जेएमएम-कांग्रेस सरकार में घुसपैठियों को झारखंड का परमानेंट निवासी बनाने के लिए हर गलत काम किया गया: सारठ में पीएम मोदी
जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी जैसी पार्टियों को सिर्फ अपने परिवार के भविष्य की चिंता: सारठ, झारखंड में पीएम मोदी

भारत माता की जय

अंगराज कर्ण के धरती करौं म //
बाबा धाम,// बाबा बासुकिनाथ//
बाबा नायक // गोसुआ महादेव व //
पथरोल काली के// इस पावन धरती पर//
पूरे संथालपरगना के //
अपन सभी क जय जोहार

मैं जब बैठा तो मेरी नजर गई, इतनी बड़ी तादाद में माताएं-बहनें, इधर भी माताएं-बहनें। यहां भी शायद, मेरे चुनाव अभियान में इतनी बड़ी तादाद में माताएं-बहनें आशीर्वाद देने आईं हों, सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया आपने। यह मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है।

मुझे देवघर आने का सौभाग्य तो पहले भी मिला है, लेकिन सारठ में पहली बार आप सभी के दर्शन करने का अवसर मिल रहा है। और जहां भी नजर पहुंच रही है, लोग ही लोग हैं। वहां हेलीपैड के पास भी उतनी ही तादाद में लोग हैं। ये अद्भुत दृश्य है, जो लोग राजनीति का गणित लगाकर बैठे रहते हैं। एयरकंडिशन कमरों में जोड़-तोड़ करते रहते हैं कि इधर गया तो ऐसा होगा, उधर गया तो ऐसा होगा। इतना गया तो ऐसा होगा, इतना गया तो ऐसा होगा। अरे देख लो, चुनाव का नतीजा यहां दिखाई दे रहा है। ये झारखंड में बीजेपी-एनडीए सरकार की गारंटी मैं देख रहा हूं, गारंटी मैं देख रहा हूं।

आने वाले नेमान पर्व की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं। दो दिन बाद ही हम धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मजयंति का उत्सव मनाने जा रहे हैं। और ये उत्सव हम मनाने जा रहे हैं नहीं, हिंदुस्तान के हर कोने में धरती आबा की जन्म-जयंती मनाई जाएगी। और उससे पहले लोकतंत्र के इस उत्सव में आपने भी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हर तरफ एक ही गूंज है-
रोटी-बेटी और माटी की पुकार..
झारखंड में भाजपा-NDA की सरकार।
रोटी-बेटी और माटी की पुकार..
रोटी-बेटी और माटी की पुकार..

साथियों,

आज झारखंड में पहले चरण का मतदान हो रहा है। रोटी, बेटी और माटी को बचाने का संकल्प आज हर बूथ पर दिख रहा है। भाजपा ने नारीशक्ति और नौजवानों के भविष्य के लिए जो गारंटियां दी हैं, उनके प्रति भारी समर्थन दिख रहा है। हमारा ये संथाल का क्षेत्र भी इस बार नया इतिहास रचने के लिए तैयार है। संथाल में इस बार JMM-कांग्रेस का सूपड़ा साफ होना तय है।

साथियों,

यहां एक बेटी बढ़िया सा चित्र बनाकर लाई है। बेटी, आपने चित्र के पीछे अपना नाम पता लिखा है। अपना नाम पता लिखा है। अपना नाम पता पीछे लिखा है। अपना नाम पता लिख करके वो चित्र मुझे दीजिए, मैं आपको चिट्ठी लिखूंगा बेटे। देखिए परमात्मा ने उसको कुछ कमी दी है, लेकिन उसका जो प्यार है, स्नेह है। इस बेटी को मेरा बहुत-बहुत आशीर्वाद है। बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय।

