतंत्र में लोगों की बढ़ती भागीदारी को नजरअंदाज नहीं कर सकता। इस बार बिहार के इतिहास का सबसे अधिक वोटर टर्न-आउट रहा है। आप सोचिए, महिलाओं का टर्न-आउट, पुरुषों से करीब 9 परसेंट अधिक रहा। ये भी लोकतंत्र की विजय है।

साथियों,

बिहार के नतीजों ने फिर दिखाया है कि भारत के लोगों की आकांक्षाएं, उनकी Aspirations कितनी ज्यादा हैं। भारत के लोग आज उन राजनीतिक दलों पर विश्वास करते हैं, जो नेक नीयत से लोगों की उन Aspirations को पूरा करते हैं, विकास को प्राथमिकता देते हैं। और आज इंडियन एक्सप्रेस के इस मंच से मैं देश की हर राज्य सरकार को, हर दल की राज्य सरकार को बहुत विनम्रता से कहूंगा, लेफ्ट-राइट-सेंटर, हर विचार की सरकार को मैं आग्रह से कहूंगा, बिहार के नतीजे हमें ये सबक देते हैं कि आप आज किस तरह की सरकार चला रहे हैं। ये आने वाले वर्षों में आपके राजनीतिक दल का भविष्य तय करेंगे। आरजेडी की सरकार को बिहार के लोगों ने 15 साल का मौका दिया, लालू यादव जी चाहते तो बिहार के विकास के लिए बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन्होंने जंगलराज का रास्ता चुना। बिहार के लोग इस विश्वासघात को कभी भूल नहीं सकते। इसलिए आज देश में जो भी सरकारें हैं, चाहे केंद्र में हमारी सरकार है या फिर राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकारें हैं, हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता सिर्फ एक होनी चाहिए विकास, विकास और सिर्फ विकास। और इसलिए मैं हर राज्य सरकार को कहता हूं, आप अपने यहां बेहतर इंवेस्टमेंट का माहौल बनाने के लिए कंपटीशन करिए, आप Ease of Doing Business के लिए कंपटीशन करिए, डेवलपमेंट पैरामीटर्स में आगे जाने के लिए कंपटीशन करिए, फिर देखिए, जनता कैसे आप पर अपना विश्वास जताती है।

साथियों,

बिहार चुनाव जीतने के बाद कुछ लोगों ने मीडिया के कुछ मोदी प्रेमियों ने फिर से ये कहना शुरू किया है भाजपा, मोदी, हमेशा 24x7 इलेक्शन मोड में ही रहते हैं। मैं समझता हूं, चुनाव जीतने के लिए इलेक्शन मोड नहीं, चौबीसों घंटे इलेक्शन मोड में रहना जरूरी होता है, इमोशनल मोड में रहना जरूरी होता है, इलेक्शन मोड में नहीं। जब मन के भीतर एक बेचैनी सी रहती है कि एक मिनट भी गंवाना नहीं है, गरीब के जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए, गरीब को रोजगार के लिए, गरीब को इलाज के लिए, मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, बस मेहनत करते रहना है। इस इमोशन के साथ, इस भावना के साथ सरकार लगातार जुटी रहती है, तो उसके नतीजे हमें चुनाव परिणाम के दिन दिखाई देते हैं। बिहार में भी हमने अभी यही होते देखा है।

साथियों,

रामनाथ जी से जुड़े एक और किस्से का मुझसे किसी ने जिक्र किया था, ये बात तब की है, जब रामनाथ जी को विदिशा से जनसंघ का टिकट मिला था। उस समय नानाजी देशमुख जी से उनकी इस बात पर चर्चा हो रही थी कि संगठन महत्वपूर्ण होता है या चेहरा। तो नानाजी देशमुख ने रामनाथ जी से कहा था कि आप सिर्फ नामांकन करने आएंगे और फिर चुनाव जीतने के बाद अपना सर्टिफिकेट लेने आ जाइएगा। फिर नानाजी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बल पर रामनाथ जी का चुनाव लड़ा औऱ उन्हें जिताकर दिखाया। वैसे ये किस्सा बताने के पीछे मेरा ये मतलब नहीं है कि उम्मीदवार सिर्फ नामांकन करने जाएं, मेरा मकसद है, भाजपा के अनगिनत कर्तव्य़ निष्ठ कार्यकर्ताओं के समर्पण की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना।

