भारत पहली बार शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी कर रहा है; भारत इस प्रतियोगिता में अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भी उतार रहा है
'शतरंज का सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट पहली बार शतरंज के जन्मस्थान भारत में हो रहा है'
'44वां शतरंज ओलंपियाड कई चीजों के पहली बार होने और रेकॉर्ड्स वाला टूर्नामेंट है'
'तमिलनाडु भारत के लिए शतरंज का पावरहाउस है'
'तमिलनाडु तेज दिमाग के लोगों, जीवंत संस्कृति और दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल का घर है'
'भारत में खेलों के लिए वर्तमान से बेहतर समय कभी नहीं रहा'
'भारत की खेल संस्कृति मजबूत हो रही है और इसके लिए युवाओं की ऊर्जा और उन्हें मिल रहे अनुकूल माहौल को श्रेय जाता है'
'खेलों में कोई हारता नहीं है। इसमें विजेता होते हैं और भावी विजेता होते हैं'

शुभ संध्या चेन्नई! वनक्कम! नमस्ते!

तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर एन रवि जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम के स्टालिन जी, मंत्री और गणमान्य व्यक्ति, एफआईडीई अध्यक्ष श्री अर्कडी ड्वोरकोविच जी, इस टूर्नामेंट में भाग लेने वाले सभी शतरंज खिलाड़ी और टीमें, दुनिया भर के शतरंज प्रेमी, देवियों और सज्जनों; मैं भारत में आयोजित हो रहे 44वें शतरंज ओलंपियाड में आप सभी का स्वागत करता हूं। शतरंज का सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट भारत आ गया है, जो शतरंज का घर है। भारतीय इतिहास के एक विशेष समय में इस टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है। यह वह वर्ष है, जब हम औपनिवेशिक शासन से आजादी के 75 वर्ष मना रहे हैं। यह हमारा आजादी का अमृत महोत्सव है, हमारे देश के इतने महत्वपूर्ण समय पर आपका यहां होना सम्मान की बात है।

मित्रों,

मैं इस टूर्नामेंट के आयोजकों की सराहना करना चाहूँगा। उन्होंने बहुत ही कम समय में उत्कृष्ट व्यवस्था की है। हम भारत में 'अतिथि देवो भवः' में विश्वास करते हैं, जिसका अर्थ है, 'अतिथि भगवान की तरह होता है।‘ हजारों साल पहले, संत तिरुवल्लुवर ने कहा था: इरुन-दोम्बी इलवाड़-वदेल्लाम् विरून-दोम्बी वेड़ाणमई सेय्दर् पोरुट्टु| इसका अर्थ है, जीविकोपार्जन करने और गृह-स्वामी होने का सम्पूर्ण उद्देश्य सत्कार करना है। हम आपको सहज महसूस कराने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। हम आपको अपना सर्वश्रेष्ठ खेल शतरंज की बिसात पर लाने में मदद करेंगे।

मित्रों,

44वां शतरंज ओलंपियाड कई मायनों में पहला और रिकॉर्ड बनाने वाला टूर्नामेंट है। यह पहली बार है, जब शतरंज ओलंपियाड, शतरंज की उत्पत्ति के स्थान, भारत में आयोजित हो रहा है। यह तीन दशकों में पहली बार एशिया आया है। इस बार इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या सबसे अधिक है। इसमें भाग लेने वाली टीमों की अब तक की सबसे अधिक संख्या है। इसे महिला वर्ग में सबसे अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। शतरंज ओलंपियाड की पहली मशाल रिले इस बार शुरू हुई। यह शतरंज ओलंपियाड हमारी यादों में हमेशा रहेगा।

मित्रों,

चूंकि यह हमारी स्वतंत्रता का 75वां वर्ष है, शतरंज ओलंपियाड के मशाल रिले ने 75 प्रमुख स्थानों की यात्रा की। इसकी सत्ताईस हजार किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा ने युवाओं के मन को प्रज्वलित कर दिया है और उन्हें शतरंज के लिए प्रेरित किया है। यह भी गर्व की बात है कि भविष्य में हमेशा के लिए शतरंज ओलंपियाड के मशाल रिले की शुरुआत भारत से ही होगी। मैं प्रत्येक भारतीय की ओर से इस बात के लिए फिडे को धन्यवाद देता हूं।

मित्रों,

जिस स्थान पर यह शतरंज ओलंपियाड हो रहा है, वह सबसे उपयुक्त है। तमिलनाडु में सुंदर नक्काशी के साथ कई मंदिर हैं, जिनमें विभिन्न खेलों को दिखाया गया है। खेल को हमेशा से हमारी संस्कृति में दिव्य माना गया है। वास्तव में, तमिलनाडु में आपको चतुरंग वल्लभनाथर का मंदिर मिल जाएगा। तिरुपूवनूर के इस मंदिर में शतरंज से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी है। एक राजकुमारी के साथ भगवान ने भी शतरंज खेला! स्वाभाविक रूप से तमिलनाडु का शतरंज से गहरा ऐतिहासिक संबंध रहा है। यही कारण है कि यह राज्य भारत के लिए शतरंज का पावरहाउस है। इसने भारत के कई शतरंज ग्रैंडमास्टर तैयार किए हैं। यह बेहतरीन दिमाग, जीवंत संस्कृति और दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल का घर है। आशा है कि आपको चेन्नई, महाबलीपुरम और आसपास के क्षेत्रों को जानने का अवसर मिलेगा।