साथियों,
मैं बीते दिनों झारखंड़ में जहां भी गया, हर जगह विदेशियों की घुसपैठ को लेकर सबसे बड़ी चिंता रही है। झारखंडी गौरव, झारखंडी पहचान, ये आपकी ताकत रही है। और गर्व से कहते हैं ना कि मैं झारखंडी हूं। और कल्पना करिए, अगर ये पहचान ही खत्म हो गई तो क्या होगा? आंकड़े बताते हैं कि संथाल क्षेत्र में आदिवासियों की संख्या करीब-करीब आधी रह गई है। अगर ऐसे ही आदिवासी घटते रहे...तो क्या होगा? आपकी जल-जंगल-जमीन पर दूसरों का कब्जा हो जाएगा। हमें इस स्थिति से मेरे आदिवासी परिवारों को भी बचाना है। झारखंड को भी बचाना है, हर झारखंडी को बचाना है।

साथियों,

आज झारखंड की पहचान बदलने की बहुत बड़ी साजिश हो रही है। JMM-कांग्रेस में बाहर से आए घुसपैठियों को यहां का परमानेंट निवासी बनाने के लिए हर गलत काम किए गए। इन घुसपैठियों के पक्के कागज़ बनाए गए। आदिवासी बेटियों को शादी के नाम पर ठगा गया और ज़मीन हथिया ली गई। इन घुसपैठियों ने आपसे आपका रोजगार छीन लिया, आपकी रोटी भी छीन ली और इस पर यहां की सरकार का दोहरा रवैया देखिए, JMM सरकार ने कोर्ट में कह दिया कि झारखंड में कोई घुसपैठ हुई ही नहीं है। मैं सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग का वीडियो देख रहा था। उनकी आंखों में आसूं थमने का नाम नहीं ले रहे थे, वे फूट-फूट कर रो रहे थे। यहां स्थानीय निवासियों को पानी तक मिलना मुश्किल हो गया है। इसलिए इस चुनाव में रोटी, बेटी और माटी की सुरक्षा सबसे बड़ा महत्व का मुद्दा है। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। भाजपा-NDA सरकार संथाल की, झारखंड की रोटी, बेटी और माटी की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ नहीं होने देगी।

साथियों,

हम बाबा बैद्यनाथ के भक्त हैं। हम सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो की ही तो बेटे-बेटी हैं। हम कर्मा पूजा करने वाले लोग हैं, जो बहन और भाई के मज़बूत रिश्ते का प्रमाण है। मुझे याद है, जब सितंबर में मैं झारखंड आया था, तो उस दिन करमा पूजा का माहौल था। यहां की एक आदिवासी बहन ने मुझे कान के पास जावा पहनाया था। मैं पूरे दिन उस जावा को कान पर लगाए शान से घूमता रहा और दिल्ली पहुंचा तब भी मेरे कान पर से जावा उतरा नहीं था।

साथियों,

हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति में माता-बहनों-बेटियों का स्थान बहुत ऊंचा है। लेकिन यहां क्या हो रहा है? यहां हमारी एक बेटी, हमारी बहन को कांग्रेस के नेता गाली देते हैं, भद्दी-भद्दी गालियां देते हैं। बहन सीता सोरेन के लिए इन्होंने क्या-क्या नहीं कहा। आखिर इन लोगों में इतनी हिम्मत आई कैसे? ये हिम्मत इसलिए आई क्योंकि इनको पता है कि महिलाओं को गाली देकर भी उनका कुछ नहीं होगा, सरकार उनकी रक्षा करने के लिए बैठी है। वो जानते हैं कि JMM को आदिवासी बेटी के मान-सम्मान की कोई चिंता नहीं है। इसलिए कांग्रेस और उसके नेता, आदिवासी बेटियों का अपमान करते फिरते हैं। और ऐसा नहीं है कि उनकी ये हरकत सिर्फ झारखंड में होती है। आप जानते हैं, भाजपा ने एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाने का फैसला किया। हमने द्रौपदी मुर्मू जी को उम्मीदवार बनाया। लेकिन JMM की साथी इसी कांग्रेस ने, द्रौपदी मुर्मू जी को हराने के लिए पूरी शक्ति झोंक दी। आज भी कांग्रेस के नेता, कदम-कदम पर आदिवासी बेटी, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का अपमान करते हैं। और ये देखकर भी JMM के लोग चुप रहते हैं।

