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प्रधानमंत्री महामहिम, दातो श्री नजीब तुन रजाक जी,

मीडिया के सदस्‍यों,

प्रधानमंत्री आपकी गर्मजोशी और उदार आतिथ्‍य के लिए धन्‍यवाद। मैं आसिसान और पूर्वी एशिया शिखर सम्‍मेलनों (ईएएस) के बीच मेरे आतिथ्‍य सत्‍कार के लिए आपका हृदय से धन्‍यवाद करता हूं।

सम्‍मेलनों के उत्‍कृष्‍ट आयोजन और आसियान समुदाय के गठन के लिए मैं आपको बधाई देता हूं। ईएएस की दसवीं वर्षगांठ पर आपके द्वारा की गई इसकी समीक्षा से इस क्षेत्र के सबसे महत्‍वपूर्ण मंच के लिए बेहतरीन मार्ग प्रशस्‍त हुआ है।

एक के बाद एक दो हवाई दुर्घटनाओं से किसी भी राष्‍ट्र का मनोबल आहत हो सकता है। मैं आपके नेतृत्‍व और मलेशिया की जनता के संकल्‍प और हौंसले की सराहना करता हूं।

माननीय, प्रधानमंत्री मैं कहना चाहता हूं कि हम मलेशिया के साथ हमारे संबंधों को अति महत्‍व देते हैं और हम आभारी हैं कि आपके नेतृत्‍व में हमारे संबंधों में लगातार प्रगति हुई है।

हमारे आपस में जुड़े इतिहासों के कई आयाम हैं। हमारी संस्‍कृति और धर्म के बीच बहुत पुराने संबंध हैं। मलेशियाई-भारतीय समुदाय हमारे बीच एक विशेष और मजबूत रिश्‍ता बनाता है। मुझे, कल शाम को उनके साथ बातचीत का अवसर मिला।

हम विविधता और लोकतंत्र से परिभाषित किये गये हैं। हमने, दोनों देशों के बीच एक जीवंत आर्थिक साझेदारी तैयार की है। हम एक ही समुद्री मार्ग पर स्थित हैं। हमारे क्षेत्र के प्रति हमारी परिकल्‍पना और दृष्टिकोण आपस में काफी जुड़े हुए हैं और क्षेत्रीय मंचों पर हम एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।

इसलिए मुझे प्रसन्‍नता है कि समृद्ध संबंधों के साथ ही हम और अधिक शिखर सम्‍मेलन, मंत्रिमंडलीय बातचीत और आधिकारिक बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने पर राजी हैं।

मैं आपको आश्‍वासन देता हूं कि हमारे बीच की साझेदारी को उच्‍च स्‍तर पर ले जाने के लिए हम और अधिक उत्‍साह से कार्य करेंगे।

मैं विशेष रूप से हमारे सुरक्षा सहयोग के लिए आपका आभार व्‍यक्‍त करता हूं। इससे हमारी सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए साझा प्रतिबद्धता रेखांकित होती है। हम इस क्षेत्र में आपसी सहयोग को और प्रगाढ़ करना जारी रखेंगे।

हाल ही में विभिन्‍न देशों में हुये हमलों और यह कहना जरूरी नहीं कि भारत तथा अफगानिस्‍तान के खिलाफ लगातार आतंकी हमले इस खतरे की वैश्विक प्रकृति का स्‍मरण कराते हैं।

प्रधानमंत्री महोदय, आपने उग्रवाद और कट्टरता से निपटने में नेतृत्‍व प्रदान किया है और आतंकवाद तथा धर्म के बीच किसी भी प्रकार के संपर्क को नकार कर इस्‍लाम के वा‍स्‍तविक मूल्‍यों पर प्रकाश डाला है।

यह इस चुनौती के खिलाफ हमारे महत्‍वपूर्ण वैश्विक प्रयासों में एक महान योगदान है।

हम, हमारे क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और आपदा सहायता बढ़ाने सहित रक्षा सहयोग को और सुदृढ़ करेंगे।

