शहरीकरण को एक चुनौती के रूप में नहीं, बल्कि देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाने के अवसर के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए : प्रधानमंत्री
2014 में जब हमारी सरकार बनी, उस समय सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी। आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है : प्रधानमंत्री
आज तमाम व्यवस्थाओं को एकीकृत करके देश की ताकत को बढ़ाया जा रहा है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत को मजबूत किया जा रहा है : प्रधानमंत्री
मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया से लागत कम होती है और विदेशी मुद्रा बचती है : प्रधानमंत्री
विभिन्न प्रकार के मेट्रो- RRTS, MetoLite, MetroNeo और Water Metro पर कार्य किया जा रहा है: प्रधानमंत्री

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री हरदीप सिंह पुरी जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी, DMRC के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री मंगू सिंह जी, देश में चल रही मेट्रो परियोजनाओं के वरिष्ठ पदाधिकारी गण, और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

मुझे आज से लगभग तीन साल पहले मैजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था। आज फिर, इसी रूट पर देश की पहली पूरी तरह से Automated Metro, जिसको हम बोलचाल की भाषा में 'ड्राइवरलेस मेट्रो' भी कहते हैं, इसका उद्घाटन करने का अवसर मिला। ये दिखाता है कि भारत कितनी तेज़ी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है। आज National Common Mobility Card, इससे भी दिल्ली मेट्रो जुड़ रही है। पिछले साल अहमदाबाद से इसकी शुरुआत हुई थी। आज इसका विस्तार दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन में हो रहा है। आज का ये आयोजन Urban development को urban ready और future ready करने का प्रयास है।

साथियों,

भविष्य की जरूरतों के लिए देश को आज तैयार करना, आज काम करना, ये गवर्नेंस का अहम दायित्व है। लेकिन कुछ दशक पहले जब शहरीकरण- urbanization का असर और urbanization का भविष्य, दोनों ही बिल्कुल साफ था, उस समय एक अलग ही रवैया देश ने देखा। भविष्य की जरुरतों को लेकर उतना ध्यान नहीं था, आधे-अधूरे मन से काम होता था, भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। उस समय तेजी से शहरीकरण हो रहा है, लेकिन इसके After Effects से निपटने के लिए हमारे शहरों को उतनी तेजी से तैयार नहीं किया गया। परिणाम ये हुआ कि देश के बहुत से हिस्सों में शहरी Infrastructure की मांग और पूर्ति में बहुत ज्यादा अंतर आ गया।

साथियों,

इस सोच से अलग, आधुनिक सोच ये कहती है शहरीकरण को चुनौती ना मानकर एक अवसर की तरह इस्तेमाल किया जाए। एक ऐसा अवसर जिसमें हम देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। एक ऐसा अवसर जिससे हम Ease of Living बढ़ा सकते हैं। सोच का ये अंतर शहरीकरण के हर आयाम में दिखता है। देश में मेट्रो रेल का निर्माण भी इसका एक उदाहरण है। दिल्ली में ही मेट्रो की चर्चा बरसों तक चली। लेकिन पहली मेट्रो चली अटल जी के प्रयासों से। यहां जो मेट्रो सर्विस के इतने experts इस कार्यक्रम में जुड़े हैं। वो भी इसे भली-भांति जानते हैं कि मेट्रो निर्माण की क्या स्थिति थी।

साथियों,

साल 2014 में जब हमारी सरकार बनी, उस समय सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी। आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है। वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं। साल 2014 में देश में सिर्फ 248 किलोमीटर मेट्रो लाइन्स आपरेशनल थीं। आज ये करीब तीन गुनी यानी सात सौ किलोमीटर से ज्यादा है। वर्ष 2025 तक हम इसका विस्तार 1700 किलोमीटर तक करने का प्रयास कर रहे हैं। साल 2014 में मेट्रो पर सवारी करने वालों की संख्या 17 लाख प्रतिदिन थी। अब ये संख्या पांच गुना बढ़ गयी है। अब 85 लाख लोग हर दिन मेट्रो से सवारी करते हैं। याद रखिए ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं ये करोड़ों भारतीयों के जीवन में आ रही Ease of Living के प्रमाण हैं। ये सिर्फ ईंट पत्थर, कंक्रीट और लोहे से बने Infrastructure नहीं हैं बल्कि देश के नागरिकों, देश के मिडिल क्लास की आकांक्षा पूरा होने के साक्ष्य हैं।

