आज का टैक्सपेयर पूरी टैक्स व्यवस्था में बहुत बड़े बदलाव और पारदर्शिता का साक्षी बन रहा है। जब उसे रिफंड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता है: प्रधानमंत्री
टैक्स टेररिज्म से टैक्स ट्रांसपेरेंसी का ये बदलाव इसलिए आया है क्योंकि हम रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म की अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं: पीएम मोदी
आज देश में 5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स जीरो है। इसका बहुत बड़ा लाभ निम्न-मध्यम वर्ग के हमारे नौजवानों को मिल रहा है : प्रधानमंत्री मोदी

जय जगन्नाथ !

ओडिशा के मुख्यमंत्री, हमारे वरिष्‍ठ साथी श्रीमान नवीन पटनायक जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी रविशंकर प्रसाद जी, ओडिशा की धरती के ही संतान और मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान धर्मेंद्र प्रधान जी, Income Tax Appellate Tribunal के प्रेसिडेंट Honourable जस्टिस पी. पी. भट्ट जी, ओडिशा के सांसदगण, विधायकगण, कार्यक्रम में उपस्थित अन्य सभी महानुभाव और साथियों,

भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद के साथ इनकम टैक्स अपेलैट ट्र‍िब्यूनल यानि ITAT की कटक बैंच आज अपने नए और आधुनिक परिसर में शिफ्ट हो रही है। इतने लंबे समय तक किराए की बिल्डिंग में काम करने के बाद, अपने घर में जाने की खुशी कितनी होती है, इसका अंदाजा आप सभी के प्रफुल्लित चेहरों को देखकर भी मुझे लगता है। खुशी के इस पल में आपके साथ जुड़ते हुए, मैं IT अपैलेट ट्र‍िब्यूनल के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। कटक की ये बैंच अब ओडिशा ही नहीं, बल्कि पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत के लाखों टैक्सपेयर्स को आधुनिक सुविधा देगी। नई सुविधाओं के बाद ये बैंच कोलकाता ज़ोन की दूसरी Benches की भी Pending Appeals का निपटारा करने में सक्षम हो पाएगी। इसलिए उन सभी करदाताओं को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं, जिनको इस आधुनिक परिसर से नई सुविधा मिलेगी, तेज़ी से सुनवाई का रास्ता खुलेगा।

साथियों,

आज का ये दिन एक और पुण्य आत्मा को भी स्मरण करने का है, जिनके प्रयासों के बिना IT अपैलेट ट्र‍िब्यूनल कटक बैंच का ये स्वरूप संभव नहीं था। ओडिशा के लिए, ओडिशा के लोगों की सेवा के लिए समर्पित रहे, बीजू पटनायक जी, बीजू बाबू को भी मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

साथियों,

इनकम टैक्स अपैलेट ट्र‍िब्यूनल का एक गौरवमयी इतिहास रहा है। मैं मौजूदा टीम को बधाई देता हूं, जो देशभर में अपना आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में जुटी है। मुझे बताया गया है कि कटक से पहले बेंगलुरु और जयपुर में पहले ही आपके अपने कॉम्प्लेक्स तैयार हो चुके हैं। वहीं दूसरे शहरों में भी नए कॉम्प्लेक्स बनाने या पुरानों को अपग्रेड करने का काम आप तेज़ी से कर रहे हैं।

साथियों,

आज हम टेक्नॉलॉजी के जिस दौर में पहुंच रहे हैं, वहां पूरे सिस्टम का अपग्रेडेशन बहुत ज़रूरी है। विशेषतौर पर हमारे न्यायतंत्र में आधुनिकता, टेक्नोलॉजी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल ने देश के नागरिकों को नई सहूलियत देना शुरू किया है। निष्पक्ष सुलभ सत्वर न्याय के जिस आदर्श को लेकर आप चले हैं, वो आधुनिक सुविधाओं और तकनीकी समाधानों से और सशक्त होगा। ये संतोष का विषय है कि IT अपैलेट ट्र‍िब्यूनल, देशभर की अपनी Benches को Virtual Hearing के लिए भी अपग्रेड कर रहा है और जैसा कि अभी श्रीमान पी. पी. भट्ट ने बताया इतनी बड़ी मात्रा में काम, ये कोरोना कालखण्‍ड में भी हुआ, virtual हुआ और रविशंकर जी तो पूरे देश का एक बड़ा ब्‍यौरा दे रहे हैं।