साथियों,

कांग्रेस के इरादे बहुत खतरनाक हैं। कांग्रेस के शहज़ादे ने साफ कर दिया है कि वो SC/ST/OBC आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं। इनके पिताजी जब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा थे, आज जो राजकुमार हैं ना उनके पिताजी। तब ही इन्होंने आरक्षण हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने अपने विज्ञापनों में आरक्षण को गुलामी बताया था, बंधुआ मज़दूरी बताया था। लेकिन SC/ST/OBC की एकजुटता के कारण वो तब चुनाव हार गए। बुरी तरह हार गए। तबसे आजतक कांग्रेस को कभी भी केंद्र सरकार में पूर्ण बहुमत नहीं मिला। आज भी जिन राज्यों में SC/ST/OBC आबादी ज्यादा है, वहां कांग्रेस का पत्ता साफ हो चुका है। इसलिए कांग्रेस ने अब नई साजिश रची है। कांग्रेस ने आप लोगों की आंखों में धूल झोंकने का एक नया खेल खेला है। ये लोग अब SC/ST/OBC की जो सामूहिक शक्ति बनी है। एसटी कहते ही सारा आदिवासी समाज इकट्ठा हो जाता है। एससी कहते ही सारा दलित समाज इकट्ठा हो जाता है। ओबीसी कहते ही सारा पिछड़ा समाज एक हो जाता है। ये सामूहिक शक्ति जो बनी है ना। ये कांग्रेस वाले इसे तोड़ना चाहते हैं। टुकड़ों, टुकड़ों में बांटना चाहते है। यहां मंडल, यादव, रवानी, कोयरी, घटवार, तेली, कुम्हार, बढ़ई, धानुक, नाई, लोहार, सोनार, ऐसी अनेक जातियां हैं। जो अभी खुद को ओबीसी के रूप में एकजुट बनाए हुए हैं। कांग्रेस चाहती है कि ये सारी जातियां आपस में लड़ें। यहां संथाल, पहाड़िया, कोल, भूमिज, लोहरा, महली, मुंडा, ओरांव, ऐसी अनेक जनजातियां हैं। जो अभी खुद को आदिवासी के रूप में एकजुट किए हुए हैं। कांग्रेस इन जनजातियों को भी आपस में लड़ाना चाहती है। यहां मोची, बौरी, मूसहर, भूईया, पासी, रजवार, तुरी दुसाध, धोबी, हरि-मेहतार ऐसी अनेक जातियां रहती हैं। जो अभी SC के रूप में, दलित के रूप में संगठित हैं। कांग्रेस इस पूरे SC समाज की जातियों को भी आपस में लड़ाना चाहती है। कांग्रेस चाहती है कि SC/ST/OBC की पहचान खत्म हो जाए, सैकड़ों छोटी-छोटी जातियों में समाज टूट जाए बिखर जाए, आपस में लड़ता रहे। जिस दिन ऐसा होगा तो इनकी सामूहिक ताकत खत्म हो जाएगी और कांग्रेस रातों-रात एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म कर देगी। कभी उनके पिताजी ने डंके की चोट पर एलान करके गए हैं। इसलिए आपको सावधान करने आया हूं। आपको जगाने आया हूं। आपके लिए मैं लड़ने के लिए मैदान में आया हूं। मेरे भाई-बहन, आपको सावधान ज्यादा रहना है। आपको याद रखना है- एक हैं तो सेफ हैं। एक हैं तो...एक हैं तो... एक हैं तो...एक हैं तो । अपना-अपना परिवार, मोदी के लिए आप ही मेरा परिवार हैं।