साथियों,

आखिर ये परिवर्तन, ये बदलाव आया कैसे? ब्यूरोक्रेसी वही है, लोग वही हैं, फिर कैसे इतना तेज काम हुआ? इसकी वजह यही रही कि हमने शहरीकरण को चुनौती नहीं बल्कि अवसर के रुप देखा। हमारे देश में पहले कभी मेट्रो को लेकर कोई नीति ही नहीं थी। कोई नेता कहीं वायदा कर आता था, कोई सरकार किसी को संतुष्ट करने के लिए मेट्रो का ऐलान कर देती थी। हमारी सरकार ने इस helotism से बाहर आ करके मेट्रो के संबंध में पॉलिसी भी बनाई और उसे चौतरफा रणनीति के साथ लागू भी किया। हमने जोर दिया स्थानीय मांग के हिसाब से काम करने पर, हमने जोर दिया स्थानीय मानकों को बढ़ावा देने पर, हमने जोर दिया Make In India के ज्यादा से ज्यादा विस्तार पर, हमने जोर दिया आधुनिक technology के उपयोग पर।

साथियों,

आप में से अधिकांश लोग जानते हैं कि देश के अलग-अलग शहरों की अलग आवश्यकताएं, आकांक्षाएं और चुनौतियां अलग-अलग होती हैं। अगर हम एक ही फिक्स मॉडल बनाकर मेट्रो रेल का संचालन करते तो तेजी से विस्तार संभव ही नहीं था। हमने ध्यान दिया कि मेट्रो का विस्तार, ट्रांसपोर्ट के आधुनिक तौर-तरीकों का इस्तेमाल शहर के लोगों की जरुरतों और वहां की professional lifestyle के हिसाब से ही होना चाहिए। यही वजह है कि अलग-अलग शहरो में अलग अलग तरह की मेट्रो रेल पर काम हो रहा है। मैं आपको कुछ उदाहरण देता हूं- RRTS यानी रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम- दिल्ली मेरठ RRTS का शानदार मॉडल दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा।

मेट्रो लाइट- उन शहरों में जहां यात्री संख्या कम है वहां मेट्रो लाइट वर्जन पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। मेट्रो नियो - जिन शहरों में सवारियां और भी कम है वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। इसी तरह है वॉटर मेट्रो- ये भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है। जिन शहरों में बड़ी वाटर बॉडीज हैं वहां के लिए अब वॉटर मेट्रो पर काम किया जा रहा है। इससे शहरों को बेहतर कनेक्टिविटी के साथ ही, उनके पास मौजूद द्वीपों के लोगों को Last Mile connectivity का लाभ मिल सकेगा। कोच्चि में यह काम तेजी से चल रहा है। और

साथियों,

हमें ये भी ध्यान रखना है कि मेट्रो आज सिर्फ सुविधा संपन्न पब्लिक ट्रांसपोर्ट का माध्यम भर नहीं है। ये प्रदूषण कम करने का भी बहुत बड़ा ज़रिया है। मेट्रो नेटवर्क के कारण सड़क से हज़ारों वाहन कम हुए हैं, जो प्रदूषण का और जाम का कारण बनते थे।

साथियों,

मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए, मेक इन इंडिया भी उतना ही महत्वपूर्ण है। Make In India से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है, और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से जहां भारतीय Manufacturers को फायदा हुआ है वहीं हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गयी है।

साथियों,

आज चार बड़ी कंपनियां देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं। दर्जनों कंपनिया Metro Components के निर्माण में जुटी हैं। इससे Make in India के साथ ही, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मदद मिल रही है।

साथियों,

आधुनिक से आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल ये समय की मांग है। अभी मुझे बिना ड्राइवर के चलनी वाले मेट्रो रेल का उद्घाटन करने का अवसर मिला है। आज इस उपलब्धि के साथ ही हमारा देश दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जहां इस तरह की सुविधा है। हम ऐसे ब्रेकिंग सिस्टम का भी प्रयोग कर रहे हैं जिनमें ब्रेक लगाने पर 50 प्रतिशत उर्जा वापस ग्रिड में चली जाती है। आज मेट्रो रेल में 130 मेगावाट सोलर पावर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 600 मेगावाट तक ले जाया जाएगा। Artificial Intelligence से लैस प्लैटफॉर्म्स और स्क्रीनिंग दरवाजे, इन आधुनिक तकनीकों पर भी काम तेजी से चल रहा है।