साथियों,

गुलामी के लंबे कालखंड ने Tax Payer और Tax Collector, दोनों के रिश्तों को शोषित और शोषक के रूप में ही विकसित किया। दुर्भाग्य से आज़ादी के बाद हमारी जो टैक्स व्यवस्था रही उसमें इस छवि को बदलने के लिए जो प्रयास होने चाहिए थे, वो उतने नहीं किए गए। जबकि भारत में पुरातन काल से ही टैक्स के महत्व और लेनदेन को लेकर बहुत स्वस्थ परंपराएं रही हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है-

बरसत हरसत सब लखें, करसत लखे न कोय
तुलसी प्रजा सुभाग से, भूप भानु सो होय’

तात्पर्य ये है कि जब बादल बरसते हैं, तो उसका लाभ हम सभी को दिखाई देता है। लेकिन जब बादल बनते हैं, सूर्य पानी को सोखता है, तो उससे किसी को तकलीफ नहीं होती। इसी तरह शासन को भी होना चाहिए। जब आम जन से वो टैक्स ले तो किसी को तकलीफ न हो, लेकिन जब देश का वही पैसा नागरिकों तक पहुंचे, तो लोगों को उसका इस्तेमाल अपने जीवन में महसूस होना चाहिए। बीते वर्षों में सरकार इस विजन को लेकर ही आगे बढ़ी है।

साथियों,

आज का टैक्सपेयर पूरी टैक्स व्यवस्था में बहुत बड़े बदलाव और पारदर्शिता का साक्षी बन रहा है। जब उसे Refund के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता, कुछ ही सप्ताह में उसे Refund मिल जाता है, तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है। जब वो देखता है कि विभाग ने खुद आगे बढ़कर बरसों पुराने विवाद को सुलझा दिया है, उसे विवाद से मुक्ति दिलाई है, तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है। जब उसे faceless appeal की सुविधा मिलती है, तब वो tax transparency को और ज्यादा महसूस करता है। जब वो ये देखता है कि income tax लगातार कम हो रहा है, तब उसे tax transparency ज्यादा अनुभव होती है। पहले की सरकारों के समय शिकायतें होती थीं Tax Terrorism, चारों तरफ यही शब्‍द सुनाई देता था Tax Terrorism। आज देश उसे पीछे छोड़कर Tax Transparency की तरफ बढ़ रहा है। Tax Terrorism से Tax transparency का ये बदलाव इसलिए आया है क्योंकि हम Reform, Perform और Transform की अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हम Reform कर रहे हैं rules में, procedures में और इसमें technology की भरपूर मदद ले रहे हैं। हम Perform कर रहे हैं साफ नीयत के साथ, स्पष्ट इरादों के साथ और साथ ही साथ हम Tax Administration के mindset को भी Transform कर रहे हैं।

साथियों,

आज देश में, 5 लाख रुपए तक की इनकम पर टैक्स ज़ीरो है। इसका बहुत बड़ा लाभ निम्न मध्यम वर्ग के हमारे आज के नौजवानों को मिल रहा है। इस वर्ष बजट में इनकम टैक्स का जो नया विकल्प दिया गया है वो और भी सरल है और टैक्सपेयर को अनावश्यक तनाव और खर्च से बचाता है। इसी तरह विकास की गति तेज़ करने के लिए, भारत को और ज्यादा Investment Friendly बनाने के लिए Corporate Tax में ऐतिहासिक कटौती की भी गई है। देश में ही लाखों युवाओं को रोज़गार देने वाली मौजूदा कंपनियों के लिए Corporate Tax घटाया गया है। देश मैन्युफेक्चरिंग में आत्मनिर्भर बने, इसके लिए नई घरेलू मैन्युफेक्चरिंग कंपनियों के लिए टैक्स रेट 15 प्रतिशत किया गया है। भारत के Equity Market में निवेश बढ़ाने के लिए Dividend Distribution Tax को भी खत्म किया गया है। GST से भी दर्जनों टैक्स का जो जाल था वो कम हुआ है और ज्यादातर सामान और सेवाएँ, उन सेवाओं में टैक्स की दर भी बहुत कम हुई है।

