अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, ईज़ ऑफ लिविंग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है: प्रधानमंत्री मोदी
आज अंडमान को जो सुविधा मिली है, उसका बहुत बड़ा लाभ वहां जाने वाले टूरिस्टों को भी मिलेगा, बेहतर नेट कनेक्टिविटी आज किसी भी टूरिस्ट डेस्टिनेशन की सबसे पहली प्राथमिकता हो गई है: पीएम मोदी
आने वाले समय में अंडमान निकोबार, Port Led Development के हब के रूप में विकसित होने वाला है, अंडमान निकोबार दुनिया के कई Ports से बहुत Competitive Distance पर स्थित है: प्रधानमंत्री

भारत की आज़ादी की तपोस्थली, संकल्पस्थली, अंडमान-निकोबार की भूमि और वहां रहने वाले सभी लोगों को मेरा नमस्कार !!!

आज का दिन अंडमान-निकोबार के दर्जनों द्वीपों में बसे लाखों साथियों के लिए तो अहम है ही, पूरे देश के लिए भी महत्वपूर्ण है।

साथियों, नेता जी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए, करीब डेढ़ वर्ष पहले मुझे Submarine Optical Fibre Cable Connectivity परियोजना के शुभारंभ का अवसर मिला था। मुझे खुशी है कि अब इसका काम पूरा हुआ है और आज इसके लोकार्पण का भी सौभाग्य मुझे मिला है। चेन्नई से पोर्टब्लेयर, पोर्टब्लेयर से लिटिल अंडमान और पोर्टब्लेयर से स्वराज द्वीप तक, अंडमान निकोबार के एक बड़े हिस्से में ये सेवा आज से शुरु हो चुकी है।

मैं अंडमान-निकोबार के लोगों को इस सुविधा के लिए, अनंत अवसरों से भरी इस कनेक्टिविटी के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। स्वतंत्रता दिवस से से पहले ये अंडमान के लोगों के लिए एक प्रकार से 15 अगस्‍त के पूर्व इसी सप्‍ताह एक स्नेह भरे उपहार की तरह यह अवसर मैं देखता हूं।

साथियों, समंदर के भीतर करीब 2300 किलोमीटर तक केबल बिछाने का ये काम समय से पहले पूरा करना, अपने आप में बहुत प्रशंसनीय है। गहरे समंदर में सर्वे करना, केबल की क्वालिटी मेनटेन रखना, विशेष जहाजों के जरिये केबल को बिछाना इतना आसान भी नहीं है। ऊपर से ऊंची लहरों, तूफान और मॉनसून की रुकावट। जितना बड़ा ये प्रोजेक्ट था, उतनी ही विराट चुनौतियां थीं। ये भी एक वजह थी कि बरसों से इस सुविधा की जरूरत महसूस होते हुए भी इस पर काम नहीं हो पाया था। लेकिन मुझे खुशी है कि सारी रुकावटों को किनारे करके, इस काम को पूरा किया गया। यहां तक कि कोरोना जैसी आपदा, जिसने सब कुछ ठप कर दिया था, वो भी इस काम को पूरा होने से रोक नहीं पाई।

साथियों, देश के इतिहास, वर्तमान और भविष्य के लिए इतने महत्वपूर्ण स्थान को, वहां के परिश्रमी नागरिकों को आधुनिक टेलीकॉम कनेक्टिविटी देना देश का दायित्व था। एक बेहद समर्पित टीम के द्वारा, टीम भावना से आज एक पुराना सपना साकार हुआ है। मैं इस प्रोजेक्ट से जुड़े हर साथी को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं, नमन करता हूं।

साथियों, ऐसे चुनौतीपूर्ण काम तभी हो सकते हैं, जबपूरी क्षमता के साथ, पूरे कमिटमेंट के साथ काम किया जाता है। हमारा समर्पण रहा है कि देश के हर नागरिक, हर क्षेत्र की दिल्ली से और दिल से, दोनों दूरियों को पाटा जाए। हमारा समर्पण रहा है कि, देश के हर जन, हर क्षेत्र तक आधुनिक सुविधाएं पहुंचे, उनका जीवन आसान बने। हमारा समर्पण रहा है कि, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े बॉर्डर एरिया और समुद्री सीमा पर बसे क्षेत्रों का तेज़ी से विकास हो।