साथियों,

आधुनिकीकरण के लिए एक ही तरह के मानक और सुविधाएं उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय स्तर पर Common Mobility Card इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। कॉमन मोबिलिटी कार्ड का लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट है। आप जहां कहीं से भी यात्रा करें, आप जिस भी public transport से यात्रा करें, ये एक कार्ड आपको integrated access देगा। यानी, एक कार्ड ही हर जगह के लिए पर्याप्त है। ये हर जगह चलेगा।

साथियों,

मेट्रो में सफर करने वाले जानते हैं, किस तरह अक्सर सिर्फ एक टोकन लेने के लिए कितनी कितनी देर लाइन में लगे रहना होता था। दफ्तर या कॉलेज पहुँचने में देर हो रही है, और ऊपर से टिकट की परेशानी। मेट्रो से उतर भी गए तो बस का टिकट! आज जब हर किसी के पास समय की कमी है तो रास्तों में समय नहीं गंवाया जा सकता। एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ऐसी दिक्कतें अब देश के लोगों के सामने रुकावट न बनें, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।

साथियों,

देश के सामर्थ्य और संसाधनों का देश के विकास में सही इस्तेमाल हो, ये हम सभी की जिम्मेदारी है। आज तमाम व्यवस्थाओं को एकीकृत करके देश की ताकत को बढ़ाया जा रहा है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत को मजबूत किया जा रहा है। वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की तरह ही बीते वर्षों में हमारी सरकार ने देश की व्यवस्थाओं का एकीकरण करने के लिए अनेक काम किए हैं। One Nation, One Fast tag से देशभर के highway पर travel seamless हुआ है। अनावश्यक रोकटोक रुकी है। जाम से मुक्ति मिली है, देश का समय और देरी से होने वाला नुकसान कम हुआ है। वन नेशन, वन टैक्स यानि GST से देशभर में टैक्स का जाम समाप्त हुआ है, डायरेक्‍ट टैक्स से जुड़ी व्यवस्था एक जैसी हुई है। One Nation, One Power Grid से देश के हर हिस्से में पर्याप्त और निरंतर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।

बिजली का नुकसान कम हुआ है। वन नेशन, वन गैस ग्रिड, इससे समंदर से दूर देश के उन हिस्सों की Seamless Gas Connectivity सुनिश्चित हो रही है, जहां गैस आधारित जीवन और अर्थव्यवस्था पहले सपना हुआ करता था। वन नेशन, वन हेल्थ एश्योरेंस स्कीम यानि आयुष्मान भारत से देश के करोड़ों लोग एक राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कहीं भी इसका लाभ ले रहे हैं। One Nation, One Ration Card, इससे भी एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले नागरिकों को नया राशनकार्ड बनाने के चक्करों से मुक्ति मिली है। एक राशनकार्ड से पूरे देश में कहीं भी सस्ते राशन की सुविधा संभव हो पाई है। इसी तरह नए कृषि सुधारों और e-NAM जैसी व्यवस्थाओं से One Nation, One Agriculture Market की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है।

साथियों,

देश का हर छोटा-बड़ा शहर, 21वीं सदी के भारत की अर्थव्यवस्था का बड़ा सेंटर होने वाला है। हमारी दिल्ली तो देश की राजधानी भी है। आज जब 21वीं सदी का भारत दुनिया में नई पहचान बना रहा है, तो हमारी राजधानी में वो भव्यता रिफ्लेक्ट होनी चाहिए। इतना पुराना शहर होने की वजह से इसमें चुनौतियां ज़रूर हैं लेकिन इन चुनौतियों के साथ ही हमें इसको आधुनिकता की नई पहचान देनी है। इसलिए आज दिल्ली को आधुनिक स्वरूप देने के लिए अनेकों प्रयास किए जा रहे हैं। दिल्ली में electric mobility को बढ़ाने के लिए सरकार ने इनकी खरीद पर टैक्स में भी छूट दी है।

दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों का नियमितिकरण हो या फिर झुग्गियों में रहने वाले परिवारों को बेहतर आवास देने के प्रयास। दिल्ली की पुरानी सरकारी इमारतों को आज की ज़रूरत के अनुसार Environmental Friendly बनाया जा रहा है। जो पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर है उसको आधुनिक टेक्नॉलॉजी आधारित Infrastructure से बदला जा रहा है।