साथियों,

आज से 5-6 साल पहले ऐसी स्थिति थी कि अगर इनकम टैक्स कमिश्नर करदाता को अगर 3 लाख रुपए तक की रिलीफ देते थे, तो उसे ITAT में चैलेंज किया जाता था। इस लिमिट को हमारी सरकार ने 3 लाख से बढ़ाकर अब 50 लाख रुपए कर दिया है। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट में वही केस जाते हैं जहां कम से कम 2 करोड़ रुपए का टैक्स अपील का विषय हो। इन प्रयासों से Ease of Doing Business तो बढ़ा ही है, अनेक संस्थाओं पर विवादित केसों का बोझ भी कम हुआ है।

साथियों,

टैक्स में कमी और प्रक्रिया में सरलता के साथ-साथ जो सबसे बड़े सुधार किए गए हैं वो ईमानदार टैक्सपेयर की गरिमा से जुड़े हैं, उनको परेशानी से बचाने से जुड़े हैं। आज भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में है जहां टैक्सपेयर के अधिकारों और कर्तव्यों दोनों को Codify किया गया है, उनको कानूनी मान्यता दी गई है। टैक्सपेयर और टैक्स कलेक्ट करने वाले के बीच विश्वास बहाली के लिए, पारदर्शिता के लिए, ये बहुत बड़ा कदम रहा है। जो व्यक्ति अपना श्रम, अपना पसीना, देश के विकास में लगा रहा है, अनेक देशवासियों को रोज़गार दे रहा है, वो हमेशा सम्मान का अधिकारी है और मैंने पन्‍द्रह अगस्‍त को लाल किले से भी बड़े आग्रह और सम्‍मान के साथ इस बात का जिक्र किया था, देश के Wealth Creator की जब मुश्किलें कम होती हैं, उसे सुरक्षा मिलती है, तो उसका विश्वास देश की व्यवस्थाओं पर और ज्यादा बढ़ता है। इसी बढ़ते विश्वास का परिणाम है कि अब ज्यादा से ज्यादा साथी देश के विकास के लिए टैक्स व्यवस्था से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं। सरकार किस तरह टैक्सपेयर्स पर भरोसा करके चल रही है, इसका एक और उदाहरण मैं आज आपको देना चाहता हूं।

साथियों,

पहले व्यवस्था ऐसी थी कि देश में जितने भी लोग या कारोबारी, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते थे, उनमें से अधिकांश को आयकर विभाग की स्क्रूटनी का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब सरकार की सोच ये है कि जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हो रहा है, उस पर पहले पूरी तरह विश्वास करो। इसी का नतीजा है कि आज देश में जो रिटर्न फाइल होते हैं, उनमें से 99.75 प्रतिशत बिना किसी आपत्ति के स्वीकार कर लिए जाते हैं। सिर्फ 0.25 प्रतिशत मामलों में ही स्क्रूटनी कराई जा रही है। ये बहुत बड़ा बदलाव है जो देश के टैक्स सिस्टम में आया है।

साथियों,

देश में हो रहे टैक्स Reform के लक्ष्यों को प्राप्त करने में आप जैसे ट्र‍िब्यूनल की भूमिका बहुत अहम है। आपको भी जिस प्रकार से आपने virtual समय का उपयोग करते हुए चिज़ों को आगे बढ़ाया है, मुझे विश्‍वास है जिस प्रकार से हम faceless system की तरफ जा रहे हैं, आप भी उस पर साचेंगे कि, Faceless assessment और appeal की तरह ही IT अपैलेट ट्र‍िब्यूनल भी क्‍या हम faceless की दिशा में कदम रख सकते हैं क्‍या? Physical Hearing के बजाय, क्या e-Hearing को प्राथमिकता दी जा सकती है? कोरोना काल में दी गई है, आगे बढ़ाई जा सकती है।