साथियों,

JMM हो, कांग्रेस हो, RJD हो, इन लोगों को सिर्फ अपने परिवार के भविष्य की चिंता है। ये इसी तिकड़म में लगे रहते हैं कि इनके परिवार का भला कैसे होगा। लेकिन मोदी को आपके परिवार की चिंता है। आप ही मेरा परिवार हैं। आपके बाल-बच्चों का भविष्य अच्छा हो, मुझे इसकी चिंता है। क्यों, क्योंकि आप ही मेरा परिवार हैं। इन्होंने पांच साल तक क्या किया? इन्होंने अपने परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए आपका सबकुछ लूटा। JMM-कांग्रेस ने आपका जल लूटा, जंगल लूटा, ज़मीन लूटी। बालू-गिट्टी लूटा, कोयला लूटा। इन्होंने आपके बच्चों का पेपर लूटा। इन्होंने आपकी सरकारी नौकरी लूटी, अपने चहेतों को दे दी। जो लूटा गया वो सब कुछ आपके हक का था। इससे आपका घर, आपके बच्चों का भविष्य बनना था। लेकिन इन्होंने अपने भविष्य के लिए आपके बच्चों के भविष्य को बर्बाद कर दिया है।

साथियों,

मोदी आपके परिवार का भविष्य संवारने में जुटा है। हमने झारखंड को, संथाल परगना को अपना एम्स दिया। अब आपको अच्छे इलाज के लिए कोलकाता, दिल्ली, मुंबई नहीं जाना पड़ता। यहीं देवघर में ही बेहतरीन इलाज का मिलना संभव हुआ है। आपके बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिले, उसके बाद रोजगार का प्रबंध हो, इसके लिए हम काम कर रहे हैं। देवघर में एयरपोर्ट बनने से, सड़क और रेल की सुविधाएं अच्छी होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। पर्यटन का व्यवसाय बढ़ रहा है। पर्यटन तो ऐसा सेक्टर है, जिसमें हर कोई कमाता है। झारखंड भाजपा ने भी युवाओं को आकर्षक भत्ते की घोषणा की है। कोचिंग के लिए पैसा देने की घोषणा की है और लाखों युवाओं को पक्की सरकारी नौकरी की गारंटी दी है। ये सारी गारंटियां, आपके परिवार को सशक्त करने के लिए ही हैं। इसलिए बाबा के आशीर्वाद से, आपके आशीर्वाद से, मेरी माताओं-बहनों के आशीर्वाद से ये सारी गारंटी पूरी होकर रहेगी।

साथियों,

भाजपा-NDA की सरकार, आपकी छोटी-छोटी समस्याओं को दूर कर रही है। जिनको कभी किसी ने नहीं पूछा, उनको मोदी पूजता है। गरीब की ज़िंदगी झोंपड़ी में ना गुजरे, इसलिए पीएम आवास के तहत पक्के घर दिए जा रहे हैं। गरीब का बच्चा भूखा ना सोए, इसलिए मुफ्त चावल दिए जा रहे हैं। गरीब से गरीब को, हर बुजुर्ग को मुफ्त इलाज की सुविधाएं दे रहे हैं। घर-घर नल से जल पहुंचाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। पहले गरीब के घर मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाया और अब सस्ते सिलेंडर देने की गारंटी दे रहे हैं। पहले दूर-सुदूर आदिवासी गांवों में बिजली पहुंचाई। अब आपका बिजली का बिल ज़ीरो करने में जुटे हैं। हम पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना लागू कर चुके हैं। इससे जो परिवार जुड़ना चाहता है, उसको 75-80 हज़ार रुपए केंद्र की सरकार दे रही है। 75-80 हज़ार तक केंद्र सरकार देती है। इससे मुफ्त बिजली भी मिलेगी और अगर ज्यादा बिजली पैदा हुई तो सरकार उसे खरीदेगी और उसका पैसा भी आपको मिलेगा।