साथियों, अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, Ease of Living के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। अब अंडमान निकोबार के लोगों को भी मोबाइल कनेक्टिविटी और तेज़ इंटरनेट की वही सस्ती और अच्छी सुविधाएं मिल पाएंगी, जिसके लिए आज पूरी दुनिया में भारत अग्रणी है। अब अंडमान निकोबार के लोगों को, बहनों को, बच्चों को, युवाओं को, व्यापारियों-कारोबारियों को भी डिजिटल इंडिया के वो सभी लाभ मिल सकेंगे, जो बाकी देश के लोगों को मिल रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई हो, टूरिज्म से कमाई हो, बैंकिंग हो, शॉपिंग हो या दवाई हो, अब अंडमान निकोबार के हज़ारों परिवारों को भी ये ऑनलाइन मिल पाएंगी।

साथियों, आज अंडमान को जो सुविधा मिली है, उसका बहुत बड़ा लाभ वहां जाने वाले टूरिस्टों को भी मिलेगा। बेहतर नेट कनेक्टिविटी आज किसी भी टूरिस्ट डेस्टिनेशन की सबसे पहली प्राथमिकता हो गई है। पहले देश और दुनिया के टूरिस्टों को मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी का कम होना बहुत अखरता था। अपने परिवार से, अपने बिजनेस से एक प्रकार से उसका निरंतर संपर्क कट जाता था। अब ये कमी भी खत्म होने वाली है। अब इंटरनेट अच्छा मिलेगा, तो मुझे पूरा विश्वास है कि लोग और ज्यादा लंबे के लिए वहां आएंगे। जब लोग ज्यादा रुकेंगे, अंडमान निकोबार के समंदर का, वहां के खान-पान का, आनंद लेंगे तो इसका बहुत बड़ा प्रभाव रोजगार पर भी पड़ेगा, रोजगार के भी नए अवसर बनेंगे।

साथियों, अंडमान निकोबार भारत के Economic-Strategic Cooperation और Coordination का प्रमुख केंद्र है। हिंद महासागर हज़ारों वर्षों से भारत के व्यापारिक और सामरिक सामर्थ्य का सेंटर रहा है। अब जब भारत Indo-Pacific में व्यापार-कारोबार और सहयोग की नई नीति और रीति पर चल रहा है, तब अंडमान-निकोबार सहित हमारे तमाम द्वीपों का महत्व और अधिक बढ़ गया है। Act-east policy के तहत पूर्वी एशियाई देशों और समंदर से जुड़े दूसरे देशों के साथ भारत के मज़बूत होते रिश्तों में अंडमान निकोबार की भूमिका बहुत अधिक है और ये निरंतर बढ़ने वाली है। नए भारत में, अंडमान निकोबार द्वीप समूह की इसी भूमिका को मज़बूत करने के लिए, 3 साल पहले Island Development Agency का गठन किया गया था। आज आप देख रहे हैं, कि अंडमान निकोबार में जो प्रोजेक्ट बरसों-बरस पूरे नहीं होते थे, वो अब तेज़ी से कंप्लीट हो रहे हैं।

साथियों, अंडमान और निकोबार के 12 आइलैंड्स में High Impact Projects का विस्तार किया जा रहा है। मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी की एक बहुत बड़ी समस्या का समाधान तो आज हो चुका है। इसके अलावा रोड, एयर और वॉटर के ज़रिए फिजिकल कनेक्टिविटी को भी सशक्त किया जा रहा है। नॉर्थ और मिडिल अंडमान की रोड कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए 2 बड़े ब्रिज और NH-4 के चौड़ीकरण पर तेज़ी से काम हो रहा है। पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट में एक साथ 1200 यात्रियों को हैंडल करने की कैपेसिटी आने वाले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगी।

इसके अलावा दिग्लीपुर, Car Nicobar और Campbell-Bay में भी एयरपोर्ट, ऑपरेशन के लिए तैयार हो चुके हैं। स्वराज द्वीप, शहीद द्वीप और Long Island में Passenger Terminal, Floating Jetty जैसे Water Aerodrome Infrastructure भी आने वाले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएंगे। इसके बाद यहां उड़ान योजना के तहत Sea Plane की सेवा शुरु हो जाएगी। इससे एक आइलैंड से दूसरे आइलैंड की कनेक्टिविटी मज़बूत होगी और आने-जाने में आपका समय भी कम लगा करेगा।

साथियों, आइलैंड के बीच और बाकी देश से Water Connectivity की सुविधा को बढ़ाने के लिए कोची शिपयार्ड में जो 4 जहाज़ बनाए जा रहे हैं, उनकी डिलिवरी भी आने वाले कुछ महीनों में हो जाएगी। प्रयास ये है कि अगले एक साल में बड़े जहाजों को रिपेयर करने की सुविधा वहीं आइलैंड में ही विकसित हो। इससे आपका समय बचेगा, खर्च कम होगा और रोजगार के अवसर भी बनेंगे। इसका बहुत बड़ा लाभ फिशरीज सेक्टर को भी होगा।