साथियों,

कोरोना के इस काल में हम सभी का अनुभव है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्‍यम से भी सारे काम उतने ही पारदर्शी और प्रभावी तरीके से हो पा रहे हैं। आज जब आप देशभर की Benches में आधुनिक सुविधाओं से युक्त परिसरों को निर्माण कर रहे हैं, तो ये रिफॉर्म्स आपके लिए मुश्किल नहीं हैं। इससे टैक्सपेयर का समय, धन और ऊर्जा बचेगी। विवादों का निपटारा भी तेज़ी से हो पाएगा।

साथियों,

विद्वानजन कह गए हैं कि- न्यायमूलं सुराज्यं स्यात्, संघमूलं महाबलम् ॥

न्याय सुराज्य का मूल होता है और संगठन महाशक्ति की जड़ है। इसलिए न्याय और संगठन की शक्ति को आत्मनिर्भर भारत की ऊर्जा बनाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। भारत में एक के बाद एक हो रहे Reforms, श्रंखला चल रही है रिफॉम्‍स के, इसके पीछे भी यही प्रेरणा है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम सभी के संगठित प्रयासों से हमारे सभी प्रयास सफल होंगे। IT अपैलेट ट्र‍िब्यूनल से जुड़े सभी साथियों को, सभी ओडिशा वासियों को फिर से इस आधुनिक परिसर के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। आप सभी को दीपावली सहित आने वाले सभी त्योहारों की मंगलकामनाएं और एक बात जरूर मैं कहूँगा कि कोरोना के काल में हमें कोरोना को light नहीं लेना है। एहतियात बरतने की जो छोटी-छोटी बाते हैं मास्‍क पहनना, distance बनाए रखना, साबुन से हाथ धोना, मैं ओडिशा वासियों से इस बात का जरूर आग्रह करूंगा और ओडिशा कला-संस्‍कृति की एक बड़ी तपोभूमि है, तपस्‍या भूमि है।

आज मंत्र गूंज रहा है वोकल फॉर लोकल, हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में, हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने की चीज़ जिस पर मेरे देशवासियों का पसीना है, जिसमें मेरे देशवासियों के नौजवानों की talent है, हम उन्‍हीं चीज़ों का आग्रह रखें, लोकल खरीदने का आग्रह रखें। हिन्‍दुस्‍तान के मिट्टी से, हिन्‍दुस्‍तान के पसीने से तर-बतर चीज़ों को खरीदने का आग्रह रखें, ये बात मैं भगवान जगन्‍नाथ जी की धरती से ओडिशा को भी कहना चाहूँगा, देशवासियों को भी कहना चाहूँगा वोकल फॉर लोकल। लोकल पर दीवाली और सिर्फ दीवाली नहीं, हम तो चाहेंगे 365 दिन दीवाली मने और 365 दिन हम लोकल ही लेते चलें। देखिए देश की अर्थव्‍यवस्‍था तेज गति से बढ़ना शुरू हो जाएगी। हमारे महनतकश लोगों के पसीनों में वो ताकत है कि देश को नई ऊँचाईयों पर ले जाए और इसी विश्‍वास के साथ आज के इस शुभ अवसर पर मेरी तरफ से आप सबको अनेक-अनेक शुभकामनाएँ, मंगलकामनाएँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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December 18, 2025

नमस्ते!
अहलन व सहलन !!!

ये युवा जोश आपकी एनर्जी यहां का पूरा atmosphere चार्ज हो गया है। मैं उन सब भाई बहनों को भी नमस्कार करता हूँ, जो जगह की कमी के कारण, इस हॉल में नहीं हैं, और पास के हॉल में स्क्रीन पर यह प्रोग्राम लाइव देख रहें हैं। अब आप कल्पना कर सकते हैं, कि यहाँ तक आएं और अंदर तक नहीं आ पाएं तोह उनके दिल में क्या होता होगा।

साथियों,

मैं मेरे सामने एक मिनी इंडिया देख रहा हूं, मुझे लगता है यहां बहुत सारे मलयाली भी हैं।

सुखम आणो ?

औऱ सिर्फ मलयालम नहीं, यहां तमिल, तेलुगू, कन्नड़ा और गुजराती बोलने वाले बहुत सारे लोग भी हैं।

नलमा?
बागुन्नारा?
चेन्ना-गिद्दिरा?
केम छो?