साथियों,

कांग्रेस के समय, देश में ऐसी सरकार चलती थी कि दिल्ली से 100 पैसे भेजो तो झारखंड तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता था। अब बताओ कौन सी जादूगरी है भाई। दिल्ली से 100 पैसा निकले और झारखंड आत-आते 15 हो जाए। वो कौन सा पंजा था, जो 100 पैसे को 15 पैसा कर देता था। 85 पैसा, भ्रष्टाचार का कांग्रेसी पंजा छीन लेता था। 2014 में जब आपने इस सेवक को , आपके इस बेटे को सेवा का मौका दिया तो मैंने कहा कि मैं ये खेल नहीं चलने दूंगा। 100 पैसे भेजूंगा तो उसके खाते में 100 के 100 पहुंचने चाहिए। बीच में कोई कटकी-पटकी नहीं चलेगी। मैं कांग्रेस और उसके साथियों को आपको लूटने नहीं दूंगा। आपके हक का पैसा आप तक जरूर पहुंचेगा। इसलिए हमने पहले गरीब, आदिवासी, ओबीसी, दलित, माताएं-बहनें, सबके बैंकों में खाते खुलवाए। और जब मैं बैंकों के खाते खुलवाता था ना तब ये बड़े-बड़े दिग्गज मुझे गालियां देते थे, मेरा मजाक उड़ाते थे। कार्टून बनाते थे, लेकिन मैं ऐसे डिगता नही हूं। मैं जनता के लिए जीता हूं, जनता के लिए जूझता हूं। और मैंने बैंक के खाते खुलवाए ताकि सरकार का पैसा सीधा लाभार्थी के बैंक के खाते में जमा हो जाए। कोई बिचौलिया उस पैसे को मार ना ले। 10 साल पहले, कांग्रेस-JMM के राज में किसानों के नाम पर कर्ज़ माफी की घोषणा होती थी। झारखंड के असली किसान को एक फूटी कौड़ी नहीं पहुंचती थी। लेकिन आज पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा सीधे, आपके खाते में जमा हो है। देवघर जिले के किसानों के खाते में भी पीएम सम्मान निधि का करीब 700 करोड़ रुपए पहुंच चुका है। 700 करोड़ रुपया, सिर्फ इस इलाके में। अब झारखंड भाजपा ने गोगो दीदी योजना के तहत हर महीने हज़ारों रुपए बहनों के खाते में सीधा जमा करने की घोषणा की है। ये पैसा भी सीधे हमारी बहनों-बेटियों के बैंक खाते में आएगा। झारखंड भाजपा ने धान किसानों के लिए 3100 रुपए MSP की भी घोषणा की है। ये पैसा भी सीधा किसान के खाते में जाएगा। भाजपा-एनडीए सरकार में कटकी- बटकी का सवाल ही पैदा नहीं होता। कटकी- बटकी का सवाल ही पैदा नहीं होता।

साथियों,

झारखंड, भाजपा ने बनाया है, NDA ने बनाया है। अब हम सभी को मिलकर इसे संवारना है। देश के अग्रीम राज्यों में हमें झारखंड को लाकर खड़ा कर देना है साथियों, आज झारखंड देश-दुनिया को ऊर्जा दे रहा है, ईंधन दे रहा है। हमारा-झारखंड विकसित भारत के निर्माण को भी ऊर्जा देगा। मैं वो दिन देख रहा हूं, जब देश- विदेश में झारखंड के गौरव का परचम लहराएगा।

साथियों,

मेरे लिए आप ही मोदी हैं। आप गांव-गांव, घर-घर जाइए, जिसको पक्का घर नहीं मिला, जिसको मुफ्त राशन मिलने में दिक्कत हो रही है, जिसको मुफ्त इलाज का कार्ड नहीं मिला है, जिसके घर नल से जल की सुविधा नहीं पहुंची है। आप सूची बनाइए, लिस्ट बनाइए, नाम पता। और मेरी तरफ से उनको कह देना हम भी मोदी हैं, मोदी ने हमको मोदी कहा है। और हम मोदी की तरफ से आपको गारंटी देते हैं कि आपको मिलेगा। और मैं आपको गारंटी देता हूं, मेरे लिए आप ही मोदी हैं और आप जिसको भी सही गारंटी देंगे। वो गारंटी ये मोदी पूरी करेगा। अच्छा आप एक काम करेंगे? जरा हाथ ऊपर करके सबके सब बताइए मेरा काम करेंगे। भाजपा-NDA के इन सभी उम्मीदवारों को भारी बुहमत से विजयी बनाना है। पुराने रिकॉर्ड तोड़ने हैं। और मुझे विश्वास है, जो उत्साह मैं देख रहा हूं। परिणाम मुझे साफ दिख रहा है, दोस्तों, मैं आपको वादा करता हूं। मैं चुनाव नतीजे के बाद फिर से झारखंड आऊंगा, और झारखंड में बीजेपी-एनडीए की सरकार का शपथ समारोह होगा और मैं उसमें मौजूद रहूंगा। और मैं आप सबको भी निमंत्रण दे देता हूं, आप सब भी जरूर आना। आज इतनी बड़ी तादाद में आप आए। एक बार फिर आप सभी को जोहार!