साथियों,

दिल्ली में पुराने टूरिज्ट डेस्टिनेशंस के अलावा 21वीं सदी के नए आकर्षण भी हों, इसके लिए काम जारी है। दिल्ली, इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस, International Exhibition, इंटरनेशनल बिजनेस टूरिज्म का अहम सेंटर होने वाला है। इसके लिए द्वारका में देश का सबसे बड़ा सेंटर बन रहा है। इसी तरह एक ओर जहां नई संसद भवन के निर्माण का काम शुरू हुआ है, वहीं एक बहुत बड़े भारत वंदना पार्क को भी तैयार किया जा रहा है। ऐसे हर काम से दिल्ली वालों के लिए हज़ारों रोज़गार भी बन रहे हैं और शहर की तस्वीर भी बदल रही है।

दिल्ली 130 करोड़ से अधिक आबादी की, दुनिया की बड़ी आर्थिक और सामरिक ताकत की राजधानी है, उसी भव्यता के दर्शन यहां होने चाहिए। मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर काम करते हुए, दिल्ली का नागरिकों का जीवन और बेहतर बनाएंगे, दिल्ली को और आधुनिक बनाएंगे।

एक बार फिर नई सुविधाओं के लिए मैं देश को भी और दिल्लीवासियों को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

धन्यवाद !

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिले सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान और वैश्विक पुरस्कारों की सूची
December 18, 2025

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सभी सम्मान पीएम मोदी के नेतृत्व और दूरदृष्टि का प्रतिबिंब हैं जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शाता है।

आइए, एक नजर डालते हैं पिछले 7 वर्षों में पीएम मोदी को दिए गए पुरस्कारों पर।

विभिन्न देशों द्वारा प्रदान किए जाने वाले पुरस्कार:

1.अप्रैल 2016 में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- 'किंग अब्दुलअजीज सैश' से सम्मानित किया गया था। किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से पीएम मोदी को सम्मानित किया।

2. उसी वर्ष, प्रधानमंत्री मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

3. वर्ष 2018 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिलिस्तीन की ऐतिहासिक यात्रा की, तो उन्हें 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को दिया जाने वाला फिलिस्तीन का सर्वोच्च सम्मान है।

4. प्रधानमंत्री मोदी को 2019 में 'ऑर्डर ऑफ जायद' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह संयुक्त अरब अमीरात का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

5. रूस ने 2019 में प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने यह सम्मान जुलाई 2024 में अपनी मॉस्को यात्रा के दौरान प्राप्त किया।

6. 2019 में मालदीव ने विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को दिया जाने वाला अपना सर्वोच्च सम्मान 'निशान इज्जुद्दीन' से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्मानित किया।

7. पीएम मोदी को 2019 में 'द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां' अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान बहरीन द्वारा प्रदान किया गया था।

8. 2020 में पीएम मोदी को यूनाइटेड स्टेट आर्म्ड फोर्सेस अवार्ड 'लीजन ऑफ मेरिट' से सम्मानित किया गया, जो उत्कृष्ट सेवाओं और उपलब्धियों के प्रदर्शन में असाधारण मेधावी आचरण के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा दिया जाता है।

9. भूटान ने दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री मोदी को, सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया। पीएम मोदी ने मार्च 2024 में, भूटान यात्रा के दौरान यह पुरस्कार ग्रहण किया।

10. 2023 में पापुआ न्यू गिनी की यात्रा के दौरान पीएम मोदी को पलाऊ गणराज्य के राष्ट्रपति सुरंगेल एस व्हिप्स जूनियर द्वारा एबाक्ल अवॉर्ड (Ebakl Award) से सम्मानित किया गया।

11. पीएम नरेन्द्र मोदी को उनके वैश्विक नेतृत्व के लिए फिजी के सर्वोच्च सम्मान, कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका द्वारा प्रदान किया गया।

12. पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर-जनरल सर बॉब डाडे ने पीएम मोदी को ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू से सम्मानित किया। यह पापुआ न्यू गिनी का सर्वोच्च सम्मान है।

13. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने जून 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिस्र के सर्वोच्च राजकीय सम्मान 'ऑर्डर ऑफ नाइल' से सम्मानित किया।