साथियों,

आज हम एक फैमिली की तरह इकट्ठा हुए हैं। आज हम अपने देश को, अपनी टीम इंडिया को सेलिब्रेट कर रहे हैं।

साथियों,

भारत में हमारी diversity, हमारी संस्कृति का मजबूत आधार है। हमारे लिए हर दिन एक नया रंग लेकर आता है। हर मौसम एक नया उत्सव बन जाता है। हर परंपरा एक नई सोच के साथ आती है।

और यही कारण है कि हम भारतीय कहीं भी जाएं, कहीं भी रहें, हम diversity का सम्मान करते हैं। हम वहां के कल्चर, वहां के नियम-कायदों के साथ घुलमिल जाते हैं। ओमान में भी मैं आज यही होते हुए अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं।

यह भारत का डायस्पोरा co-existence का, co-operation का, एक लिविंग Example बना हुआ है।

साथियों,

भारत की इसी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक और अद्भुत सम्मान हाल ही में मिला है। आपको शायद पता होगा, यूनेस्को ने दिवाली को Intangible Cultural Heritage of Humanity में शामिल किया है।

अब दिवाली का दिया हमारे घर को ही नहीं, पूरी दुनिया को रोशन करेगा। यह दुनिया भर में बसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। दिवाली की यह वैश्विक पहचान हमारी उस रोशनी की मान्यता है, जो आशा, सद्भाव, और मानवता के संदेश को, उस प्रकाश को फैलाती है।

साथियों,

आज हम सब यहां भारत-ओमान "मैत्री पर्व” भी मना रहे हैं।

मैत्री यानि:
M से maritime heritage
A से Aspirations
I से Innovation
T से Trust and technology
R से Respect
I से Inclusive growth

यानि ये "मैत्री पर्व,” हम दोनों देशों की दोस्ती, हमारी शेयर्ड हिस्ट्री, और prosperous future का उत्सव हैं। भारत और ओमान के बीच शताब्दियों से एक आत्मीय और जीवंत नाता रहा है।

Indian Ocean की Monsoon Winds ने दोनों देशों के बीच ट्रेड को दिशा दी है। हमारे पूर्वज लोथल, मांडवी, और तामरालिप्ति जैसे पोर्ट्स से लकड़ी की नाव लेकर मस्कट, सूर, और सलालाह तक आते थे।

और साथियों,

मुझे खुशी है कि मांडवी टू मस्कट के इन ऐतिहासिक संबंधों को हमारी एंबेसी ने एक किताब में भी समेटा है। मैं चाहूंगा कि यहां रहने वाला हर साथी, हर नौजवान इसको पढ़े, और अपने ओमानी दोस्तों को भी ये गिफ्ट करे।

अब आपको लगेगा की स्कूल में भी मास्टरजी होमवर्क देते हैं, और इधर मोदीजी ने भी होमवर्क दे दिया।

साथियों,

ये किताब बताती है कि भारत और ओमान सिर्फ Geography से नहीं, बल्कि Generations से जुड़े हुए हैं। और आप सभी सैकड़ों वर्षों के इन संबंधों के सबसे बड़े Custodians हैं।

साथियों,

मुझे भारत को जानिए क्विज़ में ओमान के participation बारे में भी पता चला है। ओमान से Ten thousand से अधिक लोगों ने इस क्विज में participate किया। ओमान, ग्लोबली फोर्थ पोज़िशन पर रहा है।

लेकिन में तालियां नहीं बजाऊंगा। ओमान तो नंबर एक पे होना चाहिए। मैं चाहूँगा कि ओमान की भागीदारी और अधिक बढ़े, ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग जुड़ें। भारतीय बच्चे तो इसमें भाग ज़रूर लें। आप ओमान के अपने दोस्तों को भी इस क्विज़ का हिस्सा बनने के लिए मोटिवेट करें।

साथियों,

भारत और ओमान के बीच जो रिश्ता ट्रेड से शुरू हुआ था, आज उसको education सशक्त कर रही है। मुझे बताया गया है कि यहां के भारतीय स्कूलों में करीब फोर्टी सिक्स थाउज़ेंड स्टूड़ेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें ओमान में रहने वाले अन्य समुदायों के भी हज़ारों बच्चे शामिल हैं।