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय !
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नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री का संबोधन का मूल पाठ
December 19, 2025
It is India’s privilege and a matter of pride that the WHO Global Centre for Traditional Medicine has been established in Jamnagar: PM
Yoga has guided humanity across the world towards a life of health, balance, and harmony: PM
भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया; बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है और दुनिया भर के लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है: प्रधानमंत्री
दिल्ली में डब्ल्यूएचओ के साउथ-ईस्ट एशिया रिजनल ऑफिस का उद्घाटन एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा: प्रधानमंत्री
Ayurveda teaches that balance is the very essence of health, only when the body sustains this equilibrium can one be considered truly healthy: PM
‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे: प्रधानमंत्री
The growing ease of resources and facilities without physical exertion is giving rise to unexpected challenges for human health: PM
Traditional healthcare must look beyond immediate needs, it is our collective responsibility to prepare for the future as well: PM

WHO के डायरेक्टर जनरल हमारे तुलसी भाई, डॉक्टर टेड्रोस़, केंद्रीय स्वास्थ्य में मेरे साथी मंत्री जे.पी. नड्डा जी, आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव जी, इस आयोजन से जुड़े अन्य देशों के सभी मंत्रीगण, विभिन्न देशों के राजदूत, सभी सम्मानित प्रतिनिधि, Traditional Medicine क्षेत्र में काम करने वाले सभी महानुभाव, देवियों और सज्जनों !

आज दूसरी WHO Global Summit on Traditional Medicine का समापन दिन है। पिछले तीन दिनों में यहां पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ने गंभीर और सार्थक चर्चा की है। मुझे खुशी है कि भारत इसके लिए एक मजबूत प्लेटफार्म का काम कर रहा है। और इसमें WHO की भी सक्रिय भूमिका रही है। मैं इस सफल आयोजन के लिए WHO का, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का और यहां उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

ये हमारा सौभाग्य है और भारत के लिए गौरव की बात है कि WHO Global Centre for Traditional Medicine भारत के जामनगर में स्थापित हुआ है। 2022 में Traditional Medicine की पहली समिट में विश्व ने बड़े भरोसे के साथ हमें ये दायित्व सौंपा था। हम सभी के लिए खुशी की बात है कि इस ग्लोबल सेंटर का यश और प्रभाव locally से लेकर के globally expand कर रहा है। इस समिट की सफलता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस समिट में Traditional knowledge और modern practices का कॉन्फ्लूएंस हो रहा है। यहां कई नए initiatives भी शुरू हुए हैं, जो medical science और holistic health के future को transform कर सकते हैं। समिट में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों के बीच विस्तार से संवाद भी हुआ है। इस संवाद ने ज्वाइंट रिसर्च को बढ़ावा देने, नियमों को सरल बनाने और ट्रेनिंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए नए रास्ते खोले हैं। ये सहयोग आगे चलकर Traditional Medicine को अधिक सुरक्षित, अधिक भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साथियों,

इस समिट में कई अहम विषयों पर सहमति बनना हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतिबिंब है। रिसर्च को मजबूत करना, Traditional Medicine के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, ऐसे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना जिन पर पूरी दुनिया भरोसा कर सके। ऐसे मुद्दे Traditional Medicine को बहुत सशक्त करेंगे। यहां आयोजित Expo में डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, AI आधारित टूल्स, रिसर्च इनोवेशन, और आधुनिक वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर, इन सबके जरिए हमें ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी का एक नया collaboration भी देखने को मिला है। जब ये साथ आती हैं, तो ग्लोबल हेल्थ को अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता और बढ़ जाती है। इसलिए, इस समिट की सफलता ग्लोबल दृष्टि से बहुत ही अहम है।