मुझे, प्रसन्‍नता है कि हम संयुक्‍त अभ्‍यासों के उन्‍नयन और एसयू-30 मंच गठित करने के लिए सहमत हो गये हैं।

हम अभ्‍यासों की जटिलता और स्‍तर के तरीकों पर और अधिक कार्य करेंगे तथा प्रशिक्षण एवं रक्षा उपकरणों में सहयोग बढायेंगे।

हमारे बीच साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर सहमति अति महत्‍वपूर्ण है। हमारा जीवन अधिक से अधिक नेटवर्क से जुड़ गया है, इसे देखते हुए हमारे दौर में यह सबसे अधिक चिंता के रूप में उभरी है।

मैं प्रधानमंत्री के उस भरोसे को साझा करना चाहता हूं कि हमारे बीच व्‍यापार और निवेश के संबंध और अधिक बढ़ सकते हैं। हम हमारे द्विपक्षीय तथा भारत-आसियान समझौतों की पूरी संभावनाओं का दोहन करना चाहते हैं। हम क्षेत्रीय व्‍यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर शीघ्र फैसले के लिए तत्‍पर हैं।

बुनियादी ढांचा क्षेत्र में मलेशियाई क्षमता प्रसिद्ध हैं। मलेशिया ने भारत में सड़क क्षेत्र सहित कई महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा कर लिया है।

हम बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विस्‍तार और उन्‍नयन, मेक इन इंडिया और स्‍मार्ट सिटी परियोजनाओं जैसे क्षेत्रों में मलेशियाई भागीदारी बढाना चाहते हैं।

भारतीय कंपनियों की मलेशिया में मजबूत उपस्थिति है। इरकॉन यहां पर रेल बुनियादी ढांचा के विकास में योगदान दे रही है। हम मलेशियाई अर्थव्‍यवस्‍था में भारतीय उपस्थिति के स्‍तर को और बढ़ाना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री और मैं ठोस तथा जल्‍दी परिणाम हेतु उपाय तलाशने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज बाद में, मलेशियाई मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों के साथ मेरी बैठक भी है।

मुझे खुशी है कि हम लोक प्रशासन और शासन में हमारे उत्‍कृष्‍ट सहयोग और मजबूत कर रहे हैं। मैंने व्‍यक्तिगत रूप से पीईएमएएनडीयू के साथ चर्चा की है और मुझे खुशी है कि हमारा नीति आयोग उनके साथ कार्य करेगा।

हम सांस्‍कृतिक और लोगों का लोगों के साथ संबंधों पर विशेष बल देंगे।

जैसा कि आप जानते हैं प्रधानमंत्री नजीब और मैं ब्रिक्‍सफील्‍ड में लिटिल इंडिया के प्रवेश के लिए तोरण द्वार का उद्घाटन करेंगे। यह भारत की ओर से न केवल एक उपहार बल्कि प्रधानमंत्री नजीब के लिए उनके परिश्रम का स्‍नेह है। यह हमारे कालातीत संबंधों और हमारे लोगों के बीच मित्रता का प्रतीक होगा।

हम मलेशियाई छात्रों को भारत में अध्ययन के लिए आमंत्रित करते हैं और डिग्री देने के लिए आपसी मान्‍यता पर जल्‍द समझौते का आग्रह करते हैं।

मैं, हमारे बीच आयुर्वेद और सिद्धा सहित पारंपरिक औषधि के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट और बढ़ते सहयोग पर अति प्रसन्‍न हूं।

प्रधानमंत्री महोदय, अति सकारात्‍मक चर्चा के लिए आपका धन्‍यवाद। मुझे विश्‍वास है कि हमारी रणनीतिक साझेदारी नये स्‍तर पर पहुंचेगी। मैं जल्‍द ही आपकी भारत यात्रा के लिए उत्‍सुक हूं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Secretary of the Russian Security Council calls on Prime Minister Modi
March 29, 2023
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Secretary of the Security Council of the Russian Federation, H.E. Mr. Nikolai Patrushev, called on Prime Minister Shri Narendra Modi today.

They discussed issues of bilateral cooperation, as well as international issues of mutual interest.