ओमान में भारतीय शिक्षा के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये हम दोनों देशों के संबंधों का एक बहुत बड़ा पड़ाव है।

साथियों,

भारतीय स्कूलों की ये सफलता His Majesty the Late सुल्तान क़ाबूस के प्रयासों के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने Indian School मस्कत सहित अनेक भारतीय स्कूलों के लिए ज़मीन दी हर ज़रूरी मदद की।

इस परंपरा को His Majesty सुल्तान हैथम ने आगे बढ़ाया।

वे जिस प्रकार यहां भारतीयों का सहयोग करते हैं, संरक्षण देते हैं, इसके लिए मैं उनका विशेष तौर पर आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

आप सभी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से भी परिचित हैं। यहां ओमान से काफी सारे बच्चे भी इस प्रोग्राम से जुड़ते हैं। मुझे यकीन है, कि यह चर्चा आपके काम आती होगी, पैरेंट्स हों या स्टूडेंट्स, सभी को stress-free तरीके से exam देने में हमारी बातचीत बहुत मदद करती है।

साथियों,

ओमान में रहने वाले भारतीय अक्सर भारत आते-जाते रहते हैं। आप भारत की हर घटना से अपडेट रहते हैं। आप सभी देख रहे हैं कि आज हमारा भारत कैसे प्रगति की नई गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की गति हमारे इरादों में दिख रही है, हमारी परफॉर्मेंस में नज़र आती है।

कुछ दिन पहले ही इकॉनॉमिक ग्रोथ के आंकड़े आए हैं, और आपको पता होगा, भारत की ग्रोथ 8 परसेंट से अधिक रही है। यानि भारत, लगातार दुनिया की Fastest growing major economy बना हुआ है। ये तब हुआ है, जब पूरी दुनिया चुनौतियों से घिरी हुई है। दुनिया की बड़ी-बड़ी economies, कुछ ही परसेंट ग्रोथ अचीव करने के लिए तरस गई हैं। लेकिन भारत लगातार हाई ग्रोथ के पथ पर चल रहा है। ये दिखाता है कि भारत का सामर्थ्य आज क्या है।

साथियों,

भारत आज हर सेक्टर में हर मोर्चे पर अभूतपूर्व गति के साथ काम कर रहा है। मैं आज आपको बीते 11 साल के आंकड़े देता हूं। आपको भी सुनकर गर्व होगा।

यहां क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स आए हैं, तो शुरुआत मैं शिक्षा और कौशल के सेक्टर से ही बात करुंगा। बीते 11 साल में भारत में हज़ारों नए कॉलेज बनाए गए हैं।

I.I.T’s की संख्या सोलह से बढ़कर तेईस हो चुकी है। 11 वर्ष पहले भारत में 13 IIM थे, आज 21 हैं। इसी तरह AIIMs की बात करुं तो 2014 से पहले सिर्फ 7 एम्स ही बने थे। आज भारत में 22 एम्स हैं।

मेडिकल कॉलेज 400 से भी कम थे, आज भारत में करीब 800 मेडिकल कॉलेज हैं।

साथियों,

आज हम विकसित भारत के लिए अपने एजुकेशन और स्किल इकोसिस्टम को तैयार कर रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। इस पॉलिसी के मॉडल के रूप में चौदह हज़ार से अधिक पीएम श्री स्कूल भी खोले जा रहे हैं।

साथियों,

जब स्कूल बढ़ते हैं, कॉलेज बढ़ते हैं, यूनिवर्सिटीज़ बढ़ती हैं तो सिर्फ़ इमारतें नहीं बनतीं देश का भविष्य मज़बूत होता है।

साथियों,

भारत के विकास की स्पीड और स्केल शिक्षा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी दिखती है। बीते 11 वर्षों में हमारी Solar Energy Installed Capacity 30 गुना बढ़ी है, Solar module manufacturing 10 गुना बढ़ी है, यानि भारत आज ग्रीन ग्रोथ की तरफ तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है।

आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा फिनटेक इकोसिस्टम है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Steel Producer है। दूसरा सबसे बड़ा Mobile Manufacturer है।

साथियों,

आज जो भी भारत आता है तो हमारे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर हैरान रह जाता है। ये इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि बीते 11 वर्षों में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर पांच गुना अधिक निवेश किया है।

Airports की संख्या double हो गई है। आज हर रोज, पहले की तुलना में डबल स्पीड से हाइवे बन रहे हैं, तेज़ गति से रेल लाइन बिछ रही हैं, रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है।

साथियों,

ये आंकड़े सिर्फ उपलब्धियों के ही नहीं हैं। ये विकसित भारत के संकल्प तक पहुंचने वाली सीढ़ियां हैं। 21वीं सदी का भारत बड़े फैसले लेता है। तेज़ी से निर्णय लेता है, बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ता है, और एक तय टाइमलाइन पर रिजल्ट लाकर ही दम लेता है।

साथियों,

मैं आपको गर्व की एक और बात बताता हूं। आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा digital public infrastructure बना रहा है।

भारत का UPI यानि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, दुनिया का सबसे बड़ा रियल टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। आपको ये बताने के लिए कि इस पेमेंट सिस्टम का स्केल क्या है, मैं एक छोटा सा Example देता हूं।

मुझे यहाँ आ कर के करीब 30 मिनट्स हुए हैं। इन 30 मिनट में भारत में यूपीआई से फोर्टीन मिलियन रियल टाइम डिजिटल पेमेंट्स हुए हैं। इन ट्रांजैक्शन्स की टोटल वैल्यू, ट्वेंटी बिलियन रुपीज़ से ज्यादा है। भारत में बड़े से बड़े शोरूम से लेकर एक छोटे से वेंडर तक सब इस पेमेंट सिस्टम से जुड़े हुए हैं।

साथियों,

यहां इतने सारे स्टूडेंट्स हैं। मैं आपको एक और दिलचस्प उदाहरण दूंगा। भारत ने डिजीलॉकर की आधुनिक व्यवस्था बनाई है। भारत में बोर्ड के एग्ज़ाम होते हैं, तो मार्कशीट सीधे बच्चों के डिजीलॉकर अकाउंट में आती है। जन्म से लेकर बुढ़ापे तक, जो भी डॉक्युमेंट सरकार जेनरेट करती है, वो डिजीलॉकर में रखा जा सकता है। ऐसे बहुत सारे डिजिटल सिस्टम आज भारत में ease of living सुनिश्चित कर रहे हैं।

साथियों,

भारत के चंद्रयान का कमाल भी आप सभी ने देखा है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जो मून के साउथ पोल तक पहुंचा है, सिर्फ इतना ही नहीं, हमने एक बार में 104 सैटेलाइट्स को एक साथ लॉन्च करने का कीर्तिमान भी बनाया है।

अब भारत अपने गगनयान से पहला ह्युमेन स्पेस मिशन भी भेजने जा रहा है। और वो समय भी दूर नहीं जब अंतरिक्ष में भारत का अपना खुद का स्पेस स्टेशन भी होगा।

साथियों,

भारत का स्पेस प्रोग्राम सिर्फ अपने तक सीमित नहीं है, हम ओमान की स्पेस एस्पिरेशन्स को भी सपोर्ट कर रहे हैं। 6-7 साल पहले हमने space cooperation को लेकर एक समझौता किया था। मुझे बताते हुए खुशी है कि, ISRO ने India–Oman Space Portal विकसित किया है। अब हमारा प्रयास है कि ओमान के युवाओं को भी इस स्पेस पार्टनरशिप का लाभ मिले।

मैं यहां बैठे स्टूडेंट्स को एक और जानकारी दूंगा। इसरो, "YUVIKA” नाम से एक स्पेशल प्रोग्राम चलाता है। इसमें भारत के हज़ारों स्टूडेंट्स space science से जुड़े हैं। अब हमारा प्रयास है कि इस प्रोग्राम में ओमानी स्टूडेंट्स को भी मौका मिले।