साथियों,

पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का एक अहम हिस्सा योग भी है। योग ने पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और सामंजस्य का रास्ता दिखाया है। भारत के प्रयासों और 175 से ज्यादा देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया था। बीते वर्षों में हमने योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचते देखा है। मैं योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हर व्यक्ति की सराहना करता हूं। आज ऐसे कुछ चुनींदा महानुभावों को पीएम पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों ने एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया है। ये सभी विजेता योग के प्रति समर्पण, अनुशासन और आजीवन प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर किसी के लिए प्रेरणा है। मैं सभी सम्मानित विजेताओं को हार्दिक बधाई देता हूं, अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि इस समिट के आउटकम को स्थायी रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया हैं। Traditional Medicine Global Library के रूप में एक ऐसा ग्लोबल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है, जो ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिक डेटा और पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को एक जगह सुरक्षित करेगा। इससे उपयोगी जानकारी हर देश तक समान रूप से पहुंचने का रास्ता आसान होगा। इस Library की घोषणा भारत की G20 Presidency के दौरान पहली WHO Global Summit में की गई थी। आज ये संकल्प साकार हो गया है।

साथियों,

यहां अलग-अलग देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ग्लोबल पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साझेदार के रूप में आपने Standards, safety, investment जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। इस संवाद से जो Delhi Declaration इसका रास्ता बना है, वो आने वाले वर्षों के लिए एक साझा रोडमैप की तरह काम करेगा। मैं इस joint effort के लिए विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों की सराहना करता हूं, उनके सहयोग के लिए मैं आभार जताता हूं।

साथियों,

आज दिल्ली में WHO के South-East Asia Regional Office का उद्घाटन भी किया गया है। ये भारत की तरफ से एक विनम्र उपहार है। ये एक ऐसा ग्लोबल हब है, जहां से रिसर्च, रेगुलेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

भारत दुनिया भर में partnerships of healing पर भी जोर दे रहा है। मैं आपके साथ दो महत्वपूर्ण सहयोग साझा करना चाहता हूं। पहला, हम बिमस्टेक देशों, यानी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे पड़ोसी देशों के लिए एक Centre of Excellence स्थापित कर रहे हैं। दूसरा, हमने जापान के साथ एक collaboration शुरू किया है। ये विज्ञान, पारंपरिक पद्धितियों और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास है।

साथियों,

इस बार इस समिट की थीम है- ‘Restoring Balance: The Science and Practice of Health and Well-being’, Restoring Balance, ये holistic health का फाउंडेशनल थॉट रहा है। आप सब एक्स्पर्ट्स अच्छी तरह जानते हैं, आयुर्वेद में बैलेन्स, अर्थात् संतुलन को स्वास्थ्य का पर्याय कहा गया है। जिसके शरीर में ये बैलेन्स बना रहता है, वही स्वस्थ है, वही हेल्दी है। आजकल हम देख रहे हैं, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, डिप्रेशन से लेकर कैंसर तक अधिकांश बीमारियों के background में lifestyle और imbalances एक प्रमुख कारण नजर आ रहा है। Work-life imbalance, Diet imbalance, Sleep imbalance, Gut Microbiome Imbalance, Calorie imbalance, Emotional Imbalance, आज कितने ही global health challenges, इन्हीं imbalances से पैदा हो रहे हैं। स्टडीज़ भी यही प्रूव कर रही हैं, डेटा भी यही बता रहा है कि आप सब हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहीं बेहतर इन बातों को समझते हैं। लेकिन, मैं इस बात पर जरूर ज़ोर दूँगा कि ‘Restoring Balance, आज ये केवल एक ग्लोबल कॉज़ ही नहीं है, बल्कि, ये एक ग्लोबल अर्जेंसी भी है। इसे एड्रैस करने के लिए हमें और तेज गति से कदम उठाने होंगे।