साथियों,

भारतीय जनता पार्टी के लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने पसीने से भाजपा की जड़ों को सींचा है और आज भी सींच रहे हैं। और इतना ही नहीं, केरला, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, ऐसे कुछ राज्यों में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने खून से भी भाजपा की जड़ों को सींचा है। जिस पार्टी के पास ऐसे समर्पित कार्यकर्ता हों, उनके लिए सिर्फ चुनाव जीतना ध्येय नहीं होता, बल्कि वो जनता का दिल जीतने के लिए, सेवा भाव से उनके लिए निरंतर काम करते हैं।

साथियों,

देश के विकास के लिए बहुत जरूरी है कि विकास का लाभ सभी तक पहुंचे। दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, सभी तक जब सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचता है, तो सामाजिक न्याय सुनिश्चित होता है। लेकिन हमने देखा कि बीते दशकों में कैसे सामाजिक न्याय के नाम पर कुछ दलों, कुछ परिवारों ने अपना ही स्वार्थ सिद्ध किया है।

साथियों,

मुझे संतोष है कि आज देश, सामाजिक न्याय को सच्चाई में बदलते देख रहा है। सच्चा सामाजिक न्याय क्या होता है, ये मैं आपको बताना चाहता हूं। 12 करोड़ शौचालयों के निर्माण का अभियान, उन गरीब लोगों के जीवन में गरिमा लेकर के आया, जो खुले में शौच के लिए मजबूर थे। 57 करोड़ जनधन बैंक खातों ने उन लोगों का फाइनेंशियल इंक्लूजन किया, जिनको पहले की सरकारों ने एक बैंक खाते के लायक तक नहीं समझा था। 4 करोड़ गरीबों को पक्के घरों ने गरीब को नए सपने देखने का साहस दिया, उनकी रिस्क टेकिंग कैपेसिटी बढ़ाई है।

साथियों,

बीते 11 वर्षों में सोशल सिक्योरिटी पर जो काम हुआ है, वो अद्भुत है। आज भारत के करीब 94 करोड़ लोग सोशल सिक्योरिटी नेट के दायरे में आ चुके हैं। और आप जानते हैं 10 साल पहले क्या स्थिति थी? सिर्फ 25 करोड़ लोग सोशल सिक्योरिटी के दायरे में थे, आज 94 करोड़ हैं, यानि सिर्फ 25 करोड़ लोगों तक सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंच रहा था। अब ये संख्या बढ़कर 94 करोड़ पहुंच चुकी है और यही तो सच्चा सामाजिक न्याय है। और हमने सोशल सिक्योरिटी नेट का दायरा ही नहीं बढ़ाया, हम लगातार सैचुरेशन के मिशन पर काम कर रहे हैं। यानि किसी भी योजना के लाभ से एक भी लाभार्थी छूटे नहीं। और जब कोई सरकार इस लक्ष्य के साथ काम करती है, हर लाभार्थी तक पहुंचना चाहती है, तो किसी भी तरह के भेदभाव की गुंजाइश भी खत्म हो जाती है। ऐसे ही प्रयासों की वजह से पिछले 11 साल में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त करके दिखाया है। और तभी आज दुनिया भी ये मान रही है- डेमोक्रेसी डिलिवर्स।