 14. 13 जुलाई 2023 को पीएम मोदी को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।

 15. 25 अगस्त 2023 को ग्रीस की राष्ट्रपति कतेरीना सकेलारोपोलू ने पीएम मोदी को 'द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया।

16. डोमिनिका ने पीएम मोदी को ‘डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। यह सम्मान पीएम मोदी को नवंबर 2024 में उनकी गुयाना यात्रा के दौरान डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन द्वारा प्रदान किया गया।

17. नाइजीरिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नवंबर 2024 में उनकी यात्रा के दौरान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर' से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू द्वारा प्रदान किया गया।

18. गुयाना ने पीएम मोदी को नवंबर 2024 में उनकी यात्रा के दौरान 'ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस' से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली ने प्रदान किया।

19. बारबाडोस की पीएम मिया अमोर मोटली ने नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री की गुयाना यात्रा के दौरान पीएम मोदी को ‘ऑनररी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस अवॉर्ड’ से सम्मानित करने के अपने सरकार के निर्णय की घोषणा की।

20. दिसंबर 2024 में, पीएम मोदी को कुवैत के महामहिम अमीर, शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा द्वारा ‘मुबारक अल-कबीर ऑर्डर’ से सम्मानित किया गया।

21. मार्च 2025 में पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति धरमबीर गोकुल ने पीएम मोदी को मॉरीशस के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' से सम्मानित किया।

22. अप्रैल 2025 में पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को श्रीलंका के सर्वोच्च सम्मान 'श्रीलंका मित्र विभूषण' अवार्ड से सम्मानित किया।

23) पीएम मोदी को जून 2025 में उनकी साइप्रस यात्रा के दौरान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस द्वारा प्रदान किया गया।

24) पीएम मोदी को जुलाई 2025 के दौरे पर ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया।

25) पीएम मोदी को जुलाई 2025 में अपनी यात्रा के दौरान ‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया।

26) पीएम मोदी को जुलाई 2025 में ब्राजील दौरे पर, ‘द ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति लूला ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया।

27) पीएम मोदी को जुलाई 2025 में उनकी नामीबिया यात्रा के दौरान ‘The Order of the Most Ancient Welwitschia Mirabilis’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान पीएम मोदी को प्रेसिडेंट Dr. Netumbo Nandi-Ndaitwah ने प्रदान किया।

28) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इथियोपिया के सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ से सम्मानित किया गया। यह इथियोपिया का सबसे बड़ा सम्मान है। दिसंबर 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान यह सम्मान उन्हें इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली द्वारा प्रदान किया गया।

29) दिसंबर 2025 में मस्कट की अपनी यात्रा के दौरान, पीएम नरेन्द्र मोदी को ओमान के सुल्तान ने ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ का प्रथम श्रेणी सम्मान प्रदान किया।

सर्वोच्च नागरिक सम्मानों के अलावा, पीएम मोदी को दुनिया भर के प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

1. सियोल शांति पुरस्कार : यह सियोल पीस प्राइज कल्चरल फाउंडेशन द्वारा उन व्यक्तियों को द्विवार्षिक रूप से सम्मानित किया जाता है जिन्होंने मानव जाति के सदभाव, राष्ट्रों के बीच सुलह और विश्व शांति में योगदान के माध्यम से अपनी पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री मोदी को 2018 में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

2. संयुक्त राष्ट्र चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड : यह संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान है। 2018 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक मंच पर साहसिक पर्यावरण नेतृत्व के लिए पीएम मोदी सम्मानित किया।

3. 2019 में प्रथम फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल अवार्ड से प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष किसी राष्ट्र के नेता को दिया जाता है। पुरस्कार के प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि पीएम मोदी को उनके "राष्ट्र के लिए उत्कृष्ट नेतृत्व" के लिए चुना गया।

4. पीएम मोदी को स्वच्छ भारत अभियान के लिए 2019 में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा 'ग्लोबल गोलकीपर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने यह पुरस्कार उन भारतीयों को समर्पित किया जिन्होंने स्वच्छ भारत अभियान को 'जन-आंदोलन' में बदल दिया और अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।

5. 2021 में कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स CERA द्वारा ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप अवार्ड पीएम मोदी को दिया गया था। यह पुरस्कार वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण के भविष्य के प्रति नेतृत्व की प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।