साथियों,

21वीं सदी के इस कालखंड में जीवन के संतुलन को बनाए रखने की चुनौती और भी बड़ी होने वाली है। टेक्नोलॉजी के नए युग की दस्तक AI और Robotics के रूप में ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे बड़ा बदलाव आने वाले वर्षों में जिंदगी जीने के हमारे तरीके, अभूतपूर्व तरीके से बदलने वाले हैं। इसलिए हमें ये भी ध्यान रखना होगा, जीवनशैली में अचानक से आ रहे इतने बड़े बदलाव शारीरिक श्रम के बिना संसाधनों और सुविधाओं की सहूलियत, इससे human bodies के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पैदा होने जा रही हैं। इसलिए, traditional healthcare में हमें केवल वर्तमान की जरूरतों पर ही फोकस नहीं करना है। हमारी साझा responsibility आने वाले future को लेकर के भी है।

साथियों,

जब पारंपरिक चिकित्सा की बात होती है, तो एक सवाल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। ये सवाल सुरक्षा और प्रमाण से जुड़ा है। भारत आज इस दिशा में भी लगातार काम कर रहा है। यहां इस समिट में आप सभी ने अश्वगंधा का उदाहरण देखा है। सदियों से इसका उपयोग हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में होता रहा है। COVID-19 के दौरान इसकी ग्लोबल डिमांड तेजी से बढ़ी और कई देशों में इसका उपयोग होने लगा। भारत अपनी रिसर्च और evidence-based validation के माध्यम से अश्वगंधा को प्रमाणिक रूप से आगे बढ़ा रहा है। इस समिट के दौरान भी अश्वगंधा पर एक विशेष ग्लोबल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें international experts ने इसकी सुरक्षा, गुणवत्ता और उपयोग पर गहराई से चर्चा की। भारत ऐसी time-tested herbs को global public health का हिस्सा बनाने के लिए पूरी तरह कमिटेड होकर काम कर रहा है।

साथियों,

ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर एक धारणा थी कि इसकी भूमिका केवल वेलनेस या जीवन-शैली तक सीमित है। लेकिन आज ये धारणा तेजी से बदल रही है। क्रिटिकल सिचुएशन में भी ट्रेडिशनल मेडिसिन प्रभावी भूमिका निभा सकती है। इसी सोच के साथ भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय और WHO-Traditional Medicine Center ने नई पहल की है। दोनों ने, भारत में integrative cancer care को मजबूत करने के लिए एक joint effort किया है। इसके तहत पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक कैंसर उपचार के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। इस पहल से evidence-based guidelines तैयार करने में भी मदद मिलेगी। भारत में कई अहम संस्थान स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे ही गंभीर विषयों पर क्लिनिकल स्टडीज़ कर रहे हैं। इनमें अनीमिया, आर्थराइटिस और डायबिटीज़ जैसे विषय भी शामिल हैं। भारत में कई सारे स्टार्ट-अप्स भी इस क्षेत्र में आगे आए हैं। प्राचीन परंपरा के साथ युवाशक्ति जुड़ रही है। इन सभी प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन एक नई ऊंचाई की तरफ बढ़ती दिख रही है।

साथियों,

आज पारंपरिक चिकित्सा एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है। दुनिया की बड़ी आबादी लंबे समय से इसका सहयोग लेती आई है। लेकिन फिर भी पारंपरिक चिकित्सा को वो स्थान नहीं मिल पाया था, जितना उसमें सामर्थ्य है। इसलिए, हमें विज्ञान के माध्यम से भरोसा जीतना होगा। हमें इसकी पहुंच को और व्यापक बनाना होगा। ये जिम्मेदारी किसी एक देश की नहीं है, ये हम सबका साझा दायित्व है। पिछले तीन दिनों में इस समिट में जो सहभागिता, जो संवाद और जो प्रतिबद्धता देखने को मिली है, उससे ये विश्वास गहरा हुआ है कि दुनिया इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। आइए, हम संकल्प लें कि पारंपरिक चिकित्सा को विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी के साथ मिलकर के आगे बढ़ाएंगे। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।