साथियों,

मैं आपको एक और उदाहरण दूंगा। आप हमारे एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम का अध्ययन करिए, देश के सौ से अधिक जिले ऐसे थे, जिन्हें पहले की सरकारें पिछड़ा घोषित करके भूल गई थीं। सोचा जाता था कि यहां विकास करना बड़ा मुश्किल है, अब कौन सर खपाए ऐसे जिलों में। जब किसी अफसर को पनिशमेंट पोस्टिंग देनी होती थी, तो उसे इन पिछड़े जिलों में भेज दिया जाता था कि जाओ, वहीं रहो। आप जानते हैं, इन पिछड़े जिलों में देश की कितनी आबादी रहती थी? देश के 25 करोड़ से ज्यादा नागरिक इन पिछड़े जिलों में रहते थे।

साथियों,

अगर ये पिछड़े जिले पिछड़े ही रहते, तो भारत अगले 100 साल में भी विकसित नहीं हो पाता। इसलिए हमारी सरकार ने एक नई रणनीति के साथ काम करना शुरू किया। हमने राज्य सरकारों को ऑन-बोर्ड लिया, कौन सा जिला किस डेवलपमेंट पैरामीटर में कितनी पीछे है, उसकी स्टडी करके हर जिले के लिए एक अलग रणनीति बनाई, देश के बेहतरीन अफसरों को, ब्राइट और इनोवेटिव यंग माइंड्स को वहां नियुक्त किया, इन जिलों को पिछड़ा नहीं, Aspirational माना और आज देखिए, देश के ये Aspirational Districts, कितने ही डेवलपमेंट पैरामीटर्स में अपने ही राज्यों के दूसरे जिलों से बहुत अच्छा करने लगे हैं। छत्तीसगढ़ का बस्तर, वो आप लोगों का तो बड़ा फेवरेट रहा है। एक समय आप पत्रकारों को वहां जाना होता था, तो प्रशासन से ज्यादा दूसरे संगठनों से परमिट लेनी होती थी, लेकिन आज वही बस्तर विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है। मुझे नहीं पता कि इंडियन एक्सप्रेस ने बस्तर ओलंपिक को कितनी कवरेज दी, लेकिन आज रामनाथ जी ये देखकर बहुत खुश होते कि कैसे बस्तर में अब वहां के युवा बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन कर रहे हैं।

साथियों,

जब बस्तर की बात आई है, तो मैं इस मंच से नक्सलवाद यानि माओवादी आतंक की भी चर्चा करूंगा। पूरे देश में नक्सलवाद-माओवादी आतंक का दायरा बहुत तेजी से सिमट रहा है, लेकिन कांग्रेस में ये उतना ही सक्रिय होता जा रहा था। आप भी जानते हैं, बीते पांच दशकों तक देश का करीब-करीब हर बड़ा राज्य, माओवादी आतंक की चपेट में, चपेट में रहा। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य था कि कांग्रेस भारत के संविधान को नकारने वाले माओवादी आतंक को पालती-पोसती रही और सिर्फ दूर-दराज के क्षेत्रों में जंगलों में ही नहीं, कांग्रेस ने शहरों में भी नक्सलवाद की जड़ों को खाद-पानी दिया। कांग्रेस ने बड़ी-बड़ी संस्थाओं में अर्बन नक्सलियों को स्थापित किया है।

साथियों,

10-15 साल पहले कांग्रेस में जो अर्बन नक्सली, माओवादी पैर जमा चुके थे, वो अब कांग्रेस को मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, MMC बना चुके हैं। और मैं आज पूरी जिम्मेदारी से कहूंगा कि ये मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, अपने स्वार्थ में देशहित को तिलांजलि दे चुकी है। आज की मुस्लिम लीगी- माओवादी कांग्रेस, देश की एकता के सामने बहुत बड़ा खतरा बनती जा रही है।