मित्रों,

खेल सुंदर होते हैं, क्योंकि इनमें एकजुट करने की अंतर्निहित शक्ति होती है। खेल, लोगों और समाज को करीब लाते हैं। खेल से टीम वर्क की भावना का विकास होता है। दो साल पहले दुनिया ने सदी की सबसे बड़ी महामारी का मुकाबला करना शुरू किया था। लम्बे समय तक जनजीवन रुक गया था। ऐसे समय में, विभिन्न खेल टूर्नामेंट ने ही दुनिया को एक साथ लाने के प्रयास किये थे। प्रत्येक टूर्नामेंट ने महत्वपूर्ण संदेश दिया - हम मजबूत होते हैं, जब हम एक साथ होते हैं। हम बेहतर होते हैं, जब हम एक साथ होते हैं। मैं यहाँ यही भावना देख रहा हूँ। कोविड के बाद की अवधि ने हमें शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर फिटनेस और तंदुरुस्ती के महत्व का एहसास कराया है। इसलिए जरूरी है कि खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जाए और खेल के लिए अवसंरचना तैयार करने में निवेश किया जाए।

मित्रों,

मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत में खेलों के लिए वर्तमान से बेहतर समय कभी नहीं रहा। भारत का ओलंपिक, पैरालंपिक और डेफलिंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। हमने उन खेलों में भी गौरव हासिल किया है, जहां हम पहले जीत दर्ज नहीं कर पाए थे। आज, खेल को अपनी पसंद के एक महान पेशे के रूप में देखा जाता है। दो महत्वपूर्ण घटकों - युवाओं की ऊर्जा और सक्षम वातावरण - के सही मिश्रण के कारण भारत की खेल संस्कृति मजबूत होती जा रही है। विशेष रूप से छोटे शहरों और गांवों से आने वाले हमारे प्रतिभाशाली युवा, हमारा गौरव बढ़ा रहे हैं। महिलाओं को भारत की खेल क्रांति की अगुवाई करते हुए देखना खुशी की बात है। प्रशासनिक व्यवस्था, प्रोत्साहन संरचनाओं और बुनियादी ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव किये गए हैं।

मित्रों,

अंतरराष्ट्रीय खेलों के लिए आज का दिन अच्छा है। हमारे यहां भारत में 44वां शतरंज ओलंपियाड शुरू हो रहा है। ब्रिटेन में आज से 22वें राष्ट्रमंडल खेल शुरू हो रहे हैं। दुनिया के विभिन्न हिस्सों के हजारों एथलीट अपने राष्ट्र को गौरवान्वित करने के इच्छुक हैं। मेरी ओर से उन्हें शुभकामनाएं!

मित्रों,

खेलों में कोई हारने वाला नहीं होता है। केवल विजेता और भविष्य के विजेता होते हैं। यहां एकत्रित सभी टीमों और खिलाड़ियों को 44वें शतरंज ओलंपियाड के लिए शुभकामनाएं। मुझे आशा है कि आपके पास भारत को लेकर महान यादें होंगी और आने वाले समय के लिए आप उन्हें संजो कर रखेंगे। भारत हमेशा खुले दिल से आपका स्वागत करेगा। शुभकामनाएं! मैं 44वें शतरंज ओलंपियाड के उद्घाटन की घोषणा करता हूँ! खेल शुरू किये जाएँ!

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प्रधानमंत्री ने भारतीय स्क्वैश टीम को विश्व कप जीत पर बधाई दी
December 15, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने एसडीएटी स्क्वैश विश्व कप 2025 में अपना पहला विश्व कप खिताब जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय स्क्वैश टीम को आज बधाई दी।

श्री मोदी ने जोशना चिनप्पा, अभय सिंह, वेलवन सेंथिल कुमार और अनाहत सिंह के उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि उनके समर्पण, अनुशासन और दृढ़ संकल्प ने देश को अपार गौरव दिलाया है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि वैश्विक मंच पर भारतीय खेलों की बढ़ती क्षमता को दर्शाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जीत देश भर के असंख्‍य युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी और भारत के युवाओं में स्क्वैश की लोकप्रियता को और बढ़ाएगी।

श्री मोदी ने ट्विटर पर अपनी एक पोस्ट में कहा:

“एसडीएटी स्क्वैश विश्व कप 2025 में इतिहास रचते हुए अपना पहला विश्व कप खिताब जीतने के लिए भारतीय स्क्वैश टीम को हार्दिक बधाई!

जोशना चिनप्पा, अभय सिंह, वेलवन सेंथिल कुमार और अनाहत सिंह ने जबरदस्त समर्पण और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है। उनकी सफलता ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। यह जीत हमारे युवाओं के बीच स्क्वैश की लोकप्रियता को भी बढ़ाएगी।

@joshnachinappa

@abhaysinghk98

@Anahat_Singh13”