मैं चाहूंगा कि ओमान के कुछ स्टूडेंट्स, बैंगलुरु में ISRO के सेंटर में आएं, वहां कुछ समय गुज़ारें। ये ओमान के युवाओं की स्पेस एस्पिरेशन्स को नई बुलंदी देने की बेहतरीन शुरुआत हो सकती है।

साथियों,

आज भारत, अपनी समस्याओं के सोल्यूशन्स तो खोज ही रहा है ये सॉल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन कैसे बेहतर बना सकते हैं इस पर भी काम कर रहा है।

software development से लेकर payroll management तक, data analysis से लेकर customer support तक अनेक global brands भारत के टैलेंट की ताकत से आगे बढ़ रहे हैं।

दशकों से भारत IT और IT-enabled services का global powerhouse रहा है। अब हम manufacturing को IT की ताक़त के साथ जोड़ रहे हैं। और इसके पीछे की सोच वसुधैव कुटुंबकम से ही प्रेरित है। यानि Make in India, Make for the World.

साथियों,

वैक्सीन्स हों या जेनरिक medicines, दुनिया हमें फार्मेसी of the World कहती है। यानि भारत के affordable और क्वालिटी हेल्थकेयर सोल्यूशन्स दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन बचा रहे हैं।

कोविड के दौरान भारत ने करीब 30 करोड़ vaccines दुनिया को भेजी थीं। मुझे संतोष है कि करीब, one hundred thousand मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन्स ओमान के लोगों के काम आ सकीं।

और साथियों,

याद कीजिए, ये काम भारत ने तब किया, जब हर कोई अपने बारे में सोच रहा था। तब हम दुनिया की चिंता करते थे। भारत ने अपने 140 करोड़ नागरिकों को भी रिकॉर्ड टाइम में वैक्सीन्स लगाईं, और दुनिया की ज़रूरतें भी पूरी कीं।

ये भारत का मॉडल है, ऐसा मॉडल, जो twenty first century की दुनिया को नई उम्मीद देता है। इसलिए आज जब भारत मेड इन इंडिया Chips बना रहा है, AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर मिशन मोड पर काम कर रहा है, तब दुनिया के अन्य देशों में भी उम्मीद जगती है, कि भारत की सफलता से उन्हें भी सहयोग मिलेगा।

साथियों,

आप यहां ओमान में पढ़ाई कर रहे हैं, यहां काम कर रहे हैं। आने वाले समय में आप ओमान के विकास में, भारत के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। आप दुनिया को लीडरशिप देने वाली पीढ़ी हैं।

ओमान में रहने वाले भारतीयों को असुविधा न हो, इसके लिए यहां की सरकार हर संभव सहयोग दे रही है।

भारत सरकार भी आपकी सुविधा का पूरा ध्यान रख रही है। पूरे ओमान में 11 काउंसलर सर्विस सेंटर्स खोले हैं।

साथियों,

बीते दशक में जितने भी वैश्विक संकट आए हैं, उनमें हमारी सरकार ने तेज़ी से भारतीयों की मदद की है। दुनिया में जहां भी भारतीय रहते हैं, हमारी सरकार कदम-कदम पर उनके साथ है। इसके लिए Indian Community Welfare Fund, मदद पोर्टल, और प्रवासी भारतीय बीमा योजना जैसे प्रयास किए गए हैं।

साथियों,

भारत के लिए ये पूरा क्षेत्र बहुत ही स्पेशल है, और ओमान हमारे लिए और भी विशेष है। मुझे खुशी है कि भारत-ओमान का रिश्ता अब skill development, digital learning, student exchange और entrepreneurship तक पहुंच रहा है।

मुझे विश्वास है आपके बीच से ऐसे young innovators निकलेंगे जो आने वाले वर्षों में India–Oman relationship को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। अभी यहां भारतीय स्कूलों ने अपने 50 साल celebrate किए हैं। अब हमें अगले 50 साल के लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ना है। इसलिए मैं हर youth से कहना चाहूंगा :

Dream big.
Learn deeply.
Innovate boldly.

क्योंकि आपका future सिर्फ आपका नहीं है, बल्कि पूरी मानवता का भविष्य है।

आप सभी को एक बार फिर उज्जवल भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!
Thank you!