साथियों,

आज जब भारत, विकसित बनने की एक नई यात्रा पर निकल पड़ा है, तब रामनाथ गोयनका जी की विरासत और भी प्रासंगिक है। रामनाथ जी ने अंग्रेजों की गुलामी से डटकर टक्कर ली, उन्होंने अपने एक संपादकीय में लिखा था, मैं अंग्रेज़ों के आदेश पर अमल करने के बजाय, अखबार बंद करना पसंद करुंगा। इसी तरह जब इमरजेंसी के रूप में देश को गुलाम बनाने की एक और कोशिश हुई, तब भी रामनाथ जी डटकर खड़े हो गए थे और ये वर्ष तो इमरजेंसी के पचास वर्ष पूरे होने का भी है। और इंडियन एक्सप्रेस ने 50 वर्ष पहले दिखाया है, कि ब्लैंक एडिटोरियल्स भी जनता को गुलाम बनाने वाली मानसिकता को चुनौती दे सकते हैं।

साथियों,

आज आपके इस सम्मानित मंच से, मैं गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के इस विषय पर भी विस्तार से अपनी बात रखूंगा। लेकिन इसके लिए हमें 190 वर्ष पीछे जाना पड़ेगा। 1857 के सबसे स्वतंत्रता संग्राम से भी पहले, वो साल था 1835, 1835 में ब्रिटिश सांसद थॉमस बेबिंगटन मैकाले ने भारत को अपनी जड़ों से उखाड़ने के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू किया था। उसने ऐलान किया था, मैं ऐसे भारतीय बनाऊंगा कि वो दिखने में तो भारतीय होंगे लेकिन मन से अंग्रेज होंगे। और इसके लिए मैकाले ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन नहीं, बल्कि उसका समूल नाश कर दिया। खुद गांधी जी ने भी कहा था कि भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था एक सुंदर वृक्ष थी, जिसे जड़ से हटा कर नष्ट कर दिया।

साथियों,

भारत की शिक्षा व्यवस्था में हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखाया जाता था, भारत की शिक्षा व्यवस्था में पढ़ाई के साथ ही कौशल पर भी उतना ही जोर था, इसलिए मैकाले ने भारत की शिक्षा व्यवस्था की कमर तोड़ने की ठानी और उसमें सफल भी रहा। मैकाले ने ये सुनिश्चित किया कि उस दौर में ब्रिटिश भाषा, ब्रिटिश सोच को ज्यादा मान्यता मिले और इसका खामियाजा भारत ने आने वाली सदियों में उठाया।

साथियों,

मैकाले ने हमारे आत्मविश्वास को तोड़ दिया दिया, हमारे भीतर हीन भावना का संचार किया। मैकाले ने एक झटके में हजारों वर्षों के हमारे ज्ञान-विज्ञान को, हमारी कला-संस्कृति को, हमारी पूरी जीवन शैली को ही कूड़ेदान में फेंक दिया था। वहीं पर वो बीज पड़े कि भारतीयों को अगर आगे बढ़ना है, अगर कुछ बड़ा करना है, तो वो विदेशी तौर तरीकों से ही करना होगा। और ये जो भाव था, वो आजादी मिलने के बाद भी और पुख्ता हुआ। हमारी एजुकेशन, हमारी इकोनॉमी, हमारे समाज की एस्पिरेशंस, सब कुछ विदेशों के साथ जुड़ गईं। जो अपना है, उस पर गौरव करने का भाव कम होता गया। गांधी जी ने जिस स्वदेशी को आज़ादी का आधार बनाया था, उसको पूछने वाला ही कोई नहीं रहा। हम गवर्नेंस के मॉडल विदेश में खोजने लगे। हम इनोवेशन के लिए विदेश की तरफ देखने लगे। यही मानसिकता रही, जिसकी वजह से इंपोर्टेड आइडिया, इंपोर्टेड सामान और सर्विस, सभी को श्रेष्ठ मानने की प्रवृत्ति समाज में स्थापित हो गई।