साथियों, आने वाले समय में अंडमान निकोबार, Port Led Development के हब के रूप में विकसित होने वाला है। अंडमान निकोबार दुनिया के कई Ports से बहुत Competitive Distance पर स्थित है। आज पूरी दुनिया ये मान रही है जिस देश में Ports का नेटवर्क और उनकी कनेक्टिविटी बेहतर होगी, वही 21वीं सदी के ट्रेड को गति देगा। ऐसे में अंडमान-निकोबार में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्य, उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे।

साथियों, आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, Global Manufacturing Hub के रूप में, Global Supply और Value Chain के एक अहम प्लेयर के रूप में खुद को स्थापित करने में जुटा है, तब हमारे Waterways और हमारे Ports के नेटवर्क को सशक्त करना बहुत ज़रूरी है। बीते 6-7 सालों से Port Development और Port Led Development को लेकर जो काम हो रहा है, उससे देश को नई ताकत मिल रही है।

आज हम नदी जलमार्गों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर रहे हैं, जो समुद्र के बड़े पोर्ट्स को देश के Land Locked राज्यों से कनेक्ट कर रहा है। Port Infra के विकास में जो कानूनी अड़चनें थीं, उन्हें भी निरंतर दूर किया जा रहा है। सरकार का ध्यान, समंदर में Ease of Business को Promote करने और Maritime Logistics को सरल बनाने पर भी है। ऐसे दुनिया के सबसे बड़े सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म को तैयार करने पर भी काम चल रहा है।

साथियों, ऐसे ही अनेक प्रयासों के कारण अब देश के पोर्ट नेटवर्क की कैपेसिटी और कैपेबिलिटी, दोनों का विस्तार हो रहा है। 3 दशक के इंतज़ार के बाद West Coast में भारत के पहले डीप ड्राफ्ट ग्रीनफील्ड सी-पोर्ट को सैद्धांतिक मंज़ूरी दी जा चुकी है। इसी तरह, East Coast में deep draft inner harbour के निर्माण का काम भी तेज़ी से चल रहा है।

अब ग्रेट निकोबार में करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए की संभावित लागत से Trans Shipment Port के निर्माण का प्रस्ताव है। कोशिश ये है कि आने वाले 4-5 साल में इसके पहले फेज़ को पूरा कर लिया जाए। एक बार जब ये पोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां बड़े-बड़े जहाज़ भी रुक पाएंगे। इससे समुद्री व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी, हमारे युवाओं को नए मौके मिलेंगे।

साथियों, आज जितना भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर अंडमान निकोबार में तैयार हो रहा है, वो ब्लू इकॉनॉमी भी गति देगा। ब्लू इकॉनॉमी का एक अहम हिस्सा है Fisheries, Aquaculture और Sea Weed farming. Seaweed के फायदे को लेकर आज दुनिया में चर्चा हो रही है, कई देश इसकी संभावनाओं को Explore कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि, अंडमान निकोबार में इसकी संभावनाओं को तलाशने के लिए पोर्ट ब्लेयर में जो पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था, उसके नतीजे उत्साहित करने वाले हैं। अब इसकी खेती को आईलैंड्स में प्रमोट करने के लिए स्टडी शुरु हो चुकी है। अगर ये प्रयोग बड़े स्केल पर सफल होते हैं तो, इसको देश में अन्य जगहों पर भी विस्तार दिया जा सकता है। इससे विशेषतौर पर हमारे मछुआरे साथियों को बहुत बड़ा लाभ होगा। मुझे उम्मीद है, हमारे आज के प्रयास, इस दशक में अंडमान-निकोबार को, वहां के लोगों को, न सिर्फ नई सहूलियत देंगे बल्कि वर्ल्ड टूरिस्ट मैप में भी प्रमुख स्थान के तौर पर स्थापित करेंगे।

एक बार फिर, आप सभी अंडमान-निकोबारवासियों को मोबाइल फोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी की इस आधुनिक सुविधा के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं और अब जब कोरोना का समय है तो मैं विशेष रूप से आपके लिए प्रार्थना करूंगा कि आप स्‍वस्‍थ रहें, सुरक्षित रहें, आपका परिवार स्‍वस्‍थ रहें। कोरोना के इस समय में दो गज की दूरी का पालन हमेशा करते रहें, आगे भी बढ़ते रहें।

इसी कामना के साथ स्वतंत्रता की इस तपोभूमि को और 15 अगस्‍त के पूर्व आज मुझे आप सबसे नमन करने का मौका मिला है। मैं आप सबको भी 15 अगस्‍त के पूर्व, आज़ादी के पर्व के पूर्व इस बहुत बड़े अवसर के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं और उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की नई छलांग के लिए आपको आगे आने के लिए निमंत्रित करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।