साथियों,

जब आप अपने देश को सम्मान नहीं देते हैं, तो आप स्वदेशी इकोसिस्टम को नकारते हैं, मेड इन इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को नकारते हैं। मैं आपको एक और उदाहरण, टूरिज्म की बात करता हूं। आप देखेंगे कि जिस भी देश में टूरिज्म फला-फूला, वो देश, वहां के लोग, अपनी ऐतिहासिक विरासत पर गर्व करते हैं। हमारे यहां इसका उल्टा ही हुआ। भारत में आज़ादी के बाद, अपनी विरासत को दुत्कारने के ही प्रयास हुए, जब अपनी विरासत पर गर्व नहीं होगा तो उसका संरक्षण भी नहीं होगा। जब संरक्षण नहीं होगा, तो हम उसको ईंट-पत्थर के खंडहरों की तरह ही ट्रीट करते रहेंगे और ऐसा हुआ भी। अपनी विरासत पर गर्व होना, टूरिज्म के विकास के लिए भी आवश्यक शर्त है।

साथियों,

ऐसे ही स्थानीय भाषाओं की बात है। किस देश में ऐसा होता है कि वहां की भाषाओं को दुत्कारा जाता है? जापान, चीन और कोरिया जैसे देश, जिन्होंने west के अनेक तौर-तरीके अपनाए, लेकिन भाषा, फिर भी अपनी ही रखी, अपनी भाषा पर कंप्रोमाइज नहीं किया। इसलिए, हमने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई पर विशेष बल दिया है और मैं बहुत स्पष्टता से कहूंगा, हमारा विरोध अंग्रेज़ी भाषा से नहीं है, हम भारतीय भाषाओं के समर्थन में हैं।

साथियों,

मैकाले द्वारा किए गए उस अपराध को 1835 में जो अपराध किया गया 2035, 10 साल के बाद 200 साल हो जाएंगे और इसलिए आज आपके माध्यम से पूरे देश से एक आह्वान करना चाहता हूं, अगले 10 साल में हमें संकल्प लेकर चलना है कि मैकाले ने भारत को जिस गुलामी की मानसिकता से भर दिया है, उस सोच से मुक्ति पाकर के रहेंगे, 10 साल हमारे पास बड़े महत्वपूर्ण हैं। मुझे याद है एक छोटी घटना, गुजरात में लेप्रोसी को लेकर के एक अस्पताल बन रहा था, तो वो सारे लोग महात्‍मा गांधी जी से मिले उसके उद्घाटन के लिए, तो महात्मा जी ने कहा कि मैं लेप्रोसी के अस्पताल के उद्घाटन के पक्ष में नहीं हूं, मैं नहीं आऊंगा, लेकिन ताला लगाना है, उस दिन मुझे बुलाना, मैं ताला लगाने आऊंगा। गांधी जी के रहते हुए उस अस्पताल को तो ताला नहीं लगा था, लेकिन गुजरात जब लेप्रोसी से मुक्त हुआ और मुझे उस अस्पताल को ताला लगाने का मौका मिला, जब मैं मुख्यमंत्री बना। 1835 से शुरू हुई यात्रा 2035 तक हमें खत्म करके रहना है जी, गांधी जी का जैसे सपना था कि मैं ताला लगाऊंगा, मेरा भी यह सपना है कि हम ताला लगाएंगे।

साथियों,

आपसे बहुत सारे विषयों पर चर्चा हो गई है। अब आपका मैं ज्यादा समय लेना नहीं चाहता हूं। Indian Express ग्रुप देश के हर परिवर्तन का, देश की हर ग्रोथ स्टोरी का साक्षी रहा है और आज जब भारत विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर चल रहा है, तो भी इस यात्रा के सहभागी बन रहे हैं। मैं आपको बधाई दूंगा कि रामनाथ जी के विचारों को, आप सभी पूरी निष्ठा से संरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं। एक बार फिर, आज के इस अद्भुत आयोजन के लिए आप सभी को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं। और, रामनाथ गोयनका जी को आदरपूर्वक मैं नमन करते हुए मेरी बात को विराम देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद!